For us, the country is bigger than the party: PM Modi in Mumbai

Published By : Admin | October 18, 2019 | 19:46 IST
PM Modi says that he is witnessing enthusiasm in Maharashtra Assembly elections than that seen during Lok Sabha polls
PM Modi says that there is no stain of corruption on the BJP-led Central or state governments
For us, the country is bigger than the party, and therefore, our priorities are not dictated by votes: PM Modi
PM Narendra Modi pays floral tributes to Chhatrapati Shivaji Maharaj at an election rally in Mumbai 

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। मंच पर विराजमान यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान देवेंद्र जी, उद्धव ठाकरे जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव, इस चुनाव में महायुती के सभी उम्मीदवार और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो। आप सभी के बीच आना मेरे लिए हर बार सुखद होता है, यादगार रहता है। महायुती के प्रति आपका स्नेह और आशीर्वाद साफ-साफ दिख रहा है। साथियो, मुझे महाराष्ट्र में कई स्थानों पर जाने का अवसर मिला है और जो दृश्य मैं लोकसभा के चुनाव में देख रहा था उससे भी ज्यादा उमंग और उत्साह महाराष्ट्र के चुनाव में भी नजर आ रहा है। 

साथियो, मुंबई को अवसरों की भूमि के रूप में जाना जाता है, जो भी यहां आया है यहां से बहुत कुछ पाया है ये इस धरती की महानता है। मुंबई में बेहतरीन ह्यूमन कैपिटल है, मुंबई में इनोवेटिव वेंचर कैपिटल है और मुंबई भारत की स्ट्रांग फाइनेंनशियल कैपिटल भी है। मुंबई में भारत के बेहतरीन मस्तिष्क, ह्यूमन कैपिटल देश को आगे ले जाने के लिए काम करते हैं। मुंबई के इनोवेटिव वेंचर होने की वजह से दुनिया भर के निवेशक यहां आना और निवेश करना चाहते हैं और आजादी के बाद मुंबई भारत की फाइनेंशियल कैपिटल भी है, जब ये तीनों कैपिटल आपस में जुड़ती हैं तो अभूतपूर्व शक्ति का निर्माण होता है। ये शक्ति को मजबूत करने का काम पिछले पांच साल में महायुती की सरकार ने, देवेंद्र जी की सरकार ने किया है वरना याद कीजिए पहले क्या स्थिति थी। कांग्रेस-एनसीपी के शासन में मुंबई के विकास से ज्यादा, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा मंत्रालय के स्ट्रक्चर पर फोकस होता था। कौन सा सीएम, कौन सा मिनिस्टर कब बदल जाए और किसकी लॉट्री कब लग जाए इसी कयास और प्रयास में इनके पांच साल बीत जाते थे लेकिन महायुती ने पांच साल का कार्यकाल यशस्वी रूप से पूरा करने वाला मंत्री दिया है और ये भी करीब-करीब 50 साल के बाद हुआ है। इसके पहले 50 साल तक किसी को भी पांच साल महाराष्ट्र की सेवा करने का सद्भाग्य नहीं मिला, तू जा मैं आता हूं यही चलता था। ये इसलिए संभव हो पाया क्योंकि आपने स्थिरता को चुना, आपने एक मजबूत और सरकार को चुना। 

