बीजेडीचे मामुली नेतेही आता करोडपती झाले आहेत. बीजेडीने तुम्हाला ओडिशातील साधनसंपत्तीचा लाभ होऊ दिला नाही: पंतप्रधान मोदी ढेंकनालमध्ये
बीजेडीने ओडिशाला काहीही दिलेले नाही. शेतकरी, तरुण आणि आदिवासी अजूनही जीवनमान सुधारण्यासाठी संघर्ष करत आहेत: पंतप्रधान मोदी ढेंकनालमध्ये

जय जगन्नाथ! जय जगन्नाथ! जय जगन्नाथ!

जय श्री राम! जय श्री राम! जय श्री राम!

एठी उपस्थिता भाई ओ भौणी मानंकु मोर नमस्कार…जुहार !

यहां मैंने देखा एक बिटिया बहुत बढ़िया चित्र बना कर लाई थी, साथ में राम मंदिर भी बनाया था, वो चित्र के पीछे आपने अपना नाम पता लिखा है। ये बच्ची भी कोई किताब लाई है, देना चाहती है, ले लीजिए भाई। वो कोई नौजवान हमारी मां का चित्र बनाकर लाए हैं। वो भी ले लीजिए। वो बच्ची एक किताब जैसा है उसके हाथ में ले लिया? आप सबने अपना अता-पता लिखा है। आप लोग इतना उत्साह उमंग के साथ इतनी मेहनत करके, अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे हैं। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। ये कोई बुजुर्ग आदमी को भी मन कर गया, लेकर आ रहे हैं, उनसे भी ले लीजिए। हमारा ओडिशा कला का धाम है। हर परिवार में कला है। इतनी बढ़िया बढ़िया चीजें बना कर लाते हैं सब, लेकिन इसके साथ आप अपना प्यार भी लेकर आते हैं। आप अपनी शुभकामनाएं लेकर आते हैं और वही मेरी सबसे बड़ी ऊर्जा है वही मेरी सबसे बड़ी ताकत है।

साथियों,

महिमा गोसाईं और भीमा भोई की स्मृति को मैं नमन करता हूँ। मैंने अपने जीवन का लंबा समय पार्टी के और संगठन के कार्य के लिए खपाया है। और मैं संगठन की बारिकियों को बहुत भली भांति जानता हूं। अगर मुझे गुजरात में कोई कहे की बहुत बड़े लीडर ने वाले हैं। सुबह 10-11 बजे रैली करो, तो मैं हाथ जोड़कर कहता था कि नहीं जी 10.30-11.00 बजे कौन आएगा? ये संभव नहीं है आप 2 बजे के बाद का टाइम दे दो। बड़ा मुश्किल होता था। सुबह 10 बजे ये भीड़ ये जनसैलाब, पीछे पूरा स्टेडियम भरा पड़ा है। ये अद्भुत दृश्य है और ये तो 10.30 बजे हैं। मैं जब सुबह 7 बजे पुरी में भगवान जगन्नाथ जी के चरणों में वंदन करने के लिए गया था। भगवान जगन्नाथ जी के यहां आशीर्वाद लेने गया था। सुबह 7 बजे पुरी के रास्तों पर हजारों लोगों की भीड़ और मैं अभी सीधे पुरी से आ रहा हूं। थोड़ी देर पहले मुझे महाप्रभु जगन्नाथ जी के दर्शन और पूजा अर्चना का सौभाग्य मिला है। और जगन्नाथ जी ऐसे हैं हर किसी की आशा पूरी करते हैं, तभी तो वो पुरी है। मैंने ओडिशा और देश की सुख और समृद्धि के लिए महाप्रभु जगन्नाथ जी से आशीर्वाद मांगा है।

भाइयों और बहनों,

आज देश में 5वें चरण का मतदान भी हो रहा है। बड़ी संख्या में वोटर पोलिंग बूथ पर पहुंचकर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। मैं सभी मतदाताओं से और विशेषकर फर्स्ट टाइम वोटर्स से आग्रह करूंगा कि वे अपना वोट जरूर डालें।

