କୋଲକାତାଠାରେ ଅନୁଷ୍ଠିତ ପଞ୍ଚମ ଭାରତ ଆନ୍ତର୍ଜାତିକ ବିଜ୍ଞାନ ଉତ୍ସବକୁ ଆଜି ଭିଡିଓ କନଫରେନ୍ସିଂ ମାଧ୍ୟମରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ ଉଦଘାଟନ କରିଛନ୍ତି ।
ଏହି ସମାରୋହକୁ ସମ୍ବୋଧନ କରି ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଲେ ଯେ ଏହି ଉତ୍ସବର ପ୍ରସଙ୍ଗ ହେଉଛି ଗବେଷଣା, ଉଦ୍ଭାବନ, ବିଜ୍ଞାନ ଦ୍ଵାରା ଦେଶର ସଶକ୍ତିକରଣ (RISEN) ଯାହାକି, ଏକବିଂଶ ଶତାବ୍ଦୀରେ ଦେଶର ଆଶାକୁ ସାକାର କରିବ ।
ସେ କହିଲେ ଯେ ସମାଜ ଉପରେ ବିଜ୍ଞାନ ଓ ପ୍ରଯୁକ୍ତି ବିଦ୍ୟାର ଏକ ପ୍ରମୁଖ ପ୍ରଭାବ ରହିଛି ଏବଂ ସେଥିପାଇଁ ଉଭୟ ଉଦ୍ଭାବନ ଓ ନୂତନତାକୁ ସରକାର ଆନୁଷ୍ଠାନିକ ସମର୍ଥନ ପ୍ରଦାନ କରୁଛନ୍ତି ।
ବିଜ୍ଞାନ ଓ ପ୍ରଯୁକ୍ତି ବିଦ୍ୟା ପାଇଁ ଉତ୍ତମ ପରିବେଶ ସମ୍ବନ୍ଧରେ ଗୁରୁତ୍ୱାରୋପ କରି ସେ କହିଲେ ଯେ ଦେଶରେ ନୂତନତାକୁ ସମର୍ଥନ କରିବା ପାଇଁ ସମସ୍ତ ପ୍ରକାରର ପ୍ରୟାସ କରାଯାଉଛି । ଏ ପ୍ରସଙ୍ଗରେ ସେ ପ୍ରକାଶ କରିଥିଲେ ଯେ 5 ହଜାରରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ଵ ଅଟଳ ଟିଙ୍କରିଙ୍ଗ ଲ୍ୟାବ ଓ 200ରୁ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ଵ ଅଟଳ ଇନକ୍ୟୁବେସନ କେନ୍ଦ୍ର ପ୍ରତିଷ୍ଠା କରାଯାଇଛି ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଲେ, “ବିଜ୍ଞାନ ଆମ ଜୀବନକୁ କିପରି ଭାବେ ସହଜ କରିବାରେ ସହାୟକ ହେବ ସେ ନେଇ ଆମେ ଚିନ୍ତା କରିବା ଆବଶ୍ୟକ । ସମାଜ ପାଇଁ ବିଜ୍ଞାନର ଅନେକ ଆବଶ୍ୟକତା ରହିଛି । ପ୍ରତ୍ୟେକ ବୈଜ୍ଞାନିକ ଏବଂ ନାଗରିକ ଏ ଦିଗରେ ଚିନ୍ତା କରି କାର୍ଯ୍ୟ କଲେ, ଦେଶ ଉନ୍ନତି କରିବ ।”
ବିଜ୍ଞାନ ଆମକୁ ପ୍ରଦାନ କରୁଥିବା ଦୀର୍ଘକାଳୀନ ସମାଧାନ ଓ ଲାଭ ଉପରେ ଧ୍ୟାନ ଦେବା ପାଇଁ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଉତ୍ସାହିତ କରିଥିଲେ । ସେ କହିଲେ, “ଆନ୍ତର୍ଜାତିକ ଆଇନ ଓ ଗୁଣବତ୍ତାକୁ ନେଇ ତୁମକୁ ନିୟମିତ ଭାବେ ସତର୍କ ରହିବା ଉଚିତ ।”
ସେ କହିଲେ, “ଆମେ ସମସ୍ତେ ଭଲ ଭାବେ ଜାଣିଛୁ ଯେ ପ୍ରଯୁକ୍ତି ବିଦ୍ୟା ହେଉଛି ଦୁଇଟି ବିଷୟର ସମିଶ୍ରଣ। ପ୍ରଥମଟି ହେଲା ସମସ୍ୟା ଓ ଅନ୍ୟଟି ଏହାର ସମାଧାନ ।”
ସେ କହିଲେ, “ବିଜ୍ଞାନ କ୍ଷେତ୍ରରେ କୌଣସି ବିଫଳତା ନାହିଁ । ଏଥିରେ ରହିଛି କେବଳ ଉଦ୍ୟମ, ପରୀକ୍ଷଣ ଓ ସଫଳତା । କାମ କରିବା ସମୟରେ ଏହି କଥା ମନରେ ରଖିଲେ ନିଜର ବୈଜ୍ଞାନିକ ଅନୁସନ୍ଧାନ କିମ୍ବା ନିଜ ଜୀବନରେ କୌଣସି ସମସ୍ୟାର ସମ୍ମୁଖୀନ ହେବାକୁ ପଡିନଥାଏ ।”
India International Science Festival का 5वां एडिशन ऐसे स्थान पर हो रहा है, जिसने ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में मानवता की सेवा करने वाली महान विभूतियों को पैदा किया है: PM @narendramodi
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ये Festival ऐसे समय में हो रहा है, जब 7 नवंबर को सीवी रमन और 30 नवंबर को जगदीश चंद्र बोस की जन्मजयंती मनाई जाएगी: PM @narendramodi
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इस Festival की थीम, RISEN: Research, Innovation and Science Empowering the Nation” तय करने के लिए आयोजकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई।
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ये थीम 21वीं सदी के भारत के मुताबिक है और इसी में हमारे भविष्य का सार है: PM @narendramodi
देश में साइंस और टेक्नोलॉजी का इकोसिस्टम बहुत मजबूत होना चाहिए। एक ऐसा इकोसिस्टम जो प्रभावी भी हो और प्रेरक भी हो।
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हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं: PM @narendramodi
मुझे खुशी है कि देश में आज Scientific Temper एक अलग स्तर पर है।
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मैं आपको हाल ही का एक उदाहरण देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 2 पर बहुत मेहनत की थी और इससे बहुत उम्मीदें पैदा हुई थीं।सब कुछ योजना के अनुसार नहीं हुआ, फिर भी यह मिशन सफल था: PM @narendramodi
मुझे खुशी है कि देश में आज Scientific Temper एक अलग स्तर पर है।
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मैं आपको हाल ही का एक उदाहरण देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 2 पर बहुत मेहनत की थी और इससे बहुत उम्मीदें पैदा हुई थीं।सब कुछ योजना के अनुसार नहीं हुआ, फिर भी यह मिशन सफल था: PM @narendramodi
ऐसा लगता है कि साइंस को लेकर हमारे Young Students में रुचि की एक नई लहर पैदा हुई है।इस शक्ति को, इस Energy को 21वीं सदी के Scientific Environment में सही दिशा में ले जाना, सही प्लेटफॉर्म देना, हम सबका दायित्व है: PM @narendramodi
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हमारे यहां कहा गया है
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तत् रूपं यत् गुणाः
तत् विज्ञानं यत् धर्मः !!
यानि आपका बाहरी व्यक्तित्व तभी सार्थक है जब आप गुणवान भी होते हैं। इसी तरह विज्ञान वही उपयोगी है जो समाज के हित में हो: PM @narendramodi
हमें सोचना होगा कि साइंस का उपयोग कैसे लोगों के जीवन को सुगम बनाने में किया जा सकता है।इसलिए साइंस फॉर सोसाइटी का बहुत महत्व है।
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जब सभी वैज्ञानिक, सभी देशवासी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे, तो देश का भी लाभ होगा: PM @narendramodi
मेरा आपसे आग्रह ये भी होगा कि Long Term Benefit, Long Term Solutions के बारे में सोचते हुए आगे बढ़िए।और इन सारे प्रयासों के बीच आपको अंतरराष्ट्रीय नियमों, उसके मापदंडों का भी हमेशा ध्यान रखना होगा: PM @narendramodi
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हम सभी भली-भांति जानते हैं कि विज्ञान, बिना दो चीजों के संभव ही नहीं है।
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ये दो चीजें हैं समस्या और सतत प्रयोग: PM @narendramodi
साइंस में Failure नहीं होते, सिर्फ Efforts होते हैं, Experiments होते हैं, और Success होती है।इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप आगे बढ़ेंगे तो विज्ञान के क्षेत्र में भी आपको दिक्कत नहीं आएगी और जीवन में भी: PM @narendramodi
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