ନୂଆଦିଲ୍ଲୀର ତାଲକୋଟ୍ରା ଷ୍ଟାଡିୟମ ଠାରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ ଆଜି ଇଣ୍ଡିଆ ପୋଷ୍ଟ ପେମେଂଟ୍ସ ବ୍ୟାଙ୍କ (ଆଇପିପିବି)ର ଶୁଭାରମ୍ଭ କରିଛନ୍ତି । ଦିଲ୍ଲୀରେ ଆୟୋଜିତ ମୁଖ୍ୟ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ସହିତ ସାରା ଦେଶର 3 ହଜାରରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ଵ ସ୍ଥାନରେ ଆୟୋଜିତ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ସଂଯୁକ୍ତ ହୋଇଥିଲା ।
ଏହି ଅବସରରେ ଉଦବୋଧନ ଦେଇ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ ଇଣ୍ଡିଆ ପୋଷ୍ଟ ପେମେଂଟ୍ସ ବ୍ୟାଙ୍କ ଜରିଆରେ ବ୍ୟାଙ୍କ ସେବା ଅତି ସହଜରେ ଦେଶର ଅପହଂଚ ଏବଂ ଉପାନ୍ତ ଅଂଚଳରେ ରହୁଥିବା ଲୋକମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ପହଁଚିପାରିବ ।
ଆର୍ଥିକ ଅନ୍ତର୍ଭୂକ୍ତୀକରଣ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ କେନ୍ଦ୍ର ସରକାର ପୂର୍ବରୁ ଜନଧନ ଯୋଜନା କାର୍ଯ୍ୟକାରୀ କରିଥିବା ସେ ସ୍ମରଣ କରାଇଦେଇଥିଲେ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଆଜି ଆଇପିପିବିର ଶୁଭାରମ୍ଭ କରାଯିବା ଏହି ଲକ୍ଷ୍ୟ ହାସଲ ଦିଗରେ ଆଉ ଏକ ପଦକ୍ଷେପ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଆଜି 650ଟି ଜିଲ୍ଲାରେ ଆଇପିପିବି ଶାଖା ଖୋଲାଯାଇଛି ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ ଗ୍ରାମାଂଚଳରେ ପୋଷ୍ଟମେନଙ୍କୁ ଦୀର୍ଘଦିନ ହେବ ସମ୍ମାନିତ ଏବଂ ଗ୍ରହଣୀୟ ବ୍ୟକ୍ତି ଭାବେ ମାନ୍ୟତା ମିଳିଆସିଛି । ଆଧୁନିକ ପ୍ରଯୁକ୍ତିର ପ୍ରଚଳନ ସତ୍ତ୍ୱେ ପୋଷ୍ଟମେନ ମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ବିଶ୍ୱାସ ପୂର୍ବ ଭଳି ଅତୁଟ ରହିଛି । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ବର୍ତ୍ତମାନର ଢାଂଚା ଏବଂ ବ୍ୟବସ୍ଥାରେ ସଂସ୍କାର ଆଣିବା ସରକାରଙ୍କ ଆଭିମୁଖ୍ୟ, ଏବଂ ଏହାଦ୍ୱାରା ସେଗୁଡ଼ିକୁ ବଦଳୁଥିବା ସମୟ ସହିତ ରୂପାନ୍ତରିତ କରାଯାଇପାରିବ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ସାରା ଦେଶରେ 1.5 ଲକ୍ଷରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ଵ ପୋଷ୍ଟ ଅଫିସ ରହିଛି ଏବଂ ତିନି ଲକ୍ଷ ପୋଷ୍ଟମେନ ଓ “ଗ୍ରାମୀଣ ଡାକ ସେବକ” ଦେଶର ଲୋକମାନଙ୍କ ସହିତ ଯୋଡ଼ି ହୋଇ ରହିଛନ୍ତି । ବର୍ତ୍ତମାନ ଆର୍ଥିକ ସେବା ଯୋଗାଇବା ଲାଗି ସେମାନଙ୍କୁ ସ୍ମାର୍ଟଫୋନ ଏବଂ ଡିଜିଟାଲ ଉପକରଣ ଦିଆଯିବା ଉଚିତ ।
ଆଇପିପିବିର ଲାଭ ସମ୍ପର୍କରେ ସୂଚନା ଦେଇ ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଏହାଦ୍ୱାରା ଟଙ୍କା ପଠାଇବା, ସରକାରୀ ଅର୍ଥ ହସ୍ତାନ୍ତର, ବିଲ ପଇଠ ଏବଂ ନିବେଶ ଓ ବୀମା ଭଳି ଅନ୍ୟ ସେବା ଉପଲବ୍ଧ ହୋଇପାରିବ । ଘରେ ଘରେ ପୋଷ୍ଟମେନମାନେ ଏହି ସେବା ଯୋଗାଇଦେବେ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଆଇପିପିବି ଡିଜିଟାଲ କାରବାର ଯୋଗାଇଦେବ ଏବଂ କୃଷକମାନଙ୍କୁ ସହାୟତା ଯୋଗାଇ ଦେଉଥିବା ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଫସଲ ବୀମା ଯୋଜନାର ଲାଭ ପହଁଚାଇପାରିବ ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ 2014 ପରଠାରୁ କେନ୍ଦ୍ର ସରକାର ଭାରତର ବ୍ୟାଙ୍କିଙ୍ଗ କ୍ଷେତ୍ରରେ ରହିଥିବା ବିକୃତି ଏବଂ ସମସ୍ୟାଗୁଡ଼ିକୁ ଦୂର କରିବା ଲାଗି ପ୍ରୟାସ କରି ଆସୁଛନ୍ତି ଯାହା ବିଶୃଙ୍ଖଳିତ ଋଣ ଅଗ୍ରୀମ କାରଣରୁ ଅବ୍ୟବସ୍ଥିତ ହୋଇପଡ଼ିଥିଲା । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ବର୍ତ୍ତମାନ ଋଣଗୁଡ଼ିକୁ ସମୀକ୍ଷା କରାଯାଉଛି ଏବଂ ବ୍ୟାଙ୍କିଙ୍ଗ କ୍ଷେତ୍ରରେ ପେଶାଦାର ଆଭିମୁଖ୍ୟ ଗ୍ରହଣ କରାଯାଉଛି । ଦୋଷୀମାନଙ୍କୁ ସୁନିଶ୍ଚିତ ଦଣ୍ଡ ଦେବା ସକାଶେ ପଳାତକ ଅର୍ଥନୈତିକ ଅପରାଧ ଆଇନ ପ୍ରଣୟନ ଭଳି ପଦକ୍ଷେପ ନିଆଯାଇଛି ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ ଆତ୍ମ ନିଯୁକ୍ତି ସୁଯୋଗ ସୃଷ୍ଟି ଲାଗି 13 ଲକ୍ଷ କୋଟି ଟଙ୍କାରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ଵ ମୁଦ୍ରା ଋଣ ଗରିବ ଏବଂ ମଧ୍ୟମବର୍ଗଙ୍କୁ ପ୍ରଦାନ କରାଯାଇସାରିଛି । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଆଜି ପୂର୍ବାପେକ୍ଷା ଶ୍ରେଷ୍ଠ ଏସୀୟ କ୍ରୀଡ଼ା ପ୍ରଦର୍ଶନ ସହିତ ଅର୍ଥବ୍ୟବସ୍ଥା ଚମତ୍କାର ଅଭିବୃଦ୍ଧି ପ୍ରଦର୍ଶନ କରୁଥିବାରୁ ସାରା ଦେଶ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଭାବେ ନୂଆ ଆତ୍ମବିଶ୍ୱାସ ନେଇ ଉଭା ହୋଇଛି । ଲୋକମାନଙ୍କ ସମ୍ମିଳିତ ପ୍ରୟାସ ଯୋଗୁ ଏହା ଫଳପ୍ରଦ ହୋଇଥିବା ସେ କହିଥିଲେ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଆଜି ଭାରତ କେବଳ ବିଶ୍ୱର ଦୃତ ଅଭିବୃଦ୍ଧିଶୀଳ ଅର୍ଥବ୍ୟବସ୍ଥା ହୋଇରହିନାହିଁ, ବରଂ ଦ୍ରୁତ ଗତିରେ ଦାରିଦ୍ର୍ୟ ଦୂର କରିଚାଲିଛି ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ 3 ଲକ୍ଷ “ଡାକ ସେବକ” ଗ୍ରାମର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଘରେ, ପ୍ରତ୍ୟେକ କୃଷକ ନିକଟରେ ଏବଂ ଉଦ୍ୟୋଗୀ ନିକଟରେ ଆର୍ଥିକ ସେବା ପହଁଚାଇବାରେ ପ୍ରମୁଖ ଭୂମିକା ଗ୍ରହଣ କରିବେ । ସେ ଉଲ୍ଲେଖ କରିଥିଲେ ଯେ ଗତ ମାସଗୁଡ଼ିକରେ “ଡାକ ସେବକ”ମାନଙ୍କ କଲ୍ୟାଣ ପାଇଁ ଏବଂ ସେମାନଙ୍କ ଦୀର୍ଘଦିନର ଦାବି ପୂରଣ ଲାଗି ବ୍ୟାପକ ପଦକ୍ଷେପ ନିଆଯାଇଛି । ଏହାଦ୍ୱାରା ସେମାନଙ୍କ ଦରମାରେ ବୃଦ୍ଧି ହୋଇଥିବା ସେ ଉଲ୍ଲେଖ କରିଥିଲେ । ଆସନ୍ତା କିଛି ମାସ ମଧ୍ୟରେ ସାରା ଦେଶରେ ଥିବା 1.5ଲକ୍ଷ ପୋଷ୍ଟ ଅଫିସରେ ଆଇପିପିବି ପହଁଚିବ ବୋଲି ସେ ବିଶ୍ୱାସ ପ୍ରକଟ କରିଥିଲେ ।
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से देश के हर गरीब तक,
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देश के कोने-कोने तक,
दूर-दराज़ के पहाड़ों पर बसे लोगों तक,
घने जंगलों के बीच रह रहे आदिवासियों तक,
एक-एक भारतीय के दरवाज़े पर बैंक और बैंकिंग सुविधा का मार्ग खुल रहा है: PM
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक देश के अर्थतंत्र में, सामाजिक व्यवस्था में, एक बड़ा परिवर्तन करने जा रहा है।
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हमारी सरकार ने पहले जनधन के माध्यम से करोड़ों गरीब परिवारों को पहली बार बैंक पहुंचाया और आज से बैंक को ही गांव और गरीब के दरवाज़े पर पहुंचाने का काम शुरु हो गया है: PM
आज भी मुझे सैकड़ों की संख्या में चिट्ठियां मिलती हैं।
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मन की बात के लिए ही हर महीने हजारों पत्र आते हैं।
ये पत्र लोगों के साथ मेरा सीधा संवाद स्थापित करते हैं। जब वो चिट्ठियां पढ़ता हूं तो लगता है कि लिखने वाला सामने ही है, अपनी बात सीधे मुझसे कह रहा है: PM
हमारी सरकार पुरानी व्यवस्थाओं को Reform करके, उन्हें Transform करने का काम कर रही है
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लेटर की जगह अब भले ई-मेल ने ले ली हो, लेकिन लक्ष्य एक ही है
