In these years of Amritkal, rapid development is necessary for Himachal, and a stable government is necessary: PM Modi on the role of BJP in Himachal
Congress always thought that what is the stature of that state from where 3-4 MPs come. Congress never gave priority to the development of Himachal: PM Modi
“Making false promises, giving false guarantees has been an old trick of Congress”: PM Modi on Congress never fulfilling its promises to the people

हाटेशवरी माता, सितला माता, शिकारी माता,
होर,
देवभूमि रे सारे,
देवी देवताओं अगे,
मैं आपणा माथा टेकाँ।
इस पवित्र देवभूमि रे,
तुसे सभी लोका नूं मेरा प्रणाम !

साथियों,
मुझे कुछ दिन पहले ही मंडी आना था लेकिन मौसम अचानक खराब हो गया था। बारिश इतनी तेज थी लेकिन लोग मैदान में डटे हुए थे।

तब मैंने हिमाचल की युवा शक्ति को आपको टेक्नोलॉजी के माध्यम से संबोधित किया था। और उसी समय मैंने मन में ठान लिया था, मैंने संकल्प लिया था कि जब भी हिमाचल में चुनावी रैलियां शुरू होंगी, सबसे पहले मैं मंडी जाऊंगा और आप लोगों से क्षमा मांगूगा।

मंडी के लोगों ने, हिमाचल के लोगों ने इतना कष्ट उठाया, मैं पहुंच नहीं पाया उसकी पीड़ा मेरे मन में हमेशा रहेगी।

लेकिन आज मुझे उतना ही अच्छा भी लग रहा है क्योंकि आज हिमाचल की मेरी पहली सभा मंडी से ही हो रही है, सुंदरनगर में हो रही है।

यहां इतनी बड़ी संख्या में आप लोग होंगे, हमारी माताएं-बहनें-बेटियां हम सबको आशीर्वाद देने आई हैं। और मैं हेलीपैड से यहां आ रहा था पूरे रास्ते भर जो प्यार, जो उमंग जो आशीर्वाद, देखते ही बनता था।

हम सभी आपके बहुत-बहुत आभारी हैं।

साथियों,
देवभूमि से मेरा नाता इतना निकट रहा है। यहां सुंदरनगर में भी पहले भी बहुत बार आना होता था।

मैंने निहरी की चढ़ाई भी चढ़ी है और सराज, कुल्लू, किन्नौर, चंबा और कांगड़ा के दुर्गम क्षेत्र भी पैदल नापे हैं, दोस्तों। यहां के रास्ते, सुंदरनगर की इतनी सुंदर BBMB झील, उसे कोई कैसे भूल सकता है।

मैं जब मंडी शहर की ओर फिर यहां से जब जाता था तो अक्सर रास्ते में चाय पीना। यहां की दुकानों पर लोगों से गप्पे मारना, यहां पर मेरा एक प्रकार से क्रम बन गया था।

तब न मैने सोचा थी कि एक दिन हिमाचल प्रदेश की, देश की सेवा का मौका मिलेगा, आप सबसे आशीर्वाद से मिलेगा और सुंदरनगर के पुराने मेरे साथी, उनको भी जब वे पुरानी बातें याद करते होंगे तो उनको आश्चर्य होता होगा।

हम लोग घंटों-घंटों गप्पे लड़ाया करते थे, हंसी मजाक किया करते थे। हमारे ठाकुर गंगा सिंह जी, दिले राम जी, हमारे दामोदार दास जी जैसे सहयोगियों से भी मैंने बहुत कुछ सीखा।

मुझे कुछ समय पहले की गई सुंदरनगर के होनहार सपूत, बॉक्सर आशीष चौधरी से बातचीत भी याद है। उनसे बातचीत करने का मौका मिला था।

टोक्यो ओलंपिक जाने से पहले जब वो स्पेन में ट्रेनिंग ले रहे थे, तब मेरी उनसे बात हुई थी।

पिता की मृत्यु के बाद जिस तरह का हौसला भाई आशीष ने दिखाया, वो सब लोग नहीं दिखा पाते। सुंदरनगर के लोगों की यही बात, पूरे हिमाचल की पहचान है, ये पहाड़ी लोगों की पहचान है।

साथियों,
मैं आज सुबह जब आप लोगों से मिलने आ रहा था, तभी मुझे स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता और कल्पा-किन्नौर के रहने वाले श्याम सरन नेगी जी के दुखद निधन की भी खबर मिली।