साथियों,

जिनको अभी भी मन में दुविधा है गर्मी है, जाऊं ना जाऊं। वो जरा इस सभा में मैं एक नौजवान को देख रहा हूं और मैं देख रहा हूं वो व्हील चेयर पर है। ये इससे बड़ा इंस्परेशन क्या हो सकता है। एक जागरूक नागरिक अपनी असुविधा, अपनी कठिनाई की परवाह किए बिना राष्ट्र के लिए क्या करना चाहिए, इसलिए यहां आकर के मौजूद है, मतदाताओं के लिए यही प्रेरणा है। मैं आपका बहुत आभारी हूं दोस्त।

साथियों,

चुनाव के इस समय में दुनिया के कई एक्सपर्ट देशभर में घूम रहे हैं। इस तरफ जो चित्र लाए हैं, वो ले लीजिए, किसी को निराश मत कीजिए, ये लोग देने के लिए आए हैं। कुछ लेने के लिए नहीं आए हैं। इधर एक बच्ची है उसको आगे आने दीजिए। बहुत प्यारी छोटी सी गुड़िया देखिए, वो चित्र लेकर आई है। उस बच्ची को आगे आने दीजिए, शाबास बेटा। बेटा तुम्हारा चेहरा नहीं दिखाई देता है मुझे, इस बेटी का चेहरा मुझे देखना है। शाबास बेटा। देखिए 2047 में विकसित भारत होगा ना तो ये शान से देश को चलाते होंगे।

साथियों,

चुनाव के इस समय में दुनिया के कई एक्सपर्ट देश के कोने-कोने में जा रहे हैं। वहां के हालात का जायजा ले रहे हैं। लोकतंत्र से इस उत्सव को इंज्वाय कर रहे हैं। वो भारत के मतदाताओं की नब्ज टटोल रहे हैं। हर कोई हैरान है..हर कोई चकित है...ये जनसमर्थन...जनता जनार्दन का ये आशीर्वाद....हर कोई मोदी सरकार को तीसरी बार वापस लाना चाहता है। इसमें भी हमारी माताओं-बहनों का, हमारे नौजवानों का उत्साह बहुत अधिक है। ओडिशा में तो ये मैं सामने देख रहा हूं। यहां एक ही नारा गूंज रहा है-ओडिशा के गांव-गांव गली-गली एक ही नारा गूंज रहा है। ओडिशा में पहली बार...डबल इंजन सरकार! उड़ीसा रे प्रथम थर हेब...डबल इंजीन सरकार l उड़ीसा रे प्रथम थर हेब...डबल इंजीन सरकार l

साथियों,

आपने BJD सरकार पर 25 साल भरोसा किया है...आज पूरा ओडिशा ये आत्ममंथन कर रहा है कि इन 25 वर्षों में उसे क्या मिला। आज भी यहां किसान परेशान हैं...आज भी नौजवान छोटे-छोटे काम के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। हद तो ये है...कि आदिवासी क्षेत्र जहां जल-जंगल-जमीन है, खनिज संपदा है, वहां सबसे ज्यादा बेहाली है। और इन्ही इलाकों से सबसे ज्यादा पलायन होता है। क्यों भई? इतने समृद्ध ओडिशा की जनता इतनी गरीबी में जीने के लिए मजबूर क्यों है? ये काले शर्ट वाली बच्ची है ना वो कब से किताब लेकर खड़ी है। जरा ले लीजिए उससे, बेटा आगे आ जाइए, यहां आना संभव नहीं है बेटा। अब मैं अपनी बात करूं आगे। आप इतना प्यार बरसाते हैं कि मेरी बोलती बंद हो जाती है।

