Congress spent as much on infrastructure in its 10 years as BJP is spending in a year: PM in Pune
Another identity of Congress rule is giving freedom to terrorists: PM Modi in Pune

छत्रपति शिवाजी महाराज की जय..छत्रपति शिवाजी महाराज की..जय भवानी..जय भवानी..शौर्य, कर्म आणि पुण्यभूमी असलेल्या पुण्यातील भूमीला माझा नमस्कार..कसे आहेत सर्व पुणेकर?
मैं देख रहा हूं जैसा केसरिया सागर लहरा रहा है। (ये जो बच्चे इतने प्यार से तस्वीरें लेकर आएं हैं मेरी प्रार्थना कि उनको नीचे बैठाइये, ये कब से ऐसे ही खड़े हैं, मैं आपका धन्यवाद करता हूं आप जो प्यार दिखा रहे हैं, बच्चों को कहिये आराम से बैठें। हां, बैठिये..बेटा आप बैठिये..देख लिया मैंने तस्वीर देख ली।)

साथियों,

इस धरती ने महात्मा फुले, सावित्रिबाई फुले जैसे अनेक संत समाज सुधारक देश को दिए हैं। और आज ये धरती, दुनिया को शानदार इनोवेटर्स दे रही है, टेक एंटरप्रेन्योर दे रही है। पुणे जितना प्राचीन है, उतना ही फ्यूचरिस्टिक है। (ये जरा माइक की व्यवस्था देखने वाले मुझे लगता है कि आपका इकोसिस्टम चल रहा है, क्योंकि जब मैं शुरू में सुन रहा था तो इको नहीं था कहीं आपने इको चालू कर दिया है क्या? माइक वाले सुन रहे हैं तो करेक्ट करलें..मुझे इको की जरूरत नहीं है 140 करोड़ लोगों का इको बड़ा जबरदस्त है) पुणे में हर क्षेत्र के बेस्ट माइंड्स उपलब्ध हैं और तभी तो कहते हैं- पुणे तिथे काय उणे।

साथियों,

कांग्रेस ने देश में 60 साल तक राज किया लेकिन, कांग्रेस राज की सच्चाई ये थी कि देश की आधी आबादी के पास बेसिक सुविधाएं नहीं थीं और अभी तो हमें सिर्फ 10 साल आपकी सेवा करने का अवसर मिला है। सिर्फ 10 साल, लेकिन इन 10 वर्षों में हमने मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा तो किया ही और साथ ही हर वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने में जी-जान से जुटे रहे हैं। आवश्यकता और आकांक्षा दोनों की पूर्ति के लिए एक विजन लेकर जीवन खपा रहे हैं। आप भी जानते हैं, कोई शहर में रहे या गांव में, अच्छी सड़कों को देखकर, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर उसका मन प्रसन्न हो जाता है कि नहीं हो जाता है.. होता है कि नहीं होता है.. जरा जवाब देते फिरिए भाई.. ऐसे ही बैठने का नहीं दूंगा मैं.. अगर मैं करता हूं मेहनत तो आपको भी करनी पड़ेगी। आप मुझे बताइये आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उससे हमें एक विश्वास पैदा होता है कि नहीं होता है। यहां पुणे मेट्रो देखिए, पुणे एयरपोर्ट का नया रूप देखिए, पालखी मार्ग देखिए, समृद्धी महामार्ग देखिए, जगह-जगह को कनेक्ट करती सेमी-हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन देखिए, ये सब आधुनिक हो रहे भारत की तस्वीर हैं..जीते-जागते सबूत हैं। पुणेवासी लिख लीजिए, महाराष्ट्र के मेरे भाई-बहन मोदी की गारंटी है। वो दिन भी आने ही वाला है, जब आप देश की पहली बुलेट ट्रेन में ट्रैवल करेंगे। कांग्रेस ने अपने 10 सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना खर्च किया, ये आंकड़ा याद रहेगा देखिए, आपको याद रखना पड़ेगा ये पुणे है और पुणे कोई चीज भूलता नहीं है..आंकड़ा याद रखेंगे आप। डॉ. मनमोहन सिंह जी की जो रिमोट वाली सरकार थी उसने 10 साल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना खर्चा किया, हम एक साल में उतना खर्चा कर देंगे। ये आंकड़ा याद रहेगा बड़ी आसानी से आप बता सकते हैं लोगों को और कल अखबारों में ये सब नहीं छपेगा मैं आपको बताकर रखता हूं। इसको कहीं फोन करके पूछेंगे कि छापे की नहीं छापे।

