Ujjwala Yojana aims to provide cooking gas connections to five crore below-poverty-line beneficiaries: PM Modi
The aim of all workers across the world should be to unite the world: PM Modi
Union Government’s primary focus is the welfare of the poor: PM
Fruits of development must reach eastern part of India, for us to gain strength in the fight against poverty: PM
Pradhan Mantri Ujjwala Yojana will benefit the poor, especially the women: PM Modi
Schemes must be made for the welfare of the poor not keeping in mind considerations of the ballot box: PM

विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

भृगु बाबा की धरती पर रउवा, सभन के प्रणाम। ‘ई धरती त साक्षात भृगु जी की भूमि रहल’ ब्रह्मा जी भी यही जमीन पर उतर रहल। रामजी यहीं से विश्वामित्र मुनी के साथे गइल। त सुन्दर धरती पर सभी के हाथ जोड़ के फिर से प्रणाम।

भाइयों – बहनों मैं पहले भी बलिया आया हूं। ये बलिया की धरती क्रांतिकारी धरती है। देश को आजादी दिलाने के लिए इसी धरती के मंगल पाण्डे और वहां से लेकर के चितु पाण्डे तक एक ऐसा सिलसिला हर पीढ़ी में, हर समय देश के लिए जीने-मरने वाले लोग इस बलिया की धरती ने दिये। ऐसी धरती को मैं नमन करता हूं। यही धरती है जहां भारत के प्रधानमंत्री श्रीमान चन्द्र शेखर जी का भी नाम जुड़ा हुआ है। यही धरती है, जिसका सीधा नाता बाबू जयप्रकाश नारायण के साथ जुड़ता है। और यही तो धरती है। उत्तर प्रदेश राम मनोहर लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय के बिना अधूरा लगता है। ऐसे एक से बढ़कर एक दिग्गज, जिस धरती ने दिये उस धरती को मैं नमन करता हूं। आपके प्यार के लिए सत्, सत् नमन।

आप मुझे जितना प्यार देते हैं, मुझ पर आपका कर्ज चड़ता ही जाता है, चढ़ता ही जाता है, लेकिन मेरे प्यारे भाइयों -बहनों मैं इस कर्ज को इस प्यार वाले कर्ज को ब्याज समेत चुकाने का संकल्प लेकर के काम कर रहा हूं और ब्याज समेत मैं चुकाऊंगा, विकास करके चुकाऊंगा मेरे भाइयों बहनों, विकास कर के चुकाऊंगा।

आज पहली May है, एक मई, पूरा विश्व आज श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। और आज देश का ये ‘मजदूर नम्बर एक’ देश के सभी श्रमिकों को उनके पुरुषार्थ को, उनके परिश्रम को, राष्ट्र को आगे बढ़ाने में उनके अविरथ योगदान को कोटि-कोटि अभिनन्दन करता है। उस महान परम्परा को प्रणाम करता है।

भाइयों–बहनों दुनिया में एक नारा चलता था। जिस नारे में राजनीति की बू स्वाभाविक थी। और वो नारा चल रहा था। दुनिया के मजदूर एक था, दुनिया के मजदूर एक हो जाओ, और वर्ग संघर्ष के लिए मजदूरों को एक करने के आह्वान हुआ करते थे। भाइयों–बहनों जो लोग इस विचार को लेकर के चले थे, आज दुनिया के राजनीतिक नक्शे पर धीरे-धीरे करके वो अपनी जगह खोते चले जा रहे हैं। 21वीं सदी में दुनिया के मजदूर एक हो जाओ इतनी बात से चलने वाला नहीं है। 21वीं सदी की आवश्यकताएं अलग हैं, 21वीं सदी की स्थितियां अलग है और इसलिये 21वीं सदी का मंत्र एक ही हो सकता है ‘विश्व के मजदूरों विश्व के श्रमिकों आओ हम दुनिया को एक करें दुनिया को जोड़ दें’ ये नारा 21वीं सदी का होना चाहिए।

वो एक वक्त था ‘Labourers of the World, Unite’, आज वक्त है ‘Labourers, Unite the World’ ये बदलाव इस मंत्र के साथ। आज दुनिया को जोड़ने की जरूरत है। और दुनिया को जोड़ने के लिए अगर सबसे बड़ा कोई chemical है, सबसे बड़ा ऊर्जावान कोई cementing force है, तो वो मजदूर का पसीना है। उस पसीने में एक ऐसी ताकत है, जो दुनिया को जोड़ सकता है।

भाइयों–बहनों जब आप लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत से विजयी बनाया। तीस साल के बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी। और NDA के सभी घटकों ने मुझे अपने नेता के रूप में चुना, तो उस दिन Parliament के Central Hall में मेरे प्रथम भाषण में मैंने कहा था कि मेरी सरकार गरीबों को समर्पित है। ये सरकार जो भी करेगी वो गरीबों की भलाई के लिये करेगी, गरीबों के कल्याण के लिये करेगी। भाइयों-बहनों हमने मजदूरों के लिए भी श्रम कानूनों में, श्रमिकों की सरकार के साथ संबंधों में, एक आमूलचूल परिवर्तन लाया है। अनेक बदलाव लाए हैं। मेरे प्यारे भाइयों-बहनों आपको जानकर के दुःख होगा, पीड़ा होगी, आश्चर्य भी होगा कि हमारे देश में सरकार से जिनको पैंशन मिलता था, इस देश में तीस लाख से ज्यादा श्रमिक ऐसे थे, जिसको पैंशन किसी को 15 रुपया महीने का, किसी को 100 रुपया, किसी को 50 रुपया इतना पैंशन मिलता था। आप मुझे बताइए कि पैंशन लेने के लिए वो गरीब वृद्ध व्यक्ति दफ्तर जाएगा, तो उसका बस का किराय का खर्चा हो जाएगा, ऑटो रिक्शा का खर्चा हो जाएगा। लेकिन सालों से मेरे देश के बनाने वाले श्रमिकों को 15 रुपया, 20 रुपया, 50 रुपया, 100 रुपया पैंशन मिलता था। हमने आकर के इन तीस लाख से ज्यादा मेरे श्रमिकों परिवारों को minimum 1000 रुपया पैंशन देने का निर्णय कर लिया, लागू कर दिया और उस गरीब परिवार को वो पैंशन मिलने लग गया।

भाइयों-बहनों हमारे यहां कभी कभार गरीबों के लिये योजनाओं की चर्चाएं बहुत होती हैं और उनकी भलाई के लिए काम करने की बातें भी बहुत होती हैं। हमने आने के बाद एक श्रम सुविधा पोर्टल चालू किया, जिसके तहत आठ महत्वपूर्ण श्रम कानूनों को एकत्र कर के उसका सरलीकरण करने का काम कर लिया। पहली बार देश के श्रमिकों को एक Labour Identity Number (LIN) ये नम्बर दिया गया, ताकि हमारे श्रमिक की पहचान बन जाए। इतना ही नहीं हमारे देश के श्रमिकों को पूरे देश में Opportunity प्राप्त हो। इसलिए NCSP इसकी हमने एक National Career Service Portal, इसकी शुरुआत की। ताकि जिसको रोजगार देना है और जिसको रोजगार लेना है दोनों के बीच एक सरलता से तालमेल हो सके।

भाइयों-बहनों बोनस का कानून हमारे देश में सालों से है। बोनस का कानून यह था कि 10 हजार रुपये से अगर कम आवक है और कंपनी बोनस देना चाहती है तो उसी को मिलेगा। आज के जमाने में 10 हजार रुपये की आय कुछ नहीं होती है। और उसके कारण अधिकतम श्रमिकों को बोनस नहीं मिलता था। हमने आकर के निर्णय किया कि minimum income 10 हजार से बढ़ाकर के 21 हजार रुपया कर दी जाए। इतना ही नहीं पहले बोनस सिर्फ साढ़े तीन हजार रुपया मिलता था। हमने निर्णय किया कि ये बोनस minimum सात हजार रुपया मिलेगा और उससे भी ज्यादा उसका पाने का हक़ बनता है तो वो भी उसको मिलेगा।

भाइयों-बहनों कभी हमारा श्रमिक एक जगह से दूसरी जगह पर नौकरी चला जाता था, तो उसके जो पीएफ वगैरह के पैसे कटते थे उसका कोई हिसाब ही नहीं रहता था। वो गरीब मजदूर बेचारा पुरानी जगह पर लेने के लिए वापस नहीं जाता था। सरकार के खजाने में करीब 27 हजार करोड़ रुपया इन मेरे गरीबों के पड़े हुए थे। कोई सरकार उसकी सूंघ लेने को तैयार नहीं था। हमने आकर के सभी मजदूरों को ऐसे कानून में बांध दिया कि मजदूर जहां जाएगा उसके साथ उसके ये Provident Fund के पैसे भी साथ-साथ चले जाएंगे। और उसको जब जरूरत पड़ेगी वो पैसे ले सकता है। आज वो 27 हजार करोड़ रुपयों का मालिक बन सकेगा। ऐसी व्यवस्था हमने की है।

भाइयों-बहनों हमारे यहां Construction के काम में बहुत बड़ी मात्रा में मजदूर होते हैं। करीब चार करोड़ से ज्यादा मजदूर Construction के काम में हैं, इमारत बनाते हैं, मकान बनाते हैं, लेकिन उनके देखभाल की व्यवस्था नहीं थी। श्रमिक कानूनों में परिवर्तन करके आज हमने इन Construction के श्रमिकों के लिए उनके आरोग्य के लिए, उनके insurance के लिए, उनके bank account के लिए, इनके पैंशन के लिए एक व्यापक योजना बना कर के हमारे Construction के मजदूरों को भी हमनें उसका फायदा दिया है।

भाइयों–बहनों हमारा उत्तर प्रदेश जिसने अनेक-अनेक प्रधानमंत्री दिये, लेकिन क्या कारण कि हमारी गरीबी बढ़ती ही गई बढ़ती ही गई। गरीबों की संख्या भी बढ़ती गई। हमारी नीतियों में ऐसी क्या कमी थी कि हम गरीबों को गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिये तैयार नहीं कर पाए। ऐसा क्या कारण था कि हमने गरीबों को सिर्फ गरीबी के बीच जीना नहीं, लेकिन हमेशा सरकारों के पास हाथ फैलाने के लिए मजबूर कर के छोड़ दिया, उसके जमीर को हमने खत्म कर दिया। गरीबी के खिलाफ लड़ने का उसका हौसला हमने तबाह कर दिया। भाइयों–बहनों अभी धर्मेन्द्र जी बता रहे थे के गाजीपुर के सांसद नेहरू के जमाने में पूरे हिन्दुस्तान को हिला दिया था। जब उन्होंने संसद में कहा कि मेरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के भाई-बहन ऐसी गरीबी में जी रहे हैं के उनके पास खाने के लिए अन्न नहीं होता है। पशु के गोबर को धोते हैं और उस गोबर में से जो दाने निकलते हैं उन दानों से पेट भर के वे अपना गुजारा करते हैं। जब ये बात संसद में कही गई थी, पूरा हिन्दुस्तान हिल गया था और तब एक पटेल कमीशन बैठा था। यहां की स्थिति सुधारने के लिए। कई बातों का सुझाव आज से पचास साल पहले दिया गया था। लेकिन उन सुझाव पर क्या हुआ, वो तो भगवान जाने। लेकिन भाइयों–बहनों उसमें एक सुझाव था। उसमें एक सुझाव था ताड़ी घाट, गाजीपुर, और मऊ इसे रेल से जोड़ा जाए। पचास साल बीत गए, वो बात कागज पर ही रही। मैं भाई मनोज सिन्हा को हृदय से अभिनन्दन करता हूं, यहां के मेरे भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसदों का अभिनन्दन करता हूं कि वे पचास साल पहले जिन बातों को भुला दिया गया था उसको लेकर के निकल पड़े, मुझ पर दबाव डालते रहे। बार-बार मिलते रहे, और आज मैं संतोष से कह सकता हूं उस रेल लाइन के लिए बजट आवंटन करने का निर्णय हमने कर लिया और उस काम को हम आगे बढ़ाएंगे। गंगा के ऊपर रेल और रोड का दोनों bridge बनेंगे। ताकि infrastructure होता है, जो विकास के लिए एक नया रास्ता भी खोलता है और उस दिशा में हम का कर रहे हैं।

भाइयों-बहनों आज मैं बलिया की धरती पर से मेरे देश के उन एक करोड़ परिवारों को सर झुका कर के नमन करना चाहता हूं, उनका अभिनन्दन करना चाहता हूं। करीब एक करोड़ दस लाख से भी ज्यादा ऐसे परिवार हैं, जिनको मैंने कहा था कि अगर आप खर्च कर सकते हो तो रसोई गैस की सब्सिडी क्यों लेते हो। क्या आप पांच-दस हजार रुपया का बोझ नहीं उठा सकते साल का। क्या आप सब्सिडी Voluntarily छोड़ नहीं सकते। मैंने ऐसे ही एक कार्यक्रम में बोल दिया था। मैंने ज्यादा सोचा भी नहीं था, न योजना बनाई थी, न follow-up करने की व्यवस्था की थी, यूहीं दिल से एक आवाज उठी और मैंने बोल दिया। आज एक साल के भीतर-भीतर मेरे देश के लोग कितने महान हैं। अगर कोई अच्छा काम हो तो सरकार से भी दो कदम आगे जाकर के चलने के लिए तैयार रहते हैं। इसका ये उदहारण है । आज के युग में, हम बस में जाते हों, बगल वाली सीट खाली हो और हमें लगे की चलो बगल में कोई पैसेंजर नहीं है तो जरा ठीक से बैठूंगा। आराम से प्रवास करूंगा। लेकिन अगर कोई पैसेंजर आ गया, बगल में बैठ गया, हम तो हमारी सीट पर बैठे हैं, तो भी थोड़ा मुंह बिगड़ जाता है। मन में होता है ये कहां से आ गया। जैसे मेरी सीट ले ली हो। ऐसा जमाना है। ऐसे समय एक करोड़ दस लाख से ज्यादा परिवार सिर्फ बातों–बातों में कहने पर प्रधानमंत्री की बात को गले लगा कर के सर आंखों पर चढ़ा के एक करोड़ दस लाख से ज्यादा परिवार अपनी सब्सिडी छोड़ दें। इससे बड़ा क्या होगा। मैं आप सब से कहता हूं उन एक करोड़ दस लाख से ज्यादा परिवारों के लिये जोर से तारियां बजाइए। उनका सम्मान कीजिए। उनका गौरव कीजिए। मैं आप सबसे आग्रह करता हूं मेरे भाइयों – बहनों। ये देश के लिए किया हुआ काम है। ये गरीबों के लिये किया हुआ काम है। इन लोगों का जितना गौरव करें उतना कम है। और हमारे देश में लेने वाले से ज्यादा देने वाले की इज्जत होती है। ये देने वाले लोग हैं। जहां भी बैठे होंगे ये तालियों की गूंज उन तक सुनाई देती होगी और वो गौरव महसूस करते होंगे।

भाइयों – बहनों हमने कहा था गरीबों के लिए जो सब्सिडी छोड़ेगा वो पैसे सरकार की तिजोरी में नहीं जाएगी। वो पैसे गरीबों के घर में जाएंगे। एक साल में ये इतिहासिक रिकॉर्ड है भाइयों 1955 से, रसोई गैस देने का काम चल रहा है। इतने सालों में 13 करोड़ परिवारों को रसोई गैस मिला। सिर्फ 13 करोड़ परिवारों को करीब साठ साल में, मेरे भाइयों–बहनों हमने एक साल में तीन करोड़ से ज्यादा परिवारों को रसोई का गैस दे दिया। जिन लोगों ने सब्सिडी छोड़ी थी वो गैस सिलंडर गरीब के घर में पहुंच गया।

