The youth of Bihar has the ability to transform the state: PM #ParivartanRally
Bihar has decided to fight against those who ruled and ruined the state: PM #ParivartanRally
India will prosper only when Bihar develops: PM #ParivartanRally
If Bihar elects NDA Govt, our first priority will be to provide 24/7 electricity all villages: PM #ParivartanRally
We have come up with Mudra bank, Jan Dhan Yojana, social security schemes for the welfare of people: PM #ParivartanRally
Elect a stable NDA Govt with 2/3rd majority for development of Bihar: PM #ParivartanRally

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय

मंच पर विराजमान हमारे वरिष्ठ नेता डॉ. सी पी ठाकुर जी, औरंगाबाद के सांसद श्रीमान सुशील जी, रालोसपा के सह-प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण जी, एवं औरंगाबाद से विधान पार्षद राजेंद्र कुमार सिंह, भाजपा, औरंगाबाद के अध्यक्ष पुरुषोत्तम जी, लोजपा के श्री अनूप ठाकुर, रालोसपा के श्री अशोक मेहता, हम पार्टी के श्री अजय सिंह, और इस चुनाव में औरंगाबाद से भाजपा के उम्मीदवार श्री रामाधार सिंह, नवीननगर के उम्मीदवार गोपाल नारायण सिंह, कुटुम्बा से हम पार्टी के उम्मीदवार संतोष कुमार सुमन जी, ओबारा से लोजपा के उम्मीदवार चंद्रभूषण वर्मा जी, भाजपा के उम्मीदवार श्री मनोज शर्मा जी, रविगंज से लोजपा के उम्मीदवार श्री प्रमोद कुमार सिंह, गुरुवा से भाजपा के उम्मीदवार राजीव डांगी जी, शेरघाटी से हम पार्टी के उम्मीदवार श्री मुकेश कुमार; मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों और बहनों

मुझे औरंगाबाद आने का ये पहला सौभाग्य मिला है और इस ऐसी चमचमाती धूप में आप लोगों ने इतना ताप होने के बावजूद जो मुझे आशीर्वाद और प्यार दिया है, मैं आपको नमन करता हूँ। आपका आशीर्वाद ही मेरी सबसे बड़ी पूँजी है। मुझे दूर-दूर तक, जहाँ तक मेरी नज़र जाती है, लोग ही लोग नज़र आ रहे हैं। मैं नहीं मानता हूँ कि वहां तक मेरी आवाज़ पहुँच रही होगी जहाँ लोग खड़े हैं। चुनाव में रैलियां तो बहुत देखी हैं लेकिन यहाँ तो आंधी है। ये चुनाव 21वीं सदी में बिहार की जगह कहाँ होगी, न कि हिन्दुस्तान के नक़्शे पर बल्कि दुनिया के नक़्शे पर बिहार की जगह कहाँ होगी, इसके लिए यह चुनाव है।

कौन विधायक बने, न बने, किसकी सरकार बने, किसकी न बने, कौन पार्टी जीते, कौन न जीते, ये चुनाव इस बात के लिए नहीं है बल्कि इस बात के लिए है कि बिहार का भविष्य क्या होगा। ये चुनाव इस बात का है कि नौजवानों का भाग्य कौन बदलेगा, बिहार को विकास की नई ऊंचाईयों पर कौन ले जाएगा। इसलिए इस चुनाव में जब आप मतदान करें तो आप इस ‘महास्वार्थबंधन’ के इतिहास को पहले जान लें; ये लोग क्यों इकठ्ठा आए हैं। महास्वार्थबंधन बनाने वाले ये तीनों लोगों ने बिहार में कभी-न-कभी राज किया है। कांग्रेस ने 45 साल तक राज किया; लालू जी और नीतीश जी, बड़े भाई, छोटे भाई ने 25 साल राज किया और तीनों ने मिलाकर के 60 साल तक बिहार में राज किया। मुझे बताईये कि 60 साल कम समय है क्या? दुनिया में कुछ देश जो 30-40 साल पैदा हुआ, आज वे दुनिया में नंबर – 1 तक पहुँच गए और इन्होंने ने 60 साल सरकार चलाई लेकिन बिहार के नौजवान को रोजगार तक नहीं दे पाए।

बिहार ने दो-दो रेल मंत्री दिए। लालू जी और नीतीश जी, दोनों रेल मंत्री रहे अब मुझे बताईये कि अगर आपको कोलकाता जाना है तो टिकट मिलता है क्या? ट्रेन में जगह मिलती है क्या? जिन लोगों ने ऐसी सरकारें चलाई हो, ऐसे लोगों पर और भरोसा कर सकते हैं क्या? 16 को मतदान है। भारी संख्या में मतदान करें ताकि बिहार के भाग्य का रास्ता खुल जाए। आपका मिज़ाज ही परिवर्तन लाने वाला है इस बार बिहार में भाग्य बदलने का जिम्मा मेरे नौजवानों ने उठाया है। सारे बिहार का जवान एकजुट हो गया है कि अब बिहार को बर्बाद नहीं होने देना है।

