As long as Modi is alive, no one can take away ST-SC-OBC reservation: PM Modi in Banaskantha
In the desperation of defeat, Congress is now making Maoist declarations: PM Modi in Banaskantha

भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय

मुझे मां अम्बा के चरणों में आने और गुजरात की पहली चुनावी सभा को संबोधित करने का सौभाग्य मिला है।
अब चलो भाई, इस फोटो वाले भाई भी फोटो नीचे रख लें क्योकि पीछेवालों को दिक्कत होगी, बेटी को फोटो रखकर शांति से बैठो।

साथियो,

भाई फोटो किसे दिखाना चाहते हो? मैंने उसे देख लिया है!

साथियो,
गुजरात की धरती ने मुझे जो संस्कार और शिक्षा दी, और मुझे बहुत लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनाए रखा, जिससे मुझे वह सब अनुभव मिला जो मैं आज दिल्ली में मेरे कामो में उसका इस्तेमाल कर रहा हु। अभी प्रशासक बहन पीएम सर कह रही थीं, तो हमारे सीआर पाटिल भी बोले हमारे पीएम सर, पीएम तो सिर्फ दिल्ली में यहाँ तो हमारे नरेंद्रभाई। आज आपके बीच आया, गुजरात में चुनाव के आरंभ की पहली सभा, आज ये कर्मठ माताएं बहनों के विस्तार में हो रही हैं और इसकी शुरुआत एक बहन प्रत्याशी के लिए आशीर्वाद मांगने से होती है। यह मेरे लिए गर्व की बात है, मुझे बहुत कुछ कहना है लेकिन पहले मैं हिंदी में बोलूंगा और फिर हम गुजराती में बात करेंगे।

सबसे पहले तो आज गुजरात का स्थापना दिन है और गुजरात का स्थापना दिन हम सबके लिए संकल्प का दिन है। 1 मई नई ऊर्जा का दिन है और इस अवसर पर हम संकल्प लेते हैं कि विकसित भारत बनाने के लिए विकसित गुजरात बनाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

2014 में आप सभी ने मुझे दिल्ली भेजकर देश की सेवा करने का मौका दिया। याद कीजिए 2014 से पहले का वो दिन जब पूरे देश में आतंकवाद, धोखाधड़ी (घोटालों) की घटनाए एवं समाचार चर्चा में थे, हर तरफ भ्रष्टाचार, सारे नीति नियम बंद हो गये और देश निराशा में डूब गया। देश का युवा सोच रहा था कि मेरे भविष्य का क्या होगा? ऐसे कठिन समय में आप सभी ने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया और आपने मुझे प्रशिक्षण और अनुशासन दिया तो मैं कड़ी मेहनत करने से पीछे नहीं हटा। पल-पल देशवासियों के नाम, पल पल देश के नाम, मैंने देश को संकट की स्थिति से बाहर निकालने का प्रयास किया। आम आदमी की इच्छाएं पूरी करने की कोशिश की।

आप मेरे गुजरात के भाइ-बहन, आपने मुझे 25 साल तक सरकार में काम करते हुए देखा है और आप ये भी कह सकते हैं कि आपने मुझे जिस आशा के साथ भेजा था,देश ने जो आशा मुझ पर रखी थी, उसे पूरा करके मां अम्बा ने हमें एक विश्वास से नवाजा है और आज देश एक नए विश्वास के साथ आगे बढ़ा है। 2019 में सभी का मानना था कि दूसरी बार सरकार नहीं बन पाएगी और सरकार बनने से रोकने के लिए दुनिया भर में बाधाएं भी खड़ी की गईं। लेकिन 2019 में आपने मुझे फिर से एक मजबूत सरकार बनाने का मौका और जनादेश दिया और मैं एक बार फिर देश की सेवा कर रहा हूं। इस 2024 के चुनाव में, 2024 के चुनाव में मैं अपना 20-22-25 साल का अनुभव लेकर आया हूं। 10 साल मैंने देश को आगे बढ़ाया है, देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है और देश की क्षमता को भली-भांति जानता हूं। उस शक्ति के माध्यम से मैं पुजारी बना हूं और देश की उस शक्ति के आधार पर मैं गारंटी लेकर आया हूं। किसी भी चीज की गारंटी ऐसे ही नहीं दी जाती, इसके लिए बहुत साहस की जरूरत होती है।

