INDI आघाडी कायमच भ्रष्ट राहिली असून, ती काही करून सत्ता मिळवण्यासाठी हपापलेली आहे: पंतप्रधान मोदी सोनीपतमध्ये
4 जूनपासून, नवीन सरकारच्या अंतर्गत, 70 वर्षांहून अधिकवयाच्या सर्व वृद्धांना मोफत आरोग्य सेवेचा लाभ मिळेल: पंतप्रधान मोदी

भारत माता की…

भारत माता की…

आप सभी को मोदी की राम राम। मैं सोनीपत की पवित्र भूमि को प्रणाम करता हूं। हरियाणा की धरती युद्ध में भी गीता का ज्ञान सुनाती है। जब मुकाबला सत्य और असत्य के बीच में हो, तो विजय सत्य की ही होती है।

साथियों,

24 के कुरुक्षेत्र में आज एक ओर देश का विकास है, दूसरी ओर वोट जिहाद है। हरियाणे की जनता-जनार्दन मैं आपसे पूछना चाहता हूं जब एक तरफ विकास की बात है, दूसरी तरफ वोट जिहाद की बात है। तो कौन जीतेगा? आपके जवाब ने तय कर दिया है, फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार... तो 4 जून को ये मुतराम की जलेबी का क्या होगा? सारी की सारी खाली हो जाएगी?

साथियों,

कांग्रेस 10 साल से सत्ता से बाहर है और इसलिए पूरी तरह बोखला रही है। इन्हें वो पुराने दिन याद आ रहे हैं जब शाही परिवार रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाता था। देश की सारी योजनाएं एक ही परिवार के नाम पर होती थी। एक परिवार के सिवाय कुछ नहीं। योजनाओं के नाम पर देश का पैसा कहां जाता था, ये भ्रष्ट लोगों की तिजोरियों में जाता था। कैसे-कैसे घोटाले होते थे, करोड़ों के नहीं हजारों करोड़ के नहीं, लाखों करोड़ रुपए के घोटाले होते थे।

साथियों,

नाम बदलने से असलियत नहीं बदलती है। ये इंडी गठबंधन वाले वही भ्रष्टाचारी और घोटालेबाजों की जमात है। इन्हें किसी भी कीमत पर सत्ता चाहिए और कीमत क्या है? देश की सुरक्षा, देश की स्थिरता, देश का सम्मान और 5 साल में पांच प्रधानमंत्री, ये इनकी सरकार चलाने का फार्मूला है और कल तो इंडिया एंलायस के नेता ने मीडिया वालों को भी बताया कि पांच साल, पांच प्रधानमंत्री। अब मुझे बताइए भैया ये पांच, साल पांच प्रधानमंत्री से देश का कुछ भला होगा क्या? ये हर साल नया प्रधानमंत्री आएगा तो क्या करेगा? क्या करेगा? 5 साल में पांच प्रधानमंत्री क्या करेंगे? अरे इनसे जरा पूछिए ये प्रधानमंत्री का पद क्या हमारे मुतराम की जलेबी है क्या? ये देश चलाने की जिम्मेदारी है। ये मिठाई खाने का मौका नहीं है। क्या आप देश को वापस अस्थिरता के उस दौर में जाने देंगे क्या?

साथियों,

कांग्रेस अब अपने देश विरोधी एजेंडे को भी छिपा नहीं रही है। ये खुलेआम कह रहे हैं, मोदी जी ने 10 साल में जो कुछ भी किया है उसे वो चौपट कर देंगे। यानि चुनाव जीत कर के करना क्या है? एक काम मोदी ने जो किया है उसको उलट देना, उसको चौपट कर देना। यहां तक कहने की इनकी हिम्मत देखिए, इनके एक नेता कह रहे हैं कि जो हमने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई। धारा 370 की दीवार हमने कब्रिस्तान में गाड़ दी है। ये कहते हैं कश्मीर में फिर से वो 370 को लगाएंगे यानि फिर से आतंकवाद को खुली छूट। फिर से कश्मीर में खून खराबा। मैं हरियाणा की वीर धरती से कहना चाहता हूं, कांग्रेस वालों सुन लो, अब कश्मीर में लहराएगा तो केवल हमारा तिरंगा लहराएगा और कांग्रेस वाले लिख लो ये मोदी है, ये 370 को वापस लाने के सपने छोड़ दो और अगर कोशिश करोगे ना लेने के देने पड़ जाएंगे।