साथियों,

मैं गुजरात से आया हूं, सोमनाथ की धरती से आया हूं, जगन्नाथ को प्रणाम करने आया हूं। लेकिन मैं ओडिशा में जो गरीबी देखता हूं। मेरे दिल में बहुत बड़ा दर्द होता है। कितना समृद्ध प्रदेश इतनी महान विरासत ये मेरे ओडिशा को किसने तबाह कर दिया। किसने बर्बाद कर दिया, किसने इसके नौजवानों के सपनों को कुचल डाला। एक-एक बात मुझे बहुत दर्द करती है। बहुत पीड़ा करती है। और मैं देखता हूं कि उसकी वजह क्या है। इसकी वजह है, BJD सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचारियों के कब्जे से घिरी हुई है। मुट्ठी भर भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री आवास को, मुख्यमंत्री कार्यालय को कब्जा करके बैठ गए हैं। BJD के छोटे-छोटे नेता भी करोड़ों के मालिक बन गए हैं।

भाइयों और बहनों,

ओडिशा की BJD सरकार ने, यहां की खनिज संपदा का लाभ आपको नहीं मिलने दिया। 2014 में जब से आपने सेवा करने का अवसर दिया, हमने नई खनन नीति बनाई। इसके तहत ओडिशा को ज्यादा रॉयल्टी मिलती है। मोदी ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाया...ताकि यहां से निकलने वाले हर खनिज का एक हिस्सा यहीं के विकास में लगे। यहां रहने वाले लोगों को लाभ हो। आप अंदाजा लगा सकते हैं..हमने ओडिशा को कितने रुपए DMF के दिए? डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड..कितने रुपये दिए हैं। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड के तहत करीब-करीब 26 हजार करोड़ रुपए...ये पैसे ढेंकनाल में बच्चों के स्कूल के लिए, गांवों की सड़कों के लिए खर्च होने थे। लेकिन इसमें भी BJD के लोगों ने भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार फैलाया।

साथियों,

BJD के राज में न तो ओडिशा की संपदा सुरक्षित है...और न ही ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर सुरक्षित है। ये तो पद्म सम्मान से पुरस्कृत अंतर्यामी मिश्रा जी की धरती है। जिन्होंने जगन्नाथ संस्कृति को लेकर इतना काम किया है। लेकिन BJD सरकार में जगन्नाथ जी का मंदिर भी सुरक्षित नहीं बचा है। पिछले 6 साल से श्री रत्न भंडार की चाबी का अता-पता नहीं है। मैं जरा आप सब से पूछना चाहता हूं। पूरे देश की श्रद्धा, सदियों से जो पूजा होती है। जिसका मालिक स्वंय भगवान जगन्नाथ है। अरे हमारे घर की चाबी खो जाए तो हम मन्नत करके हैं, महाप्रभु जगन्नाथ जी हमारे घर की चाबी खो गई है, कुछ मदद करो और महाप्रभु जगन्नाथ जी के आशीर्वाद से घर की चाबी भी घंटे-दो घंटे में मिल जाती है। 6 साल हो गए रत्न भंडार की चाबी खो गई है। इसके पीछे का बहुत बड़ा राज BJD सरकार और मुख्यमंत्री को घेरा डाल करके जो लोगों ने कब्जा किया हुआ है ना, वो सीधे-सीधे जिम्मेवार हैं। पूरा ओडिशा जानना चाहता है...कि जो जांच हुई थी, उसकी रिपोर्ट में ऐसा क्या है कि BJD ने वो रिपोर्ट ही दबा दी? BJD की खामोशी से लोगों का शक गहरा रहा है। मैं आज ओडिशा के लोगों को भरोसा देता हूं...ओडिशा में भाजपा सरकार बनते ही दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। भाजपा सरकार जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगी। और महाप्रभु जगन्नाथ जी की हमारी सबसे बड़ी सेवा उसी से शुरू हो जाएगी।

