These elections in Bihar will change the fortune of the state: PM Modi #ParivartanRally
Bihar will lead the world in second green revolution: PM Modi #ParivartanRally
NDA’s vision - electricity, water & roads for people, medicine for elderly, education & jobs for youth: PM #ParivartanRally
The 'Mahaswarthbandhan' is arrogant and deceitful: PM Narendra Modi #ParivartanRally
The 'Mahaswarthbandhan' has four players, one is Lalu yadav, second is Nitish Kumar, third is Sonia Ganghi & fourth 'Tantrik': PM
The more mud you spread, more the Lotus will bloom: PM Modi #ParivartanRally
Loktantrik Nitish Kumar & Tantrik Lalu Yadav must answer that who made migrants of the youth of Bihar: PM #ParivartanRally

मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान गिरिराज सिंह जी, सांसद श्रीमान लालन पासवान जी, श्रीमान विश्वनाथ भगत जी, श्रीमान सत्यानन्द शर्मा जी, श्रीमान राजीव रंजन जी, हम पार्टी के श्रीमान विश्वजीत पासवान जी, श्री रविशंकर प्रसाद जी, श्री पी सी विद्यार्थी जी, श्रीमान राजू पासवान जी, श्रीमान छोटेलाल राजवंशी जी, श्री प्रेम रंजन पटेल जी, श्री भूपेन्द्र सहनी जी और इस चुनाव में आपके आशीर्वाद से जो इस विजय यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं, लोजपा के उम्मीदवार श्रीमान अरूण कुमार, लोजपा के उम्मीदवार श्रीमति दीपिका कुमारी, मोकामा से लोजपा के उम्मीदवार श्रीमान कन्हैया कुमार सिंह, नालंदा से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान कौशलेन्द्र कुमार, इस्लामपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान वीरेन्द्र गोप, बख्तियारपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान रणविजय सिंह, राजगीर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान सत्यदेव नारायण आर्य, बिहारशरीफ से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान सुनील कुमार, अफसावा से लोजपा के उम्मीदवार श्रीमान छोटेलाल यादव, मेरे साथ बोलिये – भारत माता की जय

मुझे समझ नहीं आ रहा है कि एक सभा है कि चार सभाएं हैं। इस ताप में आज नालंदा ने कमाल कर दिया। चुनाव का नतीज़ा तो 8 तारीख को आएगा और उसके बाद उनका क्या होगा, ये सब जानते हैं लेकिन आज इस सभा की ख़बर सुनने के बाद लोकतांत्रिक नीतीश जी का क्या होगा। भाईयों-बहनों, ये बिहार की जनता की सूझ-बूझ है, ये मतदाताओं का राजनीतिक बड़प्पन है कि ये बड़ी आसानी से दूध का दूध और पानी का पानी कर सकते हैं। एक प्रकार से बिहार के नागरिकों की सोच राजहंस जैसी सोच है जो सच्चे मोती को परखने में पावरफुल है। मैं अभी जो माहौल देख रहा हूँ, ये सिर्फ़ चुनाव के विजय का, लोकतांत्रिक नीतीश जी या लालू जी के पराजय का माहौल नहीं है, ये सोनिया जी को दर्पण दिखाने का माहौल नहीं है, बल्कि ये माहौल उन लोगों को सजा देने का है जिन्होंने 60 साल तक बिहार को बर्बाद किया।

बिहार की जनता यह चुनाव किसी को पराजित करने के लिए नहीं बल्कि बिहार का भाग्य बदलने के लिए लड़ रही है और उन्होंने बिहार का भाग्य बदलने का फैसला कर लिया है। ये ऐसा इलाक़ा है जहाँ चाहे कोई भी हो, उसे नालंदा का पता होता है कि इसका कितना गौरवशाली इतिहास रहा है। हिन्दुस्तान का कोई बच्चा ऐसा नहीं होगा जिसने नालंदा के बारे में कभी सुना नहीं हो। आप कल्पना कर सकते हैं कि कितनी महान विरासत के आप धनी हैं जिस बिहार के पास नालंदा जैसी विरासत हो और जिस विरासत के कारण पूरा हिन्दुस्तान सदियों से सीना चौड़ा करके जी रहा हो, आजादी के बाद उस नालंदा की चिंता होनी चाहिए थी लेकिन सत्ता में डूबे लोगों को नालंदा की याद नहीं आई।

