We will get bigger success in this Lok Sabha polls than in 2019 in Bengal, says PM Modi
TMC goons threatening women in Sandeshkhali to protect culprits, says PM Modi in Bengal
Parties like TMC don’t care about your faith; they only care about appeasing: PM Modi in Hooghly

भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय

हुगली बाशी देर के आमर नोमोश्कार जानाई।
हुगली सोमोशतो शक्ति स्वरूपा माँ बोनेदेर आमार प्रणाम !
यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं बहनें भी आई हैं। मैं आप सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं।

साथियों,

2024 का ये चुनाव देश का नेतृत्व चुनने का चुनाव है और देश का आशीर्वाद सिर्फ भाजपा के साथ है। देश का भरोसा, देश का आशीर्वाद, भाजपा पर, कमल पर और मोदी पर है। देश ने 10 साल में देखा है कि मोदी की मजबूत सरकार ही देशहित में है, जनहित में है।

भाइयों-बहनों

तीन चरण के चुनाव पूरे हो चुके हैं। चौथे चरण के चुनाव का मतदान कल होने वाला है। तीन चरण के चुनाव से मैं विश्वास से कह सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी और एनडीए 400 पार करके ही रहेंगे। अब 400 पार यह नारा नहीं है कि देश के कोटि-कोटि लोगों का संकल्प बन गया है। और पहले तीन चरण में अभूतपूर्व समर्थन देने के लिए मैं सभी मतदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

भाई और बहनों

बीजेपी-एनडीए को तो 400 पार आप करा ही देंगे। लेकिन इस चुनाव में लिखकर रखिए, यह कांग्रेस के शहजादे है ना, उनकी जितनी उम्र है कांग्रेस को उससे भी काम सीटें मिलने वाली है।

साथियों

यह जो मूड है इसे साफ है कि अपने दमदार सरकार बनाई तो भारत का दम पूरी दुनिया में दिख रहा है। तभी पश्चिम बंगाल का हर मतदाता कह रहा है-
आबार एकबार, मोदी शोरकार !
आबार एकबार, मोदी शोरकार !
आबार एकबार, मोदी शोरकार !

भाइयों और बहनों,

सामान्य तौर पर हमारे परिवार में जो बड़ा होता है...उसकी इच्छा होती है कि वो मरने के बाद बच्चों को कोई तकलीफ ना हो, बच्चे दुखी ना हों, बच्चे मुसीबत में ना पड़ें। इसलिए परिवार का जो मुखिया होता है, वो परिवार के बच्चों के लिए कुछ छोड़कर जाना चाहता है। अपने वारिस को कुछ देकर जाना चाहता है। लेकिन मोदी के वारिस कौन हैं भाई? मोदी के वारिस कौन है? मुझे किसके लिए छोड़ना है। मेरे वारिस तो आप सभी मेरे देशवासी हैं। आप ही मेरा परिवार है। आप ही मेरे वारिस हैं। आपके अलावा इस दुनिया में मेरा कुछ भी नहीं है। और इसलिए मैं भी जैसे परिवार का मुखिया अपने बच्चों के लिए कुछ छोड़कर के जाना चाहता है। वैसे मैं भी मेरे परिवार के सब बच्चों के लिए विकसित भारत बना करके उनके हाथ में देना चाहता हूं। विकसित भारत उनके हाथ में देकर जाना चाहता हूं। वहीं दूसरी तरफ TMC को देखिए...और पार्टियों को देखिए वो देश की जनता को और आपको सिर्फ लूटने में लगी हैं। ये अपने वारिसों के लिए बंगले बना रहे हैं, महल बना रहे हैं। तो मोदी भी तो कम नहीं है। अगर वो अपने वारिस के लिए बना रहे हैं तो मैं भी तो मेरे वारिस के लिए बना रहा हूं। और मैं मेरे वारिस के लिए क्या बना रहा हूं। अब तक मैंने मेरे वारिस गरीबों के चार करोड़ पक्के घर बना दिए। मुझे वारिस को कुछ देना चाहिए ना। 3 करोड़ पक्के घर और बनाने वाला हूं।

