Text of PM’s address at the first International Ramayana Mela

Published By : Admin | February 23, 2015 | 16:10 IST

उपस्थित सभी महानुभाव,

मैं विदेश विभाग को बधाई देता हूं कि उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रम की रचना की। वैश्विक संबंध अब सिर्फ एक ट्रैक पर नहीं होते हैं। वैश्विक संबंध में धीरे धीरे Soft Power मुख्य धारा बन गया है और Soft Power के द्वारा ही वैश्विक संबंधों को उर्जा मिलती है, ताकत मिलती है। भारत में भी अपने वैश्विक संबंधों को diplomatic जो चैनल हैं, उसके सिवाय, जो हमें विरासत में मिली हुई शक्ति है, उसका भी भरपूर उपयोग करना चाहिए। ये संबंध बहुत लंबे अर्से तक परिणामकारी होते हैं।

विश्व में जहां जहां भगवान बुद्ध की presence है, सामूहिक रूप से वे देश हमसे जुड़े रहें तो हमारी कितनी बड़ी ताकत बन सकती है। विश्व में जहां जहां राम और रामायण से संपर्क रहा है, जो लोग गर्व करते हैं, उसी एक तंतु के साथ जोड़ करके आज उसको अगर संबंधों को विकसित किया जाए, तो संबंध अपनेपन वाले बन जाते हैं। वे Diplomatic Relation से भी अधिक ताकतवर बन जाते हैं, एक next level उसका प्राप्त होता है। उस अर्थ में यह प्रयास वैश्विक संबंधों को और अधिक गहरे करने के लिए, वैश्विक संबंधों को और अधिक व्यापक करने के लिए और वैश्विक संबंधों में एक अपनेपन के commitment के element को जोड़ने के लिए बहुत ही उपकारक होंगे, ऐसा मैं मानता हूं। इसको हमें अलग अलग तरीके से बढ़ाना भी चाहिए। ये जो पहलू है, उसमें भारत की एक विशिष्ट शक्ति है, उसकी भी दुनिया को पहचान होती है, कि हमारे पास विश्व को देने के लिए क्या कुछ नहीं है।

जब रामायण सीरियल चलता था, हमें मालूम है, हमारे देश में कर्फ्यू जैसा माहौल हो जाता था। कोई कल्पना कर सकता है क्या! कि 20वीं सदी उतरार्ध में देश की युवा पीढ़ी को भी रामायण इतना आकर्षित कर सकती है..और सहस्रों वर्ष से न उसको समय की सीमा रही, न उसे भौगोलिक सीमा रही। दुनिया के कितने भूभाग में ये बात पहुंची और जहां पहुंची वहां अपनापन बना लिया। ..और वो समय था, जैसा सुषमा जी ने कहा संबंधों का रूप क्या हो..जब वो रामायण सीरियल चलता था तो घर में भी, परिवार में संबोधित करने की स्टाइल बदलने लगी थी। भाईश्री, तातश्री, मातृश्री, ऐसे ही बालक भी घर में बोलने लगे थे, मनोरंजन के लिए करते होंगे, लेकिन उसमें एक मेसेज था। एक नई, हमारे शास्त्रों की विरासत..संबधों और संबोधन की परंपरा क्या हो, लोग सीखने लगे थे। आज भी यहां की सांस्कृति विरासत कैसी है।

आज जब हम खबरें पढ़ते हैं, महिलाओं पर अत्याचार की, कितनी पीड़ा होती है, लेकिन रामायण का कालखंड ऐसा था कि एक नारी पर अत्याचार देखकर जटायु बलि चढ़ने के लिए तैयार हो गया। जटायु निशस्त्र था, लेकिन फिर भी, इतनी बड़ी शक्ति के साथ लड़ाई लड़ रहा था, एक नारी के सम्मान और गौरव के लिए। क्या जटायु हमारी प्रेरणा नहीं बन सकता है? अभय और निर्भय का संदेश जटायु से ज्यादा कौन दे सकता है? और इस अर्थ में कहें तो रामायण की बातें..जिन विषयों की उसमें चर्चा है, वो आज भी कितनी relevant है।

मैं देख रहा था, रामायण में कुछ बातें जो कही गई हैं..आज हम लोग infant mortality, स्वाइन फ्लू ये सब चर्चा करते हैं..माता मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर..रामराज्य की जो कल्पना की गई है तो रामायण में कहा गया है-

अपमृत्यु नहीं, कवनि ऊ पीरा। सब सुंदर, सब बिरूज सरीरा।।

मैं समझता हूं कि हेल्थ के लिए..इससे बड़ा हैल्थ सेक्टर के लिए कोई मेसेज नहीं हो सकता है। और कहा है- non dies prematurely, all were physically healthy and strong. अब से उस समय रामराज्य की कल्पना में हैल्थ सेक्टर के लिए कहा गया है।

सामाजिक संबंध कैसे होने चाहिएं। आज social harmony की चर्चा हो रही है। उस समय भी संदेश था –

सब नर करहि परस्पर प्रीति। चलहि स्वधर्म निरति श्रुतनीति।।

There is social harmony and environment of mutual trust and love among all; are fulfilling their Dharma, their responsibility.

आज जिन विषयों के साथ हम कभी कभार सोचते हैं कि भई हम कैसे रास्ते खोजें, रामराज्य की कल्पना में, रामायण की कल्पना में इन विषयों को बहुत अच्छे ढंग से कहा गया है.....नागरिक धर्म के लिए कहा गया है-

सब उदार सब परोउपकारी। विप्र चरण सेवक नर नारी।।

All are generous and giving, all men and women are in service of others.

मैं समझता हूं जिस रामराज्य की कल्पना में, जिस रामायण की चैपाईयों में आज भी हम हमारी समस्याओं के समाधान खोज सकते हैं। हमारे निजी जीवन और सार्वजनिक जीवन के माध्यम से, हम समाज में किस प्रकार से काम कर सकते हैं, इसका संदेश-

बैर न कर कहु सन कोई। राम प्रताप विसमता खोई।।

By the grace of Ram all disparity, differences melt down and non engage in enmity.

हर विषय पर हमें वहां संदेश मिलता है। मैं मानता हूं कि ये जो पांच दिवस का उत्सव यहां होने वाला है, विश्व के अलग अलग देशों में कालक्रम से अलग अलग वो परंपरा विकसित हुई है। मनोरंजन के साथ संस्कार की भी इसमें प्रक्रिया है। हमारी महान विरासत के लिए गर्व करने की भी प्रक्रिया है।

ये अच्छा है....मेरी एक सोच रही है कि विदेश विभाग, ये दिल्ली से जुड़ गया तो दुनिया जुड़ गई, ये सोच बदलनी होगी। ये देश बहुत बड़ा विशाल है। हिंदुस्तान हर एक राज्य का भी एक वैश्विक परिवेश व उसका एक स्थान होना चाहिए, पहचान होनी चाहिए। इस कार्यक्रम को कई नगरों में ले जाया जा रहा है। वो एक शुभ शुरूआत है। ये दुनिया हमारे देश के अलग अलग कोने को भी जाने। हमारी अलग अलग परंपराओं को भी जानें। हमारे अलग अलग जगहों पर रहने वाले लोग दिल्ली के बाहर भी दुनिया को जानने समझने का प्रयास करें। एक विशाल भारत का रूप विश्व के साथ जुड़ता रहे, उसका भी प्रयास है।

मैं फिर एक बार विदेश विभाग को और लोकेश जी को हृदय से बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं।

धन्यवाद।

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ଭାରତ ମାତା କି ଜୟ ।

ଭାରତ ମାତା କି ଜୟ ।

ଗୋବିନ୍ଦ ନଗରରେ ଗୋବିନ୍ଦ ଦେବ ଜୀଙ୍କୁ ମୋର କୋଟି-କୋଟି ପ୍ରଣାମ। ସମସ୍ତଙ୍କୁ  ମୋର ସମସ୍ତଙ୍କୁ ରାମ-ରାମ ଜଣାଉଛି !

ରାଜସ୍ଥାନର ରାଜ୍ୟପାଳ ଶ୍ରୀ ହରିଭାଉ ବାଗଡେ ଜୀ, ରାଜସ୍ଥାନର ଲୋକପ୍ରିୟ ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ଭଜନ ଲାଲ ଶର୍ମା ଜୀ, ମଧ୍ୟପ୍ରଦେଶରୁ ବିଶେଷ ଭାବେ ଏଠାକୁ ଆସିଥିବା ଆମର ପ୍ରିୟ ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ ମୋହନ ଯାଦବ ଜୀ, ଯିଏ କେନ୍ଦ୍ରର ମନ୍ତ୍ରିମଣ୍ଡଳରେ ମୋର ସହକର୍ମୀ ଶ୍ରୀମାନ ସିଂ। ଆର ପାଟିଲ ଜୀ, ଭାଗୀରଥ ଚୌଧୁରୀ ଜୀ, ରାଜସ୍ଥାନର ଉପମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ ଦିୟା କୁମାରୀ ଜୀ, ପ୍ରେମ ଚାନ୍ଦ ଭୈରବଜୀ, ଅନ୍ୟ ମନ୍ତ୍ରୀଗଣ, ସାଂସଦଗଣ, ରାଜସ୍ଥାନର ବିଧାୟକ, ଅନ୍ୟ ମାନ୍ୟଗଣ୍ୟ ବ୍ୟକ୍ତି ଏବଂ ରାଜସ୍ଥାନର ମୋର ପ୍ରିୟ ଭାଇ ଭଉଣୀମାନେ। ଏବଂ ଭର୍ଚୁଆଲ ମାଧ୍ୟମରେ ଆମ ସହିତ ଯୋଡି ହୋଇଥିବା ଆମର ରାଜସ୍ଥାନର ହଜାର ହଜାର ପଞ୍ଚାୟତରେ ଏକାଠି ହୋଇଥିବା ମୋର ସମସ୍ତ ଭାଇ ଭଉଣୀ ମାନେ ଆମ ସହିତ ଭର୍ଚୁଆଲ ଭାବରେ ଯୋଡ଼ି ହୋଇଛନ୍ତି।

