QuoteNDA's 6 sutras for development of Bihar-for people: Education, Employment, Medical facilities; for state: Power, Water, Roads: PM
QuoteIf hitting out at Modi develops Bihar, then I'm ready to take all allegations: PM Modi
QuoteFor NDA biggest of the grounds seem minute while for 'Mahaswarthbandhan' even a small pandal becomes huge: PM Modi
QuotePeople of Bihar do not spare the one's who betrays the state. Nitish Kumar would be wiped off in the elections: PM
QuoteLies spread by Nitish & Lalu are unveiling the truth of reservation: PM Modi
QuotePeople of Bihar would press the button of development. They would vote for the NDA: PM
QuoteThe term 'Darbhanga Module' was used after blasts in Mumbai & Pune, innocent policewoman had to face consequences: PM

मंच पर विराजमान यहाँ के सभी वरिष्ठ नेतागण। चुनाव में कुशेश्वर स्थान से लोजपा के उम्मीदवार धनंजय कुमार, लोजपा के उम्मीदवार विनोद साहनी, बेनीपुर से भाजपा के उम्मीदवार गोपाल जी ठाकुर, अलीनगर से भाजपा के उम्मीदवार लाल जी यादव, दरभंगा ग्रामीण से हम पार्टी के उम्मीदवार नौशाद आलम जी, दरभंगा नगर से भाजपा के उम्मीदवार संजय जी, हयागढ़ से लोजपा के उम्मीदवार आर। के। चौधरी जी, बहादूरपुर से भाजपा के उम्मीदवार हरीश साहनी, और केवटी से भाजपा के उम्मीदवार अशोक यादव, झाले से भाजपा के उम्मीदवार द्विवेश कुमार मिश्रा, विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों एवं बहनों।

दरभंगा के ई पावन मिथिला भूमि के नमन करै छी। बाबा कुशेश्वर के ई पावन धरती पर आई के गौरवान्वित महसूस काय रहल छी। दरभंगा की जो पहचान है – पग-पग पोखर पान मखान, सरस बोल मुस्की मुस्कान; विद्या, वैभव, शांति प्रतीक, ललित नगर मिथिला ठीक। आप सबके दिल से अभिनंदन करै छी।

|

आज मैं सबसे पहले अपने प्रिय मित्र कीर्ति आज़ाद के खिलाफ़ शिकायत करना चाहता हूँ। मेरी शिकायत ये है कि जब कीर्ति स्वयं चुनाव लड़ रहे थे, मैं लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था, तब तो आधी भीड़ भी नहीं थी और आज क्या कमाल कर दिया आप लोगों ने। जहाँ भी मेरी नज़र पहुँचती है, लोग ही लोग नज़र आते हैं। दरभंगा का मैदान भी छोटा पड़ गया है, ये चुनाव ऐसा है कि एनडीए वालों के लिए मैदान छोटा पड़ता है और महास्वार्थबंधन वालों के लिए पंडाल भी बड़ा हो जाता है।

भाईयों-बहनों, इस चुनाव अभियान का ये मेरा आखिरी कार्यक्रम है। पिछली बार मैं जब दरभंगा आया था, समय-सीमा के कारण 12-15 मिनट ही बोल पाया था, मेरे मन में भी कसक थी कि जिस मिथिला की भूमि को अटल जी इतना प्यार करते थे, वहां इतनी कम देर लेकिन आज मैं आपसे जी भर कर मिलने आया हूँ। मुझे बिहार के हर कोने में जाने और एक से बढ़कर एक रैलियों को संबोधित करने का अवसर मिला। इसे क्या कहें, चुनाव सभा, जन सभा, रैली, रैला कहें, मुझे तो लगता है कि ये मेला है, परिवर्तन का मेला है।

दिल्ली में बैठकर पॉलिटिकल पंडित हिसाब लगाते हैं कि 2% इधर जाएगा तो ये होगा, 2% उधर जाएगा तो ये होगा। पंडित जी, अपने पुराने हिसाब-किताब बंद कर दो, बिहार नया इतिहास लिखने जा रहा है। ये पुराने समीकरण और नई गिनतियाँ अब नहीं चलेंगी। बिहार की जनता ने बिहार की तो सेवा की है, इस चुनाव के माध्यम से देश की बहुत बड़ी सेवा की है। जातिवाद और संप्रदायवाद का ज़हर हमारे लोकतंत्र में खरोच पैदा कर रहा है लेकिन इस चुनाव में बिहार का नौजवान नेतृत्व कर विकास के मुद्दे पर लड़ रहा है। इस चुनाव के बाद हिन्दुस्तान की सभी पॉलिटिकल पार्टियों को विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और इसका क्रेडिट बिहार के लोगों को जाता है। इस चुनाव में बिहार का माहौल देश के भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

मैं आज सार्वजनिक रूप से प्रधान देवक के रूप में बिहार के नागरिकों का सर झुका कर अभिनंदन करता हूँ। मैं जहाँ-जहाँ गया, एनडीए के लोग जहाँ-जहाँ गए, बिहार की जनता ने पलकें बिछाकर हम सभी का स्वागत किया, इसलिए मैं आप सभी को सर झुका कर धन्यवाद करता हूँ। दूसरी बात कि पहले के मतदान के सारे रिकॉर्ड बिहार के चार चरणों ने तोड़ दिए, भारी मतदान किया, माओवादियों के बम-बंदूक की धमकी के बावजूद अभूतपूर्व मतदान किया। इससे लोकतंत्र में जो विश्वास बढ़ा है, इसके लिए मैं बिहार की जनता को नमन करता हूँ। तीसरी बात, पहले बिहार में जब भी चुनाव होता था तो ये ख़बर आती थी कि इतने पोलिंग बूथ लूटे गए, इतनी गोलीबारी हुई, इतनी हत्याएं हुईं लेकिन इस बार के शांतिपूर्ण चुनाव के लिए बिहार के मतदाताओं का ह्रदय से अभिनंदन करता हूँ।

|

भाईयों-बहनों, इस चुनाव में हम विकास का मुद्दा लेकर पहले दिन से चले, लोकसभा के चुनाव में भी हमारा मुद्दा विकास था लेकिन हम आशा करते थे कि जिन्होंने यहाँ 60 साल राज किया, मैडम सोनिया जी ने 35 साल राज किया, 15 साल तक लालू जी और 10 साल तक नीतीश जी ने राज किया; ये हमारे साथ विकास के मुद्दों पर चर्चा करते, बिहार की बर्बादी के कारण और बिहार से नौजवानों के पलायन का जवाब देते लेकिन अभी भी वे 1990 के कालखंड में जी रहे हैं। उन्हें पता नहीं है कि ये 21वीं सदी चल रही है और 1990 में पैदा हुआ बच्चा आज बिहार का भाग्य बदलने को लालायित है।

