काँग्रेस आणि त्यांच्या मित्रपक्षांनी देशाची 60 वर्षे वाया घालवली: पंतप्रधान मोदी बिहारच्या चंपारणमध्ये
नेहरूंपासून राजीवजींपर्यंत, या कुटुंबातील सर्व पंतप्रधानांनी ओबीसी आरक्षणाला विरोध केला: पंतप्रधान चंपारणमध्ये

रउआ लोगन के हमार प्रणाम पहुंचे!

चंपारण की ये धरती प्रेरणा की धरती है। आपका ये स्नेह...आपका ये उत्साह...ये आशीर्वाद...ये दिखा रहा है कि छठे और सातवें चरण में देश में क्या होने जा रहा है। अभी कल ही पहले पांच चरण का चुनाव पूरा हुआ है। पहले चरण में इंडी गठबंधन पस्त हो गया था। इसके बाद के चरणों में इंडी गठबंधन ध्वस्त हुआ...और अब कल...इंडी गठबंधन पूरी तरह परास्त हो चुका है। खुद को जनता का माई-बाप समझने वाले...इन्हें जनता ऐसी करारी हार देगी...कि दुनिया देखती रह जाएगी।

साथियों,

21वीं सदी का भारत, इंडी गठबंधन के पापों के साथ आगे नहीं बढ़ सकता। इसलिए, हर चुनाव में कांग्रेस-RJD जैसे दलों पर जनता जोर का प्रहार कर रही है। 4 जून को इंडी वालों के इरादों पर सबसे बड़ा प्रहार होगा...ये प्रहार होगा...देश में भ्रष्टाचार पर... ये प्रहार होगा...तुष्टीकरण की राजनीति पर...ये प्रहार होगा...टुकड़े-टुकड़े गैंग पर... ये प्रहार होगा...समाज को लड़ाने वाली गंदी सोच पर... ये प्रहार होगा...सनातन को गाली देने वाली विकृत मानसिकता पर...ये प्रहार होगा...अपराधी माफिया, जंगलराज पर...ये प्रहार होगा...महिला विरोधी मानसिकता पर।

साथियों,

यहां चंपारण में पूज्य बापू ने सत्याग्रह और स्वच्छाग्रह का प्रयोग किया था। आजादी के बाद इसी से प्रेरणा लेकर कांग्रेस को देश में सफाई के लिए आंदोलन शुरू करना चाहिए था। पुज्य बापू की स्वच्छता को लेकर जो अपेक्षा थी, देश में स्वच्छता एक संस्कार बना कर बापू को सबसे बड़ी श्रद्धआंजलि देने का उनलोगों को अवसर मिला था। लेकिन उन्होंने सत्ता में आने के पहले दिन ही बापू को पूरी तरह छोड़ दिया। बापू के विचारों को छोड़ दिया। बापू के आचारों को छोड़ दिया। बापू के आदर्शों को छोड़ दिया। उन्होंने अपना सारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ एक परिवार को बढ़ाने पर लगा दिया। कांग्रेस और उसके साथियों ने मिलकर देश के 60 साल बर्बाद कर दिए। तीन-तीन, चार-चार पीढ़ियों का जीवन तबाह कर दिया। आजादी के 60-70 साल बाद जब आपने एक गरीब मां के बेटे को आपकी सेवा करने का अवसर दिया। और 60-70 साल बाद जब मोदी आया...तब घर-घर शौचालय पहुंचा...मैं गरीब मां का बेटा हूं, इसलिए मुझे पता है शौचालय जैसी सुविधा ना होने से कैसे दिन काटना पड़ता था। या तो सुबह सुर्योदय के पहले जाओ या तो सूरज ढलने तक इंतजार करो और इसके कारण मेरी माताओं-बहनों के शरीर के स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर परिणाम होते थे। लेकिन उनको शौचालय की जरूरत गरीब को क्यों है ? शौचालय की जरूरत मेरी मां बहन को क्यों है, इसकी समझ तक नहीं थी भाइयों। आजादी के 60-70 साल बाद जब मोदी आया...तब हर घर में बिजली पहुंची...ये मोदी है जिसने हर घर में गैस पहुंचाने का बीड़ा उठाया...ये मोदी है जो हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए इतनी मेहनत कर रहा है। कांग्रेस और RJD जैसे उसके साथियों ने आपको सिर्फ तरसा कर रखा। गरीब और गरीब होता रहा। इन 60 सालों में इन लोगों ने बड़े-बड़े महल बना लिए। स्विस बैंक में अकाउंट खुल गए। आपके पास पेट भरने को अन्न नहीं था। लेकिन इन लोगों की तिजोरी में नोटों की गड्डियों की गड्डियां, नोटों के पहाड़...उनकी अलमारियां नोटों से भरी रहती हैं। आपके बच्चों के पास पढ़ने के लिए स्कूल नहीं था...लेकिन इनके बच्चे विदेशों में जाकर पढ़ते रहे...गरीब परेशानी में था, मुश्किल में था...लेकिन इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था।