ମୁଁ ରାଜସ୍ଥାନବାସୀ, ରାଜସ୍ଥାନର ବିଜେପି ସରକାରକୁ ଏକ ବର୍ଷ ପୂର୍ତ୍ତି ପାଇଁ ବହୁତ-ବହୁତ ଅଭିନନ୍ଦନ ଜଣାଉଛି । ଆଉ ଏହି ଏକ ବର୍ଷର ଯାତ୍ରା ପରେ, ଯେତେବେଳେ ଆପଣମାନେ ମୋତେ ଆଶୀର୍ବାଦ ଦେବା ପାଇଁ ଲକ୍ଷ ଲକ୍ଷ ସଂଖ୍ୟାରେ ଏଠାକୁ ଆସିଛନ୍ତି, ଏବଂ ମୁଁ ସେହି ପାର୍ଶ୍ୱକୁ ଦେଖୁଥିଲି ଯେତେବେଳେ ମୁଁ ଏକ ଖୋଲା ଜିପ୍ ରେ ଆସୁଥିଲି, ବୋଧହୁଏ ମଣ୍ଡପରେ ଥିବା ଲୋକଙ୍କ ସଂଖ୍ୟାର ତିନି ଗୁଣ ବାହାରେ ଦେଖିବାକୁ ମିଳିଥିଲା । ଆପଣମାନେ ମୋତେ ଏତେ ସଂଖ୍ୟାରେ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିବାକୁ ଆସିଛନ୍ତି ଏବଂ ମୁଁ ମଧ୍ୟ ଭାଗ୍ୟବାନ ଯେ ମୁଁ ଆଜି ଆପଣମାନଙ୍କ ଆଶୀର୍ବାଦ ପାଇପାରିଲି | ଗତ ଏକ ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ଭଜନ ଲାଲ ଜୀ ଏବଂ ତାଙ୍କ ପୂରା ଟିମ୍ ରାଜସ୍ଥାନର ବିକାଶକୁ ଏକ ନୂତନ ଗତି ଏବଂ ଦିଗ ଦେବା ପାଇଁ ବହୁତ କଠିନ ପରିଶ୍ରମ କରିଛନ୍ତି । ଏହି ପ୍ରଥମ ବର୍ଷ ଏକ ପ୍ରକାରରେ ଆଗାମୀ ଅନେକ ବର୍ଷ ପାଇଁ ଏକ ମଜଭୁତ ଭିତ୍ତିଭୂମି ସ୍ଥାପନ କରିଛି। ତେଣୁ ଆଜିର ପର୍ବ କେବଳ ସରକାରଙ୍କ ଏକ ବର୍ଷ ପୂର୍ତ୍ତି ରେ ସୀମିତ ନୁହେଁ, ଏହା ରାଜସ୍ଥାନର ପ୍ରସାର ଆଲୋକର ଉତ୍ସବ, ଏହା ମଧ୍ୟ ରାଜସ୍ଥାନର ବିକାଶର ଏକ ଉତ୍ସବ ।

 

କିଛି ଦିନ ତଳେ ମୁଁ ନିବେଶ ସମ୍ମିଳନୀ ଯୋଗ ଦେବା ପାଇଁ ରାଜସ୍ଥାନ ଆସିଥିଲି। ଦେଶ ବିଦେଶରୁ ବଡ଼ ବଡ଼ ନିବେଶକ ଏଠାରେ ଏକାଠି ହୋଇଥିଲେ। ଏବେ ୪୫ରୁ ୫୦ ହଜାର କୋଟି ଟଙ୍କାର ପ୍ରକଳ୍ପର ଉଦଘାଟନ ଓ ଶିଳାନ୍ୟାସ କରାଯାଇଛି। ଏହି ପ୍ରକଳ୍ପଗୁଡ଼ିକ ରାଜସ୍ଥାନରେ ଜଳ ସଙ୍କଟର ସ୍ଥାୟୀ ସମାଧାନ ପ୍ରଦାନ କରିବ। ଏହି ପ୍ରକଳ୍ପଗୁଡ଼ିକ ରାଜସ୍ଥାନକୁ ଦେଶର ଅନ୍ୟତମ ସଂଯୋଜିତ ରାଜ୍ୟ ରେ ପରିଣତ କରିବ । ଏହା ଦ୍ୱାରା ରାଜସ୍ଥାନରେ ପୁଞ୍ଜିନିବେଶ ବୃଦ୍ଧି ପାଇବ ଏବଂ ଅସଂଖ୍ୟ ନିଯୁକ୍ତିର ସୁଯୋଗ ସୃଷ୍ଟି ହେବ । ରାଜସ୍ଥାନର ପର୍ଯ୍ୟଟନ, ଏହାର କୃଷକ, ମୋର ଯୁବ ବନ୍ଧୁମାନେ ଏଥିରୁ ବହୁତ ଉପକୃତ ହେବେ ।

ସାଥୀମାନେ

ଆଜି ବିଜେପିର ଡବଲ ଇଞ୍ଜିନ ସରକାର ସୁଶାସନର ପ୍ରତୀକ ପାଲଟିଛି । ବିଜେପି ଯାହା ସଂକଳ୍ପ ନେଇଥାଏ, ତାକୁ ପୂରଣ କରିବାକୁ ଆନ୍ତରିକତାର ସହ ଚେଷ୍ଟା କରିଥାଏ । ଆଜି ଦେଶବାସୀ କହୁଛନ୍ତି ବିଜେପି ହିଁ ସୁଶାସନର ଗ୍ୟାରେଣ୍ଟି। ଆଉ ସେଥିପାଇଁ ଆଜି ଗୋଟିଏ ପରେ ଗୋଟିଏ ରାଜ୍ୟରେ ବିଜେପିକୁ ଏତେ ବିପୁଳ ଜନସମର୍ଥନ ମିଳୁଛି । ଲୋକସଭାରେ କ୍ରମାଗତ ତୃତୀୟ ଥର ପାଇଁ , ଦେଶ ସେବା କରିବାକୁ ଦେଶ ବିଜେପିକୁ ସୁଯୋଗ ଦେଇଛି। ଗତ ୬୦ ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ଭାରତରେ ଏହା ଘଟିନାହିଁ। ଦୀର୍ଘ ୬୦ ବର୍ଷ ପରେ କ୍ରମାଗତ ତୃତୀୟ ଥର ପାଇଁ କେନ୍ଦ୍ରରେ ସରକାର ଗଠନ କରିଛନ୍ତି ଭାରତବାସୀ । ସେମାନେ ଆମକୁ ଦେଶବାସୀଙ୍କ ସେବା କରିବାର ସୁଯୋଗ ଦେଇଛନ୍ତି ଏବଂ ଆମକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ ଦେଇଛନ୍ତି। କିଛି ଦିନ ତଳେ ମହାରାଷ୍ଟ୍ରରେ ବିଜେପି ଲଗାତାର ଦ୍ୱିତୀୟ ଥର ପାଇଁ ସରକାର ଗଠନ କରିଥିଲା। ଆଉ ନିର୍ବାଚନ ଫଳାଫଳ ଅନୁଯାୟୀ ଏହା କ୍ରମାଗତ ତୃତୀୟ ଥର ପାଇଁ ସଂଖ୍ୟାଗରିଷ୍ଠତା ହାସଲ କରିଛି । ସେଠାରେ ମଧ୍ୟ ବିଜେପିକୁ ପୂର୍ବାପେକ୍ଷା ଅଧିକ ଆସନ ମିଳିଛି। ଏହା ପୂର୍ବରୁ ହରିୟାଣାରେ ଲଗାତାର ତୃତୀୟ ଥର ପାଇଁ ବିଜେପି ସରକାର ଗଠନ ହୋଇଛି । ହରିୟାଣାରେ ମଧ୍ୟ ଜନତା ଆମକୁ ପୂର୍ବ ଅପେକ୍ଷା ଅଧିକ ସଂଖ୍ୟାଗରିଷ୍ଠତା ଦେଇଛନ୍ତି। ନିକଟରେ ରାଜସ୍ଥାନରେ ହୋଇଥିବା ଉପନିର୍ବାଚନରେ ଆମେ ଦେଖିଛୁ ଯେ ଲୋକମାନେ କିପରି ବିଜେପିକୁ ପ୍ରବଳ ସମର୍ଥନ କରିଛନ୍ତି। ଏଥିରୁ ଜଣାପଡୁଛି ଯେ ବିଜେପିର କାର୍ଯ୍ୟ ଏବଂ କର୍ମୀଙ୍କ କଠିନ ପରିଶ୍ରମ ଉପରେ ଜନତାଙ୍କର କେତେ ବିଶ୍ୱାସ ରହିଛି ।

 

ସାଥୀମାନେ

ରାଜସ୍ଥାନ ଏପରି ଏକ ରାଜ୍ୟ ଯାହାର ସେବା ଦୀର୍ଘ ଦିନ ଧରି ବିଜେପି କରିଆସୁଛି । ପ୍ରଥମେ ଭୈରବ ସିଂ ଶେଖାୱତଜୀ ରାଜସ୍ଥାନରେ ବିକାଶର ମଜଭୁତ ଭିତ୍ତିପ୍ରସ୍ତର ସ୍ଥାପନ କରିଥିଲେ । ବସୁନ୍ଧରା ରାଜେ ଜୀ ତାଙ୍କ ଠାରୁ ଦାୟିତ୍ୱ ଗ୍ରହଣ କରି ସୁଶାସନର ପରମ୍ପରାକୁ ଆଗକୁ ବଢ଼ାଇଥିଲେ ଏବଂ ବର୍ତ୍ତମାନ ଭଜନ ଲାଲଙ୍କ ସରକାର ସୁଶାସନର ଏହି ପରମ୍ପରାକୁ ଆହୁରି ସମୃଦ୍ଧ କରିବାରେ ଲାଗିପଡିଛନ୍ତି । ଗତ ବର୍ଷକ ମଧ୍ୟରେ ଏହାର ଛାପ ଦେଖିବାକୁ ମିଳୁଛି, ଏହାର ଚିତ୍ର ଦେଖିବାକୁ ମିଳୁଛି।

