Technology must be used as means to Development, not Destruction: PM Modi

Published By : Admin | February 11, 2018 | 15:02 IST
Technology is changing at speed of thought, necessity not the mother of invention anymore, says PM Modi in Dubai
The 6 R's - reduce, reuse, recycle, recover, redesign, re-manufacture - and technology will take us to a point where we can rejoice: PM Modi
In Dubai, PM Modi says Governments must ensure technology is used for development, not destruction
Technology has empowered the common man, which has given a fillip to minimum government, maximum governance: PM at #WorldGovernmentSummit
We are created an innovation ecosystem in India via the Start-up India programme, India has become a start-up nation: PM Modi in Dubai
India’s unique identity programme (Aadhaar) is the largest in the world, with Aadhaar, we have stopped leakage worth $8 billion: PM Modi

संयुक्त अरब अमीरात के उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री, तथा दुबई के शासक His Highness शेख मोहम्मद बिन रशीद अल मख्तूम, 

अबू धाबी के युवराज तथा UAE की सशस्त्र सेनाओं के उप सर्वोच्च कमांडर His Highness शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नहयान, 

महामहिम राष्ट्राध्यक्ष, शासनाध्यक्ष तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख,  

राज परिवारों के सम्माननीय सदस्य गण, 

मीडिया के मित्रों, 

देवियों और सज्जनों,

नमस्कार!

Good Day! 

Your Highness शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मख्त़ुम, आपने बहुत गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया है।

World Government Summit के इस छठे संस्करण में मुझे मुख्य अतिथि का और भारत को सम्माननीय अतिथि देश का सम्मान दिया गया है। यह मेरे लिए ही नहीं, भारत के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए गर्व और बहुत प्रसन्नता का विषय है। इसके लिए मैं आपको ह्रदय से धन्यवाद देता हूं।

प्रधान मंत्री के रूप में पहले भी कई बार मैं खाड़ी क्षेत्र की यात्रा कर चूका हूँ । 2015 के बाद मैं दूसरी बार UAE आया हूँ।  जब भी यहाँ आता हूँ, मुझे एक ख़ास अपनापन महसूस होता है।

करीब १२ लाख अप्रवासी भारतीयों को दुबई में, और पूरे UAE में ३३ लाख अप्रवासी भारतीयों को, भारत में उनके घर से दूर एक घर मिला है, अपनापन मिला है.  इसके लिए भारत UAE और दुबई का कृतज्ञ है, आपका कृतज्ञ है।  

मैं आपको और सभी दुबईवासियों को, अमीरातियों को, भारतवासियों की ओर से अभिवादन और शुभकामनाएं देता हूँ।

Friends,

विकास के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में दुबई अपने आप में बेमिसाल है। यहाँ  रेगिस्तान की रेत को सुनहरी समृद्धि में बदला गया है।  एक मिरेकल और चमत्कार को साकार किया है.  

आज के दुबई में आकाश की ऊँचाइयों तक पहुंचते वैभव के पीछे, और भविष्य की कल्पना के पीछे vision है. और संकल्प भी है. उनके पीछे टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और enterprise हैं.  इनकी झलक मैंने कुछ देर पहले म्यूजियम ऑफ फ्यूचर में भी देखी।

UAE ने टेक्नोलॉजी में सफल प्रयोगों को लैब तक सीमित नहीं रहने दिया है. उसका जीवन में उपयोग किया है. इसका जीता-जागता उदारण मुझे Mazdar में देखने को मिला था.

Dubai Future Accelarator द्वारा टेक्नोलॉजी का प्रशासन के क्षेत्रों में incubation, और ऐसे ही अनेक प्रयास, भविष्य का पूर्वानुमान करते हैं.  और उसका आह्वान भी.

इन प्रयासों की ऊर्जा, उनके dynamism के बारे में केवल सुनने से सिर्फ अच्छा प्रभाव पड़ता है. लेकिन रु-ब-रु देखने से प्रेरणा मिलती है.

इसलिए, यह उचित है कि दुबई में World Government Summit आयोजित होता है. और Technology and Development विषय पर यह विशिष्ट समागम इसके अंतर्गत हो रहा है.