भाइयों और बहनों,

आज का भारत अपने युवा, युवाओं के इनोवेशन, युवा टैलेंट और टेक्नोलॉजी पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है। स्टार्ट अप इंडिया का कमाल देखिए, सिर्फ 10 साल में ही भारत के युवाओं ने सवा लाख से ज्यादा स्टार्ट अप बना दिए हैं। ये आंकड़ा याद रहेगा..कितने..कितने? और गर्व की बात है कि इसमें से अनेक यहां हमारे पुणे में हैं। हमने जो रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म.. ये जो हमारा मिशन है ना हमने जो रिफॉर्म किए हैं नीतिगत बदलाव किए हैं उसका परिणाम मैपिंग के क्षेत्र में नजर आ रहा है। अंग्रेजों के जमाने में कानून बने पड़े थे मैपिंग नहीं कर सकते, हमने सब उखाड़कर फेंक दिया और आज मेरे देश के नौजवान उसमें आगे बढ़ रहे हैं। स्पेस हो, उसको हमने ओपन कर दिया। डिफेंस हो, ऐसे हर सेक्टर को युवा इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप के लिए आज हिंदुस्तान ने खोल दिया है। देश में पहली बार ऐसी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हुई है, जो इनोवेशन को बढ़ावा देती है। और पुणे में तो बुद्धिमान नौजवान हैं..आपके लिए मैं खुशखबरी देता हूं, हमने इस बार बजट में जो इंट्रीम बजट था 1 लाख करोड़ रुपया, जो लोग इनोवेशन करना चाहते हैं उनको आंख बंदकर के देने का हमने निर्णय किया है।

साथियों,
देश..दुनिया में भी अपनी धमक दिखा रहा है..आज हमारा एक्सपोर्ट रिकॉर्ड स्तर पर है, एफडीआई रिकॉर्ड स्तर पर है और मेरे देश के नौजवान जो इनोवेशन कर रहे हैं, आज जो पेटेंट फाइल हो रहे हैं, आज हिंदुस्तान के इतिहास में सबसे ज्यादा पेटेंट मेरे देश के नौजवान फाइल कर रहे हैं।

साथियों,
बीजेपी का संकल्प पत्र, इसी काम को नई स्पीड और नये स्केल देने का रास्ता दिखाता है। 10 साल में पहले भारत मोबाइल फोन इंपोर्टर था 10 साल पहले..मेरे आने से पहले, 2014 के पहले हम मोबाइल फोन इंपोर्ट करते थे। 10 साल में मेरे देश ने ये कमाल कर दिया कि आज हम दुनिया में दूसरे सबसे बड़े एक्सपोर्टर बन गए हैं और पुणेवालों आपके लिए एक और खबर, आप मेड इन इंडिया चिप्स.. मेड इन इंडिया चिप्स से दुनिया की गाड़ियां चलते हुए देखेंगे और मेरा पुणे तो ऑटोमोबाइल का हब है। अब हम भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल का हब बनते देखेंगे। आज NDA सरकार, हर सेक्टर में भारत के युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का अवसर दे रही है। बीजेपी का संकल्प, भारत को सेमीकंडक्टर हब, इनोवेशन हब..उसमें मजबूती देने का है। बीजेपी का संकल्प, भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का है। बीजेपी का संकल्प, भारत को हाईड्रोजन एनर्जी का हब बनाने का है।

