भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय
जै राम जी की
फतेहपुर के आप सभी को मेरा बहुत-बहुत प्रणाम। कल रात यूपी के कुशीनगर में एक परिवार, शादी की रस्म में आनंदोत्सव में था और अचानक एक ऐसा हादसा हुआ। बहुत सी हमारी माताओं-बहनों और बेटियों ने अपना जीवन खो दिया। मैं सभी पीड़ित परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। प्रशासन की तरफ से पीड़ित परिवारों की पूरी मदद की जा रही है।
साथियो,
मैं अभी पंजाब से आ रहा हूं। मुझे पंजाब में बहुत सालों तक काम करने का अवसर मिला है, लेकिन इस बार मैंने जो पंजाब का मिजाज देखा है। पंजाब के लोगों का भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाने का जो जूम और जुत्साह देखा है, वो वाकई अद्भुत है भाई अद्भुत है। मुझे उत्तर प्रदेश में भी पहले-दूसरे चरण में कई स्थानों पर जाने का अवसर मिला, और जैसा दो चरणों में मैंने देखा है, तीसरे चरण के भी कुछ कार्यक्रम किए। मैं देख रहा हूं कि हर चरण में एक से बढ़कर, एक से बढ़कर एक ऐसे जनता-जनार्दन का समर्थन बढ़ता ही चला जा रहा है। मैं उत्तर प्रदेश के लोगों का इसलिए हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। मैं प्रशासन को भी अभिनंदन करता हूं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में शांतिपूर्ण चुनाव करवाना, ये बहुत बड़ी सौगात है। और इसलिए प्रशासन के लोग, सुरक्षा बल सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं।
आज यहां बांदा सहित आसपास के जिलों के हजारों साथी भी यहां पहुंचे हैं। झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा और रायबरेली से भी हजारों मतदाता टेक्नोलोजी के माध्यम से वर्चुअली बहुत बड़ी मात्रा में आज हमारे साथ इस कार्यक्रम में जुड़े हुए हैं। मैं दूर-दूर देख रहा हूं और जहां हेलिकॉप्टर लैंड किया, उसके भी चारों तरफ मैंने देखा, कहीं पर पैर रखने की जगह नहीं है। जहां मेरी नजर पहुंच रही है, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। आपका ये प्यार इतनी बड़ी तादाद में आप सब हम लोगों को आशीर्वाद देने के लिए आए। मैं आप सभी का हृदय से धन्यवाद करता हूं। आप सबका अभिनंदन करता हूं।
साथियो,
ये धरती वीर-वीरांगनाओं, मेहनतकश किसानों, कारीगरों की धरती है। यहां का ‘बावन इमली’ पेड़ स्वतंत्रता आंदोलन में इस क्षेत्र के योगदान का जीवंत उदाहरण है। आपका जो ये उत्साह है, उसमें आने वाले पांच चरणों के नतीजों की भी एक झलक दिखाई दे रही है। सारे वाद, सारे विवाद एक तरफ और राष्ट्रवाद एक तरफ। यूपी के लोगों ने ठान लिया है कि होली आने से पहले 10 मार्च को ही रंगों वाली होली धूमधाम से विजय की होली बना देंगे।
भाइयो और बहनो,
फतेहपुर, बुंदेलखंड के इस क्षेत्र में पराक्रम, वीरता लोगों की नसों में है, खून में है। देश का सामर्थ्य बढ़ता देखकर यहां के लोगों का उत्साह बढ़ जाता है। लेकिन ये जो यूपी के घोर परिवारवादी हैं, उन्हें देश का पराक्रम कभी अच्छा नहीं लगा। देश कुछ भी अच्छा करता है, ये परिवारवादी उस पर सवाल उठाते हैं। आप देखिए, ये कोरोना की भयंकर महामारी, दो साल हो गए, पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। पूरी मानवता को संकट में डाला हुआ है। ऐसी भयंकर महामारी के बीच हम एक-एक जीवन बचाने के लिए दो साल से दिन-रात काम कर रहे हैं। कोशिश कर रहे हैं। अब भारतीय जनता पार्टी सरकार में आपके आशीर्वाद से हमें देश की सेवा करने का मौका मिला है। ये भाजपा सरकार देश को मुफ्त टीका लगा रही है। वैक्सीनेशन हो रहा है। घर-घर एक-एक व्यक्ति को डोज मिल जाए, टीका लग जाए, इसके लिए पूरी मेहनत करती है।
भाइयो और बहनो,
आप सबको टीका लगा है। जरा हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बताइए। टीका लगा है। सबको टीका लगा है। क्या आप से किसी ने टीके का पैसा लिया है क्या। आपको कोई खर्चा करना पड़ा है क्या। ये भारत सरकार ने आपकी चिंता की है कि नहीं की है। इतने बड़े संकट से आपको रक्षा कवच दिया है कि नहीं दिया है। इतना बड़ा सेवा का काम, इतना बड़ा पवित्र काम, सच्चे अर्थों में मानव की जिंदगी बचाने का मानवता का काम...लेकिन ये परिवारवादी, क्या बोल रहे हैं कि ये तो भाजपा का टीका है!