Friends,

पृथ्वी पर मानव की यात्रा में, विकास के हर छोटे-बड़े मुकाम पर technology की छाप है।

लगभग 200 साल पहले विश्व की लगभग एक बिलियन आबादी का 94% हिस्सा गरीबी में रहता था। आज, हालांकि विश्व की जनसंख्या सात बिलियन यानी सात गुने से भी ज्यादा है, इस आबादी का क़रीब साढ़े नौ प्रतिशत ही गरीबी में है।

200 साल पहले हमारी औसत आयु तीस साल से कम थी। अब यह सत्तर वर्ष, यानि सवा दो गुना से भी ज्यादा है।

पिछले मात्र 25 वर्षों में भारत में माताओं की म्रत्यु दर, यानी मैटर्नल मोर्टेलिटी घटकर एक तिहाई हो गयी है, और दुनिया भर में, लगभग आधी ।

Stem cells और regeneration technique जैसी वैज्ञानिक उपलब्धियों ने कठिन बीमारियों के इलाज का ही नहीं, बल्कि अंग-भंग के भी उपचार का रास्ता दिखाया है।

मौसम के पूर्वानुमान से किसान अपनी फसल बचा और बढ़ा सकते हैं. लाखो-करोड़ो को disaster मैनेजमेंट के ज़रिये बचाया जा सका है। हो सकता है कि भविष्य में टेक्नोलॉजी हमें भूकंप जैसी आपदाओं का पूर्वानुमान भी संभव कराये.

संक्षेप में, technology ने मानव के अस्तित्व को मूलतः प्रभावित किया है। टेक्नोलॉजी ने क्वालिटी ऑफ लाइफ को एक ऊंचे धरातल पर पहूंचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभायी है.

विकास का एक पहलू यह भी है कि पाषाण युग से औद्योगिक क्रांति के सफ़र में हज़ारों-लाखों साल गुज़र गए. फिर संचार क्रांति तक सिर्फ दो सौ वर्षों का समय लगा. और वहां से डिजिटल क्रान्ति तक फासला कुछ ही सालों में तय हो गया.

अब technology विचार की गति से बदल रही है, यानि at the speed of thought.

आवश्यकता ही अविष्कार की जननी नहीं रही, अविष्कार आवश्यकताओं को जन्म दे रहे हैं. टेक्नोलॉजी disruptive change का बहुत बड़ा माध्यम बन गयी है|

Friends,

Technology की सुलभता और उसके प्रसार ने आम आदमी का सशक्तिकरण किया है|

और इस empowerment को 'मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' से बढ़ावा मिला है.

E-governance का 'E' दरअसल effective, efficient, easy, empower और equitable का पहला अक्षर है।

Friends,

दो हज़ार वर्ष से भी पहले भारत के एक महान चिन्तक और strategist कौटिल्य ने 'अर्थशास्त्र' की रचना करी. अन्य विषयों के आलावा, उन्होंने प्रशासन की ज़िम्मेदारी बतायी: "राज्ञो हि व्रतं उत्थानम". यानि सरकार को, शासक को विकास के लिए व्रत लेना चाहिए. 

मेरे विचार से सरकार की एक बड़ी भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि टेक्नोलॉजी की ताकत का इस्तेमाल हर जन के विकास के लिए हो.  और इस इस्तेमाल से नागरिकों के लिए service में speed और सुलभता आए।

मेरा यह भी मानना है कि टेक्नोलॉजी में प्रगति से उत्पन्न परिवर्तनों और चुनौतियों के प्रति भी सरकार को सजग रहना चाहिए. ताकि टेक्नोलॉजी का उपयोग रचनात्मक रहे ।

टेक्नोलॉजी वो तोहफा है जिसके यूज़र मैन्युअल में नैतिक मूल्यों का ज़िक्र नहीं होता. इसलिए, प्रगति के साजो-सामान को कभी-कभी मानव विनाश और विध्वंस का साधन बना लेता है. 