भाइयों-बहनों हम जानते हैं कि लोग कहते हैं कि मोदी जी बलिया में कार्यक्रम क्यों किया। हमारा देश का एक दुर्भाग्य है, कुछ लोग राजनीति में नहीं हैं, लेकिन उनको 24ओं घंटे राजनीति के सिवा कुछ दिखता ही नहीं है। किसी ने लिख दिया कि बलिया में मोदी जो आज कार्यक्रम कर रहे हैं वो चुनाव का बिगुल बजा रहे हैं। वे चुनाव का बिगुल बजा रहे हैं। अरे मेरे मेहरबानों हम कोई चुनाव का बिगुल बजाने नहीं आए हैं। ये बिगुल तो मतदाता बजाते हैं। हम बिगुल बजाने नहीं आए हैं।

भाइयों –बहनों अभी मैं पिछले हफ्ते झारखंड में एक योजना लागू करने के लिए गया था, झारखंड में कोई चुनाव नहीं है। मैं कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश में एक योजना लागू करने गया था, वहां पर कोई चुनाव नहीं है। मैंने ‘बेटी बचाओ’ अभियान हरियाणा से चालू किया था, वहां कोई चुनाव नहीं है। ये बलिया में ये रसोई गैस का कार्यक्रम इसलिए तय किया कि उत्तर प्रदेश में जो एवरेज हर जिले में जो रसोई गैस है, बलिया में कम से कम है, इसलिये मैं बलिया आया हूं। ये ऐसा इलाका है, जहां अभी भी गरीबी की रेखा के नीचे जीने वाले 100 में से मुश्किल से आठ परिवारों के घर में रसोई गैस जाता है। और इसलिये भाइयों –बहनों बलिया जहां कम से कम परिवारों में रसोई गैस जाता है, इसलिए मैंने आज बलिया में आकर के देश के सामने इतनी बड़ी योजना लागू करने का निर्णय किया। मैंने हरियाणा में बेटी बचाओ इसलिये कार्यक्रम लिया था, क्योंकि हरियाणा में बालकों की संख्या की तुलना में बेटियों की संख्या बहुत कम थी। बड़ी चिंताजनक स्थिति थी। और इसलिए मैंने वहां जाकर के खड़ा हो गया और उस काम के लिए प्रेरित किया और आज हरियाणा ने बेटी बाचाने के काम में हिन्दुस्तान में नम्बर एक लाकर के खड़ा कर दिया। और इसलिए भाइयों–बहनों मैं इस पूर्वी उत्तर प्रदेश में बलिया में इसलिये आया हूं, क्योंकि हमें गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है। अगर पूर्वी हिन्दुस्तान पश्चिमी हिन्दुस्तान की बराबरी भी कर ले तो इस देश में गरीबी का नामोनिशान नहीं रहेगा, मेरा मानना है। मेरा पूर्वी उत्तर प्रदेश, मेरा बिहार, मेरा पश्चिम बंगाल, मेरा असम, मेरा नॉर्थ ईस्ट, मेरा ओड़िशा, ये ऐसे प्रदेश हैं कि अगर वहां विकास गरीबों के लिए पहुंच जाए, तो गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने में हम सफल हो जाएंगे भाइयों।

आप मुझे बताइए एक जमाना था, बहुत लोगों को ये रसोई गैस की ताकत क्या है अभी भी समझ नहीं आती। बहुत लोगों को ये रसोई गैस की राजनीति क्या थी ये भी भूल चुके हैं, बहुत लोग ये रसोई गैस कितना मूल्यवान माना जाता था वो भूल गए हैं। मैं आज जरा याद दिलाना चाहता हूं। मैं political पंडितों को याद दिलाना चाहता हूं। दिल्ली में बैठकर के air-conditioned कमरे में बढ़िया-बढ़िया सलाह देने वालों को मैं आज झकझोड़ना चाहता हूं। उनको मैं हिलाना चाहता हूं, मैं उनको समझाना चाहता हूं। वो दिन याद करो, वो दिन याद करो, जब सांसद Parliament का Member बनता था, तो उसको हर साल रसोई गैस की 25 कूपन दी जाती थी और वो अपने इलाके में 25 परिवारों को साल में रसोई गैस दिलवाता था। और वो इतना गर्व करता था कि मैंने मेरे इलाके में 25 परिवारों को एक साल में रसोई गैस का connection दिलवा दिया। ये बहुत दूर की बात नहीं कर रहा हूं। मैं अभी-अभी पिछले सालों की बात करता हूं। और अखबारों में खबरें आती थीं कि सांसद महोदय ने कालेबाजारी में रसोई गैस का टिकट बेच दिया। ऐसे भी लोग थे कि रसोई गैस का connection लेने के लिए दस-दस, 15-15 हजार रुपया वो टिकट खरीदने के लिए black में खर्च करते थे। वो दिन थे और आज ये सरकार देखिए। एक-एक सांसद के क्षेत्र में हिन्दुस्तान के एक-एक Parliament Member के क्षेत्र में किसी के यहां साल में दस हजार गैल सिलंडर पहुंच जाएंगे, किसी के यहां बीस हजार, किसी के यहां पचास हजार और तीन साल के भीतर –भीतर पांच करोड़ गरीब परिवारों में ये रसोई गैस पहुंचाने का मेरा इरादा है। पांच करोड़ परिवारों में, भाइयों–बहनों ये पांच करोड़ परिवारों में रसोई गैस पहुंचाना ये छोटा काम नहीं है। इतना बड़ा काम, इतना बड़ा काम आज मैं गरीब माताओं बहनों के लिए लेकर आया हूं। आपने देखा होगा, मैं इन माताओं को पूछ रहा था कि आपने कभी सोचा था कि आपके घर में कभी रसोई गैस आएगा, उन्होंने कहा नहीं हमने तो सोचा नहीं था कि हमारे बच्चों के नसीब में भी रसोई गैस आएगा, ये हमने सोचा नहीं था। मैंने पूछा रसोई में कितना टाइम जाता है वो कहते लकड़ी लेने जाना पड़ता है, लकड़ी जलाते हैं , बुझ जाती है, कभी आधी रोटी रह जाती है फिर लकड़ी लेने जाते हैं, बड़ी अपनी मुसीबत बता रही थी। भाइयों –बहनों ये रसोई गैस के कारण पांच करोड़ परिवार 2019 में जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती होगी। 2019 में जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती होगी तब गांव और गरीब के लिए पांच करोड़ गैस रसोई गैस पहुंच चुके होंगे भाइयों, समय सीमा में काम करने का हमने फैसला किया है।

एक गरीब मां जब लकड़ी के चूल्हे से खाना पकाती है, तो वैज्ञानिकों का कहना है कि गरीब मां लकड़ी के चूल्हे से खाना पकाती है, तो एक दिवस में उसके शरीर में 400 सिगरेट का धुआं चला जाता है, 400 सिगरेट का। बच्चे घर में होते हैं। और इसलिए उनको भी धुएं में ही गुजारा करना पड़ता है। खाना भी खाते हैं, तो धुआं ही धुआं होता है। आंख से पानी निकलता है और वो खाना खाता है। मैंने तो ये सारे हाल, बचपन में मैं जी चुका हूं। मैं जिस घर में पैदा हुआ, बहुत ही छोटा एक गलियारी जैसा मेरा घर था। कोई खिड़की नहीं थी। आने जाने का सिर्फ एक दरवाजा था। और मां लकड़ी का चूल्हा जला कर के खाना पकाती थी। कभी-कभी तो धुआं इतना होता था कि मां खाना परोस रही हो लेकिन हम मां को देख नहीं पाते थे। ऐसे बचपन में धुएं में खाना खाते थे। और इसलिए मैं उन माताओं की पीड़ा को, उन बच्चों की पीड़ा को, भलीभांति अनुभव कर के आया हूं उस पीड़ा को जी कर के आया हूं और इसलिये मुझे मेरी इन गरीब माताओं को इस कष्टदायक जिन्दगी से मुक्ति दिलानी है। और इसलिए पांच करोड़ परिवारों में रसोई गैस देने का हमने उपक्रम किया है।

