MP Government charts a promising future for the state as it is focused on self-reliance, youth and women empowerment, and holistic development: PM Modi
The BJP’s manifesto is dedicated to strengthening every individual in the family, ensuring inclusive development: PM Modi in MP
Congress has always overlooked and never cared about the tribal community, whereas BJP worked to enhance the dignity of the tribal community: PM Modi in MP
‘Congress Aayi, Tabaahi Laayi’ says PM Modi, contrasting the BJP’s commitment to delivering promises with unfulfilled assurances by Congress

भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

नर्मदा मात की... हर हर.....नर्मदे! मां बिजासन देवी की.... जय! नागलवाड़ी के भीलट देव बाबा की...जय ! बावन गजा प्रसिद्ध जैन देव स्थान को भी मैं श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। मारा गांव-गांव सी,
पहाड़ जंगल सी आय रिया, आखा आदिवासी भायसो ऐने बहनसो, काजे राम-राम आने जिंदाबाद !

साथियों,
आज बडवानी आया हूं तो मैं सबसे पहले मध्य प्रदेश भाजपा को बधाई देना चाहता हूं। एमपी भाजपा ने जो संकल्प पत्र जारी किया है, वो मध्य प्रदेश को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है। बीजेपी का संकल्प पत्र मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने वाला है। आप सबसे मेरी प्रार्थना है। इतनी बड़ी तादाद में आप का यहां आना, मेरे आदिवासी भाई बहनों का आना और उनका आशीर्वाद पाना, इससे बड़ा कोई सौभाग्य नहीं होता है। लेकिन मेरी नौजवानों से प्रार्थना है। आप जहां हैं वहीं रहिये। कोई जगह ही नहीं कहां जाओगे। आप आगे आने की कोशिश मत करो, भाई। अरे, आप को सुनन है। ये मीडिया के लोगों को उनका काम करने दीजिये, उनको आप बिठाने के चक्कर में मत पड़िए। मीडिया वाले अपनी दुनिया में मस्त रहते हैं, उनको रहने दीजिए। अब ये मोबाइल वाले मीडिया वाले नीचे आओगे तो अच्छा रहेगा। आप नीचे आइए दोनों महापुरुष। यहां मीडिया के लोग बहुत अच्छे है वरना वे तो मानते ही नहीं है। आप लोग तो मानते है। भाई, उधर वो कैमरा जब आता है तो आपको उछलने की जरूरत नहीं है। वो पीछे देख रहा है आपकी तरफ नहीं देख रहा है। बोलिये भारत माता की... भारत माता की... मैं आप सबको बता रहा था। बीजेपी का संकल्प पत्र। युवाओं, महिलाओं को और सशक्त बनाने वाला है। बीजेपी का संकल्प पत्र आदिवासियों, पिछड़ों। दलितों गरीबों को नया संबल देने वाला है। बीजेपी का संकल्प पत्र मेरे परिवार के आप सभी लोगों को मजबूत जिंदगी देने वाला है। और ये भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड है कि भाजपा जो कहती है वो करके दिखाती है। आप से किए हर वादे, ये मेरे शब्द लिख लीजिए, आप से किए हर वादे पूरे होंगे, यह मोदी की गारंटी है।

साथियों,
आज से दो दिन बाद। यानी 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिवस है। ये भाजपा सरकार का गौरव हैं कि इस पुण्य दिन को हमें जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने का अवसर मिला। सैकड़ों वर्षों से हमारे आदिवासी समाज ने भारत को कैसे सशक्त बनाया, भारत की संस्कृति को कैसे संरक्षित और समृद्ध किया। आजादी के आंदोलन आदिवासी वीर वीरांगनाओं और सेनानियों का कितना बड़ा योगदान रहा। जनजातीय गौरव दिवस इसे याद करने का