दो महीने से चुनाव का अभियान चल रहा है लेकिन लालू जी हो या नीतीश जी या मैडम सोनिया जी, ये लोग बिहार के विकास पर कुछ भी नहीं बोलते। बिहार के भविष्य की किसी योजना के बारे में बात नहीं करते। 25 साल इन्होंने सरकार चलाई, ये कोई कम समय नहीं होता। एक बालक में भी 25 साल के बाद अपने माँ-बाप का पेट भरने की ताक़त आ जाती है। आप मुझे बताईये, 25 साल की इनकी सरकार में किसी का भी कोई भला हुआ? मेरी सरकार को अभी 25 महीने नहीं हुए हैं और ये लोग मेरा हिसाब मांग रहे हैं। ख़ुद का 25 साल का हिसाब देने का तैयार नहीं हैं; और हमसे हिसाब मांग रहे हैं।

चुनाव लोकतंत्र का पर्व होता है और यह पर्व लोकतंत्र को ताक़तवर बनाता है। सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात और अपनी नीतियां बतानी होती हैं और जो सरकार में हैं उन्हें अपना हिसाब देना होता है। 2019 में जब मैं लोकसभा चुनाव के लिए आपसे वोट मांगने आऊंगा, तो मेरा फ़र्ज बनता है कि मैं आपको अपने 5 सालों का हिसाब दूँ और आपका हक़ बनता है कि आप मुझसे हिसाब मांगें। लेकिन इन लोगों को देखो, इन्हें मोदी पर कीचड़ उछालने के सिवा और कोई काम ही नहीं है। रोज नए-नए आरोप और गालियां गढ़ी जाती है, क्या इससे बिहार का भला होगा क्या? लालू जी, नीतीश जी, अगर मोदी पर आरोप लगाने से या कीचड़ उछालने से बिहार का भला होता है तो मैं मौजूद हूँ, आपको जो कहना है कहिये। बिहार का भला हो तो मैं ये झेलने के लिए तैयार हूँ।

मेरा जीवन बिहार के काम आए, इससे बड़ा भाग्य मेरा क्या हो सकता है। लालू जी, नीतीश जी, कान खोलकर सुन लीजिये, अहंकार ने आपके आँखों पर ऐसी पट्टी बांध दी है कि आप देख नहीं पाओगे, आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमाल उतना ही ज्यादा खिलने वाला है। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और एक बात जो बाहर नहीं आई है, मुझे भी आश्चर्य लगा कि हर चरण के बाद 12-15 पोलिंग बूथ ऐसे थे जहाँ मतदान के बाद लालू जी और नीतीश जी के कार्यकर्ताओं के बीच झगड़े हुए, कहीं हाथापाई हुई, धमकियाँ हुई; मतदान पूरा होने के बाद अगर ये तुरंत लड़ना शुरू कर देते हैं तो आगे क्या होगा, आप समझ सकते हैं।

पिछले दो महीनों से चुनाव अभियान चल रहा है लेकिन क्या आपने लालू जी, नीतीश जी और राहुल जी को एक साथ मंच पर देखा, पत्रकार परिषद् में देखा, कार्यकर्ता की मीटिंग में देखा? आप उनसे सवाल पूछिये, उनके दरबारी तो पूछेंगे नहीं। जो तीन लोग चुनावी अभियान में एकसाथ नहीं आए, वो बाद में क्या साथ आएंगे और साथ में चलेंगे। जिन्हें ख़ुद पर विश्वास नहीं है, वो आपका भला नहीं कर सकते।

मुझे अपने विश्वस्त सूत्रों से पता चला, उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने उनसे पूछा कि क्या हमारा मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है, क्या आपका बेटा नहीं बन सकता है, लालू जी के मुंह में पानी आ गया, उनको ख़ुशी होने लगी कि हाँ, संभावना दिखती है; दूसरे ने पूछा कि अगर चुनाव हार जाते हैं तो विपक्ष का नेता कौन बनेगा; इस पर लालू जी ने जवाब दिया कि मैंने तो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने पर समर्थन देने का वाद किया है न कि विपक्ष के नेता बनने का वादा। लालू जी ने कहा कि चुनाव हारने पर तो विपक्ष का नेता हमारा बेटा बनेगा। मैं सार्वजनिक रूप से मैं लालू जी से पूछना चाहता हूँ कि आप बिहार की जनता को बताओ कि विपक्ष का नेता कौन होगा, लालू जी का बेटा होगा या नीतीश बाबू होंगे, क्योंकि आपका चुनाव हारना तय है। ये मेरी मांग है आपसे।

मैं आपको एक पुरानी घटना याद कराना चाहता हूँ। जब मुंबई में बम धमाके हुए तो हमारे देश में आतंकी दुनिया के लिए एक शब्द चल पड़ा था - दरभंगा मॉड्युल, और कारण ये थे कि कुछ लोग यहाँ बैठ कर हिन्दुस्तान में आतंकवाद फ़ैलाने का षड़यंत्र रच रहे हैं। यहाँ पर एक जाबांज पुलिस अधिकारी महिला थी, दलित कन्या थी, उसने हिन्दुस्तान के निर्दोष नागरिकों की रक्षा के लिए आतंकवादी गतिविधि करने वाले लोगों की कार ढूंढने की कोशिश की। इस महास्वार्थबंधन के निकट के नेता के घर तक आतंकवाद के तार जाने लगे थे, तब सरकार में बैठे लोगों ने आतंकवाद से जुड़े नेताओं पर कदम नहीं उठाया लेकिन उस पुलिस अफसर को यहाँ से जाने और बिहार छोड़ने के लिए मज़बूर कर दिया। आप देश की रक्षा के साथ समझौता करने वाले और आतंकवादियों पर कृपा करने वाले लोगों को पटना में सरकार में बिठाएंगे क्या?

बिहार का भाग्य बदलने के लिए भाजपा, एनडीए का आप समर्थन करें, इसके लिए मैं आपके पास वोट मांगने आया हूँ। भाईयों-बहनों, मेरे पास एक जानकारी है, सही है या गलत पता नहीं क्योंकि समय के अभाव के कारण मैं वेरीफाई नहीं कर पाया, 1990 में लालू जी की सरकार ने बिहार के लोक सेवा आयोग से मैथिलि भाषा को निकाल दिया था, लालू जी ने मैथिलि भाषा का अपमान किया लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली में एनडीए की सरकार बनने के तुरंत बाद 2002 में संविधान की 8वीं सूची में इसे स्थान दिया गया। हम अपमानित करना नहीं बल्कि सम्मानित करना जानते हैं।  

हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ का पैकेज और 40 हज़ार करोड़ पुराना वाला जो कागज़ पर पड़ा था जिसकी न कोई फाइल थी, न बजट था लेकिन बिहार के प्रति मेरा यह प्यार है, बिहार के लिए हमें कुछ करना है, हमने निर्णय लिया इसे देने का। हमने सब मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ का पैकेज दिया जो बिहार का भाग्य बदलने और यहाँ के लोगों का जीवन बदलने की ताकत रखता है। विकास के बिना बिहार की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। बिहार एक ज़माने में हिन्दुस्तान का सिरमौर हुआ करता था लेकिन 25 साल में जंगलराज और जंतर-मंतर ने बिहार को बर्बाद कर दिया। इन दोनों की जुगलबंदी वो भी बर्बाद कर देगी जो कुछ बिहार में अब बचा हुआ है।

कोई स्कूटर अगर छोटे से गड्ढ़े में फंस जाए तो 3-4 लोग निकालें तो निकल जाता है लेकिन अगर स्कूटर कुएं में गिरा हो तो उसको निकालने के लिए ट्रेक्टर की ज़रुरत होती है। 25 साल की इनकी सरकार ने बिहार को ऐसे गड्ढ़े में डाल दिया है जिसे निकालने के लिए दो-दो इंजन की जरुरत है। पटना और दिल्ली के दो इंजन लगेंगे तब यह बिहार गड्ढ़े में से बाहर आएगा। एक इंजन बिहार में जो नई सरकार बनेगी वो और दूसरा इंजन दिल्ली में मेरी सरकार जो आपने बनाई है।

भाईयों-बहनों, हम चुनाव के मैदान में विकास के मुद्दे को लेकर आए थे। लालू जी और नीतीश जी के पास विकास का ‘व’ बोलने की कोई जगह नहीं है और इसलिए उन्होंने चुनाव को जातिवाद के रंग में रंगने का नाटक किया। आरक्षण को लेकर महीने भर चीखते-चिल्लाते रहे, दिल्ली में उनके दरबारी भी इसी बात को बढ़ाते रहे। इन्होंने एक काल्पनिक भय पैदा किया और आरक्षण के नाम पर हौवा खड़ा किया। उनकी हर बात में बस आरक्षण था। जब एक दिन मुझे लगा कि इनका गुब्बारा बहुत बड़ा हो गया है तो मैंने एक छोटी सी सुई लगा दी और उनका पूरा गुब्बारा नीचे आ गया। उनकी सारी पोल खुल गई है।

यही लालू जी और नीतीश जी ने आरक्षण पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। उन्हें चिंता अपनी कुर्सी की थी और जब मैंने उनका वीडियो निकाल दिया तो पिछले एक हफ़्ते से आरक्षण का नाम लेना भूल गए। बिजली की तो वो कोई बात ही नहीं करते क्योंकि उन्हें डर है कि अगर बोल दिया तो लोग उनसे हिसाब मांगेंगे क्योंकि 2010 में नीतीश जी ने कहा था कि अगर घर-घर बिजली नहीं पहुंचाऊंगा तो 2015 में अगले चुनाव में वोट मांगने नहीं आऊंगा। बिजली नहीं तो वोट नहीं, ऐसे उन्होंने कहा था कि नहीं? उन्होंने अपना वादा तोड़ा है, आपसे धोखा किया है। जो जनता से धोखा कर सकते हैं, जनता उन्हें कभी स्वीकार नहीं करती।

बिहार की जनता जब देती है तो छप्पर फाड़ कर देती है; कांग्रेस को 35 साल तक दिया और जब लेती है तो चुन-चुन कर साफ़ कर देती है। जब लालू जी को दिया तो जी भर दिया लेकिन जब लालू जी पर गुस्सा आया तो फ़िर किसी को बचने नहीं दिया। अब बारी आई अहंकार की, बिहार अहंकार को बर्दाश्त नहीं कर सकता और अब अहंकार की विदाई की बारी है। नीतीश बाबू ने कहा था कि अगर किसी का भ्रष्टाचार पकड़ा गया तो उसकी मिल्कियत जब्त कर ली जाएगी और उसके घर में स्कूल खोला जाएगा। नीतीश जी रोज इस बात का ढोल पीटते थे। लोगों को क्यों मूर्ख बना रहे हैं? जेडीयू के मंत्री कैमरा के सामने घूस लेते पकड़े गए। ये अभी से ऐसा काम कर रहे हैं तो चुनाव के बाद क्या करेंगे। बिहार बेचने का एडवांस लिया जा रहा है। अब नीतीश बाबू बताएं कि उनका घर कब्ज़े में किया क्या, उनके घर में स्कूल खोला?

भाईयों-बहनों, बिहार में आप लोगों के लिए मेरा तीन सूत्रीय कार्यक्रम है – पढ़ाई, कमाई और दवाई। बिहार के गरीब से गरीब बच्चे को अच्छी एवं सस्ती शिक्षा मिलनी चाहिए। हर मां अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती है, लेकिन बिहार में पढ़ाई की इतनी हालत खराब है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए माँ-बाप को अपनी ज़मीन गिरवी रखनी पड़ती है। ये हमें शोभा देता है क्या? इसलिए मेरा संकल्प है, बिहार के बच्चों को सस्ती एवं अच्छी पढ़ाई। मेरा दूसरा सपना है, कमाई; नौजवान के लिए रोजगार। बिहार में नौजवान को अपना राज्य और अपने माँ-बाप को छोड़ना पड़ता है। बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार का अवसर मिलना चाहिए और ये पलायन बंद होना चाहिए। इसलिए मेरा दूसरा संकल्प है, बिहार के नौजवानों के लिए कमाई। मेरा तीसरा सपना है, दवाई; बुजुर्गों के लिए सस्ती दवाई, दवाखाना और डॉक्टर होना चाहिए।

बिहार राज्य के लिए तीन कार्यक्रम है - बिजली, पानी एवं सड़क। बिजली आएगी तो कारखाने लगेंगे, और इससे रोजगार मिलेगा। बिजली के लिए अकेले दरभंगा को मैंने पौने 400 करोड़ आवंटित कर दिये हैं। बिहार को जो सौभाग्य मिला है, वो किसी और राज्य को नहीं मिला है; बिहार की दो ताक़त है - बिहार का पानी और बिहार की जवानी। ये दोनों पूरे हिन्दुस्तान का भाग्य बदल सकती हैं। किसान को अगर पानी मिल जाए तो वो मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है। हमारा दूसरा संकल्प है - खेतों में पानी, उद्योगों को पानी और पीने का पानी पहुँचाना। तीसरा मेरा संकल्प है – सड़क; बिहार में सडकों का जाल हो। गाँव ज़िले से, ज़िला राज्य से, राज्य दिल्ली से जुड़ जाए, ऐसा नेटवर्क बनाना है ताकि बिहार का सीधा मार्ग विकास की ओर चल पड़े, इन कामों को लेकर मैं आगे बढ़ना चाहता हूँ।

विकास ही एक मंत्र है, विकास के लिए मैं आपका आशीर्वाद लेने आया हूँ। मैं आपसे वोट विकास के लिए मांगता हूँ। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और अब पांचवे चरण में आप सारे रिकॉर्ड तोड़ दोगे न? आप सब दस-दस परिवारों से वोट कराओ, भाजपा, एनडीए को वोट कराओ।  मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!        