106 वर्षीय नेगी जी ने अपने जीवन में 30 से ज्यादा बार मतदान किया था।
इतना ही नहीं, अभी दो दिन पहले, 2 नवंबर को ही, ये जो विधानसभा चुनाव हो रहे हैं उसके लिए भी उन्होंने पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट दिया था।

जाने से पहले भी उन्होंने मतदान करके अपना कर्तव्य निभाया, ये बात हर देशवासी को, खास करके मेरे युवा मतदाताओं को, हर नागरिक को सदा सर्वदा प्रेरित करती रहेगी।

मैं बहुत भावुक मन से परम आदरणीय श्याम सरन नेगी जी को सर झुका करके श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

साथियों,

इस बार का हिमाचल चुनाव बहुत खास है। खास इसलिए, क्योंकि इस बार 12 नवंबर को जो वोट पड़ेंगे, वो वोट सिर्फ आने वाले 5 वर्षों के लिए नहीं होंगे।
इस बार 12 नवंबर को पड़ने वाला एक-एक वोट, हिमाचल के अगले 25 साल की विकास यात्रा तय करेगा।

कुछ महीने पहले ही हिमाचल की स्थापना के 75 वर्ष हुए हैं। कुछ सप्ताह पहले ही भारत ने भी अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं।

जब भारत, अपनी आजादी के 100 साल मनाएगा, उसी के आसपास हिमाचल भी अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करेगा।

इसलिए, अगले 25 साल का ये कालखंड बहुत ही अहम है। अमृतकाल के इन वर्षों में हिमाचल में तेज विकास जरूरी है, स्थिर सरकार जरूरी है।

मुझे खुशी है कि हिमाचल के लोग, यहां के युवा, यहां की माताएं-बहनें इस बात को अच्छी तरह समझ रही हैं।
वो जानते हैं,

भाजपा यानि स्थिरता,
भाजपा यानि सेवाभाव,
भाजपा यानि समभाव,
भाजपा यानि नीतियों में स्थाई भाव,
और भाजपा यानि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता।

इसलिए इस विधानसभा चुनाव में हिमाचल के लोग भाजपा सरकार की जोरदार वापसी की ठान चुके हैं।

और फौजियों की ये धरती, वीर माताओं की ये धरती जब कुछ संकल्प ले लेती है, तो उसे सिद्ध करके ही दिखाती है।

भाइयों और बहनों,

आजादी के बाद कांग्रेस ने बहुत लंबे समय तक हिमाचल प्रदेश पर शासन किया है।

कांग्रेस के लिए सरकार में आना, सरकार में रहना, राज-पाट चलाने जैसा ही रहा है।

हिमाचल में, पहाड़ी राज्यों में तो कांग्रेस दशकों तक तरसाओ, लटकाओ-भटकाओ, यही उनकी रीति थी, यही उनकी नीति पर चली है।

कांग्रेस ने हमेशा यही सोचा, इतना छोटा राज्य, 3-4 सांसद आते हैं, देश की राजनीति में क्या फर्क पड़ता है। इतने छोटे राज्य की हैसियत क्या है? होता है चलता है, करो न करो, कौन पूछता है भाई।

 बड़े-बड़े राज्य हैं उनकी आवाभगत होगी, हिमाचल की क्यों होगी भाई। इसी सोच की वजह से कांग्रेस ने हिमाचल के विकास को कभी प्राथमिकता नहीं दी।

इसी वजह से हिमाचल लगातार पीछे होता चला गया। बीच-बीच में आपने यहां भाजपा की सरकारें बनाईं, तो कुछ काम आगे बढ़ा और सदभाग्य यह रहे कि पहले अटल जी थे, यहां धूमल जी थे, अब मुझे सेवा का मौका दिया।

हिमाचल को मैं भी अपना घर मानता हूं और इधर आपने जयरामजी को दे दिया। लेकिन उन दिनों का याद रखिए जब दिल्ली में भाजपा सरकार थी हिमाचल में भाजपा सरकार थी, काम तेजी से चल रहे थे, लेकिन जैसे ही पांच इसके, पांच उसके चक्कर में पड़ गए और कांग्रेस वाले वापस आए, सारे काम ठप्प कर दिए,