बहुत बड़ा दिन बन चुका। जिस आदिवासी समाज को कांग्रेस ने हमेशा नज़रअंदाज किया, जिस आदिवासी समाज की कांग्रेस ने कभी परवाह नहीं की उस आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाने का सामाजिक न्याय दिलाने का काम भाजपा ने किया है। और ये मेरा एक और सौभाग्य है कि परसों मैं झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा के गांव जा रहा हूं। वहां से पूरे देश के आदिवासी समाज के लिए बहुत बड़ी योजना की शुरुआत होने वाली है। भारत के इतिहास में आदिवासी योगदान को बड़वानी से बेहतर मालवा-निमाड़ से बेहतर और कौन जान सकता है? ये भूमि, जनजातीय महापुरुष भीमा नायक, खज्या नायक और टंटया मामा की प्रेरणा स्थली रही है। मैं इस भूमि को नमन करता हूं। आप सभी को भी, इतनी तादाद में आशीर्वाद देने आए हैं, मैं सर झुकाकर आपको भी प्रणाम करता हूँ।

मेरे परिवारजनों,
मध्य प्रदेश के ये चुनाव, सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच के नहीं हैं। ये चुनाव, मध्य प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य को तय करने वाले चुनाव हैं। कांग्रेस के नेता हैं, जो एमपी को अंधेरे कुएं में धकेलने के जिम्मेदार हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा है, जो एमपी को अंधकार से बाहर निकालकर लाई है। एक तरफ कांग्रेस है, जो सिर्फ और सिर्फ अपनी खाली तिजोरी को भरने के लिए मध्य प्रदेश में अपना कब्जा जमाना चाहती है। आप छत्तीसगढ़ और राजस्थान में देखिए, कैसे कांग्रेस की काली कमाई से कमाए गए नोटों के ढेर निकल रहे हैं। देखते हैं ना टीवी में नोटों के ढेर। ये क्या मेहनत की कमाई है क्या? ये ईमान की कमाई है क्या? गद्दे के नीचे छिपा ना क्यों पड़ता है भाई? ये चोरी का माल है कि नहीं है? ये मोदी उसको पकड़ता है, सही करता है, गलत करता है? पकड़ना चाहिए कि नहीं पकड़ना चाहिए? और इसीलिए आप इतना प्यार करते हैं और वो उतनी गाली देते है। लेकिन, वो कितनी ही गालियां दे दे? आपका प्यार उनकी गालियों को चूर-चूर कर देता है। एक तरफ कांग्रेस का ये चरित्र है, दूसरी तरफ भाजपा है। जो सेवा के संकल्प को राष्ट्र प्रथम के अपने मिशन को आगे बढ़ाना चाहती है। देखिये हमारी प्राथमिकता देखिये, इतना बड़ा चुनाव चल रहा है। अनेक जगह पर मुझे जाना है। लेकिन कल दिवाली मनाने के लिए मैं कहाँ चला गया? सीमा पर देश के जवानों के पास। इतनी बड़ी चुनाव के आखिरी दिन है, लेकिन दो दिन के बाद कहां जा रहा हूं? झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा के गांव में मत्था टेकने के लिए जा रहा हूं। ये हमारी प्राथमिकताएं देखिए। आज आप देख रहे है आज भारत को विश्व पटल पर नई बुलंदी मिली है। आज दुनिया में भारत का जय जयकार हो रह है कि नहीं हो रहा है? आज चारों तरफ भारत की वाहवाही है कि नहीं है? अमेरिका में भारत की वाहवाही हो रही है कि नहीं हो रही है? जर्मनी में भी हो रही है कि नहीं हो रही है? कनाडा में भी हो रही है कि नहीं हो रही है? कहीं पर भी जाइये, आज हिंदुस्तान का जय जयकार हो रहा है कि नहीं हो रहा है? किसके कारण? किसके कारण? ये जय जयकार किसके कारण हो रहा है? ये मोदी के कारण नहीं हो रहा है। ये आपके एक वोट के कारण हो रहा है। आपने वोट देकर मोदी को मजबूत बनाया, देश की सरकार मजबूत बनाई। आज जब मोदी दुनिया के किसी बड़े-बड़े दिग्गज को मिलता है ना। ये वो हाथ मिलाता है ना? मोदी अकेला नहीं होता है, 140 करोड़ देशवासी मेरे साथ खड़े होते हैं। 