KCR's promise of a Dalit CM, employment for the youth, and water for farmers remained unfulfilled: PM Modi in Telangana
PM Modi highlights BJP's commitment to making Telangana's first BC Chief Minister
KCR delivered scams instead of the promised schemes: PM Modi in Telangan

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
ना तेलांगाना कुटुंब सभ्युलंदरिकी शुभाभिनंदनलु...
मैं नाचाराम के भगवान श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं ! आज तेलंगाना के सबसे पुराने शहरों में से एक, तूप्रान में आप सभी जनता जनार्दन के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। तेलंगाना इस बार एक ही संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है-
तेलंगाना में पहली बार...बनेगी बीजेपी सरकार।
तेलंगाना में पहली बार बनेगी...बीजेपी सरकार।
तेलंगाना में पहली बार बनेगी...बीजेपी सरकार।
मोदटि सारि... तेलंगाना लो बीजेपी प्रभुत्वम् एर्पाटु कानुंदि।
तेलंगाना के लोगों ने दुब्बका और हुज़ूराबाद में ट्रेलर देखा था। अब पूरे तेलंगाना में कमल खिलने वाला है। सकला जनुला सौभाग्य तेलंगाना के निर्माण का संकल्प सिर्फ और सिर्फ बीजेपी ही पूरा कर सकती है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
आज 26/11 को देश बहुत बड़ा आतंकी हमले का शिकार हुआ था। इस हमले में हमने अनेकों निर्दोष देशवासियों को खो दिया। 26/11 का ये दिन, हमें ये भी याद दिलाता है कि कमज़ोर और असमर्थ सरकारें, देश को कितना नुकसान पहुंचा सकती हैं। आपने 2014 में कांग्रेस की कमज़ोर सरकार को हटाया, बीजेपी की मज़बूत सरकार बनाई, जिसके कारण आज देश से आतंकवाद का सफाया हो रहा है। चुन-चुन करके सफाया हो रहा है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
ये तेलंगाना के सीएम, ये इसे अपनी जागीर मानते हैं। KCR को आखिर दूसरी सीट पर चुनाव लड़ने की ज़रूरत क्यों पड़ी? वहां क्यों जाना पड़ा। कांग्रेस के राहुल गांधी को भी अमेठी छोड़कर के केरल में भागना पड़ा था। केसीआर को भी भागना पड़ा है। इसका एक बड़ा कारण, बीजेपी के कद्दावर उम्मीदवार एटाला राजेंद्र जी हैं, और दूसरा कारण, किसानों और गरीबों का गुस्सा है। भगवान मल्लिकार्जुन के नाम पर सिंचाई की परियोजना बनाई। जिन किसानों ने घर खोया, ज़मीन खोई, उनको KCR ने अपने हाल पर ही छोड़ दिया। ऐसा पाप करने वालों को न तो भगवान मल्लिकार्जुन माफ करेंगे और न ही यहां के मेरे गरीब किसान भाई-बहन माफ करेंगे।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
KCR ने यहां के लोगों को धोखा देने का कोई मौका छोड़ा नहीं है। उन्होंने अगर काम किया होता तो सीएम को गजवेल के लोगों से माफी न मांगनी पड़ती। केसीआर की आदत झूठे वायदे करके उन्हें तोड़ देने की है। KCR ने दलित सीएम का वायदा करके तोड़ दिया। KCR ने दलित बंधु योजना का वायदा करके तोड़ दिया। KCR ने 2 बेडरूम वाले घर का वायदा करके उसे भी तोड़ दिया। KCR ने युवाओं को रोजगार का वायदा करके तोड़ दिया। KCR ने किसानों को पानी का वायदा करके, उसे भी तोड़ दिया। KCR ने schemes का वायदा किया था लेकिन बदले में सिर्फ और सिर्फ scams दिए, scams दिए, scams दिए। KCR ने आपके बच्चों के लिए काम करने का वायदा किया था, लेकिन सिर्फ अपने बच्चों औऱ अपने रिश्तेदारों के लिए काम किया। KCR ने आपकी आय बढ़ाने का वायदा किया था, लेकिन करोड़ों के घोटाले करके, हर साल अपनी आय बढ़ा ली। क्या तेलंगाना को ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए जो जनता से मिलता नहीं ? आखिर फार्महाउस सीएम की तेलंगाना को क्या आवश्यकता है? क्या तेलंगाना को ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए जो सचिवालय भी न जाए?
प्रजलनु कलवनि मुख्यमंत्रि मनकु अवसरमा...?
फार्म हाउस मुख्यमंत्रि मनकु अवसरमा...?
सचिवालयानिकि वेल्लनि मुख्यमंत्रि मनकु अवसरमा...?
10 साल तक फार्महाउस से सरकार चलाने वाले केसीआर को तेलंगाना के फार्मर, अब तो तय कर लिया है कि वो उसको पर्मानेंटली फार्महाउस ही भेज देंगे।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
कांग्रेस पार्टी हो या फिर BRS, इन दोनों की पहचान, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण और खराब कानून व्यवस्था यही इन दोनों की पहचाना है। इसलिए ये दोनों पार्टियां एक दूसरे की कार्बन कॉपी हैं। इसलिए मेरी बात याद रखिएगा। कांग्रेस-केसीआर एक समान, दोनों से रहो सावधान। मैं बुलाऊं, आप बोलेंगे, मैं बुलाऊं, आप बोलेंगे? कांग्रेस-केसीआर एक समान ...आप कहेंगे दोनों से रहो सावधान। कांग्रेस-केसीआर एक समान...कांग्रेस-केसीआर एक समान... बीजेपी ही बढ़ाएगी तेलंगाना का मान। कांग्रेस-केसीआर ओकटे, इद्दरितो जागरतगा उंडन्डी। बीजेपी मात्रमे तेलंगाना प्रतिष्टनु पेंचु-तुंदि। BRS जैसी एक बीमारी का विकल्प, कभी कांग्रेस जैसी दूसरी बीमारी विकल्प नहीं बन सकती। BRS और कांग्रेस इन दोनों बीमारियों का इलाज सिर्फ बीजेपी ही कर सकती है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
कांग्रेस हो या BRS, दोनों के कुशासन में हमने देखा है कि सिर्फ कुछ परिवार ही फले-फूले हैं। कुछ परिवार के लोगों का ही भला हुआ है। वोट गरीब, SC/ST और BC को न्याय देने के नाम पर मांगे गए और सत्ता का फायदा किसी और को हुआ। कांग्रेस ने इतने वर्षों तक आंध्र प्रदेश में सरकारें चलाईं। लेकिन BC कम्यूनिटी से कितने लोगों को सीएम बनाया? तेलंगाना बना, तो फिर BC समाज के प्रतिभाशाली लोगों को अवसर नहीं मिला। इसलिए ही अब बीजेपी ने तेलंगाना से ये वायदा किया है कि तेलंगाना को पहला BC मुख्यमंत्री बीजेपी ही देगी। सामाजिक न्याय केवल भाजपा से ही संभव है। सामाजिका न्यायम् बीजेपी तोने साध्यम्...

