QuoteGoa symbolizes the spirit of ‘Ek Bharat Shreshtha Bharat’: PM Modi
QuoteModi guarantees that soon the Olympic Games will be held in India: PM Modi
QuoteCongress’s philosophy is ‘Loot, Zindagi ke Saath bhi, Zindagi ke Baad bhi: PM Modi

समेस्त गोयकारांक म्हजो नमस्कार !

2024 के इस ऐतिहासिक चुनाव में अभी तक 2 चरण की वोटिंग पूरी हो चुकी है। ज़मीन से आ रहे फीडबैक और आप जैसे मेरे परिवारजनों का उत्साह, एक ही संकेत दे रहा है, फिर एक बार- मोदी सरकार ! फिर एक बार- मोदी सरकार ! फिर एक बार- मोदी सरकार ! अब मैं जरा एक दूसरा नारा आप से बोलवाता हूँ, बोलेंगे आप, मैं बोलूंगा और आपको बोलना है, फिर एक बार ! ठीक है। गरीबों की सरकार...फिर एक बार। SC-ST-OBC की सरकार...फिर एक बार। युवा को अवसर देने वाली सरकार... फिर एक बार- मोदी सरकार ! महिलाओं को सुविधा देने वाली सरकार...फिर एक बार। फिशरमेन को समर्पित सरकार....फिर एक बार। टूरिज्म को बढ़ाने वाली सरकार...फिर एक बार। किसानों का कल्याण करने वाली सरकार..फिर एक बार। भारत को आधुनिक बनाने वाली सरकार, फिर एक बार।

भाइयों और बहनों,

मैं जब मंच पर आया,तो मैं तय नहीं कर पा रहा था कि चुनाव सभा है कि विजय सभा। आप का उमंग उत्साह देख करके लग रहा है कि जैसे आप विजय सभा organize किए है। भाइयों औऱ बहनों, गोवा, भारत भक्तों की भूमि है। हम भाई हेमंत सुमन जैसे सेनानियों को याद करते हैं, जिन्होंने यहां विदेशी सरकार के सेक्रेटेरिएट पर तिरंगा फहराया था। ये धरती जगन्नाथ राव जोशी जी जैसे सत्याग्रहियों की धरती है। गोवा के मंदिर जितने भव्य हैं, गोवा के चर्च भी उतने ही खूबसूरत हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत की बहुत ही सुंदर तस्वीर गोवा में दिखती है। और इसलिए पूरी दुनिया के लिए गोवा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां आना एक सुखद अनुभव होता है।

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भाइयों और बहनों,

चौबीस का ये चुनाव, दो धाराओं के बीच का चुनाव है। एक धारा NDA की है, जो देश के नागरिकों की Aspiration के लिए, काम करती है, जो धारा हर काम में पूर्णता को ले करके Saturation अप्रोच पर काम करती है। हमारे खिलाफ दूसरी धारा इंडी अलायंस की है, जो अपने स्वार्थ के लिए, अपने परिवार के लिए काम करती है। हमारी अप्रोच तुष्टिकरण की नहीं, हमारी अप्रोच संतुष्टिकरण की है। मुझे याद है, मैंने यहीं गोवा में पहली बार, भाजपा की इस सैचुरेशन अप्रोच पर विस्तार से बात की थी। सैचुरेशन अप्रोच यानि सबका साथ-सबका विकास। सैचुरेशन अप्रोच यानि बिना किसी भेदभाव, सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। और हमारा गोवा तो इस सैचुरेशन अप्रोच का बेहतरीन मॉडल है। हमारे प्रमोद सावंत जी के नेतृत्व में, उनकी पूरी टीम ने सैचुरेशन अप्रोच को जिस प्रकार से जमीन पर उतारा है, यहां टॉयलेट कवरेज कितनी है- 100 परसेंट। यहां बिजली कवरेज कितनी है- 100 परसेंट। यहां एलपीजी कवरेज कितनी है- 100 परसेंट। यहां नल कनेक्शन कितने हैं- 100 परसेंट। औऱ यही तो सच्चा सेकुलरिज्म है। यही तो सच्चा सोशल जस्टिस है। इस Hundred percent गवर्नेंस की गारंटी से सबसे अधिक लाभ गरीब को हुआ है, हमारे किसान भाई बहन को हुआ है, हमारे मछुआरे भाई बहन को हुआ है, हमारी माताओं-बहनों को हुआ है।

