QuoteDevelopment is the only solution for all problems related to poverty and unemployment: PM
QuoteIndia will progress only through the development of the States and for this the Centre and States have to work together: PM

देवियों और सज्‍जनों,

आज यहां अनेक शिलान्‍यास के और उद्घाटन के कार्यक्रम हुए। हम सब इस बात को अब भलीभांति समझने लगे हैं कि विकास का कोई पर्याय नहीं है। अगर हमें गरीबी से लड़ना है तो विकास करना होगा, हमें बेरोजगारी से लड़ना है, तो विकास करना होगा, हमें अशिक्षा से लड़ना है तो विकास करना होगा, यदि हमें आरोग्‍य की सुविधाएं मुहैया करानी होंगी तो विकास करना होगा। सब दुखों की अगर कोई एक दवाई है तो वो दवाई है – विकास। यह अच्‍छी बात है कि इन दिनों राज्‍यों के बीच भी विकास को लेकर एक स्‍पर्धा का माहौल बनता चला जा रहा है। राज्‍यों को लगने लगा है कि वो राज्‍य उस बात में मुझसे आगे निकल गया, अब हम कुछ कोशिश करेंगे, हम आगे निकलेंगे। आखिरकार देश को आगे बढ़ाना है तो राज्‍यों के विकास से ही आगे बढ़ने वाला है। इसलिए देश के विकास के लिए राज्‍यों का विकास.. इस मूलमंत्र को ले करके, केंद्र हो या राज्‍य हो, सबने मिलकर के काम करना, काम को आगे बढ़ाना, यह आवश्‍यक होता है।

विकास के कामों में राजनीति कितना नुकसान करती है उसका ब्‍यौरा आदरणीय मुख्‍यमंत्री जी ने विस्‍तार से दिया। अटल जी के समय में जो काम.. छ: महीने मिलते तो पूरा हो जाता, उसको पूरा होते-होते आज 2015 आ गया। मैं नीतीश जी की बात से सहमत हूं कि अटल जी की सरकार का चुनाव यदि थोड़ी देर से होता, छ: महीने मिल जाते तो उस समय अटल जी के मार्गदर्शन में.. और यही के रेल मंत्री थे नीतीश जी, यह काम पूरा हो गया होता। वो सही बोल रहे हैं। लेकिन बाद में सरकार बदल गई और रेल मंत्री यहां से ऐसे आए कि काम को रोक दिया गया और हमारे आने के बाद उसको चालू किया गया। अब, राजनीति जो करते हैं करें लेकिन नुकसान बिहार का हुआ, बिहार की जनता का हुआ। नीतीश कुमार की इस व्‍यथा के साथ मैं भी अपना स्‍वर मिलाता हूं।



लेकिन मैं इस मत का हूं कि हमें विकास की यात्रा को निरंतर गति देना चाहिए। आज नीतीश जी ने बहुत अच्‍छी बातें बताई कि भई IIT है, हमें यहां की आवश्‍यकताओं के अनुसार और यहां की क्षमता के अनुसार नई-नई faculties को लाना चाहिए। मुझे विश्‍वास है कि नए परिसर की क्षमता इतनी है, 500 बीघा ज़मीन है.. यह होगा। हम तो कोशिश यह कर रहे हैं कि दुनिया में जो top cost faculties हों उनको भी भारत में लाया जाए ताकि भारत के हमारे युवकों को देश के लिए जो आवश्‍यक है, जिस राज्‍य में IIT हैं, वहां जो आवश्‍यक है, उन विषयों को बल दिया जाए। सिर्फ दिल्‍ली में बैठ करके योजनाएं बनाने का वक्‍त पूरा हो गया। अब तो राज्य के मन में जो भाव उठते हैं, उसकी जो आवश्यकताएं होती हैं, उसके अनुसार ही दिल्ली को ढलना चाहिए, ये मेरी सोच है औऱ मैं उसी को आगे बढ़ा रहा हूं।

आज यहां एक Incubation centre का प्रारंभ हो रहा है। ये Incubation centre मैं मानता हूं, ये एक बहुत बड़ा नजराना है। IIT complex, इमारत से भी ज्यादा, ये Incubation centre बहुत बड़ा महत्वपूर्ण हमारा initiative है। इसलिए मैं इस बात से convince हूं। मैं जिस प्रदेश से आया हूं, लोगों ने परिश्रम किया होगा, परमात्मा ने कृपा की होगी, लक्ष्मी ने वहां जाना पसंद किया होगा लेकिन ये भूमि है, जहां सरस्वती वास करती है। यहां के नौजवान तेजस्‍वी हैं। और मैं मानता हूं, यहां की जो तेजस्विता है वो पूरे हिंदुस्तान को तेजस्वी बना सके, ऐसी तेजस्विता इस धरती पर है। ..और मुझे विश्वास है कि ये जो Incubation centre हम सोच रहे हैं, बनाने जा रहे हैं, वो भी एक विशेष मकसद से है।

आज हम देख रहे हैं कि Medical services, health sector ये सिर्फ डॉक्टर नाड़ी पकड़ लें, चार सवाल पूछ लें और निर्णय नहीं होता कि बीमारी क्या है, दवाई क्या दें? ढेर सारे मशीनों के अंदर से शरीर को गुजारा जाता है, भांति-भांति मशीनों को शऱीर पर लगाया जाता है उसके बाद बीमारी तय होती है, उसके बाद उपचार तय होता है। पूरे Health Sector में Technology का प्रभाव इतना बढ़ा है, इतने नये-नये संसाधनों का आविष्‍कार हो रहा है। आज भारत को गरीब व्‍यक्ति को अगर इन संसाधनों को मुहैया कराना पड़े.. विदेशों से लाना बहुत महंगा पड़ रहा है। इस पटना की धरती पर बिहार के मेरे नौजवानों की प्रतिभा को एक अवसर दिया जा रहा है कि इस incubation centre में प्रमुख रूप से Electronic and Digital mechanics के साथ किस प्रकार से हम Health Sector के नये विषयों में आविष्‍कार करें, उसका उत्‍पादन करें ताकि हमारे गरीब से गरीब के लिए हमारे अस्‍पतालों में भारत में बने हुए उत्‍तम से उत्‍तम साधन तैयार हों, जिसका लाभ गरीब को मिले, उस दिशा में हम काम करें। इसलिए यह incubation Centre भले ही पटना की धरती पर बनने वाला हो, लेकिन वह हिंदुस्‍तान के गरीबों के आरोग्‍य की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने का एक अहम कार्यक्रम बनेगा, यह मैं देख रहा हूं।

