Quoteପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ ସ୍ପେନ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କ ସହ ମିଳିତ ଭାବେ ଭଦୋଦରାରେ ସି-୨୯୫ ବିମାନ ନିର୍ମାଣ ପାଇଁ ଟାଟା ଏୟାରକ୍ରାଫ୍ଟ କମ୍ପେ୍ଲକ୍ସ ଉଦଘାଟନ କରିବେ
Quoteଏହା ଭାରତରେ ସୈନ୍ୟ ବିମାନ ସମ୍ବନ୍ଧିତ ଘରୋଇ କ୍ଷେତ୍ରର ପ୍ରଥମ ଚୂଡ଼ାନ୍ତ ଆସେମ୍ବ୍ଲି ଲାଇନ ହେବ
Quoteଆମ୍ରେଲିରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ୪,୯୦୦ କୋଟି ଟଙ୍କାର ବିଭିନ୍ନ ବିକାଶମୂଳକ ପ୍ରକଳ୍ପର ଶିଳାନ୍ୟାସ ଏବଂ ଲୋକାର୍ପଣ କରିବେ
Quoteଏହି ପ୍ରକଳ୍ପ ଗୁଡ଼ିକ ମୁଖ୍ୟତଃ ରେଳ, ସଡ଼କ, ଜଳ ବିକାଶ ଏବଂ ପର୍ଯ୍ୟଟନ କ୍ଷେତ୍ର ଉପରେ କେନ୍ଦ୍ରିତ

ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ ଅକ୍ଟୋବର ୨୮ ତାରିଖରେ ଗୁଜରାଟ ଗସ୍ତରେ ଯିବେ । ପ୍ରାୟ ପୂର୍ବାହ୍ନ ୧୦ଟା ବେଳେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ସ୍ପେନ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ପେଡ୍ରୋ ସାଞ୍ଚେଜଙ୍କ ସହ ମିଳିତ ଭାବେ ଟାଟା ଏୟାରକ୍ରାଫ୍ଟ କମ୍ପେ୍ଲକ୍ସର ଉଦଘାଟନ କରିବେ । ଟାଟା ଆଡଭାନ୍ସଡ ସିଷ୍ଟମସ ଲିମିଟେଡ କ୍ୟାମ୍ପସରେ ସି-୨୯୫ ବିମାନ ନିର୍ମାଣ କରାଯାଉଛି । ପୂର୍ବାହ୍ନ ପ୍ରାୟ ୧୧ଟା ବେଳେ ସେ ଭଦୋଦରାର ଲକ୍ଷ୍ମୀ ବିଳାସ ପ୍ୟାଲେସ ଯିବେ । ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଭଦୋଦରାରୁ ଆମ୍ରେଲି ଯିବେ । ଅପରାହ୍ଣ ପ୍ରାୟ ୨ଟା ୪୫ ମିନିଟରେ ସେ ଆମ୍ରେଲିର ଦୁଧାଲା ଠାରେ ଭାରତମାତା ସରୋବରର ଉଦଘାଟନ କରିବେ । ଅପରାହ୍ଣ ପ୍ରାୟ ୩ଟା ବେଳେ ସେ ଆମ୍ରେଲିର ଲାଠିଠାରେ ୪,୮୦୦ କୋଟି ଟଙ୍କାର ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକଳ୍ପର ଶିଳାନ୍ୟାସ ଏବଂ ଉଦଘାଟନ କରିବେ ।

ଭଦୋଦରାରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ

ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ସ୍ପେନ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ପେଡ୍ରୋ ସାଞ୍ଚେଜଙ୍କ ସହ ମିଳିତ ଭାବେ ଟାଟା ଏୟାରକ୍ରାଫ୍ଟ କମ୍ପେ୍ଲକ୍ସର ଉଦଘାଟନ କରିବେ । ଟାଟା ଆଡଭାନ୍ସଡ ସିଷ୍ଟମସ ଲିମିଟେଡ କ୍ୟାମ୍ପସରେ ସି-୨୯୫ ବିମାନ ନିର୍ମାଣ କରାଯାଉଛି । ସି-୨୯୫ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମରେ ମୋଟ ୫୬ଟି ବିମାନ ଅନ୍ତର୍ଭୁକ୍ତ । ଏହା ମଧ୍ୟରୁ ୧୬ଟି ସିଧାସଳଖ ସ୍ପେନରୁ ଏୟାରବସ୍ ପକ୍ଷରୁ ଆସିବ ଏବଂ ବଳକା ୪୦ଟି ଭାରତରେ ନିର୍ମାଣ କରାଯିବ ।