140 करोड़ देशवासी मेरे साथ खड़े होते हैं और तब जाकर के दुनिया में जय जयकार होता है। हमारा मध्य प्रदेश का भी जय जयकार होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? पूरे हिंदुस्तान में मध्य प्रदेश का जय जयकार होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? पूरे हिंदुस्तान में मध्य प्रदेश का माथा ऊंचा होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? आपका वोट ये कर सकता है करोगे? करोगे, आप मुझे मजबूत बना दीजिए मध्यप्रदेश मजबूत बन जाएगा। भारतीय जनता पार्टी भारत को विकसित बनाने के संकल्प के साथ निकली है और विकसित भारत का ये संकल्प एमपी के विकसित भविष्य से ही जुड़ा है। इसलिए, आज पूरा मध्य प्रदेश एक स्वर में कह रहा है। गांव गांव से एक ही स्वर है फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार भाजपा सरकार... फिर एक बार... फिर एक बार... ।

मेरे परिवारजनों,
आजकल एमपी में एक और नारा गूंज रहा है। और ये नारा लोगों के दिलों से निकला है, दशकों के अनुभव से निकला है। आंखो से जो देखा उससे ये नारा निकला है। और क्या नारा चल रहा है? सुन लीजिए... ये नारा ये चल रहा है... कांग्रेस आई तबाही लाई। कांग्रेस आई... कांग्रेस आई... कांग्रेस आई... और मध्यप्रदेश ने तो इसको भुगता है। बीते वर्षों के अनुभव कहते हैं कि जहाँ जहाँ से कांग्रेस साफ हुई है, वहाँ खुशहाली आई है। और जहां-जहां कांग्रेस की फिर सरकार आई है वहाँ समृद्ध से समृद्ध राज़ भी संकटों में घिर गए हैं। कांग्रेस ने हिमाचल के किसानों को, वहाँ की माताओं बहनों को, वहाँ के कर्मचारियों को, चाँद तारे तोड़कर लाने का वादा किया था। वहां कांग्रेस सरकार बनी, ऐसे झूठे लॉलीपॉप पकड़ा-पकड़ा के? खेल तो कर लिया। और आज स्थिति ये है कि वहाँ पेट्रोल डीजल महंगा कर दिया। किसानों को अपनी सेब की उपज पानी में बहानी पड़ी भगानी पड़ी। कांग्रेस से वहाँ कर्मचारियों और युवाओं के लिए बड़े बड़े वादे किए थे। कर्मचारियों को भी वहाँ कांग्रेस ने सिर्फ धोखा ही दिया धोखा। साथियों यही स्थिति देश के समृद्ध राज्य जैसे कर्नाटक को भी करके रखी हुई है। कांग्रेस सरकार बनते ही उन्होंने रातोंरात बिजली महंगी कर दी। बच्चों को जो दूध मिलता था वो दूध महंगा कर दिया। इससे सामान्य परिवार, किसान और छोटे बड़े सब परेशान ही परेशान है। कर्नाटक में विकास ठप हो गया है। ऐसी बर्बादी अगर समृद्ध कर्नाटक में कांग्रेस ला सकती है तो सोचिए यह हमारे मध्य प्रदेश का हाल क्या करेंगे? अभी तो जैसे-तैसे कुर्सी पाने के लिए कांग्रेस मध्य प्रदेश के लोगों को सोने का महल बनाने का भी वादा कर सकती है। अब ये सोना कौन सा लाएंगे? आलू वाला? कोई भरोसा नहीं, सोने का महल नहीं है और फिर कहेंगे आलू से सोना निकालूंगा तब बनाऊंगा। लेकिन सत्ता मिलते ही कांग्रेस आप को भूलकर, लूट का कारोबार शुरू कर देगा। इसलिए मध्य प्रदेश के लोगों को, नौजवानों को, पहली बार बूट डालने जा रहे युवाओं को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस की एक और पहचान है जो यहां के युवाओं को समझना बहुत जरूरी है। जहां-जहां कांग्रेस आती है वहां अपराध चरम पर पहुंच जाते हैं। कांग्रेस सरकार में दंगे फसाद आम हो जाते हैं। कांग्रेस सरकार में बहनों, बेटियों के साथ अत्याचार चरम पर पहुंच जाता है। लोगों के लिए अपने तीज त्योहार मनाना तक मुश्किल हो जाता। आप पड़ोस में राजस्थान में देखिए बीते पांच वर्षों में क्या-क्या नहीं हुआ? क्या हम कल्पना भी कर सकते थे? कि भारत में हम कभी सर तन से जुड़ा.. ऐसे नारे सुनेंगे। लेकिन कांग्रेस के कुशासन में वीरधरा राजस्थान में कैमरा के सामने हुआ।

