PM Modi inaugurates Faridabad metro line, takes metro ride, addresses rally
NDA Govt fulfills promise of delivering One-Rank, One-Pension for the armed forces
Centre & states must work together; infrastructure is essential for progress: PM
India would progress not through politics, but through nationalist policies: PM Modi
It has become a fashion to politicize every decision taken by Government for progress of the country: PM
People are being misled about the government position on OROP and VRS: PM
PM Modi reiterates Government's resolve for Housing for All by 2022

विशाल संख्या में पधारे भाईयो और बहनों,

अभी हमारे मुख्यमंत्री बता रहे थे कि मोदी जी इतनी बार हरियाणा में आए और 11 तारीख को भी आने वाले हैं, 18 तारीख को भी आने वाले हैं। आप सबको मालूम है हरियाणा मेरा दूसरा घर है। गुजरात छोड़ने के बाद मैंने वर्षों तक हरियाणा में ही अपना जीवन बिताया। यहां के हर गांव, गली, मौहल्ले से परिचित हूं, तो मुझे हरियाणा आने का मन करेगा कि नहीं करेगा? आपके प्यार को मैं कभी भुला सकता हूं क्या? तो आपका प्यार है जो मुझे बार-बार खींचकर ले आता है और मैंने हरियाणा को कहा था, पहले दिन से कह रहा हूं कि आपने मुझे जो प्यार दिया है, मैं विकास करके ब्याज समेत लौटाऊंगा, ये मैं कह रहा हूं।

भाईयों-बहनों चुनाव आते हैं, जाते हैं। राजनीति अपनी जगह पर चलती रहती है। वो लोकतंत्र का स्वाभाविक हिस्सा है लेकिन देश सिर्फ राजनीति से नहीं चलता है, देश राष्ट्रनीति से चलता है, देश विवादों से नहीं बढ़ता है, देश संवाद से बढ़ता है। हमारी समस्याओं का समाधान अगर उसका कोई एक उपाय है, अगर उसकी कोई एक जड़ी-बूटी है, तो उस जड़ी-बूटी का नाम विकास है, विकास। विकास होगा तो नौजवान को रोजगार मिलेगा, विकास होगा तो किसान को अपनी फसल का पूरा दाम मिलेगा, विकास होगा तो गरीब से गरीब बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलेगी, विकास होगा तो गांव के गरीब हो, वयोवृद्ध-तपोवृद्ध लोग हो उनको आरोग्य की सुविधा उपलब्ध होगी, गरीब को रहने के लिए घर मिलेगा और इसलिए मेरे भाईयों-बहनों हम एक ही बिंदू पर काम कर रहे हैं। जब से आपने हमें जिम्मेवारी दी है, हमारा एक ही मंत्र है, एक ही मकसद है, एक ही मार्ग है, एक ही मंजिल है और उसका नाम है विकास।

आप मुझे बताइए, आपक विकास चाहिए कि नहीं चाहिए? अच्छे रास्ते चाहिए कि नहीं चाहिए? अच्छे स्कूल चाहिए कि नहीं चाहिए? अच्छे अस्पताल चाहिए कि नहीं चाहिए? इस देश को यही चाहिए और इसलिए ये सरकार इन्हीं बिंदुओं पर अपनी ताकत लगा रही है। अच्छा होता ये काम पिछले 60 साल में पूरे हो गये होते। देश ऊंचाइयों को पार कर लिया होता। लेकिन बहुत सारे काम अधूरे हैं और अधूरे हैं इसलिये पुरानी सरकारों को आलोचना करके उनकी टीपा टीका टिप्पणी करके मैं रुक जाऊं ये उचित नहीं है। इस सरकार का जिम्मेदारी है कि हम समस्याओं के समाधान खोजें विकास के नये - नये उपाये खोजें और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।

पिछले दिनों आपने देखा होगा पूरी दुनिया में एक आर्थिक संकट पैदा हुआ मजबूत से मजबूत आर्थिक नींव पर खड़े हुए देश हिल गए। और तुफान इतना भयंकर था कि उसके सामने टिकना बड़ा मुश्किल था, इतनी बड़ी आंधी तेज आई थी। लेकिन सारी दुनिया के आर्थिक पंडितों का कहना है कि इतनी भंयकर आर्थिक मंदी के बीच, इतने भयंकर आर्थिक तुफानों के बीच कोई एक देश बराबर अगर खड़ा रहा, टिका रहा, उस देश का नाम हिंदुस्तान है।

मेरे भाईयों-बहनों और यही बताता है कि पिछले 15 महीनों में, सरकार ने जो रास्ता अपनाया है, जिन नीतियों को लागू किया है, आज उसका परिणाम नजर आ रहा है कि इतनी बड़ी आंधी के बावजूद भी हिंदुस्तान आर्थिक धरातल पर टिका रहा है। लेकिन भाईयों-बहनों सिर्फ टिके रहे हैं, इससे संतोष मानना, ये हमें मंजूर नहीं है। इतनी बड़ी आंधी में तूफान में टिक गये ये अच्छी बात है, लेकिन हमें जहां टिके हैं, वहां रुकना नहीं है हमें आगे बढ़ना है। आगे बढ़ने का रास्ता सवा सौ करोड़ देश वासियों को साथ और सहयोग है, आगे बढ़ने का रास्ता सभी राज्य सरकारें और केंद्र सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर चलना है। आगे बढ़ने का रास्ता लोकतांत्रिक मार्ग है और अगर हमें विकास करना है, तो हमें Infrastructure पर सबसे पहले प्राथमिकता देनी पड़ेगी। रेल हो, रोड हो, रेल हो, सामान्य नागरिक की सुविधा की व्यवस्थाएं हो, ये जब तब तक हम निर्माण नहीं करेंगे, विकास के फल नीचे तक नहीं पहुंचेंगे।..और इसलिये ये सरकार का मकसद है कि 2022 जब हिन्दुस्तान आजादी के 75 साल मनाएगा, वो आजादी का 75 साल कैसे हों, क्या हम सपना लेकर के नहीं चल सकते कि आजादी के 75 साल जब मनाएंगे, आजादी के दीवानों को जब अंजली देंगे, आजादी के लिये शहीद हुए महापुरुषों का पुण्य स्मरण करेंगे, उस समय कम से कम एक काम तो पूरा कर लें, इस देश में कोई गरीब ऐसा न हो जिसको अपना घर न हो। हर गरीब को भी अपना घर मिले, काम बहुत बड़ा है, दुनिया के कुछ देशों की आबादी से ज्यादा भी मकान बनाने पड़ेंगे, लेकिन भाइयों बहनों कठिन काम भी हमें हाथ में लेने हैं और उसको पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

हमारे वेंकैया जी नायडू शहरी विकास मंत्री के नाते एक ऐसी योजना उन्होंने देश के सामने रखी है, जिसके कारण शहरी गरीबों के लिये मकानों की सुविधा उपलब्ध हो, नये मकान बनें, गरीब के लिये बने, सस्ते बने, अच्छे बने और घर भी वो हो, जिसके नल में जल हो, बिजली हो, नजदीक में स्कूल हो, एक परिवार सुख शांति से रह सके ऐसा घर हो। हमारे चौधरी वीरेन्द्र सिंह जी लगे हैं, एक ग्रामीण विकास मंत्रालय को लेकर के गांव में जो गरीब है, उन गरीबों को रहने के लिये अपना घर मिले, योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। एक तरफ शहरी विकास एक तरफ ग्रामीण विकास, गरीब शहर का हो या गरीब गांव का हो हर किसी को रहने के लिये घर मिले इसके लिये बहुत बड़ा काम हमने सर पर उठाया है।

