Good infrastructure has the potential to transform the nation: PM

Published By : Admin | November 5, 2015 | 17:34 IST
PM Modi lays foundation Stone of NHAI Projects in Sonepat, Haryana
If Infrastructure improves, quality of life also enhances: PM Modi
Good infrastructure has the potential to transform nations: PM
These roads won't only carry the vehicles, these roads would lead Haryana towards development: PM
There are so many districts not connected with a national highway. Bharat Mala project will change that: PM
We have made attempts to transform the railways- increase speed, extension, expansion, better stations. Lot of initiatives are happening: PM
We are dedicated to provide 24/7 power supply to the 18,000 villages that still don not have electrification: PM Modi

कभी-कभी लोगों के मन में विचार आता है कि पैसे होते हैं तो रास्‍ते बनते हैं लेकिन हकीकत ये है अगर रास्‍ते बनते हैं तो फिर पैसे अपने-आप बनना शुरू हो जाते हैं। आज के युग में विकास की सबसे पहली प्राथमिक आवश्‍यकता होती है Infrastructure चाहे वो बिजली की बात हो, पानी की हो, सड़क की हो, और जहां-जहां Infrastructure पहुंचता है वहां-वहां विकास की रफ्तार तेज होती है। Quality of life में भी बहुत बड़ा बदलाव, जब इस प्रकार की सुविधाएं तैयार होती हैं तब होता है। लेकिन ज्‍यादातर हमारे देश में सरकारें दुविधा में रहती हैं, उनको लगता है कि किसी मतदाता को कोई लाभ मिलेगा तो, तो चुनाव में लाभ मिलेगा लेकिन अगर सड़क बनती है तो लोगों को लगता है उसमें क्‍या है भई ये तो सरकार का काम है, मेरा क्‍या हुआ। और ये दुविधा कई वर्षों से हमारे देश में चल रही है। और शायद ये दुविधा ही हमारे देश में विकास की सबसे बड़ी रुकावट है। जो समाज में दलित है, पीडि़त है, शोषित है, वंचित है, उनकी चिंता करना, विकास के फल उन तक पहुंचें, विकास की यात्रा में उनकी समान भागीदारी हो, ये तो सुनिश्चित करना राज्‍य की प्राथमिकता होती ही है, होनी भी चाहिए। लेकिन साथ-साथ अगर सर्वांगीण विकास करना है, लंबे अर्से तक लोगों को आत्‍मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ना है, ये बहुत आवश्‍यक होता है कि Infrastructure को बल दिया जाए।

हरियाणा छोटा प्रदेश है लेकिन करीब-करीब 32 हजार करोड़ रुपये की योजनाएं सिर्फ roads के लिए आएं, ये छोटी बात नहीं है। ये 32 हजार करोड़ रुपये लगते हैं तो इलाके के नौजवानों को रोजगार भी मिलता है, मजदूरी करने वालों को भी काम मिलता है, लेकिन जब व्‍यवस्‍था खड़ी होती है तो विकास की गति भी बहुत तेज होती है।

आप में से अगर किसी को अध्‍ययन करना है तो कोरिया एक उत्‍तम नमूना है कि कोरिया कहां-से-कहां पहुंचा और वहां की शुरूआत, वहां के शासकों ने इस बात से की कि कोरिया के बीच से गुजरता हुआ एक बहुत बड़ा आधुनिक Highway बनाया जाए। बड़ा विवाद हुआ था उस देश में। विवाद इस बात का हुआ कि देश गरीब है, एक रोड के लिए इतने पैसे लगा रहे हो, स्‍कूल नहीं है, अस्‍पताल नहीं है, गरीबी है, और अब रोड के लिए इतने अरबों-खरबों लगा रहे हो। बड़ा विवाद हुआ था लेकिन उस समय के शासकों ने इन सारे आरोप-प्रत्‍यारोपों के बीच भी पूरे कोरिया के बीच से एक उत्‍तम रास्‍ता बनाने का तय कर लिया और बनाया। और उस एक रास्‍ते ने पूरे कोरिया के जीवन को बदल दिया। आज दुनिया के समृद्ध देशों में कोरिया का नाम आ गया है।

Infrastructure की ये ताकत होती है और इसलिए मार्ग के क्षेत्र में, हमारे नितिन गडकरी जी के नेतृत्‍व में शायद पिछले 60 साल में इतने व्‍यापक रूप से मार्ग निर्माण के काम पर कल्‍पना तक नहीं की गई होगी। एक तरफ भारतमाला योजना है, दूसरी तरफ सेतुभारतम योजना है। अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भारत को उत्‍तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम जोड़ने के लिए एक Golden चतुष्‍क का निर्माण करने का बीड़ा उठाया और उस काम में इतनी तेजी आई कि उनके कार्यकाल में जितना काम पूरा हुआ, उस काम को आज भी हिन्‍दुस्‍तान के विकास में एक अहम भूमिका अदा हो रही है, इस रूप में माना गया से है।