जिस टेक्नोलॉजी ने पोस्ट ऑफिस को चुनौती दी, उसी टेक्नोलॉजी को आधार बनाकर हम इस चुनौती को अवसर में बदलने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं: PM
भारतीय डाक विभाग के पास डेढ़ लाख डाकघर हैं। 3 लाख से अधिक पोस्टमैन देश के जन-जन से जुड़े हैं
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इतने व्यापक नेटवर्क को टेक्नॉलॉजी से जोड़कर 21वीं सदी में सेवा का सबसे शक्तिशाली सिस्टम बनाने का बीड़ा हमने उठाया है
अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन है और बैग में एक डिजिटल डिवाइस: PM
IPPB किसानों के लिए भी एक बड़ी सुविधा सिद्ध होगा।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा जैसी योजनाओं को इससे विशेष बल मिलेगा। पोस्ट पेमेंट बैंक के बाद अब योजनाओं की क्लेम राशि भी घर बैठे ही मिला करेगी।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बेटियों के नाम पर पैसा बचाने की मुहिम को भी गति देंगे: PM
हमारी सरकार देश के बैंकों को गरीब के दरवाजे पर लेकर आ गई है।
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वरना चार-पाँच साल पहले तक तो ऐसी स्थिति बना दी गई थी कि बैंकों का अधिकांश पैसा सिर्फ उन्हीं अमीर लोगों के लिए रिजर्व रख दिया गया था, जो एक परिवार विशेष के करीबी थे: PM
आजादी के बाद से लेकर साल 2008 तक, देश के बैंकों ने 18 लाख करोड़ रुपए की राशि ही लोन के तौर पर दी थी।
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लेकिन 2008 के बाद के 6 वर्षों में ये राशि बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपए हो गई।
यानि जितना लोन बैंकों ने आजादी के बाद दिया था, उसका दोगुना लोन पिछली सरकार के 6 साल में बांट दिया: PM
हमारे देश में Phone Banking का प्रसार उस समय उतना नहीं हुआ था, लेकिन नामदारों ने Phone पर Banking और फोन पर कर्ज दिलवाने शुरू कर दिए थे।
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जिस भी बड़े उद्योगपति को लोन चाहिए होता था, वो नामदारों से बैंक को फोन करवा देता था: PM
बैंक वाले, फिर उस व्यक्ति या उसकी कंपनी को झट से करोड़ों रुपए का कर्ज दे देते थे।
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सारे नियम, सारे कायदे-कानून से बड़ा, उस नामदार परिवार से आने वाला फोन बन गया था।
कांग्रेस और उसके नामदारों की Phone Banking ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया: PM
बैंकों ने ये जानते हुए कि उनके द्वारा दिए गए लोन की वापसी मुश्किल होगी, परिवार के ऑर्डर के बाद विशेष लोगों को लोन दिया।
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इतना ही नहीं, जब ऐसे लोग, डीफॉल्ट करने लगे, तो बैंकों पर दबाव बनाकर, उन्हें नए लोन दिलाए गए। ये गोरखधंधा लोन की रीस्ट्रक्चरिंग के नाम पर हुआ: PM
जो लोग इस गोरखधंधे में लगे थे, उन्हें भी अच्छी तरह पता था कि एक ना एक दिन उनकी पोल जरूर खुलेगी।