आप मुझे बताईये कि ये जो सब लोग चुनाव लड़ रहे हैं, लालू जी हों, नीतीश जी हों, मैडम सोनिया जी हों, इन लोगों को अपने 60 वर्षों के काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? बिहार में इन्होंने क्या सब काम किये, ये बताना चाहिए कि नहीं? लेकिन पूरा चुनाव देख लीजिये, अभी तक इन तीनों ने बिहार के लिए क्या किया, इस पर एक शब्द भी बोलते नहीं हैं। इनका एक ही काम है – मोदी को गाली देना। सुबह-सुबह डिक्शनरी खोल के बैठ जाएंगे कि आज मोदी को कौन सी नई गाली देंगे। अब तो डिक्शनरी भी खाली हो गई है और उन्होंने फैक्ट्री खोल कर रखी है, नई-नई गालियां बनाने की फैक्ट्री और उस फैक्ट्री से रोज माल लेकर निकलते हैं और दिन-रात मोदी को गालियां देते हैं। क्या ये चुनाव है? चुनाव में काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? उनके पास कहने को कुछ बचा नहीं है। कोई भी सरकार जब चुनाव में जाती है तो उसका दायित्व बनता है कि वो जनता को अपने काम का हिसाब दे लेकिन ये अपना हिसाब नहीं दे रहे।

60 साल इन्होंने बर्बादी लाने का काम किया है। उद्योग-धंधे अगर नहीं आएंगे तो नौजवानों को रोजगार मिलेगा क्या? नौजवानों को रोजगार चाहिए और इनका पलायन बंद होना चाहिए। अभी कुछ दिन पहले मैं फ़रीदाबाद मेट्रो स्टेशन पर उद्घाटन के सिलसिले में गया था। मेट्रो में सफ़र के दौरान यात्री नमस्ते करने आते थे तो सभी यात्रियों से मैं उनके बारे में पूछता था और आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मुझे जितने नौजवान मिले, उसमें एकाध कोई और हो तो हो, बाकि सारे नौजवान बिहार के थे। मैंने पूछा क्या कर रहे हो तो उन्होंने कहा कि नौकरी के लिए आया हूँ और किसी कारखाने में इंटरव्यू है तो वहीँ जा रहा हूँ। सारे लोग नौकरी की तलाश में थे और ज्यादातर नौजवान थे। वे मुझे कह रहे थे कि नौकरी के लिए आये तो हैं लेकिन चुनाव के समय जाने वाले हैं और इस सरकार को हटाने वाले हैं। पूरे देश में ये मिज़ाज है बिहारियों का।

अभी अमेरिका में भी मुझे बिहार के कुछ लोग मिले थे। उनसे मिलकर इतना गर्व हुआ कि मेरे देश के नागरिकों ने अमेरिका में आकर के ख़ुद को इतना आगे बढ़ाया है। ये सारे बिहार के थे। अगर बिहार के लोग अमेरिका और हिन्दुस्तान के किसी कोने में जाकर कमाल कर सकते हैं तो बिहार में क्यों नहीं कर पा रहे हैं। इसका कारण है कि बिहार में उन्हें अवसर नहीं मिल रहा है। बिहार की जवानी बिहार को बदलने के लिए दीवानी बन गई है और इसी के साथ बिहार को बर्बाद करने वालों की रवानगी भी तय हो गई है। आप मुझे बताएं कि बिहार के मुख्यमंत्री जी ने ये कहा था न कि वो हर घर में 24 घंटे बिजली पहुंचाएंगे? उन्होंने ये भी कहा था कि 2015 के चुनाव तक अगर हर घर बिजली नहीं पहुंचा पाया तो वोट मांगने नहीं आऊंगा; ऐसा कहा था? अब आप बताईये कि क्या हुआ? बिजली तो नहीं आई लेकिन वोट मांगने आये कि नहीं आये? धोखा किया न; वादे से मुकर गए न? क्या ऐसे लोगों पर भरोसा किया जा सकता है?

इसलिए मैं कहता हूँ कि अब बिहार ऐसी सरकार झेल नहीं सकता है जो बिहार को बर्बाद करने के लिए बने। मैं हैरान हूँ। हम जब जंगलराज को याद करते हैं तो लालू जी परेशान नहीं होते हैं लेकिन नीतीश जी परेशान हो जाते हैं। आपने ही तो लालू राज को जंगलराज कहा था और लालू जी के साथ बैठ गए। इसलिए अब आप जंगलराज बोलने से डरते हो और कोई अन्य बोले तो परेशान हो जाते हो। जंगलराज में कौन सा उद्योग चला – अपहरण का उद्योग। त्यौहार के समय लोग शाम में घर से बाहर निकलने से डरते थे; नई गाड़ी खरीदने के बाद डरते थे कि कहीं कोई उठा कर न ले जाए और अगर मांगने गए तो मार खाने का डर। अब आप बताएं कि बिहार को दुबारा उस स्थिति में लेकर जाना है क्या?

