Appreciate the Yuva Morcha for staying connected with people online, offline and on ground: PM Modi
Congress opposes technology like EVM and Aadhaar, BJP on the other hand promotes technology in every sector: PM Modi
To promote small businesses in Karnataka, nearly 11% Mudra loans sanctioned in the state alone: PM Modi
Due to political differences, several BJP karyakartas were brutally murdered in Karnataka, such instances must not exist in a democracy: PM Modi
Our stress is on quality of education and quantity of opportunities: PM Modi
Atal Innovation Mission is aimed at promoting research and scientific temper among students: PM tells Yuva Morcha

नमस्ते। मुझे 5-10 मिनट लेट हो गया। क्षमा कीजिए साथियों।

मैं कल रात देर से कर्नाटक से लौटा हूं। और 45 डिग्री टेम्पेरचर में वहां की जनता जनार्धन का जो मैंने उत्साह देखा, उमंग देखा। चुनाव के दौरान गर्मी में भी इस तरह का उत्साह और उमंग बहुत रेयरली देखने को मिलता है। और मैं देख रहा हूं कि कर्नाटक का चुनाव जितना भाजपा के कार्यकर्ता के मैदान में उतरने से दिखाई दे रहा है। लगता है कि जनता स्वयं ये चुनाव लड़ रही है। और ये अपने आप में समाज के हर तबके का व्यक्ति इस चुनाव के मैदान में है। विशेष करके मैं देख रहा हूं कि भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जो लहर चली है। और उसमें भी बार-बार निराशा की खबरें देने के बाद भी, भाजपा जीत नहीं सकती है। हंग एसेम्बली आएगी। इस बीच में भी इस माहौल को आगे बढ़ाने में मैं समझता हूं कि भाजपा कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी भूमिका है। उसमें भी युवा मोर्चे के कार्यकर्ताओं का जज्बा, युवा शक्ति का जज्बा, उनका डेडिकेशन, ऊर्जावान लोग। और कुछ नहीं चाहिए बस भारत माता की जय। इसी मूड में आप जो लगे रहते हैं। और मैंने देखा कि युवा शक्ति फोर फ्रंट पर है। और इसकी पीछे आप लोगों का परिश्रम है। ऑन लाइन हो, ऑफ लाइन हो, ऑन ग्राउंड हो, मास कॉन्टेक्ट हो, व्यक्तिगत कॉन्टेक्ट हो, परिवार में जाकर मिलने की बात हो, हर जगह पर मैंने आपको काम करते देखा है।

मैं समझता हूं कि भारतीय जनता पार्टी की ये सबसे बड़ी पूंजी है। ये आप भलीभांति जानते हैं कि राजनीति के क्षेत्र में विकास के लिए जब हम हर तबके से काम करते-करते ऊपर आते हैं तो हमें जमीनी सच्चाइयों का बहुत ज्ञान होता है। ऊपर से आए हुए लोगों के बजाए भारतीय जनता पार्टी का सौभाग्य रहा है कि छोटी-छोटी जिम्मेवारियां लेते-लेते कार्यकर्ता, दस साल, बीस साल, पच्चीस साल, जनता के अंदर खुद को खपा रहता है।

मैंने आपसे देखा है। एक तरफ हमारे देश में वो दल है जो टेक्नोलॉजी के पीछे पड़ गए हैं। या तो उनकी नासमझी है या फिर जानबूझ करके झूठ फैला रहे हैं। हर टेक्नोलॉजिकल विषय का विरोध करना, यानि ईवीएम तक का विरोध करना, आधार का विरोध करना, मोबाइल फोन की टेक्नोलॉजी का विरोध करना, हर जगह पर ...। दूसरी तरह हम लोग हैं, जो आधुनिक भारत बनाने के लिए जीवन के हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी को महत्व देना चाहते हैं। स्किल डेवलपमेंट हो, इनोवेशन हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का युग चल रहा है। भारत पीछे नहीं रह सकता है। मुझे खुशी है कि बीजेपी संगठन में भी आप लोगों ने टेक्नोलॉजी का महात्म्य बढ़ाया है।