भाइयो बहनों आज यहां मेट्रो रेल का लोकापर्ण हो रहा है। अब हरियाणा भी गर्व के साथ दुनिया में कहेगा कि हमारे पास मेट्रो रेलवे है। हरियाणा ने दिल्ली के टूरिस्टों को आकर्षित करने की सबसे बड़ी ताकत अगर किसी में है, तो हरियाणा में है। weekend टूरिस्टों को आकर्षित करने की ताकत है, तो हरियाणा में है औऱ मेट्रो की सुविधा हो जाए तो बहुत बड़ी मात्रा में दिल्ली से लोग weekend मनाने के लिए हरियाणा की ओर चले जाएंगे और हरियाणा के नौजवानों को रोजी-रोटी का प्रबंध हो जाएगा। ये मेट्रो सिर्फ आने-जाने का कारोबार है, ऐसा नहीं है, अब मेट्रो सिर्फ, पहले बस में जाना पड़ता था, कार लेकर जाना पड़ता था, ट्रैफिक जाम हो जाता था, अब जल्दी पहुंचा जाता है, इतना ही नहीं है इनसे पूरी economy drive होती है, पूरे आर्थिक जीवन को एक गति मिलती है और इसलिए ये रैली का नाम भी गति-प्रगति रैली रखा गया है। गति भी हो, प्रगति भी हो और तेज गति से प्रगति हो, उन सपनों को पूरा करने का प्रयास हो रहा है। करीब-करीब ढाई हजार करोड़ रुपया की लागत से, ये प्रोजेक्ट यहां पूरा हुआ है।

लेकिन मैं आज मेरे हरियाणा के भाईयों-बहनों को एक और नजराना भी देना चाहता हूं, ये मेट्रो यहीं से लौट नहीं जाएगी, हम बल्लभगढ़ तक जाएंगे। आने वाले दिनों में बल्लभगढ़ के लिए एक काम शुरू हो जाएगा। 600-700 करोड़ रुपए की और लागत लगेगी लेकिन हरियाणा के एक महत्वपूर्ण हिस्सों को जोड़ने का काम होगा।

फरीदाबाद मेरे लिए नया नहीं है। मैं कभी यहां स्कूटर पर आया करता था। मैंने फरीदाबाद को पनपते हुए देखा है। एशिया में नौंवे नंबर पर सबसे बड़ा industrial estate वाला ये फरीदाबाद शहर है। अब फरीदाबाद एक लघु हिंदुस्तान बन गया है। हिंदुस्तान का कोई राज्य ऐसा नहीं होगा, जिसके लोग फरीदाबाद में रहते न हो, एक प्रकार का लघु भारत बन गया है। इस फरीदाबाद का विकास भी, वैसा ही होना चाहिए। ये मेट्रो ट्रेन के आरंभ से वो एक नया विकास का मार्ग भी खुल जाता है और मैं श्रीमान वेंकैया जी को एक बात के लिए बधाई देना चाहता हूं, उनका विभाग इस काम को देखता है, सारी दुनिया को एक संदेश दे रहे हैं कि ये मेट्रो का जो लाईन है environment friendly है। यहां के स्टेशनों पर solar panel लगे हुए हैं और करीब-करीब दो मेगावॉट बिजली सूर्य शक्ति से पैदा करते हैं और सारी व्यवस्था में उसी बिजली का उपयोग किया जाता है। मेट्रो का एक ट्रैक solar panel से भरों हुआ हो, ये दुनिया के लिए भी एक आकर्षण का कारण है। आने वाले दिनों में Green Railway Station कैसे बने, Environment Friendly Railway Station कैसे बने उस दिशा में भी मैट्रो की तरफ से एक सफलतापूर्वक अभियान चलाया जा रहा है और आज जब पूरी विश्व Global Warming के लिये चिंतित है, Climate Change के कारण चिंतित है, हमारी एक छोटी सी इकाई मैट्रो वे भी दुनिया की मदद करने के लिये Green movement में अपना सहयोग दे रही है और इसलिये वेंकैया जी को और उनकी पूरी टीम को मैं हृदय से बहुत बहुत अभिनन्दन करता हूं और उनके साधुवाद करता हूं।

भाइयो बहनों ये हरियाणा की धरती ऐसी है, कल हमनें श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया और जब श्री कृष्ण को याद करते हैं तो सिर्फ द्वारका की नगरी याद नहीं आती है, कुरुक्षेत्र भी तुरंत याद आता है। पूरा हरियाणा एक प्रकार से इन महापुरुषों की छाया में पला बड़ा हुआ है। सांस्कृतिक विरासत का धनी है। यहीं से पास में गांव सिही सूरदास जी की जन्म भूमि है, यही तो हमारी विशेषता यही हमारी ताकत है और उन्हीं से महापुरुषों के आशिर्वाद लेकर के हम हरियाणा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिये प्रयास कर रहे हैं।

मैं हरियाणा सरकार को अभिनन्दन करता हूं। श्रीमान मनोहर लाल जी का विशेष रूप से और उनकी पूरी टीम का अभिनन्दन करता हूं। कि जिस हरियाणा को बेटियों के भ्रूण हत्या के लिये पहचाना जाता था वो हरियाणा आज बेटी बचाने के लिये पहचाने जाने लगा है। ये छोटा सा निर्णय परिवर्तन नहीं है, ये छोटा सा movement नहीं है, कितना कठिन काम होता है मुझे अंदाजा है लेकिन हरियाणा के राज्य सरकार ने यहां के राजनीतिक नेताओं ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और बेटी बचाने का जो अभियान चलाया है और पूरे हिन्दुस्तान का बेटी बचाने का अभियान का प्रारंभ भी इसी हरियाणा की धरती से हुआ है।

मैं जानता हूं, मनोहर लाल जी हमारे बड़े परिश्रमी नेता हैं, मेहनत करने में शायद कोई उनका मुकाबला नहीं कर सकता है, मैंने सालों तक उनके साथ काम किया है और वे हरियाणा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सफल होंगे, हरियाणा की आशाओं-आकाक्षाओं को वे पूरा करेंगे, ये मुझे विश्वास है।

आने वाले दिनों में हमारे देश में, हम-हमारे शहरों का रंग-रूप बदलना चाहते हैं, चेहरा बदलना चाहते हैं, उसके फेफड़ों को नई ताकत देना चाहते हैं। आज हमारे शहरों के फेफड़े भी बीमार हो गए हैं, greenery नहीं बची है, अपनी मर्जी से वो बढ़ता गया है। वेंकैया जी के नेतृत्व में, जो smart city का अभियान चला है, उस smart city में फरीदाबाद का भी नाम है। लेकिन कुछ लोगों को लगता होगा कि अब सरकार ने smart city कह दिया तो smart city बन गया। भाईयों-बहनों आपको पता होना चाहिए और मैं चाहता हूं कि इस बात की घर-घर चर्चा होनी चाहिए, हर बार चर्चा होनी चाहिए कि ये अभी तो फरीदाबाद की entry हुई है competition के अंदर पहली मैच उसने जीत लिया है, पहली मैच जीतकर के उसने entry पा ली है, लेकिन आगे बढ़ने के लिये यहां के सभी नागरिकों ने तय करना पड़ेगा की हमें फरीदाबाद स्मार्ट सिटी बनाना है। कानून में ये परिवर्तन करना पड़ेगा, तो करना है। हमें ये discipline लानी है तो लानी है। हमें स्वच्छता रखनी है तो रखनी है। ये जब तक हम नहीं करेंगे, ये स्मार्ट सिटी की स्पर्धा आप जीत नहीं पाओगे। उसके कुछ norms हैं कुछ parameter हैं, मैं चाहता हूं एक जागृति का माहौल बने पूरे देश में ये 100 शहर पूरे हिन्दुस्तान में जो पहली मैच जीत कर के आए हैं। क्योंकि स्पर्धा से तय हुआ है, पहली स्पर्धा में वो जीत गए हैं, लेकिन आगे जैसे-जैसे जाओगे स्पर्धा कठिन होती जाने वाली है। लेकिन मुझे विश्वास है कि हरियाणा के दोनों शहर ये स्पर्धा जीतेंगे और देश में स्मार्ट सिटी बनाने का यश हरियाणा प्राप्त करेगा।