मेरे परिवारजनों,
हमें राजस्थान तो बचाना ही बचाना है, लेकिन मध्य प्रदेश को किसी भी हालत में ये बर्बादी की तरफ जाने नहीं देना है। कांग्रेस की बातों और कांग्रेस के वादों पर आज। देश बिल्कुल परोसा नहीं कर रहा है। इसका कारण है, इनका ट्रैक रिकॉर्ड। कांग्रेस ने 60 साल तक पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक उन्हीं की सरकार चलती थी, उन्हीं का झंडा था। लेकिन इस दौरान कांग्रेस ने आदिवासियों को न विकास दिया। और नहीं मान सम्मान दिया। जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी। तो पहली बार मेरे आदिवासी भाई बहनों को वो सम्मान मिलना शुरू हुआ, जिसके वह हकदार है। आप मुझे बताइये भाई, क्या ये आदिवासी समाज मोदी प्रधानमंत्री बना, उसके बाद पैदा हुआ है क्या? ज़रा जवाब दो। क्या मोदी आया उसके बाद आदिवासी समाज पैदा हुआ है क्या? क्या आदिवासी समाज देश आजाद हुआ तब था कि नहीं था। ज़रा आप सब मिलकर जवाब दीजिए। आदिवासी समाज जब देश आजाद हुआ तब था कि नहीं था? आदिवासी समाज जब भगवान रामचंद्र थे तब था कि नहीं था? लेकिन कांग्रेस वालों को पता ही नहीं था। जो आपको पता है वो कांग्रेस वालों को नहीं था। आप कल्पना कीजिए आजादी के बाद देश में आदिवासी समाज के लिए अलग मंत्रालय ही नहीं था। अलग बजट नहीं था, अलग व्यवस्था नहीं थी। सालों-साल कितने ही प्रधानमंत्री आके गए, बस चलता रहा। ये अटल बिहारी वाजपेयी जी जब आए, उनकी सरकार बनी तब देश में पहली बार आदिवासी समाज के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट दिया। क्या ऐसी कांग्रेस को माफ कर सकते हो क्या? ऐसी कांग्रेस को बात कर सकते हो क्या? सड़क, बिजली, पानी ये सब सुविधाएं आदिवासी गांवों में अब भाजपा सरकार पहुंचा रही है। कांग्रेस जब सत्ता में थी तब आदिवासी मंत्रालय का बजट बहुत ही कम था। आज आदिवासी विकास के लिए भाजपा सरकार का बजट। मेरे पहले 10 साल वो थे ना? उनकी रिमोट सरकार चलती थी। याद है न? उस समय बजट बहुत कम था। लगभग 1,25,000 करोड़ रुपए का आज बजट है। हमने एकलव्य मॉडल स्कूलों की संख्या में पांच गुणा से अधिक बढ़ाई है। हमने लाखों आदिवासी छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप में भी बड़ी वृद्धि की है।

साथियों,
भाजपा के डबल इंजन सरकार से एमपी के आदिवासी परिवारों को डबल लाभ हुआ है। देश भर में हमने अपने सेवाकाल में आदिवासी परिवारों को 8 लाख से अधिक पट्टे दिए हैं। यहां भी हजारों परिवारों को पट्टे मिले हैं। यहां पेशा का लाभ भी लाखों लोगों को मिला है। साथियों, देश में कांग्रेस की सरकार जब थी तो भूख से मौतों की खबरें सबसे अधिक आदिवासी क्षेत्रों से ही आती थी। मैंने तय किया कि आदिवासी परिवारों की चिंता हमेशा-हमेशा के लिए दूर होगी। और इसलिए मैंने जब कोरोना का कठिन काल था, चारो तरफ मौत मंडरा रहा था तब मैंने तय किया था किसी गरीब के घर का चूल्हा बूझने नहीं दूंगा। किसी बच्चे को भूखा सोने नहीं दूंगा, किसी मां को आंसू बहाने पड़े, ऐसी नौबत नहीं आने दूंगा और इसलिए मैंने मुफ्त राशन की योजना शुरू की। मुफ्त राशन मिले, आप भी यहां बहुत से लोग