साथियों,

आपको याद होगा कांग्रेस के समय हर रोज सीमा पर, बॉर्डर पर फायरिंग होती थी और मीडिया में हमेशा हेडलाइन चलती थी सीज फायर तोड़ा, सीज फायर तोड़ा, और गिनती होती थी इतनी बार तोड़ा, इतनी बार तोड़ा, दुश्मन तो वही है लेकिन हालात बदल गए कि नहीं बदल गए? बदले कि नहीं बदले? ये किसने किया? ये किसने किया? ये हालत किसने बदले? ये गोलियां किसने बंद कराई? ये मोदी ने नहीं आपके एक वोट ने किया है, आपके एक वोट ने। आपके वोट की ताकत है कि दुश्मन की बम बंदूक को भी ताले लग जाते हैं। आपके वोट की ताकत है। मोदी ने बस इतना किया, सीमा पर हमारे जो जवान खड़े हैं ना हमारे हरियाणा के जो छोरे खड़े हैं ना मोदी ने उनको खुली छूट दे दी। मोदी ने कह दिया अब गोलियां गिनने की जरूरत नहीं है। और आप देखते हैं नतीजा आपके सामने है। लेकिन भाइयो-बहनों मोदी के इन फैसलों से कांग्रेस और इंडी गठबंधन का कलेजा फट रहा है। उनसे पाकिस्तान की ये हालत देखी नहीं जा रही है और इसलिए अब कांग्रेस वाले पाकिस्तान के प्रवक्ता बन गए हैं। पाकिस्तान के प्रवक्ता और कांग्रेस के नेता कह रहे हैं उनकी तरफ से भारत को धमकी देते हैं। क्या कहते हैं, हमारे सामने देख कर आंखें खोल कर के चुप रहो, चुप रहो, जरा डरो डरो डरो ये पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। ये कांग्रेस वाले पाकिस्तान के प्रवक्ता बन कर के मुझे आंखें दिखा रहे है बताओ भाई। इसका मतलब अभी तक वो मोदी को पहचान नहीं पाए हैं।

साथियों,

आप मुझे बताइए क्या भारत को पाकिस्तान से डरना चाहिए क्या? ये मोदी का दौर है हम घर में घुसकर मारते हैं। कांग्रेस सारे पैत्रे केवल तुष्टीकरण के लिए चल रही है। इन्होंने जो घोषणा-पत्र बनाया है, वो पूरा का पूरा मुस्लिम लीग वाला घोषणा पत्र है। ये कहते वो एक्सरे मशीन, सबका एक्सरे निकालेंगे। आपके पास जमीन कितनी है? गहने कितने है? जमीन जायदाद जांच करवाएंगे। मंगलसूत्र कहां है? ये ये और फिर वो सारी संपत्ति अगर आपकी जरूरत से ज्यादा है तो ये वोट जिहाद वाले हैं ना उनको बांट देंगे। क्या आप अपनी संपत्ति छीनने देंगे? क्या आपकी संपत्ति पर वोट जिहाद वालों को अधिकार करने देंगे? और कांग्रेस के तो प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि इस देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुस्लिमों का है। मोदी कहता है इस देश की संपत्ति पर पहला अधिकार इस देश के गरीबों का है। ये लोग आपकी आधी कमाई हड़पने की बात करते हैं। आप मुझे बताएं भई अपने यहां किसी भी राज्य में चले जाओ। हर मां-बाप कैसी भी जिंदगी जीता हो, उसके मन में एक इच्छा रहती है कि भाई कुछ बचत करूं और मरने के बाद बच्चों के लिए कुछ छोड़ कर के जाऊं ये हर बाप की इच्छा रहती है कि नहीं रहती? अपने संतानों को कुछ देकर के जाने का हर एक का मन में इच्छा रहती है ना? कोई मां-बाप बच्चों के लिए कर्ज छोड़ कर के नहीं जाना चाहता। कुछ न कुछ दे कर के जाना चाहता है। अब ये कांग्रेस वाले लाए हैं कि आपके मरने के बाद आपकी जो संपत्ति है वो आपके संतानों को नहीं जाएगी। उसमें से आधी उससे भी ज्यादा ये वो सरकार बनी तो ले लेंगे और बचा हुआ आपके बच्चों को मिलेगा। क्या आपको ये विरासत कर मंजूर है क्या? क्या इसे स्वीकार कर सकते हैं क्या? भाइयो-बहनों बाबा साहब आंबेडकर ने दलितों पिछड़ों का आरक्षण उसको सुरक्षित किया। जब संविधान सभा में चर्चा चल रही थी तो सबने सर्वसम्मति से तय किया कि धर्म कि आधार पर आरक्षण नहीं होगा सहमति से हुआ। अब ये कांग्रेस वाले बाबा साहब आंबेडकर की पीठ में जुरा पौंक करके संविधान के लीरे-लीरे उड़ा कर के ये एससी, एसटी, ओबीसी का जो आरक्षण है वो मुसलमानों को देना चाहते हैं और ये काम उन्होंने कर्नाटक में शुरू कर दिया। कर्नाटक में क्या किया उन्होंने, उनकी सरकार बनने के बाद वहां जितने भी मुसलमान है, जितने भी मुसलमान। कितना धनी हो, अमीर हो, पैसे वाला हो, ऊंचा हो, कोई भी हो, सबको रातों-रात उन्होनें ओबीसी घोषित कर दिया। एक कागज पर थप्पा मार के कह दिया सब ओबीसी है। तो परिणाम ये आया कि ओबीसी को जो आरक्षण मिला हुआ था उसमें से डाका डाल दिया। एक बहुत बड़ा हिस्सा लूट लिया और जो ओरिजिनल ओबीसी हैं वो हाथ घिसते रह गए। अब ये यही मॉडल पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। क्या आपको ये मंजूर है क्या? ये होने देंगे क्या? ऐसे लोगों को सरकार में आने देंगे क्या? क्या ऐसे इंडी गठबंधन वालों को हरियाणा में एक भी सीट मिलनी चाहिए क्या?

