Wrong policies and strategies of Congress destroyed the nation: PM

Published By : Admin | October 19, 2019 | 11:51 IST
Congress has never made efforts to solve issues of J&K. Wrong policy and strategy of Congress has destroyed the country: PM Modi
No efforts made by Congress to resolve J&K's issues, Says PM Modi in Haryana
The water over which Haryana's farmers have the right will not flow to Pakistan: PM Modi in Ellenabad
Talking about Article 370, which gave J&K its special status, the PM says, what was called temporary in Babasaheb's constitution lasted for 70 years

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह। इस पावन धरती को धर्मनगरी सिरसा को और जहां श्री गुरुनानक देव जी के चरण पड़े थे इस पावन स्थान का मैं वंदन करता हूं, नमन करता हूं। साथियो, सिरसा मैं अनेक बार आया हूं, जब यहां संगठन का काम करता था तब भी हर हलके में जाना होता था, आज कई पुराने-पुराने लोगों के दर्शन करने का मुझे सौभाग्य मिला है लेकिन इस बार ये सौभाग्य ऐसे समय में मिला है जब पूरी दुनिया गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व की तैयारी कर रही है। भाजपा सरकार इस महान क्षण, इस ऐतिहासिक क्षण से पूरी दुनिया को परिचित कराने का भरसक प्रयास कर रही है। यही कारण है कि पूरे विश्व में भारत सरकार इस पर्व को मनाने वाली है, केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि कपूरथला से तरनतारन के पास गोइंदवाल साहेब तक जो नया नेशनल हाईवे बना है उसको अब गुरुनानक देव जी मार्ग के नाम से जाना जाएगा। भाइयो-बहनो, भाजपा की, एनडीए की सरकार को एक और सौभाग्य भी मिला है। हमारे गुरू के पवित्र स्थान करतारपुर साहिब और हम सभी के बीच जो दूरी थी, जो रुकावट थी, वो दूरी अब समाप्त होने वाली है। 70 साल तक घर से गुरु दर्शन की मजबूरी अब खत्म हो रही है। करतारपुर कॉरिडोर करीब-करीब तैयार हो चुका है। 

साथियो, आजादी के साथ दशक बाद ये अवसर आया है, 70 साल बीत गए। इससे बड़ा दुर्भाग्य भला क्या हो सकता है कि हमारी आस्था के केंद्र को हमें 7 दशक तक दूर से, दूरबीन से देखना पड़ा। 1947 में जो बंटवारे की रेखा खींचने के लिए जिम्मेदार थे क्या उनको ये ख्याल नहीं था कि सिर्फ चार किलोमीटर के फासले से भक्तों को गुरु से अलग नहीं किया जाना चाहिए। इसके बाद भी 70 सालों में क्या इस दूरी को मिटाने के प्रयास कांग्रेस की सरकार को नहीं करने चाहिए थे लेकिन कांग्रेस और उसके कल्चर से जुड़े लोगों ने हिंदुस्तानियों की आस्था, परंपरा और संस्कृति को कभी मान नहीं दिया। भाइयो-बहनो, कांग्रेस का जो रवैया रहा, कांग्रेस का जो अप्रोच हमारे इन पवित्र स्थानों के साथ रही, वैसा ही तौर-तरीका, वैसा ही चाल-चलन जम्मू-कश्मीर के साथ रहा। 70 साल तक समस्याओं में उलझाते रहे, सार्थक समाधान के लिए ईमानदार कोशिश ही नहीं की गई। जम्मू-कश्मीर में निर्दोष लोग मरते रहे, हरियाणा सहित पूरे भारत के वीर कश्मीर की हिफाजत के लिए, वहां के नागरिकों की जिंदगी बचाने के लिए अपने आप का बलिदान देते रहे, शहीद होते रहे। बेटियां, दलित समाज, वंचित समाज, शोषित समाज, आदिवासी समाज ये सारे के सारे लोग, बाबा साहेब अंबेडकर ने जो संविधान दिया था उस संविधान के हक से भी वंचित रह गए, 70 साल हो गए बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान वहां लागू नहीं हो पाया। आज जब भाजपा की सरकार ने इन बंधनों से मुक्ति, इस अन्याय से मुक्ति, इस जुल्म से मुक्ति की तरफ एक सार्थक कदम