आखिरकार विकास करना है तो infrastructure का बहुत महत्‍व होता है। अगर infrastructure को बहुत महत्‍व नहीं दिया गया तो हम बहुत पिछड़कर रह जाएंगे। बिहार में चाहे rail हो, road हो air हो, उसको infrastructure मिलें, उसकी connectivity बढ़े, capacity बढ़ें, इस पर हम बल दे रहे हैं। हिंदुस्‍तान में शायद अधिकतम रेलमंत्री यदि किसी राज्‍य ने दिये है तो बिहार ने दिये हैं। जमाने से जैसे यह रेल डिपार्टमेंट बिहार के लिए reservation है। रेल मंत्री तो मिले हैं, रेल देने का काम मेरे दिमाग में भरा पड़ा है। मैं रेल के माध्‍यम से बिहार के दूर-सुदूर इलाकों को कैसे जोड़ पाऊं, मुख्‍य धारा में विकास की.. यहां infrastructure आता है, उसको कैसे आगे बढ़ाऊं, इस दिशा में योजनाएं लेकर के आगे चल रहा हूं।

आज एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम हमने launch किया है। वैसे नीतीश जी ने धर्मेंद्र प्रधान जी की इतनी तारीफ कर दी है, उसी से मुझे समझ आता है कि इस प्रोजेक्‍ट का कितना महत्‍व है। नीतीश जी की बात सही है, आने वाले दिनों में जिस प्रकार से रोड का महत्‍व है, रेल का महत्‍व है वैसे ही गैस ग्रिड का भी महत्‍व है। पूरी economy में गैसे आधारित economy shape ले रही है और गैस पहुंचाने के लिए महंगा खर्चीला नेटवर्क खड़ा करना पड़ता है, infrastructure बनाना पड़ता है। मैं देख रहा हूं कि energy के sector में गैस की उपलब्धि उस देश की पूरी economy को बदल देती है। बिहार की economy को बदलने का एक बहुत बड़ा ताकतवर प्रयास.. गंगा तो हमारे पास है ही है, हम ऊर्जा गंगा को लेकर के आ रहे हैं आपके पास।



गैस पाइप लाइन बिछाएंगे सैंकड़ों किलोमीटर। पटना में पाइप लाइन से घर-घर गैस कैसे पहुंचे.. जैसे हमारे घर में गृहणी के kitchen में tap चालू करते ही पानी आता है, वैसे ही tap चालू करते ही गैस आ जाए, इसके लिए यह योजना है। हर परिवार को यह पहुंचे हैं .. सैंकड़ों किलोमीटर से दूर से पाइप लाइन आएगी, हां बड़ा महंगा कारोबार है लेकिन एक बार अगर वह लग गया तो सालों साल तक यहां के जीवन को भी लाभ होगा और यहां के quality of life में भी बहुत बड़ा फायदा होगा, economy में भी फायदा होगा।

जैसा नीतीश जी ने कहा कि बिजली का पैसा तक माफ कर दिया है, fertilizer कारखाने का। उस समय हमारे सुशील जी आया करते थे कि साहब हमसे 300 करोड़ क्‍यों ले रहे हो। लेकिन फिर भी बिहार ने तकलीफ झेल करके भी इस काम को किया है। वित्‍त मंत्री थे हमारे सुशील जी, कठिनाई होने के बावजूद भी किया। यह करने के बावजूद भी 10 साल बीत गए साहब, fertilizer कारखाने की किसी को याद नहीं आई। क्‍या गुनाह है बिहार का? बिहार की जेब से पैसा निकाल करके यहां की सरकार ने तकलीफ होने के बावजूद भी दिया लेकिन उसको रोक दिया गया। हमने तय किया है कि यह बिहार का यह हक है। यह fertilizer का काम चालू होगा। यहां के किसानों को सस्‍ता fertilizer मिले, यह काम हम करेंगे। बिहार की जनता का या बिहार की सरकार का कोई दोष नहीं था। बिहार की सरकार आगे आई थी। लेकिन काम रोक दिया गया। लेकिन भाईयों बहनों मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं कि यह काम भी पूरा होगा और नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा और किसान को fertilizer भी पहुंचेगा, इसका पूरा प्रबंध करके हम आगे बढ़ेंगे।

भाईयों बहनों, विकास की इस अवधारणा में हमने यह भी हमेशा निरंतर प्रयास किया है, cooperative federalism का। हमारा मत है कि राज्‍यों को अगर सहायता मिले, राज्‍यों को अगर अवसर मिले तो देश के आगे बढ़ने की ताकत बहुत बढ़ जाएगी। इसलिए 14th finance commission जो कि लागू हुआ है, उसके कारण बहुत बड़ा लाभ राज्‍यों को हो रहा है। एक राज्‍य को हो रहा है, एक को नहीं हो रहा है, ऐसा नहीं है। सभी राज्‍यों को हो रहा है। इसलिए कोई बिहार को कम मिला, अधिक मिला, किसी और राज्‍य को कम मिला, अधिक मिला, ऐसा नहीं है। क्‍योंकि हमारी योजना है। आज स्थिति ऐसी है.. एक जमाना था भारत का खजाना जो था, केंद्र का और राज्‍य का उसमें से 65-70% खजाना दिल्‍ली की सरकार की तिजौरी में रहता था। 38-35% सभी राज्‍यों की मिला करके तिजौरी में रहता था। हमने ऐसा एक महत्‍वपूर्ण फैसला किया है, कठिन काम लिया है सर पर। लेकिन जैसा नीतीश जी ने कहा कि मोदी जी आप पर हमारी आशा है, उसको पूरा करने के लिए हमने एक महत्‍वपूर्ण फैसला किया है। वो फैसला है vote in finance commission जिसके कारण आने वाले दिनों में बिहार को .. अगर पांच साल के finance commission का मैं देखूं तो बिहार को 2015 से 2020 के दरम्यिान finance commission के द्वारा करीब-करीब पौने चार लाख करोड़ के करीब रुपया मिलने वाले हैं। पौने चार लाख करोड़ के करीब रुपया मिलने वाले हैं, जो पहले सिर्फ बीते हुए समय में सिर्फ डेढ़ लाख करोड़ रुपया मिला था। डेढ़ लाख का पौने चार लाख करोड़ रुपया आने वाले दिनों में.. क्‍योंकि हम मानते हैं कि यह प्रदेश आगे बढ़ना चाहिए।