ସାଥୀମାନେ

ଗତ ଏକ ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ କ'ଣ କରାଯାଇଛି ତାହା ଏଠାରେ ବିସ୍ତୃତ ଭାବେ କୁହାଯାଇଛି। ବିଶେଷ କରି ଗରିବ ପରିବାର, ମାଆ, ଭଉଣୀ, ଝିଅ, ଶ୍ରମିକ, ବିଶ୍ୱକର୍ମା ବନ୍ଧୁ ଓ ଯାଯାବର ପରିବାର ପାଇଁ ଅନେକ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନିଆଯାଇଛି। ପୂର୍ବ କଂଗ୍ରେସ ସରକାର ଏଠାକାର ଯୁବକମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଅନେକ ଅନ୍ୟାୟ କରିଥିଲେ। ପ୍ରଶ୍ନପତ୍ର ଲିକ୍ ଓ ନିଯୁକ୍ତି ଦୁର୍ନୀତି ରାଜସ୍ଥାନର ପରିଚୟ ପାଲଟିଥିଲା। ଏହା ଆସିବା ମାତ୍ରେ ବିଜେପି ସରକାର ଏହାର ତଦନ୍ତ ଆରମ୍ଭ କରିବା ସହ ଅନେକଙ୍କୁ ଗିରଫ ମଧ୍ୟ କରାଯାଇଛି। ଖାଲି ସେତିକି ନୁହେଁ, ବିଜେପି ସରକାର ବର୍ଷକୁ ହଜାର ହଜାର ଲୋକଙ୍କୁ ନିଯୁକ୍ତି ମଧ୍ୟ ଦେଇଛନ୍ତି। ଏଠାରେ ମଧ୍ୟ ପୂର୍ଣ୍ଣ ସ୍ୱଚ୍ଛତାର ସହ ପରୀକ୍ଷା ଅନୁଷ୍ଠିତ ହେଉଛି, ନିଯୁକ୍ତି ମଧ୍ୟ କରାଯାଉଛି। ପୂର୍ବ ସରକାର ସମୟରେ ରାଜସ୍ଥାନର ଲୋକଙ୍କୁ ପେଟ୍ରୋଲ ଓ ଡିଜେଲ ଅନ୍ୟ ରାଜ୍ୟ ତୁଳନାରେ ମହଙ୍ଗାରେ କିଣିବାକୁ ପଡୁଥିଲା । ଏଠାରେ ବିଜେପି ସରକାର ଗଠନ ହେବା ମାତ୍ରେ ରାଜସ୍ଥାନର ମୋ ଭାଇ-ଭଉଣୀଙ୍କୁ ଆଶ୍ୱସ୍ତି ମିଳିଲା। ପିଏମ କିଷାନ ସମ୍ମାନ ନିଧି ଯୋଜନାରେ କେନ୍ଦ୍ର ସରକାର ସିଧାସଳଖ କୃଷକଙ୍କ ବ୍ୟାଙ୍କ ଆକାଉଣ୍ଟକୁ ଟଙ୍କା ପଠାଉଛନ୍ତି । ଏବେ ଡବଲ ଇଞ୍ଜିନର ରାଜସ୍ଥାନ ବିଜେପି ସରକାର ଏଥିରେ ଅତିରିକ୍ତ ଟଙ୍କା ଯୋଡି କୃଷକଙ୍କୁ ସାହାଯ୍ୟ କରୁଛନ୍ତି । ଡବଲ ଇଞ୍ଜିନ ସରକାର ଏଠାରେ ଭିତ୍ତିଭୂମି ସମ୍ବନ୍ଧୀୟ କାର୍ଯ୍ୟ ମଧ୍ୟ ଦ୍ରୁତ ଗତିରେ କାର୍ଯ୍ୟକାରୀ କରୁଛନ୍ତି। ବିଜେପି ଦେଇଥିବା ପ୍ରତିଶ୍ରୁତିକୁ ଦ୍ରୁତ ଗତିରେ ପୂରଣ କରୁଛି। ଆଜିର କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ମଧ୍ୟ ଏହାର ଏକ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ ଅଂଶ ।

ସାଥୀମାନେ

ରାଜସ୍ଥାନବାସୀଙ୍କ ଆଶୀର୍ବାଦରେ ଗତ ୧୦ ବର୍ଷ ଧରି କେନ୍ଦ୍ରରେ ବିଜେପି ସରକାର ରହିଛି। ଏହି ୧୦ ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ଆମେ ଦେଶର ଲୋକଙ୍କୁ ସୁବିଧା ଯୋଗାଇବା, ସେମାନଙ୍କ ଜୀବନରୁ ଅସୁବିଧା କୁ ହ୍ରାସ କରିବା ଉପରେ ଆମେ ବହୁତ ଗୁରୁତ୍ୱ ଦେଇଛୁ । ସ୍ୱାଧୀନତା ପରେ ୫-୬ ଦଶନ୍ଧି ମଧ୍ୟରେ କଂଗ୍ରେସ ଯେତିକି କାମ କରିଥିଲା, ଆମେ ତା'ଠାରୁ ୧୦ ବର୍ଷରେ ଅଧିକ କାମ କରିଛୁ। ରାଜସ୍ଥାନର ଉଦାହରଣ ନିଅନ୍ତୁ। ପାଣିର ମହତ୍ତ୍ୱ ରାଜସ୍ଥାନଠାରୁ ଭଲ କିଏ ବୁଝିପାରିବ? ଅନେକ ଅଞ୍ଚଳରେ ଏଭଳି ଭୟଙ୍କର ମରୁଡ଼ି ଦେଖାଦେଇଛି। ଅପରପକ୍ଷରେ କେତେକ ସ୍ଥାନରେ ଆମ ନଦୀର ପାଣି ବିନା ବ୍ୟବହାରରେ ସମୁଦ୍ରକୁ ପ୍ରବାହିତ ହେଉଛି। ଆଉ ସେଥିପାଇଁ ଅଟଳ ବିହାରୀ ବାଜପେୟୀ କ୍ଷମତାରେ ଥିବା ବେଳେ ଅଟଳଜୀ ନଦୀକୁ ସଂଯୋଗ କରିବା ପାଇଁ ଏକ ଭିଜନ ରଖିଥିଲେ । ଏଥିପାଇଁ ସେ ଏକ ସ୍ୱତନ୍ତ୍ର କମିଟି ମଧ୍ୟ ଗଠନ କରିଥିଲେ। ଅଧିକ ପାଣି ଥିବା ଏବଂ ସମୁଦ୍ରକୁ ପ୍ରବାହିତ ହେଉଥିବା ନଦୀଗୁଡ଼ିକୁ ମରୁଡ଼ି ପ୍ରବଣ ଅଞ୍ଚଳରେ ପହଞ୍ଚାଇବା ଏହାର ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ଥିଲା। ଅନ୍ୟପଟେ ବନ୍ୟା ଓ ମରୁଡ଼ି ସମସ୍ୟା ଉଭୟ ସମାଧାନ ସମ୍ଭବ ହୋଇପାରିଥିଲା। ସୁପ୍ରିମ୍ କୋର୍ଟ ମଧ୍ୟ ଏହାକୁ ସମର୍ଥନ କରି ଅନେକ ଥର ମତ ରଖିଛନ୍ତି। କିନ୍ତୁ କଂଗ୍ରେସ କେବେ ବି ଆପଣଙ୍କ ଜୀବନରୁ ଜଳ ସମସ୍ୟାକୁ ହ୍ରାସ କରିବାକୁ ଚାହିଁ ନାହିଁ । ଆମ ନଦୀର ପାଣି ସୀମା ପାର ହେଉଥିଲା, କିନ୍ତୁ ଆମର କୃଷକମାନେ ଏହାର ଲାଭ ପାଉ ନ ଥିଲେ । କଂଗ୍ରେସ ସମାଧାନ ଖୋଜିବା ପରିବର୍ତ୍ତେ ରାଜ୍ୟଗୁଡ଼ିକ ମଧ୍ୟରେ ଜଳ ବିବାଦକୁ ପ୍ରୋତ୍ସାହନ ଦେବା ଜାରି ରଖିଥିଲା । ରାଜସ୍ଥାନ ଏହି ଦୁର୍ନୀତି କାରଣରୁ ବହୁତ କିଛି କ୍ଷତି ସହିତ ଏଠିକାର ଏହି ଦୁଷ୍କର୍ମ ଯୋଗୁଁ ରାଜସ୍ଥାନ ବହୁତ କ୍ଷତି ସହିଛି, ଏଠିକାର ମା' ଭଉଣୀମାନେ ଦୁଃଖ ଭୋଗିଛନ୍ତି, ଏହାର କୃଷକମାନେ କ୍ଷତି ସହିଛନ୍ତି।

 

ମୋର ମନେ ଅଛି, ଯେତେବେଳେ ମୁଁ ଗୁଜରାଟର ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ ଭାବରେ କାର୍ଯ୍ୟ କରୁଥିଲି ଓ ସେତେବେଳେ, ସେଠାରେ ସର୍ଦ୍ଦାର ସରୋବର ଡ୍ୟାମ୍ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଥିଲା, ମା' ନର୍ମଦାର ଜଳକୁ ଗୁଜୁରାଟର ବିଭିନ୍ନ ସ୍ଥାନକୁ,  ପହଞ୍ଚାଇବା ପାଇଁ ଏକ ବଡ଼ ଅଭିଯାନ ଆରମ୍ଭ କରାଯାଇଥିଲ, କଚ୍ଛର ସୀମାକୁ  ପାଣି ଛଡ଼ାଯାଇଥିଲା କିନ୍ତୁ ଏହାକୁ ରୋକିବା ପାଇଁ କଂଗ୍ରେସ ଓ କିଛି ଏନଜିଓ ପକ୍ଷରୁ ବିଭିନ୍ନ କୌଶଳ ଅବଲମ୍ବନ କରାଯାଇଥିଲା। କିନ୍ତୁ ଆମେ ଜଳର ମହତ୍ତ୍ୱ ବୁଝିଥିଲୁ । ଏବଂ ମୋ ପାଇଁ ମୁଁ କହୁଛି ଯେ ଜଳ ଦିବ୍ୟ, ଯେପରି ପାରଦ ଲୁହାକୁ ସ୍ପର୍ଶ କରେ ଏବଂ ଲୁହା ସୁନା ରେ ପରିଣତ ହୁଏ, ଯେଉଁଠାରେ ଜଳ ସ୍ପର୍ଶ କରେ, ଏହା ଏକ ନୂତନ ଶକ୍ତି ଏବଂ ଶକ୍ତିକୁ ଜନ୍ମ ଦିଏ |