साथियों,

देश में गरीब की पूछ तब शुरू हुई...जब गरीब का ये बेटा प्रधानमंत्री बना। पिछले 10 साल में मोदी का बहुत समय पिछली सरकारों के गड्ढे भरने में निकला है। जो काम 10 वर्षों में हुआ है, अब उससे ज्यादा काम अगले 5 साल में होगा और ये मोदी की गारंटी है। और इसलिए साथियों, मुझे केंद्र में एक बहुत मजबूत सरकार चाहिए और मजबूत सरकार...मोदी और उसके परिवार को मजबूत बनाने के लिए नहीं, मजबूत सरकार आपके बच्चों के भविष्य के लिए, मजबूत सरकार, आपके सपनों को पूरा करने के लिए...इसलिए मैं पुज्य बापू की जन्मभूमि गुजरात से...पुज्य बापू की कर्मभूमि में आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं। तो फिर मेरे साथ बोलिए...फिर एक बार...मोदी सरकार !

साथियों,

मैं हिंदुस्तान के कोने-कोने में जा रहा हूं। जनता-जनार्दन के दर्शन करने के लिए जा रहा हूं। 10 साल के मेरे कामकाज का हिसाब देने जा रहा हूं। और जहां भी गया हूं, एक ही स्वर सुनाई दे रहा है। एक ही मंत्र सुनाई दे रहा है। एक ही गूंज सुनाई दे रही है- फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार...अबकी बार... अबकी बार...4 जून.....

भाइयों और बहनों,

जो लोग चांदी का चम्मच लेकर पैदा होते हैं...उन्हें पता नहीं होता कि मेहनत क्या होती है। मैंने सुना है...कि यहां कोई घूम-घूम कर कह रहा है...कि 4 जून के बाद मोदी को bed rest देगा। मैं तो परमात्मा से यही प्रार्थना करता हूं। मेरी तो ये कामना है कि देश के किसी भी नागरिक के जीवन में bed rest की नौबत नहीं आनी चाहिए। देश का हर नागरिक ऊर्जा से भरा हुआ हो और उत्सव से भरी जिंदगी जीता हो। लेकिन जंगलराज के वारिस से और अपेक्षा भी क्या की जा सकती है? और ये सब ऐसे ही आपने देखा होगा की कांग्रेस वाले क्या कहते हैं, मोदी तेरी कब्र खुदेगी। मोदी तेरी कब्र खुदेगी। इनका एक काउंटर पार्ट है उत्तर प्रदेश में...उत्तर प्रदेश का शहजादा क्या कहता है। अब मोदी के आखिरी दिन बनारस में इसलिए उन्होंने बनारस में अंतिम गृह की व्यवस्था की है।

साथियों,

इस चुनाव में इन लोगों के पास मोदी को गाली देने के सिवाय कोई मुद्दा ही नहीं है। कोई कह रहा है कि मोदी की कब्र खोदेंगे...कोई कह रहा है कि मोदी को गाड़ देंगे...कांग्रेस के शहजादे मोदी की आंखों में आंसू देखना चाहते हैं। अरे इंडी वालों! अपनी मनमानी से, आपकी इच्छा से अब देश नहीं चलता। इंडी वालों की आंखों में भले ही मोदी खटकता हो...लेकिन देश के दिल में मोदी है...हर दिल में मोदी है ! और हर दिल एक ही बात कह रहा है- फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार।

भाइयों और बहनों,

4 जून को हार सामने देख, इंडी गठबंधन वालों की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। अब ये मोदी की योजनाओं पर सवाल उठा रहे हैं...मोदी गरीबों को मुफ्त राशन क्यों दे रहा है?