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
यहां मादिगा समुदाय के साथ जो अन्याय हुआ है, उसे भी बीजेपी अच्छे से समझती है। इस अन्याय का अंत करने के लिए, उस काम को गति देने के लिए भारत सरकार एक कमिटी का गठन करके न्याय जल्दी मिले, इस पर काम कर रही है। मादिगा समुदाय से जुड़ी एक बड़ी न्यायिक प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। ये केस मजबूत हो सके, इसके लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
कांग्रेस और BRS में कोई फर्क नहीं है। कांग्रेस ने देश में सुल्तानशाही को बढ़ावा दिया और केसीआर ने यहां निज़ामशाही को ही आगे बढ़ाया। कांग्रेस और BRS, दोनों ही परिवारवाद की सबसे बड़ी प्रतीक हैं। कांग्रेस के पास बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर घोटाले में कमीशन खाने का पूरा ट्रैक रिकॉर्डस है। तेलंगाना के सीएम KCR भी स्वीकार करते हैं कि उनके MLA, 30 परसेंट कमीशन लेते हैं। कांग्रेस के शाही परिवार के भी अधिकतर लोग, भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में बेल पर घूम रहे हैं। और केसीआर के परिवार के लोगों पर भी भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में जांच चल रही है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
कांग्रेस ने किसान, जवान और नौजवान, सबको लूटा है। कांग्रेस के राज में किसानों की कर्ज़माफी के नाम पर घोटाले हुए। कांग्रेस शासित राज्यों में पेपरलीक के सबसे अधिक मामले आए हैं। BRS भी इन सभी विषयों में कांग्रेस से पीछे नहीं रही है। आप सभी साथियों ने “निल्लू”, 'निधुलु' और 'नियमाकालु' के लिए लंबी लड़ाई के बाद अलग तेलंगाना राज्य बनाया। लेकिन KCR सरकार के लिए नील्लू, काली कमाई का साधन बन गया। कालेश्वरम परियोजना में हुई लूट इसका बहुत बड़ा सबूत है। निधुलु के मामले में तेलंगाना को इन्होंने कर्ज के बोझ तले, डूबो दिया। नियमाकालु को लेकर जो हुआ, उससे तो तेलंगाना का हर नौजवान गुस्से में है। ग्रुप वन की परीक्षा तक KCR सरकार ठीक से नहीं करा पाई। लाखों नौजवान, KCR से पूछ रहे हैं कि उनकी नौकरियों का क्या हुआ? बेरोज़गारी भत्ते के वादे का क्या हुआ?

