ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ ଆଜି ହରିୟାଣାର ଗୁରୁଗ୍ରାମସ୍ଥିତ ସୁଲତାନପୁରଠାରେ କୁଣ୍ଡଲୀ-ମାନେସର-ପଲବଲ (କେଏମପି) ପଶ୍ଚିମ ପେରିଫେରାଲ ଏକ୍ସପ୍ରେସ ସଡକର କୁଣ୍ଡଲୀ-ମାନେସରସେକ୍ସନର ଉଦଘାଟନ କରିଛନ୍ତି । ସେ ବଲ୍ଲବଗଡ଼-ମୁଜେସର ମେଟ୍ରୋ ଲିଙ୍କର ମଧ୍ୟ ଉଦଘାଟନ କରିଥିଲେ ଏବଂ ଏଥିସହିତ ସେ ଶ୍ରୀ ବିଶ୍ୱକର୍ମା କୌଶଳ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟର ଭିତ୍ତିପ୍ରସ୍ତର ସ୍ଥାପନ କରିଥିଲେ ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଏହି ଅବସରରେ ଉପସ୍ଥିତ ଜନସାଧାରଣଙ୍କୁ ଉଦବୋଧନ ଦେଇ କହିଥିଲେ ଯେ ଏକ୍ସପ୍ରେସୱେ ଏବଂ ମେଟ୍ରୋ ରେଳ ସଂଯୋଗୀକରଣ ଦ୍ୱାରା ହରିୟାଣାରେ ପରିବହନ କ୍ଷେତ୍ରରେ ବିଳ୍ପବ ଆସିପାରିବ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଶ୍ରୀ ବିଶ୍ୱକର୍ମା କୌଶଳ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟ ଦ୍ୱାରା ଏହି କ୍ଷେତ୍ରର ଯୁବକମାନେ ବ୍ୟାପକ ଭାବେ ଲାଭାନ୍ୱିତ ହେବେ ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ କେନ୍ଦ୍ର ଏହା ସୁନିଶ୍ଚିତ କରିଥିଲେ ଯେ କେଏମପି ଏକ୍ସପ୍ରେସ ୱେ ପ୍ରକଳ୍ପର ନିର୍ମାଣ କାର୍ଯ୍ୟ ପ୍ରାଥମିକତା ଆଧାରରେ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ କରାଯିବ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଏକ୍ସପ୍ରେସ ୱେ ଦିଲ୍ଲୀ ଏବଂ ଏହାର ଆଖପାଖ ଅଂଚଳରେ ପ୍ରଦୂଷଣ କମାଇବାରେ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ ଭୂମିକା ନିର୍ବାହ କରିବ । ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଏହା ମଧ୍ୟ କହିଥିଲେ ଯେ ଏହାଦ୍ୱାରା ସହଜ ଜୀବନ ଧାରଣ ସୁନିଶ୍ଚିତ ହେବ ଏବଂ ଏଥିସହିତ ପରିବେଶ ଅନୁକୂଳ ପରିସ୍ଥିତିରେ ଯାତାୟାତ କରିବା ସମ୍ଭବ ହୋଇପାରିବ ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ପରିବହନ ଜରିଆରେ ଯୋଗାଯୋଗର ଗୁରୁତ୍ୱ ଉପରେ ଜୋର ଦେଇ କହିଥିଲେ ଯେ ଏହା ସମୃଦ୍ଧି, ସଶକ୍ତିକରଣ ଏବଂ ସୁଗମତାର ଏକ ମାଧ୍ୟମ ଅଟେ । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ବର୍ତ୍ତମାନ ନିର୍ମାଣ କରାଯାଉଥିବା ବିଭିନ୍ନ ରାଜପଥ, ମେଟ୍ରୋ ଏବଂ ଜଳମାର୍ଗ ଦ୍ୱାରା ବିଶେଷ କରି ଉତ୍ପାଦନ,ନିର୍ମାଣ ଏବଂ ସେବା କ୍ଷେତ୍ରରେ ନିଯୁକ୍ତି ସୁଯୋଗ ସୃଷ୍ଟି ହେବ । ସେ ଏହା ମଧ୍ୟ ଉଲ୍ଲେଖ କରିଥିଲେ ଯେ ବର୍ତ୍ତମାନ ଦୈନିକ 27 କିଲୋମିଟର ଲମ୍ବ ରାଜପଥର ନିର୍ମାଣ କରାଯାଉଛି, 2014ରେ ରାଜପଥ ନିର୍ମାଣର ଦୈନିକ ଗତି ମାତ୍ର 12 କିଲୋମିଟର ଥିଲା । ସେ କହିଥିଲେ ଯେ ଏହା ଭାରତରେ ବ୍ୟାପକ ପରିବର୍ତ୍ତନ ଆଣିବା ଲାଗି କେନ୍ଦ୍ର ସରକାରଙ୍କ ସଂକଳ୍ପ ଏବଂ ଦୃଢ଼ ଇଚ୍ଛାଶକ୍ତିକୁ ଦର୍ଶାଉଛି ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କହିଥିଲେ ଯେ ସରକାର ଯୁବଗୋଷ୍ଠୀର ଆଶାଆକାଂକ୍ଷା ପୂରଣ କରିବା ଲାଗି ପ୍ରତିବଦ୍ଧ । ସେ ଆଶା ବ୍ୟକ୍ତ କରିଥିଲେ ଯେ ଶ୍ରୀ ବିଶ୍ୱକର୍ମା କୌଶଳ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟ ଯୁବକମାନଙ୍କ ଦକ୍ଷତା ବୃଦ୍ଧି ଦିଗରେ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ ଭୂମିକା ତୁଲାଇବ, ଯାହାଦ୍ୱାରା ସେମାନେ ନୂତନ ସୁଯୋଗର ଲାଭ ପାଇପାରିବେ।
ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ କେନ୍ଦ୍ର ସରକାରଙ୍କ ସଂକଳ୍ପକୁ ସଫଳତା ପୂର୍ବକ ସାକାର କରିବା ଲାଗି ହରିୟାଣା ରାଜ୍ୟ ସରକାରଙ୍କ ଦ୍ୱାରା କରାଯାଉଥିବା ପ୍ରୟାସର ଭୂରି ଭୂରି ପ୍ରଶଂସା କରିଥିଲେ । ସେ ଦେଶ, ବିଶେଷ କରି କ୍ରୀଡ଼ା କ୍ଷେତ୍ରରେ ହରିୟାଣାର ଯୁବକମାନଙ୍କ ଉଲ୍ଲେଖନୀୟ ଯୋଗଦାନକୁ ମଧ୍ୟ ପ୍ରଶଂସା କରିଥିଲେ ।
अभी कुण्डली- मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे को देश को समर्पित करने का मौका मिला है।
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इसका पहला चरण 2 वर्ष पहले पूरा हो गया था।
दूसरा चरण, जो कुण्डली से मानेसर तक, 83 किलोमीटर लंबा है, उसका आज लोकार्पण किया गया है।
इसके साथ ही अब 135 km का ये एक्सप्रेसवे पूरा हो गया है: PMA
इसके साथ ही करीब 500 करोड़ की लागत से बनी बल्लभगढ़ मुजेसर मेट्रो लाइन की शुरुआत भी हो गई है।
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ये दोनों योजनाएं जहां कनेक्टिविटी को लेकर इस क्षेत्र में नई क्रांति लाएंगी,
