Those that destroyed the ethos of this great land are out not to form a government at the Centre, they are rather looking to grab an opportunity to return to power: PM Modi
I urge my supporters to vote for the BJP-led NDA so as to keep these anti-social elements in check while the economy of Bihar prospers in the years to come: Prime Minister Modi
The BJP-led NDA government acts with a ‘zero-tolerance’ policy on terrorism and will not shy away from hitting terror at its epicenter if any attack is made against India: PM Modi in Bihar

भारत माता की जय, भारत माता की जय

यहां वैशाली और हाजीपुर से भी भारी संख्या में सब साथी आए हैं। मैं उनका भी बहुत-बहुत आभारी हूं। भाइयो-बहनो, मैं नीतीश कुमार जी को सुन रहा था, और जिस प्रकार से हमारी माताएं और बहनें उनकी बात का स्वागत कर रही थीं। ये दृश्य शायद बिहार में ही देखने को मिल सकता है। मैं इन माताओं और बहनों को विशेष प्रणाम करता हूं। भाइयो-बहनो लीची और आम मिठास घोलने वाली स्वीट सिटी में आप जितनी बड़ी संख्या में हम सभी को आशीर्वाद देने आए हैं, वो कई लोगों के मुंह में कड़वाहट पैदा करने वाला है। चार चरणों के चुनाव के बाद ये लोग चारों खाने चित्त हो चुके हैं। अब अगले चरणों में तय होना है कि इनकी हार कितनी बड़ी होगी, और एनडीए की जीत की कितनी भव्य होगी। जब हर बूथ पर बीजेपी एनडीए कार्यकर्ता मजबूती से डटे हुए हो, जब लोग खुद घरों से बाहर निकलकर अपने इस सेवक का प्रचार कर रहे हो। एनडीए की विजय निश्चित देखकर भी जब हर व्यक्ति उस विजय में अपना योगदान देने के लिए बेताब हो, तो समझ सकते हैं कि हवा का रुख किधर है। भाइयो-बहनो, ये लहर नहीं ललकार है। ये लहर नहीं ललकार है, फिर एक बार मोदी सरकार है।

साथियो, नीतीश जी, पासवान जी, सुशील जी, एनडीए के इन हमारे सभी लीडर के प्रयत्नों से एनडीए के लगातार प्रयासों से बहुत मुश्किल से बिहार ने अपने पुराने दौर को पीछे छोड़ा है। जिन लोगों ने इस महान भूमि की पहचान बदल दी। वो ये चुनाव में केंद्र सरकार बनाने के लिए नहीं लड़ रहे हैं। वो छटपटा रहे हैं किसी भी तरह से अपने कुछ मेंबर की संख्या बढ़ाने के लिए, इसलिए मैं बिहार के लोगों को सावधान कर रहा हूं। उनकी ताकत बढ़ाने का मकसद है, बिहार में फिर से लूटपाट के दिन उस दौर को वापस लाना। उनकी ताकत बढ़ाने का मतलब है बेटियों का अपहरण, गुंडागर्दी, हत्याएं, हर योजना में भ्रष्टाचार। उनकी ताकत बढ़ाने का मतलब है सूरज ढलने के बाद अपने ही घर में कैद हो जाना। घुट-घुट के जीना, पलायन के लिए मजबूर हो जाना। बिहार को इन लोगों ने यहीं दिया है, आज फिर से ये लोग अपनी गिद्ध दृष्टि जमाए हुए बिहार पर। ये बिहार को जाति में बांटकर, समाज को बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। वो अपने भ्रष्टाचार, अपने काले कारनामे को छिपाना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि किसी भी प्रकार से दिल्ली में एक कमजोर ढीली-ढाली कमजोर सरकार बने, ताकी वो मनमानी कर सके। जो जेल में हैं, जो जेल के दरवाजे पर है, जो बेल पर है, जो बेल के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। वो सब केंद्र में एक मजबूत सरकार को एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं करना चाहते। लेकिन साथियो, ये चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जो अभियान हमने चलाया हुआ है। उसकी रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी। जो बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल, फॉर्म हाऊस खड़े हुए हैं, उसका भी हिसाब देना होगा। इनको गरीब का लूटा एक-एक पैसा लौटाना ही पड़ेगा। जिस तरह से मिशेल मामा को उठा कर लाएं हैं। इनके बाकी चाचाओं को भी भारत आना ही पड़ेगा।