भाइयो बहनो।

कर्नाटक एक मिसाल है। कर्नाटका के लिए देश गर्व कर सकता है ऐसा टैलेंट, ऐसी इनर्जी, ऐसा इनोवेशन, ये इंटरप्राइज, ये कर्नाटक एक उर्वरा भूमि है। कर्नाटक के युवाओं ने हर जगह अपना लोहा मनवाया है। चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो, चाहे वो खेल का मैदान हो, चाहे बिजनेस हो, विज्ञान हो, हर क्षेत्र में कर्नाटक का युवा छाया हुआ है।

और जब मैं कर्नाटक के युवाओं की बात करता हूं तो प्रतिभावान पी गुरुराज का फिर से एक बार उल्लेख करना चाहूंगा। कर्नाटक के इस नौजवान ने अभी कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए पहला पदक जीता था। इन खेलों में भारत का ऐतिहासिक प्रदर्शन रहा है। गुरुराजा पिछले हफ्ते मन की बात कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मुझे उनकी जिस बात ने सबसे अधिक प्रभावित किया। वह थी उनकी विनम्रता। क्या आप जानते हैं कि उन्होंने मन की बात कार्यक्रम के दौरान क्या कहा था। उन्होंने कहा था कि मैं अपना मेडल अपने गांव कुंडापूरा को, कर्नाटक को और हमारे इस देश को समर्पित करता हूं। इस वर्ष के कॉमनवेल्थ के दौरान हमारी महिला एथलीट ने ...। पुरुष एथलीट से हमारी महिलाओं ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। इनमें से एक महिला खिलाड़ी जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह भी हमारी कर्नाटक की बेटी अश्विनी पोनप्पा। वह भारत की सबसे टैलेंटेड बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक है।

मेरे नौजवान मित्रों।

आज भारत में स्टार्टअप की चर्चा हो रही है, इनोवेशन की चर्चा हो रही है। और दुनिया में भारत स्टार्ट अप्स, इनोवेशन में अपनी जगह बना रहा है। और मैं आश्वस्त हूं। आप जानते हैं कि भारत का कौन-सा शहर स्टार्ट अप और इनोवेशन का हब है। क्या ये मुझे बताना पड़ेगा। डंके की चोट पर, अंधेरे में भी किसी से पूछोगे तो बता देगा कि ये बैंगलुरू है। यही तो बैंगलुरू का गर्व है। यही तो कर्नाटक का गौरव है। यहां के युवा जीवंत हैं, प्रतिभाशाली हैं, ऊर्जावान हैं, मेहनतकश हैं, साहस करने वाले लोग हैं। कर्नाटक के युवाओं को केंद्र सरकार की पहल से भरपूर फायदा हो रहा है।

कर्नाटक में छोटे कारोबार को बढ़ावा देने के लिए 1.27 करोड़ से अधिक के मुद्रा लोन दिए गए हैं। जिसकी रकम 50 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक है। कर्नाटक में दिए गए मुद्रा लोनों की संख्या में पूरे देश का अगर हिसाब लगाया जाए तो करीब-करीब 11 प्रतिशत केवल कर्नाटक के युवाओं को गया है। स्टैंड अप इंडिया के तहत करीब-करीब 27 हजार से अधिक उद्यमियों को बिजनेस क्रेडिट के रूप में 641 करोड़ से भी अधिक राशि मिली है। इस योजना के तहत कर्नाटक में एवरेज लोन साइज 23 लाख रुपये हैं। कर्नाटक में इस कार्यक्रम के तहत लगभग एक लाख उम्मीदवारों को, नौजवानों को स्किल ट्रेनिंग दी गई है। कर्नाटक के लिए हमारे मैनिफेस्टो में राज्य पर स्पेशल पर फोकस किया गया है।

कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनने पर पूरे राज्य में 60 स्टेट ऑफ द आर्ट नम्मा बीपीओ कॉम्पलेक्स स्थापित किये जाएंगे। इसके साथ ही स्थानीय उद्यमियों को बीपीओ बिजनस स्थापित करने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए 250 करोड़ का, उसका एक कॉरपस फंड बनाया जाएगा। राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर भारत में स्टार्टअप के सबसे बड़े इंक्यूबेटर्स और कार्यस्थल के तौर पर राज्य के हुबली, बैंगलुरू, रायचूर, मैसूर, कलबुर्गी और मैंगलुरू में 6 हब विकसित किए जाएंगे।  

सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में खेल सुविधाओँ के अपग्रेडेशन के लिए 100 करोड़ रुपए का फंड बनाया जाएगा। चीफ मिनिस्टर्स यंग लीडर प्रोग्राम - सीएमवाईएलपी कार्यक्रम लांच किया जाएगा। इसमें 50 अल्पपसंख्यक मैरिटोरियश कंडिटेट्स को राज्य के शासन में सहायता के लिए शामिल किया जाएगा।

मेरे युवा दोस्तो।

राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर कोडाबू में फील्ड मार्शल करिअप्पा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी। यहां कई तरह के खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोचेज को प्रशिक्षित किया जाएगा और स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इस विश्वविद्यालय में एक स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन भी शामिल होगा। राज्य के हुबली, शिवमोगा, मालपे, कोप्पल और चमराज नगर में 5 वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स सेंटर बनाए जाएंगे जहां हॉस्टल की भी सुविधा होगी।

भाइयो बहनो।

कर्नाटक के किसी एक कार्यकर्ता ने मुझे एक वीडियो दिखाया था। मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं चाहूंगा कि आज कर्नाटक के नौजवान भी इस वीडियो को देखे और उसको प्रचारित करें।

हां साथियों। मैं तो बोलता चला जा रहा हूं। आप भी कुछ बोलना चाहते हैं, कुछ पूछना चाहते हैं तो जरूर बताइए।

भारतीय जनता युवा मोर्चा, बैंगलुरू से महासचिव, तेजस्वी सूर्या – मोदी जी नमस्ते।

पीएम मोदी – जी तेजस्वी सूर्या नमस्ते।

तेजस्वी सूर्या – जी नमस्ते। मैं ये पूछना चाहता हूं कि आप कई बार कह चुके हैं कि लोकतंत्र मैं राजनीतिक हिंसा की जगह नहीं है। लेकिन हम देख रहे हैं कि कर्नाटक में पिछले 5 वर्षों से हमारे कई कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है, राजनीतिक कारण के लिए। आप इसको कैसे देखते हैं मोदी जी।

पीएम मोदी – आप तो स्वयं सूर्या हैं और आप तेजस्वी भी हैं। मुझे अच्छा लगा कि भारतीय जनता युवा कार्यकर्ता को राजनीतिक हिंसा की चिंता है। मैं समझता हूं कि ये अपने आप में भारतीय जनता पार्टी के लिए एक संतोष का विषय है कि मेरी पार्टी में ऐसे नौजवान हैं जो लोकतंत्र की  समझ रखते हैं। हिंसा के प्रति उनको चिंता है, नफरत है। मैं चाहूंगा कि हिन्दुस्तान के सार्वजनिक जीवन में, हिन्दुस्तान के राजनीतिक जीवन में ...। लोकतंत्र में वाद हो, विवाद हो, चर्चा हो, आक्षेप हो ये सभी बातें लोकतंत्र की स्वाभाविक प्रक्रिया है लेकिन लोकतंत्र में हिंसा को कभी भी कोई स्थान नहीं है। और जब इंसान अपने पर से भरोसा खो देता है, जब उसको लगता है कि न तर्क है, न हकीकत है, न सत्य कहने का सामर्थ्य है और न ही सत्य को स्वीकारने का सामर्थ्य है तो स्वभाविक है वो राजनीतिक दृष्टि से हिंसा का मार्ग अपनाता है। और इन दिनों हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को, राष्ट्रवादी विचार को लेकर जीने वाले नौजवानों को सबसे ज्यादा उसका शिकार किया जा रहा है। उनको मौत के घाट उतार दिया जाता है।