साथियों,

ये बहुत गंभीर घटना है। जिसमें ओडिशा की धरोहरों को लेकर संवेदनशीलता नहीं है...वो धरोहरों का संरक्षण भी नहीं कर सकता। ओडिशा का तेज विकास तो ओडिशा की मिट्टी की संतान ही कर पाएगी। और इसलिए मोदी ने आपको गारंटी दी है। आप यहां भाजपा की सरकार बनाइए...भाजपा, ओडिशा के बेटे या बेटी को ही ओडिशा का मुख्यमंत्री बनाएगी। और आपको पता है ना शपथग्रहण की तारीख? मैं यहां आपको निमंत्रण देने आया हूं, 10 जून...10 जून को ओडिशा में डबल इंजन सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। ये सरकार का जाना तय है।

भाइयों और बहनों,

21वीं सदी के ओडिशा को विकास की जो रफ्तार चाहिए...वो BJD सरकार नहीं दे सकती। इस शताब्दी का अब तक का पूरा हिस्सा आप BJD को मौका दे चुके हैं। अब समय आ गया है कि आप BJD की ढीली-ढाली नीतियां, ढीले-ढाले काम को छोड़कर, Slow रफ्तार को छोड़कर, भाजपा की तेज रफ्तार सरकार चुनें। आप भी देख रहे हैं...पिछले 25 वर्षों से ओडिशा में सिंचाई के अनेक प्रोजेक्ट अटके, लटके और भटके हुए हैं। रेंगाली सिंचाई परियोजना...80 के दशक से बन रही है। आज तक नहरें नहीं बन पाईं। एक और प्रोजेक्ट स्वर्णरेखा सिंचाई परियोजना है। इस पर 1970 से प्लानिंग चल रही थी। आपने मोदी को अवसर दिया...तो इसको हम पीएम कृषि सिंचाई योजना के दायरे में लाए। ओडिशा में ऐसे 8 बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट्स थे, जो कई-कई दशकों से लटके हुए थे। इनमें से 5 को तेज रफ्तार मोदी सरकार पूरा कर चुकी है। लेकिन BJD सरकार के ज्यादातर प्रोजेक्ट आज भी अधूरे ही हैं।

साथियों,

ओडिशा के धान किसानों के साथ भी यहां बरसों से विश्वासघात हो रहा है। यहां किसान साल में एक फसल मुश्किल से ले पाता है। वो मेहनत करता है...धान उगाता है...लेकिन 2200 रुपए का घोषित MSP तक उसे नहीं मिल पाता। BJD के नेता, धान किसानों को मंडी में लूटते हैं। इसलिए भाजपा ने गारंटी दी है...आप मेरा एक काम करेंगे, जरा हाथ ऊपर कर बताइए, आप मेरा एक काम करेंगे। जरा जोर से बताइए करेंगे, आप हर किसान को मेरी तरफ से मिलिए और किसान को मेरी एक बात जरूर बताइए, उनको कहिए कि आज तक आपकी जो लूट हुई है। मोदी ने गारंटी दी है कि जब यहां बीजेपी की सरकार बनेगी, तो छत्तीसगढ़ की ही तरह ओडिशा में भी धान का MSP 2200 नहीं, 3100 रुपए क्विंटल होगा। यहां 3100 रुपए क्विंटल वाली बात हर किसान तक पहुंचाएंगे। ये मोदी की गारंटी पहुंचा देंगे। इतना ही नहीं 48 घंटे में यानि दो दिन के भीतर-भीतर धान का पैसा खाते में होगा। उन किसानों को बता दीजिए, अभी तौलने के बहाने जो कटनी-छटनी होती है...जो किसानों को लूटती है। उससे किसान को मुक्ति दिलाने के लिए मंडियों में इलेक्ट्रिक मशीन भी लगाई जाएगी।