वो अपनी कटकी ढूंढने में लग गए, इसलिए हिमाचल विकास की उस ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाया, जिस पर पहुंचना उसका हक था, हिमाचल के लोगों की आवश्यकता थी।

साथियों,
मैं आपसे एक चीज जानना चाहता हूं। जरा आप सोचिए, रोजमर्रा की जिंदगी के अनुभव से सोचिए,

अगर घर में कोई बीमार पड़ता है और फिर एक अच्छे डॉक्टर से दवाई लेता है। हफ्ते भर दवाई लेता है और फिर कोई आ जाता है। अरे रे रे...आप ये दवाई क्यों लेते हो आयुर्वेद ले लो, तो इसको भी लगता है यार हफ्ते भर तो अंग्रेजी दवा खाई अब आयुर्वेद ले लेते हैं।

तो एक हफ्ता तो अंग्रेजी दवा खाई उसके बाद आयुर्वेद पर चढ़ गए। दूसरे सप्ताह आयुर्वेद खाई। इतने में कोई आ गया, अरे भाई ये आयुर्वेद क्यों खाते हो क्या फायदा है, ऐसा करो होमियोपैथी ले लो। तो तीसरे हप्ते होमियोपैथी ले लिया।

तो आप मुझे बताइए एक हफ्ते एक दवाई दूसरे हफ्ते दूसरी दवाई, तीसरे हफ्ते तीसरी दवाई, चौथे हफ्ते चौथी दवाई, क्या मरीज ठीक होगा क्या, मुझे बताइए क्या बीमारी जाएगी क्या। अरे भाई बीमारी है तो एक दवाई को लंबे समय तक पकड़ के एक बार जरा देख लें तब फायदा होता है कि नहीं होता है।

भाइयों-बहनों

इतनी जल्दी जल्दी दवाइयां बदलने से बीमारी जाती नहीं है। आप दवा का एक डोज लें फिर दूसरी डोज, फिर तीसरी डोज, कभी कोई फायदा नहीं होता है और उसका परिणाम ये आया है कि यहां जो मुसीबतें हैं, इसके लिए किसी ने अपनी जिम्मेवारी नहीं ली।

आपकी जो तकलीफें हैं, जिन मुसीबतों से आपको जिंदगी गुजारनी पड़ रही है। उसकी जो आकर के जो शिमला में बैठे, उन्होंने जिम्मेवारी नहीं ली है। उनको भी पता था अब पांच साल आए हैं क्या करना है भाई। क्या जरूरत है।

पांच साल कितना भी काम करो पांच साल के बाद दूसरे को लाने वाले हैं। तो वो सोचता है कि कुछ करना ही नहीं है।

ये जो पांच-पांच वाला दिमाग में भरा बदमाश लोगों ने, गलत सोचने वाले लोगों ने, उन्होंने आपका इतना नुकसान किया है कि आप किसी का जवाब ही नहीं मांगते हो। वो तो हाथ ऊपर कर देता है , कहता है कि क्या करें भाई आपने मुझे मौका नहीं दिया एक बार दिया हम कुछ काम करें, उतने में तो आपने दूसरे को ला लिया।

आप अगर सरकार से जवाब मांगना चाहते हैं। आप अगर सरकार से जवाबदेही चाहते हैं, आप उसको दुबारा मौका दीजिए, ताकि उसको लगे की हिमाचल की जनता अच्छे काम को आशीर्वाद देती है। तो उसका काम करने का उत्साह डबल हो जाता है।

इस बार हिमाचल करेगा न। इस बार दुबारा लाने का निर्णय करेगा न। ये पुरानी बातों को छोड़ेगा की नहीं छोड़ेगा और मेरे हिमाचल के भाइयों बहनों आपने मुझे दिल्ली में बिठाया है। मैं आपके लिए कुछ करना चाहता हूं।

पिछले पांच साल से कर रहा हूं आगे भी करना चाहता हूं। मुझे सेवा का मौका दोगे न पक्का दोगे...और मैं वादा करता हूं इस धरती के बेटे के नाते, आपके लिए जितना कर सकता हूं, कभी पीछे नहीं रहूंगा भाइयों।