ସାଥୀମାନେ

ମୁଁ ଏହି ଲକ୍ଷ୍ୟ ଦିଗରେ ନିରନ୍ତର ପରିଶ୍ରମ କରିଥିଲି, ବିରୋଧ, ସମାଲୋଚନାର ସମ୍ମୁଖୀନ ହୋଇଥିଲି, କିନ୍ତୁ ଜଳର ଗୁରୁତ୍ୱ ବୁଝିଥିଲି । କେବଳ ଗୁଜରାଟକୁ ନର୍ମଦା ପାଣିର ଲାଭ ମିଳିବା ଉଚିତ ନୁହେଁ, ବରଂ ରାଜସ୍ଥାନକୁ ମଧ୍ୟ ନର୍ମଦା ଜଳରୁ ଫାଇଦା ମିଳିବା ଦରକାର। ଏବଂ କୌଣସି ଉତ୍ତେଜନା ନାହିଁ, କୌଣସି ବାଧା ନାହିଁ, କୌଣସି ସ୍ମାରକପତ୍ର ନାହିଁ, କୌଣସି ଆନ୍ଦୋଳନ ନାହିଁ, ଡିଏଏମର କାର୍ଯ୍ୟ ଶେଷ ହେବା ମାତ୍ରେ ଏହା ରାଜସ୍ଥାନକୁ ଦିଆଯିବ, ଏହା ରାଜସ୍ଥାନକୁ ଦିଆଯିବ ନାହିଁ, ଏହା ସଙ୍ଗେ ସଙ୍ଗେ ରାଜସ୍ଥାନକୁ ଦିଆଯିବ ନାହିଁ, ଆମେ ଏକା ସାଙ୍ଗରେ ରାଜସ୍ଥାନକୁ ଜଳ ଯୋଗାଇବା ପାଇଁ ଏହି କାର୍ଯ୍ୟ ଆରମ୍ଭ କରିଛୁ । ଏବଂ ମୋର ମନେ ଅଛି, ଯେତେବେଳେ ନର୍ମଦା ଜୀଙ୍କ ଜଳ ରାଜସ୍ଥାନରେ ପହଞ୍ଚିଥିଲା, ସେତେବେଳେ ରାଜସ୍ଥାନର ଜୀବନରେ ବହୁତ ଉତ୍ସାହ ଏବଂ ଉତ୍ସାହ ଥିଲା । ଆଉ ଏହାର କିଛି ଦିନ ପରେ ହଠାତ୍ ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କ କାର୍ଯ୍ୟାଳୟରେ ମେସେଜ ଆସିଲା ଯେ ଭୈରବ ସିଂହ ଜୀ ଶେଖାୱତ ଏବଂ ଯଶବନ୍ତ ସିଂହ ଜୀ ଗୁଜୁରାଟ ଆସି ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କୁ ଭେଟିବାକୁ ଚାହୁଁଛନ୍ତି । ଏବେ ସେମାନେ କ'ଣ ପାଇଁ ଆସିଛନ୍ତି, କେଉଁ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଆସିଛନ୍ତି ମୁଁ ଜାଣିପାରିଲି ନାହିଁ। କିନ୍ତୁ ସେ ମୋ କାର୍ଯ୍ୟାଳୟକୁ ଆସିଲେ, ମୁଁ ତାଙ୍କୁ ପଚାରିଲି   କେମିତି ଆସିବା ହେଲା,  କାହିଁକି...   ସେ କହିଲେ ନାଇଁ କିଛି  କାମ ନାହିଁ, ସେମିତି ଆପଣଙ୍କୁ ଭେଟିବାକୁ ଆସିଛୁ । ସେମାନେ ଦୁହେଁ ମୋର ବରିଷ୍ଠ ନେତା ଥିଲେ, ଆମେ ଭୈରବ ସିଂହଙ୍କ ଆଙ୍ଗୁଠି ଧରି ବଡ଼ ହୋଇଛୁ । ଆଉ ସେ ଆସି ମୋ ସାମ୍ନାରେ ବସୁ ନ ଥାନ୍ତି,, ସେ ମୋତେ ସମ୍ମାନ ଦେବାକୁ ଚାହୁଁଥିଲେ, ମୁଁ ମଧ୍ୟ ଟିକିଏ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ହୋଇଯାଇଥିଲି । କିନ୍ତୁ ସେମାନେ ମୋତେ ସମ୍ମାନ କରୁଥିଲେ, କିନ୍ତୁ ସେମାନେ ଦୁହେଁ ଏତେ ଭାବପ୍ରବଣ ଥିଲେ ଯେ ସେମାନଙ୍କ ଆଖି ଭାବୁକ ହୋଇ ପଡିଥିଲା । ଏବଂ ସେ କହିଥିଲେ, ମୋଦୀଜୀ, ଆପଣ ଜାଣନ୍ତି ପାଣି ଦେବାର ଅର୍ଥ କ'ଣ, ଆପଣ ଗୁଜୁରାଟ ନର୍ମଦା ଜଳ ରାଜସ୍ଥାନକୁ ଏତେ ସହଜରେ ଦେଇପାରିବେ । ଆଉ ସେଥିପାଇଁ ଆଜି ମୁଁ ରାଜସ୍ଥାନର କୋଟି କୋଟି ଲୋକଙ୍କ ଭାବନା କୁ ପ୍ରକାଶ କରିବା ପାଇଁ ଆପଣଙ୍କ କାର୍ଯ୍ୟାଳୟକୁ ଆସିଛି ।

ସାଥୀମାନେ

ପାଣିରେ କେତେ ଶକ୍ତି ଅଛି ତାହାର ଅନୁଭୂତି ଥିଲା। ଏବଂ ମୁଁ ଖୁସି ଯେ  ମାତା ନର୍ମଦା ଆଜି  ଜାଲୋର, ବାଡମେର, ଚୁରୁ,  ଝୁଂଝୁନୁ, ଯୋଧପୁର, ନାଗୌର, ହନୁମାନଗଡ଼ ଭଳି ଏମିତି ଅନେକ ଜିଲ୍ଲାରେ ନର୍ମଦା ଜଳ ମିଳୁଛି ।

ସାଥୀମାନେ

ଆମ ଦେଶରେ କୁହାଯାଏ ଯେ ଯଦି ଆମେ ନର୍ମଦା ଜୀଙ୍କୁ ସ୍ନାନ କରିଥାଉ, ନର୍ମଦାଜୀଙ୍କୁ ପରିକ୍ରମା କରିଥାଉ, ତେବେ ଅନେକ ପିଢ଼ିର ପାପ ଧୋଇ ହୋଇ ଯାଇଥାଏ  । କିନ୍ତୁ ବିଜ୍ଞାନର ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟକୁ ଦେଖନ୍ତୁ, ଥରେ ଆମେ ମା' ନର୍ମଦାଙ୍କ ପରିକ୍ରମା କରିବାକୁ ଯାଉଥିଲୁ, ଆଜି ସ୍ଵୟ ମାତା ନର୍ମଦା ନିଜେ ପରିକ୍ରମା କରିବାକୁ ବାହାରି ହନୁମାନଗଡ଼ ଅଭିମୁଖେ ଯାଇଛନ୍ତି।

 

ସାଥୀମାନେ

ପୂର୍ବ ରାଜସ୍ଥାନ କେନାଲ ପ୍ରକଳ୍ପ... ଇଆରସିପିକୁ କଂଗ୍ରେସ କେତେ ମାତ୍ରାରେ ବିଳମ୍ବ କରିଛି ତାହା ମଧ୍ୟ କଂଗ୍ରେସର ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟର ସିଧାସଳଖ ପ୍ରମାଣ। ସେମାନେ କୃଷକଙ୍କ ନାଁରେ ବଡ଼ ବଡ଼ କଥା କହୁଛନ୍ତି। କିନ୍ତୁ ସେମାନେ କୃଷକଙ୍କ ପାଇଁ କିଛି କରାଇ ଦିଅନ୍ତୁ ନାହିଁ , ଅନ୍ୟମାନଙ୍କୁ କିମ୍ବା କରିବାକୁ ଦିଅନ୍ତି ନାହିଁ । ବିଜେପିର ନୀତି ବିବାଦ ପାଇଁ ନୁହେଁ, ବରଂ ଯୋଗାଯୋଗ ପାଇଁ । ଆମେ ବିରୋଧୀ ନୁହେଁ, ସହଯୋଗରେ ବିଶ୍ୱାସ କରୁ। ଆମେ ବ୍ୟବଧାନ ନୁହେଁ ସମାଧାନ ଉପରେ ବିଶ୍ୱାସ କରୁ, ବାଧାରେ ନୁହେଁ । ତେଣୁ ଆମ ସରକାର, ପୂର୍ବ ରାଜସ୍ଥାନ କେନାଲ ପ୍ରକଳ୍ପକୁ ଅନୁମୋଦନ ଓ ସମ୍ପ୍ରସାରଣ ମଧ୍ୟ କରିଛନ୍ତି। ଯେମିତି ମଧ୍ୟପ୍ରଦେଶ ଏବଂ ରାଜସ୍ଥାନରେ ବିଜେପି ସରକାର ଗଠନ ହେବା ମାତ୍ରେ ପାର୍ବତୀ-କାଲିସିନ୍ଧ-ଚମ୍ବଲ ପ୍ରକଳ୍ପ, ଏମପିକେସି ଲିଙ୍କ୍ ପ୍ରକଳ୍ପ କୁ ନେଇ ବୁଝାମଣା ହୋଇଥିଲା।

ଆପଣ ଯେଉଁ ଚିତ୍ର ଦେଖୁଥିଲେ, କେନ୍ଦ୍ରର ଜଳମନ୍ତ୍ରୀ ଏବଂ ଦୁଇ ରାଜ୍ୟର ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ, ଏହି ଚିତ୍ର ସାଧାରଣ ନୁହେଁ । ଆଗାମୀ ଦଶନ୍ଧି ଧରି ଏହି ଚିତ୍ର ଭାରତର କୋଣ ଅନୁକୋଣରେ ଥିବା ରାଜନେତାମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଶ୍ନ ପଚାରିବ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ରାଜ୍ୟକୁ ପଚରାଯିବ ଯେ ମଧ୍ୟପ୍ରଦେଶ, ରାଜସ୍ଥାନ ମିଶି ଜଳର ସମସ୍ୟାକୁ, ନଦୀ ଜଳର ରାଜିନାମାକୁ ଆଗେଇ ନେଇପାରିବେ, ଆପଣ କେଉଁ ପ୍ରକାର ରାଜନୀତି କରୁଛନ୍ତି ଯେ ଯେତେବେଳେ ଜଳ ସମୁଦ୍ରରେ ପ୍ରବାହିତ ହେଉଛି, ସେତେବେଳେ ଆପଣ ଏକ କାଗଜରେ ଦସ୍ତଖତ କରିପାରିବେ ନାହିଁ । ଏହି ଚିତ୍ରକୁ ଆଗାମୀ ଦଶନ୍ଧି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସମଗ୍ର ଦେଶ ଦେଖିବାକୁ ଯାଉଛି । ଏପରିକି ସାଧାରଣ ଦୃଶ୍ୟ ମଧ୍ୟ ମୁଁ ଦେଖୁନାହିଁ। ଦେଶ ପାଇଁ ଭଲ କରିବା ପାଇଁ କାମ କରୁଥିବା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଯେତେବେଳେ ସେବା କରିବାର ସୁଯୋଗ ମିଳେ, ସେତେବେଳେ ମଧ୍ୟପ୍ରଦେଶରୁ କେହି ପାଣି ଆଣିଥାଏ, କେହି ରାଜସ୍ଥାନରୁ ପାଣି ଆଣିଥାଏ, ସେହି ପାଣି ସଂଗ୍ରହ କରାଯାଏ ଏବଂ ମୋ ରାଜସ୍ଥାନ ସୁଜଲାମ -ସୁଫଲାମ କରିବା ପାଇଁ ପ୍ରୟାସ କରିବାର ପରମ୍ପରା ଆରମ୍ଭ ହୋଇଛି । ଏହା ଅସାଧାରଣ ଲାଗୁଛି, ଏହା ଏକ ବର୍ଷବ୍ୟାପୀ ଉତ୍ସବ, କିନ୍ତୁ ଆଗାମୀ ଶତାବ୍ଦୀର ଭବିଷ୍ୟତ ଆଜି ଏହି ପ୍ଲାଟଫର୍ମରୁ ଲେଖାଯାଉଛି । ଏହି ପ୍ରକଳ୍ପ ଦ୍ୱାରା ଚମ୍ବଲ ଏବଂ ପାର୍ବତୀ, କାଲିସିନ୍ଧ, କୁନୋ, ବଣାସ, ବାଣଗଙ୍ଗା, ରୁପାରେଲ, ଗମ୍ଭୀରୀ ଏବଂ ମେଜ ଭଳି ଏହାର ଶାଖା ନଦୀଗୁଡିକର ଜଳକୁ ଉଭୟଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ସଂଯୋଗ କରାଯିବ ।

