India is no longer held hostage by terrorists and their sympathizers, this India now responds strongly against any attacks made against it: PM Modi
The ‘Mahamilawat’ of SP-BSP ruined the rich heritage and ethos of Uttar Pradesh and made the state a stage for promoting nepotism and enriching themselves: PM Modi in U.P.
Since 2014, India has shown the world what it is capable of achieving with an efficient government at its helm: Prime Minister Modi
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय
जय गंगा मैया, जय यमुना मैया, जय सरस्वती मैया, जय प्रयागराज
प्रयागराज के सभी साथियो को प्रणाम, एक बार फिर आपके बीच आने का सौभाग्य मुझे मिला है। मैं आज चुनाव में आशीर्वाद मांगने को आया हूं। उन युवा साथियों को शुभकामनाएं भी देने आया हूं। जो आने वाले दिनों में तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं, एंट्रेंस एग्जाम में बैठने वाले है। ये पहला अवसर होने वाला है, जब सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों से आने वाले युवा साथियों को भी आरक्षण की सुविधा मिलने वाली है। भाइयो-बहनो, मुझे विश्वास है कि परीक्षाओं की तैयारी से थोड़ा सा समय निकालकर नए भारत के महायज्ञ में अपना योगदान अवश्य करेंगे। ये इसलिए जरूरी है क्योंकि 21वीं सदी का भारत आपकी इच्छा और आकांक्षाओं को परिलक्षितक करने वाला होगा। 20वीं सदी में जो कुछ भी हुआ वो हो चुका है। जैसा सिस्टम बना वो बन चुका, लेकिन अब हमें मिलकर नए भारत का निर्माण करना है। इसलिए आपको जरूर वोट करना है।
साथियो, आपको वोट करना है, पुरानी राजनीति सोच को बदलने के लिए, आपको वोट करना है चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत की भूमिका सुनिश्चित करने के लिए। आपको वोट करना है दिल्ली में एक निर्णय लेने वाली नेक और मजबूत सरकार के लिए। क्योंकि स्थिर और मजबूत सरकार ही इस ग्लोबल हो चुकी व्यवस्था में मजबूती से भारत के हितों की रक्षा कर पाएगी। भाइयो-बहनो, पांच वर्ष पहले तक भारत की सरकार शांति के तथाकथित काल में सीमा पार करने की सोचती भी नहीं थी। उस दौरान चुपचाप आतंकियों से मिले घाव और पाकिस्तान के नखरे हिंदुस्तान और हिंदुस्तान की सरकार सहती ररहती थी। पहले नवंबर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और अब फरवरी 2019 की एयर स्ट्राइक। भारत की रक्षा नीति में मिल का पत्थर है। अब आतंकियों को हमलावरों को यहां मार कर के आएंगे। सीमा पार घुसकर भी वार करेंगे।
साथियो, कांग्रेस और उसके साथियों ने कभी देश की सुरक्षा नीति को गंभीरता से नहीं लिया। कांग्रेस शासन में कुछ लोग भारत का खाकर आतंकियों के गीत गाते थे। और फिर भी आराम से जीवन रह रहे हैं। हमने इस परंपरा को भी खत्म कर दिया है। अब भारत में रहते हुए आतंकवादी और आतंकवाद को समर्थन देना नहीं सहा जाएगा। साथियो, कांग्रेस के राज में भ्रष्टाचार को भी शिष्टाचार बना दिया गया। भ्रष्टाचारियों के लिए, भारत को लूटने वालों के लिए अब कोई भी सीमा कोई भी सरहद छोटी है। भ्रष्टाचार करेंगे और फिर दुनिया के किसी दूसरे देश में आराम से रहेंगे। ऐसा अब संभव नहीं है। भारत को धोखा देने वाले को उठा उठा कर भारत लाया जाएगा, और उसको कानूनी कटघरे में खड़ा किया जाएगा। साथियो, 2014 से पहले की स्थिति को भी याद कर लीजिए, भारत में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए ये दुनिया को भारत के खिलाड़ियों की क्षमता दिखाने का बड़ा अवसर था। लेकिन ये खेल भारत द्वारा जीते गए पदकों की संख्या से ज्यादा कांग्रेस के भ्रष्टाचार के लिए याद किया जाता है। उस समय पूरी दुनिया में भारत की छवि दागदार हुई, तारतार हुई। साथियो, एक तरफ कांग्रेस का कॉमनवेल्थ घोटाला है, और दूसरी तरफ हमारा प्रयागराज का कुंभ का मेला है।