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इसलिए उसी समय से हेराफेरी की एक और साजिश साथ-साथ रची गई।
बैंकों का दिया कितना कर्ज वापस नहीं आ पा रहा, इसके सही आंकड़े देश से छिपाए जाने लगे: PM
2014 में जब हमारी सरकार बनी तो सारी सच्चाई सामने आने लगी।
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तब बैंकों से कड़ाई से कहा गया कि सही-सही आकलन करें कि उनकी कितनी राशि इस तरह का लोन देने की वजह से फंस गई है: PM
सरकार बनने के कुछ समय बाद ही हमें ऐहसास हो गया था कि कांग्रेस देश की अर्थव्यवस्था को एक लैंडमाइन पर बिठाकर गया है।
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उसी समय देश और दुनिया के सामने इसकी सच्चाई रख दी जाती, तो ऐसा विस्फोट होता कि अर्थव्यवस्था संभल नहीं पाती। बहुत ऐहतियात के साथ इस संकट से देश को बाहर निकाला गया: PM
हमारी ही सरकार NPA की सच्चाई, पिछली सरकार के इस घोटाले को देश के सामने लेकर आई।
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हमने केवल बीमारी का पता ही नहीं लगाया, बल्कि उसके कारण भी तलाशे और उस बीमारी को दुरुस्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं: PM
पिछले 4 साल में, 50 करोड़ से बड़े सभी loans की समीक्षा की गई है,
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लोन की शर्तों का कड़ाई से पालन हो, ये सुनिश्चित किया जा रहा है।,
हमने कानून बदले, बैंकों के मर्जर का निर्णय लिया,
बैंकिंग सेक्टर में Professional approach को बढ़ावा दिया: PM
12 बड़े defaulters, जिनको 2014 के पहले लोन दिया था, जिसके NPA की राशि करीब पौने 2 लाख करोड़ रुपये हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई और उसके नतीजे आज दिख भी रहे हैं
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इसी प्रकार 27 और बड़े लोन खाते हैं, जिनमें 1 लाख करोड़ का एनपीए है। इसकी वापसी का भी इंतजाम किया जा रहा है।
जिनको लग रहा था कि नामदार परिवार की सहभागिता और मेहरबानी से उनको मिले लाखों-करोड़ रुपए हमेशा-हमेशा के लिए उनके पास रहेंगे, हमेशा Incoming ही रहेगी, अब उनके खाते से Outgoing भी शुरू हुई है: PM
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एक तरफ कल एशियन गेम्स में भारत ने अपनी Best ever Performance दिखाई है, तो दूसरी तरफ कल देश को अर्थव्यवस्था के आंकड़ों से भी मेडल मिला है।
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8.2% की दर से हो रहा विकास, भारत की अर्थव्यवस्था की बढ़ती हुई ताकत को दिखाता है। ये एक नए भारत की उज्ज्वल तस्वीर को सामने लाता है: PM
जब देश सही दिशा में चलता है और नीयत ठीक होती है तो ऐसे ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं।
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ये मुमकिन हुआ है 125 करोड़ देशवासियों की मेहनत और लगन के कारण।
हमारे युवाओं, हमारी महिला शक्ति, हमारे किसानों, हमारे उद्यमियों, हमारे मजदूरों - ये सबकी मेहनत का नतीजा है: PM