साथियों,
यह हमारी सरकार है, जिसने पहली बार देश के गरीब और मिडिल क्लास की बचत को बढ़ाने के बारे में सोचा है। अब मैं जो बातें बता रहा हूं ना आप लोगों पर सीधी-सीधी लागू होती है। लेकिन जबतक मेरी बात सुनोगे नहीं..शायद आपका भी उस बात पर ध्यान नहीं गया होगा, काम कैसे होता है मैं एक-एक छोटी-छोटी चीजों पर आपसे बात करने के लिए आया हूं। 2014 से पहले के 10 सालों में आपसे महंगाई और भ्रष्टाचार का डबल टैक्स वसूल किया गया। 2014 में सरकार बनाने के बाद हमने महंगाई पर भी नियंत्रण लगाया और भ्रष्टाचार पर भी कार्रवाई की और आज आप देखिए, भ्रष्टाचारियों में खलबली मची है। 10 वर्षों में टैक्सपेयर्स को सिर्फ टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने..पहले जो इनकम टैक्स का सीमा थी, हमने 7 लाख रुपये तक नो इनकम टैक्स कर दिया। सीमा बढ़ाने से और दूसरे रिफॉर्म से देश के जो टैक्सपेयर्स हैं उनकी जेब में करीब-करीब ढाई लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है। मैं जो कहता हूं ना आंकड़े याद रखना इसलिए कह रहा हूं। ढाई लाख करोड़ रुपए की बचत इससे मध्यम वर्गीय परिवारों का बहुत बड़ा बोझ कम हुआ है। हम लोग जन औषधि केंद्र चलाते हैं, देश में 15-20 हजार जन औषधि केंद्र अभी चल रहे हैं उसे हम बढ़ा भी रहे हैं। जन औषधि केंद्र और आयुष्मान योजना से, क्योंकि जन औषधि केंद्र में 100 रुपये की दवा..दवाई 20 रुपये में मिलती है..80 परसेंट डिस्काउंट..साड़ी वाला जो बोर्ड लगाता है ना डिस्काउंट, सारी महिलाएं वहां जाती हैं। हम जन औषधि केंद्र पर 80 परसेंट डिस्काउंट पर दवाई बेचते हैं, ताकि गरीब आदमी को अपने परिवार की चिंता कम हो। आयुष्मान योजना से गरीब और मीडिल क्लास को डेढ़ लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। ये जो दवाइयां बिकी हैं ना मैं उसके आधार पर कह रहा हूं। बीमारी में ये योजनाएं आप जैसे मेरे सभी परिवारजनों का बहुत बड़ा सहारा बनी हैं और अब तो मोदी ने बड़ी गारंटी दी है और वो तो आप सबके काम आने वाली है। हर परिवार में आज 70 साल की ज्यादा उम्र के दादा-दादी, पिता-माता, नाना-नानी, चाचा कोई ना कोई होता है और 70 साल के बाद कुछ ना कुछ बीमारी तो आ ही जाती है। हर एक को तो मोदी जैसा नसीब नहीं होता है। अब जो मेहनत करने वाला, कमाने वाला परिवार में व्यक्ति है उसके सामने दुविधा रहती है..चिंता रहती है..एक तरफ बच्चों को आधुनिक शिक्षा देनी है बच्चों के सपने पूरे करने हैं उनके आवश्यकताओं, दूसरी तरफ परिवार में बुजुर्ग माता-पिता हैं, दादा-दादी हैं, चाचा-चाची हैं उनको खाने-पीने का प्रॉब्लम नहीं है..लेकिन दवाई, बीमारी ये हर मेहनत करने वाले परिवार के लिए चिंता का विषय होता है। आप जो लोग मेहनत करके कमाते हैं और आज भी अपने माता-पिता के दवाई का बोझ भी उठाते हैं, मोदी की गारंटी है आप जैसे अपने माता-पिता का 70 साल से ऊपर के लोगों का दवाई पर जो खर्च करते हैं, अब ये बेटा करेगा। मोदी करेगा। 70 साल से ऊपर का किसी भी परिवार का, किसी भी परिवार का 70 साल के ऊपर के माता-पिता जो भी होंगे उन सबके इलाज की चिंता ये मोदी करेगा। ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,
सस्ते डेटा से भी आज मोबाइल फोन के बिना जिंदगी असंभव हो गई है। आईपैड के बिना काम नहीं हो सकता है। और डेटा बहुत खर्च होता है। अगर पहले वाली सरकार के समय के हिसाब से चलते तो कितना आपको बोझ होता? सस्ते डेटा से भी और खास करके मेरे नौजवानों को, गरीब और मिडिल क्लास परिवारों की हर महीने हजारों रुपयों की बचत हो रही है। इसी के बलबूते आज मेरे देश का युवा डेटा गवर्नेंस में, डेटा माइनिंग में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नए- नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। मिडिल क्लास से, सपनों का घर हर परिवार की इच्छा होती है। मध्यम वर्ग के परिवार की इच्छा होती है कि भाई अपना खुद का घर होना चाहिए। किराए में बच्चों को रहना पड़े ऐसा कोई पसंद नहीं करता है लेकिन वो बहुत मेहनत करके पैसे बचा करके किसी योजना में जाता था। किसी स्कीम लॉन्च कर दी, उसमें बुक करवा देता था, पैसे देता था और बाद में सब घपले महसूस होते थे। मध्यम वर्ग के परिवार को घर मिले, सुरक्षित घर मिले..उसने जो तय किया है वो घर मिले। इसके लिए देश में हमने कानून बनाया। रेरा का कानून और रेरा के कानून के कारण करोड़ों मध्यमवर्गीय परिवारों का सुरक्षा कवच बन गया है।