इसके आसार नजर आ रहे हैं। जनवरी से जुलाई तक बिहार में 4000 घटनाएं अपहरण की हुई हैं। अब आप मुझे बताईये कि क्या फिर से ये अपहरण के दिन आने देने हैं? कल रात की घटना लीजिये, एक पुलिस अफ़सर को गोलियों से भून दिया गया। उसका गुनाह सिर्फ़ इतना था कि वो कुछ लोगों को रोक कर पूछना चाहता था कि कौन हो और कहाँ जा रहे हो। सिर्फ़ इतनी बात पर उस पर गोलियां चलाई गई और वो भी पटना में, सरकार के सीने पर और एक पुलिस अफ़सर को। जहाँ एक पुलिस अफ़सर सुरक्षित नहीं है, वहां आम लोग सुरक्षित होंगे क्या? अभी तो उनके साथ बैठने का ये हाल है, चुनाव नतीजे आ गए और अगर आपने गलती कर दी तो सोचिए कि बिहार का क्या हाल होगा।

मैं आपसे कहने आया हूँ कि आप बिहार को बर्बाद होने से बचाईये। बिहार में वो ताकत है कि अगर बिहार आगे बढ़ गया तो सारा हिन्दुस्तान आगे बढ़ जाएगा लेकिन 60 साल तक बिहार की इस ताकत को दरकिनार किया गया। बिजली के क्षेत्र में हमने 24 घंटे बिजली देने का बीड़ा उठाया है। मैंने कहा है कि 2022 में जब भारत की आज़ादी के 75 साल होंगे, तब हम हिन्दुस्तान में 24 घंटे बिजली देने का काम पूरा कर देंगे। अकेले आपके औरंगाबाद जिले को बिजली के लिए 300 करोड़ रूपया देने का निर्णय कर लिया है। पूरे बिहार को 6000 करोड़ रूपया देने का निर्णय कर लिया है। जब मैं पूरे हिन्दुस्तान का अंदाज़ा लगा रहा था तो मैंने अफ़सरों को बुलाया और पूछा कि कितने गाँव हैं जहाँ बिजली नहीं है। उन्होंने हिसाब लगाया तो 18,000 गाँव ऐसे हैं जहाँ अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। फिर जब मैंने पूछा कि सबसे ज्यादा गाँव किस राज्य के हैं तो आपको ये जानकर हैरानी होगी कि बिहार के 4000 गाँव आज भी अँधेरे में हैं।

हमारी सरकार बनी तो सबसे पहले मेरा काम होगा – इन 4000 गांवों में बिजली पहुँचाना। ऐसा नहीं है कि पैसे नहीं हैं लेकिन उनके इरादे सही नहीं हैं। सरकार चलाना उनकी रुचि का विषय नहीं है और इसलिए वे 24 घंटे राजनीति करते रहते हैं। भूतकाल में पंचवर्षीय योजना के तहत भारत सरकार ने बिहार को बिजली के लिए करीब 8000 करोड़ रूपया देने का निर्णय किया लेकिन ये सरकार ऐसी थी कि उसमें से 1200-1300 करोड़ से ज्यादा ले नहीं पाई। अगर इनमें पैसे उठाकर काम करने की ताक़त नहीं है तो क्या ये आपका भला कर पाएंगे क्या? लेकिन अब बिहार के भाग्य को बदलने और जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्य से मैं आपके पास आया हूँ।

आज मैं कोई भी हिसाब लगाता हूँ, जैसे सबसे ज्यादा शौचालय कहाँ बने हैं तो नाम आता है बिहार का। ये शौचालय अमीरों के घर में नहीं बने हैं बल्कि गरीबों के घर में बने हैं ताकि हमारी गरीब मां-बहनों को खुले में शौच के लिए न जाना पड़े। अब आप देखें कि ये गरीबों की बात करने वालों ने शौचालय क्यों नहीं बनाये? दिल्ली में हमारी सरकार बनाने के बाद हमने शौचालय बनाने का काम शुरू किया और पिछले एक साल में 95 लाख शौचालय बनाने का काम पूरा कर दिया है और आगे भी ये काम तेज़ गति से चल रहा है।

मुझे बताईये कि अमीरों का खाता होता है न लेकिन गरीब कभी बैंक में नहीं जा पता था। हमने जन-धन के माध्यम से ऐसा अभियान चलाया कि इस देश के हर गरीब परिवार का बैंक खाता खोल दिया गया और आज पहली बार गरीब को लगने लगा है कि वे साहूकारों के पास जाने की बजाय बैंक के पास जा सकते हैं। ब्याज के कारण मरने के बजाय वे सम्मान से जी सकते हैं।