भाइयों-बहनों

इन लोगों ने भारत देखा ही नहीं है। मैं हिंदुस्तान के अनेक जिलों में रात्रि मुकाम करके आया हूं। मैंने हिंदुस्तान का कोना कोना छाना हुआ है। और मैंने तय किया है कि गरीब के घर का चूल्हा कभी बुझने नहीं दुंगा। रात को जब बच्चे भूखे पेट सोते हैं तो उस मां पर क्या बीतती है। इसका मुझे पता है और इसलिए मोदी गरीब को मुफ्त राशन देता है, देता रहेगा। ये कहते हैं, मोदी गरीब मां को पक्के घर क्यों दे रहा है? वो तो पीढ़ियों से ऐसे रहते ही थे भाई। मोदी गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा क्यों दे रहा है?

भाइयों और बहनों,

मैं जानता हूं, गरीब के परिवार में...मध्यम वर्ग...के परिवार में जब कोई मां बीमार हो जाती है। तो परिवार में किसी को पता नहीं चलने देती की उसे पीड़ा हो रही है, उसे दर्द हो रहा है। वो छिपाती है क्यों...क्योंकि उसके मन में रहता है कि कहीं डॉक्टर से पास जाऊं और खर्चा बड़ा हो जाए। और बच्चों पर कर्ज आ जाए, तो मुझे ये नहीं करना है, मैं पीड़ा सह लूंगी, कुछ दिन में अपने आप ठीक हो जाएगा। और नहीं हुआ तो जिंदगी कितनी जीनी है। हमारे देश में माताएं-बहनें बीमारी में दर्द सहती हैं, परिवार को भी बताती नहीं हैं। क्यों...क्योंकि कहीं बीमारी का खर्च बच्चों को कर्ज में डूबो ना दे। मोदी हर मां की उस पीड़ा को जानता है, मोदी हर मां की उस भावना को समझता है। इसलिए मोदी ने तय किया कि अब मेरे देश की किसी मां बहन को दर्द छिपाने की जरूरत नहीं है। अस्पताल के बिल की चिंता मत करो मां…तुम्हारा एक बेटा दिल्ली में बैठा है। तुम्हारी बीमारी का खर्च अब तुम्हारा बेटा उठाएगा। अरे भाई...मोदी तो गरीब की सेवा के लिए ही तो पैदा हुआ है...मोदी, गरीब के लिए ही तो काम करेगा।

भाइयों और बहनों,

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना हो...राम मंदिर का निर्माण हो...अब ये कैसे लोग हैं ।प्रभु राम लला का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम, भव्य राम मंदिर का निर्माण, ये मंदिर वालों ने उनके घर जाकर निमंत्रण दिया, उन्होंने निमंत्रण ठुकरा दिया। ये ऐसे लोग हैं कि एक इंसान जिसपर अदालत ने चोरी करने के गुनाह में सजा की है। जो जेल काट रहा है। बीमारी के कारण घर आने का अवसर मिला है। उसके घर जाकर के बढ़िया-बढ़िया खाना पकाकर खाने की फुर्सत है और राम लला के यहां जाने की फुर्सत नहीं है। मोदी ने दशकों-सदियों के मुद्दे खत्म किए हैं...समाधान दिए हैं। मोदी इन लोगों की तरह नहीं है जो गरीब के साथ विश्वासघात करे। मैं तो जहां जाता हूं अपने काम का रिपोर्ट कार्ड देता हूं...मैं इंडी गठबंधन वालों से पूछता हूं...भई ये बताओ, तुम्हारा रिकॉर्ड क्या है? जो लोग...नौकरी के बदले जम़ीन अपने नाम लिखवा लें...वो युवाओं के बारे में सोच सकते हैं क्या? वो युवाओं का भविष्य बना सकते हैं क्या। जिनके जंगलराज में सिर्फ बम-बारूद और कट्टों का कारोबार फला-फूला...जिनके जंगलराज में भू-माफिया ही फले-फूले...जिन्होंने बिहार को अपहरण और फिरौती की इंडस्ट्री दी...वो कभी बिहार का भला नहीं कर सकते। नीतीश जी ने जिस मेहनत से बिहार को उन स्थितियों से बाहर निकाला है...वो बहुत सराहनीय है। आज हमारे मित्र सुशील मोदी जी, हमारे बीच नहीं हैं...इतिहास जब अवलोकन करेगा तो नीतीश जी और सुशील जी का नाम जंगलराज को समाप्त करने वालों में गिना जाएगा।