साथियों,
हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर काम कर रही है और मोदी उनको पूछता है जिनको पहले की सरकारों ने पूछा तक नहीं था। मैं आपको एक उदाहरण देना चाहता हूं आज और पुणे में आया हूं तो शायद यह बात बहुत आसानी से आप समझ पाओगे। हमारे शहरों में रेहड़ी, ठेले, फुटपाथ पर काम करने वाले साथी..ये कोई मोदी आया उसके बाद आए क्या? पहले भी थे। लेकिन इनमें ज्यादातर साथी गांव से आए हैं। एससी, एसटी, ओबीसी समाज से आए हैं। उसमें हमारी बहनें काम करती हैं, लेकिन देश का दुर्भाग्य देखिए, जिन गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया, लेकिन उन बैंकों में उनको पैर रखने की जगह नहीं थी। मोदी ने बैंकों के दरवाजे खोल दिए। रेहड़ी-पटरी वालों को फॉर्मल बैंकिंग से जोड़ने का काम किया। पीएम स्वनिधि योजना शुरू की। पुणे सहित देशभर में करीब 70 लाख ऐसे साथियों को 10,000 करोड़ रुपए से अधिक बिना गारंटी लोन मिल चुका है और ध्यान दीजिए, ये बिना गारंटी लोन दिया गया है और जिनकी गारंटी कोई नहीं लेता उन रेहड़ी-पटरी वाले भाई-बहनों की गारंटी मोदी लेता है। और यह सिर्फ वनटाइम लोन नहीं है। इससे ग्रोथ की उनके एस्पिरेशन जगी है। एक लोन चुकाते हैं तो फिर दोगुना नया लोन मिलता है और वो अपने छोटे बिजनेस को और बड़ा बनाते हैं। एस्पिरेशन का ग्रोथ, ये सही मॉडल है विकास का और यही बीजेपी का विकास का मॉडल है।

साथियों,
महाराष्ट्र ने लंबे समय तक राजनीतिक अस्थिरता का दौर देखा है और आज मुझे कुछ कहने से पहले और मैं जो बोलूंगा कोई अपने व्यक्तिगत सिर पर न ले ले टोपी। लेकिन हमारे यहां कहते हैं कि कुछ भटकती आत्माएं होती है। जिनकी इच्छाएं पूरी नहीं होती। जिनके सपने अधूरे रह जाते हैं। वो आत्माएं भटकती रहती हैं और फिर खुद का नहीं हुआ तो औरों का भी बिगाड़ने में उनको मजा आता है। हमारा महाराष्ट्र भी.. ऐसी भटकती आत्माओं का शिकार हो चुका है। आज से 45 साल पहले..यहां के एक बड़े नेता ने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए इस खेल की शुरुआत की और तब से महाराष्ट्र एक अस्थिरता के दौर में चला गया और कई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए। यह विपक्ष को ही अस्थिर नहीं करते। ये आत्मा कुछ भी कर देती है। वो अपनी पार्टी में भी ऐसा ही करते हैं और यह आत्मा ऐसा करती है, परिवार में भी कर देती है। 1995 में जब बीजेपी-शिवसेना की सरकार आई तो भी ये आत्मा उस सरकार को स्थिर करने के काम में लग गई और 2019 में तो उन्होंने जनादेश को ही इतना बड़ा अपमान किया वो महाराष्ट्र की जनता भली भांति जानती है और आज सिर्फ महाराष्ट्र को स्थिर करना ही आत्मा को संतोष नहीं होता है। देश में अस्थिरता पैदा करने का खेल चल रहा है। आज भारत को ऐसी भटकती आत्माओं से बचाकर के देश में एक स्थिर मजबूत सरकार की तरफ आगे बढ़ना बहुत जरूरी है दोस्तों.. और मैं तो चाहूंगा महाराष्ट्र में जो ये महायुति हमारी मजबूती के साथ ऐसे आगे बढ़े, ऐसे आगे बढ़े कि पिछले 25-30 साल की जो कमियां रही हैं, वो सारी कमियां पूर्ण करके विकसित भारत के सपने को ड्राइविंग इंजन देने का काम करें, शिंदे जी, देवेंद्र जी और अजित जी के नेतृत्व में।