हम मुद्रा योजना लेकर आए जिसके तहत जो छोटे-छोटे व्यवसाय करने वाले लोग हैं, दूध बेचते हैं, सब्ज़ी बेचते हैं, पशुपालन करते हैं, धोबी का काम करते हैं, नाई का काम करते हैं, कपड़े बेचते हैं, अख़बार बेचते हैं, ऐसे लोगों को पैसों की बहुत जरुरत पड़ती है; घर में कोई बीमार हो जाए या मेहमान आ जाएं तो भी औरों से पैसे मांगने पड़ते हैं; उन्हें पैसे उपलब्ध कराये गए। इन्हें बैंकों से पैसा नहीं मिल पाता है। मुद्रा योजना से अकेले बिहार में 3 लाख लोगों को पैसे देने का काम पूरा कर दिया। पूरे हिन्दुस्तान में करीब-करीब 26 हज़ार करोड़ रूपया बैंकों से इन गरीबों को देने का काम हमने किया है। गरीब को ताक़तवर बनाना है, उनकी आर्थिक शक्ति बढ़ानी है।

हमने अभी बीमा योजना शुरू की; हर महीने में सिर्फ़ एक रूपया अर्थात 12 महीने में 12 रूपया कल जब मैं नवादा में था कि वहां एक मुस्लिम परिवार ने 12 रुपये वाली स्कीम ली थी और उसके परिवार में अचानक कुछ हो गया; महीना भर हुआ था और उसे 2 लाख रुपये का चेक आ गया। गरीब के लिए कैसे काम होता है, ये हमारी सरकार ने करके दिखाया है।

मेरा एक और सपना है जिसे पूरा करने के लिए बिहार में एक ऐसी सरकार चाहिए जो बिहार का भला करना चाहती है। मैं चाहता हूँ कि 2022 में सबके पास अपना एक घर हो। गरीबों को घर मिले, ये बहुत बड़ा बीड़ा हमने उठाया है घर में पानी का नल हो, नल में जल हो, बिजली हो, शौचालय हो और नजदीक में गरीब बच्चों के पढने के लिए अच्छी शिक्षा की व्यवस्था हो। इस काम को करने के लिए अगर राज्य सरकार ऐसी होगी कि हम केंद्र से बात नहीं करेंगे, हम उसे घुसने नहीं देंगे तो क्या ये संभव हो पाएगा?

मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप भाजपा और एनडीए के हमारे साथियों, राम विलास पासवान, जीतन राम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा को इस चुनाव में विजयी बनाईए और बिहार के भाग्य को बदलने का फ़ैसला कर लीजिए। बिहार में तीन-तीन पीढ़ी बर्बाद हो गई लेकिन अब इसे बर्बाद होने नहीं देना है। ये चुनाव है, एक तरफ जंगलराज और दूसरी तरफ विकासराज। सारी समस्याओं का समाधान विकास में ही रखा है इसलिए मैं कहता हूँ कि विकास के लिए वोट दीजिये दलित हों, पीड़ित हों, शोषित हों, वंचित हों, गरीब हो, इन सबका भला विकास से ही होगा। जवानों को रोजगार मिलेगा तो परिवारों की स्थिति अपने आप बदल जाएगी। इस काम को पूरा करने के लिए बिहार में दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनाईए।

आज पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है। अमेरिका, भूटान, रूस, चीन में भारत का गुणगान हो रहा है कि नहीं? ये मोदी के कारण नहीं बज रहा है बल्कि सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों के कारण बज रहा है। आपने ऐसा काम किया है जिस काम के कारण दुनिया में हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है। आपने 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी है। इसके कारण दुनिया के किसी भी नेता से मिलता हूँ, उनसे हाथ मिलाता हूँ और गले लगाता हूँ तो उन्हें मोदी नहीं बल्कि सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी दिखाई देते हैं। आज वे सब भारत का लोहा मानने लगे हैं। हिन्दुस्तान में बिहार का डंका बजाने, बिहार का जय-जयकार करने के लिए बिहार में भी आपको दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनानी पड़ेगी। ये सारी दुनिया बिहार की ताक़त को मान लेगी और विकास के रास्ते खुल जाएंगे और बिहार बदल जाएगा। यहाँ आया हुआ एक-एक व्यक्ति 50-50 लोगों को समझाएगा और उन्हें वोट डालने के लिए प्रेरित करेगा और एनडीए की सरकार बनाएगा। मेरे साथ मुट्ठी बंद करके बोलिये -

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

 

 

 

 

Explore More
୭୮ତମ ସ୍ୱାଧୀନତା ଦିବସ ଅବସରରେ ଲାଲକିଲ୍ଲାରୁ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀଙ୍କ ଅଭିଭାଷଣ

ଲୋକପ୍ରିୟ ଅଭିଭାଷଣ

୭୮ତମ ସ୍ୱାଧୀନତା ଦିବସ ଅବସରରେ ଲାଲକିଲ୍ଲାରୁ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀଙ୍କ ଅଭିଭାଷଣ
Snacks, Laughter And More, PM Modi's Candid Moments With Indian Workers In Kuwait