मैं आपको निमंत्रित करता हूं। मैं आपको challenge भी करता हूं इस challenge को स्वीकार कीजिये। सरकार ने जितने parameter तय किये हैं उन parameter को गले लगाइये। पूरे फरीदाबाद का एक – एक घर एक-एक नागरिक स्मार्ट सिटी बनाने का संकल्प लेना चाहिये तब जाकर के स्मार्ट सिटी बना पाएंगे और इसलिये मैं आपको आह्वान कर रहा हूं।

भाइयो बहनों ये हरियाणा की धरती वीरों की धरती है। ये हरियाणा की धरती जवानों की धरती है। ये हरियाणा की धरती देश के लिये मर मिटने वालों की धरती है। प्रधानमंत्री बनने से पहले मेरा पहला कार्यक्रम जब मेरी पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के लिये घोषित किया तो 13 सितम्बर को रिवाड़ी में मैं आया था। और पहला मेरा कार्यक्रम था पूर्व सैनिकों का बहुत बड़ा जमावड़ा में मैं आया था और उस समय में मैंने वन रैंक वन पैंशन की बात कही थी, याद है कही थी OROP की बात कही थी याद है। भाइयो बहनों ये मामला 42 साल से लटका हुआ था 42 साल से चार दशक इतनी सरकारें आ कर गई लेकिन इस समस्या का समाधान किसी को हाथ नहीं लगता था। lip sympathy सब दूर सब सरकारों ने व्यक्त की थी। हर कोई कहता था हां देश के लिये जवान मरते हैं सरकार का दायित्व है हर कोई कहते थे। लेकिन करने के लिये हर किसी को कठिनाई महसूस होती थी और आज मुझे भी महसूस हो रही है। ये सरल काम नहीं है। मेरे देश के जवानों आपने देश के लिये अपनी जिन्दगी खपाई है, अपका मान सम्मान इससे बड़ा हमारी जिन्दगी में कुछ नहीं हो सकता। लेकिन ये मामला अति कठिन है। उसका प्रभाव पता नहीं कहां-कहां पड़ सकता है। आने वाले दिनों में क्या-क्या संकट आ सकते हैं लेकिन मेरे देश के जवानों, हमने वादा किया था और हम वादा निभा रहे हैं। आपको मालूम है, पहले वाली सरकार के लिए OROP क्या था? 500 करोड़ रुपए का कार्यक्रम था, 500 करोड़ रुपए का, तो हमें भी लगा कि अभी 500 है तो 700 हो जाएगा, 800 हो जाएगा, कर लो, क्या है? लेकिन जब हम गिनती करने के लिए बैठे तो हर रोज नई चीज आने लगी, हर रोज नई चीज आने लगी। Koshyari Committee, जिसका हमारे जवान बार-बार उल्लेख करते हैं, उसको हमने देखा, उसने क्या कहा है, उसने तो 300 करोड़ से भी कम कहा है। उसने कहा है कि 300 करोड़ रुपए से कम रुपया भी लग जाएगा, तो हो जाएगा। सारी सरकार भ्रमित, बैठे हुए अफसर भ्रमित, सेना के जवानों की बातें भी ऐसी, हर कोई उलझा हुआ था, पिछले कई दिनों से मैं लगातार एक-एक तार को खोलता गया, चीजों को ठीक करता रहा और हिसाब लगाता गया भाईयों-बहनों ये OROP 500 करोड़ में होने वाला खेल नहीं है। ये OROP 300 करोड़ रुपए में पूरा होने वाला काम नहीं है, जब हिसाब लगाया तो हिसाब बनता है 8 से 10 हजार करोड़ रुपए का 8 से 10 हजार करोड़ रुपये का।

मेरी सरकार बनी 26 मई, 2014 को और मेरा दायित्व बनता है 26 मई 2014 से। ये जो प्रचार करने वाले लोग हैं वो देश की जनता को और खासकर के हमारे जवानों को भ्रमित करने का पाप करते रहे हैं। 26 मई को इस सरकार का जन्म हुआ उसी दिन से हमनें काम चालू किया और कल हमनें घोषणा की तो भी सरकार बनने के तुरंत बाद एक जुलाई गिनने के लिये उचित रहती है, तो हमनें एक जुलाई से लागू करने का निर्णय कर दिया भाइयो बहनों।

मैं जानता हूं देश के फौज में 80-90% लोग कौन होते हैं हमारी फौज में 80-90% वो जवान होते हैं, जो छोटे-छोटे पद पर होते हैं, कंधे पर बंदूक उठाकर के जो दुश्मनों से मुकाबला करते हैं। सबसे पहले जान की बाजी वो लगा देते हैं, लेकिन सेना की आयु कम हो इसलिये उनको 15 साल के बाद नौकरी छोड़नी पड़ती है, 17 साल के बाद छोड़नी पड़ती है, 20 साल के बाद छोड़नी पड़ती है, इसके लिए अलग-अलग शब्द प्रयोग सेना वाले करते होंगे। कुछ लोगों को लगता है कि जो 15 साल 17 साल नौकरी छोड़कर गए उनको OROP नहीं मिलेगा। मेरे जवान भाइयो बहनों चाहे वो हवल्दार हो, सिपाही हो नायक हो अरे आप ही तो देश की रक्षा करते हो अगर ये OROP सबसे पहले मिलेगा, तो आप को मिलेगा। ये VRS के नाम से आपको भ्रमित करने का जो प्रयास कर रहे हैं वो गलत कर रहे हैं ये सरकार जिन लोगों ने युद्ध में सेना में काम करते करते अपना शरीर गंवाया है, कोई अंग गंवाया है ऐसे भी सेना के जवान जिनको मजबूरन सेना छोड़नी पड़ती है। शरीर की देश के लिये शरीर का एक-एक अंग बली चढ़ा दिया है उसको सेना छोड़नी पड़ती है। क्या OROP से वंचित हो जाएंगे? सेना को प्यार करने वाला प्रधानमंत्री ऐसा कभी सोच भी नहीं सकता है। मेरे भाइयो बहनों ऐसे सबको OROP मिलेगा और इसलिये 80-90% ये जो 8 हजार 10 हजार करोड़ का खर्च है ना उसका सबसे ज्यादा धन ये 15-17 साल की उम्र में जो सेना छोड़ कर घर आते हैं उन जवानों में जाने वाला है। और इसलिये ये भ्रम फैलाने की कोशिश करने की आवश्यकता नहीं है। ये सरकार बहुत ही स्पष्ट है। कि देश के लिये जीने मरने वाले जवानों को लिये OROP लागू करने का हमनें वादा किया है और कल हमनें घोषणा कर दी है।