लेकिन मेरे पास देश की ताकत को जानने, पहचानने, समझने का अनुभव था, शक्ति थी और यह मेरी गारंटी है कि मैं अपने आने वाले तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाकर रहूँगा । जब देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा तो इसकी समृद्धि, ताकत और लाभ न केवल वर्तमान पीढ़ी को बल्कि अगली पीढ़ी को भी मिलेगा और मोदी इस काम की गारंटी लेकर आए हैं।

जब तीसरी बार सरकार बनेगी, जब 4 जून को नतीजे आएंगे तो 100 दिन में क्या करना है, इसकी पूरी रूपरेखा मैंने पहले ही तैयार कर ली है। गुजरात के आप लोग जानते हैं जब मैं यहां गुजरात से चुनाव निपटाकर जा रहा था तो मैं यही सोचने में लगा हुआ था कि पहले 100 दिन में क्या करना है और बीजेपी सरकार क्या कर सकती है?हमने वो करके दिखाया था । नर्मदा गेट से लेकर कई बड़े फैसले हमने सफल करके दिखाए हैं । तदनुसार, तीसरे कार्यकाल में हम गरीबों के कल्याण के लिए, किसानों के कल्याण के लिए, उनके विकास के लिए एक नया निर्णय, एक नई गति, एक नया संकल्प लेकर आने वाले हैं। इसलिए इस बार आपको पहले से भी ज्यादा ताकत से हर बूथ पर कमल खिलाना है और मेरी गुजरात भाजपा और मेरे गुजरात के भाइयों-बहनों को बताना है कि हमको सभी लोकसभा सीटें जीतकर संतुष्ट नहीं होना है, यह मेरा अधिकार है या नहीं! और इसका मतलब न केवल यह है कि मैं सभी सीटें जीतना चाहता हूं बल्कि मैं सभी मतदान केंद्र भी जीतना चाहता हूं । और इस पोलिंग बूथ को जीतकर बनासकांठा से बहन रेखाबेन चौधरी और पाटन से भाई भरत सिंह डाभी जीतकर दिल्ली आएंगे, आपके आशीर्वाद से दिल्ली आएंगे। जब आप उन्हें एक वोट देंगे तो वोट उन्हें ही जाएगा, लेकिन वोट सीधे मोदी को जाएगा और जब वोट मोदी को जाएगा तो गारंटी पूरी होगी ।

भाइयों और बहनों,

मैं आज गुजरात के लोगों को सलाम करूंगा क्योंकि उन्होंने कभी भी किसी अस्थिर सरकार को संदेह के आधार पर यहां आने नहीं दिया है।' आप किसी भी अल्पकालिक प्रलोभन में नहीं पड़े हैं। देश के कई राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है। राजनीतिक अस्थिरता ने उद्योगों को विकसित नहीं होने दिया, राजनीतिक अस्थिरता ने इन राज्यों को दीर्घकालिक दृष्टि से कार्य करने की अनुमति नहीं दी। आप सभी ने गुजरात को इन सब चीजों से बचाया है और इसलिए आपने कांग्रेस को एक बार गुजरात से बाहर निकाल दिया और फिर कभी पैर नहीं जमाने दिया। साथियों आज भी कांग्रेस के पास न कोई मतलब है, न कोई विज़न है और न ही काम करने का कोई जुनून है। क्या आपको याद है 2014 में जब मैं पहली बार लोकसभा मैदान में उतरा था तो कांग्रेस का मुद्दा क्या था? यह चायवाला क्या करेगा? ये गुज्जू क्या करेगा? उन्हें गुजरात की समझ है, देश की थोड़ी न है! ये दाल भात खाने वाला क्या करेगा? कांग्रेस की सभा में चाय की किटली दिखाई जाती थी और बोला जाता था की देखो मोदी आया। मेरा उपहास उड़ाया जा रहा था और देश ने उनके कृत्यों का ऐसा जवाब दिया कि जो 400 सीटों पर बैठता था वह अब 40 में सिमट गया है। 2019 में जब दूसरा चुनाव आया तो उन लोगों ने कुछ नहीं सीखा और क्या किया?

