QuoteHIRA model of development - Highways, i- Ways, Railways, Airways is on in Tripura, says PM
QuoteUnder PM Kisan Samman Nidhi Yojana, farmers with less than 5 acres will get Rs 6000 per annum in their bank accounts: PM
QuoteThrough PM Shram Yogi Mandhan Pension Yojana, labourers in unorganized sector will get Rs.3000 per month as pension after 60 years of age: PM

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारी संख्‍या में पधारे हुए, मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों!

मां त्रिपुरा सुन्‍दरी की धरती पर आप सभी के बीच आने का एक बार फिर सौभाग्‍य मिला है। यहां पर दशकों बाद जो आपने परिवर्तन किया है, उसका संतोष आपके चेहरे पर मैं देख सकता हूं। अभी पूरे रास्‍ते पर जब लोग थे तो मैं देख रहा था कि 11 महीने पहले आपको जो मुक्ति मिली है, उस मुक्ति का आनंद आपके चेहरे पर नजर आ रहा था। बीते 11 महीनों में आपने लोकतंत्र और विकास को सही मायने में अनुभव किया है। त्रिपुरा के विकास को, त्रिपुरा के विश्‍वास को नए रास्‍ते पर ले जाने के लिए मैं यहां के लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री और उप-मुख्‍यमंत्री, दोनों को और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियो, यहां आने से पहले मुझे airport campus में महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्‍य बहादुर जी का उनकी प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला; जिन्‍होंने त्रिपुरा के लिए सपने देखे हैं, जिन्‍होंने उन सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास किया, ऐसे महापुरुष की प्रतिमा का एयरपोर्ट पर लगना, यहां आने वाले हर व्‍यक्ति को सकारात्‍मकता से भरने वाला है। वीर विक्रम जी की प्रतिमा त्रिपुरा के हर जन को विकास के vision के लिए प्रेरित करने वाली है।

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साथियो, त्रिपुरा के विकास के लिए केंद्र सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ी। बीते साढ़े चार वर्ष से त्रिपुरा के लिए पर्याप्‍त फंड जारी किया गया, लेकिन पहले की सरकार के रवैये के चलते यहां काम नहीं हो पाया था। लेकिन वर्तमान सरकार अब त्रिपुरा के विकास को गति देने में जुटी है। मुझे बताया गया है कि राज्‍य के इतिहास में पहली बार न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर एमएसपी के आधार पर, एमएसपी के आधार पर पहली बार त्रिपुरा राज्‍य में किसानों से धान खरीदा है। मैं हैरान हूं, दिल्‍ली में बड़े-बड़े भाषण झाड़ने वाले नेता- जब यहां उनकी पार्टी की सरकार थी, एमएसपी पर किसानों का धान खरीदने का भी काम जिन्‍होंने नहीं किया; देश को ऐसे लोगों को पहचानना पड़ेगा। उनको बेनकाब करना पड़ेगा। इसके अलावा सातवें वित्‍त आयोग की सिफारिशों को लागू कर लाखों कर्मचारियों का ध्‍यान भी रखा गया है। ये काम- जो मजदूरों के नाम पर राजनीति करते हैं, कामगारों के नाम पर राजनीति करते हैं, दुनियाभर को मजदूरों के हक के भाषण देते हैं, उन्‍होंने त्रिपुरा में इ‍तने साल शासन किया, लेकिन pay commission की रिपोर्ट की कभी परवाह नहीं की। एक प्रकार से जिस त्रिपुरा को पहले की सरकार ने अलग-थलग करके रखा था, वो अब सही मायने में हमारा त्रिपुरा देश की मुख्‍यधारा में जुड़ रहा है।