भाइयो और बहनो,
आपको जब टीका लगाया, तो किसी ने कहा था कि भाजपा का टीका है। अरे ये तो कोरोना से बचने का टीका है। जब यूपी के लोगों ने इनकी बात अनसुनी कर दी, और कभी-कभी तो मुझे लगता है कि टीके से दो लोग डरते हैं। टीके से दो लोग डरते हैं। एक कोरोना वायरस और दूसरे ये टीका विरोधी लोग। रिकॉर्ड वैक्सीन लगवा ली, तो अब इन्होंने क्या शुरू किया है, कि सरकार, हमारा गरीब देश है, ये टीकों के पीछे इतना सारा खर्चा क्यों कर रही है?
भाइयो और बहनो,
मुझे बताइये, आपकी जिंदगी बचाने के लिए सरकार को खर्चा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए, खर्चा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए, अगर मोदी कर रहा है तो सही कर रहा है कि नहीं कर रहा है। आपकी जिंदगी बचेगी तो मुझे आनंद होगा कि नहीं होगा, मुझे खुशी होगी कि नहीं होगी। आप लोगों ने मुझे इतना बड़ा प्यार दिया, सम्मान दिया, आपको मुझे इतना बड़ा पद दिया। मुझे आपके लिए काम करते रहना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। अब देखिए, ये टीका हमारे वैज्ञानिकों ने कितनी मेहनत करके तैयार किया। लेकिन ये ऐसे राजनीति में लिपटे हुए लोग हैं। ऐसे परिवारवाद में फंसे हुए लोग हैं कि इनको टीके से भी समस्या, योगी से भी समस्या, मोदी से भी समस्या, टीके से भी समस्या।
भाइयो और बहनो,
भाजपा की डबल इंजन की सरकार पिछले दो सालों से गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है। दुनिया के बड़े-बड़े देश अपने नागरिकों की इतनी व्यवस्था नहीं कर पाए। धनी देश-सम्पन्न देश भी वे भी वो काम नहीं कर पाए, वो भारत जैसे देश ने करके दिखाया है। दो साल।
भाइयो और बहनो,
जब गरीब के घर में राशन पहुंचता है, मेरे मन में एक ही कामना रहती थी कि कोरोना का संकट आया है। संकट भयंकर है। परिवार में हालत ऐसी कि एक कमरे में मां बीमार हो, कोरोना की बीमारी आई हो, लेकिन दूसरे कमरे के बेटा मां के पास भी नहीं जा सकता था, ऐसी ये बीमारी, उस बीमारी में मेरे दिल में एक ही बात रहती थी कि मेरा कोई गरीब परिवार, मेरी कोई गरीब मां, मेरे देश का की गरीब बच्चा उसको कभी भी भूखे सोने की नौबत न आ जाए। कोई मेरा ऐसा गरीब परिवार न हो, उसके घर में चूल्हा न जलता हो। लेकिन जब भारत इतना बड़ा काम कर रहा है, वे लोग मुफ्त राशन देने वाली इस योजना पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। और इसलिए भाइयो-बहनो मैं आज आपके बीच आया हूं, इन लोगों से सतर्क रहने के लिए, आपको जगाने आया हूं कि ये लोग ऐसी-ऐसी बातें करेंगे, ऐसी-ऐसी हवाबाजी करेंगे। आपको गुमराह करने के लिए खेल खेलेंगे। ये न गरीब का भला चाहते हैं और न ही देश का विकास चाहते हैं।
भाइयो और बहनो,
जब लाल किले से, मैं पहली बार प्रधानमंत्री बना, लालकिले पर मेरा पहला भाषण था और मैंने लालकिले से जो भाषण दिया। देश में माताओं, बहनों, बेटियों की पीड़ा को दूर करने के लिए शौचालय बनाने की बात कही, तो इन्होंने विवाद खड़ा किया कि कैसा प्रधानमंत्री है कि लालकिले पर से जब पूरी दुनिया सुन रही है औऱ ये शौचालय की बात कर रहा है। भाइयों-बहनों न उन्होंने गरीबी देखी है, न उन्होंने गरीब की मुसीबत देखी है, न हमारी माताओं-बहनों को कैसी मुसीबत से गुजरना पड़ रहा है। जब शौचालय नहीं होते थे, सूरज उगने से पहले अंधेरे में उसको जाना पड़ता था और रात को वो अंधेरे का इतंजार करती थी औऱ दिन में कभी जाने की जरूरत पड़ गई तो पीड़ा सहन करती थी, लेकिन वो शाम का इतंजार करती रहती थी। क्या कभी मेरी इन माताओं-बहनों की पीड़ा के विषय में किसी सरकार को सोचने की फुर्सत थी क्या? वो ऐसी जगह पर बैठे हैं कि कभी जमीन उन्हें दिखती नहीं थी।