साइबर स्पेस का radicalisation के लिए इस्तेमाल कुछ लोगों द्वारा टेक्नॉलॉजी के दुरुपयोग का उदाहरण है ।

तमाम तरक्की के बावजूद दुनिया से गरीबी और कुपोषण ख़त्म नहीं हुए हैं. लेकिन दूसरी ओर धन, समय और संसाधन का बड़ा हिस्सा मिसाईलों और बमों की क्षमता बढ़ाने में लग रहा है।

हमें सचेत रहना होगा कि हम टेक्नोलॉजी को विकास का साधन बनाएं, विनाश का नहीं।

कि टेक्नोलॉजी मनुष्य की नैसर्गिक सामर्थ्य को बढ़ाये, उसे घटाये नहीं। उसे विस्थापित न करे।

Friends,

कभी-कभी ऐसे लगता है कि मानव टेक्नोलॉजी को प्रकृति पर विजय का ही नहीं उस से संघर्ष का साधन बनाने की भूल कर रहा है।  इस की कीमत बहुत भारी है.

मानवता के भविष्य के लिए हमें प्रकृति के साथ संघर्ष नहीं, सहजीवन का रास्ता चाहिए।

इस रास्ते पर जो सीढ़ीयाँ हैं, वे हैं छः 'R': Reduce, Reuse, Recycle, Recover, Redesign और Remanufacture. इन सोपानों से जिस मंज़िल तक हम पहुँचेंगे वह होगी 'Rejoice', यानि आनंद.

Friends,

मनुष्य के अस्तित्व का असल उद्देश्य सिर्फ समृद्धि नहीं है. बल्कि सुख की प्राप्ति है । आनंद है।

भारतीय शास्त्रों में प्रार्थना है, "सर्वे भवन्तु सुखिनः". यानि सभी सुखी हों । समग्रता और संतुलन का सुख की प्राप्ति के लिए अनिवार्य है.

Your Highness,

आपने Ministry of Happiness और Ministry of  Future का गठन करने में मनुष्य के अस्तित्व और उसके प्रयासों के असल आतंरिक उद्देश्य को एकदम सही पहचाना है।

भारत में, मध्य प्रदेशऔर आंध्र प्रदेश ने भी इस दिशा में पहल की हैं।

सरकार और सभी stakeholders को मिलकर सोचना चाहिए कि किस प्रकार सर्वांगीण उन्नति और समग्र सुख को लक्ष्य बनायें।  

Friends,

इम्तहानों के मौसम में किस प्रकार विद्यार्थियों और उनके माता-पिता को चिंताओं के कैसे-कैसे तूफ़ानों से जूझना पड़ता है! हम में से ज्यादातार को इसका अच्छा ख़ासा अनुभव है (smile).

हमारे बच्चे परीक्षा उसके परिणाम के डर से सुख-चैन न खो बैठें, इसके लिए कुछ दिनों बाद, मैं पूरे भारत के करोड़ों बच्चों से एक साथ एक इंटरैक्टिव प्लेटफार्म पर इस बारे में बात करूँगा. 

भारत का दर्शन है, 'सा विद्या या विमुक्तये'. अर्थात, विद्या वह है जो मुक्ति का माध्यम बने.  टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लॉन्ग –डिस्टेंस ऑनलाइन एजुकेशन में एक बहुत बड़ी शिक्षा-क्रांति ला सकता है. इससे दूर-दराज़ के इलाकों में भी ग़रीब से ग़रीब बच्चे की शिक्षा का सशक्तिकरण होगा.

Friends,

भारत के हजारों साल पुराने इतिहास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनेक स्वर्णिम अध्याय हैं।

चाहे वह शून्य की परिकल्पना हो या पाई की गणना। दशमलव प्रणाली या हो Arabic Numerals की उत्पत्ति. Metallurgy हो या तीन डायमेंशनल रेखा गणित. भट्टे वाली ईंटें हों या विश्व-स्तरीय जहाजों का निर्माण.

ये उपलब्धियां और आर्यभट्ट, पिंगल, ब्रह्मगुप्त, सुश्रुत, चरक जैसे गणितज्ञों और वैज्ञानिकों के कितने ही योगदान सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, सबके विकास के लिए उपलब्ध रहे.  

Friends,

आज के भारत के सामने जो चुनौतियां हैं - गरीबी, बेरोजगारी, आवास, शिक्षा, प्राकृतिक आपदाएं – उनके ऊपर विजय केवल सबके विकास से ही संभव है. इसलिए मेरी सरकार का मूल मंत्र है 'सबका साथ, सबका विकास'।

इस लक्ष्य के लिए टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल से हम समावेशी विकास, प्रशासन में पारदर्शिता, सभी वर्गों - विशेषकर महिलाओं का – सशक्तिकरण और सामान्य नागरिक की नीति-निर्माण में भागीदारी बढ़ा रहे हैं.