ସାଥୀମାନେ

ନଦୀକୁ ସଂଯୋଗ କରିବାର ଶକ୍ତି କ'ଣ, ମୁଁ ଗୁଜୁରାଟରେ ତାହା କରିଛି । ନର୍ମଦା ନଦୀର ଜଳ ଗୁଜରାଟର ବିଭିନ୍ନ ନଦୀ ସହିତ ସଂଯୁକ୍ତ ଥିଲା । ଯେତେବେଳେ ବି ଆପଣ ଅହମ୍ମଦାବାଦକୁ ଯାଆନ୍ତି, ଆପଣ ସାବରମତୀ ନଦୀକୁ ଦେଖିଥାନ୍ତି । ୨୦ ବର୍ଷ ପୂର୍ବେ ଯଦି କୌଣସି ପିଲାଙ୍କୁ ସାବରମତୀ ଉପରେ ଏକ ପ୍ରବନ୍ଧ ଲେଖିବାକୁ କୁହାଯାଉଥିଲା । ତେବେ ସେ ଲେଖୁଥିଲା ଯେ ସାବରମତୀରେ ସର୍କସ୍ ତମ୍ବୁ  ଲାଗିଥାଏ। ବହୁତ ଭଲ ସର୍କସ ସୋ ହେଉଥିଲା । ସାବରମତୀରେ କ୍ରିକେଟ୍ ଖେଳିବାର ମଜା ଆସୁଥିଲା।  ସାବରମତୀରେ ମାଟିର ବହୁତ ଭଲ ଧୂଳି ରହିଛି । କାରଣ ମୁଁ ସାବରମତୀରେ ପାଣି ଦେଖିନଥିଲି । ଆଜି ସାବରମତୀକୁ ନର୍ମଦା ଜଳ ଦ୍ୱାରା ପୁନରୁଦ୍ଧାର କରାଯାଇଛି ଏବଂ ଆପଣ ଅହମ୍ମଦାବାଦର ରିଭରଫ୍ରଣ୍ଟ ଦେଖିପାରିବେ । ଏହା ହେଉଛି ନଦୀଗୁଡିକୁ ସଂଯୋଗ କରିବାର ଶକ୍ତି ଏବଂ ମୁଁ ମୋ ଆଖିରେ ରାଜସ୍ଥାନର ଏପରି ଏକ ସୁନ୍ଦର ଦୃଶ୍ୟ କଳ୍ପନା କରିପାରିବି ।

ସାଥୀମାନେ

ମୁଁ ସେହି ଦିନ ଦେଖୁଛି ଯେତେବେଳେ ରାଜସ୍ଥାନରେ ପାଣିର ଅଭାବ ରହିବ ନାହିଁ, ରାଜସ୍ଥାନରେ ବିକାଶ ପାଇଁ ପର୍ଯ୍ୟାପ୍ତ ଜଳ ରହିବ । ପାର୍ବତୀ-କାଲିସିନ୍ଧ-ଚମ୍ବଲ ପ୍ରକଳ୍ପ ଦ୍ୱାରା ରାଜସ୍ଥାନର ୨୧ଟି ଜିଲ୍ଲାକୁ ଜଳସେଚନ ଜଳ ପାଇଁ ଓ ପାନୀୟ ଜଳ ଯୋଗାଇ ଦିଆଯିବ। ଏହା ଦ୍ୱାରା ଉଭୟ ରାଜସ୍ଥାନ ଓ ମଧ୍ୟପ୍ରଦେଶର ବିକାଶ ତ୍ୱରାନ୍ୱିତ ହେବ ।

 

ସାଥୀମାନେ

ଆଜି ହିସାରଦା ଲିଙ୍କ୍ ପ୍ରକଳ୍ପର ଶିଳାନ୍ୟାସ ମଧ୍ୟ କରାଯାଇଛି। ତାଜେୱାଲାରୁ ଶେଖାଓ୍ଵାଟିକୁ ପାଣି ଆଣିବା ପାଇଁ ଆଜି ଏକ ଚୁକ୍ତି ସ୍ୱାକ୍ଷରିତ ହୋଇଛି। ଏହି ଜଳ ସହିତ ଏହି ଚୁକ୍ତି ଦ୍ୱାରା ଉଭୟ ହରିୟାଣା ଏବଂ ରାଜସ୍ଥାନ ଉଭୟ ରାଜ୍ୟ ମଧ୍ୟ ଉପକୃତ ହେବେ । ମୋର ବିଶ୍ୱାସ ଯେ ରାଜସ୍ଥାନର ଶତ ପ୍ରତିଶତ ପରିବାରଖୁବ୍ ଶୀଘ୍ର ଟ୍ୟାପ୍ ପାଣି ପାଇବେ ।

ସାଥୀମାନେ

ଆମର ସି ଆର ପାଟିଲଙ୍କ ନେତୃତ୍ୱରେ ଏକ ବହୁତ ବଡ ଅଭିଯାନ ଚାଲିଛି । ଏହାକୁ ନେଇ ଗଣମାଧ୍ୟମରେ ଚର୍ଚ୍ଚା ଅଧିକ ଓ ବାହାରେ କମ୍ ଚର୍ଚ୍ଚା ହେଉଛି। କିନ୍ତୁ ମୁଁ ଏହାର ଶକ୍ତିକୁ ଭଲ ଭାବରେ ବୁଝିପାରୁଛି । ଜନସାଧାରଣଙ୍କ ଭାଗିଦାରୀରେ ଏହି ଅଭିଯାନ ଆରମ୍ଭ ହୋଇଛି। ବର୍ଷା ଜଳ ସଂରକ୍ଷଣ ପାଇଁ କୂଅ ନିର୍ମାଣ କରାଯାଉଛି। ବୋଧହୁଏ ଆପଣ ମାନେ ମଧ୍ୟ ଏହା ବିଷୟରେ ଜାଣନ୍ତି ନାହିଁ, କିନ୍ତୁ ମୋତେ କୁହାଯାଇଛି ଯେ ଜନସାଧାରଣଙ୍କ ଭାଗିଦାରୀରେ ଆଜି ରାଜସ୍ଥାନରେ ଦୈନିକ ବର୍ଷା ଅମଳ ଢାଞ୍ଚା ପ୍ରସ୍ତୁତ କରାଯାଉଛି । ଗତ କିଛି ମାସ ମଧ୍ୟରେ ଜଳ ସଂକଟର ସମ୍ମୁଖୀନ ହେଉଥିବା ରାଜ୍ୟଗୁଡ଼ିକରେ ପାଖାପାଖି ୩ ଲକ୍ଷ ବର୍ଷା ଅମଳ ଢାଞ୍ଚା ନିର୍ମାଣ କରାଯାଇଛି। ମୁଁ ଦୃଢ଼ ଭାବରେ ବିଶ୍ୱାସ କରୁଛି ଯେ ବର୍ଷା ଜଳ ସଞ୍ଚୟ କରିବାର ଏହି ପ୍ରୟାସ ଆଗାମୀ ଦିନରେ ଆମ ପୃଥିବୀ ମା'ର ତୃଷ୍ଣା ମେଣ୍ଟାଇବ । ଆଉ ଭାରତରେ ବସିଥିବା କୌଣସି ପୁଅ କିମ୍ବା ଝିଅ କେବେ ବି ନିଜ ପୃଥିବୀ ମା'ଙ୍କୁ କୁ ତୃଷାରେ ରଖିବାକୁ ଚାହିଁବେ ନାହିଁ । ଆମେ ଯେଉଁ ତୃଷା ପାଇଁ ଇଚ୍ଛା କରୁଛୁ, ଆମକୁ ବ୍ୟଥିତ କରୁଥିବା ତୃଷା, ଆମ ମାତା ପୃଥିବୀକୁ ବ୍ୟଥିତ କରୁଥିବା ତୃଷା । ତେଣୁ ଏହି ପୃଥିବୀର ସନ୍ତାନ ଭାବରେ ଆମ ସମସ୍ତଙ୍କ ଦାୟିତ୍ୱ ହେଉଛି ଆମ ମା' ପୃଥିବୀ ,ମା’ ର ତୃଷ୍ଣା ମେଣ୍ଟାଇବା । ପୃଥିବୀ ମାତାର ତୃଷା ମେଣ୍ଟାଇବା ପାଇଁ ବର୍ଷା ଜଳର ପ୍ରତ୍ୟେକ ବୁନ୍ଦା ବ୍ୟବହାର କରାଯାଉ । ଆଉ ଥରେ ପୃଥିବୀ ମାତାଙ୍କ ଆଶୀର୍ବାଦ ପାଇବା ପରେ ଦୁନିଆର କୌଣସି ଶକ୍ତି ଆମକୁ ପଛରେ ରଖିପାରିବ ନାହିଁ ।

ମୋର ମନେ ଅଛି ଗୁଜରାଟରେ ଜଣେ ଜୈନ ମହାତ୍ମା ଥିଲେ । ପ୍ରାୟ ୧୦୦ ବର୍ଷ ତଳେ ସେ ଲେଖିଥିଲେ, ବୁଦ୍ଧି ସାଗର ଜୀ ମହାରାଜ ଥିଲେ, ସେ ଜଣେ ଜୈନ ମୁନି ଥିଲେ। ପ୍ରାୟ ୧୦୦ ବର୍ଷ ପୂର୍ବେ ସେ ଏହା ଲେଖିଥିଲେ ଏବଂ ସେହି ସମୟରେ ବୋଧହୁଏ କେହି ତାଙ୍କ କଥାକୁ ବିଶ୍ୱାସ କରିନଥାନ୍ତେ । ସେ ଲେଖିଛନ୍ତି, "୧୦୦ ବର୍ଷ ପୂର୍ବେ – ଏମିତି ଏକ ଦିନ ଆସିବ ଯେତେବେଳେ ତେଜରାତି ଦୋକାନରେ ପାନୀୟ ଜଳ ବିକ୍ରି ହେବ। ୧୦୦ ବର୍ଷ ପୂର୍ବେ ଲେଖାଯାଇଥିଲା ଯେ ଆଜି ଆମେ ବାଧ୍ୟ ହୋଇ ତେଜରାତି ଦୋକାନରୁ ବିସଲେରୀ ବୋତଲ କିଣି ପାଣି ପିଉଛୁ ବୋଲି ୧୦୦ ବର୍ଷ ପୂର୍ବେ କୁହାଯାଇଥିଲା।

 