Media Coverage

Snacks, Laughter And More, PM Modi's Candid Moments With Indian Workers In Kuwait
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
The relationship between India and Kuwait is one of civilizations, seas and commerce: PM Modi
December 21, 2024
The warmth and affection of the Indian diaspora in Kuwait is extraordinary: PM
After 43 years, an Indian Prime Minister is visiting Kuwait: PM
The relationship between India and Kuwait is one of civilizations, seas and commerce: PM
India and Kuwait have consistently stood by each other:PM
India is well-equipped to meet the world's demand for skilled talent: PM
In India, smart digital systems are no longer a luxury, but have become an integral part of the everyday life of the common man: PM
The India of the future will be the hub of global development, the growth engine of the world: PM
India, as a Vishwa Mitra, is moving forward with a vision for the greater good of the world: PM

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

नमस्कार,

अभी दो ढाई घंटे पहले ही मैं कुवैत पहुंचा हूं और जबसे यहां कदम रखा है तबसे ही चारों तरफ एक अलग ही अपनापन, एक अलग ही गर्मजोशी महसूस कर रहा हूं। आप सब भारत क अलग अलग राज्यों से आए हैं। लेकिन आप सभी को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे मेरे सामने मिनी हिन्दुस्तान उमड़ आया है। यहां पर नार्थ साउथ ईस्ट वेस्ट हर क्षेत्र के अलग अलग भाषा बोली बोलने वाले लोग मेरे सामने नजर आ रहे हैं। लेकिन सबके दिल में एक ही गूंज है। सबके दिल में एक ही गूंज है - भारत माता की जय, भारत माता की जय I

यहां हल कल्चर की festivity है। अभी आप क्रिसमस और न्यू ईयर की तैयारी कर रहे हैं। फिर पोंगल आने वाला है। मकर सक्रांति हो, लोहड़ी हो, बिहू हो, ऐसे अनेक त्यौहार बहुत दूर नहीं है। मैं आप सभी को क्रिसमस की, न्यू ईयर की और देश के कोने कोने में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों की बहुत बहुत शुभकानाएं देता हूं।

साथियों,

आज निजी रूप से मेरे लिए ये पल बहुत खास है। 43 years, चार दशक से भी ज्यादा समय, 43 years के बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत आया है। आपको हिन्दुस्तान से यहां आना है तो चार घंटे लगते हैं, प्रधानमंत्री को चार दशक लग गए। आपमे से कितने ही साथी तो पीढ़ियों से कुवैत में ही रह रहे हैं। बहुतों का तो जन्म ही यहीं हुआ है। और हर साल सैकड़ों भारतीय आपके समूह में जुड़ते जाते हैं। आपने कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया है, आपने कुवैत के केनवास पर भारतीय हुनर का रंग भरा है। आपने कुवैत में भारत के टेलेंट, टेक्नॉलोजी और ट्रेडिशन का मसाला मिक्स किया है। और इसलिए मैं आज यहां सिर्फ आपसे मिलने ही नहीं आया हूं, आप सभी की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने के लिए आया हूं।

साथियों,

थोड़ी देर पहले ही मेरे यहां काम करने वाले भारतीय श्रमिकों प्रोफेशनल्श् से मुलाकात हुई है। ये साथी यहां कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े हैं। अन्य अनेक सेक्टर्स में भी अपना पसीना बहा रहे हैं। भारतीय समुदाय के डॉक्टर्स, नर्सज पेरामेडिस के रूप में कुवैत के medical infrastructure की बहुत बड़ी शक्ति है। आपमें से जो टीचर्स हैं वो कुवैत की अगली पीढ़ी को मजबूत बनाने में सहयोग कर रही है। आपमें से जो engineers हैं, architects हैं, वे कुवैत के next generation infrastructure का निर्माण कर रहे हैं।

और साथियों,

जब भी मैं कुवैत की लीडरशिप से बात करता हूं। तो वो आप सभी की बहुत प्रशंसा करते हैं। कुवैत के नागरिक भी आप सभी भारतीयों की मेहनत, आपकी ईमानदारी, आपकी स्किल की वजह से आपका बहुत मान करते हैं। आज भारत रेमिटंस के मामले में दुनिया में सबसे आगे है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय भी आप सभी मेहनतकश साथियों को जाता है। देशवासी भी आपके इस योगदान का सम्मान करते हैं।

