ଗଣତନ୍ତ୍ର ଏବଂ ଆଇନର ଶାସନ ପ୍ରତି ମୌଳିକ ବିଶ୍ୱାସ ଆଧାରରେ ଭାରତ ଏବଂ ଜର୍ମାନୀ ମଧ୍ୟରେ ଦ୍ୱିପାକ୍ଷିକ ସମ୍ପର୍କ ଗଢ଼ି ଉଠିଛି ବୋଲି ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ କହିଛନ୍ତି ।
ଆନ୍ତଃସରକାରୀ ପରାମର୍ଶର ଭୂମିକାକୁ ପ୍ରଶଂସା କରି ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ ଏହି ଅଭିନବ ବ୍ୟବସ୍ଥା ଦ୍ୱାରା ଭାରତ ଏବଂ ଜର୍ମାନୀ ମଧ୍ୟରେ ବିଭିନ୍ନ କ୍ଷେତ୍ର ଯଥା ନୂତନ ଏବଂ ଅତ୍ୟାଧୁନିକ ପ୍ରଯୁକ୍ତି, ଇ-ପରିବହନ, ଇନ୍ଧନ ସେଲ ପ୍ରଯୁକ୍ତି, ସ୍ମାର୍ଟ ସିଟି, ଅନ୍ତର୍ଦେଶୀୟ ଜଳପଥ, ଉପକୂଳ ପରିଚାଳନା, ନଦୀ ସଫେଇ, ପରିବେଶ ସୁରକ୍ଷା ଆଦି କ୍ଷେତ୍ରରେ ଦ୍ୱିପାକ୍ଷିକ ସମ୍ପର୍କ ସଦୃଢ଼ ହୋଇପାରିଛି ।
ଆଜି ନୂଆଦିଲ୍ଲୀଠାରେ ଜର୍ମାନ ଚାନ୍ସେଲରଙ୍କ ସହିତ ଏକ ମିଳିତ ପ୍ରେସ ବିବୃତିରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ ଉଦଘାଟନୀ ବିବୃତି ରଖି ଏହା କହିଥିଲେ ।
ଜର୍ମାନୀ ଚାନ୍ସେଲର ଡ. ଆଞ୍ଜେଲା ମର୍କେଲ ଏବଂ ତାଙ୍କ ସହ ଆସିଥିବା ପ୍ରତିନିଧି ଦଳକୁ ଭାରତରେ ସ୍ୱାଗତ ଜଣାଇ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ ଭାରତ-ଜର୍ମାନୀ ସମ୍ପର୍କକୁ ସୁଦୃଢ଼ କରିବାରେ ଚାନ୍ସେଲର ମର୍କେଲ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ ଭୂମିକା ନିର୍ବାହ କରିଛନ୍ତି ।
ରପ୍ତାନି ନିୟନ୍ତ୍ରଣ ପ୍ରଣାଳୀ ଏବଂ ଅନ୍ୟ ଅନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ମଂଚରେ ଭାରତର ସଦସ୍ୟତା ପ୍ରତି ଜର୍ମାନୀର ସମର୍ଥନ ପାଇଁ ଆମେ କୃତଜ୍ଞ ବୋଲି ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ।
ସେ କହିଥିଲେ, ମିଳିତ ଜାତିସଂଘ, ସୁରକ୍ଷା ପରିଷଦ ଏବଂ ଅନ୍ୟ ଅନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ମଂଚରେ ଯଥାଶୀଘ୍ର ସଂସ୍କାର ଆଣିବାକୁ ଦୁଇ ରାଷ୍ଟ୍ର ପାରସ୍ପରିକ ସହଯୋଗ ଜାରି ରଖିବେ ।
5th biennial India-Germany Inter-Governmental Consultations- PM @narendramodi ‘s Statement to the Media- “चांसलर डॉ मर्केल और उनके डेलीगेशन का भारत में हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।”
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PM- चांसलर मर्केल को जर्मनी और यूरोप ही नहीं, बल्कि विश्व की लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रमुख नेताओं में गिना जाता है।
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PM- पिछले लगभग डेढ़ दशक से चांसलर के रूप में उन्होंने भारत-जर्मनी संबंधों को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके लिए मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
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PM- हर दो साल के अंतराल पर होने वाली तीन IGC बैठकों में चांसलर मर्केल के साथ भाग लेने का मुझे सौभाग्य मिला है।इस अनूठी mechanism से हर क्षेत्र में हमारा सहयोग और भी गहरा हुआ है। आज जिन समझौतों, आदि पर हस्ताक्षर हुए हैं, वे इस बात का प्रतीक है।
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PM- मुझे बहुत खुशी है कि भारत और जर्मनी के बीच हर क्षेत्र में, खास तौर पर New and Advanced Technology में दूरगामी और Strategic cooperation आगे बढ़ रहा है।
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PM- सन् 2022 में स्वतंत्र भारत 75 वर्ष का होगा। तब तक हमने New India के निर्माण का लक्ष्य रखा है।
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इस बहुआयामी प्रयास में भारत की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के लिए जर्मनी जैसे technological और Economic Power House की क्षमताएं उपयोगी होंगी।
PM- हमने New and Advanced Technology, Artificial Intelligence स्किल्स, शिक्षा, Cyber Security जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष बल दिया है।
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PM- E-mobility, fuel cell technology, smart cities, Inland water ways, Coastal management, नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग की नयी संभावनाओं को विकसित करने का हमने फैसला किया है।
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PM- व्यापार और निवेश में अपनी बढ़ती हुई भागीदारी को और गति देने के लिए हम private sector को प्रोत्साहित कर रहे हैं। चांसलर मर्केल और मैं दोनों देशों के कुछ प्रमुख Business और Industry Leaders से मुलाकात करेंगे।
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PM- हम जर्मनी को आमंत्रित करते हैं कि रक्षा-उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में Defence Corridors में अवसरों का लाभ उठाएं।
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PM- भारत और जर्मनी के विश्वास और मित्रतापूर्ण संबंध, Democracy, Rule of law जैसे साझा मूल्यों पर आधारित है। इसलिए, विश्व की गंभीर चुनौतियों के बारे में हमारे दृष्टिकोण में समानता है। इन विषयों पर हमारे बीच विस्तार से चर्चा शाम को जारी रहेगी।
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PM- आतंकवाद और उग्रवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए हम bilateral और multilateral सहयोग को और घनिष्ठ बनाएंगे।
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PM- Export control regimes और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भारत की सदस्यता को जर्मनी के सशक्त समर्थन के लिए हम आभारी हैं।
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दोनों देश सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में अन्य आवश्यक सुधार शीघ्र कराने के लिए सहयोग और प्रयास जारी रखेंगे।