कुछ लोग कहते हैं Commission बनाया, ये कोई Pay-Commission नहीं बनाया। ये सिर्फ ये जो हमनें निर्णय किये हैं, क्योंकि पहले 500 करोड़ वालों की भी समझ में कुछ कुछ न गड़बड़ रही बाद में Koshyari Committee ने जो रिपोर्ट किया, उसमें भी गड़बड़ रही, हमें लगा कि 10 हजार करोड़ रुपया देने के बाद भी हो सकता है कहीं कोई कमी रह गई हो, कहीं कोई समझदारी में अंतर रहा हो, कोई हिस्सा सेना का छूट गया हो तो ऐसे समय एक व्यवस्था होनी चाहिए ताकि सेना के जवान उनके साथ मिलकरके, अगर कोई कमी रह गई हो, कोई छोटा-मोटा बदलाव जरूरी हो तो उसके साथ कर सके OROP के संबंध में इसलिए ये कमेटी बनाई गई है, ये कोई Pay-Commission नहीं है और इसलिए इसमें भी जो भ्रम फैलाए जा रहे हैं वो भ्रमों का भी निराकरण होना चाहिए।

आज देश के सेना में 10 में से 1 जवान हरियाणा का होता है, 10 जवान हैं तो उसमें से एक हरियाणा का होगा ही होगा और इसलिए ये जब 8-10 हजार करोड़ का पैकेज आएगा तो बहुत बड़ी मात्रा में धन हरियाणा के निवृत्त जवानों के पास आने वाला है, मतलब कि हरियाणा के अंदर हजारों-करोड़ रुपए आने वाले हैं। जब हरियाणा में हजारों-करोड़ रुपए आते हैं तो हरियाणा की economy अचानक drive करने लग जाती है। हरियाणा की आर्थिक गतिविधि को एक बहुत बड़ी ताकत, सेना के निवृत्त जवानों को पैसे मिलने के कारण मिलने वाली है। बहुत बड़ा निर्णय इस सरकार ने किया है, देशभक्ति से प्रेरित होकर के किया है। देश की आर्थिक व्यवस्था में बहुत सारे काम है, कुछ कामों में कटौती करके भी करना पड़ेगा तो करने का फैसला कर करके किया है और इसलिए मैं, मेरे सेना के जावनों को कहता हूं कि ये सरकार आपकी है, ये सरकार आपका हौंसला बुलंद देखना चाहती है, ये सरकार आपके सुखों की चिंता करने वाली सरकार है और आने वाले दिनों में भी जहां जो जरूरत पड़ेगी, ये सरकार आपके साथ खड़ो होगी, ये मैं देश के जवानों को विश्वास दिलाना चाहता हूं।

भाईयों-बहनों जो लोग बयानबाजी करके, राजनीतिक उल्लू सीधा करने की कोशिश कर रहे हैं, देशवासियों जिन्होंने 40-42 साल तक जो काम नहीं किया, उनको एक भी सवाल पूछने का अधिकार है क्या? जरा पूरी ताकत से जवाब दो मुझे, जिन्होंने खुद नहीं किया उनको सवाल पूछने का हक है क्या? देश को गुमराह करने का हक है क्या? जवानों के नाम पर बोलने का हक है क्या? अरे आप लोगों का पाप था कि आप लोगों ने 40-42 साल तक काम नहीं किया, आज हमारा हिसाब मांग रहे हो। भाईयों-बहनों एक fashion चल पड़ी है, एक fashion चल पड़ी है कि जब सरकार कोई भी अच्छे निर्णय करे, देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हिम्मत के साथ आगे बढ़े तो जो लोग, जिनकों देश की जनता ने reject कर दिया है वो इस देश को आगे बढ़ना नहीं देना चाहते हैं, इससे बड़ा लोकतंत्र का अपमान नहीं हो सकता है और इसलिए मेरे भाइयों-बहनों, मैं देशवासियों को हरियाणा की वो धरती से बोल रहा हूं, जहां कृष्ण ने गीता का संदेश दिया था और युद्ध का विजय प्राप्त करने का संकेत दिया था, ये वो भूमि है जहां हर परिवार से कोई न कोई जवान सीमा पर देश की सेवा कर रहा है, ऐसी धरती से मैं कह रहा हूं कि हमारे लिए, हमारे सेना के जवान किसी के कम प्यारे नहीं हैं और इसलिए ये One-upmanship जो चल रही है, इसके खेल देश का भला नहीं करेंगे।

भाईयों-बहनों हम विकास के मार्ग पर चलना चाहते हैं, सवा सौ करोड़ देशवासियों को लेकर चलना चाहते हैं और उसको लेकर के हम आगे बढ़ रहे हैं और आज मेट्रो का एक नजराना हरियाणा के जीवन को नई ताकत देगा। आधुनिक हरियाणा बनाने में ये सौगात काम आएगी। इसी एक विश्वास के साथ मैं फिर एक बार यहां के मुख्यमंत्री को, सरकार की पूरी टीम को हरियाणा को लगातार आगे बढ़ाने के लिए, नई ऊंचाईयों पर ले जाने के प्रयासों के लिए अभिनंदन करता हूं, बधाई देता हूं और श्रीमान वेंकैया जी नायडू के नेतृत्व में हमारा शहरी विकास तेज गति से हो, हरियाणा में बहुत बड़ी मात्रा में शहरी विकास हो रहा है, वो भी नई ऊंचाइयों को प्राप्त करे यही शुभकामना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

मेरे साथ दोनों मुठी बंद करके बोलिए

“जय जवान, जय किसान”

“जय जवान, जय किसान”

“जय जवान, जय किसान”

"भारत माता की जय"

"भारत माता की जय"



बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Double-engine Governments at the Centre and state are becoming a symbol of good governance: PM in Jaipur
December 17, 2024
PM inaugurates and lays the Foundation stone for 24 projects related to Energy, Road, Railways and Water worth over Rs 46,300 crores in Rajasthan
The Governments at the Center and State are becoming a symbol of Good Governance today: PM
In these 10 years we have given lot of emphasis in providing facilities to the people of the country, on reducing difficulties from their life: PM
We believe in cooperation, not opposition, in providing solutions: PM
I am seeing the day when there will be no shortage of water in Rajasthan, there will be enough water for development in Rajasthan: PM
Conserving water resources, utilizing every drop of water is not the responsibility of government alone, It is the responsibility of entire society: PM
There is immense potential for solar energy in Rajasthan, it can become the leading state of the country in this sector: PM

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

गोविन्द की नगरी में गोविन्ददेव जी नै म्हारो घणो- घणो प्रणाम। सबनै म्हारो राम-राम सा!