भाइयो-बहनो,
मैं तो आपके बीच में से आया हूं इसलिए मुझे पता है पीड़ा क्या होती है। दर्द क्या होता है, मुसीबतें क्या होती हैं और इसीलिए भाइयों-बहनों, जब मैंने शौचालय बनाने का अभियान चलाया, सरकारी खजाना मैंने खर्च करना तय कर लिया। मैंने कहा जिसको मेरी आलोचना करनी है करेंगे, जिसको मुझे नीचा दिखाने का प्रयास करना है वो करते रहेंगे लेकिन मैं हिंदुस्तान में मेरी माताओं-बहनों के लिए शौचालय के अभियान को चलाउंगा। आज गांव-गांव घर-घर शौचालय बने और मैं तो मेरे उत्तरप्रदेश की बेटियों का ह्रदय का अभिनंदन करना चाहता हूं। क्योंकि मेरी उत्तरप्रदेश की बेटियों ने जब ये शौचालय बना रहे थे तो मैं एक स्थान पर खुद शौचालय बनाने के काम में हिस्सेदार बनने के लिए गया था तो वहां मुझे बताया गया कि हमने तो इसका नाम इज्जत घर रखा है। मेरी बेटियों ने मुझे कहा, ये शौचालय, शौचालय सिर्फ नहीं है ये हम बहन-बेटियों के लिए इज्जत घर है। जिस प्रदेश में ऐसी-ऐसी उम्दा सोच हो।
भाइयो-बहनो,
उस प्रदेश के लिए उस देश के लिए जी-जान से काम करना ये मेरा सौभाग्य है दोस्तो, मेरा सौभाग्य है। केंद्र सरकार ने जब तीन तलाक के विरुद्ध कानून बनाया, तो ये कानून के खिलाफ, ये पूरे-सारे, कुनबा उसके खिलाफ हो गया, तीन तलाक के समर्थन में खड़े हो गए। मैं तो हैरान हूं कि किस सदी में जी रहे है, इतने स्वार्थ में डुबे हुए हैं कि जो लोग उनको वोट देते हैं, उनका भला भी नहीं सोच पाते हैं ऐसे लोगों पर कभी भरोसा किया जा सकता है क्या? ऐसे लोगों पर भरोसा किया जा सकता है क्या ? मेरी मुस्लिम माताओं-बहनों, छोटी-छोटी बात में तीन तलाक, तीन तलाक, तीन तलाक...हो गई छुट्टी, वो बेटी बेचारी कहां जाएगी, कहां जाएगी, उस पिता का कल्पना कीजिए कि कितने उमंग, उत्साह के साथ बेटी को शादी करके भेजी हो, और तीन तलाक कहकर के उसको घर वापस भेज रहें, साथ में एक-दो बच्चे लेकर आ जाए, उस बूढ़े मां-बाप का क्या हाल होता होगा, जिनको ये झेलना पड़ता होगा। उस भाई का क्या हाल होता होगा जिसकी बहन वापस आई है, उस माता का क्या हाल होता जिसकी बेटी ससुराल से अब लौटकर आई है उसकी जिंदगी कैसे बीतेगी। क्या मुझे बताइए इन माताओं-बहनों की रक्षा मुझे करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए, इनका भला करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। क्या मैं सिर्फ वोट का ही सोचता रहूं, कुर्सी का ही सोचता रहूं, कि देश का भी सोचूं या ना सोचूं लेकिन भाइयों-बहनों, इनको तो तीन तलाक में भी विरोध था। आज, आज मुझे हिंदुस्तान के हर कोने में से मेरी मुस्लिम बहन-बेटियां जो आशीर्वाद दे रही हैं, क्योंकि उनके जीवन की रक्षा का एक बहुत बड़ा काम किया है मैंने।
भाइयो-बहनो,