साथियो, आपने महाराष्ट्र में कई भ्रष्ट सरकारों का दौर भी देखा है और अब भरोसेमंद सरकार का भी दौर देख रहे हैं। याद करिए उन्होंने हमारे वीर सैनिकों के परिवारों तक को नहीं छोड़ा, आदर्श की बातें करते हुए उन्हें ही धोखा दे दिया। इन भ्रष्ट सरकार के तरीके भी भ्रष्टतम रहे, परियोजनाओं को लटकाकर उनसे पैसा निचोड़ा, मुद्दा बनाकर लोगों को भरमाया, वहीं फडणवीस जी की ईमानदार और भरोसेमंद सरकार महाराष्ट्र के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को गति दो रही है ताकी आप लोगों को सुविधाएं जल्द से जल्द मिलें, आप की ईज ऑफ लिविंग बढ़े। साथियो, पहले की भ्रष्ट सरकार भ्रष्टाचारियों के सपने को पूरा करने के लिए काम करती थी, नई योजनाओं के नाम पर किसानों को सिंचाई के नाम पर इन लोगों ने महराष्ट्र को घोटालों से सींच दिया था। आज आपकी भरोसेमंद सरकार लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए काम करती है। पिछले पांच वर्षों में हम पर, चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हो भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा है। शेतकरी से लेकर स्टार्टअप तक के हर सपने को पूरा किया जा रहा है, अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं और भ्रष्टाचार कम होता चला जा रहा है। साथियो, यही फर्क सरकार में होता है, संस्कार में होता है, कांग्रेस ने जो सरकारें इस देश में चलाईं उनकी सोच जनता को कंट्रोल करने की रहीं, जनता को सरकारों पर आश्रित करने की रही, जबकि भाजपा-महायुती की राजनीति ने, उसके मूल में जनभागीदारी है, जन सशक्तिकरण है। हम गरीबों के लिए सेवा भाव से, सेवक के भाव से काम करते हैं और उन्हें गरीबी से लड़ने के लिए सशक्त बनाते हैं। इसी सोच के साथ अपना पक्का घर, घर में बिजली, पानी की सुविधा, साथ-साथ शौचालय और गैस का कनेक्शन और अगर बीमार हो जाएं तो पांच लाख तक के मुफ्त इलाज, ऐसे अनेक प्रयास गरीबों के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे हैं। 

भाइयो-बहनो, मैं मानता हूं, गरीबी के खिलाफ लड़ाई में जॉब क्रिएटर्स का रोल अहम है, हम हर उस व्यक्ति का सम्मान करते हैं जो अपने लिए और दूसरों के लिए रोजगार पैदा करता है। आज जॉब क्रिएटर्स का सम्मान करने वाली सरकार है और इसलिए हम रेड टेपिज्म को कम कर रहे हैं और रेड कार्पेट के कल्चर को हम बढ़ावा दे रहे हैं वरना वो सरकारें भी रही है जब लाइंसेंस परमिट राज के साथ जॉब क्रिएटर्स को कुचला जाता था। इसी कड़ी में अब हम कैशलेस टैक्स एसेस्मेंट की आधुनिकता की तरफ बढ़ रहे हैं यानी की ऐसी व्यवस्था जो लोगों को भय से मुक्त करेगी, उन पर आवश्यक दबाव नहीं बनाएगी और पूरा जोर इस बात पर होगा कि ईमानदार टैक्सपेयर कभी परेशान ना हो। पिछले कई दशकों से टैक्स एसेसमेंट से जुड़ी जो व्यवस्था चली आ रही थी वो आने वाले समय में हम बदलने जा रहे हैं। साथियो, हम लोग जब से आए हैं, हम ही हैं जिन्होंने एंजल टैक्स खत्म किया है और एक वो भी थे जिन्होंने एंजल टैक्स लगाया था। एक हम हैं जो भारत में कॉर्पोरेट टैक्स को दुनिया के अनुकूल बना रहे हैं, एक वो भी थे जिन्होंने दुनिया की सबसे महंगी कॉर्पोरेट टैक्स रिजिम भारत में बनाई थी। एक हम हैं जो मुद्रा जैसी योजनाओं के माध्यम से सामान्य व्यक्ति के खाते में लोन की राशि ट्रांसफर करते हैं। एक वो भी थे जिन्होंने फोन बैंकिंग से बेईमान और लालची लोगों के बैंक खातों में बैंकों का लाखों-करोड़ डलवा दिया। भाइयो-बहनो, जिन्होंने ये काम किया है उनकी सच्चाई महाराष्ट्र और पूरा देश समझ चुका है। दस साल तक जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था, बैंकिंग व्यवस्था को बर्बाद किया है। आज कोई तिहाड़ जेल में है तो कोई मुंबई की जेल में है और ये तो सफाई अभियान की शुरुआत है आगे तेज काम होने वाला है और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ईमानदार की कमाई पर कोई आंच नहीं आएगी और बेईमान को सज मिलने से कई ताकत नहीं बचा पाएगी। भाइयो-बहनो, ये हमारी सरकार के काम करने का तरीका है, हम जो संकल्प लेते हैं उस सिद्ध किए बिना ना रुकते हैं ना थकते हैं और झुकना तो हमें मंजूर ही नहीं है, ये भी दो सरकारों का बहुत बड़ा फर्क होता है। एक सरकार वो होती है जिसकी आदत होती है योजनाओं को लटकाना-भटकाना, वहीं दूसरी तरह की सरकार होती है जो हर प्रयास करती है कि कोई योजना अटके नहीं, लटके नहीं बल्कि तय समय पर पूरी हो। मैं आपको कुछ बातें याद कराना चाहता हूं। 