मोदी...हर घर जल मिशन चला रहा है। मोदी...हर गरीब को मुफ्त राशन दे रहा है। मोदी...अपनी बहनों-बेटियों का जीवन आसान बना रहा है। आज करोड़ों महिलाओं के पास उज्जवला का सस्ता सिलेंडर है। आज हर गर्भवती महिला को 6 हजार रुपए की मदद मिलती है, ताकि उसके पोषण में कमी ना हो और गर्भ में जो बच्चा पल रहा है, दुर्बल ना हो। मोदी ने कामकाजी गर्भवती महिलाओं की छुट्टी भी बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दी है।

साथियों,

अब मोदी एक बहुत बड़ी गारंटी लेकर आया है। मोदी देश की 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाना चाहता है। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी बहनों को हम नई-नई ट्रेनिंग देकर, आत्मनिर्भर बना रहे हैं। मैंने नमो ड्रोन दीदी योजना से बहनों को ड्रोन पायलट बनाने का काम भी शुरू किया है। इससे खेती में आप जैसी बहनें ड्रोन क्रांति की लीडर बन रही हैं।

साथियों,

बहनों की एक बड़ी चिंता बिजली के बिल को लेकर होती है। यहां दो सज्जन दो कोने में चित्र बनाकर लाए हैं और कब से हाथ ऊपर करके खड़े हैं। आपका हाथ दुख जाएगा। लेकिन आप इतने प्यार से लाए हैं और वह भी मेरी मां का चित्र बना कर लाए हैं। पश्चिम की दुनिया आज मदर्स डे मानती है। हम भारत के लोग तो 365 दिन मां की पूजा करते हैं। दुर्गा मां की पूजा करते हैं। काली मां की पूजा करते हैं और भारत माता की भी पूजा करते हैं। मैं एसपीजी के लोगों को कहूंगा कि ये जो दो सज्जन बनाकर लाए हैं, आप उसके पीछे अपना नाम और पता लिख दीजिए। मैं जरूर आपको चिट्ठी भेजने का प्रयत्न करूंगा। तुरंत तो नहीं होगा। थोड़ा दिन के बाद करूंगा। आप दोनों का मेरी तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद। बहुत-बहुत धन्यवाद।

मोदी आपके लिए एक ऐसी योजना लेकर आया है...जिसमें डबल मुनाफा है। बताइए ये आपको डबल मुनाफे वाली चीज चाहिए क्या। मोदी आपकी बिजली का बिल जीरो करना चाहता है और दूसरा आप बिजली बेचकर पैसे भी कमा सकेंगे। होम इंडस्ट्री चला सकें। मोदी ऐसे डबल मुनाफे वाली स्कीम लेकर आया है। ऑनलाइन रजिस्ट्री चालू है। आप ऑन लाइन रजिस्ट्री शुरू कर दीजिए। ये योजना है...पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना। मोदी सरकार आपको घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए 75 हजार रुपए तक देगी...फिर आप बिजली बनाएंगे, घर में जीरो बिजली से उपयोग करेंगे। और अतिरिक्त बिजली है वो बेच करके कमाई करेंगे। यानि डबल मुनाफा और अगर कोई परिवार, मिडिल क्लास का परिवार ट्रिपल मुनाफा लेना चाहता है तो भी मैं तैयार हूं। मैं बताऊं, ट्रिपल मुनाफा कैसा? डबल मुनाफे के साथ-साथ देखिए। आज आपको स्कूटी में स्कूटर में कार में पेट्रोल-डीजल का खर्चा होता है। अगर आपके पास इलेक्ट्रिक व्हीकल है, तो यह जो बिजली पैदा होगी ना घर में, उस बिजली से आप अपना स्कूटी, स्कूटर और मोटर उसको चार्जिंग भी कर सकते हैं और आपको कोलकाता में कहीं भी जाना है तो मुफ्त में आपका ट्रैवलिंग भी हो जाएगा। पेट्रोल का बिल भी जीरो हो जाएगा।