हमारे देश में गरीबी से लड़ने की ताकत जब तक हम गरीब को सशक्त नहीं करेंगे ना नहीं आने वाली, नारे तो बोलते रहेंगे गरीबी हटाओ, गरीबी हटाओ – जब तक गरीब सशक्त नहीं होता है, गरीबी खत्म नहीं हो सकती है और जिस दिन गरीब सशक्त हो जाता है ना वो भी गरीबी को खत्म करने के लिए हमारा सिपाही बन जाता है और इसके लिए उस परिवार की गरीब मां का सशक्तीकरण, अगर गरीब मां को ताकत मिल गई ना आप देख लीजिए गरीबी के सामने लड़ने के लिए पुरूष के पास समय बच जाएगा, वो मेहनत करेगा औऱ दोनों मिलकर के देखते ही देखते गरीबी से बाहर आ सकते हैं और सरकार का ये काम है और ये काम करने के लिए आपने मुझे बिठाया है। गरीबों का भला करने के लिए आपने मुझे बिठाया है।
भाइयो और बहनो,
बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन हो, हर घर बिजली हो, हर गांव तक सड़क हो, पढ़ाई हो, दवाई हो, कमाई हो, सिंचाई हो, गरीब के लिए हम जो भी काम करें, ये परिवारवादियों को जिन्होंने गरीबों को वोट बैंक बना के रखा था, उनकी नींद हराम हो गई है कि हमने इन्हें जो नारे देकर इनको पकड़ कर के रखा ये मोदी शौचालय दे रहा है। ये मोदी घर दे रहा है, ये मोदी गैस का कनेक्शन दे रहा है, ये मोदी बैंक के खाते लगा रहा है, ये मोदी बच्चों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था कर रहा है। ये मोदी मुफ्त में बीमार होने पर दवाई की व्यवस्था कर रहा है, इनको लग रहा है उनकी वोट बैंक जा रही है, अरे भाई ये वोट बैंक के चक्कर में ही तुमने देश को तबाह करके रखा है। मेरे देशवासियों का भला कीजिए ये देश के लोग उदार हैं अगर हम सच्चे अर्थ में काम करते है तो वो आशीर्वाद देते हैं। लोग कहते थे कि उत्तर प्रदेश में एक बार सरकार बनती है तो दूसरी बार बदल जाती है औऱ कुछ लोग तो इसलिए भी सपने देखते रहते थे कि वैसे तो बदलना ही है। अब तो उत्तरप्रदेश ही बदल गया है। उत्तरप्रदेश ने तो 2014 में हमें समर्थन दिया, 2017 में दिया, 2019 में दिया और इसलिए पुरानी वाली थ्योरी उत्तरप्रदेश ने खत्म पहले से ही कर दी है और इसलिए 2022 में भी भारतीय जनता पार्टी विजयी होकर के रहेगी। ये मैं आपमें से देख रहा हूं, आपके उत्साह में से देख रहा हूं।
भाइयो- बहनो,
ये गरीबों के लिए मैं दिन-रात काम करता हूं, ये परिवारवादी इस काम को छोटा काम बताते हैं ये आप के लिए छोटा होगा, लेकिन मेरे लिए तो न गरीब छोटा होता है, न गरीब की सेवा छोटी होती है, मेरे लिए तो ये एक प्रकार से पुण्य का अवसर होता है। इनको तो ये भी तकलीफ - मैं कुंभ के मेले में आया, इतना बड़ा कुंभ का मेला था, इतना बड़ा कुंभ का मेला था, लेकिन जब कुंभ के मेले में आया तो दुनिया में कुंभ के मेले की इतनी बड़ी प्रतिष्ठा बढ़ी थी उसकी सफाई के कारण, उसकी सफाई के कारण। तो मेरा मन कर गया और मैंने जो सफाई करने वाले भाई-बहने थे, उनके पैर धोए उनके आशीर्वाद लिए।
इतना बड़ा काशी विश्वनाथ धाम बन गया, चारों तरफ जय-जयकार हो रहा था, लेकिन मेरा ध्यान तो उस मजदूर की तरफ था, जिसने मेहनत करके काशी विश्वनाथ धाम बनाया था। तो सारे संत बैठे थे, सारे महापुरुष बैठे थे। मैं उनके पास नहीं गया, मैं वहां चला गया जहां ये मजदूर बैठे थे। फूलों से वो फूलों की वर्षा की उनका सम्मान किया। उनके आशीर्वाद लिए क्यों - मुझे मालूम है यही मेरे देश के लोग है जो मेरे देश के सपने पूरे करेंगे भाइयो और इसलिए उनके सपने पूरे करने के लिए मैं अपने सपनों को खपा रहा हूं।
भाइयो और बहनो,