साथियों,

BJD सरकार का पहली बार इस तरह कच्चा चिट्ठा पूरे देश के सामने आ रहा है। आदिवासी हितों को लेकर भी यहां की सरकार पूरी तरह बेपरवाह है। आप भी जानते हैं...मोदी सरकार, ने आदिवासी परिवारों के लिए वनधन योजना बनाई। इनके माध्यम से वन उत्पादों की खरीद MSP पर होती है। देशभर में साढ़े 3 हजार से अधिक वन धन केंद्र हैं। यहां ओडिशा में भी पौने 200 वन धन केंद्र खुले हैं। इनमें 80 से ज्यादा वन उत्पादों की खरीद MSP पर होती है। लेकिन BJD सरकार क्या करती है? वो वन उपज पर आपको सही MSP तक नहीं देती। 25 साल हो गए, नवीन बाबू की सरकार आदिवासियों के लिए यहां पेसा कानून तक लागू नहीं कर पाई। इससे आदिवासी परिवारों के भूमि अधिकार से जुड़ी अनेक समस्याएं ज्यों की त्यों हैं।

भाइयों और बहनों,

ओडिशा में BJD सरकार की वजह से हमारी माताओं-बहनों का घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है। अब देखिए...मोदी दिल्ली से आपको मुफ्त चावल देने के लिए पैसा भेजता है। लेकिन BJD के लोग, यहां उसमें अपनी फोटो लगाते हैं और आपके हिस्से का चावल बाहर बेच देते हैं। इसलिए ओडिशा की महिलाओं के लिए भाजपा ने एक बहुत बड़ी योजना बनाई है। भाजपा की सुभद्रा योजना...ओडिशा की हर बहन को बहुत मदद करने वाली है। मोदी आपके घर का बिजली बिल जीरो करने के लिए भी काम कर रहा है। पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना का तेजी से विस्तार हो रहा है। आप अपने घर पर सोलर पैनल लगाएं इसके लिए मोदी सरकार आपको 75 हजार रुपए से ज्यादा दे रही है। इससे बनी 300 यूनिट तक बिजली आप मुफ्त इस्तेमाल करेंगे और बाकी बिजली बेचकर आपकी कमाई भी होगी।

साथियों,

ओडिशा में डबल इंजन की सरकार के लिए भाजपा के उम्मीदवारों को MLA चुनकर भुवनेश्वर भेजिए। और साथ ही ढेंकनाल से मेरे बहुत पुराने मित्र, सबको आश्चर्य होगा। 40 वर्ष से भी पुरानी हमारी दोस्ती है। ऐसे रुद्र नारायण पाणि जी, 40 साल से मेरा नाता है इनसे और संबलपुर से धर्मेंद्र प्रधान को रिकॉर्ड वोटों से जिताकर दिल्ली भेजिए। यहां कुछ बहनें आशीर्वाद लेकर आई है, एक बच्ची चित्र लेकर आई है। जरा एसपीजी के लोग इसको कलेक्ट कर लीजिए। मैं आपका बहुत आभारी हूं, आप कब से प्रतिक्षा कर रही हैं। मेरी टीम ले लेगी मुझे पहुंच जाएगा, मैं आपके आशीर्वाद के लिए आभारी हूं। इधर भी देखिए एक नौजवान है, वो भी कुछ लेकर आए हैं। जरा इस तरफ भी कलेक्ट कर लीजिए। आपके प्यार का मेरे लिए बहुत मूल्य है जी। मैं आपको निराश नहीं कर सकता हूं। जो जो लोग रात रात चित्र बनाते हैं, या लेकर आते हैं , मेरे दिल को छू जाता है। मैं हृदय से बहुत आभारी हूं। और जिनतक मेरी बात पहुंचती नहीं है उनसे भी क्षमा मांगता हूं, क्योंकि सभा में मेरे लिए ये संभव नहीं होता है कि सबकी तरफ मेरा ध्यान जाए। बहुत से लोग बहुत मेहनत करके आए होंगे और बहुत सी चीजें छूट जाती होंगी। मेरा एक काम करेंगे आपलोग। क्यों ढीले पड़ गए, जरा हाथ ऊपर करके बताइए मेरा एक काम करेंगे। मेरा एक काम करेंगे। आप घर-घर जाइएगा और कहिएगा कि मोदी जी आए थे और मोदी जी ने परिवार में सबको नमस्कार कहा है, जुहार कहा है। मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे, मेरा जुहार पहुंचा देंगे।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।