QuoteOur government has continuously worked to strengthen the Constitution and bring its spirit to every citizen: PM Modi in Purnea
QuoteThe result of June 4th will determine the security of ‘Seemanchal’ region: PM Modi in Purnea

भारत माता की…. भारत माता की….जय

माई पूर्ण देवी, बिसहरी माय की जय… मैं भक्त प्रहलाद और महर्षि मेही बाबा की इस पावन धरती को नमन करता हूं। मौर्य साम्राज्य के रूप में भारत के गौरव को दूर दूर तक फैलाने वाले सम्राट अशोक की आज जयंती भी है। उनसे प्रेरणा लेने वाले बड़ी संख्या में लोग आज भाजपा को अपना आशीर्वाद देने आए हैं। एनडीए सरकार की तीसरी पारी को लेकर पहले से भी ज्यादा उत्साह नजर आ रहा है, आपका यह उत्साह बता रहा है फिर एक बार.... फिर एक बार..... फिर एक बार..... फिर एक बार..... विकसित भारत के लिए 4 जून.... 4 जून.... 4 जून....

साथियों,

आज एनडीए सरकार के लिए वंचित शोषित वर्ग हमारी पहली प्राथमिकता है। जिसको किसी ने नहीं पूछा, हम उसको पूज रहे हैं. एक समय था जब केंद्र की सरकारें बिहार को पिछड़ा कहकर पीछा छुड़ा लेतीं थी, बिहार की सरकारें सीमांचल को पिछड़ा कह कर के पलड़ा झाड़ लेती थी लेकिन हमने सीमांचल और पूर्णिया के पूर्ण विकास को अपना मिशन बनाया है। एनडीए सरकार ने सीमांचल के भाग्य को बदलने के लिए आकांक्षी जिला और अब आकांक्षी ब्लॉक ऐसी बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना चलाई। आज हमारे पूर्णिया ने देश में सबसे बेहतर प्रगति करने वाले आकांक्षी जिलों में अपनी जगह बनाई है। मैं इसके लिए पूर्णिया के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

आपका उत्साह अद्भुत है.. ऐसा उत्साह बहुत कम ही देखने को मिलता है लेकिन अगर आपका उत्साह मेरी आवाज पहुंचने ही नहीं देगा तो फिर इस सभा का फायदा क्या होगा। तो मेरी बात वहां बैठे लोग सुन सके इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप आपके नारे आपके उत्साह को थोड़ा नीचे करें तो अच्छा होगा करेंगे मेरी बात को.. मेरी बात को मानेंगे, पक्का मानेंगे.. बिहार के लोग इतने बढ़िया है यहां के नौजवान इतने बढ़िया है कि मेरी हर बात को स्वीकार करते हैं यह मेरा सौभाग्य है।

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साथियों,

बिहार और पूर्णिया के पास सामर्थ्य की कभी कमी नहीं थी हमारे बिहार का किसान भरपूर मक्का उत्पादन करता है बिहार में जूट और मखाने की खेती भी खूब होती है.. पिछले 10 वर्षों में हमने जूट की एमएसपी को बढ़ाकर दो गुना किया है बिहार का 20 प्रतिशत मखाना अकेले पूर्णिया के किसान ही पैदा करते हैं। हमने आपके सामर्थ्य को प्रोत्साहन दिया, नतीजा यह हुआ कि आपने मखाना के सीड प्रोडक्शन को करीब दो गुना कर दिया आज एनडीए सरकार मखाने को सुपर फूड के रूप में प्रमोट कर रही है... मोटे अनाज यानी श्री अन्न की तो मोदी ने पूरी दुनिया में मार्केटिंग की है आपने जी-20 में देखा होगा मोदी ने दुनिया के बड़े-बड़े राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को श्री अन्न, मोटा अनाज खिलाया कहा कि हमारे छोटे किसानों की मेहनत है इसमें अब मोटा अनाज गरीब का खाना नहीं अमीरों का खाना बन रहा है... इसका फायदा सीधे हमारे किसानों तक पहुंच रहा है मक्के को भी मुनाफे की फसल बनाने के लिए हमारी सरकार ने एमएसपी पर खरीद बढ़ाई और अब तो मक्के से एथेनॉल भी बनाया जा रहा है देश का पहला, पूरे भारत का पहला ग्रीन फील्ड एथेनॉल प्लांट पूर्णिया में लगाया गया है। हमारे नीतीश जी ने ही इसका उद्घाटन किया था, साथियों कृषि और उद्योग के इन अवसरों को गति देने के लिए पूर्णिया में रेल और रोड के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी आधुनिक बनाया जा रहा है कुछ समय पहले ही मैंने कटिहार जोगबानी रेल सेक्शन के विद्युतीकरण लोकार्पण किया था, हमारी सरकार सीमांचल में अच्छी सड़कों का निर्माण भी करवा रही है और अब तो वह दिन दूर नहीं जब पूर्णिया में हवाई जहाज भी उतरेगी... हमारी सरकार सीमांचल में वंदे भारत, नमो भारत, जैसी ट्रेनों के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी काम करेगी।