साथियो, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के बारे में 2004 में सोचा गया था, ये योजना फाइलों में अटकी रही और फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस प्रोजेक्ट को हमारी महायुती की सरकार ने डिब्बों में से बाहर निकाला और योजना को पुनर्जीवित किया। 2016 में इसकी आधारशिला रखी गई और अगले कुछ ही वर्षों में ये काम पूरा भी हो जाएगा। साथियो, ऐसे ही नवी मुंबई में हवाई अड्डा बनाने की योजना पर, ये बात 1997 में शुरू की गई थी लेकिन ये प्रोजेक्ट भी लटक गया। केंद्र और राज्य में महायुती की सरकार के कारण ये प्रोजेक्ट अब जमीन पर उतर रहा है। एक और उदाहरण मैं आपको देता हूं। मुंबई में मेट्रो बनाने का प्रस्ताव 1997 में रखा गया था लेकिन मुंबई मेट्रो की नींव, समय बीतता गया 2006 तक बात पहुंची और वर्ष 2013-14 तक केवल एक सिंगल लाइन खोली गई। 16 साल में केवल 11 किलोमीटर, अरे ऐसी चाल है इस चाल से वाकई कछुआ भी शर्मा जाए। इसी मेट्रो नेटवर्क के लिए महायुती की सरकार ने तेजी से काम प्रारंभ कर दिया। आने वाले दो-तीन वर्षों के भीतर ही मेट्रो का एक बहुत बड़ा नेटवर्क मुंबई में खड़ा हो जाएगा। साथियो, ऐसे जितने भी काम हैं उसका सबसे बड़ा फायदा कॉमन मैन को, सामान्य मानवी को होता है। दशकों से चली आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए किया गया हर प्रयास कहीं ना कहीं सामान्य आदमी के जीवन को आसान बनाता है। 

साथियो, मुंबई को तो सपनों का शहर कहा जाता है, यहां मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए सबसे बड़ा सपना क्या है? एक ऐसा घर जिसे वो अपना कह सकें। पहले स्थिति ये थी कि ज्यादातर लोगों के लिए मुंबई में अपना घर होना बहुत बड़ा सपना होता था। जो लोग हिम्मत करके कहीं निवेश भी करते थे उन्हें रियल एस्टेट सेक्टर के माफियाओं के खिलाफ कोई कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं था। भाइयो-बहनो, रियल एस्टेट सेक्टर में सैंकड़ो कंपनियां और फर्म हैं उनमें से लगातार अच्छा भी काम कर रही थीं पर कुछ ऐसी भी थीं जो होम बायर्स के साथ विश्वासघात करती थीं उन बिल्डर माफियाओं को कोई डर नहीं था लेकिन लोग हमेशा इस डर के साएं में रहते थे कि कहीं उनकी जिंदगी भर की कमाई डूब तो नहीं जाएगी। ये स्थिति दशकों से चली आ रही थी लेकिन इसे बदलने की हिम्मत दिखाई हमारी सरकार ने, फ्लैट खरीदने वालों को घोखा ना मिले इसके लिए हम रियल एस्टेट सेक्टर को रेरा के माध्यम से कानूनी व्यवस्था के तहत लाए और होम बायर्स की आवाज बुलंद की। शहरी गरीबों को भी सस्ते कीमत पर घर मिल सकें, इसके लिए हमने प्रधानमंत्री योजना के माध्यम से लाखों घर भी दिए और लाखों का निर्माण चालू है। मध्यम वर्ग भी अपने घर के सपने को साकार कर सके इसके लिए ब्याज में सब्सिडी भी दी जा रही है। इस वजह से एक घर खरीदने पर पांच से छे लाख रुपए की बचत हो रही है। भाइयो-बहनो, कोई भी सरकार ऐसा काम तभी कर पाती है जब देश के लोग उसके लिए सर्वोपरि होते हैं, जो जनभावनाओं के प्रति संवेदनशील होते हैं। मैंने हमेशा कहा है कि हमारे लिए दल से बड़ा देश है, राजनीति हम लोगों के लिए राष्ट्रसेवा का माध्यम है और हम तो भारतीय जनता पार्टी वाले हैं मुंबई के साथ हमारा गर्भ और नाड़ का संबंध है क्योंकि हमारा जन्म इस मुंबई की धरती पर हुआ था भारतीय जनता पार्टी के रूप में हम यहीं पैदा हुए थे। इसलिए मुंबई के लोगों की सेवा करना, महाराष्ट्र के लोगों की सेवा करना ये हमारा सहज दायित्व बन जाता है। 