ସାଥୀମାନେ

ଏହା ଏକ ଯନ୍ତ୍ରଣାଦାୟକ କାହାଣୀ । ଆମର ପୂର୍ବପୁରୁଷମାନେ ଆମଠାରୁ ଅନେକ କିଛି ଉତ୍ତରାଧିକାରୀ ଭାବେ ପାଇଛନ୍ତି। ଏବେ ପାଣି ଅଭାବରୁ ଭବିଷ୍ୟତ ପିଢ଼ିକୁ ମରିବାକୁ ବାଧ୍ୟ ନ କରିବା ଆମର ଦାୟିତ୍ୱ। ଆସନ୍ତୁ ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଆମ ପୃଥିବୀ ମାତାଙ୍କୁ, ଆମର ଭବିଷ୍ୟତ ପିଢ଼ିକୁ ହସ୍ତାନ୍ତର କରିବା । ଏବଂ ଆଜି ମୁଁ ମଧ୍ୟପ୍ରଦେଶ ସରକାରଙ୍କୁ ସେହି ପବିତ୍ର କାର୍ଯ୍ୟ ପାଇଁ ଅଭିନନ୍ଦନ ଜଣାଉଛି । ମୁଁ ମଧ୍ୟପ୍ରଦେଶବାସୀଙ୍କୁ ଶୁଭେଚ୍ଛା ଜଣାଉଛି। ମୁଁ ରାଜସ୍ଥାନ ସରକାର ଏବଂ ରାଜସ୍ଥାନବାସୀଙ୍କୁ ଶୁଭକାମନା ଜଣାଉଛି । ଏବେ ଏହି କାମକୁ ବିନା ବାଧାରେ ଆଗକୁ ବଢ଼ାଇବା ଆମର କାମ। ଆବଶ୍ୟକ ସ୍ଥଳେ ଯେଉଁ ଅଞ୍ଚଳରୁ ଏହି ଯୋଜନା ପ୍ରସ୍ତୁତ କରାଯାଉଛି । ଲୋକମାନେ ସମ୍ମୁଖକୁ ଆସି ସମର୍ଥନ କରନ୍ତୁ । ତା'ହେଲେ ଯୋଜନାଗୁଡ଼ିକ ସମୟ ପୂର୍ବରୁ ଶେଷ ହୋଇପାରିବ ଏବଂ ଏହି ସମଗ୍ର ରାଜସ୍ଥାନର ଭାଗ୍ୟ ବଦଳିପାରିବ।

ସାଥୀମାନେ

ଏକବିଂଶ ଶତାବ୍ଦୀର ଭାରତ ପାଇଁ ମହିଳାମାନଙ୍କୁ ସଶକ୍ତ କରିବା ଅତ୍ୟନ୍ତ ଜରୁରୀ । ଭାଇ ସେ କ୍ୟାମେରା, କ୍ୟାମେରାର ଏତେ ପସନ୍ଦ ଏତେ ପରିମାଣର ବାଢିଯାଇଛି କରାଯାଉଛି ଯେ ସେମାନଙ୍କ ଉତ୍ସାହ ବଢିଯାଇଛି । ଟିକେ ସେ କ୍ୟାମେରା ବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କୁ ଅନ୍ୟ ପାର୍ଶ୍ୱକୁ ସ୍ଥାନାନ୍ତର କରନ୍ତୁ, ସେମାନେ ଥକିଯିବେ ।

ସାଥୀମାନେ

ଆପଣଙ୍କ ଏହି ଭଲପାଇବାକୁନ ନେଇ ମୁଁ ଆପଣଙ୍କ ନିକଟରେ କୃତଜ୍ଞ । ଏହି  ଉତ୍ସାହ ଏବଂ ଉଦ୍ଦୀପନା ପାଇଁ ସାଥିମାନେ ମହିଳା ସ୍ୱୟଂ ସହାୟକ ସମୂହରେ ଗୋଷ୍ଠୀ ସ୍ୱୟଂ ସହାୟକ ଗୋଷ୍ଠୀ ର ଆନ୍ଦୋଳନରେ ନାରୀ ଶକ୍ତିର ଶକ୍ତି କ'ଣ ସେଥିପାଇଁ ମୁଁ ଆପଣଙ୍କ ନିକଟରେ କୃତଜ୍ଞ । ଗତ ଦଶନ୍ଧି ମଧ୍ୟରେ ଦେଶର ୧୦ କୋଟି ଭଉଣୀ ସ୍ୱୟଂ ସହାୟକ ଗୋଷ୍ଠୀ ସହ ଜଡ଼ିତ ହୋଇଛନ୍ତି। ଏମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ରାଜସ୍ଥାନର ଲକ୍ଷ ଲକ୍ଷ ଭଉଣୀ ମଧ୍ୟ ଅଛନ୍ତି। ଏହି ଗୋଷ୍ଠୀ ସହ ଜଡ଼ିତ ଭଉଣୀମାନଙ୍କୁ ସୁଦୃଢ଼ କରିବା ପାଇଁ ବିଜେପି ସରକାର ଦିନରାତି କାମ କରୁଛନ୍ତି। ଆମ ସରକାର ପ୍ରଥମେ ଏହି ଗୋଷ୍ଠୀଗୁଡ଼ିକୁ ବ୍ୟାଙ୍କ ସହ ସଂଯୋଗ କରିଥିଲେ, ତା'ପରେ ବ୍ୟାଙ୍କର ସହାୟତାକୁ ୧୦ ଲକ୍ଷରୁ ୨୦ ଲକ୍ଷକୁ ବୃଦ୍ଧି କରିଥିଲେ। ଆମେ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରାୟ ୮ ଲକ୍ଷ କୋଟି ଟଙ୍କା ସହାୟତା ଆକାରରେ ଦେଇଛୁ। ଆମେ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଶିକ୍ଷଣ ଦେବାର ବ୍ୟବସ୍ଥା କରିଛୁ। ମହିଳା ସ୍ୱୟଂ ସହାୟକ ଗୋଷ୍ଠୀ ସେଥିରେ ନିର୍ମିତ ସାମଗ୍ରୀ ପାଇଁ ନୂଆ ବଜାର ଯୋଗାଇ ଦେଇଛୁ ।

ଯାହାର ପରିଣାମ ଆଜି ଏହି ସ୍ୱୟଂ ସହାୟକ ଗୋଷ୍ଠୀଗୁଡ଼ିକ ଗ୍ରାମୀଣ ଅର୍ଥନୀତିର ଏକ ପ୍ରମୁଖ ଶକ୍ତି ପାଲଟିଛନ୍ତି। ଏବଂ ମୁଁ ଖୁସି ଯେ ମୁଁ ଏଠାକୁ ଆସୁଥିଲି, ସମସ୍ତ ବ୍ଲକରେ ମା' ଓ ଭଉଣୀମାନେ ଭର୍ତ୍ତି ଅଛନ୍ତି । ସେମାନେ କେତେ  ଉତ୍ସାହ, କେତେ ଉଦ୍ଦୀପନା । ଏବେ ଆମ ସରକାର ସ୍ୱୟଂ ସହାୟକ ଗୋଷ୍ଠୀର ତିନି କୋଟି ଭଉଣୀଙ୍କୁ କୋଟିପତି କରିବା ପାଇଁ କାମ କରୁଛନ୍ତି । ମୁଁ ଖୁସି ଯେ ପ୍ରାୟ ୧.୨୫ କୋଟି ଭଉଣୀ କୋଟିପତି ଦିଦି ହୋଇସାରିଛନ୍ତି । ଅର୍ଥାତ୍ ସେମାନେ ବର୍ଷକୁ ଏକ ଲକ୍ଷରୁ ଅଧିକ ଟଙ୍କା ରୋଜଗାର କରିବା ଆରମ୍ଭ କରିଛନ୍ତି।

 

ସାଥୀମାନେ

ନାରୀ ଶକ୍ତିକୁ ସୁଦୃଢ଼ କରିବା ପାଇଁ ଆମେ ଅନେକ ନୂଆ ଯୋଜନା ପ୍ରସ୍ତୁତ କରୁଛୁ । ଏବେ ନମୋ ଡ୍ରୋନ୍ ଦିଦି ଯୋଜନା ରହିଛି। ଏହା ଅଧୀନରେ ହଜାର ହଜାର ଭଉଣୀଙ୍କୁ ଡ୍ରୋନ୍ ପାଇଲଟ୍ ଭାବେ ତାଲିମ ଦିଆଯାଉଛି। ହଜାର ହଜାର ଗୋଷ୍ଠୀଙ୍କୁ  ମିଳି  ମଧ୍ୟ ସାରିଲାଣି ।   ଭଉଣୀମାନେ ଡ୍ରୋନ୍ ମାଧ୍ୟମରେ ଚାଷ କରୁଛନ୍ତି  ସେ ଏଥିରୁ ରୋଜଗାର ମଧ୍ୟ କରୁଛନ୍ତି। ରାଜସ୍ଥାନ ସରକାର ମଧ୍ୟ ଏହି ଯୋଜନାକୁ ଆଗକୁ ନେବା ପାଇଁ ଅନେକ ପ୍ରୟାସ କରୁଛନ୍ତି ।

ସାଥୀମାନେ

ନିକଟରେ ଆମେ ଭଉଣୀ ଓ ଝିଅଙ୍କ ପାଇଁ ଆଉ ଏକ ବଡ ଯୋଜନା ଆରମ୍ଭ କରିଛୁ । ଏହି ଯୋଜନା ହେଉଛି ବୀମା ସଖୀ ଯୋଜନା । ଏହା ଅଧୀନରେ ଗାଁର ଭଉଣୀ ଓ ଝିଅମାନଙ୍କୁ ବୀମା କାର୍ଯ୍ୟ ସହିତ ଯୋଡ଼ାଯିବ, ସେମାନଙ୍କୁ ତାଲିମ ଦିଆଯିବ। ଏହା ଅଧୀନରେ ପ୍ରାରମ୍ଭିକ ବର୍ଷଗୁଡ଼ିକରେ ସେମାନଙ୍କ କାମ ବନ୍ଦ ନ’ ହେବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେମାନଙ୍କୁ ମାନଦଣ୍ଡ ଭାବରେ ଏକ ନିର୍ଦ୍ଦିଷ୍ଟ ରାଶି ପ୍ରଦାନ କରାଯିବ। ଏହା ଅଧୀନରେ ଭଉଣୀମାନଙ୍କୁ ଟଙ୍କା ମଧ୍ୟ ମିଳିବ ଏବଂ ଏହା ସହିତ ସେମାନଙ୍କୁ ଦେଶ ସେବା କରିବାର ସୁଯୋଗ ମଧ୍ୟ ମିଳିବ । ଆମେ ଦେଖିଛୁ ଯେ ଆମର ବ୍ୟାଙ୍କ ବନ୍ଧୁମାନେ କେତେ ଚମତ୍କାର କାର୍ଯ୍ୟ କରିଥିଲେ। ଆମ ବ୍ୟାଙ୍କ ସଖୀମାନେ ଦେଶର କୋଣ ଅନୁକୋଣକୁ ବ୍ୟାଙ୍କିଙ୍ଗ  ସେବା ପ୍ରଦାନ କରିଛନ୍ତି, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଗାଁରେ ସେମାନେ ଆକାଉଣ୍ଟ ଖୋଲିଛନ୍ତି ଏବଂ ଲୋକଙ୍କୁ ଋଣ ସୁବିଧା ରେ ଯୋଡ଼ିଛନ୍ତି। ବର୍ତ୍ତମାନ ବୀମା ସଖୀ ମଧ୍ୟ ଭାରତର ପ୍ରତ୍ୟେକ ପରିବାରକୁ ବୀମା ସୁବିଧା ସହିତ ଯୋଡ଼ିବାରେ ସାହାଯ୍ୟ କରିବ । ଏହି କ୍ୟାମେରାମ୍ୟାନମାନଙ୍କୁ ମୋର ଅନୁରୋଧ ଯେ ଆପଣ ଆପଣଙ୍କ କ୍ୟାମେରାକୁ ଅନ୍ୟ ପାର୍ଶ୍ୱକୁ ଫେରାଇ ଦିଅନ୍ତୁ, ଦୟାକରି ଏହାକୁ ଏଠାରେ ଥିବା ଲକ୍ଷ ଲକ୍ଷ ଲୋକଙ୍କ ପାଖକୁ ନେଇ ଯାଆନ୍ତୁ ।