साथियों,

विकास के लिए भाजपा के प्रयासों के बीच...TMC अपने काम में बिजी है। TMC का काम क्या हैं, उसके नेताओं का काम क्या है- गोंडोगोल ओ जोमी दखोल! यहां माफिया राज चल रहा है। मोदी कहता है- हर घर जल...TMC कहती है- हर घर बम...कुछ दिन पहले ही...बम फट गया और बच्चों का जीवन चला गया। माताओं-बहनों-बेटियों का तो यहां जीवन मुश्किल हो गया है। संदेशखाली में ये क्या कर रहे हैं, ये पूरा देश देख रहा है। TMC संदेशखाली में हर हथकंडा इस्तेमाल कर रही है। लेकिन मैं आप सभी को गारंटी देता हूं... TMC का कोई भी अत्याचारी बच नहीं पाएगा।

साथियों,

TMC ने बंगाल के युवाओं के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात किया है। TMC ने बंगाल के युवाओं का भविष्य बेच दिया...TMC ने बंगाल के गरीब मां-बाप के सपने बेच दिए...TMC के पेपरलीक और भर्ती माफिया ने सबको तबाह कर दिया है। आज देखिए, इनके बड़े-बड़े नेता, इनके बड़े-बड़े मंत्री और मुख्यमंत्री जी के खास सिपाहसलार जेल में पड़े हैं कि नहीं पड़े हैं। उनके नेताओं के घरों से नोटों के पहाड़ निकले हैं, पहाड़। इस विश्वासघात की आप TMC को सजा देंगे...या नहीं देंगे? कड़ी से कड़ी सजा देंगे। बराबर से देंगे। क्या TMC को बंगाल में एक भी सीट जीतने का हक है क्या। उनकी सारी सीटों पर पराजित करेंगे। सबको घर भेज देंगे क्या।

भाइयों और बहनों,

हमारे किसान हों या नौजवान...ये विकसित भारत की बहुत बड़ी ताकत है। पीएम किसान सम्मान निधि से करीब 350 करोड़ रुपए हुगली जिले के किसानों के खाते में जमा हुए हैं। अब भाजपा ने आलू और प्याज़ किसानों के लिए बहुत बड़ी घोषणा की है। हम पूरे देश में इन सब्जियों के लिए विशेष क्लस्टर बनाने जा रहे हैं। इसका सीधा लाभ यहां के किसानों को होगा।

साथियों,

आज रेलवे को लेकर इतना काम हो रहा है। यहां देश की पहली अंडर-वॉटर मेट्रो भी बन गई। अंडर-वॉटर मेट्रो बन गई देश की पहली। यहां पोर्ट से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी मोदी भरपूर मदद दे रहा है। लेकिन यहां इन्वेस्टमेंट लाने के लिए, नौकरी लाने के लिए भाइयों और बहनों ये TMC वालों की कट कंपनी कमिशन कंपनी रूकावटें पैदा करती है। उनको जरा सबक सिखाने के लिए चुनाव है।

भाइयों-बहनों

ये TMC को सबक सिखाने का काम कौन करेगा? ये TMC को सबक सिखाने का काम कौन करेगा? ये TMC को सबक सिखाने का काम कौन करेगा? ये काम आपका एक वोट करेगा। आपका एक वोट TMC को सीधा करने की ताकत रखता है। और TMC को सीधा करने की-एटा मोदिर गारंटी।