साथियों,

इंडी गठबंधन वालों को आपकी भावनाओं की कोई परवाह नहीं है। अब आप देखिए अयोध्या में 500 साल के इंतजार के बाद प्रभु राम का मंदिर बनाने की प्रतीक्षा पूरी हुई। रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए। आप खुश हुए कि नहीं हुए? आपको खुशी हुई कि नहीं हुई? हर हिंदुस्तानी को खुशी हुई कि नहीं हुई? बोलिए जय श्री राम... अब देश आजाद हुआ उसके दूसरे दिन ही राम मंदिर बनना चाहिए था कि नहीं बनना चाहिए था? इन्होंने लटकाए रखा, अदालतों में ले गए। अदालतों में भी अड़ंगे डाले। कांग्रेस ने अपने वोट जिहाद वालों को खुश करने के लिए जितनी रुकावटें कर सकते हैं, की। उसके बावजूद भी ये राम मंदिर की ट्रस्टी है वो उदारता पूर्वक उनको निमंत्रण देने गए। उनको न्यता दिया कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में आइए। इनकी प्रभु राम के प्रति इतनी नफरत, इतनी नफरत, उन्होंने निमंत्रण को ठुकरा दिया। जिन्होंने राम लला का निमंत्रण ठुकरा दिया। क्या उन्हें आपको कोई स्वीकार कर सकते हैं क्या? दूसरी तरफ, दूसरा उदाहरण इकबाल अंसारी नाम के व्यक्ति जो जीवन भर राम मंदिर के खिलाफ अदालत में केस लड़ते थे। उनके पिताजी भी लड़ते थे और बाबरी मस्जिद के लिए लड़ते थे लेकिन जब अदालत का निर्णय आ गया, तो उन्होंने कहा मेरी लड़ाई पूरी हो गई और राम मंदिर वाले जब उनको निमंत्रण देने गए तो इकबाल अंसारी जीवन भर हिंदुओं के खिलाफ अदालत में लड़े थे लेकिन जब राम मंदिर का निमंत्रण मिला तो खुद आकर के वहां बैठे और पूरे कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अब एक तरफ है इकबाल अंसारी, दूसरी तरफ है कांग्रेस जो रामलला का निमंत्रण ठुकरा देती है भई। ऐसी कांग्रेस को कोई स्वीकार करेगा क्या? हरियाणा स्वीकार करेगा क्या?

साथियों,

इंडी गठबंधन के नेता खुलेआम ऐसी बातें करते हैं। वो कहते हैं राम मंदिर तो बेकार है और कांग्रेस के एक नेता जो अभी वहां से निकल कर के बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा कि वहां तो जब अदालत का निर्णय आया तो चर्चा थी कि अदालत के निर्णय को कैसे उलट किया जाए और रामलला को वापस टेंट में कैसे भेजा जाए, उसकी योजना चल रही थी। मैं आपसे पूछना चाहता हूं, क्या आप कांग्रेस और इंडी वालों की जहरीली राजनीति को कामयाब होने देंगे क्या? इन्हें जवाब मिलेगा कि नहीं मिलेगा?