ସାଥୀମାନେ

ଗାଁର ଆର୍ଥିକ ସ୍ଥିତିରେ ଉନ୍ନତି ଆଣିବା ପାଇଁ ବିଜେପି ସରକାର ନିରନ୍ତର ପ୍ରୟାସ ଜାରି ରଖିଛନ୍ତି। ବିକଶିତ ଭାରତ ଗଠନ ପାଇଁ ଏହା ଅତ୍ୟନ୍ତ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ । ସେଥିପାଇଁ ଗାଁରେ ରୋଜଗାର ଓ ରୋଜଗାରର ସବୁ ଉପାୟ ଉପରେ ଆମେ ଗୁରୁତ୍ୱ ଦେଉଛୁ । ବିଜେପି ସରକାର ରାଜସ୍ଥାନରେ ଶକ୍ତି କ୍ଷେତ୍ରରେ ଅନେକ ଚୁକ୍ତି କରିଛନ୍ତି। ଆମର କୃଷକମାନେ ଏଥିରୁ ଅଧିକ ଉପକୃତ ହେବାକୁ ଯାଉଛନ୍ତି । ରାଜସ୍ଥାନ ସରକାର କୃଷକମାନଙ୍କୁ ଦିନରେ ବିଜୁଳି ଯୋଗାଇଦେବାକୁ ଯୋଜନା କରିଛନ୍ତି। ଚାଷୀମାନଙ୍କୁ ରାତିରେ ଜଳସେଚନର ବାଧ୍ୟତାମୂଳକତାରୁ ମୁକ୍ତ କରିବା ଦିଗରେ ଏହା ଏକ ବଡ଼ ପଦକ୍ଷେପ।

 

ସାଥୀମାନେ

ରାଜସ୍ଥାନରେ ସୌର ଶକ୍ତିର ଯଥେଷ୍ଟ ସମ୍ଭାବନା ରହିଛି। ଏହି ମାମଲାରେ ରାଜସ୍ଥାନ ଦେଶର ଅଗ୍ରଣୀ ରାଜ୍ୟ ହୋଇପାରେ। ଆମ ସରକାର ସୌର ଶକ୍ତିକୁ ଏକ ମାଧ୍ୟମ କରି ଆପଣଙ୍କ ବିଦ୍ୟୁତ ୍ ବିଲ୍ କୁ ଶୂନକୁ ହ୍ରାସ କରିଛନ୍ତି। କେନ୍ଦ୍ର ସରକାର ପିଏମ ସୂର୍ଯ୍ୟଘର ମାଗଣା ବିଜୁଳି ଯୋଜନା ଚଳାଉଛନ୍ତି । ଏହା ଅଧୀନରେ କେନ୍ଦ୍ର ସରକାର ଘରଛାତରେ ସୋଲାର ପ୍ୟାନେଲ ଲଗାଇବା ପାଇଁ ପ୍ରାୟ ୭୫-୮୦ ହଜାର ଟଙ୍କାର ସହାୟତା ଦେଉଛନ୍ତି। ଯଦି ଆପଣ ଏଥିରୁ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେବାକୁ ଥିବା ବିଦ୍ୟୁତବ୍ୟବହାର କରିବେ ଏବଂ ଏହା ଆପଣଙ୍କ ଆବଶ୍ୟକତାଠାରୁ ଅଧିକ, ତେବେ ଆପଣ ବିଜୁଳି ବିକ୍ରି କରିପାରିବେ ଏବଂ ସରକାର ସେହି ବିଜୁଳି ମଧ୍ୟ କିଣିବେ । ମୁଁ ଖୁସି ଯେ ବର୍ତ୍ତମାନ ସୁଦ୍ଧା ଦେଶର ୧ କୋଟି ୪୦ ଲକ୍ଷରୁ ଅଧିକ ପରିବାର ଏହି ଯୋଜନା ପାଇଁ ପଞ୍ଜୀକରଣ କରିଛନ୍ତି । ଖୁବ୍ କମ୍ ସମୟ ମଧ୍ୟରେ ପ୍ରାୟ ୭ ଲକ୍ଷ ଲୋକଙ୍କ ଘରେ ସୋଲାର ପ୍ୟାନେଲ୍ ସିଷ୍ଟମ ଲଗାଯାଇଛି। ଏଥିରେ ରାଜସ୍ଥାନର ୨୦ ହଜାରରୁ ଅଧିକ ପରିବାର ସାମିଲ ଅଛନ୍ତି। ଏହି ସବୁ ଘରେ ସୌର ବିଦ୍ୟୁତ୍ ଉତ୍ପାଦନ ଆରମ୍ଭ ହେବା ସହ ଲୋକଙ୍କ ଟଙ୍କା ମଧ୍ୟ ସଞ୍ଚୟ ହେବାରେ ଲାଗିଛି।

ସାଥୀମାନେ

କେବଳ ଘର ଛାତ ଉପରେ ନୁହେଁ, କ୍ଷେତରେ ମଧ୍ୟ ସୌର ଶକ୍ତି ପ୍ଲାଣ୍ଟ ସ୍ଥାପନ କରିବାରେ ସରକାର ସାହାଯ୍ୟ କରୁଛନ୍ତି। ପିଏମ କୁସୁମ ଯୋଜନା ଅଧୀନରେ ରାଜସ୍ଥାନ ସରକାର ଆଗାମୀ ଦିନରେ ଶହ ଶହ ନୂଆ ସୋଲାର ପ୍ଲାଣ୍ଟ ସ୍ଥାପନ କରିବାକୁ ଯାଉଛନ୍ତି । ଯେତେବେଳେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ପରିବାର ଶକ୍ତି ଦାତା ହେବେ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଚାଷୀ ଶକ୍ତି ଦାତା ହେବେ, ସେତେବେଳେ ବିଜୁଳିରୁ ଆୟ ହେବ ଏବଂ ପ୍ରତ୍ୟେକ ପରିବାରର ଆୟ ମଧ୍ୟ ବୃଦ୍ଧି ପାଇବ ।

ସାଥୀମାନେ

ସଡ଼କ, ରେଳ ଓ ବିମାନ ଯାତ୍ରାକ୍ଷେତ୍ରରେ ରାଜସ୍ଥାନକୁ ସବୁଠାରୁ ସଂଯୁକ୍ତ ରାଜ୍ୟ ରେ ପରିଣତ କରିବା ଆମର ସଂକଳ୍ପ। ରାଜସ୍ଥାନ, ଦିଲ୍ଲୀ, ବଦୋଦରା ଏବଂ ମୁମ୍ବାଇ ଭଳି ବଡ଼ ଶିଳ୍ପ କେନ୍ଦ୍ରର ମଝିରେ  ଅବସ୍ଥିତ । ରାଜସ୍ଥାନବାସୀଙ୍କ ପାଇଁ, ଏଠିକାର ଏହି ରାଜ୍ୟର ଯୁବବର୍ଗଙ୍କ ପାଇଁ ଏହା ଏକ ବଡ଼ ସୁଯୋଗ। ଏହି ତିନୋଟି ସହରକୁ ରାଜସ୍ଥାନ ସହ ସଂଯୋଗ କରୁଥିବା ନୂତନ ଏକ୍ସପ୍ରେସ ୱେ ଦେଶର ଶ୍ରେଷ୍ଠ ଏକ୍ସପ୍ରେସୱେ ମଧ୍ୟରୁ ଅନ୍ୟତମ । ମେଜ ନଦୀ ଉପରେ ଏକ ବୃହତ ପୋଲ ନିର୍ମାଣ ହେଲେ ସୱାଇ ମାଧୋପୁର, ବୁନ୍ଦି, ଟଙ୍କ ଏବଂ କୋଟା ଜିଲ୍ଲା ଉପକୃତ ହେବେ । ଦିଲ୍ଲୀ, ମୁମ୍ବାଇ ଏବଂ ଭଦୋଦରାର ବଡ଼ ମଣ୍ଡି ଏବଂ ବଡ଼ ବଜାରରେ ପହଞ୍ଚିବା ଏହି ଜିଲ୍ଲାଗୁଡ଼ିକର କୃଷକମାନଙ୍କ ପାଇଁ ସହଜ ହେବ । ଏହାଦ୍ୱାରା ପର୍ଯ୍ୟଟକମାନେ ଜୟପୁର ଓ ରଣଥମ୍ବୋର ବ୍ୟାଘ୍ର ଅଭୟାରଣ୍ୟରେ ପହଞ୍ଚିବା ସହଜ ହେବ। ଆମେ ସମସ୍ତେ ଜାଣୁ ଯେ ଆଜିର ସମୟରେ ସମୟ ବହୁତ ମୂଲ୍ୟବାନ ଅଟେ । ଲୋକଙ୍କ ସମୟ ବଞ୍ଚାଇବା ସହ ସେମାନଙ୍କ ସୁବିଧା କୁ ବଢ଼ାଇବା ଆମର ପ୍ରୟାସ ।

 

ସାଥୀମାନେ

ଜାମନଗର-ଅମୃତସର ଅର୍ଥନୈତିକ କରିଡର ଦିଲ୍ଲୀ-ଅମୃତସର-କଟରା ଏକ୍ସପ୍ରେସୱେ ସହିତ ସଂଯୁକ୍ତ ହେବା ପରେ ରାଜସ୍ଥାନକୁ ମା' ବୈଷ୍ଣୋ ଦେବୀ ଧାମ ସହିତ ସଂଯୋଗ କରିବ। ଏହା ଦ୍ୱାରା କାଣ୍ଡଲା ଓ ମୁନ୍ଦ୍ରା ବନ୍ଦର ସହ ଉତ୍ତର ଭାରତର ଶିଳ୍ପ ଜଗତ ସହ ସହ ସିଧାସଳଖ ଯୋଗାଯୋଗ ହୋଇପାରିବ । ଏହାଦ୍ୱାରା ରାଜସ୍ଥାନରେ ପରିବହନ କ୍ଷେତ୍ର ଉପକୃତ ହେବ, ଏଠାରେ ବଡ ବଡ ଗୋଦାମ ନିର୍ମାଣ ହେବ । ଏଥିରେ ରାଜସ୍ଥାନର ଯୁବକ ଅଧିକ କାମ କରିବେ ।