साथियों,

पिछले 10 वर्षों में इतना सब कुछ काम हुआ है, लेकिन मोदी चैन से बैठता नही है। लोग परेशान हो जाते हैं, कि मोदी जी इतना दौड़ते क्यों हो? मोदी, मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मोदी, मोदी दिन रात आपके सपनों को जीता है। आपके सपने ही मोदी के संकल्प हैं, और इसलिए मेरा पल-पल आपके नाम, मेरा पल-पल देश के नाम, 24 बाई सेवन फॉर 2047। इतने सारे काम हुए, अनगिनत काम मैं बता सकता हूँ, जीवन को कोई भी क्षेत्र उठा लिजिए, मैंने कुछ न कुछ अच्छा करने की कोशिश की होगी और पिछले 10 सालों में इतने सारे काम होने के बाद फिर भी मोदी दौडता है क्योंकि जो दस साल में मैंने किया है न इतना सारा किया है फिर भी मेरे हिसाब से तो ये ट्रेलर है, ये ट्रेलर है। अभी तो बहुत कुछ करना है, गोवा को, देश को बहुत आगे लेकर जाना है। और आप मोदी की गारंटी नोट करके रखिए। आने वाले साल में गरीबों के 3 करोड़ नए पक्के घर बनेंगे। और मेरी आपको एक रिक्वेस्ट है, मेरा एक काम करोगे, ऐसे नही, जरा तेज गति से बताओ। मेरा एक काम करोगे। देखिए चुनाव अभियान में आप घर-घर जाते होंगे, मोहल्ले में जाते होंगे, गांव में जाते होंगे। कहीं पर भी ऐसा परिवार ध्यान में आए कि जिसको अभी पक्का घर नहीं मिला है, हो सकता है गांव में पांच लोगों को मिल गया हो लेकिन एकाध छूट गया होगा, आप उनका नाम पता लिख लिजिए, मुझे भेज दिजिए, चार जून के बाद, नई सरकार बनने के बाद, मेरी तरफ से उनको कह देना, तीसरी बारी में उनका पक्का घर पक्का हो जाएगा। तो बता दोगे, औऱ ये मोदी की गारंटी है, उनको पक्का घर मिलेगा। और आप भी उसी विश्वास से कह देना कि आप का पक्का घर पक्का।

क्यों, मेरे लिए तो आप सब ही मोदी है। शहरों में जो हमारे मिडिल क्लास परिवार हैं, जो किराए पर रहते हैं, उनको मालिकी की मालिकन की हक वाला घर बनाने के लिए मदद दी जाएगी। ये मोदी की गारंटी, बता दीजिए। अभी तक हमने घर-घर सस्ते सिलेंडर का उज्ज्वला कनेक्शन पहुंचाया है। अब हम घर-घर पाइप से सस्ती गैस पहुंचाने के लिए तेज़ गति से काम करेंगे। अभी तक हमने करोड़ों गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज दिया है। अब हम गोवा के हर परिवार में जो बुजुर्ग हैं, सीनियर सिटीज़न हैं, जो सत्तर साल के ऊपर के हैं, और हम जानते हैं हमारे परिवारों में आजकल माता- पिता, दादा-दादी, नाना -नानी, बुजुर्ग को कोई न कोई बीमारी हो ही जाती है, सब कोई मोदी जैसे थोड़े ही होते हैं, कोई न कोई बीमारी हो जाती है औऱ जो घर में कमाने वाला बेटा होता है या बेटी होती है उसको अपने बच्चों को भी संभालना होता है, अपने बच्चे की भी चिंता करनी होती है औऱ ऊपर से माता पिता की बिमारी का खर्चा आ जाता है तो मध्यम वर्गीय परिवार को बहुत मुश्किल हो जाता है। तो आप घर घर जाकर बता दिजिए, उनसे फार्म भर दिजिए. सत्तर साल से ऊपर के कोई भी नागरिक होंगे अब उनका इलाज का खर्चा दिल्ली में जो आपका बेटा बैठा है न वो मोदी करेगा। ये मोदी की गारंटी है। तो आप जाकरके सबका फार्म भरवा देंगे सबका, हर एक का फार्म भरवा देंगे, हर एक का फार्म भरवा देंगे जो सत्तर साल से ऊपर के हैं। कर लेंगे? दूसरा उसमें जो 85 से ऊपर के होंगे,उनके लिए नियम हमने नया बनाया है उनको पोलिंग स्टेशन पर आने की जरूरत नहीं है वो अपने घर से वोट कर सकते हैं। जो दिव्यांग हैं वो अपने घर से वोट कर सकते हैं। औऱ इसके लिए मैं चाहूंगा कि सरकार के साथ मिल करके योजना बना करके, ऐसे लोगों का वोटिंग हो जाए।
साथियों, कहने का तात्पर्य ये है,कि मेरा गोवा का हर परिवार, हर फैमिली के पास इन सारी सुविधाओं के कारण पैसा बचेगा और वो अपने बच्चो के लिए खर्च कर पाएगें, उनकी बहुत बड़ी चिंता मोदी दूर कर देगा।