साथियों,

मोदी के के लिए आपके सपने ही मोदी का संकल्प है इसलिए गांव गरीब दलित वंचित दशकों से जिन समस्याओं से जूझ रहे थे मोदी ने 10 साल में उनका समाधान दिया है देश के 25 करोड़ गरीबी से बाहर तब आए जब हमनें दिन-रात उनके लिए मेहनत की देश के चार करोड़ गरीबों को पीएम आवास कब मिला जब आपने मोदी को सेवा करने का आशीर्वाद दिया। देश के 50 करोड़ से ज्यादा दलितों, वंचितों, गरीबों का बैंक में खाता तब खुला जब आपने मोदी को आशीर्वाद देकर के सेवा करने का मौका दिया। करोड़ों माताओं- बहनों को चूल्हे के धुएं से मुक्ति तब मिली जब मोदी ने उज्ज्वला सिलेंडर देकर उनकी सुध ली देश के 11 करोड़ परिवारों तक पहली बार पाइप से पानी तब पहुंचा जब मोदी ने हर घर जल को अपना मिशन बनाया। आज 11 करोड़ छोटे किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि भी एनडीए सरकार ही भेज रही है... इन योजनाओं का बहुत बड़ा लाभ हमारे ततमा समाज, महलदार समाज और ऋषिदेव समाज के मेरे परिजनों को भी हुआ है, लेकिन साथियों मोदी इतने से संतुष्ट नहीं है जो काम हुआ है ना वह तो ट्रेलर है ट्रेलर... अभी हमें पूर्णिया को, सीमांचल को, बिहार को और पूरे हिंदुस्तान को बहुत आगे लेकर जाना है। कई बार लोग पूछते हैं कि मोदी के लिए समाज के आखिरी पायदान पर खड़ा व्यक्ति हमारा दलित, पिछड़ा, आदिवासी यह इतनी प्राथमिकता क्यों है... ये समाज मोदी की प्राथमिकता इसलिए है क्योंकि यही समाज सबसे ज्यादा गरीबी से प्रभावित है और मोदी गरीबी से ही निकलकर आपके बीच आया है। मोदी के ऊपर अपने इस समाज का, बाबा साहब का और उनके संविधान का बहुत बड़ा कर्ज है। इसलिए हमारी सरकार ने संविधान को एक श्रद्धा का स्थान मिले... संविधान को आस्था का स्थान मिले.... संविधान के प्रति देश का प्रत्येक व्यक्ति समर्पित हो, संविधान की भावना को हर देशवासी तक पहुंचाने के लिए लगातार काम किया है। हमारी ही सरकार ने देश में संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की... आज बाबा साहब के संविधान को सेलिब्रेट करने के लिए बच्चों के स्कूलों से लेकर, सुप्रीम कोर्ट और संसद तक में कार्यक्रम किए जाते हैं और ये वक्त तो बहुत विशेष है, इस साल संविधान के 75 वर्ष की शुरुआत हो रही है जैसे हमनें आजादी के 75 वर्ष पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया इसी तरह इस वर्ष हमें संविधान के 75 वर्ष का पर्व मनाना है हमनें तय किया है हम देश के कोने- कोने में बाबा साहब के संविधान की भावना को लेकर जाएंगे.. देश की युवा पीड़ी को, देश की गौरवशाली संविधान के निर्माण की प्रक्रिया, उसके अध्याय, उसका महत्व बताएंगे, लेकिन दूसरी तरफ वो लोग हैं जिन्होंने आपातकाल में संविधान को रद्द करने, संविधान को बंधक बनाने, और संविधान को तोड़ने-मरोड़ने का काम किया था...हमें याद रखना है जो लोग सत्ता और सरकार को एक परिवार की मुट्ठी में रखना चाहते हैं, संविधान उनकी आंखों में हमेशा खटकते है इसलिए अब यह लोग संवैधानिक व्यवस्था से हुए चुनाव के नतीजों को अस्वीकार करने की धमकी देने लगे हैं लेकिन इनके मंसूबे कामयाब ना हो संविधान दलित, पिछड़ा, आदिवासी की ताकत बना रहे इसके लिए हमें एकजुट होकर साथ खड़े रहना है।