लेकिन अगर यहां ऐसे लोगों को बिठा दिया जो काम होने ही न दें तो क्या होगा मैं कितना ही जोर लगाऊं, काम होगा क्या, रूकावट आएगी की नहीं आएगी। इसलिए भाइयों बहनों यहां भाजपा की सरकार बनाइए। ताकि मैं आपकी सेवा अच्छी तरह से कर सकूं।

भाइयों-बहनों

कांग्रेस ने अपने लंबे शासन में हिमाचल का जितना नुकसान किया है, उसकी भरपाई के लिए, और फिर तेज गति से काम करने के लिए भाजपा को दोबारा जीतना और भाजपा को बार-बार जीतना और दिल्ली की मोदी सरकार की भी भाजपा सरकार को पूरी मदद मिलती रहे। ये पक्का करने वाला ये चुनाव है।

साथियों,
कांग्रेस कैसे काम करती है, इसका मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। एक-एक चीज याद रखिए, भूलना मत। 50 साल से ज्यादा हो गए जब कांग्रेस ने गरीबी हटाओ की बात कही थी, जब भी आओ गरीबी हटाओ के नारे लगाओ, गरीबी हटाओ नारे लगाओ, वादा करना…और लोग भी मानते थे कि हां यार गरीबी जाएगी।

चुनाव होते गए, गरीबी हटाओ का नारा देकर कांग्रेस सरकार बनाती गई, लेकिन देश से गरीबी नहीं हटी। झूठे वायदे करना, झूठी गारंटी देना, कांग्रेस की पुरानी तरकीब रही है।

आपको याद होगा किसानों को कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस किस तरह झूठ बोलती रही, इसका भी गवाह पूरा देश रहा है।

कांग्रेस की सच्चाई ये है कि 2012 में जिस घोषणापत्र पर वो चुनाव जीती, मैं आज से 10 साल पहले की बात कर रहा हूं। उसमें आप निकाल करके देख लीजिए। 2012 में जो वायदे किए थे जो उनके घोषणापत्र में लिखा था, एक भी काम उन्होंने 2012 से 2017, आपने उन्हें सर आंखों पर बिठाया, आपका एक भी काम उन्होंने नहीं किया। खोलकर देखा नहीं घोषणापत्र उन्होंने।

जबकि भाजपा की पहचान है कि जो हम कहते हैं उसे पूरा करने के लिए दिन रात खपा देते हैं, दिन-रात खपा देते हैं भाइयों-बहनों ।

भाजपा जो संकल्प लेती है, उसकी सिद्धि करके दिखाती है।

भाजपा ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प लिया, लिया था न, लिया था न, पूरा किया कि नहीं किया। उसे सिद्ध करके दिखाया।

भाजपा ने राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था, और वो निर्णय भी इसी हिमाचल की धरती में पालनपुर में भाजपा की वर्किंग कमेटी में निर्णय किया गया था भाइयों, इसी देवभूमि में निर्णय किया गया था। आज राम मंदिर बन रहा है कि नहीं बन रहा है। आप बताइये बन रहा है कि नहीं बन रहा है।

जोरों से बोलिए, वादा निभाया की नहीं निभाया। वचन पूरा किया कि नहीं किया।

साथियों,
भाजपा के संकल्पों की सिद्धि का एक उदाहरण….ये तो हमारी वीरों की भूमि है, हर परिवार फौजी परिवार है। हर घर हिंदुस्तान की सुरक्षा का किला है। अब देखिए वन रैंक वन पेंशन…एक ऐसा उदाहरण है जो कांग्रेस को जानने समझने के लिए काफी है।

कांग्रेस 40 साल से देश के फौजियों को हर चुनाव में वादा करती थी, आप के हिमाचल के फौजी परिवार याद होगा, हर बार वादा करते थे वन रैंक वन पेंशन बस आ जाएगा, चुनाव जिता दो बस आ जाएगा। कितनी ही सरकारें बनी, कितने ही प्रधानमंत्री आए, कितनी बार वादे करके गए।

लेकिन इतने वर्षों तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहने के बावजूद वन रैंक वन पेंशन को लागू नहीं किया। दिखावे के लिए बजट में मामूली सौ-दो सौ-तीन सौ करोड़ डाल देते थे और लिख देते थे, लेकिन इससे होना नहीं था।
ये आंख में धूल झोंकने की उनकी आदत, झूठे वादे करना, चुनाव जीतना, फिर भूल जाना यही उनका चरित्र है। हिमाचल में हर बार वो झूठ बोलते रहे। देवभूमि में झूठ बोला है। देश की वीर माताओं के सामने झूठ बोला। देश के वीर जवानों के सामने झूठ बोला।