भाइयों और बहनों,

किसी जमाने में ये जूट की राजधानी, उद्योगों की राजधानी थी। लेकिन पहले कांग्रेस- वाम और फिर TMC ने मिलकर सब तबाह कर दिया। आज भाजपा मेक इन इंडिया पर बल दे रही है। लेकिन TMC ब्रेक इन इंडिया का नारा लगा रही है। TMC समाज को तोड़ रही है, कानून को तोड़ रही है, एकता को तोड़ रही है।

साथियों,

ये धरती रामकृष्ण परमहंस और लाहिड़ी महाशय के व्यक्तित्व से प्रेरणा पाती है। लेकिन तुष्टिकरण की जिद में कांग्रेस और TMC जैसी पार्टियां आपकी भावनाओं की भी परवाह नहीं कर रहीं। यह कैसी पार्टियां हैं, आप कल्पना कर सकते हैं। यह दल इतने वोट के वह भूखे हैं और वोट बैंक से इतने दबे हुए हैं कि यह लोग राम मंदिर बनने पर बहुत गुस्से में हैं। जय श्री राम, जय श्री राम, जय श्री राम। राम मंदिर बना तो इनकी नींद उड़ गई और यह ऐसा अनाप-शनाप बोल रहे हैं। इन लोगों ने राम मंदिर का भी बहिष्कार किया हुआ है। अरे 500 साल तक जिस राम मंदिर के लिए हम सब के पूर्वजों ने संघर्ष किया। हमारे पूर्वजों की आत्मा आपके करनामें देख रही है और यह टीएमसी-कांग्रेस वाले कम से कम आपके पूर्वजों के त्याग, तपस्या और बलिदान उसका तो अपमान मत करो। अपने देश की विरासत का बहिष्कार। भगवान राम का बहिष्कार। यह बंगाल की संस्कृति नहीं है। मेरा बंगाल ऐसा नहीं है। मां-माटी-मानुष की बात करने वाली पार्टी, आज वोट बैंक के लिए बंगाल का भी अपमान कर रही है, अपनी विरासत का भी अपमान कर रही है।

साथियों,

ये चुनाव पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश का भविष्य तय करेगा। इस चुनाव में, ये बहुत महत्वपूर्ण है कि आपका कीमती वोट बर्बाद ना हो। TMC आज इतनी सीट लड़ ही नहीं रही कि वो सरकार तो क्या विपक्ष में भी कुछ नहीं कर सकती है। कांग्रेस या लेफ्ट को वोट देने से भी आपका वोट बर्बाद ही होगा। सिर्फ BJP को दिया गया आपका वोट ही देश में एक मजबूत, स्थिर सरकार बना सकता है। इसलिए, हुगली से बहन लॉकेट चटर्जी... और श्रीरामपुर से कबीर शंकर बोस जी को आपको रिकॉर्ड वोटों से जिताना है।

ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे। सब के सब पोलिंग बूथ जीतेंगे। दोनों लोकसभा जीत करके कमल मुझे भेजेंगे। आप इनको वोट देंगे ना तो वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। मेरा काम करेंगे। मेरा पर्सनल काम है करेंगे। वैसे नहीं पूरी ताकत से बताओ, तो बोलूं। मेरा काम करेंगे, पक्का करेंगे। देखिए आप ज्यादा से ज्यादा घरों में जाइएगा। ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाइएगा और वहां जाकर सबको कहना, मोदी जी आए थे। मोदी जी ने आपको जय श्री राम कहा है। मेरा जय श्री राम पहुंचा देंगे, मेरा जय श्री राम पहुंचा देंगे। अगर एसपीजी वाले हैं तो, ये तस्वीर हमारी माताओं-बहनों से ले लीजिए, कब से परेशान हो रही हैं। मैं आपका बहुत आभारी हूं। आपने इतनी मेहनत करके चीज बनाई है। उसे मेरे साथी आपसे ले लेंगे।
भारत माता की जय
भारत माता की जय
वंदे मातरम्
वंदे मातरम्
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!