PM Narendra Modi inaugurates new housing scheme in Chandigarh
Today Haryana, Chandigarh & Punjab are collectively discussing development opportunities: PM
PM Narendra Modi inaugurates new civil air terminal at Chandigarh airport
PM Modi attends 34th Convocation Ceremony of PGIMER, Chandigarh
Everyone must come together to fulfil the dream for a digital India: PM
Technology empowers the common man. The power of technology is immense: PM
The poorest of the poor must have their own homes to stay, says PM Modi
Previous govt allocated Rs. 500 crore for OROP but when we looked into the matter, we realised amount is Rs. 10,000 crore: PM
Credit for implementation of OROP goes to the poor of the nation: PM Modi

मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों, एक समय था जब मैं भी चंडीगढ़ में वहां सामने आप लोगों के साथ बैठ करके बड़े-बड़े नेताओं के भाषण सुनता था, कार्यक्रम में आता था और आप सब से सहजता से मिल जुल पाता था। लेकिन वक्‍त के साथ कुछ कठिनाइयां भी आती हैं। एक प्रकार से security संभालने वाले लोग ही निर्णय करते हैं कि हम बायें जाएं कि दायें जाएं। अब उसके कारण मेरे सामने बैठे लोग, बहुत चेहरे मुझे परिचित दिखाई दे रहे हैं जिनके बीच ही मैं जीता था। आज मैं उनसे मिल भी नहीं पा रहा हूं। ये कभी-कभी चीजें बड़ी पीड़ा करती हैं लेकिन क्‍या करें व्‍यवस्‍था के कारण पाबंदी आ गई है तो लेकिन अपनों के दर्शन हो रहे हैं मुझे दूर से। प्रधानमंत्री का दायित्‍व संभालने के बाद सार्वजनिक रूप से आप लोगों से मिलने का मुझे पहला अवसर‍ मिल रहा है और बादल साहब ने बढ़िया बात बताई कि ऊपर के लोगों का तो मिलना-जुलना होता है चाहे हरियाणा हो, पंजाब हो, चंडीगढ़ हो। लेकिन जनता-जनार्दन का मिलना बहुत कम होता है। आज वो अवसर दिखाई दे रहा है और इसलिए मैं मानता हूं कि आज के कार्यक्रम की सबसे बड़ी सफलता ये है कि आज हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़, तीनों एक साथ बैठ करके विकास के लिए चर्चा कर रहे हैं, विकास के लिए योजना कर रहे हैं।

आज सुबह मैं यहां पहुंचा और सबसे पहले एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के लोकार्पण का मुझे सौभाग्‍य मिला। मैं चंडीगढ़ बहुत रहा हूं, बहुत आया हूं, लेकिन मैं कभी सोच नहीं सकता था कि चंडीगढ़ में इतना शानदार एयरपोर्ट भी बन सकता है मैंने उसकी सारी व्‍यवस्‍थाओं को आज देखा, मैं बहुत प्रभावित हुआ। मैं विभाग के मंत्री को, विभाग के सभी अफसरों को हृदय से बधाई देता हूं कि चंडीगढ़ की शोभा बढ़ाने वाला ये एयरपोर्ट बना है, टर्मिनल बना है और इतना ही नहीं एक प्रकार से पंजाब हो, हरियाणा हो, हिमाचल हो, चंडीगढ़ हो और जम्‍मू-कश्‍मीर भी हो, इस सारे इलाके के लिए ये हवाई सेवा की सुविधाएं आर्थिक विकास के लिए एक बहुत बड़ी अहम भूमिका अदा करेगा। मैंने विभाग के लोगों को कहा है कि सिर्फ पैसेंजरों को ले जाने-ले जाने के लिए ही ये हवाई अड्डा नहीं, हमारे किसान जो पैदावार करते हैं उनके लिए भी ये हवाई अड्डा कैसे काम आए, ताकि उनके उत्‍पादित की गई चीजें हवाईजहाज से हिन्‍दुस्‍तान के कोने-कोने में पहुंचे और हमारे यहां के किसान को उचित मुआवजा मिले, उसको ऊंची Income मिले, ये महत्‍वपूर्ण काम करने की दिशा में भी ये सुविधा काम आए, उसके लिए मैंने आज उनको कहा है। वे इस पर अध्‍ययन करेंगे और बात को आगे बढ़ाएंगे।