साथियो, त्रिपुरा के सामान्‍य मानवी के हित को विस्‍तार देते हुए अभी-अभी मैंने सैंकड़ों करोड़ के प्रोजेक्‍ट्स का उद्घाटन किया है। अगरतला-सबरुम रेलवे लाइन का गर्जि-बेलोनिया सेक्‍शन हो या त्रिपुरा इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी का नया कैम्‍पस, ये यहां के युवाओं को नए अवसरों से जोड़ने वाले हैं।

साथियो, चुनाव के समय जब मैं यहां आया था तो मैंने विकास के HIRA model की बात की थी, एचआईआरए। लोग चुनाव में बोलते हैं, बातें भुल जाते हैं; मैं सामने से याद करा रहा हूं। एचआईआरए, मैंने HIRA की वकालत की थी। इसका मतलब था highway, I-way, railway, airway- एचआईआरए।

अगरतला से सबरूम तक का नेशनल हाईवे प्रोजेक्‍ट हो, रेल लाइन हो, हमसफर एक्‍सप्रेस हो, अगरतला-देवधर एक्‍सप्रेस हो, अगरतला के एयरपोर्ट में बन रहा दूसरा टर्मिनल हो; ये सारे प्रोजेक्‍ट त्रिपुरा के उसी HIRA model की झांकी हैं। इन प्रोजेक्ट्स से त्रिपुरा में रोजगार के नए अवसर पैदा होने वाले हैं, यहां उद्योगों की संभावनाएं बनने वाली हैं।

साथियो, जिस त्रिपुरा को land lock राज्‍य बताकर विकास का हक छीना गया, उस त्रिपुरा को हम साउथ-ईस्‍ट एशिया का नया Gateway बना रहे हैं। बंगलादेश सरकार के सहयोग से चिटगांव और आशुगंज पोर्ट के रास्‍ते त्रिपुरा को water connectivity का फायदा मिलने वाला है। फेणी नदी के पुल पर भी तेजी से काम चल रहा है। जब ये पुल पूरा हो जाएगा, गोमती नदी को गहरा करने का काम पूरा हो जाएगा, तब त्रिपुरा सिर्फ नॉर्थ-ईस्‍ट का नहीं, साउथ-ईस्‍ट एशिया का commercial hub बनने के रास्‍ते पर चल पड़ेगा।

अब आप मुझे बताइए, ये गोमती नदी नरेन्‍द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आई क्‍या? पहले थी कि नहीं थी? पहले थी ना? विप्‍लब जी मुख्‍यमंत्री बने, उससे पहले भी थी ना? आपको दिखती थी? पहले वाली सरकार को नहीं दिखती थी। हमने उस गोमती को गहरा करके उसी में जहाज चलाने का फैसला किया है।

भाइयो और बहनों, बीते महीनों के दौरान यहां की सरकार ने टेक्‍नोलॉजी के माध्‍यम से आपके जीवन को आसान बनाने का लगातार प्रयास किया है। गरीबों का राशन हो, जमीन का मामला हो या फिर दूसरी सेवाएं- बाकी देश की तरह इंटरनेट से जनता को सुविधाएं देने का काम तेज गति से चल रहा है। इस डिजिटल अभियान से बिचौलियों पर बराबर की लगाम लग गई है। और मुझे बताया गया कि हमारे त्रिपुरा में 62 हजार से ज्‍यादा ऐसे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा था, जो लोग थे ही नहीं- सिर्फ कागज पर ही पैदा हुए, कागज पर ही बड़े हुए और कागज पर ही रुपये लेते गए। ये फर्जी लोग आपका पैसा लूटकर किसकी तिजोरी भर रहे थे- ये आप भलीभांति जानते हैं।

साथियो, इस तरह बीते साढ़े चार वर्षों से देशभर में ऐसे फर्जीवाड़ा करने वाले आठ करोड़ फर्जी लाभार्थियों को सिस्‍टम से हमने बाहर कर दिया है। ये वो लोग थे जो दूसरे गरीब का राशन खा जाते थे, पेंशन खा जाते थे, स्‍कॉलरशिप हड़़प जाते थे। ये पूरी व्‍यवस्‍था किसने बनाई- आप मुझे बताइए कि बिचौलियों और दलालों की ये पूरी व्‍यवस्‍था किसने तैयार की? जरा जोर से बताइए- कौन लोग हैं जिम्‍मेदार? किसने बर्बादी की?