1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जिस प्रकार से व्यापक रूप से देश में हिंसा का दौर चला था। तबसे लेकरके ...। ऐसा लग रहा है कि यह राजनीतिक प्रकृति का हिस्सा बनता जा रहा है। मैंने त्रिपुरा के चुनाव में देखा था। पोलिंग के एक दिन पहले तक हमारे कार्यकर्ताओं को मारा जा रहा था। पेड़ पर फंदे पर लटकाया जा रहा था। केरल में मैंने देखा था। कर्नाटक में हमारे एक दलित युवा कार्यकर्ता, उसको गर्म तेल में डुबो करके जला दिया गया। ये लोकतंत्र में शोभा नहीं देता। और हिंसा की चर्चा राजनीतिक दल के दायरे में करने से नुकसान होता है। हिंसा का पूरी तरह से विरोध होना चाहिए। इस दल की हो या उस दल की हो, मरने वाला इस दल का हो या उस दल का हो, लोकतंत्र में हिसा का कोई स्थान नहीं हो सकता है।

कर्नाटक में भी हमारे कई नौजवान साथियों ने अपनी जान गंवा दी है। मेरी उनके परिवार के प्रति पूरी संवेदना है। लेकिन लोकतंत्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए हिंसा के प्रति प्रत्येक राजनीतिक दल में एक विरोध का भाव होना चाहिए। हिंसा के प्रति विरोध का वातावरण होना चाहिए। और मैं चाहूंगा कि कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कभी भी बदले की भावना के बिना ...। जिस तरह से पूरे मनोयोग से लोकतंत्र के मर्यादाओं का पालन करने के लिए जुटे हैं। हम सबने देखना चाहिए कि लोकतंत्र पर कोई दाग नहीं लगना चाहिए। धन्यवाद तेजस्वी।

भारतीय जनता युवा मोर्चा, दक्षिणी मंगलुरू से महासचिव नंदन माल्या – नमस्ते मोदी जी।

पीएम मोदी – नमस्ते। नंदन जी नमस्कार।  

नंदन माल्या – मंगलौर सभी कार्यकर्ता की तरफ से मोदी जी आपको बहुत धन्यवाद। आप यहां आकरके हमें संबोधित करके हम सबको प्रेरणा दिया है। बहुत-बहुत धन्यवादा मोदी जी।

पीएम मोदी – थैक्यू।

नंदन माल्या – मेरा प्रश्न है देश का डेमोग्राफिक डिविडेंट कैसे हो सकता है। इसके लिए सरकार ने क्या कदम उठाया है।

पीएम मोदी – देखिए ये बात सही है कि डेमोग्राफिक डिविडेंट, डेमोग्राफिक डिविडेंट के गीत गाते रहेंगे तो ये चलेगा नहीं। जैसे हमारे देश ने 20वीं सदी के उत्तरार्ध में 21वीं सदी, 21वीं सदी बोलते रहे लेकिन 21वीं सदी के लिए कुछ किया नहीं। और आज बीस साल होने के आए हैं तो भी 21वीं सदी का जो लाभ लेकर आगे बढ़ना चाहिए था, हमें वो फायदा नहीं मिला। क्योंकि वो काम हमको 20वीं सदी के उत्तरार्ध में करना चाहिए था। वैसा ही मैं मानता हूं डेमोग्राफिक डिविडेंट। हमारा सबसे पहला काम है क्वालिटी ऑफ एजुकेशन, क्वांटिटी और अपोर्च्यूनिटीज। दोनों पर ध्यान देना है। और हम दे रहे हैं।

हॉयर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस के सभी एक्जाम को कंडक्ट करने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनाई गई है। देश में एजुकेशन सिस्टम को मजबूती देने के लिए एचआरडी मंत्रालय की ओर से कई स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। ज्ञान, स्वयं, स्मार्ट इंडिया हैकेथलॉन, क्वालिटी एजुकेशन, रिसर्च एंड इनोवेशन इन सबको तेज करने की कोशिशों में हम पूरे तरह प्रयासरत हैं। 20 इंस्टीय्यूट ऑफ एमिनेंस स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत कुछ सलेक्टेड पब्लिक सेक्टर इंस्टीट्यूशन्स को 10 हजार करोड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी। सभी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट को ऑटोनोमी देने के लिए कानून बनाया गया है। बहुत कम लोगों को ध्यान होगा कि शिक्षा के क्षेत्र में इतना बड़ा रिफॉर्म हुआ है। यह कदम इन संस्थानों को और मजबूत आधुनिक बनाने के लिए आवश्यक स्वतंत्रता दे रहा है। कुछ महीने पहले ही यूजीसी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए शिक्षा के उच्च मानकों को पूरा करने वाले 60 उच्च शिक्षण संस्थानों को भी ऑटोनोमी देने का निर्णय किया है। उच्च शिक्षा इस पर सरकार का कितना जोर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले तीन-चार वर्षों में कॉलेजों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है। 2014-15 और 2015-16 की बजट घोषणाओं के अनुरूप 6 नए आईआईटी स्थापित किए जा चुके हैं। इस बजट में प्राइम मिनिस्टर्स रिसर्च फैलो पीएमआरएफ घोषित की गई, जो हर साल एक हजार बीटेक छात्रों को चिह्नित कर उच्च शिक्षण संस्थानों में पीएचडी के लिए फैलोशिप देने वाले हैं।