इसलिए मैं काम कर रहा हूं। आपने देखा होगा, आजकल ये लोग आत्मनिर्भर भारत अभियान उसका भी विरोध कर रहे हैं। ये लोग भारत को अब भी दूसरों पर ही निर्भर रखना चाहते हैं। दुनिया के बाजार से ले आओ और अपनी गाड़ी चलाओ। आप मुझे बताइए भइया, फतेहपुर के वीर, परिश्रमी, पराक्रमी लोग ये दुनिया के सब बाहर से लाकर के, उसी से गुजारा करना से, दूसरों पर भारत को निर्भर रहना पड़े, आजाद भारत के लिए ये शर्मिंदगी है कि नहीं है। हमें बाहर आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए। अरे हमारे पूर्वजों ने यहां बलिदान दिए थे ये भारत के सम्मान के लिए, भारत के गौरव के लिए। हमें उसे पाना चाहिए कि नहीं पाना चाहिए और इसीलिए भाईयों-बहनों ये देश आश्रित नहीं रहना चाहता औऱ इसीलिए मैंने एक बात की और मैंने ये भी लालकिले से कहा कि लोकल के लिए वोकल होने की। यानि जो स्थानीय लोग जो उत्पाद करते है हमारे कारीगर जो चीजें बनाते है, हमारे किसान लोग जो चीजें उत्पादन करते है, हमारे छोटे-छोटे कारखाने जो चीजें बनाते हैं। उनका हमें गौरव गान करना चाहिए। मुझे बताइए हमारे यहां जो चीजें बनती है उसका हमें गौरवगान करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए...मुझे बताइए, आपके घर में आपके बेटे को ही अगर आप मान-सम्मान नहीं दोगे औऱ आप मोहल्ले वालों को कहोगे कि मेरे बेटे को सम्मान दो, तो कोई देगा क्या, देगा क्या।
भाइयो-बहनो,
अपने यहां जो पैदावार होती है उसका सम्मान बढ़ना चाहिए कि नहीं बढ़ना चाहिए। अब मुझे बताइए अगर कांग्रेस पार्टी के नेता ये बोलें कि भई स्थानीय उत्पादों को महत्व दो तो कांग्रेस का कोई नुकसान होने वाला है क्या। अगर समाजवादी पार्टी बोलें कि लोकल चीजों का उत्पाद खरीदिए तो समाजवादी पार्टी का नुकसान होगा क्या, लेकिन मोदी ने बोला तो हम नहीं बोलेंगे हम लोकल लोग भूखे मर जाएं लेकिन हम मदद नहीं करेंगे। योगी जी ने काम किया एक जनपद एक उत्पाद। यूपी के लघु, कुटीर, गृह उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए काम किया। ये घोर परिवारवादियों का जो गिरोह है ना इस गिरोह को उसमें भी दिक्कत आ गई क्यों इसमें कट की नहीं हो सकती, मलाई नहीं खा सकते है।
भाइयो-बहनो,
मुझे बताइए कि मेरे फतेहपुर का लोहे का सामान हिंदुस्तान भर में बिकना चाहिए कि नहीं बिकना चाहिए। हमारे फतेहपुर का लोहे का सामान उसका जय-जयकार तमिलनाडु में, केरल में, बंगाल में होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। इसीलिए तो मैं कहता हूं वोकल फॉर लोकल। अब मुझे बताइये यहां का पेड़ा, हमारे यहां का पेड़ा, ये पेड़ा भी दुनिया में मशहूर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, उसका भी मार्किट बनना चाहिए कि नहीं बनना चाहिए। यहां जो हमारा बेडशीट, क्या ये बेडशीट जो बनती है वो भी हिंदुस्तान के बाजार में बिकनी चाहिए कि नहीं बिकनी चाहिए। यहां के लोगों को ज्यादा काम मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए। हमारे मालदा के शजर पत्थर की कलाकारी को विश्वभर में पहचान दिलानी चाहिए कि नहीं दिलानी चाहिए। ऐसी प्राकृतिक संपदा, ऐसी कलाकारी दुनिया में बहुत कम देशों के पास होती है। जो आप लोगों के पास है और मैं उसका झंडा लेकर के घूम रहा हूं भाइयों।
साथियो,