भाइयो-बहनो, महाराष्ट्र के लोगों ने, देश के लोगों ने कांग्रेस और उसके साथियों को ऐसी राजनीति करते हुए देखा है जिससे सबसे ज्यादा नुकसान देश का हुआ है। साथियो, याद करिए एक समय था जब मुंबई में बम धमाके और आतंक के हमले कभी भी हो जाया करते थे। मुंबई के समुद्री तट जो बिजनेस के ऑउटलेट थे वो आतंकियों का प्रवेश द्वार बन गए थे, अब भी क्या यही स्थिति है? नहीं ना, क्यों? मैं आपको बताता हूं, अब आतंक को पालने वाले जानते हैं कि अगर कोई गलती की तो उसकी पूरी सजा मिलेगी। सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट ये सिर्फ दो-तीन शब्द नहीं हैं, ये भारतीय जनता पार्टी, उसके सहयोगियों की रीति-नीति की पहचान भी है। लेकिन साथियो, ये भी याद करिए कि जब मुंबई में आतंकी हमले होते थे तो उस समय कांग्रेस और उसके साथियों की सरकार ने क्या किया था, तब कांग्रेस और उसके साथी किसके साथ खड़े थे। भाइयो-बहनो, बम धमाकों की हर जांच इशारा करती थी कि आतंकी हमला सीमा पार बैठे मास्टरमाइंड और आतंक के आकाओं ने करवाया। आतंकी संगठन खुद आ कर के हमलों की जिम्मेदारी लेते थे लेकिन तब कांग्रेस के नेता कहते थे, नहीं जी आपने थोड़े किया है यो तो हमारे लोगों ने किया है। भाइयो-बहनो, ये वही लोग हैं जो दशकों तक आर्टिकल 370 और 35 ए को पाले हुए थे इसकी वजह से घाटी में आतंकवाद बढ़ता गया, भ्रष्टाचार बढ़ता गया, अनेक लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया लेकिन कांग्रेस और उसके जैसे अपनी स्वार्थ भरी राजनीति करते रहे। अब फिर देखिए हमने 370 हटाया, 35 ए हटा, जम्मू-कश्मीर-लद्दाख पूरे देश के साथ एकजुटता से खड़े होने के बजाए, ये हमारे विरोधियों की भाषा देखिए कैसी भाषा बोल रहे हैं, किसकी मदद कर रहे हैं, किसका भला कर रहे हैं उनका एक-एक शब्द किसकी वकालत कर रहा है। भाइयो-बहनो, ऐसा क्यों है जब पीड़ितों को न्याय देने की बात आती है तो कांग्रेस और उसके साथी आतंकियों का बचाव करने लगते हैं। 1993 में मुंबई बम धमाकों के घाव कभी मुंबई भूल नहीं सकता, महाराष्ट्र भूल नहीं सकता, हिंदुस्तान भूल नहीं सकता। धमाकों में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ उस समय की सरकारों ने कोई न्याय नहीं किया। जिन लोगों ने हमारे अपनों को मारा वो भाग निकले और उसकी वजह अब खुलकर के सामने आने लगी है। ये लोग दोषियों को पकड़ने के बजाए उनके साथ मिर्ची का व्यापार कर रहे हैं, कभी मिर्ची का व्यापार-कभी मिर्ची से व्यापार। मैं आज मुंबई के इस मंच से आप पूरे महाराष्ट्र के लोगों को आग्रह करूंगा। इन लोगों को पहचानिए, इनके दलों से सावधान रहिए। साथियो, इन दलों को महाराष्ट्र और देश के गौरव, इसकी इन लोगों को कोई परवाह नहीं है, इन लोगों ने तो देश और दुनिया को यही एहसास दिलाया कि सैंकड़ों वर्षों की गुलामी से भारत को आजादी तो सिर्फ एक ही परिवार ने दिलाई। सोचिए इतना विराट भारत, आजादी के लिए लड़ने वाले असंख्य भारतीय, आजाद भारत को बनाने वाले अनेक हीरो, अनसंग ही रह गए, अतीत के पिछले पृष्ठों में ही छुपे रह गए। यही वो लोग हैं जिन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया था, अब यही काम ये लोग छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य स्मारक के साथ भी कर रहे हैं। जब से स्मारक के निर्माण का ऐलान हुआ है तब ही से इसको लेकर एक नाकारात्मक्ता का माहौल बनाया गया। साथियो, आप आश्वस्त रहें, ऐसे हर अपप्रचार के बावजूद हम जल्द ही छत्रपति शिवाजी महाराज के इस भव्य स्मारक को पूरा करने का प्रयास करेंगे। कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही इस पर निर्माण कार्य तेज हो जाएगा। इतना ही नहीं, मैं महाराष्ट्र की महायुती सरकार को बधाई दूंगा जो उन्होंने महान लेखक और कवि अण्णा भाऊ साठे का जन्म शताब्दी मनाने का फैसला लिया है। ऐसे हर राष्ट्रनायक-नायिकाओं को सम्मानित करना हमारी प्रतिबद्धता है, जो इसके आड़े आए हैं, जिन्होंने इसके आगे रोड़े अटकाए हैं उनको बार-बार सबक सिखाना महाराष्ट्र की जनता ने ठान लिया है। 