ଭାରତରେ ଏହି ୪୦ଟି ବିମାନ ନିର୍ମାଣର ଦାୟିତ୍ୱ ଟାଟା ଆଡଭାନ୍ସଡ ସିଷ୍ଟମସ ଲିମିଟେଡ ହାତରେ ରହିଛି । ଭାରତରେ ଏହା ଭାରତରେ ମିଲିଟାରୀ ବିମାନ ସମ୍ବନ୍ଧିତ ଘରୋଇ କ୍ଷେତ୍ରର ପ୍ରଥମ ଚୂଡ଼ାନ୍ତ ଆସେମ୍ବ୍ଲି ଲାଇନ ହେବ । ଏଥିରେ ବିମାନ ନିର୍ମାଣ ଠାରୁ ଆରମ୍ଭ କରି ସଂଯୋଜନ, ପରୀକ୍ଷଣ ଏବଂ ଯୋଗ୍ୟତା, ବିତରଣ ଏବଂ ବିମାନର ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଜୀବନଚକ୍ରର ରକ୍ଷଣାବେକ୍ଷଣ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସମ୍ବନ୍ଧିତ ଏକ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଇକୋସିଷ୍ଟମର ପୂର୍ଣ୍ଣ ବିକାଶ ସାମିଲ ହେବ ।

ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମରେ ଟାଟା ସମେତ ଭାରତ ଇଲେକ୍ଟ୍ରୋନିକ୍ସ ଲିମିଟେଡ ଏବଂ ଭାରତ ଡାଇନାମିକ୍ସ ଲିମିଟେଡ ଭଳି ପ୍ରତିରକ୍ଷା କ୍ଷେତ୍ରର ଘରୋଇ ସେକ୍ଟର ସାମିଲ ହେବେ । ଏଥିସହ ଘରୋଇ କ୍ଷେତ୍ରର ସୂକ୍ଷ୍ମ, ଲଘୁ ଏବଂ ମଧ୍ୟମ ଉଦ୍ୟୋଗ ମଧ୍ୟ ସାମିଲ ହେବେ ।

ପୂର୍ବରୁ ଅକ୍ଟୋବର ୨୦୨୨ରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଭଦୋଦରା ଫାଇନାଲ ଆସେମ୍ବ୍ଲି ଲାଇନ (ଏଫଏଏଲ)ର ଶିଳାନ୍ୟାସ କରିଥିଲେ ।

ଆମ୍ରେଲିରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ

ଆମ୍ରେଲିର ଦୁଧାଲାଠାରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଭାରତମାତା ସରୋବରକୁ ଉଦଘାଟନ କରିବେ । ସରକାରୀ-ଘରୋଇ ସହଭାଗିତା (ପିପିପି ମଡେଲ)ରେ ଗୁଜରାଟ ସରକାର ଏବଂ ଢୋଲକିଆ ଫାଉଣ୍ଡେସନ ମିଳିତଭାବେ ଏହି ପ୍ରକଳ୍ପକୁ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିଛନ୍ତି । ବାସ୍ତବରେ ଏହି ଡ୍ୟାମର ୪.୫ କୋଟି ଲିଟର ଜଳଧାରଣ କ୍ଷମତା ଥିବା ବେଳେ ଏହାର ନବୀକରଣ ପରେ ଏହାର କ୍ଷମତା ୨୪.୫ କୋଟି ଲିଟରକୁ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଛି । ଡ୍ୟାମର ଖନନ, ଚଉଡ଼ା ପରେ ପାଖଆଖ ଅଞ୍ଚଳରେ କୂପ, ନଳକୂପରେ ଜଳସ୍ତର ବୃଦ୍ଧି ପାଇଛି ଯାହ୯ାକି ସ୍ଥାନୀୟ ଅଧିବାସୀଙ୍କୁ ଫାଇଦା ।