मेरा यह विश्‍वास है कि पूरब में जब तक प्रगति नहीं होती है, देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। चाहे बिहार हो, चाहे पूर्वी उत्‍तर प्रदेश हो, चाहे ओडि़शा हो, चाहे पश्चिम बंगाल हो, चाहे झारखंड हो असम हो, नागालैंड हो, मिजोरम हो, यह सारा हिंदुस्‍तान का पूर्वी भाग यह जब विकसित नहीं होता है, यह भारत माता हमारी समृध नहीं हो सकती है। इसलिए बिहार का विकास, यह हमारा प्राइम एजेंडा है। पूर्वी भारत का विकास, हमारा मकसद है, हमारा लक्ष्‍य है। उसको आगे बढ़ाने के लिए अनेक विध हम नई योजनाएं लाने वाले हैं, उसको पूरा करेंगे।

आने वाले कुछ दिनों में हमारे कुछ साथियों से मैंने कहा है कि आप जाइये, शिलान्‍यास कीजिए, उद्घाटन कीजिए, काम को आगे बढ़ाइये। जैसे मुजफ्फरपुर स्‍वर्ण-वर्ष नेशनल हाइवे, 77 किलोमीटर को double lane करने का काम पूर्ण हो चुका है। करीब छ: सौ करोड़ रुपया की लागत लगी है। पटना-गया-डोबी रोड के four laning का काम मंजूर हो गया है। करीब 1231 करोड़ रुपये की लागत है। पटना-कोयलावर-भोजपुर और भोजपुर-बक्‍सर रोड के भी four laning का काम मंजूर हो चुका है। लागत है करीब 2012 करोड़ रुपया। भागलपुर बाइपास का काम मंजूर हो गया है। लागत है करीब 230 करोड़ रुपया। शिवहरी-सीतामढ़ी-जयनगर-निरहिया रोड का भी सुधार मंजूर कर दिया गया है। लागत है करीब 701 करोड़ रुपया। फतवा-हरनोद-बारा रोड का काम भी मंजूर कर दिया है। लागत है करीब 590 करोड़ रुपया। यह सारे नेशनल हाइवे के प्रोजेक्‍ट जो इस सरकार ने already मंजूर कर दिये हैं, इन सबकी लागत होती है करीब-करीब पांच हजार करोड़ रुपया। क्‍योंकि मैं जानता हूं कि बिहार को विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए इन चीजों का भरपूर उपयोग होना चाहिए। और हम इसको करना चाहते हैं।



आपको याद होगा पिछले लोकसभा के चुनाव में मैं यहां आया था। गांधी मैदान में बम धमाकों के बीच, मैं भाषण कर रहा था। उस समय मैंने कहा था कि केंद्र में हम सत्‍ता में आएंगे तो बिहार को विशेष पैकेज देंगे। उस समय मैंने घोषणा की थी.. चुनाव के पहले मैंने घोषणा की थी, मैंने कहा था कि 50 हजार करोड़ रुपयों का पैकेज बिहार को दिया जाएगा। भाईयों बहनों मैं जब दिल्‍ली में बैठा, बारीकी से चीजों को देखा तो मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि मेरे दिल दिमाग में बिहार की जो कल्‍पना है, बिहार को अगर मुझे उस ऊंचाई पर ले जाने में बिहार को साथ लेकर के चलना है तो 50 हजार करोड़ से बात बनने वाली नहीं है। उसे और अधिक करने की आवश्‍यकता है। मैं आज उसकी घोषणा नहीं करूंगा, मैं सही समय पर आ करके उसकी घोषणा करूंगा, लेकिन मैं इतना कहता हूं कि मैंने जो वादा किया उसको तो निभाऊंगा, उससे भी आगे मामला ले जाऊंगा, यह आपको मैं वादा करने आया हूं। ताकि बिहार को विकास की यात्रा में कोई रूकावट नहीं आनी चाहिए और विकास की यात्रा तेज गति से आगे बढ़नी चाहिए।

इसी एक अपेक्षा के साथ, मुझे विश्‍वास है कि आज जिन योजनाओं का आरंभ हुआ है, जिन कार्यक्रमों की शुरूआत हो गई है, और भी हमारे मंत्रिगण के लोग आने वाले हैं, वो इस बात को आगे बढ़ाएंगे। आज यहां पर देशभर के कृषि वैज्ञानिकों को मैंने बुलाया है, पटना की धरती पर। अब इस कार्यक्रम के बाद उनके साथ बैठने वाला हूं, क्‍योंकि मैं मानता हूं कि हिंदुस्‍तान की second green revolution की संभावना अगर कहीं है, तो हिंदुस्‍तान के पूर्वी इलाके में हैं। बिहार में है, बंगाल में है, असम में है, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में है। second green revolution की संभावना इस इलाके में है। इसलिए मैंने देशभर के कृषि वैज्ञानिकों को आज पटना की धरती पर बुलाया है। वो यहां बैठ करके विचार-विमर्श करने वाले हैं। आने वाले दिनों में यहां के कृषि क्षेत्र को एक नई ताकत देने की दिशा में प्रयास करने वाले हैं।