भाइयों बहनों मैं हिमाचल में आया था 2014 में। चुनाव में आपके वोट मांगने आया था और मैंने हिमाचल में आकर कहा था मैं जानता हूं मामला बड़े धन का है। धन खर्च करना पड़ेगा, तिजोरी खाली करनी पड़ेगी।

लेकिन ये वादा मैं पूरा करूंगा। भाइयों और बहनों वन रैंक वन पेंशन का वादा हमने पूरा किया कि नहीं किया। वादा 40 साल तक उन्होंने किया था, पूरा नहीं किया।

हमने वादा किया था और पांच साल के भीतर पूरा कर दिया था भाइयों।
जुबां की कीमत होती है और लोकतंत्र में भारतीय जनता पार्टी की जुबां जनता जनार्दन को समर्पित होती है। जनता जनार्दन के लिए संकल्पित होती है भाइयों।

वन रैंक वन पेंशन लागू होने की वजह से हमारे रिटायर्ड फौजी साथियों की जेब में उनके परिवार के पास पहले जो पेंशन जाता था।

उसके अतिरिक्त और 60 हजार करोड़ रुपए मेरे इन फौजी भाइयों की जेब में गए हैं। 60 हजार करोड़ रुपए बहुत बड़ी अमाउंट होती है।

आप ध्यान दीजिए साथियों,

क्या कांग्रेस सरकार होती तो ये 60 हजार करोड़ रुपए मेरे फौजी परिवारों के घर में आते क्या, फौजी विधवाओं के घर में जाते क्या।

कांग्रेस की सरकार होती, तो आज भी वन रैंक वन पेंशन के नाम पर आप लोगों को ठगती रहती।

साथियों,
उनके वादे कभी सही नहीं निकले इस चुनाव में भी वादे करने में पीछे नहीं हटेंगे। उनपर भरोसा मत करना।

कांग्रेस का एक और इतिहास रहा है, जिस पर बहुत बात नहीं हुई है। आज के युवा तो ये भी नहीं जानते होंगे कि आजादी के बाद देश का पहला घोटाला कांग्रेस ने रक्षा क्षेत्र में ही किया था।

तब से लेकर जब तक कांग्रेस की सरकार रही, तब तक उसने रक्षा सौदों में जमकर दलाली खाई, हजारों करोड़ के घोटाले किए।

इसके साथ ही, कांग्रेस ने एक और बात सुनिश्चित की। कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि देश, रक्षा साजो-सामान के मामले में आत्मनिर्भर बने।

वो सेना के लिए हर खरीद में कमीशन चाहती थी, अपने नेताओं की तिजोरी भरना चाहती थी। इस वजह से हमेशा हथियार खरीदने में देरी की गई। इसका नुकसान किसे हुआ?

इसका सबसे बड़ा नुकसान हुआ हिमाचल की उस वीर माताओं को जिसने अपना बेटा बॉर्डर पर लड़ने के लिए भेजा था।

इसका सबसे बड़ा नुकसान हुआ हमारे हिमाचल की उस बहन बेटियों को, जिसने अपना भाई, दुश्मन से मोर्चा लेने के लिए भेजा था।

इसका नुकसान हिमाचल की हजारों महिलाओं ने उठाया, हजारों बच्चों ने उठाया।
हथियारों में दलाली खाकर, कांग्रेस ने कितनी ही जिंदगियों के साथ खिलवाड़ किया है।

मैं हिमाचल की किसी माता-बहन-बेटी के साथ ये अन्याय नहीं होने दूंगा।
इसलिए आज भारत, आत्मनिर्भर होने का अभियान चला रहा है, अपने हथियार खुद बनाने पर जोर दे रहा है।

साथियों,
कांग्रेस, देश की रक्षा की ही नहीं, बल्कि देश के विकास की भी हमेशा से विरोधी रही है।

गुजरात में इतने साल मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने इसे खुद महसूस किया। जब 2014 में आपने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मैं चाहता था कि हिमाचल में विकास की योजनाएं तेजी से आगे बढ़ें।

ये मैं 2014 की बात कर रहा हूं। जब मैं दिल्ली में बैठा तो हिमाचल के साथ मेरा लगाव रहा था।