ଗୁଜରାଟର ଆମ୍ରେଲିରେ ଏକ ସାଧାରଣ ସଭାରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ ୪,୯୦୦ କୋଟି ଟଙ୍କାର ବିଭିନ୍ନ ବିକାଶମୂଳକ ପ୍ରକଳ୍ପର ଶିଳାନ୍ୟାସ ଏବଂ ଉଦଘାଟନ କରିବେ । ରାଜ୍ୟର ଆମ୍ରେଲି, ଜାମନଗର, ମୋର୍ବି, ଦେବଭୂମି ଦ୍ୱାରକା, ଜୁନାଗଡ଼, ପୋରବନ୍ଦର, କଚ୍ଛ ଏବଂ ବୋତାଡ଼ ଜିଲ୍ଲାର ଲୋକେ ଏହା ଦ୍ୱାରା ଉପକୃତ ହେବେ ।

ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ୨୮୦୦ କୋଟି ଟଙ୍କାର ବିଭିନ୍ନ ସଡ଼କ ପ୍ରକଳ୍ପର ଶିଳାନ୍ୟାସ ଏବଂ ଲୋକାର୍ପଣ କରିବେ । ଏସବୁ ପ୍ରକଳ୍ପ ମଧ୍ୟରେ ରହିଛି, ଏନଏଚ ୧୫୧, ଏନଏଚ ୧୫୧ ଏ, ଏନଏଚ୍ ୫୧ର ବିଭିନ୍ନ ସେକ୍ସନର ଚାରି ଲେନ୍ ଏବଂ ଜୁନାଗଡ଼ ବାଇପାସ୍ । ଜାମନଗର ଜିଲ୍ଲାର ଢ଼୍ରୋଲି ବାଇପାସ୍ ଠାରୁ ମୋର୍ବି ଜିଲ୍ଲାର ଅମରାନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଅବଶିଷ୍ଟ ସେକ୍ସନକୁ ଚାରିଲେନ୍ କରିବା ପାଇଁ ଭିତ୍ତିପ୍ରସ୍ତର ସ୍ଥାପନ ମଧ୍ୟ ହେବ ।

୧୧୦୦ କୋଟି ଟଙ୍କା ଖର୍ଚ୍ଚରେ ନିର୍ମାଣ କରାଯାଇଥିବା ଭୁଜ-ନାଲିୟା ରେଲ ଗଜ୍ କନଭର୍ସନ ପ୍ରକଳ୍ପକୁ ମଧ୍ୟ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଦେଶ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଲୋକାର୍ପଣ କରିବେ । ବହୁ ପ୍ରତିକ୍ଷୀତ ଏହି ପ୍ରକଳ୍ପରେ ୨୪ଟି ବଡ଼ ପୋଲ, ୨୫୪ଟି ଛୋଟ ପୋଲ, ୩ଟି ରୋଡ ଓଭରବ୍ରିଜ୍ ଏବଂ ୩୦ଟି ରୋଡ ଅଣ୍ଡରବ୍ରିଜ୍ ରହିଛି । କଚ୍ଛ ଜିଲ୍ଲାର ସାମାଜିକ-ଅର୍ଥନୈତିକ ବିକାଶରେ ଏହି ପ୍ରକଳ୍ପ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ ଭୂମିକା ନେବ ।

ଆମ୍ରେଲି ଜିଲ୍ଲାରୁ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଜଳଯୋଗାଣ ବିଭାଗର ୭୦୦ କୋଟି ଟଙ୍କାର ବିଭିନ୍ନ ବିକାଶମୂଳକ ପ୍ରକଳ୍ପର ଶିଳାନ୍ୟାସ ଓ ଲୋକାର୍ପଣ କରିବେ । ଉଦଘାଟନ ହେବାକୁ ଥିବା ପ୍ରକଳ୍ପ ମଧ୍ୟରେ ରହିଛି ନଭାଡ଼ା ଠାରୁ ଚାଭାନ୍ଦ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପାଇପ ଲାଇନ ପ୍ରକଳ୍ପ । ଏହା ବୋତାଡ, ଆମ୍ରେଲି, ଜୁନାଗଡ଼, ରାଜକୋଟ ଏବଂ ପୋରବନ୍ଦର ଜିଲ୍ଲାର ୧୨୯୮ ଗ୍ରାମର ୩୬ଟି ସହରର ୬୭ ଲକ୍ଷ ହିତାଧିକାରୀଙ୍କୁ ୨୮ କୋଟି ଲିଟର ଜଳଯୋଗାଣ କରିବ । ଭାବନଗର ଜିଲ୍ଲାରେ ପାସାଭି ଗ୍ରୁପ୍ ଅଗମେଣ୍ଟେସନ ୱାଟର ସପ୍ଲାଇ ସ୍କିମ୍ ଫେଜ୍‌-୨ର ଶିଳାନ୍ୟାସ କରିବେ । ଏହା ଭାବନଗର ଜିଲ୍ଲାର ମହୁଭା, ତଲାଜା ଏବଂ ପାଲିତନା ତାଲୁକର ୯୫ ଗ୍ରାମର ଲୋକଙ୍କୁ ଫାଇଦା ଦେବ ।

ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ପର୍ଯ୍ୟଟନ ସମ୍ବନ୍ଧିତ ବିକାଶମୂଳକ ପ୍ରକଳ୍ପର ମଧ୍ୟ ଶିଳାନ୍ୟାସ କରିବେ । ଏହାମଧ୍ୟରେ ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକଳ୍ପ ମଧ୍ୟରେ ରହିଛି ପୋରବନ୍ଦର ଜିଲ୍ଲାର ମୋକାରସାଗରରେ କାର୍ଲି ରିଚର୍ଜ ରିଜର୍ଭରକୁ ବିଶ୍ୱସ୍ତରୀୟ ଇକୋ-ଟୁରିଜମ କ୍ଷେତ୍ରରେ ପରିଣତ କରିବା ।

 

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This decade is becoming the decade of Uttarakhand: PM Modi at Harsil
March 06, 2025
QuoteBlessed to be in Devbhoomi Uttarakhand once again: PM
QuoteThis decade is becoming the decade of Uttarakhand: PM
QuoteDiversifying our tourism sector, making it perennial, is very important for Uttarakhand: PM
QuoteThere should not be any off season, tourism should be on in every season in Uttarakhand: PM
QuoteOur governments at Center and state are working together to make Uttarakhand a developed state: PM

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय!

उत्तराखंड का म्यारा प्यारा भै-वैण्यों, आप सबी तैं मेरी सेवा-सौंली, नमस्कार!

यहां के ऊर्जावान मुख्यमंत्री, मेरे छोटे भाई पुष्कर सिंह धामी जी, केंद्रीय मंत्री श्री अजय टम्टा जी, राज्य के मंत्री सतपाल महाराज जी, संसद में मेरे साथी और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट जी, संसद में मेरे साथी माला राज्य लक्ष्मी जी, विधायक सुरेश चौहान जी, सभी गणमान्य लोग, भाइयों और बहनों।

सबसे पहले मैं माणा गांव में कुछ दिन पहले जो हादसा हुआ है, उस पर अपना दु:ख व्यक्त करता हूं। मैं हादसे में जान गंवाने वाले साथियों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। संकट की घड़ी में देश के लोगों ने जो एकजुटता दिखाई है, उससे पीड़ित परिवारों को बहुत हौसला मिला है।

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साथियों,

उत्तराखंड की ये भूमि, हमारी ये देवभूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। चार धाम और अनंत तीर्थों का आशीर्वाद, जीवनदायिनी मां गंगा का ये शीतकालीन गद्दी स्थल, आज एक बार फिर यहाँ आकर, आप सब अपने परिवारजनों से मिलकर, मैं धन्य हो गया हूं। माँ गंगा की कृपा से ही मुझे दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला है। मैं मानता हूँ, उन्हीं के आशीर्वाद से मैं काशी तक पहुंचा, और अब सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहा हूँ। और इसलिए, मैंने काशी में कहा भी था- मुझे माँ गंगा ने बुलाया है। और कुछ महीने पहले मुझे ये भी अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने मुझे अब गोद ले लिया है। ये माँ गंगा की ही दुलार है। अपने इस बच्चे के प्रति उनका स्नेह है कि आज मैं उनके मायके मुखवा गांव आया हूँ। यहाँ मुझे मुखीमठ-मुखवा में दर्शन पूजन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

साथियों,

आज हर्षिल की इस धरती पर आया हूं तो मैं अपनी दीदी-भुलियों के स्नेह को भी याद कर रहा हूं। वो मुझे हर्षिल का राजमा और दूसरे लोकल प्रोडक्ट्स भेजती रहती हैं। आपके इस लगाव और उपहार के लिए मैं आपका आभारी हूं।