साथियो, दिल्‍ली में जिनकी 55 सालों तक सरकार थी, और यहां जिनकी दो दशक तक सरकार रही, असल में इन्‍हीं दोनों साथियों की जुगलबंदी ने ये पाप किया था, ये कमाल किया था। गुंडों और भ्रषटाचारियों, बिचौलियों की महामिलावट के इन साथियों का ये कमाल था जिसने त्रिपुरा और देश के गरीब-मध्‍यम वर्ग के हक पर डाका डाला।

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साथियो, महामिलावट, ये महामिलावट के साथी- दलालों, बिचौलियों के सबसे बड़े संरक्षक रहे हैं। ये फिर से एक बार दिल्‍ली में सपना देख रहे हैं कि दिल्‍ली में हो सके, उतना जल्‍दी एक मजबूर सरकार बना जाए, मजबूर; मजबूत सरकार से उनको ज्‍यादा परेशानी हो रही है। आप मुझे बताइए देश को मजबूत सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए? इतना बड़ा देश मजबूत सरकार बिना चल सकता है? मजबूत सरकार के बिना फैसले हो सकते हैं? मजबूत सरकार के बिना देश आगे बढ़ सकता है? मजबूत सरकार के बिना नौजवानों का भविष्‍य बन सकता है? उन्‍हें तो मजबूर सरकार चाहिए, क्‍योंकि मजबूर सरकार होगी तो उनके घर भरने में सुविधा रहेगी, उनके वंश-वारिस की सेवा करने की सुविधा रहेगी, तिकड़मबाजी करने के लिए मैदान खुला मिल जाएगा। आप मुझे बताइए भाइयो, बहनों- देश को मजबूत सरकार मिलनी चाहिए की नहीं मिलनी चाहिए?

मोदी को गाली देने का आजकल competition चल रहा है। ओलम्पिक चल रहा है ओलम्पिक। ये महामिलावट में यही काम चल रहा है। अवसरवादिता की हद देखिए- आप मुझे बताइए ये महामिलावट वाले दिल्‍ली में हाथ पकड़-पकड़ करके फोटो निकालते हैं, कलकत्‍ते में जा करके हाथ पकड़-पकड़ करके फोटो निकालते हैं; ये त्रिपुरा में एक-दूसरे का चेहरा देखने के लिए तैयार हैं क्‍या? हैं क्‍या? केरल में हैं क्‍या? बंगाल में हैं क्‍या? लेकिन देश को भ्रमित करने के लिए हाथ में हाथ मिला करके महामिलावट का अभियान चला रहे हैं। और करना क्‍या- जब भी मिलो- मोदी को गाली दो। इनको लगता है कि जनता इनकी तरह ही अपने विवेक पर परदा डाले हुए है, उसको ये महामिलावट का खेल समझ नहीं आता है। असल में ये अभी भी पुराने वाले दौर में जी रहे हैं कि इनके झूठ को कोई पकड़ नहीं पाएगा। जिस तरह विधानसभा के चुनाव में आपने इन्‍हें सच्‍चाई दिखाई, उसी तरह अब लोकसभा चुनाव में देश की जनता बताएगी कि लोगों से झूठ बोलने का मतलब क्‍या होता है।