होंगे जिनको आज भी मुक्त राशन मिलता होगा। अब ये 3 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, लेकिन मेरी आत्मा कहती है। ये तो पुण्य का काम है इसको बंद नहीं कर सकते। और इसलिए, आप मुझे बताइए कि ये कभी गरीब को खाना खिलाएं तो पुण्य का काम मानते हैं कि नहीं मानते है? मानते हैं कि नहीं मानते है? गरीब की सेवा करने से पुण्य मिलता है, ऐसा मानते हैं कि नहीं मानते है? आज पिछले 3 साल से गरीब को मुफ्त में अनाज मिलता है तो उसका पुण्य मिलेगा कि नहीं मिलेगा? ज़रा सब बताइए, पुण्य मिलेगा कि नहीं मिलेगा? आप मुझे बताइए पुण्य किसको मिलेगा? किसको मिलेगा? किसको मिलेगा? किसको मिलेगा? अरे ये पुण्य आपको मिलेगा क्योंकि आपने एक वोट मोदी को दिया उसके कारण मोदी ये गरीबों की सेवा करता है। ये पुण्य के हकदार आप हैं, और इसलिए आगे भी पुण्य मिलता रहे इसलिए मोदी का निश्चय है, मोदी का संकल्प है, कि दिसंबर में ये योजना बंद नहीं करूँगा, 5 साल और बढ़ा दूंगा। यहां एमपी की भाजपा सरकार राशन आप के ग्राम योजना के तहत गांव-गांव राशन पहुंचाने में जुटी है। यहां भाजपा सरकार सैकड़ों आदिवासी युवाओं को हर वर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ट्रेनिंग देती है। आपने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में भी जरूर सुना होगा। जो साथी हाथ के शिल्प से जुड़े हैं राजमिस्त्री है, बढ़ई हैं, खिलौने बनाते हैं, टोकड़ियां बनाते हैं, कपड़े सिलते हैं, कपड़े धोते है, ऐसे हर साथी के लिए 13 हजार करोड़ रुपये की योजना हमारी सरकार ने बनाई है।

साथियों,
कांग्रेस सरकार जब थी तब आदिवासी बच्चों का टीकाकरण भी बहुत कम होता था। आज मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण का दायरा बहुत अधिक बढ़ा है। आज पीएम मातृ वंदना योजना के माध्यम से गर्भवती बेटियों के लिए सीधे उनके खाते में पैसा भेजा जाता है। शिवराज जी की सरकार भी लाडली बहना और लाडली लक्ष्मी योजना के तहत एमपी के लाखों बहनों को मदद दे रहे हैं। आदिवासी परिवार की बहनों को भी विशेष सहायता दी जाती है। ये भी भाजपा सरकार ही है, जिसने पहली बार सिकल सेल बीमारी दूर करने के लिए राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस तो सिर्फ सात-आठ वन उपजों पर समर्थन मूल्य देती थी। आज भाजपा सरकार 90 से अधिक वन उपजों पर एमएसपी देती है। ये भाजपा सरकार है जो वन धन योजना लेकर आई है। आज एम पी की हजारों आदिवासी बहनें इस योजना की मदद से अपनी आय बढ़ा रही है। साथियों, कांग्रेस ने हमेशा किसानों के नाम पर सिर्फ अपने लोगों की तिजोरी भरी है। भाजपा ने कपास हो, गेहूं हो, सोयाबिन हो ऐसी फसलों का एमएसपी भी लागत का दोगुना दिया है। अब भाजपा सरकार मक्का सहित आपके मोटे अनाज को बढ़ावा दे रही है। हम मोटे अनाज को श्री हनन के नाम से दुनिया भर में बाजारों में पहुंचाने वाले है। यहां का अदरक आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट योजना के तहत देश भर में पहुंच रहा है। बड़वानी के मिर्च किसानों को भी सही दाम और सही सम्मान भाजपा ही दे सकती है। मेरे परिवारजनों आजादी से पहले बड़वानी को निमाड़ का पेरिस कहा जाता था। भाजपा सरकार अब इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को और बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। अगर यहाँ गलती से भी रोड़े अटकाने वाली कांग्रेस को मौका मिला तो ये मुझे, जो दिल्ली से मैं मध्य प्रदेश के लिए काम करना चाहता हूँ, वो यहाँ पर सारे रोड ब्लॉक कर देंगे। मैं भी आपकी सेवा नहीं कर पाऊंगा, इसलिए ऐसे लोगों को बीच में मत आने देना।