भाइयों – बहनों आज लकड़ी के कारण जो खर्चा होता है । इस रसोई गैस से खर्चा भी कम होने वाला है। आज उसकी तबियत की बर्बादी होती है। उसकी तबियत भी ठीक रहेगी। लकड़ी लाना चूल्हा जलाना में time जाता है। उस गरीब मां का time भी बच जाएगा। उसको अगर मजदूरी करनी है सब्जी बेचनी है, तो वो आराम से कर सकती है।

भाइयों –बहनों हमारी कोशिश ये है और इतना ही नहीं ये जो गैस की सब्सिडी दी जाएगी वो भी उन महिलाओं के नाम दी जाएगी, उनका जो प्रधानमंत्री जनधन अकाउंट है, उसी में सब्सिडी जमा होगी ताकि वो पैसे किसी ओर के हाथ न लग जाए, उस मां के हाथ में ही पैसे लग जाए ये भी व्यवस्था की। ये environment के लिये भी हमारा एक बहुत बड़ा initiative है। और इसलिए मेरे भाइयों- बहनों हजारों करोड़ रुपया का खर्चा सरकार को लगने वाला है। कहां MP की 25 रसोई गैस की टिकट और कहां पांच करोड़ परिवारों में रसोई गैस पहुंचाने का अभियान, ये फर्क होता है सरकार-सरकार में। काम करने वाली सरकार, गरीबों की भला करने वाली सरकार, गरीबों के लिए सामने जाकर के काम करने वाली सरकार कैसे काम करती है इसका ये उत्तम उदहारण आज ये पांच करोड़ परिवारों को रसोई गैस देने का कार्यक्रम है।

भाइयों–बहनों आज, पिछली किसी भी सरकार ने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए जितना काम नहीं किया होगा, इतनी धनराशि आज भारत सरकार उत्तर प्रदेश में लगा रही है। क्योंकि हम चाहते हैं कि देश को आगे बढ़ाने के लिए हमारे जो गरीब राज्य हैं वो तेजी से तरक्की करें। और इसलिये हम काम में लगे हैं। गंगा सफाई का अभियान जनता की भागीदारी से सफल होगा। और इसलिये जन भागीदारी के साथ जन-जन संकल्प करें। ये मेरा बलिया तो मां गंगे और सरयू के तट पर है। दोनों की कृपा आप पर बरसी हुई है और हम सब अभी जहां बैठे हैं वो जगह भी एक बार मां गंगा की गोद ही तो है। और इसलिये जब मां गंगा की गोद में बैठ कर के मां गंगा की सफाई का संकल्प हर नागरिक को करना होगा। हम तय करें मैं कभी भी गंगा को गंदी नहीं करूंगा। मेरे से कभी गंगा में कोई गंदगी नहीं जाएगी। एक बार हम तय कर लें कि मैं गंगा को गंदी नहीं करूंगा। ये मेरी मां है। उस मां को गंदा करने का पाप मैं नहीं कर सकता। ये अगर हमने कर लिया, तो दुनिया की कोई ताकत ये मां गंगा को गंदा नहीं कर सकता है।

और इसलिए मेरे भाइयों–बहनों हम गरीब व्यक्ति की जिंदगी बदलना चाहते हैं। उसके जीवन में बदलाव लाने के लिये काम कर रहे हैं। और आज पहली मई जब मजदूरों का दिवस है। गरीबी में जीने वाला व्यक्ति मजदूरी से जूझता रहता है। भाइयों–बहनों गरीबी हटाने के लिए नारे तो बहुत दिये गए, वादे बहुत बताए गए, योजनाएं ढेर सारी आईं लेकिन हर योजना गरीब के घर को ध्यान में रख कर के नहीं बनी, हर योजना मत पेटी को ध्यान में रख कर के बनी। जब तक मत पेटियों को ध्यान में रख कर के गरीबों के लिए योजनाएं बनेगी, कभी भी गरीबी जाने वाली नहीं है। गरीबी तब जाएगी, जब गरीब को गरीबी से लड़ने की ताकत मिलेगी। गरीबी तब जाएगी, जब गरीब फैसला कर लेगा कि अब मेरे हाथ में साधन है मैं गरीबी को प्रास्त कर के रहूंगा। अब मैं गरीब नहीं रहूंगा, अब मैं गरीबी से बाहर आऊंगा। और इसके लिए उसको शिक्षा मिले, रोजगार मिले, रहने को घर मिले, घर में शौचालय हो, पीने का पानी हो, बिजली हो, ये अगर हम करेंगे, तभी गरीबी से लड़ाई लड़ने के लिए मेरा गरीब ताकतवर हो जाएगा। और इसीलिये मेरे भाइयों-बहनों हम गरीबी के खिलाफ लड़ाइ लड़ने के लिए काम कर रहे हैं।

आजादी के इतने साल हो गये। आजादी के इतने सालों के बाद इस देश में 18 हजार गांव ऐसे जहां बिजली का खंभा भी नहीं पहुंचा है, बिजली का तार नहीं पहुंचा है। 18वीं शताब्दि में जैसी जिन्दगी वो गुजारते थे। 21वीं सदी में भी 18 हजार गांव ऐसी ही जिन्दगी जीने के लिए मजबूर हैं। मुझे बताओ मेरे प्यारे भाइयों–बहनों क्या किया किया इन गरीबी के नाम पर राजनीति करने वालों ने । उन 18 हजार गांव को बिजली क्यों नहीं पहुंचाई। मैंने बीड़ा उठाया है। लालकिले से 15 अगस्त को मैंने घोषणा की मैं एक हजार दिन में 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचा दूंगा। रोज का हिसाब देता हूं, देशवासियों को और आज हमारे उत्तर प्रदेश में आर हैरान होंगे इतने प्रधानमंत्री हो गये उत्तर प्रदेश में । आज उत्तर प्रदेश मेरा कार्य क्षेत्र है। मुझे गर्व है, उत्तर प्रदेश ने मुझे स्वीकार किया है। मुझे गर्व है, उत्तर प्रदेश ने मुझे आशिर्वाद दिये हैं। मुझे गर्व है, उत्तर प्रदेश ने मुझे अपना बनाया है। और इसलिये उत्तर प्रदेश में इतने प्रधानमंत्री आए भाइयों–बहनों बैठा 1529 गांव ऐसे थे, जहां बिजली का खंभा नहीं पहुंचा था। अभी तो ढाई सौ दिन हुए हैं। मेरी योजना को ढाई सौ दिन हुए हैं। भाइयों–बहनों मैंने अब तक मैंने 1326 गांवों में, 1529 में से 1326 गांवों खंभा पहुंच गया, तार पहुंच गया, तार लग गया, बिजली चालू हो गई और लोगों ने बिजली का स्वागत भी कर दिया। और जिन गांवों में बाकी है। वहां भी तेजी से काम चल रहा है। आज औसत उत्तर प्रदेश में हम एक दिन में तीन गांवों में बिजली पहुंचाने का काम कर रहे हैं, जो काम साठ साल तक नहीं हुआ वो हम एक दिन में तीन गांवों तक पहुंचने का काम कर रहे हैं।

भाइयों–बहनों पूरे देश में आज जो ‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना’ इसका आरम्भ हो रहा है। मेरे सवा सौ करोड़ देशवासी देश में करीब 25 कोरड़ परिवार है, उसमे से ये पांच करोड़ परिवारों के लिए योजना है। इससे बड़ी कोई योजना नहीं हो सकती। कभी एक योजना पांच करोड़ परिवारों को छूती हो, ऐसी एक योजना नहीं हो सकती। ऐसी योजना आज लागू हो रही है, बलिया की धरती पर हो रही है। राम मनोहर लोहिया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, उनके आशिर्वाद से हो रही है, चन्द्र शेखर जी, बाबु जयप्रकाश जी ऐसे महापुरषों के आशीर्वाद से प्रारंभ हो रही है। और बलिया की धरती...अब बलिया- ‘बलिया’ बनना चाहिए, इस संकल्प को लेकर के आगे बढ़ना है। मैं फिर एक बार हमारे सासंद महोदय भाई भरत का बड़ा आभार व्यक्त करता हूँ, इतने उमंग के साथ इस कार्यक्रम की उन्होंने अर्जना की। मैं पूरे उत्तर प्रदेश का अभिनन्दन करता हूं। मैं श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान उसकी पूरी टीम का अभिनन्दन करता हूं। ये Petroleum sector कभी गरीबों के लिये माना नहीं गया था, हमने Petroleum sector को गरीबों का बना दिया। ये बहुत बड़ा बदलाव धर्मेन्द्र जी के नेतृत्व में आया है। मैं उनको बहुत–बहुत बधाई देता हूं। मेरी पूरी टीम को बधाई देता हूं। आप सबका बहुत – बहुत अभिनन्दन करता हूं। बहुत- बहुत धन्यवाद।