साथियों,

कुछ साल पहले जब मैं बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए, बाबा के चरणों में गया था, तो बाबा के दर्शन-अर्चन के बाद मेरे मुंह से अचानक कुछ भाव प्रकट हुए थे, और मैं बोल पड़ा था- ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। वो शब्द मेरे थे, भाव मेरे थे, लेकिन उनके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति स्वयं बाबा केदारनाथ ने दी थी। मैं देख रहा हूँ, बाबा केदार के आशीर्वाद से धीरे-धीरे वो शब्द, वो भाव सच्चाई में, हकीकत में बदल रहे हैं। ये दशक उत्तराखंड का बन रहा है। यहां उत्तराखंड की प्रगति के लिए नए-नए रास्ते खुल रहे हैं। जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड के विकास के लिए जो संकल्प हमने लिए थे, नित नई सफलताओं और नए लक्ष्यों की ओर बढ़ते हुए वो संकल्प आज पूरे हो रहे हैं। इसी दिशा में, शीतकालीन पर्यटन एक और बड़ा महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से उत्तराखंड के आर्थिक सामर्थ्य को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। मैं इस अभिनव प्रयास के लिए धामी जी को, उत्तराखंड सरकार को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ, और उत्तराखंड की प्रगति के लिए कामना करता हूँ।

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साथियों,

अपने टूरिज्म सेक्टर को diversify करना, बारहमासी बनाना, 365 दिन, ये उत्तराखंड के लिए बहुत जरूरी है। मैं चाहता हूं कि उत्तराखंड में कोई भी सीजन हो, कोई भी सीजन ऑफ सीजन ना हो, हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। अब ऑफ नहीं ऑन का जमाना। अभी पहाड़ों पर पर्यटन सीजन के हिसाब से चलता है। आप सब जानते हैं, मार्च, अप्रैल, मई, जून के महीने में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन इसके बाद उनकी गिनती बहुत कम हो जाती है। सर्दियों में अधिकतर होटल्स, resorts और होमस्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन उत्तराखंड में, साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक सुस्ती ला देता है, इससे पर्यावरण के लिए भी चुनौती पैदा होती है।

साथियों,

सच्चाई ये है कि अगर देश-विदेश के लोग सर्दियों के मौसम में यहाँ आएं, तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा का वास्तविक परिचय मिलेगा। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी Activities का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। कई तीर्थ स्थलों पर इसी समय विशेष अनुष्ठान भी होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही देखिए, यहाँ जो धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन और अद्भुत परंपरा का हिस्सा है। इसलिए, उत्तराखंड सरकार का बारहमासी पर्यटन का विजन, 365 दिन के पर्यटन का विजन लोगों को दिव्य अनुभूतियों से जुड़ने का अवसर देगा। इससे यहां साल भर उपलब्ध रहने वाले रोजगार के अवसर विकसित होंगे, इसका बड़ा फायदा उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को होगा, यहां के युवाओं को होगा।

साथियों,

उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए हमारी डबल इंजन सरकार मिलकर काम कर रही हैं। चारधाम-ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेस-वे, राज्य में रेलवे, विमान औऱ हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार, 10 वर्षों में उत्तराखंड में तेजी से विकास हुआ है। अभी कल ही उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार ने बहुत बड़े निर्णय लिए हैं। कल केंद्रीय कैबिनेट ने केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट और हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। केदारनाथ रोपवे बनने के बाद जो यात्रा 8 से 9 घंटे में पूरी होती है, अब उसे लगभग 30 मिनट में पूरा किया जाएगा। इससे बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं के लिए केदारनाथ यात्रा और सुगम हो जाएगी। इन रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मैं उत्तराखंड समेत पूरे देश को इन प्रोजेक्ट्स की बधाई देता हूं।

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साथियों,

आज पहाड़ों पर इको लॉग हट्स, कन्वेंशन सेंटर, हेलीपैड इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस भी किया जा रहा है। उत्तराखंड के टिम्मर-सैण महादेव, माणा गांव, जादुंग गांव में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर नए सिरे से विकसित हो रहा है, और देशवासियों को पता होगा, शायद नहीं होगा, 1962 में जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया, तब ये हमारा जादुंग गांव को खाली करवा दिया गया था, ये हमारे दो गांव खाली कर दिए गए थे। 60-70 साल हो गए, लोग भूल गए, हम नहीं भूल सकते, हमने उन दो गांवों को फिर से बसाने का अभियान चलाया है, और बहुत बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। और इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या इस एक दशक में तेजी से बढ़ी है। 2014 से पहले चारधाम यात्रा पर हर साल औसतन 18 लाख यात्री आते थे। अब हर साल लगभग 50 लाख तीर्थयात्री आने लगे हैं। इस साल के बजट में 50 Tourist destinations को विकसित करने का प्रावधान किया गया है। इन destinations पर होटलों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जाएगा। इससे पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

हमारा प्रयास है, उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों को भी पर्यटन का विशेष लाभ मिले। पहले सीमावर्ती गांवों को आखिरी गाँव कहा जाता था। हमने ये सोच बदल दी, हमने कहा ये आखिरी गांव नहीं है, ये हमारे प्रथम गाँव कहा। उनके विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया। इस क्षेत्र के भी 10 गांव इस योजना में शमिल किए गए हैं, और मुझे बताया गया, उस गांव से भी कुछ बंधु आज यहां हमारे सामने मौजूद हैं। नेलांग और जादुंग गांव, जिसका मैंने वर्णन किया, 1962 में क्या हुआ था, फिर से बसाने का काम शुरू किया गया है। आज यहां से जादुंग के लिए मैंने अभी-अभी बाइक रैली को रवाना किया। हमने होमस्टे बनाने वालों को मुद्रा योजना का लाभ देने का ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार भी राज्य में होमस्टे को बढ़ावा देने में जुटी है। जो गांव इतने दशकों तक इंफ्रास्ट्रक्चर से वंचित रहें, वहाँ नए होमस्टे खुलने से पर्यटन बढ़ रहा है, लोगों की आय बढ़ रही है।

साथियों,

आज मैं देवभूमि से, देश के पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, और मध्य भी, हर कोने के लोगों से, खासकर युवा पीढ़ी से, और मां गंगा के मायके से, इस पवित्र भूमि से, देश की नौज़वान पीढ़ी को विशेष रूप से आह्वान कर रहा हूं, आग्रह कर रहा हूं।

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साथियों,

सर्दियों में देश के बड़े हिस्से में जब कोहरा होता है, सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों पर धूप का आनंद मिल रहा होता है। ये एक स्पेशल इवेंट बन सकता है। और गढ़वाली में इसे क्या कहेंगे? 'घाम तापो पर्यटन', सही है ना? 'घाम तापो पर्यटन'। इसके लिए देश के कोने-कोने से लोग उत्तराखंड जरूर आयें। खासकर, हमारे कॉरपोरेट वर्ल्ड के साथी, वे विंटर टूरिज्म का हिस्सा बनें। Meetings करनी हों, conferences करनी हों, exhibitions करने हों, तो विंटर का समय और देवभूमि, इससे होनहार कोई जगह नहीं हो सकती है। मैं कॉरपोरेट वर्ल्ड के बड़े महानुभावों से भी आग्रह करूंगा, वो अपने बड़े-बड़े सेमिनार्स के लिए उत्तराखंड आएं, माइस सेक्टर को explore करें। यहाँ आकर लोग योग और आयुर्वेद के जरिए recharge और re-energise भी हो सकते हैं। देश की यूनिवर्सिटीज, प्राइवेट स्कूल्स और कॉलेज में, मैं उन सब नौज़वान साथियों से भी कहूंगा कि students के विंटर ट्रिप्स के लिए आप उत्तराखंड को पसंद कीजिए।

साथियों,

हमारे यहाँ हजारों करोड़ की इकोनॉमी, वेडिंग इकोनॉमी है, शादियों में हजारों करोड़ रूपये का खर्च होता है, बहुत बड़ी इकोनॉमी है। आपको याद होगा, मैंने देश के लोगों से आग्रह किया था- Wed in India, हिन्दुस्तान में शादी करों, आजकल लोग दुनिया के देशों में चले जाते हैं, यहां क्या कमी है भई? पैसे यहां खर्च करो ना, और उत्तराखंड से बढ़िया क्या हो सकता है। मैं चाहूँगा कि सर्दियों में destination वेडिंग के लिए भी उत्तराखंड को देशवासी प्राथमिकता दें। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री से भी मेरी अपेक्षाएं हैं। उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार मिला हुआ है। यहां तेजी के साथ आधुनिक सुविधाएं डेवलप हो रही हैं। इसलिए सर्दियों के दिनों में फिल्म की शूटिंग्स के लिए भी उत्तराखंड, पूरे भारत का फेवरेट डेस्टिनेशन बन सकता है।