भाइयो और बहनों, इनसे अगर कोई पूछे कि बताओ भाई किसान के लिए आपकी क्‍या योजना है, क्‍या एजेंडा है? जैसे ही आप पूछोगे कि किसान के लिए क्‍या करोगे- तो उन्‍होंने जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? लेकिन वो क्‍या करते हैं, आप याद रखना- आप उनको किसान का पूछोगे, वो मोदी को इतनी गाली देंगे। अगर आप इनसे पूछोगे कि मजदूर के लिए, श्रमिक के लिए क्‍या करोगे? उन्‍होंने जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? जवाब नहीं देंगे, वो मोदी को उससे जरा बड़ी गाली देंगे। इनसे पूछो कि युवाओं के बेहतर भविष्‍य के लिए क्‍या करोगे, तो जवाब देने के बजाय वो मोदी को उससे भी बड़ी गाली देंगे। जितने सवाल- उतनी गाली बड़ी होती जाती है। हर सवाल का जवाब उनके पास एक ही है- मोदी को गाली दो, मोदी को बड़़ी गाली दो, मोदी को जोर से गाली दो, मोदी को जितनी हो सके उतनी गाली दो; यही इनका काम है।

भाइयो और बहनों, असल में महामिलावट के ये साथी जान चुके हैं कि देश के युवा, देश के गरीब, देश के किसान- वो अपनी आकांक्षाएं मोदी पर भरोसा कर-करके देख रहा है, आशा और विश्‍वास के साथ देख रहा है। मोदी जो काम करता है, उससे एक विश्‍वास जगता है, उसी से उम्‍मीद अधिक होती है और ये सारे मोदी-विरोधियों को भी भलीभांति पता है।

साथियो, बीते साढ़े चार वर्षों में जो काम सरकार ने किए उसको और विस्‍तार देते हुए इस वर्ष के बजट में ‘सबका साथ-सबका विकास’ के रास्‍ते को और मजबूत किया गया है। किसान हो, नौजवान हो, मजदूर हो या मध्‍यम वर्ग- हर किसी के लिए बजट में ऐसी व्‍यवस्‍था की गई है जैसी पहले सोची तक भी नहीं गई थी।

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भाइयो और बहनों, इस बजट में हमने ऐसे लोगों की चिंता की है जिनके बारे में पहले की सरकारों के समय में सिर्फ नारे लगाए गए, सिर्फ वोट बटोरे गए। अब आप ही बताइए, जो घरों में काम करते हैं, जो सड़कों या घरों के निर्माण से जुड़े हैं, जो रिक्‍शा चलाते हैं, रेहड़ी या ठेला चलाते हैं- ऐसे असंगठित क्षेत्रों के करोड़ों मजदूर बहन-भाइयों के लिए unorganized labour के लिए पहले की सरकारों ने क्‍या किया? ये कम्‍युनिस्‍ट पार्टी वाले तो मजदूरों के मसीहा अपने-आपको बताते हैं, लेकिन उनको unorganized labour के लिए कुछ भी करने की सूझी नहीं। दिल्‍ली सरकार के ये पार्टनर थे, यहां इतनी लम्‍बी सरकार चलाई, लेकिन कभी उनको unorganized labour की याद नहीं आई। क्‍या किसी ने इस वर्ग के लिए आज तक कोई बड़ी योजना बनाई?

साथियो, पहले की सरकारें ये काम इसलिए नहीं कर पाईं क्‍योंकि उनकी नीयत साफ नहीं थी। चाय वाले की सरकार ने सही नीयत के साथ एक बड़ी योजना बनाई है। इस योजना का नाम है- ‘प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना’। इसके तहत असंगठित कर्मचारियों की तरह, अन्‍य कर्मचारियों की तरह, असंगठित कामगार श्रमिकों को भी, मजदूरों को भी 60 वर्ष की आयु के बाद 3000 रुपये की एक नियमित पेंशन मिलेगी। जिन बहन-भाइयों की मासिक कमाई 15 हजार रुपये से कम है, वो औसतन 100 रुपये का छोटा सा मासिक अंशदान देकर इस योजना से जुड़ सकते हैं। इसमें भी जितना अंशदान श्रमिक का रहेगा, उतना ही केन्‍द्र सरकार उनके पेंशन खाते में डालेगी, हर महीने डालेगी।