भाइयों-बहनों आज चंडीगढ़ में मुझे PGI में जाने का अवसर मिला और यहां आज चंडीगढ़ में digital सेवाएं, online सेवाएं उसके लिए अनेक Apps का लोकार्पण हुआ। हमारा Digital India का सपना है। ये Digital India का सपना पूरा करने के लिए हर शहर को आगे आना होगा, हर department को आगे आना होगा, हर सरकारों को आगे आना होगा और आप देखते हैं कि Information Technology ने शासन व्‍यवस्‍था के लिए अनेक चुनौतियां पैदा की हैं और ये शासन व्‍यवस्‍था का दायित्‍व है कि इस technology के अनुकूल शासन व्‍यवस्‍था में सुधार कैसे आए, सामान्‍य मानवी तक technology के माध्‍यम से उसके हक की चीजें कैसे मुहैया की जाए, उसकी शिकायतें technology के माध्‍यम से सीधी उचित जगह पर कैसे पहुंचे, समय-सीमा में उसका समाधान कैसे हो, ये जिम्‍मेवारियां शासन व्‍यवस्‍था की होती हैं।

एक App बनाने के कारण मैं जानता हूं कि ये सिर्फ एक technology नहीं है। एक प्रकार से सामान्‍य नागरिक का empowerment है। उसके मोबाइल फोन से वो सरकार का हिसाब मांग सकता है, सरकार से काम मांग सकता है और सरकार काम में देरी करे तो जवाब मांग सकता है, इतनी ताकत एक Digital App के द्वारा आज यहां के नागरिकों को मिल रही है। मैं यहां के प्रशासकों को इस बात के लिए अभिनंदन करता हूं उन्‍होंने एक अच्‍छा initiative लिया है। आज यहां Housing Scheme का लोकार्पण हुआ। हजारों की तादाद में परिवारों को रहने के लिए अपना घर मिलेगा। हर व्‍यक्‍ति का अपने जीवन का एक सपना ये होता ही है कि उसका अपना घर हो। हर व्‍यक्‍ति का एक सपना होता है। गरीब से गरीब, फुटपाथ पर बैठ करके जूते repair करता होगा तो भी उसके मन की एक इच्‍छा होती है कि उसका अपना एक घर हो। आजादी के इतने साल पूरे हो गए, क्‍या हमारे देश को, गरीब को रहने के लिए घर मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए। गरीब परिवार को एक मकान मुहैया होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। 

भाइयों-बहनों आपने दिल्‍ली में जिस सरकार को बैठाया है, उस सरकार ने आपके सपनों को अपना सपना बनाया है। जो आपके दिल की चाह है, उस चाह को परिपूर्ण करने के लिए हमने बीड़ा उठाया है। मैं जानता हूं काम कठिन है। जितना काम 60 साल में हुआ होगा, उससे भी ज्‍यादा काम सात साल में करने की जरूरत है। ये सोचकर के हमने इस बीड़ा को उठाया है।

2022 में, आज से सात साल के बाद भारत की आजादी को 75 साल होंगे। जिन महापुरुषों ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया - भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु। अरे आप अंडमान निकोबार में जाइए वहां पर अंडमान में काले पानी की सजा भुगतने वालों की सूची देखोगे तो आपको ढेर सारे मेरे पंजाब के जवान मां भारती की आजादी के लिए जीवन खपा दिया, उसकी सूची मिलेगी आपको। कितने लोगों ने बलिदान दिया, कितने लोगों ने जवानी जेलों में खपा दी, कितने लोगों ने पुलिस के जुर्म सहे, कितने लोगों ने ब्रिटिश सल्‍तनत के अत्‍याचार झेले और तब जाकर के हमें आजादी मिली। क्‍या आजादी के 75 साल जब हो, तब इन आजादी के दीवानों को, उन वीर शहीदों को, उन आजादी के आंदोलनकारियों को हम कैसा हिन्‍दुस्‍तान देना चाहते हैं? क्‍या आज से ही हर हिन्‍दुस्‍तानी के मन में एक सपना संजोने का संकल्‍प नहीं होना चाहिए कि मैं अपने जीवन में आजादी के 75 साल हो रहे हैं, ये पांच चीजें, छ चीजें, सात चीजें, दो चीजें मैं अपने जीवन में पालन करूंगा जिससे समाज का भला होगा, देश का भला होगा, गांव-गरीब का भला होगा। क्‍या हम आजादी के दीवानों को एक संकल्‍प करके उनको श्रद्धांजलि नहीं दे सकते हैं? समय की मांग है कि हर भारतवासी ने आज से ही आजादी का 75वां साल कैसा हो, उसकी तैयारियां शुरू करनी चाहिए और विकास के द्वारा, समस्‍याओं के समाधान के द्वारा करनी है और उसमें एक सपना मेरा है। वो सपना है, 2022 में जब भारत की आजदी के 75 साल हों, तब हिन्‍दुस्‍तान के गरीब से गरीब व्‍यक्‍ति को भी रहने के लिए उसको अपना घर मिल जाए, ये काम मैंने सिर पर लिया है। मुझे आपका साथ चाहिए, आपका सहयोग चाहिए और उसी के सिलसिले में आज हजारों चंडीगढ़ वासियों को हाउसिंग स्‍कीम के अंतर्गत मकान देने का मुझे सौभाग्‍य मिला है।