ये हमारा बुंदेलखंड, ये बुंदेलखंड तो अपने खिलौने के लिए, हथकरघा, हस्तकरघा शिल्प की अपनी समृद्ध परंपरा के लिए मशहूर रहा है। हमारे जनजातीय बहन-भाइयों का हस्तशिल्प तो पूरी दुनिया में सचमुच में श्रेष्ठ है। हमारी सरकार ने देश में ही खिलौने बनाने वालों को प्रोत्साहन देने के लिए, अपने कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना शुरू की है। और इसके साथ बच्चों के मन में संस्कार भी है। बचपन में अगर उसके दिमाग में विदेशी खिलौना घुस गया ना तो जिंदगी भर उसको विदेशी चीजों का मोह रहेगा, हिंदुस्तान की चीज पसंद नहीं आएगी। बचपन में वो खिलौने भी खेलेगा तो मेरे देश का खिलौना होगा। मेरे देश के किसी गरीब का बनाया हुआ खिलौना होगा। तब जाकर के मेरे देश की चीजों का सम्मान बढ़ेगा भाइयों। और इसके लिए जब में वोकल होने की बात करता हूं जोर-जोर से हमारे उत्पाद के संबंध में बोलने के लिए कहता हूं तो ये परिवारवादियों को इसका भी दर्द होता है। असल में इनको समस्या ये है कि अगर देश के गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी को साधन मिल गए, शक्ति मिल गई, आंख उठाकर बोलने की उसको ताकत मिल गई तो ये वोट बैंक की राजनीति करने वाले, परिवारवाद की राजनीति करने वाले इनकी सारी राजनीति ही धरी की धरी रह जाएगी। ये कट कमीशन का जो माफिया इन्होंने बनाया है वो आत्मनिर्भर भारत अभियान से बर्बाद हो जाएगा, इसकी चिंता है।
साथियो,
फतेहपुर की मिर्च, झांसी की तुलसी, महोबा का पेशावरी पान ऐसे अनेक ऐसे कृषि उत्पादकों के लिए ये पूरा क्षेत्र बहुत मशहूर है। विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए ऐसी फसलें सम्मान और समृद्धि देने वाली हैं। आप बताइए दशकों तक बार बार ये घोर परिवारवादी यहां सत्ता में आए, इन्होंने इन फसलों के लिए छोटे किसानों के लिए कुछ भी किया क्या। आज हम बीज से बाजार तक किसानों के लिए नई व्यवस्थाएं बना रहे हैं। किसानों के बैंक खाते में सीधे हजारों रूपये भेज रहे हैं। वरना इन्होंने तो किसानों के नाम पर झूठी घोषणाएं करके, अपने परिवार, अपने नाते-रिश्तेदारों की ही तिजोरियां भरी हैं। ऐसे घोर परिवारवादियों को अब यूपी की सत्ता के आसपास भी फटकने नहीं देना है।
साथियो,
हम यूपी में डेयरी सेक्टर के विस्तार के लिए पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए भी निरंतर काम कर रहे हैं। पूरे यूपी में बायोगैस प्लांट का नेटवर्क भी बनाया जा रहा है। जो डेयरी प्लांट है वो गोबर से बनी बायो गैस से बिजली बनाए, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। हमारा प्रयास है कि दूध न देने वाले जो बेसहारा पशु हैं, उसके गोबर से भी पशुपालक को इनकम हो। अतिरिक्त कमाई हो, इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। यूपी में बेसहारा पशुओं के लिए गोशालाओं के निर्माण का काम भी किया जा रहा है। 10 मार्च को दोबारा सरकार बनने के बाद ऐसे कार्यों को और गति दी जाएगी, ताकि बेसहारा पशुओं से होने वाली परेशानी कम हो। आपका जो संकट है, उसको हम दूर कर पाएं, ये हम चिंता करते हैं।
साथियो,
फतेहपुर के लोग कभी नहीं भूल सकते है कि पिछली सरकार के लोग यहां कैसे-कैसे दबंगई करते थे। सरकारी जमीनों पर कब्जा, ये यहां पर तो आम बात थी। अवैध खनन माफिया ने तो फतेहपुर समेत इस पूरे इलाके को तबाह कर दिया था। योगी जी की सरकार अब माफियाओं का इलाज, मुझे बताइये कि इलाज करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए, ये इलाज होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। योगीजी सही कर रहे हैं कि नहीं कर रहे हैं। केशव जी सही कर रहे हैं कि नहीं कर रहे हैं।