ये जो रास्‍ते बनने वाले हैं, वो रास्‍ते सिर्फ हमारे Vehicles को ले जाने वाले रास्‍ते नहीं हैं। ये मार्ग का निर्माण हरियाणा को गति देने वाला निर्माण है, ये मार्ग का निर्माण हरियाणा को विकास की नई ऊंचाईयों पर तेज गति से पहुंचाने का अभियान है।

सागरमाला योजना के तहत हिन्‍दुस्‍तान के समुद्र तट, उस समुद्र तट के साथ वो Infrastructure जोड़ा जाए ताकि हिन्‍दुस्‍तान का हर कोना सामुद्रिक व्‍यापार के लिए जहां जाना हो, उसको अच्‍छे से अच्‍छा तेज गति से connectivity मिले ताकि देश में व्‍यापार को बढ़ावा मिल सकता है। अगर अच्‍छा Infrastructure है और हिमाचल के apple हैं, उनको समुद्री मार्ग से दुनिया में कहीं पहुंचाना है, तेज गति से अगर पहुंचा दिया तो वो किसान भी सुखी होता है, और जहां पहुंचता है वहां भी अच्‍छा माल पहुंचता है। यानी एक प्रकार से इन सुविधाओं से गांव गरीब किसान भी जो मेहनत करके पैदा करता है, अच्‍छे बाजार में सही समय पर पहुंच करके अपने आर्थिक विकास की यात्रा को गति दे सकते हैं। और इसलिए हमारे बंदरों के साथ, सामुद्रिक बंदरों के साथ, सागरमाला के तहत road connectivity देने का अभियान है।

सेतुभारतम, आपने देखा होगा हमारे देश में दो तरफ सड़क बनी है, बीच में से रेल जा रही है, ऊपर पुलियां नहीं बन रही हैं, रोड खराब हो रहा है। वर्षों तक ये चलता था, कभी रेल permission नहीं दे रही है, कभी रोड वाले काम नहीं करते हैं। नितिन जी ने आ करके बीड़ा उठाया, रेल और रोड के बीच में सामंजस्‍य बन गया, और एक formula बनाएं कि अगर इतने parameter पूरे होते हैं तो permission आपो-आप मिल जाएगी, अब नीचे भले रेल जाती है, ऊपर bridge बनाने का काम चालू करो।

इतनी तेज गति से काम बढ़ रहा है, आपको हैरानी होगी। हमारे देश में कहीं रेल गुजर रही है और गांव विकसित हुआ। गांव को एक छोर इस तरफ है रेलवे के, दूसरा उस तरफ है। पानी की पाईप लाईन डालनी है तो railway department दो-दो, चार-चार साल तक permission नहीं देता। और उसके कारण एक ही गांव, बीच में से रेल जा रही, उधर पानी नहीं पहुंच रहा है। हमने कुछ नियम ऐसे बनाए हैं कि Infrastructure में इस प्रकार की जो कठिनाईयां हैं वो समय-सीमा में निश्चित parameter के तहत तत्‍काल लागू की जाएं और इसके कारण इतने काम जो अटके पड़े थे उनको गति मिली।

मैं इन दिनों हर महीने में एक बार राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठता हूं, video conference करता हूं और जितने project अटके पड़े हें, वो क्यों अटके हैं, किसके कारण अटके हैं, उसकी जरा पूछताछ करता हूं। आपको हैरानी होगी, पिछले 5-6 महीनों से मेरा ये अभियान चल रहा है। अब तक करीब चाल लाख करोड़ रुपए के अटके हुए project काम करना शुरू कर दिए हैं। सेतू भारतम के द्वारा इस देश में करीब पौने 400 ऐसे bridge बनाने की जरूरत है जो विकास के लिए bottle neck बने हुए हैं, रुकावट बने हुए हैं। अगर ये 400 सेतु बन जाते हैं तो पूरे देश में एक गति को नया आयाम मिलेगा।

सेतुभारतम के तहत अरबों-खरबों रुपया लगाकर के, एक focus के रूप में कि bridge बनाने के काम को बल देना है, कभी चौड़ा करना है, कहीं नया Parallel bridge बनाना है, कहीं नए bridge बनाने हैं। एक साथ सर्वे करके उसका काम करने का अभियान उठाया है, एक भारतमाला योजना बनाई है। आपको हैरानी होगी 60 साल के बाद इस देश में 123 district ऐसे हैं, यानी करीब-करीब 20 percent, 20 percent district ऐसे हैं, जो आज भी National Highway के साथ connectivity नहीं है और इसलिए भारतमाला project के तहत एक अभियान उठाया है कि जल्द से जल्द हिन्दुस्तान के 123 district जो National Highway से link नहीं हैं, उनको जोड़ने के लिए भारतमाला project चलाया है और आने वाले वर्षों में focus target योजना के साथ इस काम को करने की दिशा में हम आगे बढ़े जा रहे हैं।