पूरा विश्व नालंदा की धरती पर ज्ञान की प्यास बुझाने आता था। दूर-सुदूर से लोग सालों तक यात्रा करके नालंदा आते थे और आखिरी तक ज्ञान पिपासा के लिए वो यही तक डूबे रहते थे लेकिन क्या हो गया जो नालंदा की यह धरती दुनिया को ज्ञान देती थी, बिहार के नौजवान को पढ़ने के लिए कहीं और जाना पड़ता है। शिक्षा के लिए उसे अपना नालंदा छोड़ना पड़ता है अपना गाँव, खेत-खलिहान, दोस्तों और अपने बूढ़े मां-बाप को छोड़ना पड़ता है। लोकतांत्रिक नीतीश जी को लगता है कि अब बिहार को सिर्फ़ तांत्रिक बचा सकता है। बिहार को तांत्रिकों की जरुरत नहीं है, इसे लोकतंत्र की ताकत ही बचा सकती है। बिहार के नौजवान में वो ताकत है और इसलिए बिहार को बचाने के लिए किसी जंतर-मंतर की जरुरत नहीं है।

आप बताएं कि बिहार के चुनाव का मुद्दा क्या होना चाहिए? लेकिन उनके भाषण में देखिए, कहते हैं, हम सफ़ेद कबूतर को काटेंगे, काले कबूतर को काटेंगे, क्या ये चुनाव का मुद्दा है? लोग पूछते हैं कि मोदी जी, नवराति के कारण पिछले 10 दिन आप बिहार गये नहीं, फिर भी नीतीश जी, लालू जी, दिन-रात आप पर कीचड़ क्यों उछाल रहे हैं, आप ही के पीछे क्यों पड़ गए हैं? इसका कारण है कि पिछले 20 साल से ये अगड़े-पिछड़े की राजनीति करते रहे, वे पिछड़ों के मसीहा बन गए, जातिवाद का जहर घोलते रहे और ये सपने देख रहे थे कि हम जो ये जहर लेकर निकले हैं, कभी न कभी हम प्रधानमंत्री बन जाएंगे। अब उनको परेशानी ये है कि 30 साल तक वे ये सब करते रहे और अचानक अति पिछड़ा और एक चाय वाले का बेटा प्रधानमंत्री कैसे बन गया। ये जहर इस बात का है कि एक गरीब परिवार का बेटा प्रधानमंत्री कैसे बन गया और इसलिए ये सभी मुझे अपमानित करते रहते हैं लेकिन मेरा कहना है कि आप जुल्म करके देखो, जनता हमारे साथ है और हम सेवा करके देखेंगे।

आजकल आरक्षण के नाम पर झूठ चलाया जा रहा है। मैं गुजरात में 14 साल मुख्यमंत्री रहा, मध्यप्रदेश में हम 15 साल से राज कर रहे हैं, हम झारखंड, छतीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा, हरियाणा में राज कर रहे हैं, किसी भी आरक्षण को कोई खरोच तक नहीं आई। हमने समाज को हमेशा साथ लेकर चलने का प्रयास किया है दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित, जिन्हें बाबा अम्बेडकर ने हक़ दिया है, उन्हें हम साथ लेकर चलते रहे हैं। हमने गरीबी और पिछड़ापन देखा है, इस परिस्थिति में कैसे गुजारा करना पड़ता है, इस दर्द को मैं जी चुका हूँ और इसलिए उसकी रक्षा के लिए बाबा अम्बेडकर ने जो दिया है, उसको कोई हाथ नहीं लगा सकता है।

अटल जी की सरकार इतने समय रही, कभी ऐसा हमने हाथ नहीं लगाया लेकिन वे झूठा प्रचार कर रहे हैं क्योंकि उनके पास विकास का मुद्दा नहीं है। इस चुनाव में उनको इस प्रकार की चीज़ें बनानी पड़ती है। ये पहला चुनाव ऐसा है जिसमें ये बड़े भाई-छोटे भाई ने 80 प्रतिशत चुनाव आउटसोर्स कर दिया है और ये आउटसोर्स हुआ है दिल्ली में। दिल्ली के एयर-कंडिशन्ड रूम में रोज नई-नई कथाएं गढ़ने वाले, भ्रम फ़ैलाने वाले और झूठ को प्रचलित करने वाला एक कॉन्ट्रैक्ट दिया है। सिर्फ़ 20 प्रतिशत ही चुनाव उनका बिहार में बचा है, 80 प्रतिशत वे आउटसोर्स कर चुके हैं। लोगों को भ्रमित करने का प्रयास करके ही ये खुद को भ्रमित कर रहे हैं। मैं बिहार का पानी पीता-पीता घूम रहा हूँ, मैं देख रहा हूँ कि ये जन सैलाब भाजपा और एनडीए की विजय का बिगुल बजा रहा है।