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साथियों,

ये भाजपा सरकार है, आजादी के बाद पहली बार, अब आप मुझे बताइए, देश आजाद हुआ उसके पहले भी फिशरमैन थे, की नहीं थे? जरा जवाब दीजिए न, फिशरमैन थे की नहीं थे? राम के जमाने में भी मछुआरे थे कि नहीं थे? लेकिन देश आजाद होने के बाद, ये कांग्रेस सरकार वालों को कभी मछुआरों की याद नहीं आय़ी। ये मोदी है, जिसने आ करके फिशरीज सेक्टर का अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट बनाया। ताकि हमारे कोस्टल एरिया , हमारे मछुआरे भाई बहन, उनके जीवन में बदलाव आए। हमने मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया, हमने बोट्स को आधुनिक बनाने के लिए मदद दी। और अब भाजपा ने घोषणा की है कि फिशरमेन साथियों के लिए बीमा कवरेज को बढ़ाया जाएगा, insurance बढ़ाया जाएगा। बीजेपी सरकार फिशरमेन भाइ बहनों के लिए प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग क्लस्टर भी बनाएगी। मछुआरों की आय बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक सी-वीड की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

साथियों,

आज पूरी दुनिया भारत को जानना चाहती है, भारत को देखना चाहती है, हमारी विरासत के प्रति आकर्षित है। और इसलिए इंडी गठबंधन के 10 साल में जितने विदेशी टूरिस्ट भारत आए थे, मोदी के आने के बाद पहले की तुलना में करीब दो करोड़ ज्यादा विदेशी टूरिस्ट पिछले 10 साल में भारत आए हैं। इंडी अलायंस के 10 साल की तुलना में विदेशी टूरिस्ट्स से मिलने वाला फॉरेन एक्सचेंज मोद के काल खंड में double हो गया, double। इसका सबसे ज्यादा लाभ गोवा को ही मिलता है। इसमें बीजेपी सरकार की ई- टूरिस्ट वीजा की बड़ी भूमिका रही है। इन सबका फायदा गोवा के आप सभी भाई बहनों को हो रहा है। ये भाजपा की ही सरकार है, जिसने कोरोना के समय में पूरे देश में, आपको याद होना चाहिए, जब हमें वैक्सीन देने की बात आयी तो मैंने कहा सबसे पहले गोवा को मौका देना चाहिए। औऱ हिन्दुस्तान में सबसे पहले पूरे राज्य का वैक्सीनेशन, सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन गोवा में हुआ था, क्यों? इसके पीछे कारण था, पोलिटिकल आदमी क्या सोचता भाई जहां चालीस पचास पार्लियामेंट की सीटें पहले वहां काम करो,ये दो सीट वाले हैं अभी जल्दी क्या है। मोदी सीट का हिसाब नहीं लगाता है, चुनाव का लेखा जोखा नहीं लगाता है, मुझे मालूम था, गोवा में अगर वैक्सीनेशन का काम हो जाता है तो टूरिस्ट यहां आने में जरा भी झिझक नहीं करेगा, और मेरा गोवा का टूरिज्म तुरंत चालू हो जाएगा। दिल्ली में बैठ करके, गोवा की इतनी बारीकी से चिंता करने वाली इसके पहले कभी कोई सरकार नही आयी होगी,ये मैं आपको दावा से कह सकता हूँ।