दिल्ली के चारों तरफ पूरब और पश्चिम नई सड़क, दिल्ली को तो अनेक समस्याओं से तो मुक्त करेंगे ही करेंगे लेकिन इसके बाद हरियाणा के व्यक्ति को अगर राजस्थान जाना, या हरियाणा के व्यक्ति को उत्तर प्रदेश के किसी छोर पर जाना है, उसकी सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा, तेज गति से वो बाहर से बाहर अपना आगे बढ़ जाएगा और ये road की रचना ऐसी है कि भविष्य में वहां पर urban development तो होना ही होना है। जब road आता है तो विकास अपने आप होता ही होता है, कई कालोनियां बनना शुरू हो जाती है लेकिन ये road की रचना ऐसी है कि साथ में अगर नए शहर विकसित भी हो जाएंगे, नई locality विकसित भी हो जाएगी तो भी दोनों के बीच में कोई contradiction नहीं होगा, तकलीफ नहीं होगी। ऐसा सुरक्षित मार्ग बनाने के पीछे ये इतने अरबों-खरबों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

मैं हरियाणा सरकार को, श्रीमान नितिन जी को और उनके department की पूरी team को हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं कि इस काम को वो बहुत तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं और भारत को गति देने में एक बहुत बड़ी अहम भूमिका, railway हमने railway में आमूल-चूल परिवर्तन करने कि दिशा में प्रयास शुरू किया है, railway स्टेशनों में बदलाव लाने का प्रयास शुरू किया है, रेल की गति बढ़े, रेल expansion हो, रेल के नए area extension हो, रेल में जहां diesel से चल रहा है, वहां electricity कैसे आए, एक साथ अनेकों प्रकार के initiative लेकर के, भारत के रेल युग को एक आधुनिक रेल युग में परिवर्तन करने का प्रयास बहुत तेज गति से हमने उठाया है। बिजली, 2022 जब भारत आजादी के 75 साल मनाएं, हमारा सपना है कि तब हिंदुस्तान के हर गांव में सातों दिन, 24 घंटे, पूरे सालभर बिजली मिलनी चाहिए। ये काम सरल नहीं है, मैं जानता हूं, बिजली के उत्पादन में कितनी ताकत लगेगी, मैं जानता हूं, बिजली पहुंचाने में कितनी ताकत लेगगी, मैं जानता हूं लेकिन किसी ने तो कठिन काम भी हाथ में लेने पड़ते हैं और हमने बीड़ा उठाया है कि 2022 जब भारत आजादी के 75 साल मनाता होगा, हिंदुस्तान के अंदर जहां-जहां बिजली पहुंचानी होगी, वहां पहुंचेगी और 24 घंटे बिजली उपलब्ध होगी, इस दिशा में हम काम रहे हैं।

युग बदला है, बदले हुए युग में अब highway से ही काम सिर्फ नहीं है। Highways भी चाहिए, information wave भी चाहिए, Digital India का जो हमारा सपना है, उस Digital India के सपने का पूरा करने के लिए 21वीं सदी का जो महत्वपूर्ण Infrastructure है, वो है Highways के साथ-साथ eye ways आज सारी दुनिया आपके mobile phone में है और इसलिए उसके infrastructure को भी बल देना पड़ेगा। आधुनिक भारत की पहली शर्त बन गया है, eye ways होना और इसलिए Digital India के माध्यम से Optical Fiber Network का काम पूरा हिंदुस्तान में तेज गति से चल रहा है। मैं जब इन चीजों का review करता हूं तो मेरे ध्यान में आया, लाखों गांव ऐसे हैं कि जहां पर आज के युग में Digital connectivity नहीं है, वो भी एक कठिन काम है, हमने उसका बीड़ा उठाया है, काम तेजी से चल रहा है। जब मैं बिजली के लिए पूछ रहा था, मैं हैरान था 21वीं सदी के 15 साल बीत चुके हैं, आजादी के 70 साल होने जा रहे हैं लेकिन इस देश में 18 हजार गांव ऐसे हैं, जहां बिजली का खंभा तक नहीं लगा है, एक तार भी नहीं पहुंचा है। हमने बीड़ा उठाया है, मैंने लाल किले से इसकी घोषणा की थी कि एक हजार दिन में 18 हजार गांव जहां बिजली पहुंची नहीं है, वो दुर्गम से दुर्गम इलाके होंगे, पहाड़ की चोटी पर हो या रेगिस्तान में हो, हम वहां पर बिजली पहुंचाएंगे, इसका एक अभियान चलाया है।

भाइयों-बहनों आधुनिक भारत को बनाने के लिए Infrastructure की जितनी आवश्यकता है, उस पर हम तेज गति से काम पर लगे हैं, हरिय़ाणा उसमें बहुत प्रगति कर सकता है, सबसे ज्यादा फायदा हरियाणा ले सकता है और मनोहर जी इस बात को बल देकर के आगे बढ़ा रहे हैं। मैं फिर एक बार हरियाणा को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। मेरे साथ बोलिए भारत माता की, भारत माता की।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

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