साथियों,
बीजेपी-एनडीए सरकार महाराष्ट्र को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए काम कर रही है। लेकिन दूसरी तरफ..कांग्रेस और आघाड़ी वालों का उनका मॉडल क्या है? कांग्रेस के शहजादे को (अब मजा आया आपको..इसी इंतजार में घर से निकले थे क्या?) ये कांग्रेस के शहजादे को पूछो कि गरीबी कैसे हटती है, वो कहते हैं खटाखट-खटाखट। शहजादे को पूछो ग्रोथ कैसे होती है तो वो कहते हैं ठकाठक..ठकाठक। शहजादे को पूछोगे.. विकसित भारत बनाने का कोई प्लान है तो वो कहते हैं टकाटक-टकाटक।

साथियों,
दुनिया आज कह रही है कि इंडस्ट्री 4.0 को भारत लीड करेगा। लेकिन कांग्रेस भारत को लाइसेंस कोटा राज की तरफ धकेलने में जुटी है। कांग्रेस के शहजादे की बातें खतरनाक हैं। खुद कांग्रेस के लोग इनके कारण कांग्रेस छोड़-छोड़कर के निकल रहे हैं। नौजवान जिन्होंने जिंदगी के 15-20 साल महत्वपूर्ण वर्ष कांग्रेस को दिए वो आज कांग्रेस छोड़ कर निकल रहे हैं और आकर के एक बात कहते हैं। वो कहते हैं कांग्रेस को माओवादियों ने कब्जे में ले लिया है। एक समय था जब रेडियो खरीदना हो ना रेडियो तब लाइसेंस लेना पड़ता था। बिना लाइसेंस रेडियो नहीं रख सकते थे। क्या आप दुनिया को उस जमाने में ले जा सकते हैं क्या? ये लाइसेंस राज में देश को ले जा सकते हैं क्या? क्या हमें फिर से लाइसेंस राज चाहिए क्या देश में? भाइयों-बहनों मोदी का तो ड्रीम है.. मैं जो 2047 विकसित भारत की बात करता हूं ना। मेरी इच्छा क्या है, मैं बताता हूं। ये मेरे मेरे दिल में पड़ा हुआ है। एक मध्यम वर्ग और ऊपर के जो परिवार हैं उन परिवारों में से यह सरकार की किच..किच..किच..किच पूरी तरह बंद हो जानी चाहिए। सरकार उनकी जिंदगी से निकलनी चाहिए। इस सरकार की आदत हो गई है। हर किसी को टांग अड़ाओ, मैं इसमें से सरकारों को बाहर निकालना चाहता हूं और गरीब को जब जरूरत पड़े सरकार चौबीसों घंटे मौजूद होनी चाहिए। वरना आज ये कागाज लाओ वो कागज लाओ..फलाना लाओ ये करो.. वो करो क्या मतलब है भाई? कब तक ये मध्यम वर्ग के लोगों को परेशान करते रहोगे और मेरे मन की इच्छा है 2047 तक जब देश विकसित भारत बनेगा ये सारी किचपिच चली जाएंगी दोस्तों। आप जैसे परिश्रमी लोग, जो दिन-रात मेहनत करके अपना परिवार आगे बढ़ा रहे हैं। देश के विकास में योगदान दे रहे अब ये शहजादे की नजर आपकी मेहनत की कमाई पर पड़ी है। ये लोग अब कह रहे हैं कि आप जो वेल्थ क्रिएट करते हैं। आप जो कमाते हैं उसका एक्सरे करेंगे। आपके लॉकर का एक्स रे होगा। अंदर क्या पड़ा है? आपके घर का एक्‍सरे होगा, अंदर क्या पड़ा है? एक्सरे होगा कितनी गाड़ियां हैं? एक्स रे किया जाएगा। आपकी संपत्ति आपके पास जो स्त्रीधन होगा उसकी जांच होगी। आपके मंगलसूत्र की जांच होगी।