हिमाचल ने मुझे बहुत प्यार दिया था, तो मुझे बैठते ही हिमाचल याद आना बहुत स्वाभाविक था। लेकिन भाइयों -बहनों उस समय यहां कांग्रेस की सरकार थी।

मुझे आज भी याद है, केंद्र सरकार की अनेकों योजनाओं को कैसे यहां की कांग्रेस सरकार ने तब लागू नहीं होने दिया। अड़ंगे डाले रूकावटें डाली।

उनके दिमाग में तो यही नशा था कि मोदी होता कौन है , ये दिल्ली की सरकार होती क्यों है। हमारी मर्जी क्या करें क्या न करें।

मोदी की योजनाओं को लागू करेंगे, तो हिमाचल के लोग को मोदी को अपना नेता मानेंगे, हमें तो मानेंगे नहीं, इसी चिंता में, दिल्ली से मैं योजना भेजता था, पैसे भेजता था। उसको अड़ंगे लगा कर बैठ जाते थे।

मैं इसका एक उदाहरण देता हूं आपको। 2014 से और 2017 के बीच यहां कांग्रेस
की सरकार थी और दिल्ली में आपने मुझे बैठाया था। हमने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत घर बनाने के लिए, जो शहर में लोग हैं , जिनके पास अपने घर नहीं हैं।

जैसे सुंदरनगर हो, मंडी हो शिमला हो कांगड़ा हो। जिनके पास घर नहीं हैं उनके पास घर होना चाहिए और ये पहाड़ों में ठंड में झुग्गी-झोंपड़ी में जिंदगी बसर करते हैं उनको अच्छा पक्का छत वाला घर मिलना चाहिए।

तो हमने प्रधानमंत्री घर बनाने की योजना के तहत हमने पैसे दिए, उनका काम था, सिर्फ उन पैसों को खर्च करके लागू करना। 2014 से 17 ये मेरे पत्रकार मित्र भी, आंखें फट जाएगी, आपकी ये सुन करके, 2014 से 17, इतनी बड़ी सरकार, इतना बड़ा मेरा हिमाचल, ये मेरी वीर भूमि, वीर माताएं, कितने घर बने होंगे।

2014 से 17 पैसे भारत सरकार दे रही थी, कितने घर बने होंगे। आप अंदाज लगा सकते हो, मैं बोलूंगा तो आपको भी शर्म आएगी कि कैसी सरकार यहां चलती थी कांग्रेस की, पूरे हिमाचल में सिर्फ 15 घर बने..15 ।…और जरा जोरों से बोलो, आप जान लीजिए साथियों सिर्फ 15 घर।

और जैसे ही आप लोगों ने हिमाचल को डबल इंजन की सरकार दी, दिल्ली में मुझे और यहां पर जयरामजी को तो जो योजना लगाने के लिए मैं 2014 से लग रहा था, जिसको लटका करके बैठे थे, अटका करके बैठे थे, अड़ंगे लगा कर बैठे थे, उनको आप लोगों ने हटाया, जयरामजी को बिठाया।

कहां 15 घर और हमने 10 हजार घरों पर काम शुरू कर दिया, कितने भाई, कितने घर, कितने, उनके कितने थे, हमने कितनों पर काम शुरू किया और आज

मुझे संतोष से कहना है जयरामजी को और उनकी पूरी टीम को अभिनंदन करना है। इनमें से 8 हजार से ज्यादा घर पूरे भी किए जा चुके हैं और बाकी पर काम चल रहा है वो भी कुछ समय में पूरे हो जाएंगे।

कहां 15 घरवाली कांग्रेस की सरकार और कहां 8000 घरों को बनाने वाली डबल इंजन की सरकार। अब आप तय कीजिए की आपको 15 घर बनाने वाली सरकार चाहिए या 8000 घर बनाने वाली सरकार चाहिए, कौन सी सरकार चाहिए, निर्णय आप को करना है दोस्तों, मैं कह रहा हूं इसलिए करो ये नहीं कहने आया हूं मैं हिसाब देकर कह रहा हूं कि हम आपके लिए काम करने वाले लोग हैं।