आने वाले दिनों में करोड़ों-करोड मकान बनाने की जरूरत पड़ने वाली है और जब करोड़ों मकान बनेंगे मतलब एक प्रकार से इतनी बड़ी मात्रा में मकान बनाने पड़ेंगे कि जिसके कारण एक प्रकार से यूरोप के नए देश जितनी जनसंख्‍या है, उतना हमें यहां बचाना पड़ेगा, इतने मकान बनाने पड़ेंगे। गरीबों के लिए बनाने पड़ेंगे और मैंने पहले दिन से कहा है जब संसद के central hall में NDA के सभी दलों ने नेता के रूप में मुझे चुना और नेता के रूप में चुनकर के उस समय मैंने जो संबोधन किया था , उसी दिन मैंने कहा था कि ये मेरी सरकार गरीबों को समर्पित है। गरीबों के कल्‍याण के लिए है। हमारी सारी योजनाएं गरीबों की भलाई के लिए होगी और उसी में एक काम महत्‍वपूर्ण है गरीबों के लिए घर बनाना, गरीब से गरीब व्‍यक्‍ति को घर दिलाना, उस पर हम काम कर रहे हैं।

भाइयों-बहनों ये इलाका, एक प्रकार से यहां का हर परिवार मां भारती का रक्षा कवच हैं। यहां के हर परिवार ने चाहे हिमाचल हो, चाहे उत्‍तराखंड हो, चाहे हरियाणा हो, चाहे पंजाब हो, ये सब भूभाग ऐसा है जहां से देश की रक्षा करने के लिए जिन्‍दगी सेना में गुजारने वाले लोग करीब-करीब सभी परिवारों में मिल जाएंगे। कोई आज की पीढ़ी के मिलेंगे, कोई पुरानी पीढ़ी के लिए मिलेंगे, लेकिन मां भारती की रक्षा के लिए जीवन लगाने वाले सेनानियों की ये धरती हैं। एक प्रकार से मां भारती का रक्षा कवच, ऐसे रक्षानवी परिवार यहां विराजमान हैं। इसी चंडीगढ़ में मैंने कहा था हम वन रैंक, वन पेंशन के लिए गंभीरता से कदम उठाएंगे।

भाइयों-बहनों हमने आते ही काम शुरू किया। सेना के लोगों से बातचीत करते रहे, विचार विमर्श करते रहे और जैसे-जैसे समझते गए समस्‍या और गहरी होती गई और मुझे दुख की बात तो ये है कि पुरानी किसी सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन; ये क्‍या है, उसके कारण क्‍या जिम्‍मेवारी आने वाली है, उसके कारण क्‍या-क्‍या कदम उठाने पड़ेंगे, सरकार ने कभी इस दिशा में सोचा ही नहीं था। अगर सोचा होता तो पुरानी सरकार 500 करोड़ रुपया का OROP लेकर के नहीं आती और जब हमने सुना कि पुरानी सरकार ने 500 करोड़ रुपए का OROP घोषित किया है तो हमें लगता था कि शायद थोड़ा ज्‍यादा हो जाएगा क्‍योंकि 500 करोड़ रुपए में तो होगा नहीं। लेकिन जब हम हिसाब लगाने बैठे तो मामला 10 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने पर गया है, 10 हजार करोड़।

भारत जैसे देश के लिए ये रकम छोटी नहीं है। लेकिन देश की रक्षा के लिए जीवन खपाने वालों की जिंदगी इससे ज्‍यादा मूल्‍यवान होती है और इसलिए हिन्‍दुस्‍तान के गरीब से गरीब व्‍यक्ति ने भी सेना के जवानों के लिए इतना बड़ा अहम कदम उठाया है। इसे, एक सरकार को क्रेडिट मत दीजिए। इस OROP के लिए नरेन्‍द्र मोदी को क्रेडिट मत दीजिए। मैं देश के जवानों को कहता हूं कि इतना बड़ा दस हजार करोड़ रुपयों का खर्च इस नेक काम के लिए होने वाला है तो धन्‍यवाद करना है मेरे देश के उन गरीबों के लिए करिए कि जिन गरीबों ने अपनी चीज छोड़ करके आपके सम्‍मान के लिए कुछ देने का फैसला किया है और इसलिए वन रैंक वन पेंशन की क्रेडिट अगर किसी को जाती है तो मेरे देश के गरीबों को जाती है, मेरे देश के सामान्‍य लोगों को जाती है जो अपने हक का छोड़ करके आज हम सेना के लोगों के लिए दे रहे हैं। इससे बड़ा गौरव कोई हो नहीं सकता और इसलिए हमने तो वादा निभाया है।