उठाया है तो कांग्रेस के नेता उसके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और कांग्रेस के साथी भी ऐसे ही हैं। भाइयो-बहनो, जम्मू-कश्मीर हमसे दूर नहीं है, दिल्ली की सोई हुई सरकार ने जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक हालत कैसे बिगाड़ती चली गई। प्रारंभ के दिनों में पाकिस्तान की मदद से हमारा कुछ हिस्सा छीन लिया गया, पीओके बन गया, पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर बन गया। उसके कुछ सालों के बाद योजनाबद्ध तरीके से जिसका गौरवगान करता है, दुनिया को सही रास्ते पर ले जाने के लिए जो परंपराएं हमारे यहां विकसित हुईं और कश्मीर जिसके लिए जाना जाता था सूफी परंपरा, बड़ी चतुराई से, चालाकी से, दमन से पहले सूफी परंपरा का खात्मा कर दिया गया, सूफी सोच को दफना दिया गया। एक के बाद एक कदम। पहले कुछ हिस्सा पाकिस्तान के हवाले कर दिया, सोते रहे फिर सूफी परंपरा को मार कर के, दफना करके कश्मीर की जड़ों को हिला दिया गया। कश्मीर की जड़ों में सूफी परंपरा थी जो एकता का भाईचारे का, सद्भाव का संदेश देती थी उसे तबाह कर दिया गया और धीरे-धीरे कदम और आगे बढ़ते चले गए फिर भी दिल्ली के अंदर बैठे हुए राजनेताओं को इतना बड़ा जुल्म हो रहा है वो दिखाई नहीं दिया। उनको तो लगा कि एक-दो परिवारों को संभालो, कश्मीर संभल जाएगा। एक-दो परिवारों को जो चाहे करने दो, कश्मीर संभल जाएगा, एक-दो परिवारों को मनमानी करने दो, लूटना हो तो लूटने दो, जनता की बर्बादी होती है तो होने दो कश्मीर संभल जाएगा, यही कारनामे चलते रहे फिर एक साल ऐसा भी आया, पहले कुछ हिस्सा गया, फिर सूफी परंपरा गई, फिर जम्मू-कश्मीर को साथ भेद-भाव का सिलसिला चलाया गया, लगातार जम्मू को साथ अन्याय, लगातार कश्मीर के साथ अन्याय, लगातार करगिल के साथ अन्याय, भेद रेखाएं खींची गईं, समाज को बिखराव की तरफ धकेल दिया गया। फिर एक चाल चली गई और उस चाल के तहत वो तबका आया जब कश्मीर की धरती से चार लाख से ज्यादा कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतारना, बेटियों पे बलात्कार करना, उनको कश्मीर छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया। एक के बाद एक कदम देखिए और फिर बम, बंदूक और पिस्तौल के जोर पर, पाकिस्तान से भेजे गए टेररिस्टों के दम पर, अलगाववाद के नाम पर और हर बार धारा-370 दिखा-दिखा कर के दिल्ली को भी डराया गया, देश की अखंडता पर खतरा है ऐसा माहौल बना दिया गया और दिल्ली में बैठे हुए लोग और सब लोग आंख मूंद कर बैठे रहे, कश्मीर तबाह होता चला गया। टेररिस्ट तय करते थे अलगाववादी तय करते थे, सोमवार को क्या होगा, मंगलवार को क्या होगा, जनवरी में क्या होगा, फरवरी में क्या होगा, अक्टूबर में क्या होगा, नवंबर में क्या होगा, सारा कैलेंडर आतंकवादी तय करते थे, अलगाववादी तय करते थे। देश के दुश्मन पड़ोस में से इशारा करते थे और यहां पर नाचने वाले खेल खेलते थे भाइयो-बहनो। ये सब चलता रहा और देश के वीर-जवान शहीद होते रहे। तिरंगे झंडे को जूतों के नीचे रौंद दिया जाता था, तिरंगे झंडे को आग लगा दी जाती थी और सब कुछ चल रहा था। आप मुझे बताइए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, क्या ऐसे ही चलने देने चाहिए क्या? पूरी ताकत से बताइए? क्या ऐसे ही चलने देना चाहिए क्या? क्या दिल्ली की गद्दी संभालने के लिए कश्मीर तबाह होने देना चाहिए क्या? क्या कश्मीर ज्यादा प्यारा होना चाहिए कि प्रधानमंत्री का पद ज्यादा प्यारा होना चाहिए? हर हिंदुस्तानी का जवाब होता है अरे प्रधानमंत्री के पद तो आते-जाते रहते हैं, मेरा