साथियों,

ये कांग्रेस के महाशय कह रहे हैं कि इनहेरिटेंस टैक्स लगाने की सोच रहे हैं। मतलब, आपने जो संपत्ति अर्जित की है। हिन्दुस्तान का हर मां-बाप.. उसके मन में इच्छा रहती है कि मैं जो कुछ भी कमाता हूं, कुछ न कुछ बचाऊ, ताकि मरने के बाद अपने संतानों को कुछ देकर के जाऊ। हर मां बाप ये चाहता है खुद खर्चा नहीं करता है। पैसे बचाता है अपने संतानों को देने के लिए। अब आप नहीं दे पाएंगे। आपके पास अगर दो घर हैं तो एक घर ये कब्जा कर लेंगे। दो गाड़ी है तो एक गाड़ी कब्जा कर लेंगे। खेत 10 एकड़ का है तो पांच एकड़ गया और आधे से अधिक 55% टैक्स लगा करके वो लूटने की बात कर रहे थे। यानी जीते जी तो लूटते हैं, मरने के बाद भी लूटने के खेल खेल रहे हैं। यानी आप कुछ तय नहीं करेंगे। सब कुछ कांग्रेस तय करेगी.. क्या 140 करोड़ का देश ऐसे चल सकता है क्या? क्या ऐसी चीजें हमें मंजूर हैं क्या? हम ऐसी चीजों को चलने देंगे क्या? ऐसे माओवादी प्लान सुनकर.. कौन यहां इनवेस्ट करेगा? कौन स्टार्टअप को लगाने की हिम्मत करेगा।

साथियों,

मोदि आज जो कुछ भी है। बाबा साहब अंबेडर ने जो संविधान बनाया है, उसके कारण एक गरीब का बेटा..आज प्रधानमंत्री बन पाया है। और कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहब का अपमान किया। वहीं मोदी के लिए बाबा साहब और उनका संविधान किसी ईश्वर से कम नहीं है। ये भाजपा ही है जिसने संविधान दिवस मनाना शुरू किया और जब पार्लियामेंट में मैं संविधान दिवस मनाने के लिए प्रस्ताव लेकर के आया, यह कांग्रेस पार्टी ने घोर विरोध किया। उन्होंने कहा, 26 जनवरी तो मना रहे हैं। संविधान दिवस मनाने की क्या जरूरत है? बाबा साहब अंबेडकर के प्रति उनके मन में क्या भाव है, इसका यह उदाहरण है। यह भाजपाई है, जिसने बाबा साहब से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया है। बाबा साहब की भावना के विरुद्ध जाकर अब कांग्रेस और इंडी अघाड़ी वाले संविधान के पीठ में छुरा भोंकने पर लगे हुए हैं।