आप बताएं कि आज पूरे विश्व में हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं? अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, चीन, चारों तरफ हिन्दुस्तान की जय-जयकार हो रही है कि नहीं? ये मोदी के कारण नहीं हो रहा है बल्कि ये सवा सौ करोड़ देशवासियों के कारण हो रहा है। आज अगर दिल्ली में आपने हमें पूर्ण बहुमत नहीं दिया होता तो दुनिया में हिन्दुस्तान का डंका नहीं बज सकता था। ये डंका इसलिए बजता है क्योंकि देशवासियों ने 30 साल के बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई है। दुनिया में कितना ही महान और ताक़तवर देश क्यों न हो, लेकिन उसका नेता जब मोदी से हाथ मिलाता है तो उसे मोदी नहीं बल्कि सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी दिखाई देते हैं।

अगर आप बिहार का डंका बजाना चाहते हो तो दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनाईए। आप देखिये कि दुनिया को बिहार का लोहा मानना पड़ेगा, ये मेरा आपको विश्वास है। इस चुनाव में एक तरफ हम विकास की राजनीति लेकर आए हैं और दूसरी तरफ जंगलराज की राजनीति की बगावत हो रही है। आपको चुनना है कि आपको कौन सी राजनीति चाहिए। बड़े भाई-छोटे भाई ने 25 साल सरकार चलाई, उनको अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? इनके पास एक ही काम है – बस मोदी को गाली देना, क्या लोकतंत्र ऐसे चलता है?

जहाँ तक रही बात महास्वार्थबंधन की तो मैं सोच रहा था कि इसमें तीन लोग हैं, एक लालू जी, दूसरे लोकतांत्रिक नीतीश कुमार, तीसरे सोनिया जी लेकिन अब पता चला कि ये तीन लोगों का गठबंधन नहीं है, ये चार लोगों का गठबंधन है, एक है आरजेडी, दूसरा है जेडीयू, तीसरी है कांग्रेस, और चौथा है तांत्रिक। 18वीं सदी की सोच लेकर के 21वीं सदी का बिहार बनाया जा सकता है क्या? क्या जंतर-मंतर से बिहार बनेगा क्या? बिहार को इस 18वीं सदी की सोच से मुक्ति दिलानी है, आधुनिक दिशा में जाना है। हमें जंतर-मंतर नहीं बल्कि कंप्यूटर चाहिए; हमारे नौजवानों के हाथ में लैपटॉप होना चाहिए न कि ताबीज। इसलिए मैं कहने आया हूँ कि हम बिहार को अगड़ा बनाना चाहते हैं। ये पिछड़ा बिहार का कलंक हमें मिटाना है और मैं अगड़े बिहार की लड़ाई के लिए आपके साथ खड़ा हूँ।

हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपये का विकास पैकेज दिया। लालू जी के युवराज को कहा जाए कि 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपये लिखो, तो उसमें कितने जीरो होते हैं, उन्हें ये भी नहीं पता। जिनको 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपया लिखना नहीं आता, वे इतने पैसों से विकास कार्य कर पाएंगे क्या? हमने कुल मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ रूपये का विकास पैकेज दिया, इससे बिहार का भाग्य बदलेगा कि नहीं?

हमारे लोकतांत्रिक नीतीश कुमार कहते हैं कि ये गठबंधन बहुत पवित्र है। नीतीश कुमार ने लालू जी को एक चिट्ठी लिखी थी। नीतीश कुमार ने लालू जी पर भ्रष्टाचार जातिवाद, संप्रदायवाद, कुशासन के कितने गंभीर आरोप लगाए थे। इन दोनों को पहचानने के लिए इससे ज्यादा किसी और सबूत की जरुरत है क्या? महास्वार्थबंधन की तीन पहचान है – दंभ, दगा और दमन यही इनकी पहचान है। बिहार में दमन की राजनीति का दौर ख़त्म। आज बिहार के नौजवानों और नागरिकों से मैं अनुरोध करने आया हूँ कि आप विकास के लिए मतदान कीजिये।