कश्मीर रहना चाहिए और इसलिए भाइयो-बहनो, अब कैलेंडर वो तय नहीं करेंगे, दुश्मन देश से तारीखें तय नहीं होंगी, अब तारीखें हिंदुस्तान तय करेगा। अब नीतियां हिंदुस्तान बनाएगा, नीतियां कश्मीर के लोग बनाएंगे, दुश्मन देश में बैठे लोग भारत का भाग्य निर्धारित नहीं कर सकते हैं। वो वक्त चला गया, देश बदल चुका है और इसलिए भाइयो-बहनो, कांग्रेस की गलत नीति और रणनीति ने देश को तबाह कर के रख दिया और तब जाकर के संविधान में बाबा साहेब अंबेडकर ने जिसे टेंपरेरी कहा था। भाई मुझे बताइए टेंपरेरी कितने साल रहता है, दो महीने, चार महीने, साल, दो साल, 70 साल हो गया और टेंपरेरी लगा हुआ है। जब टेंपरेरी लगता है ना टेंपरेरी तो एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पैदा होता है। आप कहीं पर मानो नौकरी पर लगे हैं और आपको ऑर्डर दिया गया है कि ये आपका टेंपरेरी जॉब है तो आपका मन क्या करेगा? यार यहां परमानेंट होंगे कि नहीं होंगे, ऐसा करो कहीं और तलाशते हैं परमानेंट मिल जाए तो आपका दिमाग जहां टेंपरेरी है वहां मन ही नहीं लगेगा, आप कुछ और खोजते रहेंगे। आप कहीं किराए का मकान लो और वो मकान मालिक कहे कि देखिए ये 11 महीने के लिए दिया जा रहा है ये टेंपरेरी व्यवस्था है, तो मकान लेने वाला भी सोचेगा कि भाई ये तो 11 महीने के बाद खाली करना पड़ेगा, चलो दूसरा खोज करके रखते हैं। ये टेंपरेरी से अलगाव, इसके बीज मजबूत हो जाते हैं। मन करता है ये तो टेंपरेरी है, चलो कहीं परमानेंट तलाश लें और 70 साल तक कश्मीर के लोगों को आपने टेंपरेरी साइकोलॉजी के द्वारा परमानेंट की ओर जाने के लिए, अलगाववाद की ओर जाने के लिए रास्ता दिखाया था और इसलिए भाइयो-बहनो, मैंने टेंपरेरी खत्म कर दिया है। जब आपने मुझे दोबारा पांच साल के लिए परमानेंट बना दिया तो फिर मैं टेंपरेरी क्यों चलने दूंगा। आप मुझे बताइए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, मैं हरियाणा के उत्तरी छोर में खड़ा हूं। आज पूरा हरियाणा, पूरा हिंदुस्तान कंधे से कंधा मिलाकर के मोदी के निर्णय के साथ खड़ा है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं, दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से मुझे बताइए। क्या मेरा निर्णय सही है, क्या 370 हटाना सही है, 35 ए हटाना सही हैकश्मीर से टेंपरेरी की ताकत खत्म करना सही है? अगर आप इसे सही मानते हैं तो मुझे मजबूती मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए, आपके आशीर्वाद मिलने चाहिए कि नहीं मिलने चाहिए, आप की ताकत मेरे काम आनी चाहिए कि नहीं आनी चाहिए

भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए इतना बड़ा फैसला कैसे हुआ, 70 साल तक कोई नहीं कर पाया, बहुमत तो उनको भी मिला था, सरकारें उनके पास भी थीं, क्यों नहीं कर पाए? आज क्यों हुआ, इतना बड़ा निर्णय आज क्यों हुआ,क्या कारण है? ये मोदी के कारण नहीं हुआ है, ये आपके कारण हुआ है क्योंकि आपने वोट देकर के मुझे फिर से देश की सेवा करने का मौका दिया है। इसलिए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, ये संभव हुआ है और इसलिए मैं कहने आया हूं, एक बार फिर से लोकसभा से भी ज्यादा ताकत से हरियाणा में मुझे सेवा करने का मौका दीजिए आपके सारे सपने पूरे करने के लिए मैं लगा रहूंगा। भाइयो-बहनो, कांग्रेस की गलत नीति और रणनीति का भुगतान हमारे हरियाणा और देश के जवानों ने किया और मेरा किसान भी कर रहा है। हमारे हक का पानी हमारे काम आ सके इसके लिए 70 सालों में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। हमारी नदियों से