  • हर भारतीय को एक बायोमीट्रिक लिंक और unique आइडेंटिटी नम्बर देने का 'आधार' कार्यक्रम दुनिया में अपने प्रकार का सब से बड़ा कार्यक्रम है।

इस unique डिजिटल आइडेंटिटी को ३१ करोड़ नए बैंक खातों और उपभोक्ताओं के mobile से जोड़ा गया है. इससे सरकार की आर्थिक योजनाओं के तहत लगभग ७०,००० करोड़ रुपये यानि १० बिलियन डॉलर सीधे आम लोगों तक पहुंचे हैं जो बैंक व्यवस्था के बाहर थे। इससे ५६,००० करोड़ रुपये यानि ८ बिलियन डॉलर से अधिक की राशि का दुरूपयोग रोकना भी संभव हो सका।

  • भारत में digital payment और less cash का revolution आ रहा है. टेक्नोलॉजी के प्रयोग से पूरे भारत में एक कर व्यवस्था यानी GST संभव हो सकी है ।
  • Government e-Market (GEM) की पहल से छोटे से छोटा व्यापारी सरकार को अपना सामन बेच सकता है. इसपर अब तक २८ लाख करोड़ रुपये के transactions हुए हैं.
  • हमारे Start-up India प्रोग्राम का उद्देश्य है कि भारत में इनोवेशन के लिए एक पूरा इकोसिस्टम तैयार हो। पिछले 2 वर्षों में भारत में स्टार्टअप्स और incubators में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। Hackathons में युवाओं की बढती भागेदारी ने नए और सफल प्रोजेक्ट्स को जन्म दिया है. 

भारत की जनसंख्या का 65 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा ३५ वर्ष से कम है। उनमें innovation को बढ़ावा देकर और इसके लिए अन्तरराष्ट्रीय साझेदारियों से हम 'New India' के सपने को साकार करना चाहते हैं.  

  • सन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के हमारे लक्ष्य लिए टेक्नॉलॉजी के दो प्रयोग उल्लेखनीय हैं: प्रथम, Soil Health Card से किसानों को मिट्टी के बारे में जानकारी। और दूसरा, कृषि मंडियों का पोर्टल, जिससे 36000 करोड़ रुपए का व्यापार हो रहा है।

Friends, 

  • भारतीय दर्शन में सूर्य का सारी स्रष्टी में केंद्रीय महत्व है. 'सूर्य आत्मा जगतस्थुश्श्च'. अर्थात The Sun is the Soul of the world. हमने सन २०२२ तक सौ गीगा वाट सौर ऊर्जा समेत १७५ गीगा वाट renewable energy क्षमता का लक्ष्य रखा है. पिछले तीन वर्षों में हम ६६ गीगा वाट का आंकड़ा पार कर चुके हैं. 
  • International Solar Alliance की पहल से भारत ने अन्य देशों के साथ मिलकर ऐसा प्रयास शुरू किया है जिससे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध सौर ऊर्जा का लाभ कम साधन संपन्न देशों को भी मिल सके.
  • सरकार द्वारा 28 करोड़ एलईडी बल्बों के वितरण से पिछले 3 साल में न सिर्फ 2 बिलियन डॉलर से अधिक की बचत हुई है बल्कि 4 गीगा वाट बिजली भी बची। यही नहीं, 30 मिलियन टन कार्बन डाई औक्साइड भी कम बनी.  
  • अगली क्रांति सोलर energy के storage की होगी. संतुलित और sustainable विकास के लिए इसके महत्व को देखते हुए सभी स्टेक होल्डर्स को सम्मिलित प्रयास करना चाहिए.