बहुत-बहुत धन्यवाद!

Explore More
ପ୍ରତ୍ୟେକ ଭାରତୀୟଙ୍କ ରକ୍ତ ତାତିଛି  : 'ମନ କୀ ବାତ' ରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ

ଲୋକପ୍ରିୟ ଅଭିଭାଷଣ

ପ୍ରତ୍ୟେକ ଭାରତୀୟଙ୍କ ରକ୍ତ ତାତିଛି : 'ମନ କୀ ବାତ' ରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ
India’s Economic Momentum Holds Amid Global Headwinds: CareEdge

Media Coverage

India’s Economic Momentum Holds Amid Global Headwinds: CareEdge
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
ଆଦମପୁର ଏୟାର ବେସ୍‌ରେ ବୀର ବାୟୁସେନା ଓ ସୈନିକଙ୍କ ସହିତ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କ ବାର୍ତ୍ତାଳାପ
May 13, 2025
Quoteଆମ ଦେଶକୁ ସୁରକ୍ଷା ଦେବାରେ ବାୟୁବୀର ଏବଂ ସୈନିକଙ୍କ ସାହସ ପ୍ରଶଂସନୀୟ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quote'ଭାରତ ମାତା କି ଜୟ' କେବଳ ଏକ ସ୍ଲୋଗାନ ନୁହେଁ, ଏହା ପ୍ରତ୍ୟେକ ସୈନିକର ଶପଥ, ଯିଏ ନିଜ ଦେଶର ସମ୍ମାନ ଏବଂ ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପାଇଁ ନିଜ ଜୀବନକୁ ବାଜିରେ ଲଗାନ୍ତି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଅପରେସନ ସିନ୍ଦୂର ହେଉଛି ଭାରତର ନୀତି, ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ଏବଂ ନିର୍ଣ୍ଣାୟକ ଶକ୍ତିର ତ୍ରିମୂର୍ତ୍ତି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଯେତେବେଳେ ଆମର ଭଉଣୀ ଏବଂ ଝିଅମାନଙ୍କ ମଥାର ସିନ୍ଦୁର ଲିଭାଇ ଦିଆଗଲା, ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦୀମାନଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କ ଆଡ୍ଡାରେ ନିପାତ କଲୁ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଆତଙ୍କବାଦର ମାଷ୍ଟରମାଇଣ୍ଡମାନେ ଏବେ ଜାଣିଛନ୍ତି ଯେ ଭାରତକୁ ଆଖି ଦେଖାଇବା ଦ୍ୱାରା ବିନାଶ ବ୍ୟତୀତ ଆଉ କିଛି ହେବ ନାହିଁ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteପାକିସ୍ତାନରେ କେବଳ ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆଡ୍ଡା ଏବଂ ବାୟୁସେନା ଧ୍ୱଂସ କରାଯାଇ ନାହିଁ, ବରଂ ସେମାନଙ୍କର ମନ୍ଦ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ଏବଂ ଦୁଃସାହସ ମଧ୍ୟ ପରାସ୍ତ ହୋଇଛି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଆତଙ୍କବାଦ ବିରୋଧରେ ଭାରତର ଲକ୍ଷ୍ମଣ ରେଖା ଏବେ ସ୍ପଷ୍ଟ, ଯଦି ଆଉ ଏକ ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ, ତେବେ ଭାରତ ଜବାବ ଦେବ ଏବଂ ତାହା ଏକ ନିର୍ଣ୍ଣାୟକ ଜବାବ ହେବ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଅପରେସନ ସିନ୍ଦୂରର ପ୍ରତ୍ୟେକ ମୁହୂର୍ତ୍ତ ଭାରତର ସଶସ୍ତ୍ର ବାହିନୀର ଶକ୍ତିର ପ୍ରମାଣ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ
Quoteଯଦି ପାକିସ୍ତାନ ଆଉ କୌଣସି ଆତଙ୍କବାଦୀ କାର୍ଯ୍ୟକଳାପ
Quoteସେ ଘୋଷଣା କରିଥିଲେ ଯେ ଯେତେବେଳେ ଭାରତର ସେନା ପରମାଣୁ ବ୍ଲାକମେଲର ବିପଦକୁ ଦୂର କରିବେ, ସେତେବେଳେ ସ୍ବର୍ଗ ମର୍ତ୍ତ୍ୟ ପାତାଳରେ ଗୋଟିଏ ଧ୍ବନି ପ୍ରତିଧ୍ୱନିତ ହେବ - 'ଭାରତ ମାତା କି ଜୟ'

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !

 

ଏହି ଜୟଘୋଷର ଶକ୍ତିକୁ ଏବେ ଏବେ ସାରା ଦୁନିଆଁ ଦେଖୁଛି। ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ, ଏହା କେବଳ ଏକ ଘୋଷଣା ନୁହେଁ, ଏହା ଦେଶର ପ୍ରତିଟି ସେଇ ସୈନିକଙ୍କର ଶପଥ ଅଟେ, ଯିଏ ଦେଶମାତୃକାର ସମ୍ମାନ ଓ ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପାଇଁ ଜୀବନକୁ ବାଜି ଲଗାଇ ଥାଏ। ଏହା ଦେଶର ପ୍ରତିଟି ନାଗରିକଙ୍କର ସ୍ୱର, ଯିଏ ଦେଶ ପାଇଁ ବଂଚିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରନ୍ତି, ଯିଏ କିଛି କରିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରନ୍ତି।

 

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ, ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରରେ ମଧ୍ୟ ଶୁଣାଯାଏ ଏବଂ ଅଭିଯାନରେ ମଧ୍ୟ ଶୁଣାଯାଏ। ଯେତେବେଳେ ଭାରତୀୟ ସେନା ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ ଉଚ୍ଚାରଣ କରନ୍ତି, ସେତେବେଳ, ଶତ୍ରୁଙ୍କର କଲିଜାରେ କମ୍ପନ ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ। ଯେତେବେଳେ ଆମର ଡ୍ରୋନ୍ସ, ଶତ୍ରୁଙ୍କ ଦୁର୍ଗର ପ୍ରାଚୀରକୁ ଧ୍ୱଂସ କରେ, ଯେତେବେଳେ ଆମର ମିସାଇଲ୍‌ମାନ କ୍ଷୀପ୍ରଗତିରେ ଲକ୍ଷ୍ୟସ୍ଥଳରେ ପହଁଚିଥାଏ, ସେତେବେଳେ ଶତ୍ରୁକୁ ଶୁଣାଯାଏ ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ! ଯେତେବେଳେ ରାତିର ଅନ୍ଧକାର ମଧ୍ୟରେ ମଧ୍ୟ ଆମେ ସୂର୍ଯ୍ୟଙ୍କ ଉଦୟ କରିଥାଉ ସେତେବେଳେ ଶତ୍ରୁଙ୍କୁ ଦେଖାଯାଏ ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ! ଯେତେବେଳେ ଆମର ସେନା ପରମାଣୁ ଧମକର ଜବାବ ଦିଏ, ସେତେବେଳେ ଆକାଶରୁ ପାତାଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗୋଟିଏ କଥା ଶୁଭିଥାଏ! ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ!