मैं फिर एक बार बिहार सरकार का, बिहार की जनता-जर्नादन का, यहां के मुख्‍यमंत्री जी का स्‍वागत सम्‍मान के लिए हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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ଆଦମପୁର ଏୟାର ବେସ୍‌ରେ ବୀର ବାୟୁସେନା ଓ ସୈନିକଙ୍କ ସହିତ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କ ବାର୍ତ୍ତାଳାପ
May 13, 2025
Quoteଆମ ଦେଶକୁ ସୁରକ୍ଷା ଦେବାରେ ବାୟୁବୀର ଏବଂ ସୈନିକଙ୍କ ସାହସ ପ୍ରଶଂସନୀୟ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quote'ଭାରତ ମାତା କି ଜୟ' କେବଳ ଏକ ସ୍ଲୋଗାନ ନୁହେଁ, ଏହା ପ୍ରତ୍ୟେକ ସୈନିକର ଶପଥ, ଯିଏ ନିଜ ଦେଶର ସମ୍ମାନ ଏବଂ ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପାଇଁ ନିଜ ଜୀବନକୁ ବାଜିରେ ଲଗାନ୍ତି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଅପରେସନ ସିନ୍ଦୂର ହେଉଛି ଭାରତର ନୀତି, ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ଏବଂ ନିର୍ଣ୍ଣାୟକ ଶକ୍ତିର ତ୍ରିମୂର୍ତ୍ତି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଯେତେବେଳେ ଆମର ଭଉଣୀ ଏବଂ ଝିଅମାନଙ୍କ ମଥାର ସିନ୍ଦୁର ଲିଭାଇ ଦିଆଗଲା, ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦୀମାନଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କ ଆଡ୍ଡାରେ ନିପାତ କଲୁ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଆତଙ୍କବାଦର ମାଷ୍ଟରମାଇଣ୍ଡମାନେ ଏବେ ଜାଣିଛନ୍ତି ଯେ ଭାରତକୁ ଆଖି ଦେଖାଇବା ଦ୍ୱାରା ବିନାଶ ବ୍ୟତୀତ ଆଉ କିଛି ହେବ ନାହିଁ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteପାକିସ୍ତାନରେ କେବଳ ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆଡ୍ଡା ଏବଂ ବାୟୁସେନା ଧ୍ୱଂସ କରାଯାଇ ନାହିଁ, ବରଂ ସେମାନଙ୍କର ମନ୍ଦ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ଏବଂ ଦୁଃସାହସ ମଧ୍ୟ ପରାସ୍ତ ହୋଇଛି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଆତଙ୍କବାଦ ବିରୋଧରେ ଭାରତର ଲକ୍ଷ୍ମଣ ରେଖା ଏବେ ସ୍ପଷ୍ଟ, ଯଦି ଆଉ ଏକ ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ, ତେବେ ଭାରତ ଜବାବ ଦେବ ଏବଂ ତାହା ଏକ ନିର୍ଣ୍ଣାୟକ ଜବାବ ହେବ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଅପରେସନ ସିନ୍ଦୂରର ପ୍ରତ୍ୟେକ ମୁହୂର୍ତ୍ତ ଭାରତର ସଶସ୍ତ୍ର ବାହିନୀର ଶକ୍ତିର ପ୍ରମାଣ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଯଦି ପାକିସ୍ତାନ ଆଉ କୌଣସି ଆତଙ୍କବାଦୀ କାର୍ଯ୍ୟକଳାପ
Quoteସେ ଘୋଷଣା କରିଥିଲେ ଯେ ଯେତେବେଳେ ଭାରତର ସେନା ପରମାଣୁ ବ୍ଲାକମେଲର ବିପଦକୁ ଦୂର କରିବେ, ସେତେବେଳେ ସ୍ବର୍ଗ ମର୍ତ୍ତ୍ୟ ପାତାଳରେ ଗୋଟିଏ ଧ୍ବନି ପ୍ରତିଧ୍ୱନିତ ହେବ - 'ଭାରତ ମାତା କି ଜୟ'

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !

 

ଏହି ଜୟଘୋଷର ଶକ୍ତିକୁ ଏବେ ଏବେ ସାରା ଦୁନିଆଁ ଦେଖୁଛି। ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ, ଏହା କେବଳ ଏକ ଘୋଷଣା ନୁହେଁ, ଏହା ଦେଶର ପ୍ରତିଟି ସେଇ ସୈନିକଙ୍କର ଶପଥ ଅଟେ, ଯିଏ ଦେଶମାତୃକାର ସମ୍ମାନ ଓ ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପାଇଁ ଜୀବନକୁ ବାଜି ଲଗାଇ ଥାଏ। ଏହା ଦେଶର ପ୍ରତିଟି ନାଗରିକଙ୍କର ସ୍ୱର, ଯିଏ ଦେଶ ପାଇଁ ବଂଚିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରନ୍ତି, ଯିଏ କିଛି କରିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରନ୍ତି।

 

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ, ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରରେ ମଧ୍ୟ ଶୁଣାଯାଏ ଏବଂ ଅଭିଯାନରେ ମଧ୍ୟ ଶୁଣାଯାଏ। ଯେତେବେଳେ ଭାରତୀୟ ସେନା ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ ଉଚ୍ଚାରଣ କରନ୍ତି, ସେତେବେଳ, ଶତ୍ରୁଙ୍କର କଲିଜାରେ କମ୍ପନ ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ। ଯେତେବେଳେ ଆମର ଡ୍ରୋନ୍ସ, ଶତ୍ରୁଙ୍କ ଦୁର୍ଗର ପ୍ରାଚୀରକୁ ଧ୍ୱଂସ କରେ, ଯେତେବେଳେ ଆମର ମିସାଇଲ୍‌ମାନ କ୍ଷୀପ୍ରଗତିରେ ଲକ୍ଷ୍ୟସ୍ଥଳରେ ପହଁଚିଥାଏ, ସେତେବେଳେ ଶତ୍ରୁକୁ ଶୁଣାଯାଏ ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ! ଯେତେବେଳେ ରାତିର ଅନ୍ଧକାର ମଧ୍ୟରେ ମଧ୍ୟ ଆମେ ସୂର୍ଯ୍ୟଙ୍କ ଉଦୟ କରିଥାଉ ସେତେବେଳେ ଶତ୍ରୁଙ୍କୁ ଦେଖାଯାଏ ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ! ଯେତେବେଳେ ଆମର ସେନା ପରମାଣୁ ଧମକର ଜବାବ ଦିଏ, ସେତେବେଳେ ଆକାଶରୁ ପାତାଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗୋଟିଏ କଥା ଶୁଭିଥାଏ! ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ!