ସାଥୀମାନେ

ଯୋଧପୁର ରିଙ୍ଗରୋଡରୁ ଜୟପୁର, ପାଲି, ବାରମେର, ଜୈସଲମେର, ନାଗୌର ଏବଂ ଅନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ସୀମା କୁ ସଂଯୋଗ ରେ ସୁଧାର ଆସିବ । ଏହା ଦ୍ୱାରା ସହର ଅନାବଶ୍ୟକ ଜାମରୁ ମୁକ୍ତି ପାଇବ। ଏହା ଦ୍ୱାରା ଯୋଧପୁର କୁ ଆସୁଥିବା ପର୍ଯ୍ୟଟକ, ବେପାରୀ  ଓ ବ୍ୟବସାୟୀଙ୍କ ପାଇଁ ବହୁତ ଲାଭ ହେବ ।

ସାଥୀମାନେ

ଆଜି ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମରେ ହଜାର ହଜାର ବିଜେପି କର୍ମୀ ମଧ୍ୟ ମୋ ସାମ୍ନାରେ ଉପସ୍ଥିତ ଅଛନ୍ତି। ସେମାନଙ୍କ କଠିନ ପରିଶ୍ରମ ଯୋଗୁଁ ଆଜି ଆମେ ଏହି ଦିନଟିକୁ ଦେଖୁଛୁ । ମୁଁ ମଧ୍ୟ ବିଜେପି କର୍ମୀମାନଙ୍କୁ କିଛି ଅନୁରୋଧ କରିବାକୁ ଚାହୁଁଛି । ବିଜେପି କେବଳ ବିଶ୍ୱର ସର୍ବବୃହତ ରାଜନୈତିକ ଦଳ ନୁହେଁ, ବରଂ ଏହା ଏକ ବିରାଟ ସାମାଜିକ ଆନ୍ଦୋଳନ । ବିଜେପି ପାଇଁ ଦଳ ଠାରୁ ଦେଶ ବଡ । ବିଜେପିର ପ୍ରତ୍ୟେକ କର୍ମକର୍ତ୍ତା ସଚେତନତା ଓ ନିଷ୍ଠାର ସହ ଦେଶ ପାଇଁ କାମ କରୁଛନ୍ତି। ଜଣେ ବିଜେପି କର୍ମୀ କେବଳ ରାଜନୀତିରେ ଜଡିତ ନୁହଁନ୍ତି, ସେ ସାମାଜିକ ସମସ୍ୟାର ସମାଧାନ ରେ ମଧ୍ୟ ଜଡିତ । ଆଜି ଆମେ ଏପରି ଏକ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମକୁ ଆସିଛୁ ଯାହା ଜଳ ସଂରକ୍ଷଣ ସହିତ ଗଭୀର ଭାବରେ ଜଡ଼ିତ । ଜଳ ସମ୍ପଦର ସଂରକ୍ଷଣ ଏବଂ ପ୍ରତ୍ୟେକ ବୁନ୍ଦା ଜଳର ଅର୍ଥପୂର୍ଣ୍ଣ ଉପଯୋଗ ସରକାର, ପ୍ରତ୍ୟେକ ନାଗରିକଙ୍କ ସମେତ ସମଗ୍ର ସମାଜର ଦାୟିତ୍ୱ । ସେଥିପାଇଁ ମୁଁ ପ୍ରତ୍ୟେକ ବିଜେପି କର୍ମୀ ଏବଂ ମୋ ବିଜେପିର ପ୍ରତ୍ୟେକ ସହକର୍ମୀଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କ ଦୈନନ୍ଦିନ ଦିନଚର୍ଯ୍ୟାରେ ଜଳ ସଂରକ୍ଷଣ କାର୍ଯ୍ୟରେ କିଛି ସମୟ ଦେବାକୁ ଏବଂ ଅତ୍ୟନ୍ତ ନିଷ୍ଠାର ସହ କାର୍ଯ୍ୟ କରିବାକୁ କହିବାକୁ ଚାହେଁ । କ୍ଷୁଦ୍ର ଜଳସେଚନ, ଡ୍ରିପ୍ ଜଳସେଚନ ସହିତ ଜଡିତ, ଅମୃତ ସରୋବର ରକ୍ଷଣାବେକ୍ଷଣରେ ସାହାଯ୍ୟ କରିବା, ଜଳ ପରିଚାଳନାର ମାଧ୍ୟମ ସୃଷ୍ଟି କରିବା ଏବଂ ଜନସାଧାରଣଙ୍କୁ ସଚେତନ କରିବା। ପ୍ରାକୃତିକ ଚାଷ ପ୍ରତି ଚାଷୀଙ୍କୁ ସଚେତନ ମଧ୍ୟ କରିବା ଦରକାର।

ଆମେ ସମସ୍ତେ ଜାଣୁ ଯେ ଯେତେ ଅଧିକ ଗଛ ରହିବ, ଏହା ପୃଥିବୀକୁ ଜଳ ସଂରକ୍ଷଣ କରିବାରେ ସେତେ ଅଧିକ ସାହାଯ୍ୟ କରିବ । ସେଥିପାଇଁ  ଏକ ପେଡ ମା’ କେ ନାମ ଅଭିଯାନ ବହୁତ ସାହାଯ୍ୟ କରିପାରିବ। ଏହା ଦ୍ଵାରା ଆମ ମା'ଙ୍କ ସମ୍ମାନ ବଢିବା ସହ ପୃଥିବୀ ମାତାଙ୍କ ସମ୍ମାନ ମଧ୍ୟ ବଢିବ । ପରିବେଶ ପାଇଁ ଅନେକ କାମ ହୋଇପାରେ। ଉଦାହରଣ ସ୍ୱରୂପ, ମୁଁ ପିଏମ ସୂର୍ଯ୍ୟ ଘର ଅଭିଯାନ ବିଷୟରେ କହିସାରିଛି । ବିଜେପି କର୍ମୀମାନେ ସୌର ଶକ୍ତିର ବ୍ୟବହାର ବିଷୟରେ ଲୋକଙ୍କୁ ସଚେତନ କରିପାରିବେ, ଏହି ଯୋଜନା ଏବଂ ଏହାର ଫାଇଦା ବିଷୟରେ କହିପାରିବେ । ଆମ ଦେଶର ଲୋକମାନଙ୍କର ସ୍ୱଭାବ ରହିଛି। ଯେତେବେଳେ ଦେଶ ଦେଖିଥାଏ ଯେ କୌଣସି ଅଭିଯାନର ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ଠିକ୍, ତା'ର ନୀତି ଠିକ୍, ସେତେବେଳେ ଲୋକମାନେ ଏହାକୁ କାନ୍ଧରେ ବୋହି ନେଇଥାନ୍ତି, ଏହା ସହିତ ଜଡ଼ିତ ହୁଅନ୍ତି ଏବଂ ଏକ ମିଶନ କାର୍ଯ୍ୟ ସହିତ ନିଜକୁ ଯୋଡ଼ି ଦିଅନ୍ତି । ସ୍ୱଚ୍ଛ ଭାରତରେ ଆମେ ଏହା ଦେଖିଛୁ । ବେଟି ବଚାଓ ବେଟି ପଢ଼ାଓ ଅଭିଯାନରେ ଆମେ ଏହା ଦେଖିଛୁ। ମୋର ବିଶ୍ୱାସ ଯେ ପରିବେଶ ସଂରକ୍ଷଣ ତଥା ଜଳ ସଂରକ୍ଷଣ କ୍ଷେତ୍ରରେ ମଧ୍ୟ ଆମକୁ ସମାନ ସଫଳତା ମିଳିବ ।

ସାଥୀମାନେ

ଆଜି ରାଜସ୍ଥାନରେ ଯେଉଁ ଆଧୁନିକ ଉନ୍ନୟନ ମୂଳକ କାର୍ଯ୍ୟ ହେଉଛି, ଯେଉଁ ଭିତ୍ତିଭୂମି ନିର୍ମାଣ କରାଯାଉଛି, ତାହା ବର୍ତ୍ତମାନ ଓ ଭବିଷ୍ୟତ ପିଢ଼ି ପାଇଁ ଉପଯୋଗୀ ହେବ। ଏହା ରାଜସ୍ଥାନକୁ ଏକ ବିକଶିତ ରାଜସ୍ଥାନ ରେ ପରିଣତ କରିବାରେ ସହାୟକ ହେବ ଏବଂ ଯେତେବେଳେ ରାଜସ୍ଥାନର ବିକାଶ ହେବ, ଭାରତ ମଧ୍ୟ ଦ୍ରୁତ ଗତିରେ ବିକଶିତ ହେବ । ଆଗାମୀ ଦିନରେ ଡବଲ ଇଞ୍ଜିନ ସରକାର ଦ୍ରୁତ ଗତିରେ କାମ କରିବ । ମୁଁ ଆଶ୍ୱାସନା ଦେଉଛି ଯେ କେନ୍ଦ୍ର ସରକାର ରାଜସ୍ଥାନର ବିକାଶ ପାଇଁ କୌଣସି କସରତ ଛାଡ଼ିବେ ନାହିଁ । ପୁଣି ଥରେ ଆପଣମାନେ ଏତେ ସଂଖ୍ୟକ ସଂଖ୍ୟାରେ ଆପଣଙ୍କୁ, ବିଶେଷ କରି ମା' ଭଉଣୀମାନଙ୍କୁ ଆଶୀର୍ବାଦ ଦେବା ପାଇଁ ଆସିଛନ୍ତି, ମୁଁ ଆପଣଙ୍କୁ ମୁଣ୍ଡ ନୁଆଁଇ ଧନ୍ୟବାଦ ଜଣାଉଛି, ଏବଂ ଆଜିର ସୁଯୋଗ ଆପଣଙ୍କ ପାଇଁ ଏବଂ ଆଜିର ସୁଯୋଗ ଆପଣଙ୍କ ପାଇଁ । ମୁଁ ଆପଣଙ୍କୁ ଶୁଭେଚ୍ଛା ଜଣାଉଛି । ତୁମର ପୂରା ଶକ୍ତି ସହିତ ଦୁଇ ହାତ ଉଠାନ୍ତୁ ଏବଂ ମୋ ସହିତ କଥା ହୁଅନ୍ତୁ -

ଭାରତ ମାତା କି ଜୟ!

ଭାରତ ମାତା କି ଜୟ!

ଭାରତ ମାତା କି ଜୟ!

ଆପଣଙ୍କୁ ବହୁତ ବହୁତ ଧନ୍ୟବାଦ!