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ବାସ୍ତବରେ, ଆପଣମାନେ ସମସ୍ତେ କୋଟି-କୋଟି ଭାରତୀୟଙ୍କର ଛାତି ପ୍ରଶସ୍ତ କରି ଦେଇଛନ୍ତି, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଭାରତୀୟଙ୍କ ମଥା ଗର୍ବରେ ଉଚ୍ଚା କରିଦେଇଛନ୍ତି। ଆପଣମାନେ ଇତିହାସ ସୃଷ୍ଟି କରିଛନ୍ତି ଏବଂ ମୁଁ ଆଜି ସକାଳେ ଆପଣମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟକୁ ଆସିଛି, ଆପଣଙ୍କୁ ସାକ୍ଷାତ କରିବାକୁ। ଯେତେବେଳେ ବୀରଙ୍କ ପାଦ ଧରଣୀରେ ପଡ଼େ, ସେତେବେଳେ ଧରଣୀ ମା’ ଧନ୍ୟ ହୋଇଯାଏ। ଯେତେବେଳେ ବୀରଙ୍କର ଦର୍ଶନ କରିବାର ସୁଯୋଗ ମିଳେ, ସେତେବେଳେ ଜୀବନ ଧନ୍ୟ ହୋଇଥାଏ। ସେଥିପାଇଁ, ମୁଁ ଆଜି ସକାଳୁ ସକାଳୁ ଆପଣଙ୍କୁ ସାକ୍ଷାତ କରିବାକୁ ଏଠାରେ ପହଁଚିଛି। ଆଜିଠାରୁ ବହୁ ଦଶକ ପରେ ମଧ୍ୟ ଯେତେବେଳେ ଭାରତର ଏହି ପରାକ୍ରମର ଚର୍ଚ୍ଚା ହେବ, ସେତେବେଳେ ସର୍ବପ୍ରଥମ ଆପଣ ଏବଂ ଆପଣମାନଙ୍କ ସାଥୀଙ୍କ ଚର୍ଚ୍ଚା ପ୍ରମୁଖ ବିଷୟବସ୍ତୁ ହେବ। ଆପଣମାନେ ବର୍ତ୍ତମାନ ସମୟ ସହିତ ଦେଶର ଆସନ୍ତା ପିଢି ପାଇଁ ମଧ୍ୟ ନୂତନ ପ୍ରେରଣା ସୃଷ୍ଟି କରିପାରିଛନ୍ତି। ମୁଁ ଏହି ଭୂମିରୁ ବର୍ତ୍ତମାନ ସବୁ ବାୟୁସେନା, ଜଳସେନା ଏବଂ ସ୍ଥଳସେନାର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଯୋଦ୍ଧାଙ୍କୁ ସାଲ୍ୟୁଟ୍ କରୁଛି। ଆପଣଙ୍କର ପରାକ୍ରମ ପାଇଁ ଆଜି ସାରା ଦେଶର କୋଣ ଅନୁକୋଣରେ ଅପରେସନ ସିନ୍ଦୁରର ଗୁଞ୍ଜରଣ ଶୁଣାଯାଉଛି। ଏହି ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟକଳାପରେ ପ୍ରତିଟି ଭାରତୀୟ ଆପଣଙ୍କ ସହିତ ଛିଡ଼ା ହୋଇଛନ୍ତି, ପ୍ରତିଟି ଭାରତୀୟଙ୍କର ପ୍ରାର୍ଥନା ଆପଣଙ୍କ ସହିତ ରହିଛି। ଆଜି ପ୍ରତିଟି ଦେଶବାସୀ ତାଙ୍କର ସୈନିକ ଏବଂ ସେମାନଙ୍କ ପରିବାରଙ୍କ ପ୍ରତି କୃତଜ୍ଞତା ଜ୍ଞାପନ କରୁଛି, ସେମାନଙ୍କର ଋଣୀ ରହିଛି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୁର କୌଣସି ସାଧାରଣ ସେନା ଅଭିଯାନ ନୁହେଁ। ଏହା ଭାରତର ନୀତି, ପ୍ରଣାଳୀ ଏବଂ ନିର୍ଣ୍ଣାୟକ ଶକ୍ତିର ତ୍ରିବେଣୀ। ଭାରତ ବୁଦ୍ଧଙ୍କର ମଧ୍ୟ ଭୂମି ଏବଂ ଗୁରୁ ଗୋବିନ୍ଦ ସିଂହଙ୍କର ମଧ୍ୟ ଭୂମି। ଗୁରୁ ଗୋବିନ୍ଦ ସିଂହ କହିଥିଲେ- ‘’ସୱା ଲାକ୍ଷ ସେ ଏକ ଲଡ଼ାଓଁ, ଚିଡ଼ିଅନ୍ ତେ ମେଁ ବାଜ ତୁଡାଓଁ, ତବେ ଗୁରୁ ଗୋବିନ୍ଦ ସିଂହ ନାମ କହାଁଉଁ।” ଅଧର୍ମର ନାଶ ଓ ଧର୍ମର ସ୍ଥାପନା ପାଇଁ ଶସ୍ତ୍ର ଉଠେଇବା, ଏହା ଆମର ପରମ୍ପରା। ସେଥିପାଇଁ ଯେତେବେଳେ ଆମର ଭଉଣୀ ଓ ଝିଅମାନଙ୍କ ସିନ୍ଦୂର ଛଡାଇ ନିଆଗଲା, ସେତେବେଳେ ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କର ଘରେ ପଶି ତାଙ୍କର ଫଣାକୁ ଦଳି ଦେଇଥିଲୁ। ସେମାନେ ଭୀରୁ କାପୁରୁଷ ପରି ଲୁଚି କି ଆସିଥିଲେ, କିନ୍ତୁ ସେମାନେ ଭୁଲିଯାଇଥିଲେ, ସେମାନେ ଯାହାକୁ ଆହ୍ୱାନ ଦେଉଛନ୍ତି, ସେମାନେ ଭାରତୀୟ ସେନା ଅଟନ୍ତି ବୋଲି। ଆପଣମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ସାମ୍ନାରୁ ଆକ୍ରମଣ କରି ହତ୍ୟା କରିଛନ୍ତି, ଆପଣମାନେ ଆତଙ୍କର ସମସ୍ତ ବଡ଼ ଆଡ୍‌ଡାଗୁଡିକୁ ମାଟିରେ ମିଶାଇ ଦେଇଛନ୍ତି, ୯ଟି ଆତଙ୍କୀ ଆଡ୍ଡା ଧ୍ୱଂସ ପାଇଛି। ୧୦୦ରୁ ଅଧିକ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମୃତ୍ୟୁ ହୋଇଛି, ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ସର୍ଦ୍ଦାରର ଏବେ ଜ୍ଞାନ ଉଦୟ ହୋଇଛି, ଭାରତ ଆଡେ ନଜର ଉଠାଇଲେ ଏହିପରି ଏକମାତ୍ର ପରିଣାମ ହେଉଛି ଧ୍ୱଂସ! ଭାରତରେ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ଲୋକମାନଙ୍କର ରକ୍ତ ବୁହାଇଲେ ଏକମାତ୍ର ପରିଣାମ ହେବ ବିନାଶ ଓ ମହାବିନାଶ! ଯେଉଁ ପାକିସ୍ତାନୀ ସେନାର ସମର୍ଥନରେ ଏହି ଆତଙ୍କବାଦୀ ବସିଥିଲେ, ଭାରତର ସ୍ଥଳସେନା, ଭାରତର ବାୟୁ ସେନା ଓ ଭାରତର ଜଳସେନା, ସେହି ପାକିସ୍ତାନୀ ସେନାକୁ ଧୂଳିସାତ୍‌ କରିପାରିଛି। ଆପଣ ପାକିସ୍ତାନୀ ସେନାକୁ ମଧ୍ୟ ଜଣେଇ ଦେଇଛନ୍ତି ପାକିସ୍ତାନରେ ଏପରି କୌଣସି ସ୍ଥାନ ନାହିଁ, ଯେଉଁଠାରେ ବସି ଆତଙ୍କବାଦୀମାନେ ଆରାମରେ ନିଃଶ୍ୱାସ ନେଇପାରିବେ। ଆମେ ଘରେ ପଶି ମାରିବୁ ଏବଂ ବଂଚିବାର ଗୋଟିଏ ବି ସୁଯୋଗ ଦେବୁନାହିଁ। ଆମର ଡ୍ରୋନ୍, ଆମର ମିସାଇଲ୍, ବିଷୟରେ ଚିନ୍ତା କରି ପାକିସ୍ତାନକୁ କେତେ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ନିଦ୍ରା ଆସିବ ନାହିଁ। ‘କୌଶଳ ଦିଖାୟା ଚାଲୋ ମେଁ ଉଡଗୟା ଭୟାନକ ଭାଲୋ ମେଁ’ । ନିର୍ଭୀକ ଗୟା ବହ ଢାଲୋ ମେଁ ସରପଟ ଦୌଡା କର ବାଲୋ ମେଁ ‘ । ଏହି ଉକ୍ତିଗୁଡିକ ମହାରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କର ଏକ ପ୍ରସିଦ୍ଧ ଘୋଡା ଚେତକ ଉପରେ ଲିଖିତ। କିନ୍ତୁ ଏହି ଉକ୍ତିଗୁଡିକ ଆଜିର ଆଧୁନିକ ଭାରତୀୟ ଅସ୍ତ୍ରଶସ୍ତ୍ର ସହିତ ମେଳ ଖାଉଛି।