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ବାସ୍ତବରେ, ଆପଣମାନେ ସମସ୍ତେ କୋଟି-କୋଟି ଭାରତୀୟଙ୍କର ଛାତି ପ୍ରଶସ୍ତ କରି ଦେଇଛନ୍ତି, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଭାରତୀୟଙ୍କ ମଥା ଗର୍ବରେ ଉଚ୍ଚା କରିଦେଇଛନ୍ତି। ଆପଣମାନେ ଇତିହାସ ସୃଷ୍ଟି କରିଛନ୍ତି ଏବଂ ମୁଁ ଆଜି ସକାଳେ ଆପଣମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟକୁ ଆସିଛି, ଆପଣଙ୍କୁ ସାକ୍ଷାତ କରିବାକୁ। ଯେତେବେଳେ ବୀରଙ୍କ ପାଦ ଧରଣୀରେ ପଡ଼େ, ସେତେବେଳେ ଧରଣୀ ମା’ ଧନ୍ୟ ହୋଇଯାଏ। ଯେତେବେଳେ ବୀରଙ୍କର ଦର୍ଶନ କରିବାର ସୁଯୋଗ ମିଳେ, ସେତେବେଳେ ଜୀବନ ଧନ୍ୟ ହୋଇଥାଏ। ସେଥିପାଇଁ, ମୁଁ ଆଜି ସକାଳୁ ସକାଳୁ ଆପଣଙ୍କୁ ସାକ୍ଷାତ କରିବାକୁ ଏଠାରେ ପହଁଚିଛି। ଆଜିଠାରୁ ବହୁ ଦଶକ ପରେ ମଧ୍ୟ ଯେତେବେଳେ ଭାରତର ଏହି ପରାକ୍ରମର ଚର୍ଚ୍ଚା ହେବ, ସେତେବେଳେ ସର୍ବପ୍ରଥମ ଆପଣ ଏବଂ ଆପଣମାନଙ୍କ ସାଥୀଙ୍କ ଚର୍ଚ୍ଚା ପ୍ରମୁଖ ବିଷୟବସ୍ତୁ ହେବ। ଆପଣମାନେ ବର୍ତ୍ତମାନ ସମୟ ସହିତ ଦେଶର ଆସନ୍ତା ପିଢି ପାଇଁ ମଧ୍ୟ ନୂତନ ପ୍ରେରଣା ସୃଷ୍ଟି କରିପାରିଛନ୍ତି। ମୁଁ ଏହି ଭୂମିରୁ ବର୍ତ୍ତମାନ ସବୁ ବାୟୁସେନା, ଜଳସେନା ଏବଂ ସ୍ଥଳସେନାର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଯୋଦ୍ଧାଙ୍କୁ ସାଲ୍ୟୁଟ୍ କରୁଛି। ଆପଣଙ୍କର ପରାକ୍ରମ ପାଇଁ ଆଜି ସାରା ଦେଶର କୋଣ ଅନୁକୋଣରେ ଅପରେସନ ସିନ୍ଦୁରର ଗୁଞ୍ଜରଣ ଶୁଣାଯାଉଛି। ଏହି ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟକଳାପରେ ପ୍ରତିଟି ଭାରତୀୟ ଆପଣଙ୍କ ସହିତ ଛିଡ଼ା ହୋଇଛନ୍ତି, ପ୍ରତିଟି ଭାରତୀୟଙ୍କର ପ୍ରାର୍ଥନା ଆପଣଙ୍କ ସହିତ ରହିଛି। ଆଜି ପ୍ରତିଟି ଦେଶବାସୀ ତାଙ୍କର ସୈନିକ ଏବଂ ସେମାନଙ୍କ ପରିବାରଙ୍କ ପ୍ରତି କୃତଜ୍ଞତା ଜ୍ଞାପନ କରୁଛି, ସେମାନଙ୍କର ଋଣୀ ରହିଛି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୁର କୌଣସି ସାଧାରଣ ସେନା ଅଭିଯାନ ନୁହେଁ। ଏହା ଭାରତର ନୀତି, ପ୍ରଣାଳୀ ଏବଂ ନିର୍ଣ୍ଣାୟକ ଶକ୍ତିର ତ୍ରିବେଣୀ। ଭାରତ ବୁଦ୍ଧଙ୍କର ମଧ୍ୟ ଭୂମି ଏବଂ ଗୁରୁ ଗୋବିନ୍ଦ ସିଂହଙ୍କର ମଧ୍ୟ ଭୂମି। ଗୁରୁ ଗୋବିନ୍ଦ ସିଂହ କହିଥିଲେ- ‘’ସୱା ଲାକ୍ଷ ସେ ଏକ ଲଡ଼ାଓଁ, ଚିଡ଼ିଅନ୍ ତେ ମେଁ ବାଜ ତୁଡାଓଁ, ତବେ ଗୁରୁ ଗୋବିନ୍ଦ ସିଂହ ନାମ କହାଁଉଁ।” ଅଧର୍ମର ନାଶ ଓ ଧର୍ମର ସ୍ଥାପନା ପାଇଁ ଶସ୍ତ୍ର ଉଠେଇବା, ଏହା ଆମର ପରମ୍ପରା। ସେଥିପାଇଁ ଯେତେବେଳେ ଆମର ଭଉଣୀ ଓ ଝିଅମାନଙ୍କ ସିନ୍ଦୂର ଛଡାଇ ନିଆଗଲା, ସେତେବେଳେ ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କର ଘରେ ପଶି ତାଙ୍କର ଫଣାକୁ ଦଳି ଦେଇଥିଲୁ। ସେମାନେ ଭୀରୁ କାପୁରୁଷ ପରି ଲୁଚି କି ଆସିଥିଲେ, କିନ୍ତୁ ସେମାନେ ଭୁଲିଯାଇଥିଲେ, ସେମାନେ ଯାହାକୁ ଆହ୍ୱାନ ଦେଉଛନ୍ତି, ସେମାନେ ଭାରତୀୟ ସେନା ଅଟନ୍ତି ବୋଲି। ଆପଣମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ସାମ୍ନାରୁ ଆକ୍ରମଣ କରି ହତ୍ୟା କରିଛନ୍ତି, ଆପଣମାନେ ଆତଙ୍କର ସମସ୍ତ ବଡ଼ ଆଡ୍‌ଡାଗୁଡିକୁ ମାଟିରେ ମିଶାଇ ଦେଇଛନ୍ତି, ୯ଟି ଆତଙ୍କୀ ଆଡ୍ଡା ଧ୍ୱଂସ ପାଇଛି। ୧୦୦ରୁ ଅଧିକ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମୃତ୍ୟୁ ହୋଇଛି, ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ସର୍ଦ୍ଦାରର ଏବେ ଜ୍ଞାନ ଉଦୟ ହୋଇଛି, ଭାରତ ଆଡେ ନଜର ଉଠାଇଲେ ଏହିପରି ଏକମାତ୍ର ପରିଣାମ ହେଉଛି ଧ୍ୱଂସ! ଭାରତରେ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ଲୋକମାନଙ୍କର ରକ୍ତ ବୁହାଇଲେ ଏକମାତ୍ର ପରିଣାମ ହେବ ବିନାଶ ଓ ମହାବିନାଶ! ଯେଉଁ ପାକିସ୍ତାନୀ ସେନାର ସମର୍ଥନରେ ଏହି ଆତଙ୍କବାଦୀ ବସିଥିଲେ, ଭାରତର ସ୍ଥଳସେନା, ଭାରତର ବାୟୁ ସେନା ଓ ଭାରତର ଜଳସେନା, ସେହି ପାକିସ୍ତାନୀ ସେନାକୁ ଧୂଳିସାତ୍‌ କରିପାରିଛି। ଆପଣ ପାକିସ୍ତାନୀ ସେନାକୁ ମଧ୍ୟ ଜଣେଇ ଦେଇଛନ୍ତି ପାକିସ୍ତାନରେ ଏପରି କୌଣସି ସ୍ଥାନ ନାହିଁ, ଯେଉଁଠାରେ ବସି ଆତଙ୍କବାଦୀମାନେ ଆରାମରେ ନିଃଶ୍ୱାସ ନେଇପାରିବେ। ଆମେ ଘରେ ପଶି ମାରିବୁ ଏବଂ ବଂଚିବାର ଗୋଟିଏ ବି ସୁଯୋଗ ଦେବୁନାହିଁ। ଆମର ଡ୍ରୋନ୍, ଆମର ମିସାଇଲ୍, ବିଷୟରେ ଚିନ୍ତା କରି ପାକିସ୍ତାନକୁ କେତେ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ନିଦ୍ରା ଆସିବ ନାହିଁ। ‘କୌଶଳ ଦିଖାୟା ଚାଲୋ ମେଁ ଉଡଗୟା ଭୟାନକ ଭାଲୋ ମେଁ’ । ନିର୍ଭୀକ ଗୟା ବହ ଢାଲୋ ମେଁ ସରପଟ ଦୌଡା କର ବାଲୋ ମେଁ ‘ । ଏହି ଉକ୍ତିଗୁଡିକ ମହାରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କର ଏକ ପ୍ରସିଦ୍ଧ ଘୋଡା ଚେତକ ଉପରେ ଲିଖିତ। କିନ୍ତୁ ଏହି ଉକ୍ତିଗୁଡିକ ଆଜିର ଆଧୁନିକ ଭାରତୀୟ ଅସ୍ତ୍ରଶସ୍ତ୍ର ସହିତ ମେଳ ଖାଉଛି।