राजस्थान के गवर्नर श्री हरिभाऊ बागड़े जी, राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी, मध्य प्रदेश से विशेष रूप से आज पधारे हुए हमारे लाडले मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान सी. आर. पाटिल जी, भागीरथ चौधरी जी, राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी जी, प्रेम चंद भैरवा जी, अन्य मंत्रिगण, सांसदगण, राजस्थान के विधायक, अन्य महानुभाव और राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। और जो वर्चुअली हमारे साथ जुड़े हुए हैं, राजस्थान की हजारों पंचायतों में एकत्र आए हुए सभी मेरे भाई-बहन।

मैं राजस्थान की जनता को, राजस्थान की भाजपा सरकार को, एक साल पूरा करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इस एक साल की यात्रा के बाद आप जब लाखों की तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए हैं, और मैं उस तरफ देख रहा था जब खुली जीप में आ रहा था, शायद जितने लोग पंडाल में हैं तीन गुना लोग बाहर नजर आ रहे थे। आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए हैं, मेरा भी सौभाग्य है कि मैं आज आपके आशीर्वाद को प्राप्त कर सका। बीते एक वर्ष में राजस्थान के विकास को नई गति, नई दिशा देने में भजनलाल जी और उनकी पूरी टीम ने बहुत परिश्रम किया है। ये पहला वर्ष, एक प्रकार से आने वाले अनेक वर्षों की मज़बूत नींव बना है। और इसलिए, आज का उत्सव सरकार के एक साल पूरा होने तक सीमित नहीं है, ये राजस्थान के फैलते प्रकाश का भी उत्सव है, राजस्थान के विकास का भी उत्सव है।

अभी कुछ दिन पहले ही मैं इंवेस्टर समिट के लिए राजस्थान आया था। देश और दुनियाभर के बड़े-बड़े निवेशक, यहां जुटे थे। अब आज यहां 45-50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थाई समाधान करेंगे। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान को देश के सबसे कनेक्टेड राज्यों में से एक बनाएंगे। इससे राजस्थान में निवेश को बल मिलेगा, रोजगार के अनगिनत अवसर बनेंगे। राजस्थान के टूरिज्म को, यहां के किसानों को, मेरे नौजवानों साथियों को इससे बहुत फायदा होगा।

साथियों,

आज भाजपा की डबल इंजन की सरकारें सुशासन का प्रतीक बन रही हैं। भाजपा जो भी संकल्प लेती है, वो पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास करती है। आज देश के लोग कह रहे हैं कि भाजपा, सुशासन की गारंटी है। और तभी तो एक के बाद, एक के बाद एक राज्यों में आज भाजपा को इतना भारी जन-समर्थन मिल रहा है। देश ने लोकसभा में भाजपा को लगातार तीसरी बार देश की सेवा करने का अवसर दिया है। बीते 60 सालों में हिन्दुस्तान में ऐसा नहीं हुआ। 60 साल के बाद भारत की जनता ने तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाई है, लगातार तीसरी बार। हमे देशवासियों की सेवा करने का अवसर दिया है, आशीर्वाद दिए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही, महाराष्ट्र में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। और चुनाव नतीजों के हिसाब से देखें तो वहां भी ये लगातार तीसरी बार बहुमत मिला है। वहां भी पहले से कहीं अधिक सीटें भाजपा को मिली हैं। इससे पहले हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है। हरियाणा में भी पहले से भी ज्यादा बहुमत लोगों ने हमें दिया है। अभी-अभी राजस्थान के उपचुनाव में भी हमने देखा है कि कैसे भाजपा को लोगों ने ज़बरदस्त समर्थन दिया है। ये दिखाता है कि भाजपा के काम और भाजपा के कार्यकर्ताओं की मेहनत पर आज जनता-जनार्दन का कितना विश्वास है।

साथियों,

राजस्थान तो वो राज्य है जिसकी सेवा का भाजपा को लंबे समय से सौभाग्य मिलता रहा है। पहले भैरों सिंह शेखावत जी ने, राजस्थान में विकास की एक सशक्त नींव रखी। उनसे वसुंधरा राजे जी ने कमान ली और सुशासन की विरासत को आगे बढ़ाया, और अब भजन लाल जी की सरकार, सुशासन की इस धरोहर को और समृद्ध करने में जुटी है। बीते एक वर्ष के कार्यकाल में इसी की छाप दिखती है, इसी की छवि दिखती है।

साथियों,

बीते एक वर्ष के दौरान क्या-क्या काम हुए हैं, उसके बारे में विस्तार से यहां कहा गया है। विशेष रूप से गरीब परिवारों, माताओं-बहनों-बेटियों, श्रमिकों, विश्वकर्मा साथियों, घूमंतु परिवारों के लिए अनेक फैसले लिए गए हैं। यहां के नौजवानों के साथ पिछली कांग्रेस सरकार ने बहुत अन्याय किया था। पेपरलीक और भर्तियों में घोटाला, ये राजस्थान की पहचान बन चुकी थी। भाजपा सरकार ने आते ही इसकी जांच शुरु की और कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने यहां एक साल में हज़ारों भर्तियां भी निकालीं हैं। यहां पूरी पारदर्शिता से परीक्षाएं भी हुई हैं, नियुक्तियां भी हो रही हैं। पिछली सरकार के दौरान राजस्थान के लोगों को, बाकि राज्यों की तुलना में महंगा पेट्रोल-डीज़ल खरीदना पड़ता था। यहां भाजपा सरकार बनते ही, राजस्थान के मेरे भाइयों-बहनों को राहत मिली। केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे भेजती है। अब डबल इंजन की राजस्थान भाजपा सरकार उसमें इजाफा करके, अतिरिक्त पैसे जोड़कर किसानों को मदद पहुंचा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कामों को भी यहां डबल इंजन की सरकार तेजी से जमीन पर उतार रही है। भाजपा ने जो वायदे किए थे, उन्हें वो तेजी से पूरा कर रही है। आज का ये कार्यक्रम भी इसी की एक अहम कड़ी है।

साथियों,

राजस्थान के लोगों के आशीर्वाद से, बीते 10 साल से केंद्र में बीजेपी की सरकार है। इन 10 सालों में हमने देश के लोगों को सुविधाएं देने, उनके जीवन से मुश्किलें कम करने पर बहुत जोर दिया है। आजादी के बाद के 5-6 दशकों में कांग्रेस ने जो काम किया, उससे ज्यादा काम हमने 10 साल में करके दिखाया है। आप राजस्थान का ही उदाहरण लीजिए...पानी का महत्व राजस्थान से बेहतर भला कौन समझ सकता है। यहां कई क्षेत्रों में इतना भंयकर सूखा पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में हमारी नदियों का पानी बिना उपयोग के ऐसे ही समंदर में बहता चला जा रहा है। और इसलिए ही जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी, तो अटल जी ने नदियों को जोड़ने का विजन रखा था। उन्होंने इसके लिए एक विशेष कमेटी भी बनाई। मकसद यही था कि जिन नदियों में ज़रूरत से ज्यादा पानी है, समुद्र में बह रहा है, उसको सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके। इससे बाढ़ की समस्या और दूसरी तरफ सूखे की समस्या, दोनों का समाधान संभव था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके समर्थन में कई बार अपनी बातें बताई हैं। लेकिन कांग्रेस कभी आपके जीवन से पानी की मुश्किलें कम नहीं करना चाहती। हमारी नदियों का पानी बहकर सीमापार चला जाता था, लेकिन हमारे किसानों को इसका लाभ नहीं मिलता था। कांग्रेस, समाधान के बजाय, राज्यों के बीच जल-विवाद को ही बढ़ावा देती रही। राजस्थान ने तो इस कुनीति के कारण बहुत कुछ भुगता है, यहां की माताओं-बहनों ने भुगता है, यहां के किसानों ने भुगता है।

मुझे याद है, मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करता था, तब वहां सरदार सरोवर डेम पूरा हुआ, मां नर्मदा का पानी गुजरात के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने का बड़ा अभियान चलाया, कच्छ में सीमा तक पानी ले गए। लेकिन तब उसे रोकने के लिए भी कांग्रेस द्वारा और कुछ NGO के द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए। लेकिन हम पानी का महत्व समझते थे। और मेरे लिए तो मैं कहता हूं पानी पारस है, जैसे पारस लोहे को स्पर्श करे और लोहा सोना हो जाता है, वैसा पानी जहां भी स्पर्श करे वो एक नई ऊर्जा और शक्ति को जन्म दे देता है।