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
केसीआर, तेलंगाना को बर्बाद करने के बाद अब देश का नेता बनने का शौक रखने लगे हैं। अपने इस शौक में BRS ने दिल्ली की कट्टर करप्ट पार्टी से हाथ मिला लिया। इन लोगों ने मिलकर शराब स्कैम किया, करोड़ों रुपए की हेराफेरी की। इस स्कैम की तेजी से जांच हो रही है। कुछ नेता जेल में हैं औऱ उन्हें जमानत तक मिलनी मुश्किल हो गई है। तेलंगाना में भी कट्टर करप्ट BRS के नेता, शराब स्कैम की जांच से बच नहीं पाएंगे। मोबाइल का जो खेल है, पैसे की डिलिवरी का जो खेल है, वो घोटालेबाज नेताओं को जेल जरूर पहुंचाएगा। और ये मोदी की गारंटी है। और मोदी की गारंटी यानि, गारंटी पूरी होने की गारंटी। मोदी गारि गारंटी अंटे, गारंटीगा पूर्ति अय्ये गारंटी।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
KCR हों या फिर कांग्रेस की सरकारें, ये किसानों को धोखा देने में हमेशा अग्रणी रही हैं। लेकिन बीजेपी सरकार ने पहली बार छोटे किसानों की चिंता की। पीएम किसान सम्मान निधि के कारण पहली बार करीब पौने 3 लाख करोड़ रुपए सीधे छोटे किसानों के अकाउंट में पहुंचे हैं। पहली बार छोटे किसानों को और पशुपालकों को बहुत नॉमिनल ब्याज से किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये पैसे मिलने लगे। भाजपा की सरकार आज छोटे किसानों को FPOs के रूप में बड़ी ताकत बना रहा है। अपने घोषणा पत्र में तेलंगाना बीजेपी ने किसानों के हित में प्रशंसनीय घोषणाएं की हैं। इस ख़रीफ़ सीज़न में तेलंगाना के किसानों से 20 लाख मीट्रिक टन Boiled Rice अतिरिक्त खरीदा जाएगा। इस क्षेत्र में मिल्क प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए हर संभावना पर तेजी से काम किया जाएगा।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
अभी मुझे तीन राज्यों में चुनाव में जाने का मौका मिला। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान, तीनों राज्यों में मतदान हो गया है। और मैंने तीनों राज्यों में देखा है कि इंडी अलायंस, इंडी गठबंधन, साफ हो जाएगी, साफ। वहां की महिलाएं, वहां के किसान, वहां के जवान कांग्रसे पार्टी को जड़ों से उखाड़ फेंकने वाले हैं। मैं बीसी सम्मेलन में हैदराबाद आया था, मैं मादिगा सम्मेलन में आया था। और दो दिन से मैं जा रहा हूं, मैं साफ देख रहा हूं कि बीआरस-कांग्रेस दोनों को तेलंगाना विदाई दे रहा है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
आप यहां बीजेपी को जिताइए। बीजेपी यहां बीसी सीएम बनाएगी, हर वर्ग को मंत्रिमंडल में उचित स्थान देगी। हम सबके साथ से, सबका विकास करेंगे। आप इतनी बड़ी तादाद में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए हैं। आप सभी का मैं बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं!

भारत माता की जय ! आवाज पूरे तेलंगाना में जानी चाहिए, हर कोई हाथ ऊपर करके बोलिए। भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम।

एक काम करिए, अपना मोबाइल फोन निकालिए और उसकी फ्लैश लाइट चालू कीजिए। बीजेपी बीसी सीएम बनाएगी। ये बीसी सीएम के समर्थन में है। बताइए आप, तेलुगू में बताइए।

ये बीसी मुख्यमंत्री के समर्थन का संकल्प है। ये तेलंगाना ने बीसी मुख्यमंत्री बनाना तय कर लिया है। ये लाइट, ये लाइट मादिगा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए भाजपा की गारंटी है। मादिगा समाज को न्याय मिलेगा।

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!