साथियो,
घोर परिवारवादियों ने यहां गन्ना मालिकों को, यहां गन्ना मालिकों की जो दुनिया थी आंख-मिचौली की, और गन्ना मिलों को बंद किया। सिंचाई की सुविधा देने के बजाय खनन माफिया को, अवैध कब्ज़ा माफिया को उन्हीं को पाला-पोसा था। दशकों-दशक तक ऐसी अनेक सिंचाई परियोजनाओं को लटकाए रखा, तब इनको बुंदेलखंड और अवध के किसानों की याद नहीं आई। ये हमारी ही सरकार है जिसने यहां के किसानों की इस तकलीफ को समझा। बाणसागर परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना, ऐसी कितनी ही परियोजनाएं डबल इंजन की सरकार ने पूरी कराई हैं।
भाइयो और बहनो,
बुंदेलखंड के लाखों किसान कितने दशकों से केन-बेतबा को लिंक करने की मांग करते रहे हैं। केन-बेतवा इसको लिंक करने की मांग थी कि नहीं थी भइया, लोग चाहते थे कि नहीं चाहते थे, लेकिन ये काम पूरा करने का बीड़ा हमारी डबल इंजन सरकार ने उठाया है। 44 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक, 44 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बुंदेलखंड में खेत-खेत तक पानी पहुंचाया जाएगा भाइयों, ये कांम हम कर रहे हैं। लेकिन साथियों, आपको ये ध्यान रखना है कि परिवारवादियों को अगर मौका मिल गया तो उनकी दुनिया चालू रखने के लिए ये केन-बेतबा लिंक परियोजना, जिसे मैं पूरा करना चाहता हूं, उसमें भी रोड़े अटकाएंगे, रोड़े डाल देंगे।
साथियो,
पानी के नाम पर सालों तक इन्होंने क्या-क्या खेल खेला है, ये आप भली-भांति जानते हैं। यूपी की, बुंदेलखंड की बहनों-बेटियों के साथ तो इन्होंने बार-बार विश्वासघात किया है। अब हमारी सरकार यहां हर घऱ जल अभियान चला रही है। 2 सालों के भीतर ही यूपी की लाखों बहनों के घर पर नल से जल पहुंच चुका है। 10 मार्च को जब फिर डबल इंजन की सरकार आएगी तो तेज़ी से नल कनेक्शन देने का काम किया जाएगा। और मेरी माताएं-बहनें नल से जल के मेरे अभियान को लेकर के मुझे लगातार आशीर्वाद दे रही हैं।
भाइयो और बहनो,
भाजपा सरकार का फतेहपुर और इस क्षेत्र से विशेष स्नेह है। घोर परिवारवादियों ने फतेहपुर को पिछड़ा मानकर करके अपनी जिम्मेदारी उसी से पल्ला झाड़ लिया था। हाथ ऊपर कर दिए थे। भाजपा सरकार ने फतेहपुर की विकास की आकांक्षा को समझा और हमने आकांक्षी जिलों में इसको शामिल किया। आज फतेहपुर आकांक्षी जिलों में तेज़ी से विकसित होने के पैमाने पर काफी ऊपर आ रहा है। फतेहपुर में महान यौद्धा अमर शहीद जोधा सिंह और ठाकुर दरियांव सिंह के नाम पर मेडिकल कालेज के लोकार्पण का सौभाग्य भी आप लोगों ने मुझे दिया था। यहां फतेहपुर में जनऔषधि केंद्रों से लोगों को सस्ती दवाइयां भी मिल रही हैं। यूपी में भाजपा सरकार ने ग्यारह सौ से ज्यादा जनऔषधि केंद्र खोले हैं। इनसे हमारे गरीब भाई-बहनों को करीब 700 करोड़ रुपए की बचत हुई है। फतेहपुर और आसपास के लोग ये भी नहीं भूल सकते कि कैसे इस क्षेत्र को पहले की सरकारों के समय बिजली के लिए तरसाया गया है। अब योगी जी की सरकार में पहले से कई गुना ज्यादा बिजली मिल रही है। हमारे लिए फतेहपुर का, प्रदेश का, देश का हर गांव, हर क्षेत्र महत्वपूर्ण है। घोर परिवारवादियों की सोच परिवार से शुरू होकर परिवार पर ही खत्म हो जाती है। एक छोटी सोच से यूपी जैसा बड़ा प्रदेश, इतनी बड़ी जनसंख्या वाला प्रदेश नहीं चलाया जा सकता है। यही वजह है कि फिर एक बार यूपी कह रहा है- आएगी तो भाजपा ही, आएगी तो भाजपा ही, आएंगे तो योगी ही।