साथियों,

जब हिंदुस्तान का संविधान बना। सारे विद्वान लोग उसमें बैठे थे और आरएसएस बीजेपी वाले उसमें नहीं थे। सारे लोग बैठे थे। कांग्रेस के महारथी बैठे थे और संविधान सभा ने महीनों तक चर्चा की और चर्चा करके तय किया कि भारत में कभी भी धर्म के आधार पर आरक्षण लागू नहीं होगा। यह हमारे देश के संविधान की मूल भावना है। लेकिन ये वोट बैंक में अंधे हो चुके लोग धर्म के आधार पर देश को बांटने वाले लोग आज धर्म के आधार पर एससी, एसटी, ओबीसी जिनको आरक्षण मिला हुआ है। संविधान के द्वारा मिला हुआ है, संसद के द्वारा मिला हुआ है, बाबा साहब अंबेडकर के कारण मिला हुआ है। अब उसमें डाका डाल कर के उसमें से निकाल कर के धर्म के आधार पर मुसलमानों को देने की योजना बना रहे हैं। क्या देश का कोई दलित आरक्षण के हक को छोड़कर के मुसलमानों को दे सकता है क्या? इस देश का कोई भी आदिवासी आरक्षण के हक को छोड़कर के मुसलमानों को दे सकता है क्या? इस देश का कोई भी ओबीसी आरक्षण का हक छोड़कर के मुसलमान को दे सकता है क्या? और उन्होंने कर्नाटक का एक मॉडल डेवलप किया है। ये कर्नाटक मॉडल क्या है? सुप्रीम कोर्ट ने उनको मना कर दिया। धर्म के आधार पर नहीं कर सकते हो। कांग्रेस को लताड़ा सुप्रीम कोर्ट ने उसके बाद नई चालाकी की। उन्होंने कर्नाटक में क्या किया रातों-रात सभी मुसलमानों को एक फतवा निकालकर ओबीसी बना दिया। सबको ओबीसी बना दिया। सर्कुलर निकाल दिया, ठप्पा मार दिया और जैसे ही वो रातोंरात ओबीसी बने सुबह ओबीसी के पास जो 27 परसेंट आरक्षण था उस पर डाका डालकर के आधे से ज्यादा माल वो खा गए। ओबीसी वाले सारे लटकते रह गए। मुझे बताइए भाइयों, क्या देश में चलेगा क्या ऐसा? ये इंडी अघाड़ी वाले जरा कान खोलकर सुन लो.. मोदी अभी जिंदा है। ये कान खोलकर के सुन लो, शहजादे जब तक मोदी जिंदा है, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होने देगा। यह देश नहीं होने देगा और जो ये मंसूबे रखते हैं उनको हमेशा-हमेशा के लिए ये देश राजनीति के नक्शे से मिटा देगा जी। जब तक मोदी है, इंडी अघाड़ी वालों की सारी साजिशें नाकाम वो करता रहेगा।

साथियों,

कांग्रेस शासन की एक और पहचान रही है। आतंकवादियों को खुली छूट, हम कैसे भूल सकते हैं वो समय जब आए दिन देश में आतंकी हमले और बम ब्लास्ट होते थे। आतंकियों ने महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे को लहूलुहान कर दिया था। जर्मन बेकरी के सामने क्या हुआ था? साथियों, हमारे महाराष्ट्र में तो जब बाहर निकलते हैं ना तो क्या कहते हैं ये तो..ये तो.. नहीं आऊंगा ऐसा नहीं कहते। जाता है, फिर कहता है ये तो। जाता-वाता नहीं कहते। लेकिन कांग्रेस-इंडी अघाड़ी के राज में क्या गारंटी है ये तो कहने के बाद गया हुआ बेटा घर जिंदा लौट कर आएगा कोई गारंटी नहीं? 10 साल पहले हिंदुस्तान में आतंकी हमले होते थे कि नहीं होते थे। मुंबई में आए दिन बम धमाके होते थे कि नहीं होते थे। काशी में बम धमाके होते थे कि नहीं होते थे। अयोध्या में बम धमाके होते थे कि नहीं होते थे। आज बंद हुए कि नहीं हुए दोस्तों आज बंद हुए कि नहीं हुए, जो यहां पड़ोस में से ये धमाके करने की आदत हो गई थी ना और जो आतंकवादी भेजते थे। उनको आज आटे के लाले पड़ रहे हैं। और यह मोदी है घर में घुस करके मारेगा। ये पीएफआई के लोग आतंकी साजिश करने वाले लोग बहुत बड़ा संगठन..शस्त्रों की ट्रेनिंग, आए दिन देश में धमाके करते रहना उस पीएफआई पर हमने प्रतिबंध लगा दिया। उनके बड़े-बड़े तीसमार खां जेलों में सड़ रहे हैं और ये कांग्रेस वाले चुनाव वोट के लिए उनका सहयोग लेने केरल पहुंच गए जी। क्या ऐसे लोग आपको सुरक्षा दे सकते हैं क्या? ऐसे लोग आपका भला कर सकते हैं क्या? कांग्रेस और इंडी अघाड़ी के ये तुष्टीकरण के कारण आतंकवाद से देश में हाहाकार मचने लगा तो कांग्रेस ने एक और गहरी साजिश रची। पुणे की धरती इसकी साक्षी है। कांग्रेस ने सारा दोष.. निर्दोष हिंदुओं पर मढ़ने के लिए भगवा आतंकवाद की थ्योरी गढ़ दी थी। इन लोगों ने निर्दोष हिंदुओं को जेल में डालकर प्रताड़ित किया था। कांग्रेस ने वो 26/11 मुंबई हमले का लांछन भी पवित्र भगवा पर लगाने की तैयारी कर रखी थी। कांग्रेस वाले तो भगवा को आतंकी कहने वाली किताबें तक छाप करके बैठे थे। ये वो लोग हैं जब आतंकवादी यासीन भटकल पकड़ा जाता है तो उसके पक्ष में बयानबाजी करते हैं, ये वो लोग हैं जो आतंकी याकूब मेमन को फांसी रुकवाने के लिए आधी रात को न्यायालय तक खुलवा देते हैं।