मेरे परिवारजनों,
चुनाव का दिन अब ज्यादा दूर नहीं है। मैं जानता हूँ कि मध्यप्रदेश भाजपा का हर कार्यकर्ता, अपने अपने बूथ पर बहुत परिश्रम कर रहा है। भाजपा के हर कार्यकर्ता मेरी ताकत। और मेरा सौभाग्य है कि मुझे किसी समय मध्य प्रदेश में संगठन का काम मिला था। कई वर्षों तक। मैं आपके सभी पूरे क्षेत्र में दौरा करता था। शायद ही कोई तहसील होगा जहां मैं गया नहीं हूं। तो मैं मध्य प्रदेश को भलीभांति परिचित हूं जानता हूं और मैं यहाँ के कार्यकर्ताओं की ताकत को भी जानता हूं। यहाँ की संगठन की शक्ति को भी जानता हूं। कुशाभाऊ ठाकरे जैसे लोगों की तपस्या का परिणाम यहां पर है। और इसलिए मुझे पूरा भरोसा है कि आप मेहनत में कोई कमी नहीं करोगे, लेकिन इस बार मैं कहना चाहता हूँ मेरी बहने भी हर बूथ में आज भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में जब काम कर रही हैं तो मुझे और गर्व होता है। बहनें जीस प्रकार से मैदान में उतरी है, बहनें जीस प्रकार से मेहनत कर रही है, वह हिंदुस्तान की हर पॉलिटिकल पार्टियों को ईर्ष्या आ रही है और इसीलिए कांग्रेस की तो नींद ही उड़ गई। बहनों को देखकर ही डर जाते हैं। उनको तो लगता है कि मोदी की फौज आ गई। कांग्रेस ने खुद को भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है, लेकिन आपको पूरी मेहनत करनी है। भले कांग्रेस दिखे ना दिखे, हमें तो घर-घर जाना अपना कर्तव्य है। हर बूथ में कमल खिलाना अपना जिम्मेवारी-है करोगे? घर-घर जाओगे? हर बूथ से कमल निकलेगा? सिर्फ और सिर्फ कमल जीतेगा? एक भी बूथ हारेंगे नहीं? पक्का करेंगे? माता नर्मदा के किनारे पर बैठे हैं। करोगे ना? पक्का करोगे? अच्छा एक मेरा काम करना है, करोगे? क्यों भाई आवाज दब गई? मेरा काम करोगे? ये चुनाव वाला काम नहीं है, मेरा निजी काम है। और आप सबकी मदद मिलेगी तभी पूरा होगा, करोगे? सच्चे मन से करोगे? जी-जान से करोगे? पूरी मेहनत करोगे? ये चुनाव का काम नहीं है तो भी करोगे? मोदी के लिए करोगे? अच्छा तो देखिए काम मैं बताता हूँ बताऊं? ज़रा हाथ ऊपर करके बताओ, बताऊँ? करेंगे ना? ज़रा आपका मोबाइल फ़ोन की लाइट चालू करो, मैं देखूं कि कितने लोग कहते हैं करेंगे। ज़रा मुझे बताइए। आपके मोबाइल फ़ोन के प्लैश लाइक चालू कीजिये? चालू रखिए सबलोग, चालू रखिए, मुझे बताइए आप लोग करेंगे? आप लोग करेंगे? अच्छा मेरी बात सुन लीजिये बराबर, शाबाश, दूर दूर तक लोग दिखाई दे रहे हैं। देखिए काम क्या करना है मैं बताता हूँ। घर घर जाना है, जाओगे? घर-घर जाना है, जाओगे? और जाकर के कहना, आपने मोदी जी बड़वानी आए थे। और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। ये इतनी मेरी बात पहुंचा देंगे? ये सब को बता देंगे? देखिए, आप जब मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे ना तो हर कोई मुझे आशीर्वाद देगा। और जब हर परिवार से मुझे आशीर्वाद मिलेगा तो मेरी ताकत बढ़ जाएगी, मेरा काम करने का हौसला मजबूत हो जाएगा। जी-जान से जुटने की ताकत आ जाएगी और ये आपने दिया जला करके आशीर्वाद दिए हैं। मेरे साथ बोलिए... भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की... बहुत बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!