बिहार के लिए विकास का मेरा छह-सूत्रीय कार्यक्रम है – बिहार राज्य की भलाई के लिए तीन सूत्र है, बिजली, पानी एवं सड़क; बिहार के परिवारों के लिए तीन सूत्र है, पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई। मेरे भाईयों-बहनों, विकास के इस छह-सूत्रीय कार्यक्रम को लेकर मैं आपके पास आया हूँ। लोकतांत्रिक नीतीश कुमार कहते हैं कि मोदी बाहरी हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि बिहार के नौजवानों को बिहार से बाहर किसने धकेल दिया, उन्हें किसने मजबूर किया? आपने मेरे बिहार के नौजवान को बाहरी बना दिया है। हम बिहार के नौजवानों को बाहरी बनाना नहीं चाहते, वो बिहार के भाग्य निर्माता बनें, हम इस दिशा में काम करना चाहते हैं। यहाँ उद्योग-धंधे हो, रोजगार के अवसर हों और इसलिए मेरे नौजवानों, पूरी ताकत से मतदान कीजिये, 25 साल से बैठे कुशासकों को भयंकर से भयंकर सजा दीजिए।

हिमालय में जब बर्फबारी होती है तो बिहार में तुरंत ठंड आती है। जो हिमालय में होता है, उसका असर बिहार पर तुरंत होता है। अभी कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख में चुनाव में बाकि सभी राजनीतिक पार्टियां साफ़ हो गई अकेली भाजपा रह गई। जिस कांग्रेस के पास 22 सीटें थी, वो 5 पर आ गई। ये विजय की हवा बह रही है जो बिहार में भी पहुँच गई है। लद्दाख दिवाली माना रहा है और इस बार 8 तारीख को बिहार दो-दो दिवाली मनाएगा। लालू जी और नीतीश जी समझ लें कि आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलने वाला है। मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिये -   

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!       

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Dr. Manmohan Singh will always be remembered as a kind person, a learned economist and a leader dedicated to reforms: PM
December 27, 2024
Dr. Singh's life teaches future generations how to rise above adversity and achieve great heights: PM
Dr. Singh will always be remembered as a kind person, a learned economist, and a leader dedicated to reforms: PM
Dr. Singh's distinguished parliamentary career was marked by his humility, gentleness, and intellect: PM
Dr. Singh always rose above party politics, maintaining contact with individuals from all parties and being easily accessible to everyone: PM

The demise of former Prime Minister Dr. Manmohan Singh ji has deeply pained our hearts. His passing is a tremendous loss for us as a nation. Coming to Bharat during the time of partition after losing so much, and achieving remarkable success in every field of life, is no ordinary feat. His life serves as a lesson for future generations on how to rise above hardships and challenges to reach great heights.

He will always be remembered as a kind-hearted individual, a scholarly economist, and a leader dedicated to reforms. As an economist, he served the Government of Bharat in various capacities. During a challenging time, he played the role of the Governor of the Reserve Bank of India. As the Finance Minister in the government of former Prime Minister and Bharat Ratna Shri P.V. Narasimha Rao ji, he steered the country out of a financial crisis and paved the way for a new economic direction. His contributions as the Prime Minister towards the country’s development and progress will always be cherished.

His commitment to the people and the nation's development will forever be held in high regard. Dr. Manmohan Singh ji's life was a reflection of honesty and simplicity. He was an extraordinary parliamentarian. His humility, gentleness, and intellect defined his parliamentary life. I remember mentioning earlier this year, when his tenure in the Rajya Sabha ended, that his dedication as a Member of Parliament is an inspiration to all. Even during crucial moments of parliamentary sessions, he would attend in a wheelchair and fulfil his parliamentary duties.

Despite being educated at some of the world's most prestigious institutions and holding numerous top positions in the government, he never forgot the values of his humble background. Rising above partisan politics, he always maintained connections with people across party lines and remained approachable to everyone. During my tenure as Chief Minister, I had open discussions with Dr. Manmohan Singh ji on various national and international issues. Even after coming to Delhi, I would frequently meet and converse with him. I will always remember our discussions about the country and our meetings. Recently, I spoke to him on his birthday.

In this difficult moment, I extend my condolences to his family. On behalf of all the citizens of the country, I pay tribute to Dr. Manmohan Singh ji.