वहीं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के जरिए यहां के युवाओं को नई ताकत मिलेगी: PM
आज का ये अवसर दो तस्वीरों को याद करने का भी है।
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एक तस्वीर वर्तमान की है।
ये तस्वीर भाजपा सरकारों की कार्यसंस्कृति की है, हमारे काम करने के तरीके की है।
वहीं दूसरी तस्वीर हमें पहले की सरकार के समय में कैसे काम होता था, इसकी याद दिलाती है: PM
वो तस्वीर याद दिलाती है कि इस एक्सप्रेसवे पर 12 साल से काम चल रहा था।
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वो तस्वीर याद दिलाती है कि ये एक्सप्रेसवे आपको 8-9 साल पहले ही मिल जाना चाहिए था।
लेकिन ऐसा हुआ नहीं.. पहले की सरकारों के जो तौर-तरीके थे, उसने इस एक्सप्रेसवे को पूरा होने में 12 साल लगा दिए: PM
इस एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल कामनवेल्थ गेम्स में होना था। लेकिन कामनवेल्थ खेल जो गति की गई, वही कहानी इस एक्सप्रेस वे की भी है।
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मुझे ध्यान है कि जब प्रगति की बैठकों में मैंने इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करनी शुरु की थी, तो कितने सारे पेंच पता चले थे: PM
पहले की सरकार में जिस तरह काम हुआ, वो एक केस स्टडी है कि कैसे जनता के पैसे को बर्बाद किया जाता है।
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जब ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, तो अनुमान लगाया गया था कि इस पर 1200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
आज इतने वर्षों की देरी की वजह से इसकी लागत बढ़कर 3 गुना से ज्यादा हो गई: PM
ये एक्सप्रेसवे, दिल्ली और आसपास के इलाके में प्रदूषण को कम करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
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एक तरह से देखें, तो ये एक्सप्रेसवे
Economy
Environment
Ease of Travelling के साथ ही
Ease of living की सोच को भी गति देगा: PM
लोग वहीं हैं, काम करने वाले वही हैं, लेकिन जब इच्छाशक्ति हो, संकल्पशक्ति हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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यही वजह है कि जहां साल 2014 से पहले देश में एक दिन में सिर्फ 12 किलोमीटर हाईवे बनते थे, आज लगभग 27 किलोमीटर हाईवे का प्रतिदिन निर्माण हो रहा है: PM
किसी भी क्षेत्र में बढ़ती हुई कनेक्टिविटी, अपने साथ, रोजगार के नए अवसर भी लेकर आती है।
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ये हाईवे का बनना, मेट्रो या रेल का बनना, जल मार्ग का विकसित होना, एक पूरा इकोसिस्टम बनाता है।
इस का फायदा, ट्रांसपोर्ट, कंस्ट्रक्शन से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर तक को होता है: PM
ये सरकर देश में कारोबारियों को ताकत देना चाहती है, युवाओं को गति देना चाहती है।
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युवाओं को इनोवेशन से इंडस्ट्री की दिशा में आगे बढ़ा रही है। उनके कांसेप्ट को कैपिटल की कमी न हो इसका ध्यान रख रही है।
स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया योजनाएं इसी सोच के साथ चल रहीं हैं: PM
केंद्र सरकार के विजन को आगे बढ़ाने में हरियाणा ने पूरा सहयोग दिया है।
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बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ योजना और खेलो इंडिया की सफलता इसका बड़ा उदाहरण हैं।
खेलों में देश के लिए सबसे ज्यादा मेडल यहां के ही बेटी और बेटे ही ला रहे हैं।
हरियाणा के युवाओं का डंका पूरे दुनिया में बजा है: PM