साथियो, इसी तरह किसानों, पशुपालक और मछुआरों के लिए भी अनेक प्रबंध किए गए हैं। किसानों के लिए इतिहास की सबसे बड़ी योजना बनाई गई है- पीएम किसान योजना। इसके तहत त्रिपुरा सहित देशभर के करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को हर साल 6000 रुपये सीधे बैंक खाते में केन्‍द्र सरकार जमा करेगी, और ये दो-दो हजार की तीन किश्‍तों में जमा होंगे। और मेरा प्रयास रहेगा कि जितनी जल्‍दी संभव हो, उतनी जल्‍दी पहली किश्‍त किसानों के खाते में पहुंच जाए। इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनके पास पांच एकड़ या उससे कम जमीन है।

इसी तरह पशुपालकों के लिए भी अब किसानों की तरह क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जा रही है, ताकि वो अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से सस्‍ता ऋण ले सकें और साहूकार के चंगुल में फंसने से बच सकें।

मछुआरों के लिए अलग से department बनाने का फैसला लिया गया है। इससे मछुआरों से जुड़ी समस्‍याओं का जल्‍द से जल्‍द निपटारा हो सकेगा।

सा‍थियो, ये सारे कार्यक्रम उन योजनाओं को भी ताकत देंगे जो बीते साढ़े चार वर्ष से चल रही हैं। जैसे आयुष्‍मान भारत योजना के तहत त्रिपुरा के गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलना सुनिश्चित हुआ है।

उज्‍ज्‍वला योजना के तहत गरीब को मुफ्त में रसोई गैस का कनेक्‍शन मिल रहा है।

जिसके तहत घर नहीं है उसको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्‍का घर और स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत शौचालय दिया जा रहा है। गरीबों को एक रुपये महीने और 90 पैसे के प्रतिदिन के प्रीमियम पर दो-दो लाख रुपये तक के दुर्घटना और जीवन बीमा की सुविधा भी उपलब्‍ध कराई गई है।

मुझे बताया गया है कि त्रिपुरा में 11 महीने के भीतर ही दो लाख से अधिक गैस के कनेक्‍शन; इतना छोटा सा त्रिपुरा राज्‍य, 11 महीने में दो लाख से अधिक गैस के कनेक्‍शन, 20 हजार से ज्‍यादा घर बना करके गरीबों को दिए हैं, सवा लाख से ज्‍यादा शौचालय बनाए गए हैं। ये तमाम योजनाएं आज गरीबों के जीवन स्‍तर को ऊपर उठाने में काम आ रही हैं।

साथियो, त्रिपुरा की पहचान जनजातियों से भी है। इस साल के केन्‍द्रीय बजट में जनजातियों के लिए बजट में बहुत बड़ी वृद्धि की गई है। साथ में घुमंतू, nomadic tribe इस समुदाय की पहचान के लिए पहली बार आयोग बनाने का फैसला भी लिया गया है।

भाइयो और बहनों, हमारी केन्‍द्र सरकार ने autonomous council को सशक्‍त करने की लम्‍बे समय से चल रही मांग को पूरा करने की तरफ भी कदम बढ़ाया है। कानून में बदलाव करके हम न सिर्फ काउंसिल को आत्‍मनिर्भर बनाना चाहते हैं बल्कि काउंसिल के अधिकारों में भी बढ़ोत्‍तरी करना चाहते हैं। मुझे उम्‍मीद है कि कानून में बदलाव के बाद हर इलाके का संतुलित विकास होगा और तेजी से विकास होगा।