साथियों,

यह समय भारत का है। वो वक्त चला गया। सदियों पुराने सपने पूरा करने का सामर्थ्य हम रखते हैं दोस्तों। 500 साल पुराना सपना, कितनी पीढ़ियां चली गईं लाखों लोग शहीद हुए प्रभु राम का मंदिर बनाने के लिए, आज अयोध्या में रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हैं कि नहीं है। क्या देश आजाद हुआ उसके दूसरे दिन काम होना चाहिए था कि नहीं होना चाहिए था। लेकिन इनको वोट बैंक की राजनीति और आप देखिए, अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला, उसको भी ठुकरा दिया।

साथियों,

इस देश में ये जितनी बातों को लेकर के कांग्रेस ने देश को गुमराह किया इतने सालों तक, अब देश सपने भी लेकर के चलता है। संकल्प लेकर के भी चलता है। और साथियों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। आपके सपने यह मोदी का संकल्प है। मेरा पल-पल आपके नाम मेरा पल-पल देश के नाम.. मेरा भारत-मेरा परिवार और आपके लिए 24/7, आपके लिए 24/7 फोर 2047 ये मोदी की गारंटी है। हमारे मुख्यमंत्री शिंदे जी तो लंबे समय से एनडीए के साथी रहे। देवेंद्र फडणवीस जी के पास भी बेहतरीन अनुभव है और अब अजित दादा हो या राज ठाकरे जी हो, ये सभी हमारे साथ जुड़ गए हैं। ये जो महायुति बनी है। एक विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र बनाने के लिए बनी है और इसलिए पुणे में भाई मुरलीधर मोहोल जी, बारामती में बहन सुनेत्रा ताई पवार जी, शिरूर से शिवाजीराव पाटील जी और मावल से श्रीरंग बार्ने जी। हर पोलिंग बूथ में इनको विजयी बनाना है। हर पोलिंग बूथ में विजयी बनाएंगे। पहले के वोटिंग के सारे रिकॉर्ड तोड़ेंगे। सबसे ज्यादा वोटिंग हो इसके लिए प्रयास करेंगे। कितनी ही गर्मी क्यों न हो, मतदान ज्यादा करेंगे। मतदान दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाएंगे। पूरे गांव में बूथ में फेस्टिवल का वातावरण बना देंगे। पहले मतदान, फिर जलपान। पहले मतदान, फिर जलपान। याद रखोगे? इन सभी साथियों को.. आप जो वोट देंगे ना वो वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। आपका एक-एक वोट मोदी को मजबूत करेगा। तो आप मतदान भारी मात्रा में करेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे, पक्का करेंगे। घर-घर जाइएगा और हर घरों में जाकर के कहिएगा कि मोदी जी पुणे आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। जय श्री राम कहा है मेरा जय श्री राम पहुंचा देंगे, मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। आपके मोबाइल फोन का फ्लैशलाइट चालू कीजिए..आपके मोबाइल का फ्लैशलाइट चालू कीजिए और इन सबको विश्वास दीजिए कि आप भारी मतदान कराएंगे। मेरे साथ बोलिए

भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की..

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।