 

ମୋର ବୀର ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ୍‌ ସିନ୍ଦୂର ମାଧ୍ୟମରେ ଆପଣ ଦେଶର ଆତ୍ମବଳକୁ ବୃଦ୍ଧି କରିଛନ୍ତି, ଦେଶକୁ ଏକତାର ସୂତ୍ରରେ ବାନ୍ଧିଛନ୍ତି, ଏବଂ ଆପଣ ଭାରତର ସୀମାଗୁଡିକୁ ସୁରକ୍ଷିତ କରିଛନ୍ତି, ଭାରତର ସ୍ୱାଭିମାନକୁ ନୂତନ ଉଚ୍ଚତା ଦେଇଛନ୍ତି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଆପଣ ସେହି କାମ କରିଛନ୍ତି, ଯାହା ଅଭୂତପୂର୍ବ, ଅକଳ୍ପନୀୟ, ଅଦ୍ଭୁତ। ଆମର ଏୟାରଫୋର୍ସ ପାକିସ୍ତାନରେ ଏତେ ଗଭୀର, ଆତଙ୍କୀ ଆଡ୍ଡାକୁ ଲକ୍ଷ୍ୟଧାର୍ଯ୍ୟ କରିଛି। କେବଳ ୨୦-୨୫ ମିନିଟ ମଧ୍ୟରେ, ସୀମା ପାର ଲକ୍ଷ୍ୟକୁ ଭେଦ କରିଛି। ଏହା ଏକ ଆଧୁନିକ ଜ୍ଞାନ କୌଶଳରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ଏକ ପ୍ରୋଫେସନାଲ୍ ଶକ୍ତି ହିଁ କରିପାରିବ। ଆପଣଙ୍କର ଗତି ଓ ସଠିକତା, ଏହି ସ୍ତରରେ ଥିଲା ଯେ ଯାହା ଫଳରେ ଶତ୍ରୁମାନେ ଆବା-କାବା ହୋଇଗଲେ। ତାଙ୍କୁ ଜଣାପଡିଲା ନାହିଁ କେତେବେଳେ ତାଙ୍କର ଛାତି ଚିରି ହୋଇଗଲା।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଆମର ଲକ୍ଷ୍ୟ ଥିଲା ପାକିସ୍ତାନ ମଧ୍ୟରେ ଥିବା ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆଡ୍‌ଡାକୁ ଧ୍ୱଂସ କରବା। ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କୁ ଧ୍ୱଂସ କରିବା। କିନ୍ତୁ ପାକିସ୍ତାନ ତାଙ୍କର ଯାତ୍ରୀବାହୀ ବିମାନକୁ ଆଗରେ ରଖି ଯେଉଁ ଷଡଯନ୍ତ୍ର କରିଥିଲା ମୁଁ କଳ୍ପନା କରିପାରୁଛି ସେହି ସମୟ କେତେ କଠିନ ହୋଇଥିବ। ଯେତେବେଳେ ସିଭିଲିୟନ ଏୟାରକ୍ରାଫ୍ଟ ଦେଖିବାକୁ ମିଳିଥିଲା। ମୋତେ ଗର୍ବ ହେଉଛି ଆପଣ ଖୁବ ସାବଧାନ, ଖୁବ ସତର୍କତାର ସହିତ ସିଭିଲିୟନ ଏୟାରକ୍ରାଫ୍ଟକୁ କୌଣସି କ୍ଷତି ନ କରି ଏହାକୁ ଧ୍ୱଂସ କରି ଦେଖାଇଛ। ତାହାର ଉତ୍ତର ତୁମେ ଦେଇଛ। ମୁଁ ଗର୍ବର ସହିତ କହିପାରିବି, ଯେ ତୁମେ ସମସ୍ତେ ନିଜ ନିଜର ସଠିକ୍‌ ଲକ୍ଷ୍ୟ ହାସଲ କରିପାରିଛ। ପାକିସ୍ତାନରେ କେବଳ ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆଡ୍ଡା ଧ୍ୱଂସ ପାଇ ନଥିଲା ବରଂ ଆତଙ୍କବାଦୀମାନଙ୍କ ଖରାପ ଚିନ୍ତାଧାରା ଏବଂ ତାଙ୍କର ଦୁଃସାହସ ଦୁଇଟି ଯାକର ପରାଜୟ ହୋଇଥିଲା।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ ସିନ୍ଦୂର ଅଭିଯାନ ଦ୍ୱାରା ଭୟଭୀତ ଶତ୍ରୁ ଏହି ଏୟାର ବେସ୍ ବ୍ୟତୀତ ଆମର ଆହୁରି ଅନେକ ଏୟାର ବେସ୍ ଉପରେ ଆକ୍ରମଣ କରିବାର ଅନେକ ଥର ଉଦ୍ୟମ କରିଛି। ବାରମ୍ବାର, ସେମାନେ ଆମକୁ ଲକ୍ଷ୍ୟ କରିଛନ୍ତି। କିନ୍ତୁ ପାକିସ୍ତାନର ନୀଚ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ସବୁ ଥରକ ନିଷ୍ଫଳ ହୋଇଛି। ପାକିସ୍ତାନର ଡ୍ରୋନ, ତାଙ୍କର ୟୁଏଭି, ତାଙ୍କର ବିମାନ ଏବଂ ତାଙ୍କର ମିସାଇଲ, ଆମର ସଶକ୍ତ ଏୟାର ଡିଫେନ୍ସର ସାମ୍ନାରେ ହାର୍‌ ମାନିଛି। ମୁଁ ଦେଶର ସମସ୍ତ ଏୟାରବେସ୍ ସହିତ ଜଡିତ ନେତୃତ୍ୱକୁ, ଭାରତୀୟ ବାୟୁ ସେନାର ପ୍ରତିଟି ବୀର ବାୟୁ ଯୋଦ୍ଧାଙ୍କୁ ହୃଦୟରୁ ପ୍ରଶଂସା କରୁଛି, ଆପଣମାନେ ପ୍ରକୃତରେ ବହୁତ ଭଲ କାମ କରିଛନ୍ତି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଆତଙ୍କବାଦ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଭାରତର ଲକ୍ଷ୍ମଣ ରେଖା ବର୍ତ୍ତମାନ ସ୍ପଷ୍ଟ ହୋଇଛି। ଏବେ ପୁନର୍ବାର ଯଦି କୌଣସି ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ ତେବେ ଭାରତ ଜବାବ ଦେବ, ନିଶ୍ଚୟ ଜବାବ ଦେବ। ଏହା ସଜିର୍କାଲ ଷ୍ଟ୍ରାଇକ ସମୟରେ ଦେଖିଛୁ, ଏବଂ ବର୍ତ୍ତମାନ ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂର, ଭାରତଙ୍କ ନ୍ୟୁ ନର୍ମାଲ ଅଟେ। ଆଉ ଯେମିତି ମୁଁ କାଲି କହିଥିଲି, ଭାରତ ଏବେ ତିନି ସୂତ୍ରରେ ହସ୍ତକ୍ଷେପ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେଇଛି। ପ୍ରଥମରେ- ଭାରତ ଉପରେ ଯଦି ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ ତେବେ ଆମେ ଆମ ଉପାୟରେ, ଆମ ସର୍ତ୍ତରେ ଆମ ସମୟରେ ଜବାବ ଦେବୁ। ଦ୍ୱିତୀୟରେ- କୌଣସି ପ୍ରକାରର ନ୍ୟୁକ୍ଲିୟର୍ ବ୍ଲ୍ୟାକମେଲ୍ ଭାରତ ସହିବ ନାହିଁ। ତୃତୀୟରେ- ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କୁ ସମର୍ଥନ କରୁଥିବା ସରକାର ଏବଂ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ସର୍ଦ୍ଦାରକୁ ଭିନ୍ନ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଦେଖିବୁ ନାହିଁ। ବିଶ୍ୱ ମଧ୍ୟ ଭାରତର ଏହି ନୂତନ ରୂପକୁ, ଏହି ନୂତନ ବ୍ୟବସ୍ଥାକୁ ବୁଝି ଆଗକୁ ଅଗ୍ରସର ହେଉଛି।

 

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂରର ପ୍ରତ୍ୟେକଟି କ୍ଷଣ ଭାରତର ସେନା ସାମର୍ଥ୍ୟର ସାକ୍ଷୀ ଦେଉଛି। ଏହି ସମୟରେ ଆମର ସେନାଙ୍କର ତାଳେମେଳ, ମୁଁ କହିବି ବାସ୍ତବରେ ଉତ୍କୃଷ୍ଟ ଥିଲା। ଆର୍ମୀ ହେଉ, ନେଭୀ ହେଉ କିମ୍ବା ଏୟାର ଫୋର୍ସ, ସମସ୍ତଙ୍କର ତାଲମେଳ ବହୁତ ଜବରଦସ୍ତ ଥିଲା। ନେଭୀ ସମୁଦ୍ରରେ ତାଙ୍କର ପରାକ୍ରମ ଦେଖାଇଥିଲା। ସେନା ସୀମାରେ ତା’ର ସୁଦୃଢତା ଜାହିର କଲା ଏବଂ, ଭାରତୀୟ ବାୟୁ ସେନା ଆକ୍ରମଣ କରିଛି ଏବଂ ରକ୍ଷା ମଧ୍ୟ କରିଛି। ବିଏସ୍‌ଏଫ ଏବଂ ଅନ୍ୟାନ୍ୟ ଶକ୍ତିଗୁଡିକ ମଧ୍ୟ ଅଦ୍ଭୁତ କ୍ଷମତା ପ୍ରଦର୍ଶନ କରିଛନ୍ତି। ଇଣ୍ଟିଗ୍ରେଟେଡ୍‌ ଏୟାର ଆଣ୍ଡ ଲ୍ୟାଣ୍ଡ କୋମ୍ବାଟ୍‌ ସିଷ୍ଟମ୍‌ ପ୍ରଶଂସନୀୟ କାମ କରିଛି। ଏହା ହେଉଛି, ଏକତା, ଏହା ଏବେ ଭାରତୀୟ ସେନା ସାମର୍ଥ୍ୟର ଏକ ଶକ୍ତିଶାଳୀ ପରିଚୟ ସୃଷ୍ଟି କରିଛି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂରରେ ଜନବଳ ସହ ମେଶିନ ସାମର୍ଥ୍ୟର ତାଳମେଳ ମଧ୍ୟ ଅଦ୍ଭୁତ ଥିଲା। ଭାରତର ପାରମ୍ପରିକ ଏୟାର୍ ଡିଫେନ୍ସ୍ ସିଷ୍ଟମ୍ ହେଉ, ଯାହା ବହୁତ ଲଢେଇ ଦେଖିଛି, କିମ୍ବା ଆକାଶ ପରି ଆମର ମେଡ ଇନ୍ ଇଣ୍ଡିଆ ପ୍ଲାଟଫର୍ମ ହେଉ, ଯାହାକୁ S-400 ଭଳି ଆଧୁନିକ ଓ ସଶକ୍ତ ଡିଫେନ୍ସ୍ ସିଷ୍ଟମ୍ ଅଭୂତପୂର୍ବ ମଜବୁତି ଦେଇଛି। ଏହି ମଜବୁତ ସୁରକ୍ଷା କବଚ ଭାରତର ପରିଚୟ ହୋଇପାରିଛି। ପାକିସ୍ତାନର ଲକ୍ଷେ ଚେଷ୍ଟା ପରେ ମଧ୍ୟ, ଆମର ଏୟାରବେସ୍ ହେଉ କିମ୍ବା ଆମର ଅନ୍ୟ ଡିଫେନ୍ସ୍ ଭିତ୍ତିଭୂମି, ଏହା ଉପରେ ଆଞ୍ଚ ମଧ୍ୟ ଆସିନାହିଁ। ଏହାର ସବୁ ଶ୍ରେୟ ଆପଣମାନଙ୍କୁ ଯାଉଛି, ମୋତେ ଗର୍ବ ଅନୁଭବ ହେଉଛି ଆପଣମାନଙ୍କ ଉପରେ, ସୀମାରେ ନିୟୋଜିତ ଥିବା ପ୍ରତ୍ୟେକ ସୈନିକ, ଏହି ଅପରେସନ୍‌ରେ ଜଡିତ ସମସ୍ତ ବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କୁ ଏହାର ଶ୍ରେୟ ଯାଉଛି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଆଜି ଆମ ପାଖରେ ନୂତନ ଏବଂ cutting edge technology ର ଏମିତି ସାମର୍ଥ୍ୟ ଅଛି, ଯାହା ପାକିସ୍ତାନ ମୁକାବିଲା କରିପାରିବ ନାହିଁ। ବିଗତ ଦଶକରେ ଏୟାରଫୋର୍ସ ସହିତ, ଆମର ସମସ୍ତ ସେନାଙ୍କ ପାଖରେ, ବିଶ୍ୱର ଶ୍ରେଷ୍ଠ ବୈଷୟିକ ଜ୍ଞାନକୌଶଳ ପହଞ୍ଚିପାରିଛି। କିନ୍ତୁ ଆମେ ସମସ୍ତେ ଜାଣିଛୁ, ନୂତନ ଟେକ୍ନୋଲୋଜୀ ସହ ଗୁଡ଼ିଏ ସମସ୍ୟା ମଧ୍ୟ ଆସିଥାଏ। ଜଟିଳ ଏବଂ ସଂକୀର୍ଣ୍ଣ ପ୍ରଣାଳୀଗୁଡ଼ିକର ଭାରସାମ୍ୟ ରଖିବା, ସେଗୁଡିକର କାର୍ଯ୍ୟ କ୍ଷମତା ସହିତ ଉପଯୋଗ କରିବା ଏକ ବହୁତ ବଡ଼ କୌଶଳ। ଆପଣମାନେ ଟେକ୍ନୋଲୋଜୀକୁ କୌଶଳ ସହିତ ଯୋଡ଼ି ଦେଖାଇଛନ୍ତି। ଆପଣ ପ୍ରମାଣିତ କରିଛନ୍ତି ଯେ ଆପଣମାନେ ଏହି ଖେଳରେ, ଦୁନିଆରେ ସର୍ବୋତ୍ତମ ଅଟନ୍ତି। ଭାରତର ବାୟୁସେନା ବର୍ତ୍ତମାନ କେବଳ ଅସ୍ତ୍ରଗୁଡ଼ିକରୁ ନୁହେଁ, ତଥ୍ୟ ଏବଂ ଡ୍ରୋନ୍‌ଗୁଡ଼ିକ ମାଧ୍ୟମରେ ମଧ୍ୟ ଶତ୍ରୁ ପକ୍ଷକୁ ହରାଇବାରେ କୁଶଳୀ ହୋଇପାରିଛନ୍ତି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ପାକିସ୍ତାନର ନିବେଦନ ପରେ ଭାରତ କେବଳ ସୈନ୍ୟ କାର୍ଯ୍ୟକାଳାପକୁ ସ୍ଥଗିତ ରଖିଛି। ଯଦି ପାକିସ୍ତାନ ପୁନର୍ବାର ଆତଙ୍କବାଦୀ କାର୍ଯ୍ୟକଳାପ କରେ କିମ୍ବା ସେନା ଦୁଃସାହସ ଦେଖାଏ, ତେବେ ଆମେ ତାହାର ଉଚିତ ଜବାବ ଦେବୁ। ଏହି ଜବାବ, ଆମର ସର୍ତ୍ତରେ, ଆମର ଢଙ୍ଗରେ ହେବ। ଏହି ନିର୍ଣ୍ଣୟର ମୂଳ ଆଧାର ହେଉଛି, ଏହା ପଛରେ ଲୁଚିଥିବା ବିଶ୍ୱାସ, ଆପଣଙ୍କର ସହନଶୀଳତା, ସାହସ, ଶୌର୍ଯ୍ୟ ଏବଂ ସତର୍କତା। ଆପଣଙ୍କୁ ଏହି ଦୃଢତା, ଏହି ଚେଷ୍ଟା, ଏହି ଉତ୍ସାହକୁ ଏମିତି ଭାବରେ ନିରନ୍ତର ଜାରି ରଖିବାକୁ ହେବ। ଆମକୁ ନିରନ୍ତର ସଜାଗ ରହିବାକୁ ହେବ, ଆମକୁ ପ୍ରସ୍ତୁତ ରହିବାକୁ ହେବ। ଆମେ ଶତ୍ରୁଙ୍କୁ ଭୁଲାଇ ଦେବା ନାହିଁ ଯେ ଏହା ହେଉଛି ନୂତନ ଭାରତ। ଏହି ଭାରତ ଶାନ୍ତି ଚାହୁଛି, କିନ୍ତୁ ଯଦି ମାନବତା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ, ତେବେ ଏହି ଭାରତ ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରରେ ଶତ୍ରୁଙ୍କୁ ମାଟିରେ ମିଶାଇବାର କ୍ଷମତା ଭଲ ଭାବରେ ଜାଣିଛି। ଏହି ସଂକଳ୍ପ ସହିତ ଆସନ୍ତୁ, ଆଉ ଥରେ କୁହନ୍ତୁ.......

 

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ ! ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବହୁତ-ବହୁତ ଧନ୍ୟବାଦ।