साथियो, विकास की पंचधारा यानी बच्‍चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, इसी रास्‍ते को हम निरन्‍तर मजबूत कर रहे हैं। त्रिपुरा इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी त्रिपुरा के युवाओं को पढ़ाई और कमाई से जोड़ने के हमारे अभियान का ही एक बहुत महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। इस इंस्‍टीट्यूट से यहां के युवाओं को शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे और उनके उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की नींव सशक्‍त होगी। त्रिपुरा की शिक्षा व्‍यवस्‍था को मजबूती देने के लिए राज्‍य की सरकार निरन्‍तर अनेक कदम उठा रही है। पहले की सरकार ने जो अव्‍यवस्‍थाएं फैला रखी थीं, उनको दूर किया जा रहा है।

साथियो, मुझे बताया गया है कि युवाओं को कमाई के समान अवसर देने के लिए राज्‍य सरकार ने एक गलत परम्‍परा को यहां की व्‍यवस्‍था से हटा दिया है। पहले सरकारी नौकरियों में एक पार्टी को और उनके डर से जुड़े, लोगों को ही लिया जाता था। इस परम्‍परा को अब पूरी तरह खत्‍म कर दिया गया है। अब त्रिपुरा के हर युवा को मैरिट के आधार पर चयन करने के लिए पारदर्शी व्‍यवस्‍था तैयार की जा रही है।

मुझे ये देखकर संतोष होता है कि अब यहां हिंसा का, डराने-धमकाने का दौर चला गया है और त्रिपुरा शां‍ति से विकास की नई ऊंचाई को छूने के लिए निकल पड़ा है।

मुझे इस बात की भी खुशी है कि त्रिपुरावासी अब आराम से माता त्रिपुरेशवरी का आशीर्वाद ले सकता है, हवन कर सकता है, पूजा, हवन, दीवाली, होली- सभी त्‍योहारों को पूरी आजादी के साथ सभी त्रिपुरावासी मना सकते हैं।

भाइयो और बहनों, 11 महीने पहले आपने जो नए त्रिपुरा के लिए अपना वोट दिया था उसको और शक्ति देने के लिए, अब नए भारत के लिए नया जनादेश भी आपको देना है। अगरतला और दिल्‍ली में विकास से डबल इंजन चलता रहे, इसके लिए आपको जुटे रहना है। आपके विश्‍वास से ही विकास के नए रास्‍ते खुलेंगे।

मैं फिर एक बार आपके आशीर्वाद के लिए, इस विशाल संख्‍या में आने के लिए हृदय से आपका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं।

मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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The government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM Modi at Khelo India Youth Games
May 04, 2025
QuoteBest wishes to the athletes participating in the Khelo India Youth Games being held in Bihar, May this platform bring out your best: PM
QuoteToday India is making efforts to bring Olympics in our country in the year 2036: PM
QuoteThe government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM
QuoteThe sports budget has been increased more than three times in the last decade, this year the sports budget is about Rs 4,000 crores: PM
QuoteWe have made sports a part of mainstream education in the new National Education Policy with the aim of producing good sportspersons & sports professionals in the country: PM

Chief Minister of Bihar, Shri Nitish Kumar ji, my colleagues in the Union Cabinet, Mansukh Bhai, sister Raksha Khadse and Shri Ram Nath Thakur ji, Deputy CMs of Bihar, Samrat Choudhary ji and Vijay Kumar Sinha ji, other distinguished guests present, all players, coaches, other staff members, and my dear young friends!

I warmly welcome all the sportspersons who have come from every corner of the country—each one better than the other, each one more talented than the other.

Friends,

During the Khelo India Youth Games, competitions will be held across various cities in Bihar. From Patna to Rajgir, from Gaya to Bhagalpur and Begusarai, more than 6,000 young athletes, with over 6,000 dreams and resolutions, will make their mark on this sacred land of Bihar over the next few days. I extend my best wishes to all the players. Sports in Bharat is now establishing itself as a cultural identity. And the more our sporting culture grows in Bharat, the more our soft power as a nation will increase. The Khelo India Youth Games have become a significant platform for the youth of the country in this direction.