2019 चुनाव के लिए निकल गए थे की चौकीदार चोर है! तुम्हे याद है? वे चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि मोदी खून का सौदा कर रहा है, दलाली कर रहा है। वह लोग राफेल के छोटे-छोटे खिलौने बनाकर चुनावी सभा में घूमते थे और अब संविधान लेकर घूम रहे हैं। HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) के नाम पर कई झूठ फैलाए गए और जनता ने एक बार फिर ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि वे आधिकारिक विपक्ष भी नहीं बन सके। हालात ने उन्हें और भी बदतर बना दिया।


साथियो,

2019 में इन लोगों ने मोदी का अपमान करने का अभियान तेज कर दिया। कांग्रेस के शहजादा ने बड़े गर्व से पूरे मोदी समाज, ओबीसी समाज को चोर कहा। मोदी गुजरात से हैं इसलिए वह पूरे देश में गुजरातियों के खिलाफ नफरत फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। ये लोग रुके नहीं और मेरे माता-पिता के साथ भी गलत व्यवहार करने में पीछे नहीं हटे।

भाइयों और बहनों,

अब इस 2024 में कांग्रेस और इंडी गठबंधन ऐसे ही झूठ के साथ मैदान में आ गया है और उनका इकोसिस्टम भी ऐसी हवा देता है और संविधान दिखाकर आरक्षण ले लेंगे ऐसा डर पैदा कर रहा है। यह सब शेखचिल्ली वाली सोच उनकी ही देन है। कभी-कभी कहा जाता है कि मोदी का कोई परिवार नहीं है, तो क्या जिसका परिवार है उनको भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस मिल गया है? कभी बोलते है मोदी को जेल में डाल देंगे,कभी बोलते है हम मोदी का सिर फोड़ देंगे, ऐसी बातें लेकर चुनाव मैदान में आये हैं और आप देखना इस बार भी वे पहले से कम सीटों पर समेट जायेंगे ।