साथियों,

पानी पहुंचाने के लिए, इस लक्ष्य पर मैं लगातारे काम करता रहा, विरोधों को झेलता रहा, आलोचनाएं सहता रहा, लेकिन पानी के महत्मय को समझता था। नर्मदा के पानी का लाभ सिर्फ गुजरात को ही मिले इतना नहीं नर्मदा जी का पानी राजस्थान को भी इसका फायदा हो। और कभी कोई तनाव नहीं, कोई रुकावट नहीं, कोई मेमोरेंडम नहीं, आंदोलन नहीं जैसे ही डेम का काम पूरा हुआ, और गुजरात को हो जाए उसके बाद राजस्थान को देंगे वो भी नहीं, एक साथ गुजरात में भी पानी पहुंचाना, उसी समय राजस्थान को भी पानी पहुंचाना, ये काम हमने शुरू किया। और मुझे याद है जिस समय नर्मदा जी का पानी राजस्थान में पहुंचा राजस्थान के जीवन में एक उमंग और उत्साह था। और उसके कुछ दिन बाद अचानक मैं, मुख्यमंत्री के कार्यालय में मैसेज आया कि भैरों सिंह जी शेखावत और जसवंत सिंह जी वो गुजरात आए हैं और मुख्यमंत्री जी को मिलना चाहते हैं। अब मुझे पता नहीं था वो आए हैं, किस काम के लिए आए हैं। लेकिन वो मेरे दफ्तर आए, मैंने पूछा कैसे आना हुआ, क्यों...नहीं बोले कोई काम नहीं था, आपको मिलने आए हैं। मेरे वरिष्ठ नेता थे दोनों, भैरों सिंह जी की तो उंगली पकड़कर के हम कई लोग बड़े हुए हैं। और वो आकर के मेरे सामने बैठ नहीं हैं, वो मेरा सम्मान करना चाहते थे, मैं भी थोड़ा भौचक्का था। लेकिन उन्होंने मेरा मान-सम्मान तो किया, पर वो दोनों इतने भावुक थे, उनकी आंखें नम हो गई थी। और उन्होंने कहा मोदी जी आपको पता है पानी देने का मतलब क्या होता है, आप इतनी सहज-सरलता से गुजरात नर्मदा का पानी राजस्थान को दें दें, ये बाले, ये मेरे मन को छू गया। और इसीलिए करोड़ राजस्थान वासियों की भावना को प्रकट करने के लिए आज मैं आपके दफ्तर तक चला आया हूं।

साथियों,

पानी में कितना सामर्थ्य होता है इसका एक अनुभव था। और मुझे खुशी है कि माता नर्मदा आज जालौर, बाड़मेर, चूरु, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, हनुमानगढ़, ऐसे कितने ही जिलों को नर्मदा का पानी मिल रहा है।

साथियों,

हमारे यहां कहा जाता था कि नर्मदा जी में स्नान करें, नर्मदा जी की परिक्रमा करें तो अनेक पीढ़ी का पाप धुलकर के पुण्य प्राप्त होता है। लेकिन विज्ञान का कमाल देखिए, कभी हम माता नर्मदा की परिक्रमा करने जाते थे, आज स्वयं माता नर्मदा परिक्रमा करने के लिए निकली है और हनुमानगढ़ तक चली जाती है।

साथियों,

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना...ERCP को कांग्रेस ने कितना लटकाया, ये भी कांग्रेस की नीयत का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ये किसानों के नाम पर बातें बड़ी-बड़ी करते हैं। लेकिन किसानों के लिए ना खुद कुछ करते हैं और ना ही दूसरों को करने देते हैं। भाजपा की नीति, विवाद की नहीं संवाद की है। हम विरोध में नहीं, सहयोग में विश्वास करते हैं। हम व्यवधान में नहीं, समाधान पर यकीन करते हैं। इसलिए हमारी सरकार ने, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को स्वीकृत भी किया है और विस्तार भी किया है। जैसे ही एमपी और राजस्थान में भाजपा सरकार बनी तो, पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, एमपीकेसी लिंक परियोजना पर समझौता हो गया।

ये जो तस्वीर आप देख रहे थे ना, केंद्र के जल मंत्री और दो राज्यों के मुख्यमंत्री, ये तस्वीर सामान्य नहीं है। आने वाले दशकों तक हिंदुस्तान के हर कोने में ये तस्वीर राजनेताओं को सवाल पूछेगी, हर राज्य को पूछा जाएगा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान मिलकर पानी की समस्या को, नदी के पानी के समझौते को आगे बढ़ा सकते हैं, तुम ऐसी कौन-सी राजनीति कर रहे हो कि पानी समु्द्र में बह रहा है तब तुम एक कागज पर हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे हो। ये तस्वीर, ये तस्वीर पूरा देश आने वाले दश्कों तक देखने वाला है। ये जो जलाभिषेक हो रहा था ना, ये दृश्य भी मैं सामान्य दृश्य नहीं देखता हूं। देश का भला करने के लिए सोचने वाले विचार से काम करने वाले लोग उनको जब सेवा करने का मौका मिलता है तो कोई मध्य प्रदेश का पानी लेकर आता है, कोई राजस्थान का पानी लेकर आता है, उन पानी का इकट्ठा किया जाता है और मेरे राजस्थान को सुजलाम-सुफलाम बनाने के लिए पुरूषार्थ की परंपरा शुरू कर दी जाती है। ये असाधाारण दिखता है, एक साल का उत्सव तो है ही लेकिन आने वाली सदियों का उज्जवल भविष्य आज इस मंच से लिखा जा रहा है। इस परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा।

साथियों,

नदियों को जोड़ने की ताकत क्या होती है वो मैं गुजरात में करके आया हूं। नर्मदा का पानी गुजरात की अलग-अलग नदियों से जोड़ा गया। आप कभी अहमदाबाद जाते हैं तो साबरमती नदी देखते हैं। आज से 20 साल पहले किसी बच्चें को अगर कहा जाए तुम साबरमती के ऊपर निबंध लिखो। तो वो लिखता की साबरमती में सर्कस के तंबू लगते हैं। बहुत अच्छे सर्कस के शो होते हैं। साबरमती में क्रिकेट खेलने का मजा आता है। साबरमती में बहुत अच्छी मिट्टी धूल होती रहती है। क्योंकि साबरमती में पानी देखा नहीं था। आज नर्मदा के पानी से साबरमती जिंदा हो गई और अहमदाबाद में रिवर front आप देख रहे हैं। ये नदियों को जोड़ने से ये ताकत है और मैं राजस्थान का वैसा ही सुंदर दृश्य मेरी आंखों में कल्पना कर सकता हूं।

साथियों,

मैं वो दिन देख रहा हूं जब राजस्थान में पानी की कमी नहीं होगी, राजस्थान में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, इससे राजस्थान के 21 जिलों में सिंचाई का पानी भी मिलेगा और पेयजल भी पहुंचेगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश, दोनों के विकास में तेजी आएगी।

साथियों,

आज ही ईसरदा लिंक परियोजना का भी शिलान्यास हुआ है। ताजेवाला से शेखावाटी के लिए पानी लाने पर भी आज समझौता हुआ है। इस पानी से, इस समझौते से भी हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों को फायदा होगा। मुझे विश्वास है कि राजस्थान में भी जल्द से जल्द शत-प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचेगा।