साथियों,

दुनिया के कई देशों में विंटर टूरिज़्म काफी पॉपुलर है। उत्तराखंड में विंटर टूरिज़्म को बढ़ावा देने के, और इसके लिए हम ऐसे देशों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। मैं चाहूँगा, उत्तराखंड के टूरिज़्म सेक्टर से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स, होटल और resorts उन देशों की जरूर स्टडी करें। अभी मैं यहां, एक छोटी सी प्रदर्शनी लगी है, उसको मैंने देखा, बहुत प्रभावित करने वाला मुझे लगा, जो कल्पना की गई है, जो लोकेशंस तय किए गए हैं, जो आधुनिक रचनाएं खड़ी की जा रही हैं, एक-एक लोकेशन का, एक-एक चित्र इतना प्रभावित करने वाला था, जैसे मन कर रहा था, मेरे 50 साल पुरानी वो जिंदगी के दिन, मैं फिर एक बार यहां आपके बीच आकर के बिताऊ, और हर डेस्टिनेशन पर कभी जाने का मौका तलाशू, इतने बढ़िया बना रहे हैं। मैं उत्तराखंड सरकार से कहूंगा कि जो विदशों से स्टडी हो, और स्टडी से निकले एक्शनेबल प्वाइंट्स पर सक्रिय रूप से काम करे। हमें स्थानीय परंपराओं, म्यूजिक, डांस और कुजीन को बढ़ावा देना होगा। यहां कई हॉट स्प्रिंग्स हैं, सिर्फ बद्रीनाथ जी में ही है, ऐसा नहीं है, और भी है, उन क्षेत्रों को वेलनेस स्पा के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। शांत और बर्फीले क्षेत्रों में विंटर योगा रिट्रीट का आयोजन किया जा सकता है। मैं सभी बड़े-बड़े साधु-महात्माओं को, मठ-मंदिर के मठाधिपतियों को, सभी योगाचार्यों को, उनसे भी आग्रह करूंगा कि वे साल में एक योगा कैंप अपने शिष्यों का, विंटर में उत्तराखंड में लगाए। विंटर सीजन के लिए स्पेशल वाइल्ड लाइफ सफारी का आकर्षण उत्तराखंड की विशेष पहचान बन सकता है। यानि हमें 360 डिग्री अप्रोच के साथ आगे बढ़ना होगा, हर स्तर पर काम करना होगा।

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साथियों,

सुविधाओं के विकास के अलावा, लोगों तक जानकारी पहुंचाना भी उतना ही अहम होता है। इसके लिए मैं देश के युवा content creators, आजकल सोशल मीडिया में, बहुत बड़ी संख्या में influencers हैं, content creators हैं, वे अपने यहाँ बैठे-बैठे भी मेरे उत्तराखंड की, मेरी देवभूमि की सेवा कर सकते हैं, वे भी पुण्य कमा सकते हैं। आप देश के पर्यटन सेक्टर को गति देने में, लोगों तक जानकारी पहुंचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, जो भूमिका निभाई है, उसका और विस्तार करने की जरूरत है। आप उत्तराखंड की विंटर टूरिज़्म की इस मुहिम का भी हिस्सा बनिए, और मैं तो चाहूंगा कि उत्तराखंड सरकार एक बड़ा कंपटीशन आयोजित करें, ये जो content creators हैं, influencers हैं, वे 5 मिनट की, विंटर टूरिज्म की प्रमोशन की फिल्म बनाएं, उनकी कंपटीशन हो और जो अच्छी से अच्छी बनाएं, उसको बढ़िया से बढ़िया इनाम दिया जाए, देशभर के लोगों को कहा जाए, आइए मैदान में, बहुत बड़ा प्रचार-प्रसार होना शुरू हो जाएगा। और मुझे विश्वास है जब ऐसे कंपटीशन करेंगे, तो नई-नई जगहों को एक्सप्लोर करके, नई-नई फिल्में बनाएंगे, लोगों को बताएंगे।

साथियों,

मुझे विश्वास है, आने वाले वर्षों में हम इस सेक्टर में तेज गति से विकास के साक्षी बनेंगे। एक बार फिर 365 दिन का, बारहमासी टूरिज्म अभियान, इसके लिए मैं उत्तराखंड के सभी भाई-बहनों को शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं और राज्य सरकार का अभिनदंन करता हूं। आप सब मेरे साथ बोलिए-

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।