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Double-engine Governments at the Centre and state are becoming a symbol of good governance: PM in Jaipur
December 17, 2024
PM inaugurates and lays the Foundation stone for 24 projects related to Energy, Road, Railways and Water worth over Rs 46,300 crores in Rajasthan
The Governments at the Center and State are becoming a symbol of Good Governance today: PM
In these 10 years we have given lot of emphasis in providing facilities to the people of the country, on reducing difficulties from their life: PM
We believe in cooperation, not opposition, in providing solutions: PM
I am seeing the day when there will be no shortage of water in Rajasthan, there will be enough water for development in Rajasthan: PM
Conserving water resources, utilizing every drop of water is not the responsibility of government alone, It is the responsibility of entire society: PM
There is immense potential for solar energy in Rajasthan, it can become the leading state of the country in this sector: PM

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

गोविन्द की नगरी में गोविन्ददेव जी नै म्हारो घणो- घणो प्रणाम। सबनै म्हारो राम-राम सा!

राजस्थान के गवर्नर श्री हरिभाऊ बागड़े जी, राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी, मध्य प्रदेश से विशेष रूप से आज पधारे हुए हमारे लाडले मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान सी. आर. पाटिल जी, भागीरथ चौधरी जी, राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी जी, प्रेम चंद भैरवा जी, अन्य मंत्रिगण, सांसदगण, राजस्थान के विधायक, अन्य महानुभाव और राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। और जो वर्चुअली हमारे साथ जुड़े हुए हैं, राजस्थान की हजारों पंचायतों में एकत्र आए हुए सभी मेरे भाई-बहन।

मैं राजस्थान की जनता को, राजस्थान की भाजपा सरकार को, एक साल पूरा करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इस एक साल की यात्रा के बाद आप जब लाखों की तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए हैं, और मैं उस तरफ देख रहा था जब खुली जीप में आ रहा था, शायद जितने लोग पंडाल में हैं तीन गुना लोग बाहर नजर आ रहे थे। आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए हैं, मेरा भी सौभाग्य है कि मैं आज आपके आशीर्वाद को प्राप्त कर सका। बीते एक वर्ष में राजस्थान के विकास को नई गति, नई दिशा देने में भजनलाल जी और उनकी पूरी टीम ने बहुत परिश्रम किया है। ये पहला वर्ष, एक प्रकार से आने वाले अनेक वर्षों की मज़बूत नींव बना है। और इसलिए, आज का उत्सव सरकार के एक साल पूरा होने तक सीमित नहीं है, ये राजस्थान के फैलते प्रकाश का भी उत्सव है, राजस्थान के विकास का भी उत्सव है।

अभी कुछ दिन पहले ही मैं इंवेस्टर समिट के लिए राजस्थान आया था। देश और दुनियाभर के बड़े-बड़े निवेशक, यहां जुटे थे। अब आज यहां 45-50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थाई समाधान करेंगे। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान को देश के सबसे कनेक्टेड राज्यों में से एक बनाएंगे। इससे राजस्थान में निवेश को बल मिलेगा, रोजगार के अनगिनत अवसर बनेंगे। राजस्थान के टूरिज्म को, यहां के किसानों को, मेरे नौजवानों साथियों को इससे बहुत फायदा होगा।

साथियों,

आज भाजपा की डबल इंजन की सरकारें सुशासन का प्रतीक बन रही हैं। भाजपा जो भी संकल्प लेती है, वो पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास करती है। आज देश के लोग कह रहे हैं कि भाजपा, सुशासन की गारंटी है। और तभी तो एक के बाद, एक के बाद एक राज्यों में आज भाजपा को इतना भारी जन-समर्थन मिल रहा है। देश ने लोकसभा में भाजपा को लगातार तीसरी बार देश की सेवा करने का अवसर दिया है। बीते 60 सालों में हिन्दुस्तान में ऐसा नहीं हुआ। 60 साल के बाद भारत की जनता ने तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाई है, लगातार तीसरी बार। हमे देशवासियों की सेवा करने का अवसर दिया है, आशीर्वाद दिए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही, महाराष्ट्र में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। और चुनाव नतीजों के हिसाब से देखें तो वहां भी ये लगातार तीसरी बार बहुमत मिला है। वहां भी पहले से कहीं अधिक सीटें भाजपा को मिली हैं। इससे पहले हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है। हरियाणा में भी पहले से भी ज्यादा बहुमत लोगों ने हमें दिया है। अभी-अभी राजस्थान के उपचुनाव में भी हमने देखा है कि कैसे भाजपा को लोगों ने ज़बरदस्त समर्थन दिया है। ये दिखाता है कि भाजपा के काम और भाजपा के कार्यकर्ताओं की मेहनत पर आज जनता-जनार्दन का कितना विश्वास है।

साथियों,

राजस्थान तो वो राज्य है जिसकी सेवा का भाजपा को लंबे समय से सौभाग्य मिलता रहा है। पहले भैरों सिंह शेखावत जी ने, राजस्थान में विकास की एक सशक्त नींव रखी। उनसे वसुंधरा राजे जी ने कमान ली और सुशासन की विरासत को आगे बढ़ाया, और अब भजन लाल जी की सरकार, सुशासन की इस धरोहर को और समृद्ध करने में जुटी है। बीते एक वर्ष के कार्यकाल में इसी की छाप दिखती है, इसी की छवि दिखती है।

साथियों,

बीते एक वर्ष के दौरान क्या-क्या काम हुए हैं, उसके बारे में विस्तार से यहां कहा गया है। विशेष रूप से गरीब परिवारों, माताओं-बहनों-बेटियों, श्रमिकों, विश्वकर्मा साथियों, घूमंतु परिवारों के लिए अनेक फैसले लिए गए हैं। यहां के नौजवानों के साथ पिछली कांग्रेस सरकार ने बहुत अन्याय किया था। पेपरलीक और भर्तियों में घोटाला, ये राजस्थान की पहचान बन चुकी थी। भाजपा सरकार ने आते ही इसकी जांच शुरु की और कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने यहां एक साल में हज़ारों भर्तियां भी निकालीं हैं। यहां पूरी पारदर्शिता से परीक्षाएं भी हुई हैं, नियुक्तियां भी हो रही हैं। पिछली सरकार के दौरान राजस्थान के लोगों को, बाकि राज्यों की तुलना में महंगा पेट्रोल-डीज़ल खरीदना पड़ता था। यहां भाजपा सरकार बनते ही, राजस्थान के मेरे भाइयों-बहनों को राहत मिली। केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे भेजती है। अब डबल इंजन की राजस्थान भाजपा सरकार उसमें इजाफा करके, अतिरिक्त पैसे जोड़कर किसानों को मदद पहुंचा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कामों को भी यहां डबल इंजन की सरकार तेजी से जमीन पर उतार रही है। भाजपा ने जो वायदे किए थे, उन्हें वो तेजी से पूरा कर रही है। आज का ये कार्यक्रम भी इसी की एक अहम कड़ी है।