साथियों,

भाजपा, गोवा को इंटरनेशनल कॉनफरेन्स का भी एक बड़ा केंद्र बनाने में जुटी है। आजकल कॉनफरेन्स टूरिज्म बड़ा महत्व का है। आपने देखा होगा, स्पोर्टस भी टूरिज्म का सेंटर बन रहा है, आपने देखा होगा हमने ब्रिक्स समिट गोवा में की थी, हमने G-20 की कितनी शानदार मीटिंग्स यहां आर्गनाइज की थी औऱ पूरी दुनिया में हमने गोवा की ब्राडिंग, मार्केटिंग का प्रयास किया। हमने ब्रिक्स देशों का फुटबाल कम्पीटिशन भी यही गोवा में किया। हमारी सरकार गोवा के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत काम कर रही है। गोवा के दोनों एयरपोर्ट्स से यहां टूरिज्म को औऱ आजकल मैं एक नया मिशन लेकर चला हूँ, वो भी गोवा के लिए ही है, मैं हर किसी को कहता हूँ ‘वेड इन इंडिया’। शादी करने के लिए दुनिया में जाकरके रूपए बरबाद करने क जरूरत नहीं है, मेरे देश में गोवा जैसी शानदार जगह है, शादियां यहां होनी चाहिए, और मेरा मूवमेंट है वेड इन इंडिया ताकि मेरे यहां के लोगों को रोजी रोटी मिले। जुआरी ब्रिज और वंदे भारत ट्रेन जैसी सुविधाएं, गोवा की कनेक्टिविटी को और सशक्त कर रही हैं। आयुष अस्पताल से, यहां वेलनेस को भी बढ़ावा मिल रहा है।

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साथियों,

ये हमारा गोवा फुटबॉल की धरती है। और इसलिए भारत में ओलंपिक हों, ये गोवा का कौन नौजवान नहीं चाहता है। मैं गोवा के खेल प्रेमियों को ये भी गारंटी देता हूं- भारत में ओलंपिक हो, आपका ये सपना भी हम जरूर पूरा करेंगे, ये मैं आपको वादा करता हूँ।

साथियों,

गोवा को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाने के इन प्रयासों के बीच, कांग्रेस और उसके साथी हर तरफ देश में Negativity फैलाने में जुटी है। कांग्रेस, सिर्फ वोट बैंक के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का, हमारे संविधान का अपमान कर रही है। इससे जुड़ा एक बड़ा खुलासा गोवा में कांग्रेस के कैंडिडेट ने भी किया है। इस खुलासे ने कांग्रेस की सच्चाई बता दी है, उसका हिडन एजेंडा बाहर लाए हैं कि देश का संविधान उसके लिए कोई मायने नहीं रखता।

साथियों,

ये वोटबैंक के लिए कांग्रेस की सोची-समझी साजिश है। और ये अकेली घटना नहीं है। देश को बांटने वाली बात कर्नाटका के कांग्रेस सांसद ने भी कही है। कांग्रेस की यही सोच है, जिसके कारण 70 साल तक जम्मू कश्मीर में आर्टिकल-370 बना रहा। जिसके कारण, देश सालों-साल तक आतंकवाद की आग में जलता रहा। आपके एक वोट ने, आर्टिकल-370 को जमीन के भीतर दफना दिया, दोस्तों। वो इतिहास के पन्नों पर जड़ गया। और मेरे मित्र, मनोहर पर्रिकर आज हमारे बीच होते, तो शायद ये खबर उनके लिए खुशी की खबर होती। लेकिन इंडी-गठबंधन आर्टिकल-370 को भी वापस लाने की बात कर रही है। मुझे बताइए, मेरे गोवा के भाई बहन, क्या आर्टिकल 370 वापस लाने देंगे क्या? कांग्रेस के मंसूबे पार होने देंगे क्या?

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साथियों,

कांग्रेस, वोट बैंक के तुष्टिकरण के लिए खतरनाक खेल में जुटी है। कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है। कांग्रेस SC/ST/OBC के हक में से एक हिस्सा अपने वोट-बैंक को देना चाहती है। कर्नाटका में इन्होंने ये काम शुरु भी कर दिया है।

साथियों,

आज पूरी दुनिया भारत के टूरिज्म सेक्टर में, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में, एविएशन सेक्टर में, मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर में इन्वेस्ट करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस का प्लान, आपकी संपत्ति पर 55 परसेंट टैक्स लगाने का है। कांग्रेस के शहज़ादे की उनकी विदेश यात्राओं का राज खुल गया है। वहां से कांग्रेस के शहजादे एक एक्स-रे मशीन लाए हैं। और पब्लिकली बोलते हैं कि उनकी सरकार बनने के बाद देश का एक्स रे किया जाएगा। औऱ एक्स रे मशीन से कांग्रेस आपकी संपत्ति की जांच करके उसे अपने वोटबैंक में बांटना चाहती है। मान लीजिए, यहां किसी फिशरमेन के पास, दो बोट होगी, और वो बोट जीवन के अंतकाल में अपने बेटे को देना चाहता है तो नहीं दे पाएगा, कांग्रेस ऐसा कानून ला रही है कि उसमें से एक बोट सरकार जब्त कर लेगी, एक ही बोट अपने संतान को दे पाएगा। औऱ आप जानते हैं ना कांग्रेस का पसंदीदा वोटबैंक कौन है? इसलिए पूरा देश कांग्रेस पर इल्ज़ाम लगा रहा है, और मुखर हो कर बोल रहा है-कांग्रेस की लूट- ज़िंदगी के साथ भी और ज़िंदगी के बाद भी।

भाइयों और बहनों,

भाजपा ऐसे काम करती है, जिससे देश को खुशी मिले, हर नागरिक को खुशी मिले, आपको खुशी मिले। लेकिन कांग्रेस, ऐसे काम करती है, जिससे देश विरोधी ताकतों को खुशी होती है। आप देखिए, इन्होंने EVM को लेकर कितना झूठ बोला, भाई। आए दिन, चुनाव हार गए तो क्यों EVM, चुनाव हारना तय है तो क्यों EVM, जब चाहो तब EVM को गाली, जब चाहो EVM को गाली दो, हिन्दुस्तान के नागरिकों का EVM से विश्वास उठ जाए, उसके लिए जितनी कोशिश होती है उतनी की। इन्होंने भारत के लोकतंत्र के खिलाफ अविश्वास पैदा करने की कोशिश की। लोगों को भड़काने की कोशिश की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि EVM सही है, EVM से होने वाला चुनाव सही है EVM के उपयोग से भारत का लोकतंत्र मजबूत भी हुआ है, भारत का लोकतंत्र आधुनिक भी हुआ है। अब मुझे बताइए, इतने सालों से कांग्रेस का झूठ चल रहा है, क्या कांग्रेस ने माफी मांगनी चाहिए या नहीं चाहिए? कांग्रेस ने देश से माफी मांगनी चाहिए या नहीं चाहिए? ये माफी नहीं मांगेगे। ये अंहकार में सातंवें आसमान पर पहुंचे हुए हैं। लेकिन मोदी को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

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साथियों,

7 मई को होने वाले चुनाव में आपको देश विरोधी हर ताकत को हराना है। आपका सपना पूरा करने में साउथ गोवा से बहन पल्लवी श्रीनिवास डेम्पो और नॉर्थ गोवा से मेरे पुराने साथी श्रीपद नाइक, ये दोनों, विजयी हो करके आएगें औऱ ये दिल्ली में मेरी बहुत मदद करेंगे। दिल्ली सरकार को बहुत मजबूती मिलेगी औऱ आपको आपके सपने पूरा करने के लिए एक बहुत अच्छे प्रतिनीधि मिलेंगे। औऱ इसलिए आज मैं आपसे आशिर्वाद मांगने के लिए आया हूँ। मैं आपसे वोट मांगने आय़ा हूँ। औऱ मेरे गोवा के भाईय़ों बहनों, आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएगें न तो आपका वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा। तो आप घर घर जाएगें। घर घर जाएगें। ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को वोट करवाएगें, सारे पुराने रिकार्ड तोडेंगे, भारी मतदान करेंगे। देखिए गोवा के साथ मेरा एक और रिश्ता है, आज मैं जो कुछ भी हूँ न, मेरे जीवन में हर टर्निंग प्वाइंट गोवा में ही हुआ है। मेरा प्रधानमंत्री बनने का, पार्टी का फैसला भी यहीं गोवा में हुआ था। तो गोवा में मेरा भाग्य लिखा जाता है। औऱ इसलिए मैं कहता हूँ, मुझे ऐसे दो मजबूत साथी पार्लियामेंट में चाहिए, आपके मुझे आशिर्वाद चाहिए औऱ पोलिंग बूथ जीतने का लक्ष्य लिजिए। अच्छा मेरी एक पर्सनल रिक्वेस्ट है, करोगे? जरा हाथ ऊपर करके बताइए, करोगे? देखिए, घर-घर जाइए और कहना मोदी जी आए थे, मोदी जी ने आपको नमस्कार भेजा है। मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे? पहुंचा देंगे? मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !
बहुत बहुत धन्यवाद

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।