प्रयागराज के एक एक व्यक्ति के सहयोग से जो भव्य और दिव्य कुंभ इस बार हुआ है, वो अतुलनीय है। दुनिया भर के करोड़ों लोग आए। आस्था से भरे श्रद्धालु आए। लेकिन प्रयागराज ने ऐसा प्रबंध किया कि दुनिया वाहवाही कर रही है। साफ सफाई हो या फिर ट्रैफिक से जुड़े इंतजाम। हर कोई संतोष के साथ प्रयागराज से घर लौटा है। भाइयो-बहनो, ऐसे आयोजन ही दुनिया में उत्तर प्रदेश की और हिंदुस्तान की छवि बनाते हैं। साथियो, हमारी सरकार ने व्यवस्था में ही नहीं सड़क पर भी सफाई का अभियान चलाया हुआ है। भाइयो-बहनो, स्वच्छता ऐसा विषय है जिसके बारे में ये कहा जाता था कि भारत में सब कुछ हो सकता है। लेकिन साफ-सफाई संभव नहीं है। लेकिन स्वच्छ भारत अभियान को जिस प्रकार से देश की जनता ने हाथों हाथ लिया वो अभूतपूर्वक है। भाइयो-बहनो, मां गंगा की साफ सफाई को लेकर को दशकों से बातें ही की गई थी। अब गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने की तरफ हमारे प्रयास सही दिशा में चल रहे हैं। साथियो, हमारे देश में ये भी सोच लिया गया था कि विकास के काम सिर्फ ज्यादा टैक्स वसूल करने से ही हो सकते हैं। मंहगाई को बढ़ाने से ही हो सकते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के पांच साल के कार्यकाल में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की स्पीड और स्केल डबल रही। और टैक्स हमने घटाया है, बढ़ाया नहीं है। साथियो, जीएसटी आने से पहले चीजों पर तीस प्रतिशत का टैक्स देश चुकता था। आज 99 प्रतिशत सामान और सेवाओं पर सिर्फ 18 प्रतिशत से भी कम टैक्स हमने कर दिया है। ये पहली बार इतिहास में हुआ है जब ईमानदार टैक्स पेयर को सम्मान मिला है, मान मिला है। पांच लाख रुपये तक की टैक्सवल इनकम को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया गया है। साथियो, बीते पांच वर्षों में देश ने अनुभव किया है कि जो महंगाई दर 10 प्रतिशत की औसत बढ़ रही थी। वो इस दौरान चार प्रतिशत के आस—पास आ गई है। कम महंगाई दर और सबसे तेज विकास दर का रिकॉर्ड भी हमारी सरकार ने कायम किया है। साथियो, विकास तभी संभव है जब हमारा देश सुरक्षित रहेगा, शहर सुरक्षित रहेगा। आज मुझे खुशी है कि प्रयागराज से सहित पूरे यूपी में योगी जी की सरकार ने गुंडों और बदमाशों पर लगाम लगाई है।
सपा-बसपा के राज में जो गुंडे बेलगाम होकर हमारी बहन बेटियों को डराते थे। हमारे व्यापारी, कारोबारियों को परेशान करते थे वो आज जेलों में बंद पड़े हैं। ये जो ढोल बज रहा है उन्हें अगर बंद करें तो मेहरबानी होगी। 23 तारीख को इतने ढोल बजाने है, इतने ढोल बजाने हैं। यूपी में अब इंफ्रास्ट्रक्टर तो आधुनिक हो ही रहा है। कानून व्यवस्था भी सुधर रही है। यानी अब उद्योगों के लिए, विकास के लिए, एक बेहतर माहौल तैयार है।
यूपी में विकास का डबल इंजन बनाए रखने के लिए अब आपको फिर कमल के फूल पर बटन दबाना है। याद रखिए, न जात पर, न नाम पर, बटन दबेगा काम पर। न जात पर, न नाम पर, बटन दबेगा कमल के निशान पर। भाइयो-बहनो, आपका हर वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा। एक बार फिर आप सभी का बहुत बहुत आभार, मेरे साथ जोर से बोलिए
भारत माता की जय, दोनों मुट्ठी बंद करके, भारत माता की जया, भारत माता की जय, भारता माता की जय
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024
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Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी, Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी, Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी, Hon’ble Leader of the Opposition, Hon’ble Ministers, Members of the Parliament, Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,
गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।
साथियों,
भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,
साथियों,
आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,
साथियों,
बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।
साथियों,
डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।
साथियों,
हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।
साथियों,
हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,
साथियों,
"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।
साथियों,
भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।
साथियों,
आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।
साथियों,
भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।
साथियों,
यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है। लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।
साथियों,
भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।
साथियों,
गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।
साथियों,
गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।
साथियों,
डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
साथियों,
आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।
साथियों,
गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।