साथियो,

अब तक चुनाव के 2 चरण पूरे हो चुके हैं पहले चरण में इंडी गठबंधन को हार मिली और दूसरे चरण में उसका पतन हो गया । इधर पड़ोस में राजस्थान का चुनाव ख़त्म हो गया है, राजस्थान में उन्हें सीट मिलने की कोई संभावना नहीं है। इसलिए बोखलाहाट में इंडी गठबंधन कुछ भी कर रहा है । इन लोगों ने महोब्बत की दुकान चलानी शुरू की थीऔर अब महोब्बत की दुकान में फर्जी वीडियो का बाजार खोल लिया है । अब चुनाव में उनकी बातें काम नहीं आ रही हैं तो फर्जी वीडियो बनाकर चलाते हैं। एक ऐसी पार्टी की कल्पना करें जिसने 60 वर्षों तक शासन किया, इतने सारे प्रधान मंत्री थे, इतने सारे मंत्री थे लेकिन जनता तक पहुंचने के लिए उनकी जुबान पर सत्य शब्द नहीं है और उनकी महोब्बत की दुकान में नकली फैक्ट्रियां चलने लगी हैं। तथाकथित महोब्बत की दुकान एक नकली फैक्ट्री है। कांग्रेस का वीडियो फर्जी,कांग्रेस की बातें फर्जी हैं,कांग्रेस के झूठे वादे, कांग्रेस की नियत में खोट और गाली देनी हो तो मोदी है ना ! वो चाय वाला है, वो तो एक सामान्य घर का है! चलो यार, दो हाथ हो जायें तो मुकालबो हो जायेगा। यह दाल चावल खाने वाला क्या कर सकता है बता देगा,अगर हिम्मत है तो सामने आकर दिखाओ, ये फर्जी वीडियो गेम बंद करो । कभी-कभी आप लोगों को गुमराह करने में सफल हो जाओगे लेकिन देश समय आने पर इसकी सजा देगा। साथियों, इन लोगों ने ऐसा कर दिया है कि मोदी 400 सीटें मांग रहे हैं, यानी आरक्षण हटाओ, आज भी संसद के पांच साल में एनडीए के 360 सांसद थे, बीजेपी जो एनडीए में नहीं थी, वाईएसआर जो समर्थन कर रहा था लेकिन एनडीए में था इसलिए संसद में मेरी ताकत 400 थी। लेकिन, हम न तो यह पाप करने के लिए पैदा हुए हैं और न ही हमने यह पाप करने का रास्ता अपनाया है। बाबा साहेब अम्बेडकर ने जो संविधान दिया, देश के निर्माताओं ने जो संविधान दिया, उस संविधान की सुचिता, उस संविधान की रक्षा और ये कांग्रेसी जमात कान खोलकर सुन ले ये मोदी है, जब तक मोदी जिंदा है मैं तुम्हें धर्म के आधार पर आरक्षण का खेल कभी नहीं खेलने दूंगा । एससी, एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के गरीबों को जो आरक्षण मिला है, वह संविधान के तहत है। यह बाबा साहब अम्बेडकर के आशीर्वाद से प्राप्त हुआ है और इसे कोई लूट नहीं सकता। आपकी मंशा यह है कि आप दलित समुदाय, आदिवासियों, पिछड़े समुदाय के लोगों और सामान्य वर्ग के गरीब लोगों, जिन्हें आरक्षण मिला हुआ है, उन में से धर्म के नाम पर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं । आज मैं कांग्रेस, कांग्रेस पार्टी और जमात के शहजादे को कांग्रेस की जय-जयकार करने की चुनौती दे रहा हूं। यदि उन लोगों में साहस है तो वे यह घोषणा करें कि वे कभी भी धर्म के आधार पर आरक्षण का दुरुपयोग नहीं करेंगे, न ही संविधान के साथ छेड़छाड़ करेंगे और न ही धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण देंगे। हिम्मत है तो घोषित करो,नहीं करेंगे, क्योंकि दाल में कुछ काला है। मैं उनको डंके की चोट पर कह रहा हूं और आज दुनिया के सामने ऑन रिकॉर्ड कह रहा हूं, भारतीय जनता पार्टी, जब तक बीजेपी है, जब तक मोदी है, बाबा साहब अंबेडकर, एससी, एसटी का आरक्षण ,ओबीसी और सामान्य वर्ग के गरीबों को जो दिया गया है उसकी रक्षा की जाएगी । इस पर कभी कोई झटका नहीं लगेगा और जो लोग धर्म के नाम पर आरक्षण देना चाहते हैं उन्हें इसकी घोषणा करनी चाहिए, क्योंकि आंध्र में उन्होंने प्रयोग किया है, वे कर्नाटक में प्रयोग कर रहे हैं। वोट बैंक के लिए दलितों का आरक्षण छीनना चाहती है, आदिवासियों का आरक्षण हड़पना चाहती है । वोट बैंक के लिए कांग्रेस ओबीसी का आरक्षण छीनना चाहती है। कर्नाटक में उन्होंने रातों रात आरक्षण पा रहे ओबीसी समुदाय का एक हिस्सा मुसलमानों को देने के लिए छीन लिया । क्या देश में ये चलेगा? क्या मैं इसे होने दूं? इसलिए ये लोग झूठ फैला रहे हैं, गुमराह कर रहे हैं और मेरी इस गठबंधन को चुनौती है कि वे देश को लिखित गारंटी दें, क्योंकि उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता कि वे धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देंगे ।

दूसरा ऐलान है कि वे एससी, एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण को कभी नहीं छूएंगे ।

घोषणा करेंगे, नहीं करेंगे. मैं जानता हूं ये लोग कभी नहीं लिखेंगे और ये इनकी मीडिया जमात है, गाजा बाजा बजाने वाले मेरी चुनौती को दबा देंगे. क्योंकि ये लोग उनके संरक्षण में हैं ।

लेकिन भाइयों, तुम गुजरातियों ने मुझे पाला है, चिंता मत करो, इस बार उनका खेल खत्म हो गया है।'