 

ମୋର ବୀର ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ୍‌ ସିନ୍ଦୂର ମାଧ୍ୟମରେ ଆପଣ ଦେଶର ଆତ୍ମବଳକୁ ବୃଦ୍ଧି କରିଛନ୍ତି, ଦେଶକୁ ଏକତାର ସୂତ୍ରରେ ବାନ୍ଧିଛନ୍ତି, ଏବଂ ଆପଣ ଭାରତର ସୀମାଗୁଡିକୁ ସୁରକ୍ଷିତ କରିଛନ୍ତି, ଭାରତର ସ୍ୱାଭିମାନକୁ ନୂତନ ଉଚ୍ଚତା ଦେଇଛନ୍ତି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଆପଣ ସେହି କାମ କରିଛନ୍ତି, ଯାହା ଅଭୂତପୂର୍ବ, ଅକଳ୍ପନୀୟ, ଅଦ୍ଭୁତ। ଆମର ଏୟାରଫୋର୍ସ ପାକିସ୍ତାନରେ ଏତେ ଗଭୀର, ଆତଙ୍କୀ ଆଡ୍ଡାକୁ ଲକ୍ଷ୍ୟଧାର୍ଯ୍ୟ କରିଛି। କେବଳ ୨୦-୨୫ ମିନିଟ ମଧ୍ୟରେ, ସୀମା ପାର ଲକ୍ଷ୍ୟକୁ ଭେଦ କରିଛି। ଏହା ଏକ ଆଧୁନିକ ଜ୍ଞାନ କୌଶଳରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ଏକ ପ୍ରୋଫେସନାଲ୍ ଶକ୍ତି ହିଁ କରିପାରିବ। ଆପଣଙ୍କର ଗତି ଓ ସଠିକତା, ଏହି ସ୍ତରରେ ଥିଲା ଯେ ଯାହା ଫଳରେ ଶତ୍ରୁମାନେ ଆବା-କାବା ହୋଇଗଲେ। ତାଙ୍କୁ ଜଣାପଡିଲା ନାହିଁ କେତେବେଳେ ତାଙ୍କର ଛାତି ଚିରି ହୋଇଗଲା।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଆମର ଲକ୍ଷ୍ୟ ଥିଲା ପାକିସ୍ତାନ ମଧ୍ୟରେ ଥିବା ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆଡ୍‌ଡାକୁ ଧ୍ୱଂସ କରବା। ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କୁ ଧ୍ୱଂସ କରିବା। କିନ୍ତୁ ପାକିସ୍ତାନ ତାଙ୍କର ଯାତ୍ରୀବାହୀ ବିମାନକୁ ଆଗରେ ରଖି ଯେଉଁ ଷଡଯନ୍ତ୍ର କରିଥିଲା ମୁଁ କଳ୍ପନା କରିପାରୁଛି ସେହି ସମୟ କେତେ କଠିନ ହୋଇଥିବ। ଯେତେବେଳେ ସିଭିଲିୟନ ଏୟାରକ୍ରାଫ୍ଟ ଦେଖିବାକୁ ମିଳିଥିଲା। ମୋତେ ଗର୍ବ ହେଉଛି ଆପଣ ଖୁବ ସାବଧାନ, ଖୁବ ସତର୍କତାର ସହିତ ସିଭିଲିୟନ ଏୟାରକ୍ରାଫ୍ଟକୁ କୌଣସି କ୍ଷତି ନ କରି ଏହାକୁ ଧ୍ୱଂସ କରି ଦେଖାଇଛ। ତାହାର ଉତ୍ତର ତୁମେ ଦେଇଛ। ମୁଁ ଗର୍ବର ସହିତ କହିପାରିବି, ଯେ ତୁମେ ସମସ୍ତେ ନିଜ ନିଜର ସଠିକ୍‌ ଲକ୍ଷ୍ୟ ହାସଲ କରିପାରିଛ। ପାକିସ୍ତାନରେ କେବଳ ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆଡ୍ଡା ଧ୍ୱଂସ ପାଇ ନଥିଲା ବରଂ ଆତଙ୍କବାଦୀମାନଙ୍କ ଖରାପ ଚିନ୍ତାଧାରା ଏବଂ ତାଙ୍କର ଦୁଃସାହସ ଦୁଇଟି ଯାକର ପରାଜୟ ହୋଇଥିଲା।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ ସିନ୍ଦୂର ଅଭିଯାନ ଦ୍ୱାରା ଭୟଭୀତ ଶତ୍ରୁ ଏହି ଏୟାର ବେସ୍ ବ୍ୟତୀତ ଆମର ଆହୁରି ଅନେକ ଏୟାର ବେସ୍ ଉପରେ ଆକ୍ରମଣ କରିବାର ଅନେକ ଥର ଉଦ୍ୟମ କରିଛି। ବାରମ୍ବାର, ସେମାନେ ଆମକୁ ଲକ୍ଷ୍ୟ କରିଛନ୍ତି। କିନ୍ତୁ ପାକିସ୍ତାନର ନୀଚ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ସବୁ ଥରକ ନିଷ୍ଫଳ ହୋଇଛି। ପାକିସ୍ତାନର ଡ୍ରୋନ, ତାଙ୍କର ୟୁଏଭି, ତାଙ୍କର ବିମାନ ଏବଂ ତାଙ୍କର ମିସାଇଲ, ଆମର ସଶକ୍ତ ଏୟାର ଡିଫେନ୍ସର ସାମ୍ନାରେ ହାର୍‌ ମାନିଛି। ମୁଁ ଦେଶର ସମସ୍ତ ଏୟାରବେସ୍ ସହିତ ଜଡିତ ନେତୃତ୍ୱକୁ, ଭାରତୀୟ ବାୟୁ ସେନାର ପ୍ରତିଟି ବୀର ବାୟୁ ଯୋଦ୍ଧାଙ୍କୁ ହୃଦୟରୁ ପ୍ରଶଂସା କରୁଛି, ଆପଣମାନେ ପ୍ରକୃତରେ ବହୁତ ଭଲ କାମ କରିଛନ୍ତି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଆତଙ୍କବାଦ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଭାରତର ଲକ୍ଷ୍ମଣ ରେଖା ବର୍ତ୍ତମାନ ସ୍ପଷ୍ଟ ହୋଇଛି। ଏବେ ପୁନର୍ବାର ଯଦି କୌଣସି ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ ତେବେ ଭାରତ ଜବାବ ଦେବ, ନିଶ୍ଚୟ ଜବାବ ଦେବ। ଏହା ସଜିର୍କାଲ ଷ୍ଟ୍ରାଇକ ସମୟରେ ଦେଖିଛୁ, ଏବଂ ବର୍ତ୍ତମାନ ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂର, ଭାରତଙ୍କ ନ୍ୟୁ ନର୍ମାଲ ଅଟେ। ଆଉ ଯେମିତି ମୁଁ କାଲି କହିଥିଲି, ଭାରତ ଏବେ ତିନି ସୂତ୍ରରେ ହସ୍ତକ୍ଷେପ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେଇଛି। ପ୍ରଥମରେ- ଭାରତ ଉପରେ ଯଦି ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ ତେବେ ଆମେ ଆମ ଉପାୟରେ, ଆମ ସର୍ତ୍ତରେ ଆମ ସମୟରେ ଜବାବ ଦେବୁ। ଦ୍ୱିତୀୟରେ- କୌଣସି ପ୍ରକାରର ନ୍ୟୁକ୍ଲିୟର୍ ବ୍ଲ୍ୟାକମେଲ୍ ଭାରତ ସହିବ ନାହିଁ। ତୃତୀୟରେ- ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କୁ ସମର୍ଥନ କରୁଥିବା ସରକାର ଏବଂ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ସର୍ଦ୍ଦାରକୁ ଭିନ୍ନ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଦେଖିବୁ ନାହିଁ। ବିଶ୍ୱ ମଧ୍ୟ ଭାରତର ଏହି ନୂତନ ରୂପକୁ, ଏହି ନୂତନ ବ୍ୟବସ୍ଥାକୁ ବୁଝି ଆଗକୁ ଅଗ୍ରସର ହେଉଛି।

 