साथियों,

राजस्थान के लोगों के आशीर्वाद से, बीते 10 साल से केंद्र में बीजेपी की सरकार है। इन 10 सालों में हमने देश के लोगों को सुविधाएं देने, उनके जीवन से मुश्किलें कम करने पर बहुत जोर दिया है। आजादी के बाद के 5-6 दशकों में कांग्रेस ने जो काम किया, उससे ज्यादा काम हमने 10 साल में करके दिखाया है। आप राजस्थान का ही उदाहरण लीजिए...पानी का महत्व राजस्थान से बेहतर भला कौन समझ सकता है। यहां कई क्षेत्रों में इतना भंयकर सूखा पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में हमारी नदियों का पानी बिना उपयोग के ऐसे ही समंदर में बहता चला जा रहा है। और इसलिए ही जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी, तो अटल जी ने नदियों को जोड़ने का विजन रखा था। उन्होंने इसके लिए एक विशेष कमेटी भी बनाई। मकसद यही था कि जिन नदियों में ज़रूरत से ज्यादा पानी है, समुद्र में बह रहा है, उसको सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके। इससे बाढ़ की समस्या और दूसरी तरफ सूखे की समस्या, दोनों का समाधान संभव था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके समर्थन में कई बार अपनी बातें बताई हैं। लेकिन कांग्रेस कभी आपके जीवन से पानी की मुश्किलें कम नहीं करना चाहती। हमारी नदियों का पानी बहकर सीमापार चला जाता था, लेकिन हमारे किसानों को इसका लाभ नहीं मिलता था। कांग्रेस, समाधान के बजाय, राज्यों के बीच जल-विवाद को ही बढ़ावा देती रही। राजस्थान ने तो इस कुनीति के कारण बहुत कुछ भुगता है, यहां की माताओं-बहनों ने भुगता है, यहां के किसानों ने भुगता है।

मुझे याद है, मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करता था, तब वहां सरदार सरोवर डेम पूरा हुआ, मां नर्मदा का पानी गुजरात के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने का बड़ा अभियान चलाया, कच्छ में सीमा तक पानी ले गए। लेकिन तब उसे रोकने के लिए भी कांग्रेस द्वारा और कुछ NGO के द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए। लेकिन हम पानी का महत्व समझते थे। और मेरे लिए तो मैं कहता हूं पानी पारस है, जैसे पारस लोहे को स्पर्श करे और लोहा सोना हो जाता है, वैसा पानी जहां भी स्पर्श करे वो एक नई ऊर्जा और शक्ति को जन्म दे देता है।

साथियों,

पानी पहुंचाने के लिए, इस लक्ष्य पर मैं लगातारे काम करता रहा, विरोधों को झेलता रहा, आलोचनाएं सहता रहा, लेकिन पानी के महत्मय को समझता था। नर्मदा के पानी का लाभ सिर्फ गुजरात को ही मिले इतना नहीं नर्मदा जी का पानी राजस्थान को भी इसका फायदा हो। और कभी कोई तनाव नहीं, कोई रुकावट नहीं, कोई मेमोरेंडम नहीं, आंदोलन नहीं जैसे ही डेम का काम पूरा हुआ, और गुजरात को हो जाए उसके बाद राजस्थान को देंगे वो भी नहीं, एक साथ गुजरात में भी पानी पहुंचाना, उसी समय राजस्थान को भी पानी पहुंचाना, ये काम हमने शुरू किया। और मुझे याद है जिस समय नर्मदा जी का पानी राजस्थान में पहुंचा राजस्थान के जीवन में एक उमंग और उत्साह था। और उसके कुछ दिन बाद अचानक मैं, मुख्यमंत्री के कार्यालय में मैसेज आया कि भैरों सिंह जी शेखावत और जसवंत सिंह जी वो गुजरात आए हैं और मुख्यमंत्री जी को मिलना चाहते हैं। अब मुझे पता नहीं था वो आए हैं, किस काम के लिए आए हैं। लेकिन वो मेरे दफ्तर आए, मैंने पूछा कैसे आना हुआ, क्यों...नहीं बोले कोई काम नहीं था, आपको मिलने आए हैं। मेरे वरिष्ठ नेता थे दोनों, भैरों सिंह जी की तो उंगली पकड़कर के हम कई लोग बड़े हुए हैं। और वो आकर के मेरे सामने बैठ नहीं हैं, वो मेरा सम्मान करना चाहते थे, मैं भी थोड़ा भौचक्का था। लेकिन उन्होंने मेरा मान-सम्मान तो किया, पर वो दोनों इतने भावुक थे, उनकी आंखें नम हो गई थी। और उन्होंने कहा मोदी जी आपको पता है पानी देने का मतलब क्या होता है, आप इतनी सहज-सरलता से गुजरात नर्मदा का पानी राजस्थान को दें दें, ये बाले, ये मेरे मन को छू गया। और इसीलिए करोड़ राजस्थान वासियों की भावना को प्रकट करने के लिए आज मैं आपके दफ्तर तक चला आया हूं।

साथियों,

पानी में कितना सामर्थ्य होता है इसका एक अनुभव था। और मुझे खुशी है कि माता नर्मदा आज जालौर, बाड़मेर, चूरु, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, हनुमानगढ़, ऐसे कितने ही जिलों को नर्मदा का पानी मिल रहा है।

साथियों,

हमारे यहां कहा जाता था कि नर्मदा जी में स्नान करें, नर्मदा जी की परिक्रमा करें तो अनेक पीढ़ी का पाप धुलकर के पुण्य प्राप्त होता है। लेकिन विज्ञान का कमाल देखिए, कभी हम माता नर्मदा की परिक्रमा करने जाते थे, आज स्वयं माता नर्मदा परिक्रमा करने के लिए निकली है और हनुमानगढ़ तक चली जाती है।

साथियों,

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना...ERCP को कांग्रेस ने कितना लटकाया, ये भी कांग्रेस की नीयत का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ये किसानों के नाम पर बातें बड़ी-बड़ी करते हैं। लेकिन किसानों के लिए ना खुद कुछ करते हैं और ना ही दूसरों को करने देते हैं। भाजपा की नीति, विवाद की नहीं संवाद की है। हम विरोध में नहीं, सहयोग में विश्वास करते हैं। हम व्यवधान में नहीं, समाधान पर यकीन करते हैं। इसलिए हमारी सरकार ने, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को स्वीकृत भी किया है और विस्तार भी किया है। जैसे ही एमपी और राजस्थान में भाजपा सरकार बनी तो, पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, एमपीकेसी लिंक परियोजना पर समझौता हो गया।

ये जो तस्वीर आप देख रहे थे ना, केंद्र के जल मंत्री और दो राज्यों के मुख्यमंत्री, ये तस्वीर सामान्य नहीं है। आने वाले दशकों तक हिंदुस्तान के हर कोने में ये तस्वीर राजनेताओं को सवाल पूछेगी, हर राज्य को पूछा जाएगा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान मिलकर पानी की समस्या को, नदी के पानी के समझौते को आगे बढ़ा सकते हैं, तुम ऐसी कौन-सी राजनीति कर रहे हो कि पानी समु्द्र में बह रहा है तब तुम एक कागज पर हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे हो। ये तस्वीर, ये तस्वीर पूरा देश आने वाले दश्कों तक देखने वाला है। ये जो जलाभिषेक हो रहा था ना, ये दृश्य भी मैं सामान्य दृश्य नहीं देखता हूं। देश का भला करने के लिए सोचने वाले विचार से काम करने वाले लोग उनको जब सेवा करने का मौका मिलता है तो कोई मध्य प्रदेश का पानी लेकर आता है, कोई राजस्थान का पानी लेकर आता है, उन पानी का इकट्ठा किया जाता है और मेरे राजस्थान को सुजलाम-सुफलाम बनाने के लिए पुरूषार्थ की परंपरा शुरू कर दी जाती है। ये असाधाारण दिखता है, एक साल का उत्सव तो है ही लेकिन आने वाली सदियों का उज्जवल भविष्य आज इस मंच से लिखा जा रहा है। इस परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा।