साथियों,

भारत और कुवैत का रिश्ता सभ्यताओं का है, सागर का है, स्नेह का है, व्यापार कारोबार का है। भारत और कुवैत अरब सागर के दो किनारों पर बसे हैं। हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ही नहीं बल्कि दिलों ने आपस में जोड़ा है। हमारा वर्तमान ही नहीं बल्कि हमारा अतीत भी हमें जोड़ता है। एक समय था जब कुवैत से मोती, खजूर और शानदार नस्ल के घोड़े भारत जाते थे। और भारत से भी बहुत सारा सामान यहां आता रहा है। भारत के चावल, भारत की चाय, भारत के मसाले,कपड़े, लकड़ी यहां आती थी। भारत की टीक वुड से बनी नौकाओं में सवार होकर कुवैत के नाविक लंबी यात्राएं करते थे। कुवैत के मोती भारत के लिए किसी हीरे से कम नहीं रहे हैं। आज भारत की ज्वेलरी की पूरी दुनिया में धूम है, तो उसमें कुवैत के मोतियों का भी योगदान है। गुजरात में तो हम बड़े-बुजुर्गों से सुनते आए हैं, कि पिछली शताब्दियों में कुवैत से कैसे लोगों का, व्यापारी-कारोबारियों का आना-जाना रहता था। खासतौर पर नाइनटीन्थ सेंचुरी में ही, कुवैत से व्यापारी सूरत आने लगे थे। तब सूरत, कुवैत के मोतियों के लिए इंटरनेशनल मार्केट हुआ करता था। सूरत हो, पोरबंदर हो, वेरावल हो, गुजरात के बंदरगाह इन पुराने संबंधों के साक्षी हैं।

कुवैती व्यापारियों ने गुजराती भाषा में अनेक किताबें भी पब्लिश की हैं। गुजरात के बाद कुवैत के व्यापारियों ने मुंबई और दूसरे बाज़ारों में भी उन्होंने अलग पहचान बनाई थी। यहां के प्रसिद्ध व्यापारी अब्दुल लतीफ अल् अब्दुल रज्जाक की किताब, How To Calculate Pearl Weight मुंबई में छपी थी। कुवैत के बहुत सारे व्यापारियों ने, एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के लिए मुंबई, कोलकाता, पोरबंदर, वेरावल और गोवा में अपने ऑफिस खोले हैं। कुवैत के बहुत सारे परिवार आज भी मुंबई की मोहम्मद अली स्ट्रीट में रहते हैं। बहुत सारे लोगों को ये जानकर हैरानी होगी। 60-65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपए वैसे ही चलते थे, जैसे भारत में चलते हैं। यानि यहां किसी दुकान से कुछ खरीदने पर, भारतीय रुपए ही स्वीकार किए जाते थे। तब भारतीय करेंसी की जो शब्दाबली थी, जैसे रुपया, पैसा, आना, ये भी कुवैत के लोगों के लिए बहुत ही सामान्य था।

साथियों,

भारत दुनिया के उन पहले देशों में से एक है, जिसने कुवैत की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता दी थी। और इसलिए जिस देश से, जिस समाज से इतनी सारी यादें जुड़ी हैं, जिससे हमारा वर्तमान जुड़ा है। वहां आना मेरे लिए बहुत यादगार है। मैं कुवैत के लोगों का, यहां की सरकार का बहुत आभारी हूं। मैं His Highness The Amir का उनके Invitation के लिए विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं।

साथियों,

अतीत में कल्चर और कॉमर्स ने जो रिश्ता बनाया था, वो आज नई सदी में, नई बुलंदी की तरफ आगे बढ़ रहा है। आज कुवैत भारत का बहुत अहम Energy और Trade Partner है। कुवैत की कंपनियों के लिए भी भारत एक बड़ा Investment Destination है। मुझे याद है, His Highness, The Crown Prince Of Kuwait ने न्यूयॉर्क में हमारी मुलाकात के दौरान एक कहावत का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था- “When You Are In Need, India Is Your Destination”. भारत और कुवैत के नागरिकों ने दुख के समय में, संकटकाल में भी एक दूसरे की हमेशा मदद की है। कोरोना महामारी के दौरान दोनों देशों ने हर स्तर पर एक-दूसरे की मदद की। जब भारत को सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी, तो कुवैत ने हिंदुस्तान को Liquid Oxygen की सप्लाई दी। His Highness The Crown Prince ने खुद आगे आकर सबको तेजी से काम करने के लिए प्रेरित किया। मुझे संतोष है कि भारत ने भी कुवैत को वैक्सीन और मेडिकल टीम भेजकर इस संकट से लड़ने का साहस दिया। भारत ने अपने पोर्ट्स खुले रखे, ताकि कुवैत और इसके आसपास के क्षेत्रों में खाने पीने की चीजों का कोई अभाव ना हो। अभी इसी साल जून में यहां कुवैत में कितना हृदय विदारक हादसा हुआ। मंगफ में जो अग्निकांड हुआ, उसमें अनेक भारतीय लोगों ने अपना जीवन खोया। मुझे जब ये खबर मिली, तो बहुत चिंता हुई थी। लेकिन उस समय कुवैत सरकार ने जिस तरह का सहयोग किया, वो एक भाई ही कर सकता है। मैं कुवैत के इस जज्बे को सलाम करूंगा।