बीते पांच वर्ष में इन लोगों को बेल लेने के लिए मजबूर किया है। बेल तक पहुंचाया है। अब जेल भी भिजवाने की पूरी तैयारी है। भाइयो-बहनो, स्वार्थ और सिर्फ अपने हित के लिए समर्पित इन सारे महामिलावट करने वालों की मंशा को समझना बहुत जरूरी है। अगर आप ध्यान दें तो जितने भी ये महामिलावटी के दल हैं, उनमें से ज्यादातर इतनी सीटों पर भी नहीं लड़ रहे हैं कि वो लोकसभा में नेता विपक्ष का पद हासिल कर पाएं। यानी नेता विपक्ष बनने के लिए जो नियम है कि लोकसभा की 10 प्रतिशत सीटें जीतनी पड़ेगी। 2014 में देश की जनता ने कांग्रेस को भी नेता विपक्ष बन सके, इतनी सीटें नहीं दी थी, और इनदिनों अब इनके बीच में लड़ाई चल रही है। कांग्रेस वाले सोचते थे कि हम तो पांच साल विपक्ष के नेता भी नहीं बन पाए और कोई बनना नहीं चाहिए, इसलिए वो महामिलावटी लोगों की भी टांग खींचने में लगे हैं। भाइयो- बहनो, जिनके नसीब में विपक्ष के नेता का पद नहीं है, वो प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं। साथियो, इनके लिए सत्ता से ऊपर कुछ भी नहीं है, देश भी नहीं है। इन लोगों को सिर्फ इपनी शानो-शौकत और सुरक्षा की चिंता रहती है, देश की नहीं। याद करिए वो दिन जब देश के बड़े बड़े शहरों में, कभी ट्रेन में, कभी बाजार में, कभी बस में, कभी मंदिर में, कभी रेलवे स्टेशन पर बम धमाके हुआ करते थे। बम धमाके के उस दौर में कांग्रेस और उसके साथी कैसे कमजोरों की तरह बर्ताव करते थे। ये भी याद रखिए आतंकवाद जब फलता है, फूलता है तब कोई बचता नहीं है, कोई सुरक्षित रहता नहीं है। किसी भी जाति का हो, किसी की भी पंथ का हो, कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं रहता।

 

बीते पांच वर्षों में बहुत मेहनत से हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने हमारे सपूतों ने इन गलत इरादे वालों को रोक कर रखा है। लेकिन उनके इरादे तो वैसे ही है, वो मौके की तलाश में हैं, मौका मिलेगा तो फिर हमला करने के लिए वो अपने प्लान करते ही रहते हैं, और हम उनके प्लान खत्म करने में लगे रहते हैं। ये रोज की लड़ाई है। सिर्फ भारत नहीं दुनिया पर से भी आतंकी खतरा टला नहीं है। कौन सोच सकता था कि श्रीलंका में 300 लोगों को मार देंगे। आय दिन और इसलिए देश में एक ऐसी सरकार चाहिए, जो आतंकवाद को, देश में हिंसा फैलाने वाली हर ताकत को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हो। भाइयो-बहनो, आप बताइए, आप बताइए, ये आतंकवाद को कौन खत्म कर सकता है? माताएं-बहनें जो बताएंगी वो सच्चा आशीर्वाद होगा। कौन कर सकता है? आतंकवाद और नक्सलवाद पर सबसे बड़ा प्रहार करके ये ताकत किसने दिखाई है? किसने दिखाई है? साथियो, चाहे देश के भीतर हो या फिर सीमा के उस पार आतंक और हिंसा फैलाने वाली फैक्ट्री जहां भी होगी इस चौकीदार के निशाने पर है। भारत को जहां से भी खतरा होगा। हम घर में घुसकर के मारेंगे। ये तय है, साथियो, एनडीए की नीति स्पष्ट है। लेकिन महामिलावटी दलों की देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए क्या नीति है, क्या आपको पता है क्या? कभी उन्होंने बताया क्या ? क्या इन्होंने अपनी रैली में इस पर एक शब्द बोला है क्या ? उनको आपकी सुरक्षा की चिंता है क्या? भाइयो-बहनो, इनका इतिहास ऐसा है कि आतंकवाद पर कुछ भी नहीं कह सकते। पाकिस्तान का नाम सुनते ही इनके पैर कांपने लगते हैं। इनकी सरकार डोलने लगती है। यहीं कारण है कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्टाइक के नाम पर इनको एलर्जी होती है, और उनकी नींद हराम हो जाती है। उनको चिंता है कि ये मोदी ने कैसे कर दिया। ये सवाल उनको सोने नहीं देता है। और इसलिए ये राष्ट्र रक्षा की बात करने से भी कतरा रहे हैं। भाइयो-बहनो, इनकी जमीन इसलिए भी खिसक रही है, क्योंकि पांच वर्ष में सबका साथ सबका विकास को हमने जमीन पर उतारा है। गांव-गांव गरीब के घर तक ले गए हैं। सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं को 10% आरक्षण सामाजिक सद्भाव का एक बहुत बड़ा प्रयास है। क्योंकि इसमें किसी दूसरे वर्ग का हक बिल्कुल नहीं छीना गया। यहीं नहीं हमने महामिलावटियों के तमाम विरोध के बावजूद ओबीसी कमीशन को भी संवैधानिक दर्जा दे दिया है। और मैं गर्व से कह सकता हूं जब आज मुजफ्फरपुर की धरती पर आया हूं। मैं गर्व से कह सकता हूं कि इसी पवित्र धरती से यहीं के संतान भगवान लाल साहनी इसके सबसे पहले चेयरमैन हमने बनाए है। 

