26वीं जनवरी की पुर्व संध्या पर राज्यस्तरीय प्रजासताक पर्व-2010 के प्रजाकिय देशभक्ति उत्सव में हिस्सा लेने पहोंचे मुख्यमंत्रीश्री नरेन्द्र मोदीजी के सुरेन्द्रनगर में आगमन के साथ ही जनउमंग लहराने लगा था. संविधान गौरव यात्रा के पावन अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रेरक प्रवचन दिया.
भारत के इस संविधान ने हिन्दुस्तान को एक नई शक्ति दी, हिन्दुस्तान को एक नई दिशा दी. और विश्व के लोकतांत्रिक देशों में भारत ने अपनी शक्ति के साथ जगह बनाई. ये संविधान के निर्माण में भारत के 211 विद्वान, मनुषी, महापुरुष ईकट्ठा आए, दो साल और ग्यारह महिने तक इन 211 महापुरुषों ने चिंतन किया, मंथन किया, चर्चाएं की. विश्व के सभी संविधानों का अध्ययन किया. और भारत की विविधताओं को ध्यान मे रखते हुए, भारत के सभी समाजों को समेटते हुए आनेवाली सदियों तक देश को आगे ले जाएं, देश को नई शक्ति प्रदान करें लोकतंत्र अधिक ताक़तवर बने, भारत की हजारों साल की जो विरासत थी उस विरासत को भी संझोए रखना. एक तरफ सांस्कृतिक विरासत, दुसरी तरफ आधुनिक भारत के सपने उन् दोनों को जोडने का काम इस संविधान के माध्यम से हुआ. ऐसे महान संविधान, और भारत का संविधान, विश्व में जितने संविधान आये, दुनिया के सारे देशों के सभी संविधानों से ये दुनिया का सबसे बडा संविधान है. ये वह संविधान है जो दुनिया से सर्वाधिक अधिक लोकतंत्र में आस्था रखनेवाले लोगों की आशा और श्रद्धा क केन्द्र है.
भारत के संविधान ने अनेक आशाएँ जगाई. कभी-कभी लगता है कि हमारा संविधान, इतनी विविधताओं से भरा देश, इतनी खुबियों से भरा देश, आर्थिक रूप से इतने उतार-चढावों से जी रहा समाज, मान्यताओं में भिन्न-भिन्न रूप में बन्धा हुआ समाज, यहाँ के लोकतंत्र का सामर्थ्य देखिए, सदियों पुरानी हमारी विरासत देखिए, एक संविधान, हम सब को जोड्कर के रखता है और पूरा देश उसका गर्व करता है. हमारे संविधान में न्यायपालिका, कार्यपालिका, मीडिया, हमारी संसद, हमारे जनप्रतिनिधि, इन सबको, भारत को, संविधान की मर्यादाओं में, संविधान की भावना के प्रकाश में, आगे बढने के लिए दिशा-संकेत किए है, प्रेरणा दी है. और उसी के पगतले 60 साल, आज हिन्दुस्तान प्रगती की नई उँचाईयों पर जा रहा है.
‘60 साल के इस अवसर पर आप सब को भी अंत: करण से शुभकामनाएँ देता हूँ. और हमें बाबासाहेब आम्बेडकर जैसे महापुरूष आशिर्वाद दें कि हम भारतीय संविधान को मद्देनज़र रखते हुए गुजरात को ऐसी विकास की उंचाईयों पर ले जायें, जिसके कारण पूरे भारत को गुजरात पर भी नाज़ हो जाये, ऐसा गुजरात बनाकर के पूरे भारत की विकास यात्रा के अन्दर अपना बहुत बडा योगदान देने के लिए हम सामर्थ्यवान बनें’- उन्होंने कहा.