साथियों,

हर सुख-दुख में साथ रहने की ये परंपरा, हमारे आपसी रिश्ते, आपसी भरोसे की बुनियाद है। आने वाले दशकों में हम अपनी समृद्धि के भी बड़े पार्टनर बनेंगे। हमारे लक्ष्य भी बहुत अलग नहीं है। कुवैत के लोग, न्यू कुवैत के निर्माण में जुटे हैं। भारत के लोग भी, साल 2047 तक, देश को एक डवलप्ड नेशन बनाने में जुटे हैं। कुवैत Trade और Innovation के जरिए एक Dynamic Economy बनना चाहता है। भारत भी आज Innovation पर बल दे रहा है, अपनी Economy को लगातार मजबूत कर रहा है। ये दोनों लक्ष्य एक दूसरे को सपोर्ट करने वाले हैं। न्यू कुवैत के निर्माण के लिए, जो इनोवेशन, जो स्किल, जो टेक्नॉलॉजी, जो मैनपावर चाहिए, वो भारत के पास है। भारत के स्टार्ट अप्स, फिनटेक से हेल्थकेयर तक, स्मार्ट सिटी से ग्रीन टेक्नॉलजी तक कुवैत की हर जरूरत के लिए Cutting Edge Solutions बना सकते हैं। भारत का स्किल्ड यूथ कुवैत की फ्यूचर जर्नी को भी नई स्ट्रेंथ दे सकता है।

साथियों,

भारत में दुनिया की स्किल कैपिटल बनने का भी सामर्थ्य है। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। ऐसे में भारत दुनिया की स्किल डिमांड को पूरा करने का सामर्थ्य रखता है। और इसके लिए भारत दुनिया की जरूरतों को देखते हुए, अपने युवाओं का स्किल डवलपमेंट कर रहा है, स्किल अपग्रेडेशन कर रहा है। भारत ने हाल के वर्षों में करीब दो दर्जन देशों के साथ Migration और रोजगार से जुड़े समझौते किए हैं। इनमें गल्फ कंट्रीज के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, मॉरिशस, यूके और इटली जैसे देश शामिल हैं। दुनिया के देश भी भारत की स्किल्ड मैनपावर के लिए दरवाज़े खोल रहे हैं।

साथियों,

विदेशों में जो भारतीय काम कर रहे हैं, उनके वेलफेयर और सुविधाओं के लिए भी अनेक देशों से समझौते किए जा रहे हैं। आप ई-माइग्रेट पोर्टल से परिचित होंगे। इसके ज़रिए, विदेशी कंपनियों और रजिस्टर्ड एजेंटों को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाया गया है। इससे मैनपावर की कहां जरूरत है, किस तरह की मैनपावर चाहिए, किस कंपनी को चाहिए, ये सब आसानी से पता चल जाता है। इस पोर्टल की मदद से बीते 4-5 साल में ही लाखों साथी, यहां खाड़ी देशों में भी आए हैं। ऐसे हर प्रयास के पीछे एक ही लक्ष्य है। भारत के टैलेंट से दुनिया की तरक्की हो और जो बाहर कामकाज के लिए गए हैं, उनको हमेशा सहूलियत रहे। कुवैत में भी आप सभी को भारत के इन प्रयासों से बहुत फायदा होने वाला है।

साथियों,

हम दुनिया में कहीं भी रहें, उस देश का सम्मान करते हैं और भारत को नई ऊंचाई छूता देख उतने ही प्रसन्न भी होते हैं। आप सभी भारत से यहां आए, यहां रहे, लेकिन भारतीयता को आपने अपने दिल में संजो कर रखा है। अब आप मुझे बताइए, कौन भारतीय होगा जिसे मंगलयान की सफलता पर गर्व नहीं होगा? कौन भारतीय होगा जिसे चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग की खुशी नहीं हुई होगी? मैं सही कह रहा हूं कि नहीं कह रहा हूं। आज का भारत एक नए मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकॉनॉमी है। आज दुनिया का नंबर वन फिनटेक इकोसिस्टम भारत में है। आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम भारत में है। आज भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है।

मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं और सुनकर आपको भी अच्छा लगेगा। बीते 10 साल में भारत ने जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, भारत में जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई, वो धरती और चंद्रमा की दूरी से भी आठ गुना अधिक है। आज भारत, दुनिया के सबसे डिजिटल कनेक्टेड देशों में से एक है। छोटे-छोटे शहरों से लेकर गांवों तक हर भारतीय डिजिटल टूल्स का उपयोग कर रहा है। भारत में स्मार्ट डिजिटल सिस्टम अब लग्जरी नहीं, बल्कि कॉमन मैन की रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो गया है। भारत में चाय पीते हैं, रेहड़ी-पटरी पर फल खरीदते हैं, तो डिजिटली पेमेंट करते हैं। राशन मंगाना है, खाना मंगाना है, फल-सब्जियां मंगानी है, घर का फुटकर सामान मंगाना है, बहुत कम समय में ही डिलिवरी हो जाती है और पेमेंट भी फोन से ही हो जाता है। डॉक्यूमेंट्स रखने के लिए लोगों के पास डिजि लॉकर है, एयरपोर्ट पर सीमलैस ट्रेवेल के लिए लोगों के पास डिजियात्रा है, टोल बूथ पर समय बचाने के लिए लोगों के पास फास्टटैग है, भारत लगातार डिजिटली स्मार्ट हो रहा है और ये तो अभी शुरुआत है। भविष्य का भारत ऐसे इनोवेशन्स की तरफ बढ़ने वाला है, जो पूरी दुनिया को दिशा दिखाएगा। भविष्य का भारत, दुनिया के विकास का हब होगा, दुनिया का ग्रोथ इंजन होगा। वो समय दूर नहीं जब भारत दुनिया का Green Energy Hub होगा, Pharma Hub होगा, Electronics Hub होगा, Automobile Hub होगा, Semiconductor Hub होगा, Legal, Insurance Hub होगा, Contracting, Commercial Hub होगा। आप देखेंगे, जब दुनिया के बड़े-बड़े Economy Centres भारत में होंगे। Global Capability Centres हो, Global Technology Centres हो, Global Engineering Centres हो, इनका बहुत बड़ा Hub भारत बनेगा।

साथियों,

हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। भारत एक विश्वबंधु के रूप में दुनिया के भले की सोच के साथ आगे चल रहा है। और दुनिया भी भारत की इस भावना को मान दे रही है। आज 21 दिसंबर, 2024 को दुनिया, अपना पहला World Meditation Day सेलीब्रेट कर रही है। ये भारत की हज़ारों वर्षों की Meditation परंपरा को ही समर्पित है। 2015 से दुनिया 21 जून को इंटरनेशन योगा डे मनाती आ रही है। ये भी भारत की योग परंपरा को समर्पित है। साल 2023 को दुनिया ने इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मनाया, ये भी भारत के प्रयासों और प्रस्ताव से ही संभव हो सका। आज भारत का योग, दुनिया के हर रीजन को जोड़ रहा है। आज भारत की ट्रेडिशनल मेडिसिन, हमारा आयुर्वेद, हमारे आयुष प्रोडक्ट, ग्लोबल वेलनेस को समृद्ध कर रहे हैं। आज हमारे सुपरफूड मिलेट्स, हमारे श्री अन्न, न्यूट्रिशन और हेल्दी लाइफस्टाइल का बड़ा आधार बन रहे हैं। आज नालंदा से लेकर IITs तक का, हमारा नॉलेज सिस्टम, ग्लोबल नॉलेज इकोसिस्टम को स्ट्रेंथ दे रहा है। आज भारत ग्लोबल कनेक्टिविटी की भी एक अहम कड़ी बन रहा है। पिछले साल भारत में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान, भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर की घोषणा हुई थी। ये कॉरिडोर, भविष्य की दुनिया को नई दिशा देने वाला है।

साथियों,

विकसित भारत की यात्रा, आप सभी के सहयोग, भारतीय डायस्पोरा की भागीदारी के बिना अधूरी है। मैं आप सभी को विकसित भारत के संकल्प से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता हूं। नए साल का पहला महीना, 2025 का जनवरी, इस बार अनेक राष्ट्रीय उत्सवों का महीना होने वाला है। इसी साल 8 से 10 जनवरी तक, भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन होगा, दुनियाभर के लोग आएंगे। मैं आप सब को, इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करता हूं। इस यात्रा में, आप पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ जी का आशीर्वाद ले सकते हैं। इसके बाद प्रयागराज में आप महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पधारिये। ये 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाला है, करीब डेढ़ महीना। 26 जनवरी को आप गणतंत्र दिवस देखकर ही वापस लौटिए। और हां, आप अपने कुवैती दोस्तों को भी भारत लाइए, उनको भारत घुमाइए, यहां पर कभी, एक समय था यहां पर कभी दिलीप कुमार साहेब ने पहले भारतीय रेस्तरां का उद्घाटन किया था। भारत का असली ज़ायका तो वहां जाकर ही पता चलेगा। इसलिए अपने कुवैती दोस्तों को इसके लिए ज़रूर तैयार करना है।

साथियों,

मैं जानता हूं कि आप सभी आज से शुरु हो रहे, अरेबियन गल्फ कप के लिए भी बहुत उत्सुक हैं। आप कुवैत की टीम को चीयर करने के लिए तत्पर हैं। मैं His Highness, The Amir का आभारी हूं, उन्होंने मुझे उद्घाटन समारोह में Guest Of Honour के रूप में Invite किया है। ये दिखाता है कि रॉयल फैमिली, कुवैत की सरकार, आप सभी का, भारत का कितना सम्मान करती है। भारत-कुवैत रिश्तों को आप सभी ऐसे ही सशक्त करते रहें, इसी कामना के साथ, फिर से आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।