साथियों,

सरकार जब ईमानदार होती है, तो उसका सबसे बड़ा लाभ हमारे नौजवानों को होता है। हमारे हरियाणा के युवाओं के पास पहले भी भरपूर क्षमता थी। लेकिन आज वही युवा खेलों में अपना झंडा गाड़ रहा है। मोदी ने 2014 में सरकार में आने के बाद खेलों का बजट तीन गुना बढ़ा दिया है और मोदी कहता है, खूब खेलो खूब मेडल ले आओ। देश में एक से बढ़कर एक ट्रेनिंग सेंटर बनाने हो, अपने खिलाड़ियों को विदेश में ट्रेनिंग दिलवारी हो, मोदी सरकार खिलाड़ी को सुविधा देने के लिए एक पैसे का मुंह नहीं देखती है। आज हजारों खिलाड़ियों को टॉप जैसी योजना का लाभ मिल रहा है। इसके तहत हर खिलाड़ी को भारत सरकार हर महीने 50 हजार रूपये से ज्यादा दे रही है। ऐसे ही प्रयासों का नतीजा है, ओलंपिक्स में भारत ने अब तक सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं। एशियन खेलों में तिरंगे की धाक बढ़ी है। यूनिवर्सिटी गेम में हमने रिकॉर्ड बनाया है।

साथियों,

भारत अभी से 2036 ओलंपिक भारत में लाने के लिए योजना करके काम कर रहा है। आप देखिएगा कुछ ही साल में भारत में पहला ओलंपिक भी हम होता हुआ देखेंगे दोस्तो, और उसमें तिरंगे की धूम होगी। उसमें हम हरियाणा और सोनीपत के युवाओं को देश के लिए सोना लाते देखेंगे।

साथियों,

आप लोग मुझे जानते हैं, मैंने सालों तक हरियाणा की रोटी खाई है। यहां की माताओ-बहनों का मुझ पर कर्ज है। ये कर्ज मोदी अपनी मेहनत से लौटाएगा और इसलिए हरियाणा का विकास, ये मोदी का सपना नहीं मोदी का संकल्प है। जो 60 साल में नहीं हुआ वो 10 साल में मोदी ने करके दिखाया है। आज अकेले हमारे हरियाणा से 12 एक्सप्रेसवे गुजर रहे हैं, 12 एक्सप्रेसवे। इनमें से चार एक्सप्रेसवे सोनीपत के पास से गुजर रहे हैं। सोनीपत में रेल कोच नवीनीकरण कारखाना बनाये। खरखौदा में मारुती सुजुकी का कारखाना बनाने का प्लान इस क्षेत्र में रोजगार के नए मौके बनाएगा। जींद सोनीपत में पीने के पानी की समस्या थी, इसके लिए भाखड़ा से 400 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूर कर दिया गया है।

साथियों,

मोदी आपके स्वास्थ की भी उतनी चिंता करता है। मोदी ने आयुष्मान कार्ड बनवाकर, मुफत इलाज की गारंटी भी दी। ये भी कहना चाहता हूं 4 जून के बाद मोदी जब तीसरी बार सरकार बनाएगा, तो आपके परिवार में 70 साल से ऊपर के जो भी लोग हैं। 70 साल के ऊपर के आपके माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची, जो भी है अब इनके बीमारी में इलाज का जिम्मा आपका नहीं ये आपका बेटा मोदी करेगा। बुजुर्ग माताओ-बहनों को इलाज की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी।

साथियों,

हमें भारत को मजबूत बनाना है। हरियाणा के सपनों को पूरा करना है। हरियाणा से मोदी को केवल सांसद चाहिए इतना नहीं है, हरियाणा मोदी को हिम्मत हौसला और आशीर्वाद भी देता है और सोनीपत से हमारे मोहनलाल बड़ौली जी और रोहतक से डॉक्टर अरविंद कुमार शर्मा जी, 25 मई को उनको दिया गया आपका एक-एक वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। तो ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे? पोलिंग बूथ जीतेंगे? मेरा अनुरोध है यहां से जाकर के बाद ज्यादा से ज्यादा परिवार में जाइए। ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलिए और कहना मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको राम-राम कहा है। मेरा राम-राम पहुंचा देंगे? मेरा राम पहुंचा देंगे?

बोलिए भारत माता की…

भारत माता की…

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।