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साथियों,

अगले पांच वर्षों के कामकाज के लिए बीजेपी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है... इस संकल्प पत्र में मोदी ने गारंटी दी है। देश के सभी जरूरतमंदों को आगे भी फ्री राशन, मुफत राशन मिलता रहेगा। मोदी ने गारंटी दी है गरीब, दलित, वंचित के कल्याण से जुड़ी योजनाओं को हम हर जरूरतमंद तक लेकर जाएंगे। हमारी सरकार 3 करोड़ नये पक्के घर बनाएगी। देश में 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की जिम्मेदारी भी सरकार उठाएगी। आप अपने परिवार में अपने बुजुर्गों को कह दीजिए अब वो बीमारी को छुपाए नहीं, अगर कोई तकलीफ है तो मोदी बैठा है ये मोदी की गारंटी है....

साथियों,

पिछले 10 वर्षों में एनडीए सरकार ने वो काम किए हैं जिन्हें पहले असंभव माने जाते थे। आज हर कोई कह रहा है बड़े कामों का दम सिर्फ भाजपा के पास है, एनडीए के पास है। आपको याद होगा पहले अड़ोस-पड़ोस के देश यहां हमला करके चले जाते थे, सीमा पर हमारे जवानों की आए दिन शहादत होती थी आप लोगों को दुख के साथ ही गुस्सा भी आता था आपका मन करता था कि इन्हें घर में घुसकर मारो... मोदी ने आपकी इच्छा का पालन किया और इसका नतीजा क्या हुआ जो देश हमें आंखें दिखाता था वो कटोरा लेकर के भटक रहा है।

साथियों,

दशकों से देश में लोग मांग कर रहे थे कि कश्मीर में अलग झंडा, अलग संविधान नहीं चलना चाहिए जो लोग दिन-रात संविधान के नाम पर हमको गालियां देते हैं ना इतने दशकों तक उन्होंने राज किया, आजादी के बात उनके हाथ में सत्ता आई अब तक आई लेकिन उनमें हिम्मत नहीं थी कि बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान को जम्मू- कश्मीर में लागू कर पाएं। बाबासाहब का संविधान वहां लागू नहीं होता था ये मोदी है, जो संविधान को समर्पित है। आज जम्मू- कश्मीर में भी आन-बान-शान के साथ हमारा संविधान लागू हो गया। कश्मीर से आपकी इच्छा थी 370 हटनी चाहिए तो ये घमंडिया गठबंधन वाले क्या कहते थे, ये कहते थे कि 370 हटी तो कश्मीर में आग लग जाएगी। आज आर्टिकल 370 का द-एंड हो चुका है। अगर कश्मीर में नहीं भारत को बांटने वालों के मंसूबों में जलन हो रही है आग लगी है।