आने वाले दिनों में... लेकिन अभी भी मैं देख रहा हूं कुछ लोगों को आंदोलन करने की बीमारी जाती नहीं है। अभी भी उनके अंदर अभी भी सुगबुगाहट चलती रहती है | उनको लगता था कि मामला इतना गंभीर है कि पाँच सात साल उनकी गाड़ी चल जायेगी| उनको नहीं लगता था कि मोदी इसे कर देगा, अब कर दिया तो वह सोच रहे हैं कि हमारी गाड़ी कैसे चलायें| मैं भाइयों बहनों आपको विश्वास दिलाने जा रहा हूँ, देश हित में कोई भी निर्णय करना होगा जो सरकार की व्यवस्था होगी, हमारी पूरी कोशिश रहेगी उसको प्राथमिकता मिले। ये हमारी कोशिश रहेगी क्योंकि हम, ये देश को आगे बढ़ाने के लिए सरकार चला रहे हैं, विकास की नई ऊचाइयों पर जाने के लिए सरकार चला रहे हैं।

आपने हमें इतना भारी बहुमत दिया, 30 साल के बाद दिल्‍ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी। लेकिन मेरे भाइयो बहनों पिछले दिनों लोकसभा का जो हाल आपने देखा है, देश के राजनीतिक दलों को उनके इस आचरण के लिए देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। आपको चुन करके भेजा है, सदन में जाइए, बैठिए, घटों चर्चा कीजिए एक दिन नहीं, दो दिन कीजिए, पांच दिन कीजिए, सात दिन कीजिए, लेकिन लोकतंत्र की मर्यादाओं को स्‍वीकार न करना, लोकतंत्र के नियमों को स्‍वीकार नहीं करना और 400 Parliament के मेम्‍बरों की परवाह न करना लेकिन 40 लोग देश के भविष्‍य के सामने रोड़े अटकाने के लिए षडयंत्र करते रहें ये भारत के लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है, भारत के लोकतंत्र का अपमान है मेरे भाइयों, बहनों। और इससे आज देश में लोकतंत्र के लिए जागरूकता लाने की आवश्‍यकता पैदा हुई है। हर सांसद के ऊपर ये दबाव पैदा करने की आवश्‍यकता उठ खड़ी हुई है कि आप संसद को चलने में मदद कीजिए, आप संसद में चर्चा कीजिए, हमारे इलाके के सवालों के लिए चर्चा कीजिए, आप सरकार को कटघरे में खड़ा कर दीजिए, आप मोदी का हिसाब मांगिए लेकिन संसद में जा करके काम कीजिए। ये बात जनता जनार्दन ने सांसदों पर दबाव डालने का वक्‍त आ गया है। कुछ लोग अपने अहंकार के कारण देश की संसद को बांटने लगे थे, देश की संसद को चलने न दें, भाइयों-बहनों ,इससे बड़ा कोई दुर्भाग्‍य नहीं होगा। और इसलिए मैंने निर्णय किया है अगर लोकसभा में हमें बात करने को रोक दिया गया, लोकसभा में हमारी आवाज को रोक दिया जाता है, तो लोकसभा से आगे भी एक जनसभा होती है और जनसभा किसी से कम नहीं होती है और इसलिए आज मेरी लोकसभा का केस मैं जनसभा में आपके सामने प्रस्‍तुत कर रहा हूं।