स्टार्टअप इंडिया। युवाओँ के सपनों और नए आइडियाज को उड़ान दे रहा है। हमारी सरकार एजुकेशन सिस्टम में उन पहलुओं को जोड़ने पर बल दे रही है जो आज की आवश्यकताओँ के अनुरूप हो। फ्यूचर इनोवेटर्स की मदद के लिए स्कूलों में, कॉलेजों में इनोवेशन का इको-सिस्टम बनाने के लिए भरसक योजनाएं काम पर लगाई गई है। रिसर्च को भी अब प्राथमिकता दी जा रही है। अटल इनोवेशन मिशन के तहत देशभर में 2400 से भी अधिक अटल टिंकरिंग लैब को हमने मान्यता दी है। इसके माध्यम से छात्रों में साइंटिफिक टेम्पर बढ़ाने और उनकी क्रिएटिविटी को सही दिशा में बढ़ाने का प्रयास हो रहा है।

स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ सभी तरह के प्रीमियर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में जनरल और रिसर्च इनफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए चार वर्षों में रिवाइटलाइजिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सिस्टम इन एजुकेशन यानी RISE 2022 के तहत कुल एक लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना काम कर रही है। मुझे विश्वास है कि डेमोग्राफिक डिविडेंट की इस दिशा में ये सारे प्रयास बहुत बड़ी मदद करने वाले हैं।

पीएम मोदी – हां शरनू।

भारतीय जनता युवा मोर्चा कोप्पल से जिलाध्यक्ष सवाल शरनू – हरि ओम। मेरा सवाल है कि विपक्ष हमेशा यहां आरोप लगाता रहता है कि रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं बनाए जा रहे हैं। इस पर हमारा क्या रिस्पोंस होना चाहिए।

पीएम मोदी – देखिए कांग्रेस पार्टी के पास अपने कार्यकाल की भी अच्छी बात बताने के लिए कुछ बची नहीं है। इतने साल, 60 साल उन्होंने शासन चलाया। 60 साल में क्या अच्छा किया वो ही बोल देते। लेकिन कुछ है ही नहीं तो क्या बोलेंगे। तब उनके पास सरल रास्ता रहता है कि भाजपा पर आरोप लगाओ। झूठ फैलाओ। बार-बार झूठ फैलाओ। ये उनका तरीका है। लेकिन ये अगर वो बेरोजगारी की बात करते हैं। क्या सारी बेरोजगारी सिर्फ 4 साल में ही पैदा हुई है क्या ...। क्या इतनी बड़ी मात्रा में बेरोजगारी उन्होंने विरासत में दी थी कि नहीं दी थी ...। क्या कांग्रेस पार्टी 10 साल के उनके शासन में देश में बेरोजगारी पर कोई काम नहीं किया था। इस सत्य को स्वीकार करते हैं कि नहीं करते हैं ...। और मैं मानता हूं कि युवाओं की आशा-आकांक्षाओं को एक रूप से पूरा नहीं किया जा सकता है। ये जो कहते हैं, वन साइट फीड्स ऑल एप्रोच, ये काम नहीं करेगा।