साथियो, पिछले कुछ दिनों में मैंने महाराष्ट्र के अनेक शहरों का दौरा किया, हजारों लोगों से संवाद किया, यहां के बौद्ध लोगों को उनसे मुलाकात की है। एक बात स्पष्ट है महाराष्ट्र में एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस जी के नेतृत्व में महायुती की सरकार बनने जा रही है। आब आप सभी की, पूरे महाराष्ट्र की जिम्मेदारी है इस विजय को और भव्य विजय बनाने की। मुंबईकर मैं सही कह रहा हूं ना, आप इसी प्रतिबद्धता को दोहराएंगे? भाइयो-बहनो, 21 अक्टूबर, 21 अक्टूबर को क्या है? अरे 21 अक्टूबर को सोमवार है और रविवार के बाद सोमवार आता है। रविवार को छुट्टी होती है, सोमवार को चुनाव की छुट्टी तो फिर मन कर जाता है दो दिन की छुट्टी मिल गई है चलो जरा गुजरात हो आते हैं, चलो गोवा हो आते हैं, चलो पुणे जाते हैं रिश्तेदारों को मिलकर के आ जाते हैं। मेरा आपसे आग्रह है भले दो छुट्टियां आ गईं साथ-साथ, लेकिन 21 अक्टूबर को अपने ही पोलिंग बूथ में रहेंगे, अपने पोलिंग बूथ के हर मतदाता को मिलेंगे। ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, महायुती को जिताएंगे, इस बार मुंबई में ऐतिहासिक मतदान कराएंगे। 

भाइयो-बहनो, फिर एक बार मैं आपका धन्यवाद करता हूं। साथियो, देर शाम आप सभी यहां आए, हम सभी को आशीर्वाद दिया इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। जय महाराष्ट्रा, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।    

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।