भाइयों, बहनों विकास की नई ऊंचाइयों को पार करने के लिए सरकार ने अनेक अहम कदम उठाए हैं। चाहे भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई हो, चाहे विदशों में से हमें काला धन वापस लाना हो, चाहे महंगाई को कंट्रोल करने का प्रयास हो, चाहे गरीब से गरीब व्‍यक्ति को विकास की यात्रा में आगे लाने का अवसर मिलता हो, चाहे जन-धन एकाउंट की योजना हो, चाहे Insurance Scheme लाए हों, चाहे Atal Pension योजना लाए हों, गरीबों की भलाई के लिए लाए हैं। हमारे देश के किसान, कभी उनको प्राकृतिक आपदाएं झेलनी पड़ती थीं लेकिन किसान को मुआवजा देने में कोताही बरती जाती थी। हमने आपके निर्णय कर दिया। अनेक महत्‍वपूर्ण निर्णय लिए। पहले तो 50 प्रतिशत नुकसान होने के बाद हिसाब होता था, हमने 35 प्रतिशत कर दिया। हमने उनके दायरे को बढ़ा दिया। हमने मुआवजे को बढ़ा दिया। जब ओले गिरे तो हमारे किसानों को सर्वाधिक पहले पैसे देने का काम ये दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार ने किया। हमने इंश्‍योरेंस का निर्णय लिया। मैं अभी कल कुछ वैज्ञानिकों के साथ बैठा था। मैने कल मक्के में से इथॉनाल बना करके processing की प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाया जाए, कम खर्च में कैसे बनाया जाए ताकि पंजाब का मेरा किसान जो अब मक्‍के की खेती करने लगा है कोई इथॉनाल निकालेगा तो उसको पैसे ज्‍यादा मिलेंगे और देश में पर्यावरण की भी रक्षा होगी। इस पर काम करने के लिए मैंने वैज्ञानिकों को कहा है कि आप ऐसी सरल Technology develop कीजिए ताकि छोटे से किसान को भी ज्‍यादा फायदा हो।

हम एक के बाद एक निर्णयों को करते चले जा रहे हैं क्‍योंकि जब तक हिंदुस्‍तान का गांव सक्षम नहीं होगा, सामर्थ्‍यवान नहीं होगा, ये देश सामर्थ्‍यवान नहीं हो सकता है। गांव की ताकत बढ़नी चाहिए, और उस दिशा में हम एक के बाद एक योजना कर रहे हैं। हम स्‍मार्ट सिटी की योजना लाए। मैं चंडीगढ़ वासियों से विशेष आग्रह कर रहा हूं चंडीगढ़ के अंदर Smart City एक जन आंदोलन बनना चाहिए। हर परिवार ने Smart City में अपने योगदान की जिम्‍मेदारी लेनी है। यहां के युवकों में Smart City पर Competition होनी चाहिए। Online Essay Competition होनी चाहिए। हम Smart City कैसा चाहते हैं और उमसें हमारा योगदान क्‍या होगा, एक नागरिक के नाते हम क्‍या कर्तव्‍य निभाएंगे, पहली बार देश में challenge के रूप में स्मार्ट सिटी तय होने वाले हैं। जो नगर आगे बढ़ेंगे, जो नगर महत्वपूर्ण निर्णय करेंगे, जो नगर अपने पैरों पर खड़े होने की ताकत रखेंगे, वो Smart City की Competition आगे आएंगे और तब जा करके भारत सरकार उनको अतिरिक्‍त धनराशि दे करके आज जहां है वहां से 21वीं सदी के शहर बनाने की ओर ले जाएगी। और इसलिए मैं चंडीगढ़ को निमंत्रण देता हूं कि आपको जो अवसर मिला है, पहले नामों में चंडीगढ़ को entry मिल चुकी है लेकि न आगे की स्‍पर्धा कठिन है तो आगे की स्‍पर्धा के लिए चंडीगढ़ को अपने आपको तैयार करना पड़ेगा। सिर्फ लाल डोरा लाल डोरा (red tape) करके बैठे रहने से बात बनने वाली नहीं है। और इसलिए इसलिए मैं चंडीगढ़ के लोगों से आग्रह करुंगा और यहां के प्रशासन में बैठे हुए लोगों से भी आग्रह करुंगा कि Smart City के लिए जनता का प्रशिक्षित करें। एक जनांदोलन बनाएं और जनता स्‍वयं Smart City बनाने के लिए आगे आए तो सरकार की भी मदद उसे Smart City बनाने में देर नहीं होने देगी। आने वाले दिनों में विकास ये भी विकास का मुद्दा ले करके हम कर रहे हैं, विकास को ही आगे बढ़ाने का मुद्दा ले करके हम कर रहे हैं और मुझे विश्‍वास है कि विकास के इस मंत्र के अंदर चाहे पंजाब हो, हरियाणा हो, चंडीगढ़ हो, हिमाचल हो, जम्‍मू-कश्‍मीर हो, ये पूरा क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों को पार करे ताकि हमारे नौजवानों को रोजागार मिले। जितनी बड़ी मात्रा में हम नौजवानों को रोजगार देंगे उतनी देश की आर्थिक स्थिति में ताकत आने वाली है। उन बातों को ले करके हम संकल्प करें। मैं फिर एक बार यहां इस समारोह के लिए आदरणीय मुख्‍यमंत्री जी का, हमारे गर्वनर साहब का, यहां के सभी सांसदों का, हृदय से अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.