साथियो,

इस चुनाव में मैं अपने दोस्तों से बात करना चाहता हूं, खासकर जो 35-40 साल के हैं, 18 साल के युवा हैं जो पहली बार वोट देंगे, उनको शायद पता नहीं होगा कि पहले देश कैसा था। अभी जिनको पहला वोट मिला, जब मैं प्रधानमंत्री बना, वो बेचारा 8 साल का रहा होगा, 10 साल का रहा होगा, 12 साल का रहा होगा। उस समय देश की क्या स्थिति थी, इसका उन्हें कोई अंदाज़ा नहीं था। उस समय और आज की पीढ़ी गूगल पर सर्च करे की सिर्फ पुराने हेडलाइने सर्च करती है तो उनको मालूम हो जायेगा, तब हेडलाइन आती थी चोरी, डकैती आदि और आज क्या आता है? कितने पकड़े गए, कितने करोड़ जब्त किए गए, कितनों को जेल में डाला गया और ये सब उन्हीं की फुसफुसाहट है । आप ही बताओ भाई, इस देश के लोग जो श्रम करके टेक्ष भरते है उनको में लूटने दूँ? लुटा दू ? और इन लुटेरों को ठीक करना चाहिए या नहीं? और जब मैं ऐसा करता हूं तो वे लोग रोड़े अटकते है। आप हैरान हो जायेंगे दोस्तों अगर आपको सरकार बनानी है तो आपको कम से कम 272 सांसद सीटें चाहिए। हमें छोड़कर, इस देश में बीजेपी के अलावा कोई भी राजनीतिक दल नही लड़वा रहा है। आप 272 पर लड़ ही नहीं रहे और कहें कि आप सरकार बनाएंगे। आज उनकी हालत ऐसी है कि दिल्ली में रहने वाला उनका शाही परिवार इस हालत में है कि वो खुद इस बार कांग्रेस को वोट नहीं दे सकते। ये मोदी साहब की कमाल है, राजपरिवार कांग्रेस को वोट नहीं दे सकता, इस बार कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं है। यहाँ अहमद भाई गुजरात के बहुत बड़े नेता थे, अहमद भाई तो अब नहीं रहे, अहमद भाई का परिवार भरूच में रहता है और उनकी हालत भी वैसी ही है और वो भी कांग्रेस को वोट नहीं दे सकते । अहमद भाई का परिवार कांग्रेस को वोट नहीं दे पाएगा । कांग्रेस के एक बड़े नेता जो भावनगर में रहते थे और उनका वोट भी भावनगर से होगा, वे भावनगर में कांग्रेस को वोट नहीं दे सकते। यही हाल है कांग्रेस का । आप सोचिए, ये कांग्रेस पूरी तरह से, जब चुनाव घोषणापत्र आया तो मैंने कहा कि इसमें मुस्लिम लीग की छाप है और एक के बाद एक पन्ने खुलने शुरू हो गए। और अब वह माओवादी, नक्सली घोषणा करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा है कि उन्होंने पार्टी को बर्बाद कर दिया है लेकिन वह देश को बर्बाद करने निकले हैं और कह रहे हैं कि मैं भी मरूंगा और तुम भी मरोगे। उन्होंने पार्टी को बर्बाद कर दिया है और अब वह देश को बर्बाद करने पर तुले हैं।' उन्होंने कहा कि हम पूरे देश का एक्स-रे करेंगे?उसका मतलब ?

आपके लॉकर में क्या है? एक्सरे ...

आपके घर में में क्या है? एक्सरे ...

बैंक में आपकी जमा राशि क्या है?

अगर आपके पास ज्वार या गेहूं का कोई डिब्बा हो तो उसमे अगर अपने आभूषण रखे है तो एक्स-रे.....

और वो सब लूटना और वो सब जो उन्होंने घोषणापत्र में कहा है और उन लोगों को बांटना जिनके पास यह नहीं है । तुम इस गरीबी को बांटने निकले हो भाई, तुम इस देश को बर्बाद करने निकले हो भाई! आपको हो क्या गया है भाई? उन्होंने विदेश में बैठे उनके लोगों से एक बात सुनी और यहाँ कही, उन्होंने वहां से एक संदेश दिया और सार्वजनिक रूप से यहाँ यह कहा कि हमारे यहां हर पिता की इच्छा होती है कि वह मरने के बाद अपने बच्चों को कुछ न कुछ दे। अब कांग्रेस के लोगों ने ऐसी मेनिफेस्टो लोगो को दी है कि आप जो बचत करते हैं, वह आप अपने बच्चों को नहीं दे सकते। वो कांग्रेस आपके पास पैतृक संपत्ति का आधा हिस्सा है, तो वे इसे टैक्स के रूप में लेंगे, मतलब 55% टैक्स लगेगा। तो मान लीजिये आपके पास 10 एकड़ का खेत है और आप उसे लड़के को देना चाहते हैं तो आपका 5 एकड़ तो सरकार के पास चला गया और 5 एकड़ रह गया। ये कानून लाने वाले है, अगर आपके पास 2 भैंसें हैं तो एक कांग्रेस सरकार को दे दीजिए और दूसरी अपने बेटे को दे दीजिए. क्यों? क्योकि हमें अपने वोटबैंक में एक भैंस देनी होगी । इस कांग्रेस के मेनिफेस्टो में लिखा है, अब ये है इनका साहस, क्या हमें इस देश के नागरिकों को समझाना चाहिए या नहीं?