साथियों,

नदियों को जोड़ने की ताकत क्या होती है वो मैं गुजरात में करके आया हूं। नर्मदा का पानी गुजरात की अलग-अलग नदियों से जोड़ा गया। आप कभी अहमदाबाद जाते हैं तो साबरमती नदी देखते हैं। आज से 20 साल पहले किसी बच्चें को अगर कहा जाए तुम साबरमती के ऊपर निबंध लिखो। तो वो लिखता की साबरमती में सर्कस के तंबू लगते हैं। बहुत अच्छे सर्कस के शो होते हैं। साबरमती में क्रिकेट खेलने का मजा आता है। साबरमती में बहुत अच्छी मिट्टी धूल होती रहती है। क्योंकि साबरमती में पानी देखा नहीं था। आज नर्मदा के पानी से साबरमती जिंदा हो गई और अहमदाबाद में रिवर front आप देख रहे हैं। ये नदियों को जोड़ने से ये ताकत है और मैं राजस्थान का वैसा ही सुंदर दृश्य मेरी आंखों में कल्पना कर सकता हूं।

साथियों,

मैं वो दिन देख रहा हूं जब राजस्थान में पानी की कमी नहीं होगी, राजस्थान में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, इससे राजस्थान के 21 जिलों में सिंचाई का पानी भी मिलेगा और पेयजल भी पहुंचेगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश, दोनों के विकास में तेजी आएगी।

साथियों,

आज ही ईसरदा लिंक परियोजना का भी शिलान्यास हुआ है। ताजेवाला से शेखावाटी के लिए पानी लाने पर भी आज समझौता हुआ है। इस पानी से, इस समझौते से भी हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों को फायदा होगा। मुझे विश्वास है कि राजस्थान में भी जल्द से जल्द शत-प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचेगा।

साथियों,

हमारे सीआर पाटिल जी के नेतृत्व में एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। अभी ज्यादा उसकी मीडिया में और बाहर चर्चा कम है। लेकिन मैं उसकी ताकत भलिभांति समझता हूं। जनभागीदारी से अभियान चलाया गया है। Rain water harvesting के लिए recharging wells बनाये जा रहे हैं। शायद आपाको भी पता नहीं होगा, लेकिन मुझे बताया गया कि जनभागीदारी से राजस्थान में आज daily rain harvesting structure तैयार हो रहे हैं। भारत के जिन राज्यों में पानी की किल्लत है, उन राज्यों में पिछले कुछ महीनों में अब तक करीब-करीब तीन लाख rain harvesting structures बन चुके हैं। मैं पक्का मानता हूं कि वर्षा के पानी को बचाने का ये प्रयास आने वाले दिनों में हमारी इस धरती मां की प्यास को बुझाएगा। और यहां बैठा हुआ हिन्दुस्तान में बैठा हुआ कोई भी बेटा, कोई भी बेटी कभी भी अपनी धरती मां को प्यासा रखना नहीं चाहेगा। जो प्यास की तड़प हमें होती है, वो प्यास हमें जितना परेशान करती है, वो प्यास उतना ही हमारी धरती मां को परेशान करती है। और इसलिए इस धरती की संतान के नाते हम सबका दायित्व बनता है कि हम अपनी धरती मां की प्यास बुझाएं। वर्षा के एक एक बूंद पानी को धरती मां की प्यास बुझाने के लिए काम लाए। और एक बार धरती मां का आशीर्वाद मिल गया ना फिर दुनिया की कोई ताकत हमें पीछे नहीं रख सकती।

मुझे याद है गुजरात में एक जैन महात्मा हुआ करते थे। करीब 100 साल पहले उन्होंने लिखा था, बुद्धि सागर जी महाराज थे, जैन मुनि थे। उनहोंने करीब 100 साल पहले लिखा था और उस समय शायद कोई पढ़ता तो उनकी बातों में विश्वास नहीं करता। उन्होंने लिखा था 100 साल पहले – एक दिन ऐसा आएगा जब किराने की दुकान में पीने का पानी बिकेगा। 100 साल पहले लिखा था आज हम किराने की दुकान से बिस्लेरी की बॉटल खरीदकर पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं, 100 साल पहले कहा गया था।

साथियों,

ये दर्द भरी दास्तां है। हमारे पूवर्जों ने हमें विरासत में बहुत कुछ दिया है। अब हमारा दायित्व है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को पानी के अभाव में मरने के लिए मजबूर न करें। हम उन्हें सुजलाम सुफलाम ये हमारी धरती माता, हमारी आने वाली पीढ़ियों को सुपुर्द करें। और उसी पवित्र कार्य को करने की दिशा में, मैं आज मध्यप्रदेश सरकार को बधाई देता हूं। मैं मध्य प्रदेश की जनता को बधाई देता हूं। मैं राजस्थान की सरकार और राजस्थान की जनता को बधाई देता हूं। अब हमारा काम है कि बिना रुकावट इस काम को हम आगे बढ़ाएं। जहां जरूरत पड़े, जिस इलाके से ये योजना बनती है। लोग सामने से आकर के समर्थन करें। तब समय से पहले योजनाएं पूरी हो सकती हैं और इस पूरे राजस्थान का भाग्य बदल सकता है।

साथियों,

21वीं सदी के भारत के लिए नारी का सशक्त होना बहुत जरूरी है। भई वो कैमरा, कैमरा को शौक इतना है कि उनका उत्साह बढ़ गया है। जरा वो कैमरा वाले को जरा दूसरी तरफ ले जाइये, वो थक जाएंगे।

साथियों,

आपका ये प्यार मेरे सर आंखों पर मैं आपका आभारी हूं इस उमंग और उत्साह के लिए साथियों नारीशक्ति का सामर्थ्य क्या है, ये हमने विमन सेल्फ हेल्प ग्रुप स्वयं सहायता समूह के आंदोलन में देखा है। बीते दशक में देश की 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं। इनमें राजस्थान की भी लाखों बहनें शामिल हैं। इन समूहों से जुड़ी बहनें, उनको मजबूत बनाने के लिए भाजपा सरकार ने दिन रात मेहनत की है। हमारी सरकार ने इन समूहों को पहले बैंकों से जोड़ा, फिर बैंकों से मिलने वाली मदद को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया। हमने उन्हें मदद के तौर पर करीब 8 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। हमने उन्हें ट्रेनिंग की व्यवस्था कराई है। महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप में बने सामानों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराए।

आज इसी का नतीजा है कि ये सेल्फ हेल्प ग्रुप, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बने हैं। और मेरे लिए खुशी है, मैं यहा आ रहा था सारे ब्लॉक के ब्लॉक माताओं बहनों से भरे हुए हैं। और इतना उमंग इतना उत्साह। अब हमारी सरकार, सेल्फ हेल्प ग्रुप की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने पर काम कर रही है। मुझे खुशी है कि करीब सवा करोड़ बहनें लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। यानि इन्हें साल में एक लाख रुपए से ज्यादा की कमाई होने लगी है।

साथियों,

नारी शक्ति को मजबूत करने के लिए हम अनेक नई योजनाएं बना रहे हैं। अब जैसे नमो ड्रोन दीदी योजना है। इसके तहत हजारों बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है। हज़ारों समूहों को ड्रोन मिल भी चुके हैं। बहनें ड्रोन के माध्यम से खेती कर रही हैं, उससे कमाई भी कर रही हैं। राजस्थान सरकार भी इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास कर रही है।

साथियों,

हाल में ही हमने बहनों-बेटियों के लिए एक और बड़ी योजना शुरु की है। ये योजना है बीमा सखी स्कीम। इसके तहत, गांवों में बहनों-बेटियों को बीमा के काम से जोड़ा जाएगा, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत प्रारंभिक वर्षों में जब तक उनका काम जमें नहीं उनको कुद राशि मानदंड के रूप में दी जाएगी। इसके तहत बहनों को पैसा भी मिलेगा और साथ साथ देश की सेवा करने का अवसर भी मिलेगा। हमने देखा है कि हमारी जो बैंक सखियां हैं, उन्होंने कितना बड़ा कमाल किया है। देश के कोने-कोने तक, गांव-गांव में हमारी बैंक सखियों ने बैंक सेवाएं पहुंचा दी है, खाते खुलवाए हैं, लोन की सुविधाओं से लोगों को जोड़ा है। अब बीमा सखियां, भी भारत के हर परिवार को बीमा की सुविधा से जोड़ने में मदद करेंगी। जरा ये जो कैमरामेन है उनको मेरी रिक्वेस्ट है कि आप अपना कैमरा दूसरी तरफ मोड़िये प्लीज, यहां लाखों लोग हैं उनकी तरफ ले जाइये ना।