साथियों,

कल रामनवमी का पवित्र त्यौहार भी है, ये लोग राम मंदिर के लिए भी यही कहते थे, बोलते थे कि राम मंदिर बना तो देश में आग लग जाएगी... आज हमारा राम मंदिर पूरी दुनिया में भारत का गौरव बढ़ा रहा है। अब कुंठा में घिरे ये कांग्रेस के लोग घमंडिया गठबंधन के लोग राम मंदिर का अपमान कर रहे हैं घमंडिया गठबंधन ने तो सनातन को मिटाने की कसम खा रखी है, 26 अप्रैल को आपका वोट इन्हें बताएगा कि सनातन मिटता है या ये लोग रहते हैं।

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साथियों,

हमारा सीमांचल बिहार का एक संवेदनशील इलाका है... वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पूर्णिया और सीमांचल को अवैध घुसपेठ का ठिकाना बनाकर यहां की सुरक्षा को दांव पर लगाया है। इसका शिकार हमारे दलित, वंचित, पिछड़े और गरीब को होना पड़ा है। हमारे दलित भाइयों के घरों तक को जलाया गया था लेकिन मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं, देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाला हर तत्व सरकार की नजर में है। 4 जून का परिणाम इसी सीमांचल की सुरक्षा तय करेगा और जो लोग राजनीतिक फायदे के लिए सीएए का विरोध कर रहे हैं वो भी एक बात जरूर जान लें ये मोदी है ये ना डरने वाला है और ना ही झुकने वाला है।

साथियों,

आपने वह दौर भी देखा है, जब बिहार में जंगल राज था उस समय बिहार के इस इलाके में महा-जंगल राज हुआ करता था हिंसा, अराजकता, अपहरण और भ्रष्टाचार का यहां उद्योग चलता था। नीतीश जी के नेतृत्व में हमने बहुत मुश्किल से उस दौर को बदला है लेकिन आज एक बार फिर जंगल राज और महा- जंगल राज वाले लोग उस दौर की वापसी चाहते हैं, इनका एक ही एजेंडा है भ्रष्टाचार और लूट। हमारे पूर्णिया में कहते हैं ना हर बहे से खर खाए, बकरी खाए अचार, भाव ये मेहनत गरीब जनता करे और मलाई ये आरजेडी वाले लूटें... मोदी के रहते ये मुमकिन नहीं है इसलिए सब भ्रष्टाचारी के लूट के ठिकाने बचाने के लिए वो अब एक हो रहे हैं। मैं कहता हूं भ्रष्टाचार हटाओ, ये कहते हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। मैं आपको एक गारंटी देता हूं, अगले पांच साल भ्रष्टाचार के खिलाफ और बड़ी कार्रवाइयों के पांच साल मान के चलिए।

साथियों,

पूर्णिया से एनडीए उम्मीदवार श्री संतोष कुमार जी, संतोष कुमार जी और कटिहार से दुलाल चंद्र गोस्वामी जी ये हमारे प्रत्याशी हैं। 26 अप्रैल को आपको इसी उत्साह के साथ इन्हें वोट करना है, पूर्णिया और कटियार से जीत का रिकॉर्ड बनाना चाहिए। बनाओगे... घर-घर जाओगे? पोलिंग बुथ जीतोगे? पोलिंग बुत जितना है, जीतोगे? हर पोलिंग बुत जितना है, जीतोगे? अच्छा मेरा एक और काम करोगे? मेरा एक और काम करोगे? करोगे क्या? ये मेरा काम है, करोगे? देखिए यहां से जाने के बाद घर- घर जाइए और जाकर के सबको कहिए कि हमारे मोदी जी आए थे, उन्होंने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे... देखिए मेरा प्रणाम पहुंचेगा तो सभी परिवार के लोग मुझे आशीर्वाद देंगे और जब परिवार के बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलता है ना तो नई ऊर्जा मिलती है नई शक्ति मिलती है और मैं उसके लिए दौड़ता रहूंगा, आपके लिए दौड़ता रहूंगा और पहले ही मैंने कहा था मेरा पल- पल आपके नाम। मेरा पल- पल देश के नाम और इसलिए मेरा संकल्प है 24/7…. 24/7 फॉर 2047… विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए 24/7 हर पल आपका।

मेरे साथ बोलिए, भारत माता की…… भारत माता की……… भारत माता की……

बहुत-बहुत धन्यवाद...

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।