 

साथियो, हमने देश को लाल बत्ती की संस्कृति से निकाला है, और गांव-गांव गरीब-गरीब को एलईडी बल्ब दूधिया बत्ती से रौशन कर दिया है। हम लोगों की सबकी लाल बत्ती चली गई, लेकिन गरीब के घर में बत्ती जल रही है। ये हमारे लिए पूंजी है। हमने उस गरीब को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने का काम किया है। जिसको इलाज के लिए अपना घरबार कभी बेचना पड़ता था। हमने गांव-गांव में गरीब बहनों के घर उनको इज्जत घर देने शौचालय देने का काम किया। हमने उस गरीब बहन तक मुफ्त रसोई गैस का कनेक्शन पहुंचाने का काम किया। जो गरीब मां पूरी उम्र धुएं में जिंदगी गुजारती थी, उन माताओं को बहनो को हमने धुएं से मुक्ति दिलाई है। मेरी मां वहां से मुझे आशीर्वाद दे रही है। हमने उस गरीब को पक्का घर देने का बीड़ा उठाया है। जिसने सपने में भी कभी अपने घर के बारे में नहीं सोचा था। साथियो, जिनको ये सुविधाएं मिल चुकी है, उनको मैं ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जिनको नहीं मिला है उनको भी मैं विश्वास देता हूं ये मोदी है, वादों का पक्का है, ये मैं सबको देकर के ही रहने वाला हूं। हमने संकल्प लिया है कि 2022 तक हर गरीब के पास अपना पक्का घर हो, इतना ही नहीं जो हमारे किसान परिवार हैं, उनके खाते में सीधे पैसे जमा होने शुरू हो चुके हैं, और 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे, और फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। चुनाव नतीजे के बाद फिर से एक बार मोदी सरकार आएगी। तब हम बिहार के सभी किसानों को ये सुविधा देने वाले हैं। 5 एकड़ की सीमा जो आज है, उसे हटा दिया जाएगा। सब किसानों को उसका लाभ मिलेगा। इसी तरह जो हमारे मछली के व्यवसाय से जुड़े साथी है। उनके लिए हमने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा पहले ही दी जा चुकी है। अब मछली पालन के लिए एक अलग से मंत्रालय होगा। अलग डिपार्टमेंट बनाने का हमने फैसला किया है। जो हमारे लीची उत्पादक किसान है उनकी सुविधा के लिए यहां लीची ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया गया है। 

साथियो, हमारे छोटे किसान हो, खेत मजदूर हो, छोटे दुकानदार हो। सबको 60 वर्ष की आयु की बाद नियमित पेंशन मिले। इसका इंतजाम भी हम करने वाले हैं। व्यापारियों के लिए तो हमने पहली बार एक राष्ट्रीय आयोग बनाने का फैसला लिया है। जो जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारी और कारोबारी हैं, उनको 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा देने का संकल्प भी हमने लिया है। भाइयो–बहनो, मुजफ्फरपुर और वैशाली के इन्फ्रास्टकचर को मजबूत करने के लिए भी गंभीर प्रयास हम कर रहे हैं। सड़क, रेल और हवाई यातायात से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं। पताही एयरपोर्ट भी जल्द ही आप सभी को नियमित सेवाएं देना शुरू कर देगा। भाइयो -बहनो, ऐसे सभी काम तभी पूरे हो पाएंगे जब दिल्ली में एक ईमानदार और मजबूत सरकार बनेगी। मजबूत सरकार तभी बनेगी जब यहां के सभी मेरे साथी मुजफ्फरपुर के लोग कमल छाप पर, वैशाली के लोग बांग्ला छाप पर, और सीतामढ़ी के लोग तीर छाप पर वोट डालेंगे। हम थ्री इन वन है। आप कमल छाप को वोट डालोगे कहां जाएगा, मोदी के खाते में जाएगा। आप बांग्ला छाप पर वोट डालोगे, कहां जाएगा मोदी को जाएग। आप तीर छाप को वोट डालोगे, कहां जाएगा, मोदी को जाएगा। आपका हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। भाइयो-बहनो, फिर एक बार मैं इतनी बड़ी तादाद में आप आए, हमें आशीर्वाद दिया, मेरा आग्रह है कि पहले से मतदान ज्यादा करें, और जैसा नीतीश जी ने बताया कि पहले मतदान फिर जलपान... हम लोग इस मंत्र को लेकर के जाएं। मेरे साथ बोले- भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय
बहुत बहुत धन्यावाद...

 

 

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।