साथियों,

भाजपा सरकार का निरंतर प्रयास है कि गांव की आर्थिक स्थिति बेहतर हो। ये विकसित भारत बनाने के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए गांव में कमाई के, रोजगार के हर साधन पर हम बल दे रहे हैं। राजस्थान में बिजली के क्षेत्र में अनेक समझौते यहां भाजपा सरकार ने किए हैं। इनका सबसे अधिक फायदा हमारे किसानों को होने वाला है। राजस्थान सरकार की योजना है कि यहां के किसानों को दिन में भी बिजली उपलब्ध हो सके। किसान को रात में सिंचाई की मजबूरी से मुक्ति मिले, ये इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है।

साथियों,

राजस्थान में सौर ऊर्जा की पर्याप्त संभावनाएं हैं। राजस्थान इस मामले में देश का सबसे आगे रहने वाला राज्य बन सकता है। हमारी सरकार ने सौर ऊर्जा को आपका बिजली बिल ज़ीरो करने का माध्यम भी बनाया है। केंद्र सरकार, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना चला रही है। इसके तहत घर की छत पर सौलर पैनल लगाने के लिए करीब करीब 75-80 हज़ार रुपए की मदद केंद्र सरकार दे रही है। इससे जो बिजली पैदा होगी, वो आप उपयोग करें और आपकी जरूरत से ज्यादा है, तो आप बिजली बेच सकते हैं और सरकार वो बिजली खरीदेगी भी। मुझे खुशी है कि अब तक देश के 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा परिवार इस योजना के लिए रजिस्टर करा चुके हैं। बहुत ही कम समय में करीब 7 लाख लोगों के घरों में सोलर पैनल सिस्टम लग चुका है। इसमें राजस्थान के भी 20 हज़ार से अधिक घर शामिल हैं। इन घरों में सोलर बिजली पैदा होनी शुरू हो चुकी है और लोगों के पैसे भी बचने शुरू हो गए हैं।

साथियों,

घर की छत पर ही नहीं, खेत में भी सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। पीएम कुसुम योजना के तहत, राजस्थान सरकार आने वाले समय में सैकड़ों नए सोलर प्लांट्स लगाने जा रही है। जब हर परिवार ऊर्जादाता होगा, हर किसान ऊर्जादाता होगा, तो बिजली से कमाई भी होगी, हर परिवार की आय भी बढ़ेगी।

साथियों,

राजस्थान को रोड, रेल और हवाई यात्रा में सबसे कनेक्टेड राज्य बनाना, ये हमारा संकल्प है। हमारा राजस्थान,दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों के बीच में स्थित है। ये राजस्थान के लोगों के लिए, यहां के नौजवानों के लिए बहुत बड़ा अवसर है। इन तीन शहरों को राजस्थान से जोड़ने वाला जो नया एक्सप्रेसवे बन रहा है, ये देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेसवे में से एक है। मेज नदी पर बड़ा पुल बनने से, सवाईमाधोपुर, बूंदी, टोंक और कोटा जिलों को लाभ होगा। इन जिलों के किसानों के लिए दिल्ली, मुंबई और वड़ोदरा की बड़ी मंडियों, बड़े बाज़ारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इससे जयपुर और रणथंभौर टाइगर रिजर्व तक पर्यटकों के लिए पहुँचना भी आसान हो जाएगा। हम सभी जानते हैं कि आज के समय में, समय की बहुत कीमत है। लोगों का समय बचे, उनकी सहूलियत बढ़े, यही हम सभी का प्रयास है।

साथियों,

जामनगर - अमृतसर इकोनामिक कॉरिडोर जब दिल्ली-अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा तो राजस्थान को मां वैष्णो देवी धाम से कनेक्ट करेगा। इससे उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से सीधा संपर्क बनेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट से जुड़े सेक्टर को होगा, यहां बड़े-बड़े वेयर हाउस बनेंगे। इनमें ज्यादा काम राजस्थान के नौजवानों को मिलेगा।

साथियों,

जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होने वाली है। इससे शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। जोधपुर आने वाले पर्यटकों, व्यापारियों-कारोबारियों को इससे बहुत सुविधा होगी।

साथियों,

आज यहां इस कार्यक्रम में हजारों भाजपा कार्यकर्ता भी मेरे सामने मौजूद हैं। उनके परिश्रम से ही हम आज का ये दिन देख रहे हैं। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से कुछ आग्रह भी करना चाहता हूं। भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल तो है ही, भाजपा एक विराट सामाजिक आंदोलन भी है। भाजपा के लिए दल से बड़ा देश है। हर भाजपा कार्यकर्ता, देश के लिए जागरुक और समर्पित भाव से काम कर रहा है। भाजपा कार्यकर्ता सिर्फ राजनीति से नहीं जुड़ता,वो सामाजिक समस्याओं के समाधान से भी जुड़ता है। आज हम एक ऐसे कार्यक्रम में आए हैं, जो जल संरक्षण से बहुत गहराई से जुड़ा है। जल संसाधानों का संरक्षण और जल की हर बूंद का सार्थक इस्तेमाल सरकार समेत पूरे समाज की, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। और इसीलिए मैं अपने भाजपा के हर कार्यकर्ता, हर साथी से कहूंगा कि वे भी अपनी रोज की दिनचर्या में जल संरक्षण के काम के लिए अपन कुद समय समर्पित कर दें और बड़ी श्रद्धाभाव से काम करें। माइक्रो इरीगेशन, ड्रिप इरीगेशन से जुड़ें अमृत सरोवर की देखरेख में मदद करें, जल प्रबंधन के साधन बनाएं और जनता को जागरूक भी करें। आप प्राकृतिक खेती नैचुरल फार्मिंग के प्रति भी किसानों को जागरूक करें।

हम सब जानते हैं कि जितने ज्यादा पेड़ होंगे, धरती को पानी का भंडारण करने में उतनी मदद मिलेगी। इसीलिए एक पेड मां के नाम अभियान बहुत मदद कर सकता है। इससे हमारी मां का भी सम्मान बढ़ेगा और धरती मां का भी मान बढ़ेगा। पर्यावरण के लिए ऐसी बहुत से काम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैंने पहले ही पीएम सूर्य घर अभियान की बात कही। बीजेपी के कार्यकर्ता लोगों को सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए जागरुक कर सकते हैं, उन्हें इस योजना और उसके लाभ के विषय में बता सकते हैं। हमारे देश के लोगों का एक स्वभाव है। जब देश देखता है कि किसी अभियान की नीयत सही है, इसकी नीति सही है, तो लोग उसको अपने कंधे पर उठा लेते हैं, इससे जुड़ जाते हैं और खुद को भी एक मिशन के काम से जोड़कर के खपा देते हैं। हमने स्वच्छ भारत में ये देखा है। हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में ये देखा है। मुझे विश्वास है कि हमें पर्यावरण संरक्षण में भी, जल संरक्षण में भी ऐसी ही सफलता मिलेगी।

साथियों,

आज राजस्थान में विकास के जो आधुनिक काम हो रहे हैं, जो इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, ये वर्तमान और भावी पीढ़ी सबके काम आएगा। ये विकसित राजस्थान बनाने के काम आएगा और जब राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी तेजी से विकसित होगा। आने वाले वर्षों में डबल इंजन की सरकार और तेज गति से काम करेगी। मैं भरोसा देता हूं, कि केंद्र सरकार की तरफ से भी राजस्थान के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। एक बार फिर इतनी बड़ी तादाद में आप लोग आशीर्वाद देने आएं, विशेष रूप से माताएं बहनें आईं, मैं आपका सर झुकाकर के धन्यवाद करता हूं, और आज का ये अवसर आपके कारण है और आज का ये अवसर आपके लिए है। मेरी आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं। पूरी शक्ति से दोनों हाथ ऊपर कर मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !