आदरणीय स्पीकर महोदया,
दुनिया में Environment की चर्चा तो लंबे अर्से से होती थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सामान्य मानविकी जीवन में उसका Impact महसूस हो रहा है। Negative impact महसूस हो रहा है और उसके कारण सब तरफ Environment एक चिंता का विषय बना हुआ है और मानव जाति के सामने challenge है कि इस समस्या के समाधान के लिए ये हम किस प्रकार से रास्ते खोजें|
अभी Paris में COP 21 के समय विश्व के नेताओं ने मिल करके संकल्प किया उसका तो महत्व है ही , लेकिन वहाँ दो महत्त्वपूर्ण initiative लिए गए हैं| एक innovation की दिशा में काम करना ताकि हम fossil fuels से मुक्त हो करके Energy में किस प्रकार से आगे बढ़ें| US, France, India तीनों ने मिल करके initiative लिया है innovations का| Bill Gates foundation भी उसके साथ जुड़ा हुआ है। इसके एक सकारात्मक परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगें।
दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय वहाँ हुआ कि दुनिया में करीब 122 देश ऐसे हैं कि जहाँ 300 दिन से ज्यादा सूरज तपता है, सूर्य प्रकाश का लाभ इन देशों को 300 दिन से ज्यादा मिलता है। भारत के initiative से उन देशों का एक संगठन हुआ है और उस संगठन का Head Quarter भारत में रहने वाला है; और सूर्य ऊर्जा का उपयोग भविष्य में कैसे किया जाए इस पर ये देश मिलकर काम करने वाले हैं।
Make in India का जो हमारा initiative है उसमें आज एक नया नजराना..... ये दुनिया को भी काम आने वाला है क्योंकि बैटरी की नए प्रकार से रचना कैसे हो, बैटरी की Life कैसे ज्यादा हो और बैटरी cost effective कैसे हो। इस पर Research हुआ है और उसका यह नतीजा है कि पुरानी बस में थोड़ा सा खर्च करके अभी आपने देखा होगा कि बस चल रही थी लेकिन आवाज़ कहीं नहीं आ रही थी | अगर ! बस चालू करें तो पता चलेगा कि ... चालू ही है अभी, तो उसकी जरा सी भी आवाज नहीं है और Pollution का तो उसको कोई अवसर ही नहीं है।
अभी तो सांसद लोगों को इसका लाभ मिलेगा लेकिन अगर Start-up India, Stand-up India में अगर नई पीढ़ी के लोग इस बैटरी बनाने के काम में आएंगे आगे तो बहुत तेजी से हम, हमारा Public Transportation system है उसमें इस नयी रचना को ला सकते हैं।
हमारे नितिन जी को इन विषयों में रूचि भी है, वो पढ़ते भी रहते हैं कुछ न कुछ खोजते रहते हैं, तो मैं उनको बधाई देता हूँ कि उन्हों ने environment की दृष्टि से Technology को कैसे उपयोग किया जाए और Make in India को बल देते हुए कैसे आगे बढ़ा जाए, उसमें एक सफल प्रयास किया है| मैं उनको बधाई देता हूँ और आदरणीय सुमित्रा जी उन्होंने संसद की गतिविधियों को संसद के सदन के कार्यकाल के सिवाय भी कुछ न कुछ नयापन देने का प्रयास किया है उसमें एक नया नज़राना जुड़ रहा है, उनको भी बधाई।
धन्यवाद !