साथियो,
घोर परिवारवादियों की लिस्ट में कुछ नाम ऐसे भी हैं, जिन्होंने दशकों तक देश में और यूपी में सरकारें चलाई हैं। लेकिन आप लोगों ने जब से इन्हें यहां से बेदखल किया है, इन लोगों की यूपी के प्रति नफरत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। इन परिवारवादियों के मुख्यमंत्री ने यूपी के लोगों का अपमान किया, तो गांधी परिवार तालियां बजाता रहा। और आज ये लोग यूपी के लोगों से आकर वोट मांग रहे हैं। आपको इन परिवारवादियों से भी बचकर रहना है।
साथियो,
डबल इंजन की सरकार पूरे उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ा रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, प्रयागराज लिंक एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, ऐसे ही प्रयासों का प्रमाण है। अब तो बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे भी तेज़ गति से पूरा हो रहा है। कोरोना के बावजूद भी बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के काम को हमने धीमा नहीं होने दिया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ने संकटकाल में हज़ारों श्रमिकों को काम दिया, रोज़गार दिया। जब ये पूरा हो जाएगा तो यहां सिर्फ सुविधा ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि यहां के किसानों को, उद्यमियों को भी बहुत लाभ होगा। इन एक्सप्रेसवे के अगल-बगल में हम इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बना रहे हैं, बड़े-बड़े गोदाम, बड़ी-बड़ी कोल्ड स्टोरेज, इसकी फैसिलिटी बना रहे हैं।
भाइयो और बहनो,
डबल इंजन की सरकार इस क्षेत्र के शौर्य और वीरता के समृद्ध इतिहास को और ऊंचाई पर पहुंचाने जा रही है। देश के दो डिफेंस कॉरिडोर में से एक अब यूपी में बन रहा है। देश की सेना को ताकतवर बनाने, रक्षा साजो-सामान में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम अब ये क्षेत्र करेगा, बुंदेलखंड करेगा। यहां अनेक डिफेंस की फैक्ट्रियां लगेंगी।
साथियो,
अब अवध और बुंदेलखंड के तेज़ विकास के लिए, बदला लेने वाले नहीं, ज़मीन पर बदलाव करने वाले चाहिए। परिवारवाद को बढ़ावा देने वाले नहीं, पलायन को रोकने वाले चाहिए। सिर्फ घोषणा करके सो जाने वाले नहीं, बल्कि घोर परिश्रम करने वाले लोग चाहिए। इसलिए मैं आपको आग्रह करने आया हूं, इस चुनाव को महत्वपूर्ण मानिए। मन में ठान लीजिए, सबसे पहला काम करेंगे तो मतदान का करेंगे। बाकी सारे काम बाद में करेंगे। मतदान को हम प्राथमिकता दें। लोकतंत्र के उत्सव को मनाएं। मैं मेरे युवा साथियों को और बहन-बेटियों से विशेष रूप से कहूंगा- आपको भारी मतदान करना है और मतदान कराना भी है। घर-घर जाना है और मतदाताओं को तैयार करना है। भारी मात्रा में मतदान करवाना है। इतनी बड़ी तादाद में आप आशीर्वाद देने आए हैं, मैं फिर एक बार आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। दोनों हाथ ऊपर करके मेरे साथ बोलिए...
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
बहुत-बहुत धन्यवाद !