हम पब्लिक और प्राइवेट के साथ पर्सनल सेक्टर में भी ऑपोर्च्यूनिटीज को बढ़ाने पर बल दे रहे हैं। आज पहले की तुलना में हमारे कैबिटल खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। और इसलिए एसेट क्रिएशन के लिए अधिक से अधिक पैसा खर्च किया जा रहा है। रोडवेज से लेकर रेलवे तक, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन से लेकरके डिजिटल कनेक्टिविटी तक, वर्तमान सरकार के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की गति कई गुना बढ़ गई है। क्या ऐसा संभव है कि सभी सेक्टर में, इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्माण की गति डबल हो जाए, ट्रिपल हो जाए और लोगों को रोजगार न हो। ये संभव है क्या ...। क्या अवसर न हो ये संभव है क्या ...। ये सभी सेक्टर्स लेबर इंटेन्शिव सेक्टर हैं। और जब तक अधिक से अधिक संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जाएगा तब तक इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन की गति को इतनी तेजी से आगे बढ़ ही नहीं सकती है। आज जब इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिएशन पर अधिक पैसा खर्च किया जा रहा है। और जब इतनी तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण भी हो रहा है। तो फिर ये आरोप कहां टिकता है। क्या ये रोजगार के अवसर बनाए बिना हो रहा है क्या ...।

आज भारत में विदेशी निवेश (एफडीआई) रिकॉर्ड स्तर पर हो रहा है। और ये लगातार बढ़ता ही चला जा रही है। पूरे विश्व ने देखा है कि कैसे वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनस में भारत ने लंबी छलाग लगाई है। एक ऐतिहासिक सुधार किया है। विभिन्न विदेशी एजेंसियां भी लगातार कह रही है कि भारत विश्व में निवेश और व्यापार के लिए विश्व में से बेस्ट डेस्टीनेशन में से एक है।

जब प्राइवेट सेक्टर की बात आती है तो चाहे आईटी हो या अन्य उद्योग। हर जगह जॉब क्रिएशन में तेजी आ रही है। विभिन्न एजेंसियां चाहे नैस्कॉम हो या जॉब पोर्टल हो, हर किसी ने सर्व सम्मति से एक सुर में यह बात कही है।

पिछली सरकारों ने जो किया, उसके विपरीत हमने पर्सनल सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया है। हमने हमारे छोटे उद्यमियों पर भरोसा किया है। उनके बिजनस स्किल पर भरोसा किया है। हमने इंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दी है। जिसका परिणाम हुआ कि रोजगार के अवसर बढ़े।

मुद्रा योजना तक अब तक, मेरे नौजवान गर्व करें, इस बात के लिए कि बिना बैंक गारंटी के 12 करोड़ से अधिक लोन दिए जा चुके हैं। प्रत्येक नए उद्यमी ने न सिर्फ अपने लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं बल्कि कम से कम एक या दो और लोगों को रोजगार में शामिल किया है, उनको अवसर दिया है, मौका दिया है। डिमोनेटाइजेशन और जीएसटी से भी देश में जॉब के फार्मेलाइजेशन में एक बड़ा बदलाव आया है। जिसका परिणाम ये हुआ है कि वर्कर्स को सोशल सिक्युरिटी के रूप में अपने नियोक्ता से प्रोपर बेनिफिट्स मिल रहे हैं।

ईपीएफओ के आंकड़े बताते हैं कि इनरोलमेंट बढ़ा है और फार्मल जॉब्स, संगठित क्षेत्र में रोजगार के और अवसर बढ़ रहे हैं। जहां तक विपक्ष के आरोपों की बात है। हमारे पास राज्य सरकारों का भी डाटा है। जो उन्होंने रोजगार के लिए दिया है। उदाहरण के लिए कर्नाटक सरकार का दावा है कि उन्होंने 50 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की। पश्चिम बंगाल सरकार का दावा है कि 60 लाख से अधिक रोजगार पैदा किए। अब ये तो समझने वाली बात है कि अगर राज्य में अच्छी संख्या में रोजगार के अवसर बन रहे हैं तो क्या देश में नहीं बन रहे हैं। क्या ये संभव है। ये कैसे संभव हो सकता है कि राज्य सरकार तो रोजगार के अवसर बना रही है लेकिन केंद्र सरकार रोजगार के अवसर नहीं बना रही है।