यानि 2017 के बाद से भाजपा सरकार में हिमाचल के विकास ने अभूतपूर्व तेजी पकड़ी है।
मैं आज भी ये सोचकर परेशान हो उठता हूं कि अगर 2017 में भी हिमाचल में कांग्रेस की सरकार आती, जयराम जी की सरकार न आती, तो क्या होता दोस्तों। 15 के बजाय 25 घर बना लेते, 25 की जगह 50 घर बना लेते, साथियों

बीते दो-ढाई साल में दुनिया की इतनी बड़ी महामारी से हिमाचल के लोगों ने मुकाबला किया है।

भाजपा की सरकार में हिमाचल ने देश में सबसे पहले शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल किया।

आप कल्पना करिए, अगर महामारी के समय भी यहां कांग्रेस ही होती तो क्या होता।

कांग्रेस का तो इतिहास है कि उसने गंभीर से गंभीर बीमारी के टीकों के लिए भी देश के लोगों को बरसों-बरसों तक इंतजार करवाया है। और हिमाचल में टीका लगवाने का मतलब सिर्फ एक नागरिक की जान से जुड़ा हुआ नहीं है।

हिमाचल में सबको टीका लग गया तो बाहर से आने वाले टूरिस्टों को पता लग गया कि हिमाचल सेफ है। हिमाचल में टूरिज्म ने गति पकड़ना शुरू किया, यहां के लोगों की रोजी रोटी चल पड़ी ये वैक्सीन की ताकत थी। और यह जयरामजी और भाजपा सरकार की ताकत थी कि उन्होंने देश में हिमाचल को पहला और मैं यहां की आशा वर्करों, हमारे आंगनबाड़ी वर्कर, हमारे गावों में काम करने वाले हेल्थ वर्कर को आज नमन करता हूं कि उन्हों पहाड़ों पर चलकर बर्फीली जगह पर जाकर भी वैक्सीनेशन का काम कर लिया और जिंदगी बचाने का काम कर लिया। मुफ्त में एक पैसा नहीं लिया किसी से भाइयों।

कोराना के समय में अगर हिमाचल में भाजपा होती, हिमाचल में सबसे अंत में टीके पहुंचते और दूर-दराज वाले क्षेत्र तो आज भी कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहे होते।

100 साल की इस सबसे बड़ी आपदा में डबल इंजन की सरकार आज भी हिमाचल के लाखों गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है। मुफ्त राशन मिल रहा है न ये मेरी माताएं बहनें मुझे आशीर्वाद देती हैं कि दिल्ली में उनका बेटा बैठा है जिसने हमारे घर के चूल्हे को कभी बुझने नहीं दिया।

कोई रात ऐसी नहीं थी, जब बच्चों को भूखे सोना पड़े, क्योंकि दिल्ली में एक बेटा बैठा था , जो जागता था कि मेरा बेटा खा करके सो जाए, इसलिए भाइयों बहनों।

कांग्रेस की सरकार होती तो गरीब का ये राशन लुट जाता, गरीब की रसोई तक नहीं पहुंच पाता।

साथियों,
2017 में कांग्रेस की सरकार ना बनाकर, भाजपा को सेवा का मौका देकर, हिमाचल के लोगों ने इस देवभूमि की रक्षा करने का काम किया है।

अगर हिमाचल के लोगों ने भाजपा को सेवा का मौका नहीं दिया होता तो आज 9 लाख नए घरों में नल से जल नहीं पहुंचता, भाइयों।

अगर हिमाचल के लोगों ने हमें सेवा का मौका नहीं दिया होता तो यहां की लाखों रसोइयों में उज्जवला का सिलेंडर नहीं पहुंचता।

अगर हिमाचल के लोगों ने भाजपा को सेवा का मौका नहीं दिया होता तो आयुष्मान योजना और हिम-केयर योजना के तहत 4 लाख लोगों को मुफ्त इलाज नहीं मिलता।

अगर यहां 2017 में भाजपा सरकार नहीं बनती तो अटल टनल वहीं अटका लटका पड़ा होता , वो काम कभी पूरा नहीं होता।

साथियों,
आज अटल टनल से हमारी सेनाओं को भी फायदा हो रहा है और लाहौल-स्पीति के साथियों को आजादी के बाद पहली बार उनके सुख का समय आया है।

ये काम हमने किया है और इसे हमेशा याद रखिए, ये सब किसने किया, ये सारा काम किसने किया, ये काम किसने किया , जोर से बताइए ये काम किसने किया....आपका जवाब गलत है..ये मोदीजी ने नहीं किया है, ये जयरामजी ने नहीं किया है। ये आपके वोट ने किया है।