साथियों,

बिहार ने दशकों तक पलायन का दौर देखा है। लेकिन NDA सरकार के प्रयासों से अब पलायन रुक रहा है...बिहार के युवाओं को यहीं पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। आप मुझे बताइए...चंपारण में केंद्रीय विश्वविद्यालय बना है...खेती के लिए रिसर्च सेंटर बना है...सरदार पटेल सहकारी प्रशिक्षण संस्थान बना है...सिलेंडर का प्लांट लगा है...इफ्को बाजार बने हैं...ये सबकुछ क्या अपने आप चल रहे हैं। इनमें रोजगार नहीं मिला? यहां इतना बड़ा डेयरी प्लांट बना है। इससे हज़ारों पशुपालकों की, माताओं-बहनों की आय बढ़ी है। इसमें किसी को रोजगार नहीं मिला है क्या? ये जो पुल बन रहे हैं...हाईवे बन रहे हैं...रेलवे स्टेशन आधुनिक हो रहे हैं...ये बिना किसी को रोज़गार दिए बन रहे हैं? क्या जादुई चिराग से बनते हैं क्या।

भाइयों और बहनों,

जंगलराज वालों ने आजकल आरक्षण और संविधान पर जबरदस्त झूठ बोलने का अभियान चलाया है। सच्चाई ये है कि बाबासाहेब अम्बेडकर न होते तो नेहरू जी, SC/ST को आरक्षण नहीं मिलने देते। उन्होंने तो मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिख कर विरोध किया था, नेहरू जी ने...नेहरू जी से लेकर राजीव जी तक...इस परिवार के जितने प्रधानमंत्री हुए...सबने ओबीसी आरक्षण का विरोध किया। कांग्रेस ने गरीब-SC/ST/OBC, महिला हर किसी को धोखा दिया है। इसलिए आज सिर्फ एक ही वोट बैंक उनके पास बचा है।अब इस वोट बैंक को खुश करने के लिए...SC/ST/OBC का आरक्षण, धर्म के आधार पर आपसे छीन करके वोट जिहाद वालों को देना चाहते हैं। संविधान क्योंकि इसकी इजाजत नहीं देता...इसलिए ये संविधान बदलना चाहते हैं।

साथियों,

मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड आपके सामने है। 10 साल में करीब-करीब 400 सांसदों का समर्थन हमारे साथ रहा है। मोदी ने इसका उपयोग, गरीब, दलित, पिछड़े, वंचित को सशक्त करने के लिए किया। NDA ने पहले दलित के बेटे को...और फिर आदिवासी बेटी को संविधान के सर्वोच्च पद यानि राष्ट्रपति पद पर बिठाया। हमारी ही सरकार ने पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। पहले केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूलों में OBC आरक्षण नहीं था। मोदी सरकार ने ही ये आरक्षण लागू किया। मेडिकल की पढ़ाई में भी केंद्रीय कोटे में पहली बार ओबीसी आरक्षण हमने लागू किया। SC/ST/OBC का हित अगर कहीं सबसे ज्यादा सुरक्षित है, तो वो BJP में है, NDA में है।

साथियों,

सामाजिक न्याय की ऐसी हर गारंटी को पूरा करने के लिए आपको केंद्र में मोदी की मजबूत सरकार बनानी है। घर-घर जाएंगे... घर-घर जाएंगे...ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, हर पोलिंग बूथ जीतेंगे।

पूर्वी चंपारण से श्रीमान राधामोहन सिंह जी...पश्चिमी चंपारण से संजय जायसवाल जी.. वाल्मीकि नगर से सुनील कुमार जी...शिवहर से बहन लवली आनंद जी को भारी मतों से विजयी बनाना है। मेरा एक और काम करिएगा। जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। ऐसे नहीं, पूरी ताकत से बताइए करेंगे। यहां से जाने के बाद ज्यादा से ज्यादा घरों में जाइए, ज्यादा से ज्यादा परिवार में जाइए और जाकर के कहिएगा। मोदी जी आए थे, मोदी जी ने परिवार में सबको राम राम कहा है। मेरा राम-राम कह देंगे। हर घर में मेरा राम-राम पहुंचा देंगे। बोलिए...
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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।