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂରର ପ୍ରତ୍ୟେକଟି କ୍ଷଣ ଭାରତର ସେନା ସାମର୍ଥ୍ୟର ସାକ୍ଷୀ ଦେଉଛି। ଏହି ସମୟରେ ଆମର ସେନାଙ୍କର ତାଳେମେଳ, ମୁଁ କହିବି ବାସ୍ତବରେ ଉତ୍କୃଷ୍ଟ ଥିଲା। ଆର୍ମୀ ହେଉ, ନେଭୀ ହେଉ କିମ୍ବା ଏୟାର ଫୋର୍ସ, ସମସ୍ତଙ୍କର ତାଲମେଳ ବହୁତ ଜବରଦସ୍ତ ଥିଲା। ନେଭୀ ସମୁଦ୍ରରେ ତାଙ୍କର ପରାକ୍ରମ ଦେଖାଇଥିଲା। ସେନା ସୀମାରେ ତା’ର ସୁଦୃଢତା ଜାହିର କଲା ଏବଂ, ଭାରତୀୟ ବାୟୁ ସେନା ଆକ୍ରମଣ କରିଛି ଏବଂ ରକ୍ଷା ମଧ୍ୟ କରିଛି। ବିଏସ୍‌ଏଫ ଏବଂ ଅନ୍ୟାନ୍ୟ ଶକ୍ତିଗୁଡିକ ମଧ୍ୟ ଅଦ୍ଭୁତ କ୍ଷମତା ପ୍ରଦର୍ଶନ କରିଛନ୍ତି। ଇଣ୍ଟିଗ୍ରେଟେଡ୍‌ ଏୟାର ଆଣ୍ଡ ଲ୍ୟାଣ୍ଡ କୋମ୍ବାଟ୍‌ ସିଷ୍ଟମ୍‌ ପ୍ରଶଂସନୀୟ କାମ କରିଛି। ଏହା ହେଉଛି, ଏକତା, ଏହା ଏବେ ଭାରତୀୟ ସେନା ସାମର୍ଥ୍ୟର ଏକ ଶକ୍ତିଶାଳୀ ପରିଚୟ ସୃଷ୍ଟି କରିଛି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂରରେ ଜନବଳ ସହ ମେଶିନ ସାମର୍ଥ୍ୟର ତାଳମେଳ ମଧ୍ୟ ଅଦ୍ଭୁତ ଥିଲା। ଭାରତର ପାରମ୍ପରିକ ଏୟାର୍ ଡିଫେନ୍ସ୍ ସିଷ୍ଟମ୍ ହେଉ, ଯାହା ବହୁତ ଲଢେଇ ଦେଖିଛି, କିମ୍ବା ଆକାଶ ପରି ଆମର ମେଡ ଇନ୍ ଇଣ୍ଡିଆ ପ୍ଲାଟଫର୍ମ ହେଉ, ଯାହାକୁ S-400 ଭଳି ଆଧୁନିକ ଓ ସଶକ୍ତ ଡିଫେନ୍ସ୍ ସିଷ୍ଟମ୍ ଅଭୂତପୂର୍ବ ମଜବୁତି ଦେଇଛି। ଏହି ମଜବୁତ ସୁରକ୍ଷା କବଚ ଭାରତର ପରିଚୟ ହୋଇପାରିଛି। ପାକିସ୍ତାନର ଲକ୍ଷେ ଚେଷ୍ଟା ପରେ ମଧ୍ୟ, ଆମର ଏୟାରବେସ୍ ହେଉ କିମ୍ବା ଆମର ଅନ୍ୟ ଡିଫେନ୍ସ୍ ଭିତ୍ତିଭୂମି, ଏହା ଉପରେ ଆଞ୍ଚ ମଧ୍ୟ ଆସିନାହିଁ। ଏହାର ସବୁ ଶ୍ରେୟ ଆପଣମାନଙ୍କୁ ଯାଉଛି, ମୋତେ ଗର୍ବ ଅନୁଭବ ହେଉଛି ଆପଣମାନଙ୍କ ଉପରେ, ସୀମାରେ ନିୟୋଜିତ ଥିବା ପ୍ରତ୍ୟେକ ସୈନିକ, ଏହି ଅପରେସନ୍‌ରେ ଜଡିତ ସମସ୍ତ ବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କୁ ଏହାର ଶ୍ରେୟ ଯାଉଛି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଆଜି ଆମ ପାଖରେ ନୂତନ ଏବଂ cutting edge technology ର ଏମିତି ସାମର୍ଥ୍ୟ ଅଛି, ଯାହା ପାକିସ୍ତାନ ମୁକାବିଲା କରିପାରିବ ନାହିଁ। ବିଗତ ଦଶକରେ ଏୟାରଫୋର୍ସ ସହିତ, ଆମର ସମସ୍ତ ସେନାଙ୍କ ପାଖରେ, ବିଶ୍ୱର ଶ୍ରେଷ୍ଠ ବୈଷୟିକ ଜ୍ଞାନକୌଶଳ ପହଞ୍ଚିପାରିଛି। କିନ୍ତୁ ଆମେ ସମସ୍ତେ ଜାଣିଛୁ, ନୂତନ ଟେକ୍ନୋଲୋଜୀ ସହ ଗୁଡ଼ିଏ ସମସ୍ୟା ମଧ୍ୟ ଆସିଥାଏ। ଜଟିଳ ଏବଂ ସଂକୀର୍ଣ୍ଣ ପ୍ରଣାଳୀଗୁଡ଼ିକର ଭାରସାମ୍ୟ ରଖିବା, ସେଗୁଡିକର କାର୍ଯ୍ୟ କ୍ଷମତା ସହିତ ଉପଯୋଗ କରିବା ଏକ ବହୁତ ବଡ଼ କୌଶଳ। ଆପଣମାନେ ଟେକ୍ନୋଲୋଜୀକୁ କୌଶଳ ସହିତ ଯୋଡ଼ି ଦେଖାଇଛନ୍ତି। ଆପଣ ପ୍ରମାଣିତ କରିଛନ୍ତି ଯେ ଆପଣମାନେ ଏହି ଖେଳରେ, ଦୁନିଆରେ ସର୍ବୋତ୍ତମ ଅଟନ୍ତି। ଭାରତର ବାୟୁସେନା ବର୍ତ୍ତମାନ କେବଳ ଅସ୍ତ୍ରଗୁଡ଼ିକରୁ ନୁହେଁ, ତଥ୍ୟ ଏବଂ ଡ୍ରୋନ୍‌ଗୁଡ଼ିକ ମାଧ୍ୟମରେ ମଧ୍ୟ ଶତ୍ରୁ ପକ୍ଷକୁ ହରାଇବାରେ କୁଶଳୀ ହୋଇପାରିଛନ୍ତି।

 

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ପାକିସ୍ତାନର ନିବେଦନ ପରେ ଭାରତ କେବଳ ସୈନ୍ୟ କାର୍ଯ୍ୟକାଳାପକୁ ସ୍ଥଗିତ ରଖିଛି। ଯଦି ପାକିସ୍ତାନ ପୁନର୍ବାର ଆତଙ୍କବାଦୀ କାର୍ଯ୍ୟକଳାପ କରେ କିମ୍ବା ସେନା ଦୁଃସାହସ ଦେଖାଏ, ତେବେ ଆମେ ତାହାର ଉଚିତ ଜବାବ ଦେବୁ। ଏହି ଜବାବ, ଆମର ସର୍ତ୍ତରେ, ଆମର ଢଙ୍ଗରେ ହେବ। ଏହି ନିର୍ଣ୍ଣୟର ମୂଳ ଆଧାର ହେଉଛି, ଏହା ପଛରେ ଲୁଚିଥିବା ବିଶ୍ୱାସ, ଆପଣଙ୍କର ସହନଶୀଳତା, ସାହସ, ଶୌର୍ଯ୍ୟ ଏବଂ ସତର୍କତା। ଆପଣଙ୍କୁ ଏହି ଦୃଢତା, ଏହି ଚେଷ୍ଟା, ଏହି ଉତ୍ସାହକୁ ଏମିତି ଭାବରେ ନିରନ୍ତର ଜାରି ରଖିବାକୁ ହେବ। ଆମକୁ ନିରନ୍ତର ସଜାଗ ରହିବାକୁ ହେବ, ଆମକୁ ପ୍ରସ୍ତୁତ ରହିବାକୁ ହେବ। ଆମେ ଶତ୍ରୁଙ୍କୁ ଭୁଲାଇ ଦେବା ନାହିଁ ଯେ ଏହା ହେଉଛି ନୂତନ ଭାରତ। ଏହି ଭାରତ ଶାନ୍ତି ଚାହୁଛି, କିନ୍ତୁ ଯଦି ମାନବତା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ, ତେବେ ଏହି ଭାରତ ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରରେ ଶତ୍ରୁଙ୍କୁ ମାଟିରେ ମିଶାଇବାର କ୍ଷମତା ଭଲ ଭାବରେ ଜାଣିଛି। ଏହି ସଂକଳ୍ପ ସହିତ ଆସନ୍ତୁ, ଆଉ ଥରେ କୁହନ୍ତୁ.......

 

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ ! ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।

ବହୁତ-ବହୁତ ଧନ୍ୟବାଦ।