Friends,

For any athlete to improve their performance, to constantly test themselves, it is essential to play more matches and participate in more competitions. The NDA government has always given top priority to this in its policies. Today, we have Khelo India University Games, Khelo India Youth Games, Khelo India Winter Games, and Khelo India Para Games. That means, national-level competitions are regularly held all year round, at different levels, across the country. This boosts the confidence of our athletes and helps their talent shine. Let me give you an example from the world of cricket. Recently, we saw the brilliant performance of Bihar’s own son, Vaibhav Suryavanshi, in the IPL. At such a young age, Vaibhav set a tremendous record. Behind his stellar performance is, of course, his hard work, but also the numerous matches at various levels that gave his talent a chance to emerge. In other words, the more you play, the more you blossom. During the Khelo India Youth Games, all the athletes will get the opportunity to understand the nuances of playing at the national level, and you will be able to learn a great deal.

Friends,

Hosting the Olympics in Bharat has been a long-cherished dream of every Indian. Today, Bharat is striving to host the Olympics in 2036. To strengthen Bharat’s presence in international sports and to identify sporting talent at the school level, the government is training athletes right from the school stage. From the Khelo India initiative to the TOPS (Target Olympic Podium Scheme), an entire ecosystem has been developed for this purpose. Today, thousands of athletes across the country, including from Bihar, are benefiting from it. The government is also focused on providing our players with opportunities to explore and play more sports. That is why games like Gatka, Kalaripayattu, Kho-Kho, Mallakhamb, and even Yogasana have been included in the Khelo India Youth Games. In recent times, our athletes have delivered impressive performances in several new sports. Indian athletes are now excelling in disciplines such as Wushu, Sepak Takraw, Pencak Silat, Lawn Bowls, and Roller Skating. At the 2022 Commonwealth Games, our women's team drew everyone's attention by winning a medal in Lawn Bowls.

Friends,

The government is also focused on modernizing sports infrastructure in Bharat. In the past decade, the sports budget has been increased by more than three times. This year, the sports budget is around 4,000 crore rupees. A significant portion of this budget is being spent on developing sports infrastructure. Today, over a thousand Khelo India centres are operational across the country, with more than three dozen of them located in Bihar alone. Bihar is also benefiting from the NDA’s double engine government model. The state government is expanding many schemes at its own level. A Khelo India State Centre of Excellence has been established in Rajgir. Bihar has also been given institutions like the Bihar Sports University and the State Sports Academy. A Sports City is being built along the Patna-Gaya highway. Sports facilities are being developed in the villages of Bihar. Now, the Khelo India Youth Games will further strengthen Bihar’s presence on the national sports map.

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Friends,

The world of sports and the sports-related economy is no longer limited to the playing field. Today, it is creating new avenues of employment and self-employment for the youth. Fields like physiotherapy, data analytics, sports technology, broadcasting, e-sports, and management are emerging as important sub-sectors. Our youth can also consider careers as coaches, fitness trainers, recruitment agents, event managers, sports lawyers, and sports media experts. In other words, a stadium is no longer just a place to play matches—it has become a source of thousands of job opportunities. There are also many new possibilities opening up for youth in the field of sports entrepreneurship. The National Sports Universities being established in the country and the new National Education Policy, which has made sports a part of mainstream education, are both aimed at producing not only outstanding athletes but also top-tier sports professionals in Bharat.

My young friends,

We all know how important sportsmanship is in every aspect of life. We learn teamwork and how to move forward together with others on the sports field. You must give your best on the field, and also strengthen your role as brand ambassadors of Ek Bharat, Shreshtha Bharat (One India, Great India). I am confident that you will return from Bihar with many wonderful memories. To those athletes who have come from outside Bihar, be sure to savour the taste of litti-chokha. You will surely enjoy makhana from Bihar as well.

Friends,

With the spirit of sportsmanship and patriotism held high from Khelo India Youth Games, I hereby declare the 7th Khelo India Youth Games open.