Friends,

  • पिछले महीने भारत के सैटेलाइट लॉन्च प्रोग्राम ने सेंचुरी बनाई है। स्पेस के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों की लागत दुनिया के मुकाबले कई गुना कम है। भारत का Mars Orbital Mission हॉलिवुड फिल्म की औसत कीमत से भी कम में क़ामयाब हुआ।
  • स्पेस टेक्नॉलॉजी की सहायता से मछलियों का catch 2 से 5 गुना तक बढ़ा है। और इसमें लगने वाले समय में भी 30 से 70 प्रतिशत तक की कमी आई है।
  • सरकार की प्रमुख रोजगार योजनाओं से बने 2 करोड़ से भी अधिक सामुदायिक assets की जियो-टैगिंग से सारी ज़रूरी जानकारी इकट्ठा हो रही है.

Friends,

भारत ने इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन का मौका खो दिया था.  पर अब हमने टेक्नोलॉजी के cutting edge क्षेत्रों में भी excellence ही नहीं leadership को लक्ष्य बनाया है.

मैन्युफैक्चरिंग और IT के अलावा Big data analytics, cyber-physics, नैनो-टेक्नोलॉजी, artificial intelligence, cyber security, advance energy storage, renewable energy, next generation genomics, cloud technology, advance  GIS, आदि पर हम विशेष ध्यान दे रहे हैं.

इन क्षेत्रों में उपलब्धियां यह सुनिश्चित करेंगी कि सवा सौ करोड़ भारतीयों का – यानि मानवता के छठे हिस्से का - समग्र विकास पूरे विश्व के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करे।

Friends,

'वसुधैव कुटुम्बकम' – यानि सारा विश्व एक परिवार है – यह भारत का दर्शन रहा है। 'सबका साथ सबका विकास' हम अपने विदेश-सहयोग पर भी लागू करते आये हैं.   

50 साल से भी पुराने Indian Technical and Economic Cooperation कार्यक्रम के अंतर्गत 160 से अधिक देशों में कैपेसिटी बिल्डिंग हो या विकासशील और अल्प-विकसति देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण, भारत यह सहयोग उनकी ज़रूरतों के अनुसार करता है।  

Pan-Africa e-Network से tele-education और tele-medicine के लाभ अफ्रीकी देशों में दूर दराज क्षेत्रों में भी पहुंच रहे हैं।

सौर ऊर्जा के अनुभव को साझा करने से भारत में प्रशिक्षित अफ्रीकी solar mamas के द्वारा अफ्रीका में घर रौशन हुए हैं.

पिछ्ले साल भारत ने South Asia उपग्रह छोड़ा. इससे हमारी अन्तरिक्ष क्षमताओं के सुपरिणाम  हमारे पडौसी देशों को उपहार-स्वरुप उपलब्ध होंगे.

Friends,
यह तय है कि आने वाले दशकों में विश्व के सामने जो समस्याएं आएंगी, उनका हल मिलकर निकालना होगा. और इसमें टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका रहेगी.

यह भी तय है कि अगर २१वीं सदी एशिया की शताब्दी होनी है, तो World Government Summit जैसे मंचों पर अनुभव को बाँटना और भी महत्त्वपूर्ण होता जायेगा।

'तमसो मा ज्योतिर्गमय' – यानि हम अन्धकार से प्रकाश की ओर जायें, यह हजारों साल से भारत में प्रार्थना रही है. यह उद्देश्य तभी प्राप्त हो सकता है जब टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल समग्र, संतुलित, sustainable और समावेशी विकास द्वारा सबको empower करे।

मैं आपके माध्यम से पूरे विश्व को निमन्त्रण देता हूं कि आइए हम मिलकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शासन को मानव के सुनहरे भविष्य से और भी नज़दीक से जोड़ें।

आइए हम एकजुट होकर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सदियों से चले आ रहे विपन्नता और शोषण को खत्म करने के लिए करें।

यह हर्ष का विषय है कि भारत को ऐसे प्रयासों के लिए United Arab Emirates के रूप में समर्थ साथी प्राप्त हुए हैं।

मुझे आशा है कि Summit के इस संस्करण में प्रौद्योगिकी, विकास, प्रशासन और विश्व के भविष्य पर विस्तृत, गहन और उपयोगी चर्चा होगी। 

आपसे मुखातिब होने के लिए मुझे यह अवसर प्रदान किया गया, इसके लिए मैं एक बार फिर से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

शुक्रन जज़ीलन। 

नमस्कार !

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.