ये सब आपके एक वोट की ताकत से हुआ है। इसलिए हुआ है, वोट सही जगह पर डाला तो इतने सारे काम किए, इस बार भी आपका वोट सही जगह पर होगा, तो आगे इससे भी ज्यादा बढ़िया काम होंगे भाइयों-बहनों।

हिमाचल के लोगों का एक वोट, आज हिमाचल में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तेजी से करा रहा है, यहां रेल-रोड का नेटवर्क बनवा रहा है।

आप सोचिए,

यहां चंडीगढ़ से मनाली हाईवे को बने कितने साल हो गए थे।
इसका चौड़ी करण हो, इसकी याद कांग्रेस को अपने 10 साल के शासन में नहीं आई।

अब हिमाचल के लोगों के एक वोट के कारण इस मार्ग पर फोरलेन का ऐसा नेशनल हाईवे बन रहा है, जो आपके टूरिज्म को बहुत ताकत देने वाला है।

हमारी सरकार पठानकोट से मंडी जाने वाले नेशनल हाईवे को भी आधुनिक बनाने पर 9 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

पिछली कांग्रेस सरकार के समय गांव में जितनी सड़क बनवाई गई थी, हमारी सरकार ने उससे दोगुनी सड़कें बनाकर दिखाई हैं।

डबल तेजी से काम, डबल इंजन की सरकार की पहचान है।

आठ दिसंबर को नतीजे आने के बाद हिमाचल के विकास में और तेजी लाई जाएगी।

भाजपा की सरकार ने आगे के रोडमैप पर काम करना शुरू कर दिया है।
हिमाचल के बॉर्डर पर बने गावों में विकास के लिए, वहां कनेक्टिविटी और टूरिज्म बढ़ाने के लिए वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना शुरू की जा रही है।
हिमाचल में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए, रोप-वे से प्रमुख स्थानों को जोड़ने के लिए पर्वतमाला योजना चलाई जा रही है।

यहां डबल इंजन की सरकार की वापसी के बाद, ऐसे विकास कार्यों में और तेजी लाई जाएगी।

बस आपको एक बात याद रखनी है।

हर बूथ पर कमल का फूल ही भाजपा का उम्मीदवार है। याद रहेगा न हमारा उम्मीदवार सिर्फ कमल का फूल ही है। जहां कमल का फूल दिखे वही भाजपा का उम्मीदवार है।

कमल के फूल पर पड़ा हर वोट मुझे ताकत देगा, हिमातल के इस बेटे को दिल्ली में बड़ी ताकत देगा। मंडी को, कुल्लू को, रामपुर को, किन्नौर को, लाहौल स्पीति को ताकत देगा।

मैं विशेष रूप से इतनी तादाद में आई माताओं-बहनों से कहूंगा कि माताएं बहनें अधिक से अधिक संख्या में इस बार लोगों को वोट करने के लिए प्रेरित करें।

आप भी ज्यादा से ज्यादा वोट करिए, महिलाओं के वोटिंग के सारे रिकॉर्ड तोड़ दीजिए, भाइयों-बहनों। आपको जुलूस निकाल कर गीत गाते हुए मतदान केंद्रों तक पहुंचना है।

आप मेरा एक काम करोगे। जरा जोर से बताओ तो पता चलेगा। घर-घर जाओगे मेरी बात लोगों को बताओगे। जो मैं कह रहा हूं समझाओगे।

जहां भी जाओगे तो मेरी तरफ से एक बात कहना कि मोदीजी आए थे मिलने के लिए, समय के कारण सबको तो नहीं मिल पाए, लेकिन मोदीजी ने आपको प्रणाम कहा है, इतना कह देंगे। कह देंगे भाइयों। मेरा प्रणाम पहुंचा दीजिए।

हम मिलकर “हिमाचल को आगे बढ़ाएंगे, नया रिवाज बनाएंगे, भाजपा को वापस लाएंगे”

मेरे साथ जोर से बोलिए
भारत माता की....
भारत माता की....
भारत माता की....
जोर से बोलिए... भारत माता की....
भारत माता की....
भारत माता की....

 

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78 व्या स्वातंत्र्य दिनी, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी लाल किल्याच्या तटावरून केलेले संबोधन
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।