साथियों,

हमारे सीआर पाटिल जी के नेतृत्व में एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। अभी ज्यादा उसकी मीडिया में और बाहर चर्चा कम है। लेकिन मैं उसकी ताकत भलिभांति समझता हूं। जनभागीदारी से अभियान चलाया गया है। Rain water harvesting के लिए recharging wells बनाये जा रहे हैं। शायद आपाको भी पता नहीं होगा, लेकिन मुझे बताया गया कि जनभागीदारी से राजस्थान में आज daily rain harvesting structure तैयार हो रहे हैं। भारत के जिन राज्यों में पानी की किल्लत है, उन राज्यों में पिछले कुछ महीनों में अब तक करीब-करीब तीन लाख rain harvesting structures बन चुके हैं। मैं पक्का मानता हूं कि वर्षा के पानी को बचाने का ये प्रयास आने वाले दिनों में हमारी इस धरती मां की प्यास को बुझाएगा। और यहां बैठा हुआ हिन्दुस्तान में बैठा हुआ कोई भी बेटा, कोई भी बेटी कभी भी अपनी धरती मां को प्यासा रखना नहीं चाहेगा। जो प्यास की तड़प हमें होती है, वो प्यास हमें जितना परेशान करती है, वो प्यास उतना ही हमारी धरती मां को परेशान करती है। और इसलिए इस धरती की संतान के नाते हम सबका दायित्व बनता है कि हम अपनी धरती मां की प्यास बुझाएं। वर्षा के एक एक बूंद पानी को धरती मां की प्यास बुझाने के लिए काम लाए। और एक बार धरती मां का आशीर्वाद मिल गया ना फिर दुनिया की कोई ताकत हमें पीछे नहीं रख सकती।

मुझे याद है गुजरात में एक जैन महात्मा हुआ करते थे। करीब 100 साल पहले उन्होंने लिखा था, बुद्धि सागर जी महाराज थे, जैन मुनि थे। उनहोंने करीब 100 साल पहले लिखा था और उस समय शायद कोई पढ़ता तो उनकी बातों में विश्वास नहीं करता। उन्होंने लिखा था 100 साल पहले – एक दिन ऐसा आएगा जब किराने की दुकान में पीने का पानी बिकेगा। 100 साल पहले लिखा था आज हम किराने की दुकान से बिस्लेरी की बॉटल खरीदकर पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं, 100 साल पहले कहा गया था।

साथियों,

ये दर्द भरी दास्तां है। हमारे पूवर्जों ने हमें विरासत में बहुत कुछ दिया है। अब हमारा दायित्व है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को पानी के अभाव में मरने के लिए मजबूर न करें। हम उन्हें सुजलाम सुफलाम ये हमारी धरती माता, हमारी आने वाली पीढ़ियों को सुपुर्द करें। और उसी पवित्र कार्य को करने की दिशा में, मैं आज मध्यप्रदेश सरकार को बधाई देता हूं। मैं मध्य प्रदेश की जनता को बधाई देता हूं। मैं राजस्थान की सरकार और राजस्थान की जनता को बधाई देता हूं। अब हमारा काम है कि बिना रुकावट इस काम को हम आगे बढ़ाएं। जहां जरूरत पड़े, जिस इलाके से ये योजना बनती है। लोग सामने से आकर के समर्थन करें। तब समय से पहले योजनाएं पूरी हो सकती हैं और इस पूरे राजस्थान का भाग्य बदल सकता है।

साथियों,

21वीं सदी के भारत के लिए नारी का सशक्त होना बहुत जरूरी है। भई वो कैमरा, कैमरा को शौक इतना है कि उनका उत्साह बढ़ गया है। जरा वो कैमरा वाले को जरा दूसरी तरफ ले जाइये, वो थक जाएंगे।

साथियों,

आपका ये प्यार मेरे सर आंखों पर मैं आपका आभारी हूं इस उमंग और उत्साह के लिए साथियों नारीशक्ति का सामर्थ्य क्या है, ये हमने विमन सेल्फ हेल्प ग्रुप स्वयं सहायता समूह के आंदोलन में देखा है। बीते दशक में देश की 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं। इनमें राजस्थान की भी लाखों बहनें शामिल हैं। इन समूहों से जुड़ी बहनें, उनको मजबूत बनाने के लिए भाजपा सरकार ने दिन रात मेहनत की है। हमारी सरकार ने इन समूहों को पहले बैंकों से जोड़ा, फिर बैंकों से मिलने वाली मदद को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया। हमने उन्हें मदद के तौर पर करीब 8 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। हमने उन्हें ट्रेनिंग की व्यवस्था कराई है। महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप में बने सामानों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराए।

आज इसी का नतीजा है कि ये सेल्फ हेल्प ग्रुप, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बने हैं। और मेरे लिए खुशी है, मैं यहा आ रहा था सारे ब्लॉक के ब्लॉक माताओं बहनों से भरे हुए हैं। और इतना उमंग इतना उत्साह। अब हमारी सरकार, सेल्फ हेल्प ग्रुप की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने पर काम कर रही है। मुझे खुशी है कि करीब सवा करोड़ बहनें लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। यानि इन्हें साल में एक लाख रुपए से ज्यादा की कमाई होने लगी है।

साथियों,

नारी शक्ति को मजबूत करने के लिए हम अनेक नई योजनाएं बना रहे हैं। अब जैसे नमो ड्रोन दीदी योजना है। इसके तहत हजारों बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है। हज़ारों समूहों को ड्रोन मिल भी चुके हैं। बहनें ड्रोन के माध्यम से खेती कर रही हैं, उससे कमाई भी कर रही हैं। राजस्थान सरकार भी इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास कर रही है।

साथियों,

हाल में ही हमने बहनों-बेटियों के लिए एक और बड़ी योजना शुरु की है। ये योजना है बीमा सखी स्कीम। इसके तहत, गांवों में बहनों-बेटियों को बीमा के काम से जोड़ा जाएगा, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत प्रारंभिक वर्षों में जब तक उनका काम जमें नहीं उनको कुद राशि मानदंड के रूप में दी जाएगी। इसके तहत बहनों को पैसा भी मिलेगा और साथ साथ देश की सेवा करने का अवसर भी मिलेगा। हमने देखा है कि हमारी जो बैंक सखियां हैं, उन्होंने कितना बड़ा कमाल किया है। देश के कोने-कोने तक, गांव-गांव में हमारी बैंक सखियों ने बैंक सेवाएं पहुंचा दी है, खाते खुलवाए हैं, लोन की सुविधाओं से लोगों को जोड़ा है। अब बीमा सखियां, भी भारत के हर परिवार को बीमा की सुविधा से जोड़ने में मदद करेंगी। जरा ये जो कैमरामेन है उनको मेरी रिक्वेस्ट है कि आप अपना कैमरा दूसरी तरफ मोड़िये प्लीज, यहां लाखों लोग हैं उनकी तरफ ले जाइये ना।

साथियों,

भाजपा सरकार का निरंतर प्रयास है कि गांव की आर्थिक स्थिति बेहतर हो। ये विकसित भारत बनाने के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए गांव में कमाई के, रोजगार के हर साधन पर हम बल दे रहे हैं। राजस्थान में बिजली के क्षेत्र में अनेक समझौते यहां भाजपा सरकार ने किए हैं। इनका सबसे अधिक फायदा हमारे किसानों को होने वाला है। राजस्थान सरकार की योजना है कि यहां के किसानों को दिन में भी बिजली उपलब्ध हो सके। किसान को रात में सिंचाई की मजबूरी से मुक्ति मिले, ये इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है।