मेरे नौजवान साथियो।

बिना जांच किए, बिना कोई जानकारियों के आधार पर ऐसे ही मनगढ़ंत, मनगढ़ंत बातें चलाते रहना।  और 10 साल की उनकी जो विफलताएं रही है, वो आज हमारे माथे पर मढ़ने का उनका ये षड्यंत्र है। आप हिम्मत के साथ कहिए कि विकास के मुद्दों पर हम जो काम कर रहे हैं, विकास के प्रति जो हमारा कमिटमेंट है, हर चीज में रोजगार की संभावना है।

अरे हम आज आयुष्मान भारत योजना लेकर आ रहे हैं। देश के गांवों में वेलनेस सेंटर बनाएंगे। क्या ये गांव में रोजगार पैदा करेगा कि नहीं करेगा। हम आयुष्मान भारत योजना लेकरके आएंगे। 50 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपये तक साल में मेडिकल हेल्प मिलने वाली है। क्या इसको पहुंचाने के लिए पूरा मेडिकल फिल्ड चैन लगेगा कि नहीं लगेगा। डॉक्टर लगेंगे, टेक्निशियन लगेंगे, अस्पताल लगेंगे। टायर टू, टायर थ्री सिटी में नए-नए अस्पताल बनेंगे।

क्या ये रोजगार पैदा नहीं करेगा। ये रोजगार पैदा नहीं कर रहा है क्या। इसलिए उनके झूठ की परवाह मत कीजिए। देश में निराशा पैदा करना, यही उनका काम है। ये खुद निराश हैं इसलिए वो आशा के बारे में सोच ही नहीं सकते हैं।

और नौजवानों।

मैने कर्नाटक का मिजाज देखा है। बहुत कम ऐसे चुनाव होते हैं जिसमें जनता जनार्धन का ऐसा मिजाज देखने को मिलता है। 45 डिग्री का तापमान, आज घर में टीवी के आगे बैठकर भाषण सुनने और देखने का मौका मिलता है। फिर भी इतनी गर्मी में, इतनी बड़ी तादात में लोगों का आना ...।

मैं नहीं मानता हूं कि पोलिटिकल पंडितों को जनता के इस मिजाज का पूरा अंदाज है। और फिर मैं एक बार सभी युवा साथियों से अंतकरण पूर्वक बधाई देता हूं। मैं आपसे आग्रह करूंगा कि प्रचार का अपना महत्व है। वो होते रहना चाहिए। लेकिन आखिर चुनाव अर्थमैटिक होता है, एक विज्ञान है। पोलिंग बूथ में से ही विजय निकलता है। ज्यादा से ज्यादा लोग वोट करे। गर्मी शुरू होने से पहले वोट करे। घर-घर से लोग वोट करे। शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हो। दोपहर 12 बजे के पहले जितना ज्यादा मतदान हो सके, इसके लिए हम सबको मेहनत करनी चाहिए। और लोकतंत्र में सर्वाधिक मतदान, ये सबकी जिम्मेवारी होती है।

मेरी युवा शक्ति, मेरी युवा चाहे पुरुष कार्यकर्ता हो चाहे महिला कार्यकर्ता हो, आपके बीच में स्पर्धा होनी चाहिए कि कौन पुरुषों का वोट ज्यादा करवाता है और कौन महिलाओं का वोट ज्यादा करवाता है। हर पोलिंग बूथ में युवा कोई नहीं बचना चाहिए जिसने वोट न डाला हो।

आप देखिए। 15 तारीख को भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने वाली है। येदुरप्पा जी के नेतृत्व में सरकार बनने वाली है। जनता जनार्धन के आशीर्वाद मिलने वाले हैं। इस विश्वास के साथ लोकतंत्र के प्रति पूरी आस्था, श्रद्धा और समर्पण के साथ, आप सभी नौजवान एक रचनात्मक कार्यकर्ता के रूप में, एक समाज को समर्पित कार्यकर्ता के रूप में अपने जीवन को भी आगे बढ़ाएं। इसी एक भावना के साथ आप सबसे मिलने का मौका मिला। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। धन्यवाद।

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Prime Minister Narendra Modi to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.