हम आपकी ताकत बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं और वो लोग आपकी संचित ताकत को लूटने के लिए काम कर रहे हैं और इसलिए मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि इस कांग्रेस से सावधान रहें। जो लोग पहली बार वोट दे रहे हैं उन्हें शायद पता नहीं होगा, जो 30 या 35 साल के हैं उन्हें शायद पता नहीं होगा, शाम को भोजन के समय बिजली नहीं थी भाई। हमारे बनासकांठा में पानी भी नहीं होता था । अगर मेहमान कोई चला जाए तो रात रुकने की चिंता रहती है, या सुबह पानी कहां से लाएंगे? वो दिन थे। आज हमने वहां सेब की खेती शुरू की है, आलू की खेती में हम बहुत आगे पहुंचे हैं। ऐसा लगता है कि इन कांग्रेसियों ने किसी से कहा है कि अगर यहां आलू की खेती होगी तो वे यहां सोना बनाने आएंगे।

हमारे यहाँ बहुत बदलाव आये हैं, भाईयों, मुझे बताओ कि वंदे भारत से पालनपुर तक पहुंचे, पहुंचे या नहीं? जिस तरह से हम विकास के काम कर रहे हैं, सुजलाम सुफलाम योजना बनाई, पानी पहुंचाया, क्या हर तरफ लोगों के जीवन में बदलाव आया या नहीं आया? यहां उत्तरी गुजरात में अगर नल से पानी की सुविधा नहीं थी तो सिर पर घड़े लेकर 3-4 किलोमीटर जाना पड़ता था और हमारी माताएं-बहनें आधा दिन पानी में ही गुजार देती थीं। भाई, इन सबमें से जो हम बहार लेकर आए हैं, उसके लिए हमने काली मेहनत की है। तो जो पुरानी पीढ़ी के लोग हैं वो तो सब कुछ जानते हैं, लेकिन ये जो 40 साल से नीचे के लोग हैं भाई, ये सब पुराना समय नहीं जानते भाई। तो हमें याद दिलाना होगा कि भाई हम वो पुराने दिन वापस नहीं ला रहे हैं, क्योकि उस समय बहुत दंगे हुआ करते थे । अगर वहां कोई लड़का पैदा भी हो जाए तो वो मां, चाचा का नाम नहीं जानता था लेकिन कर्फ़्यू शब्द बोल सकता था । एक जिसने सिर्फ कर्फ्यू देखा है, जब वह 1 साल का हुआ तो तीन कर्फ्यू देख चुका हुआ होता है । वो दिन थे। आज कर्फ्यू का नाम नहीं है और आज हर कोई खुशी से रह रहा है, यह हमारा गुजरात है।

शिक्षा के क्षेत्र में भाइयों-बहनों, जब मैं 2002 में बालिका शिक्षा के लिए नया मुख्यमंत्री बना, तो बालिका शिक्षा में बांसकांठा का नाम सबसे निचले पायदान पर था और आज उससे एक बड़ी क्रांति हुई है और मेरा बनासकांठा आगे बढ़ने लगा है। आधुनिक शिक्षा की दिशा. बच्चे निशाल नहीं जाते थे, आज मांड्या जाते हैं, उच्च शिक्षा के लिए। मेरे कहने का मतलब यह है कि भाई, गुजरात ने जो विकास किया है उसके पीछे एक दूरदर्शिता है, लंबे समय की कड़ी मेहनत है और उसी का परिणाम है कि हमारा गुजरात आगे बढ़ा है।

यह मेरे सभी मतदाताओं से मेरा अनुरोध है, मेरे सभी प्रिय नागरिकों से मेरा अनुरोध है, बनासकांठा अपने धूल मिट्टी में पलता है। हमने गर्मी पिघला दी है. चाहे कितनी भी गर्मी हो हमें ज्यादा वोट करना है और सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ना है. क्या आप भारतीय जनता पार्टी को शानदार जीत दिलाएंगे? क्या आप गुजरात की सभी सीटें जीतेंगे? हमारे यहां 2 सीटें हैं, क्या आप निश्चित रूप से जीतेंगे?

भारत माता की जय...

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!