साथियों,

राजस्थान में सौर ऊर्जा की पर्याप्त संभावनाएं हैं। राजस्थान इस मामले में देश का सबसे आगे रहने वाला राज्य बन सकता है। हमारी सरकार ने सौर ऊर्जा को आपका बिजली बिल ज़ीरो करने का माध्यम भी बनाया है। केंद्र सरकार, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना चला रही है। इसके तहत घर की छत पर सौलर पैनल लगाने के लिए करीब करीब 75-80 हज़ार रुपए की मदद केंद्र सरकार दे रही है। इससे जो बिजली पैदा होगी, वो आप उपयोग करें और आपकी जरूरत से ज्यादा है, तो आप बिजली बेच सकते हैं और सरकार वो बिजली खरीदेगी भी। मुझे खुशी है कि अब तक देश के 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा परिवार इस योजना के लिए रजिस्टर करा चुके हैं। बहुत ही कम समय में करीब 7 लाख लोगों के घरों में सोलर पैनल सिस्टम लग चुका है। इसमें राजस्थान के भी 20 हज़ार से अधिक घर शामिल हैं। इन घरों में सोलर बिजली पैदा होनी शुरू हो चुकी है और लोगों के पैसे भी बचने शुरू हो गए हैं।

साथियों,

घर की छत पर ही नहीं, खेत में भी सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। पीएम कुसुम योजना के तहत, राजस्थान सरकार आने वाले समय में सैकड़ों नए सोलर प्लांट्स लगाने जा रही है। जब हर परिवार ऊर्जादाता होगा, हर किसान ऊर्जादाता होगा, तो बिजली से कमाई भी होगी, हर परिवार की आय भी बढ़ेगी।

साथियों,

राजस्थान को रोड, रेल और हवाई यात्रा में सबसे कनेक्टेड राज्य बनाना, ये हमारा संकल्प है। हमारा राजस्थान,दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों के बीच में स्थित है। ये राजस्थान के लोगों के लिए, यहां के नौजवानों के लिए बहुत बड़ा अवसर है। इन तीन शहरों को राजस्थान से जोड़ने वाला जो नया एक्सप्रेसवे बन रहा है, ये देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेसवे में से एक है। मेज नदी पर बड़ा पुल बनने से, सवाईमाधोपुर, बूंदी, टोंक और कोटा जिलों को लाभ होगा। इन जिलों के किसानों के लिए दिल्ली, मुंबई और वड़ोदरा की बड़ी मंडियों, बड़े बाज़ारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इससे जयपुर और रणथंभौर टाइगर रिजर्व तक पर्यटकों के लिए पहुँचना भी आसान हो जाएगा। हम सभी जानते हैं कि आज के समय में, समय की बहुत कीमत है। लोगों का समय बचे, उनकी सहूलियत बढ़े, यही हम सभी का प्रयास है।

साथियों,

जामनगर - अमृतसर इकोनामिक कॉरिडोर जब दिल्ली-अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा तो राजस्थान को मां वैष्णो देवी धाम से कनेक्ट करेगा। इससे उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से सीधा संपर्क बनेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट से जुड़े सेक्टर को होगा, यहां बड़े-बड़े वेयर हाउस बनेंगे। इनमें ज्यादा काम राजस्थान के नौजवानों को मिलेगा।

साथियों,

जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होने वाली है। इससे शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। जोधपुर आने वाले पर्यटकों, व्यापारियों-कारोबारियों को इससे बहुत सुविधा होगी।

साथियों,

आज यहां इस कार्यक्रम में हजारों भाजपा कार्यकर्ता भी मेरे सामने मौजूद हैं। उनके परिश्रम से ही हम आज का ये दिन देख रहे हैं। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से कुछ आग्रह भी करना चाहता हूं। भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल तो है ही, भाजपा एक विराट सामाजिक आंदोलन भी है। भाजपा के लिए दल से बड़ा देश है। हर भाजपा कार्यकर्ता, देश के लिए जागरुक और समर्पित भाव से काम कर रहा है। भाजपा कार्यकर्ता सिर्फ राजनीति से नहीं जुड़ता,वो सामाजिक समस्याओं के समाधान से भी जुड़ता है। आज हम एक ऐसे कार्यक्रम में आए हैं, जो जल संरक्षण से बहुत गहराई से जुड़ा है। जल संसाधानों का संरक्षण और जल की हर बूंद का सार्थक इस्तेमाल सरकार समेत पूरे समाज की, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। और इसीलिए मैं अपने भाजपा के हर कार्यकर्ता, हर साथी से कहूंगा कि वे भी अपनी रोज की दिनचर्या में जल संरक्षण के काम के लिए अपन कुद समय समर्पित कर दें और बड़ी श्रद्धाभाव से काम करें। माइक्रो इरीगेशन, ड्रिप इरीगेशन से जुड़ें अमृत सरोवर की देखरेख में मदद करें, जल प्रबंधन के साधन बनाएं और जनता को जागरूक भी करें। आप प्राकृतिक खेती नैचुरल फार्मिंग के प्रति भी किसानों को जागरूक करें।

हम सब जानते हैं कि जितने ज्यादा पेड़ होंगे, धरती को पानी का भंडारण करने में उतनी मदद मिलेगी। इसीलिए एक पेड मां के नाम अभियान बहुत मदद कर सकता है। इससे हमारी मां का भी सम्मान बढ़ेगा और धरती मां का भी मान बढ़ेगा। पर्यावरण के लिए ऐसी बहुत से काम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैंने पहले ही पीएम सूर्य घर अभियान की बात कही। बीजेपी के कार्यकर्ता लोगों को सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए जागरुक कर सकते हैं, उन्हें इस योजना और उसके लाभ के विषय में बता सकते हैं। हमारे देश के लोगों का एक स्वभाव है। जब देश देखता है कि किसी अभियान की नीयत सही है, इसकी नीति सही है, तो लोग उसको अपने कंधे पर उठा लेते हैं, इससे जुड़ जाते हैं और खुद को भी एक मिशन के काम से जोड़कर के खपा देते हैं। हमने स्वच्छ भारत में ये देखा है। हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में ये देखा है। मुझे विश्वास है कि हमें पर्यावरण संरक्षण में भी, जल संरक्षण में भी ऐसी ही सफलता मिलेगी।

साथियों,

आज राजस्थान में विकास के जो आधुनिक काम हो रहे हैं, जो इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, ये वर्तमान और भावी पीढ़ी सबके काम आएगा। ये विकसित राजस्थान बनाने के काम आएगा और जब राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी तेजी से विकसित होगा। आने वाले वर्षों में डबल इंजन की सरकार और तेज गति से काम करेगी। मैं भरोसा देता हूं, कि केंद्र सरकार की तरफ से भी राजस्थान के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। एक बार फिर इतनी बड़ी तादाद में आप लोग आशीर्वाद देने आएं, विशेष रूप से माताएं बहनें आईं, मैं आपका सर झुकाकर के धन्यवाद करता हूं, और आज का ये अवसर आपके कारण है और आज का ये अवसर आपके लिए है। मेरी आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं। पूरी शक्ति से दोनों हाथ ऊपर कर मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !