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ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ ଆଜି ନୂଆଦିଲ୍ଲୀର ପୁସାସ୍ଥିତ ଏନଏଏସି କମ୍ପ୍ଲେକ୍ସ ପରିସରରେ ଆୟୋଜିତ ହୋଇଥିବା “କୃଷି-2022 : କୃଷକଙ୍କ ଆୟ ଦ୍ୱିଗୁଣିତ କରିବା” ସମ୍ମିଳନୀରେ ଯୋଗ ଦେଇଥିଲେ ।
ନିମ୍ନୋକ୍ତ ବିଷୟଗୁଡ଼ିକରେ 7ଟି ବିଷୟବସ୍ତୁ ଗୋଷ୍ଠୀ ଉପସ୍ଥାପନା ରଖିଥିଲେ ।
- ନୀତି ଏବଂ ପ୍ରଶାସନିକ ସଂସ୍କାର
- କୃଷି ବାଣିଜ୍ୟ ନୀତି ଏବଂ ରପ୍ତାନି ପ୍ରୋତ୍ସାହନ; ବଜାର ଢାଂଚା ଏବଂ ବିପଣନ ଦକ୍ଷତା
- କୃଷି କ୍ଷେତ୍ରରେ ମୂଲ୍ୟ ଶୃଙ୍ଖଳା ଏବଂ ଯୋଗାଣ ଶୃଙ୍ଖଳା ପରିଚାଳନା ବିଜ୍ଞାନ ଏବଂ ପ୍ରଯୁକ୍ତି ଏବଂ ଷ୍ଟାର୍ଟଅପ
- ନିରନ୍ତର ଏବଂ ସମାନ ବିକାଶ ଏବଂ ଦକ୍ଷ ସେବା ଯୋଗାଣ
- ପୁଞ୍ଜିନିବେଶ ଏବଂ କୃଷକଙ୍କୁ ସଂସ୍ଥାଗତ ଋଣ
- ଅଭିବୃଦ୍ଧିର ସଂଚାଳକ ଭାବେ ପଶୁପାଳନ, ଗୋପାଳନ, କୁକୁଡ଼ା ପାଳନ ଏବଂ ମତ୍ସ୍ୟଚାଷକୁ ପ୍ରୋତ୍ସାହନ
ଏହି ପ୍ରକାର ଉପସ୍ଥାପନାଗୁଡ଼ିକୁ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ପ୍ରଶଂସା କରିଥିଲେ । ବିଶେଷ କରି ଅଧିକ ପରିମାଣରେ ଡାଲି ଉତ୍ପାଦନ କରିଥିବା କାରଣରୁ ସେ ଭାରତର କୃଷକମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଶଂସା କରିଥିଲେ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ କୃଷକଙ୍କ ଆୟ ବୃଦ୍ଧି ଲାଗି ସରକାର ଏକାଧିକ ସମନ୍ୱିତ ପଦକ୍ଷେପ ନେଉଛନ୍ତି । ଏହି ପରିପ୍ରେକ୍ଷୀରେ, ସେ ଚାରିଟି ଦିଗ ସମ୍ପର୍କରେ ଉଲ୍ଲେଖ କରିଥିଲେ : ଇନପୁଟ/ଉତ୍ପାଦନ ଖର୍ଚ୍ଚ ହ୍ରାସ, ଉତ୍ପାଦ ପାଇଁ ଉପଯୁକ୍ତ ମୂଲ୍ୟ ସୁନିଶ୍ଚିତ କରିବା; ଉତ୍ପାଦ ନଷ୍ଟର ପରିମାଣ ହ୍ରାସ; ଏବଂ ଆୟର ବିକଳ୍ପ ଉତ୍ସ ସୃଷ୍ଟି କରିବା ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ ଶତପ୍ରତିଶତ ନିମ-ପ୍ରଲେପ ଦ୍ୱାରା ୟୁରିଆର ଦକ୍ଷତା ବୃଦ୍ଧି ପାଇବା ସହିତ ଉତ୍ପାଦନରେ ମଧ୍ୟ ବୃଦ୍ଧି ଘଟିଛି । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ମୃର୍ତ୍ତିକା ସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟ କାର୍ଡ ପ୍ରଚଳନ କରାଯିବା ଯୋଗୁ ରସାୟନିକ ସାର ଉପଯୋଗ ହ୍ରାସ ପାଇଛି, ଏହା ଉତ୍ପାଦନ ବୃଦ୍ଧିରେ ସହାୟକ ହୋଇଛି ।
ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ କହିଥିଲେ ଯେ କେନ୍ଦ୍ର ସରକାର 99ଟି ଅସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଜଳସେଚନ ପ୍ରକଳ୍ପକୁ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ କରିବା ଦିଗରେ କାର୍ଯ୍ୟ କରୁଛନ୍ତି । ଚଳିତ ବର୍ଷ ଏଥିମଧ୍ୟରୁ 5ଟି ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ କରିବାକୁ ଲକ୍ଷ୍ୟ ରଖାଯାଇଛି । ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜଳସେଚନ ପ୍ରକଳ୍ପ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ହେବା ସହିତ କୃଷକଙ୍କ ଉତ୍ପାଦନ ଖର୍ଚ୍ଚ ହ୍ରାସ ପାଇବ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ 20 ଲକ୍ଷ ହେକ୍ଟର ଚାଷ ଜମି ବର୍ତ୍ତମାନ ସୁଦ୍ଧା ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କୃଷି ସିଂଚାଇ ଯୋଜନା ଅଧୀନରେ କ୍ଷୁଦ୍ର ଜଳସେଚନ ବ୍ୟବସ୍ଥା ମଧ୍ୟକୁ ଅଣାଯାଇସାରିଲାଣି ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ ‘ନୀଳ ଅଭିଯାନ’ ଚଳିତ ବର୍ଷ ବଜେଟରେ ଘୋଷଣା କରାଯାଇଛି । ଏହା ଟମାଟୋ, ପିଆଜ ଏବଂ ଆଳୁ ଚାଷୀଙ୍କୁ ଲାଭାନ୍ୱିତ କରିବ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ 22,000 ଗ୍ରାମୀଣ ହାଟକୁ ଆବଶ୍ୟକ ଭିତ୍ତିଭୂମି ସହ ଉନ୍ନତିକରଣ କରାଯିବ ଏବଂ ଇ-ନାମ ପ୍ଲାଟଫର୍ମ ସହ ଏହାକୁ ଯୋଡ଼ାଯିବ । କୃଷକଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କ ଜମି ଠାରୁ 5ରୁ 15 କିମି ମଧ୍ୟରେ ବଜାର ସୁବିଧା ପାଇପାରିବେ ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ କୃଷି ଋଣ ପାଇଁ ଆବଣ୍ଟିତ ଅର୍ଥରାଶି ସଂଖ୍ୟା ବଢ଼ାଇ ଦିଆଯାଇଛି । ଏହାଦ୍ୱାରା କୃଷକଙ୍କ ପାଇଁ ଅଧିକ ଋଣ ଉପଲବ୍ଧତା ସୁନିଶ୍ଚିତ ହୋଇପାରିବ ।
ସେ କହିଥିଲେ ଯେ କୃଷି ଆବର୍ଜନାକୁ ସମ୍ପତ୍ତିରେ ପରିଣତ କରିବା ଲାଗି ବିଭିନ୍ନ ପଦକ୍ଷେପ ନିଆଯାଉଛି ।
पिछले वर्ष तो हमारे किसानों के परिश्रम से खाद्यान्न और फल-सब्जियों का उतना उत्पादन हुआ है, जितना पहले कभी नहीं हुआ।
— PMO India (@PMOIndia) February 20, 2018
ये हमारे देश के किसानों का सामर्थ्य है कि सिर्फ एक साल में देश में दाल का उत्पादन लगभग 17 मिलियन टन से बढ़कर लगभग 23 मिलियन टन हो गया है: PM @narendramodi
किसान की उन्नति हो, किसान की आमदनी बढ़े, इसके लिए ‘बीज से बाजार तक’ फैसले लिए जा रहे हैं। उत्पादन में आत्मनिर्भरता के इस दौर में, पूरे Eco System को किसानों के लिए हितकारी बनाने का काम किया जा रहा है: PM @narendramodi
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भाइयों और बहनों, किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने चार अलग-अलग स्तरों पर फोकस किया:
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पहला- ऐसे कौन-कौन से कदम उठाए जाएं जिनसे खेती पर होने वाला उनका खर्च कम हो?
दूसरा- ऐसे कौन-कौन से कदम उठाए जाएं जिससे उन्हें अपनी पैदावार की उचित कीमत मिले?
तीसरा- खेत से लेकर बाजार तक पहुंचने के बीच फसलों-फलों-सब्जियों की जो बर्बादी होती है, उसे कैसे रोका जाए?
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चौथा- ऐसा क्या कुछ हो जिससे किसानों की अतिरिक्त आय हो: PM @narendramodi
यूरिया की सौ प्रतिशत नीम कोटिंग की वजह से यूरिया की Efficiency बढ़ी है और ये सामने आ रहा है कि अब उतनी ही जमीन के लिए किसानों को कम यूरिया डालना पड़ता है। कम यूरिया डालने की वजह से पैसे की बचत और ज्यादा पैदावार की वजह से अधिक कमाई। ये बदलाव यूरिया की नीम कोटिंग से आ रहा है: PM
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सॉयल हेल्थ कार्ड की वजह से अनाज की पैदावार बढ़ रही है। देश के 19 राज्यों में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि सॉयल हेल्थ कार्ड के आधार पर खेती करने की वजह से केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल में 8 से 10 प्रतिशत की कमी आई है और उत्पादन में भी 5 से 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है: PM
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जो काम 25-30 साल से अटका हुआ था, वो हम 25-30 महीने में पूरा कर रहे हैं। पूरी होती हर सिंचाई परियोजना देश के किसी न किसी हिस्से में किसान का खेती पर होने वाला खर्च कम कर रही है। PMKSY के तहत अब तक 20 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को माइक्रो इरिगेशन के दायरे में लाया जा चुका है: PM
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इस बजट में जिस Operation Greens का ऐलान किया है, वो भी नई सप्लाई चेन व्यवस्था से जुड़ा है। जैसे देश में दूध के क्षेत्र में अमूल मॉडल बहुत कामयाब रहा, लाखों किसानों की आय बढ़ाने वाला रहा, वैसे ही ऑपरेशन ग्रीन्स Tomato, Onion और Potato उगाने वाले किसानों के लिए लाभकारी रहेगा: PM
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GrAM के तहत देश के 22 हजार ग्रामीण हाटों को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड किया जाएगा और इन्हें APMC और e-Nam प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेड कर दिया जाएगा। खेत के 5-15 किलोमीटर के दायरे में किसान के पास ऐसी व्यवस्था होगी, जो उसे देश के किसी भी मार्केट से कनेक्ट कर देगी: PM
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सरकार Farmer Producer Organization- FPO को बढ़ावा दे रही है।
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किसान अपने क्षेत्र में, अपने स्तर पर छोटे-छोटे संगठन बनाकर भी ग्रामीण हाटों और बड़ी मंडियों से जुड़ सकते हैं: PM @narendramodi
Watch Live: https://t.co/JLfvpk4ABI
किसानों को अलग-अलग संस्थाओं और बैंकों से कर्ज मिलने में दिक्कत न हो इसके लिए पिछले तीन वर्ष में कर्ज दी जाने वाली राशि साढ़े 8 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर अब इस बजट में 11 लाख करोड़ रुपए कर दी गई है: PM @narendramodi
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सोलर एनर्जी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किसानों की आय बढ़ाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले तीन साल में सरकार ने लगभग पौने तीन लाख सोलर पंप किसानों के लिए स्वीकृत किए हैं। लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इससे डीजल पर होने वाले खर्च की भी काफी बचत हुई है: PM
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देश के अलग-अलग हिस्सों में अब इस तरह की मुहिम जोर पकड़ रही है जो Agriculture Waste से Wealth के लिए काम कर रही है। Coir Waste हो, Coconut Shells हों, Bamboo Waste हो, फसल कटने के बाद खेत में बचा residue हो, इन सभी से आमदनी बढ़ सकती है: PM
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Agri Sector किस तरह से Operate करता है,सरकार उस व्यवस्था को बदल रही है
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Agri Sector में नए Culture की स्थापना की जा रही है
यही Culture 2022 तक संकल्प से सिद्धि की हमारी यात्रा को पूरा करेगा
जब गावों का उदय होगा, तभी भारत का भी उदय होगा
जब किसान सशक्त होगा,तो देश भी सशक्त होगा: PM