हमारे हिस्से का पानी बहकर के पाकिस्तान जाता रहा और हमारी सरकारें देखती रहीं, पानी है जाता है। आप मुझे बताइए भाई, जिस पानी पर आपका हक है वो पानी पाकिस्तान जाने देना चाहिए क्या, वो पानी आपको मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए, यहां का किसान तरसता रहे, यहां का खेत सूखा रहे और पाकिस्तान हरा-भरा रहे, ये कैसे हो सकता है। ये पानी पर आपका हक है और मैं एक बूंद पानी जो आपके हक का है वो अब पाकिस्तान में नहीं जाने दूंगा। लेकिन पता नहीं, कांग्रेस को किससे इतना डर लगता था कि अपनी नदियों, उस पर हमारी जरूरत भर के डैम तक नहीं बना पाए। साथियो, सिरसा पर तो कभी सरस्वती नदी की भी कृपा रही है, सरस्वती कभी यहीं से बहा करती थी औऱ गुजरात तक आती थी। मुझे खुशी है कि मां सरस्वती को पुनर्जीवित करने का एक संकल्प हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने भी लिया है। ये दिखाता है कि हमारी धरोहर और हमारे किसानों की पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए भाजपा सरकार कितने बड़े स्तर पर काम कर रही है। बीते पांच वर्षों में इन प्रयासों का असर भी हुआ है। हरियाणा में सिंचाई की सुविधा के व्यापक सुधार करने का प्रयास हुआ है लेकिन आने वाले पांच वर्षों में हम हरियाणा को, भारत को सूखा मुक्त, जल युक्त बनाने के लिए हम जल जीवन मिशन लेकर के आगे आए हैं। मैंने लोकसभा चुनाव के दौरान आपको कहा था कि सरकार बनते ही पानी के लिए, पहले की सरकारों को पानी का महत्व नहीं था, मैं जानता हूं पानी के लिए हमारा माताओं-बहनों को कितनी दिक्कत झेलनी पड़ती है। मैं जानता हूं पानी के लिए मेरे किसान को कितनी मेहनत करनी पड़ती है और इसलिए हमने सरकार बनाते ही पानी का एक अलग मंत्रालय बना दिया, वो सिर्फ पानी पर काम करेगा और भारत के इतिहास में पहली बार सिर्फ पानी के लिए अलग मंत्रालय बना दिया गया है और सिर्फ मंत्रालय ही नहीं बनाया बल्कि हर घर तक जल पहुंचाने के लिए आने वाले पांच वर्षों में, जरा याद रखना मैं बताता हूं। आने वाले पांच वर्षों में पानी के लिए, किसान को पानी मिले, माताओ-बहनो को घर तक पानी मिले इसके लिए साढ़े तीन लाख करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। मुझे विश्वास है कि आने वाले पांच सालों में, सिरसा के हरियाणा के आप सभी साथियो के सहयोग से ये संकल्प भी पूरा हो कर के रहेगा। 

भाइयो-बहनो, भाजपा की सरकार खेती और किसानी से जुड़ी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में जुटी है। साल 2022 तक किसानों की आय को दो गुना करने के संकल्प को सिद्ध करने के लिए हम निकले हैं, इसके लिए एक साथ कई स्तरों पर काम किया जा रहा है, सिरसा के हमारे किसान परिवारों के बैंक खाते में करोड़ों रुपए जमा हो चुके हैं। यहां के अनेक किसान परिवारों को इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से करोड़ों रुपयों की मदद आपको मिल चुकी है। करीब दो दर्जन फसलों का समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना पहली बार तय किया गया है। इसी तरह किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेना अब आसान हुआ है। यहां तक की पशुपालकों को भी अब ये सुविधा मिल रही है, पशुपालकों को अपने कीमती पशुओं की बीमारी से नुकसान ना हो, उसको आर्थिक परेशानी ना हो इसके लिए मुफ्त टीकाकरण का बहुत बड़ा अभियान शुरू हो चुका है। छोटे किसानों, खेत मजदूरों के लिए, छोटे व्यापारियों दुकानदारों के लिए 60 वर्ष के बाद तीन हजार रुपए की पेंशन भी तय हो चुकी है। अब बुढ़ापे में किसी के पास हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। साथियो, हर स्तर पर भाजपा की सरकार किसानों के हित में कदम उठा रही है। विशेष तौर पर हमारे युवा साथियों को घर के पास ही रोजगार मिले इसके लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हरियाणा की भाजपा सरकार ने तो सरकारी नौकरियों में होने वाली बंदरबांट पर ताला लगा दिया है। जो भाजपा का घोर विरोधी भी है वो भी आज मान रहा है कि इस सरकार के कारण सामान्य से सामान्य युवा के घर भी नौकरी का नियुक्ति पत्र पहुंच रहा है। पहले कोई विधवा मां जिंदगी भर मेहनत करके अपने बेटे-बेटी की पढ़ाई करवाती थी और सोचती थी कि पढ़ लिख कर बेटे-बेटी को कहीं नौकरी मिल जाएगी लेकिन जब पढ़ाई पूरी होती थी तो पता चलता था कि बिना लेती-देती नौकरी नहीं मिलती है, बिना सिफारिश के, नेताओं के अगल-बगल टहले बिना नौकरी नहीं मिलती है। आप मुझे बताइए हरियाणा में यही खेल चलता था ना, युवकों के साथ अन्याय होता था कि नहीं होता था, गरीब बेटे-बेटियों पर अन्याय होता था कि नहीं होता था, अगर आपका हक है तो नौकरी मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए फिर खर्ची काहे को, पर्ची काहे को भाई। ये खर्ची और पर्ची, ये हरियाणा में हमने हमेशा के लिए ताला लगा दिया मेरे दोस्तो। ये बहुत बड़ा परिवर्तन है और जिसका साक्षी मेरा हरियाणा बना है, इतना ही नहीं हरियाणा की मनोहर सरकार की सक्षम युवा योजना, आज उसकी भी बहुत चर्चा है इसके तहत भी हजारों युवा साथियो को अलग-अलग विभाग में तैनात किया गया है।

भाइयो-बहनो, हमारी युवा शक्ति ही भारत की ताकत है, इस युवा शक्ति पर पूरी दुनिया की नजर है। केंद्र हो या फिर हरियाणा की भाजपा सरकार, युवाओं को कौशल विकास पर हमारा विशेष बल है, हमारी कोशिश है कि देश के लिए युवाओं को तो तैयार करना ही है, दुनिया के लिए भी हम युवा टैलेंट बना रहे हैं। हमारे युवा साथी देश-विदेश में अपनी प्रतिभा के दम पर खुद का, अपने परिवार का, हरियाणा का और देश का मान बढ़ाएं, ये कोशिश हम कर रहे हैं। भाइयो-बहनो, सिरसा के सूरमा तो खेल से लेकर सरहद तक भारत की शान और सुरक्षा में अपना खून-पसीना बहाते आए हैं, यहां की ये पहचान और सशक्त होना चाहिए लेकिन इसके लिए हमारे युवा साथियों को अपनी फिटनेस पर बहुत ध्यान देना होगा। आपने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को पूरे देश के लिए प्रेरणा बना दिया, अब फिट इंडिया को सफल बनाने का दायित्व भी मैं विशेष रूप से हरियाणा के नवजवानों को देना चाहता हूं क्योंकि मेरा आप पर भरोसा है, आप देश को दिशा दिखा सकते हैं। यहां के युवा साथियो से मेरा आग्रह है कि इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़ें। साथियो, नशे की जो लत है उससे हम सभी को मिलकर लड़ना है, ये सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे समाज, देश को बर्बाद कर देती है और हमारे पड़ोस में अगर टैररिस्टों को भेजकर काम नहीं चलता है, शस्त्रों को भेजकर काम नहीं चलता है तो आज उन्होंने नशीली चीजें हिंदुस्तान में चोरी-छिपे से पहुंचाना और मेरे देश के युवा धन को बर्बाद करने का षडयंत्र चलाया हुआ है। पड़ोसी देश से जो नशे की खेप यहां चोरी-छिपे पहुंचती है उससे हमें वैसे ही निपटना है जैसे हम आतंकवादियों से हमारे नवजवान सीने पर गोलियां झेलते-झेलते उनको ऊपर पहुंचा देते हैं। इसलिए भाइयो-बहनो, सीमा पर भी रक्षा करनी है, आतंकवादियों का भी सफाया करना है और मेरे देश की युवा पीढ़ी को भी बचाना है। हमारी युवा पीढ़ी को नशे की लेप में ढकेलने की ये बहुत बड़ी साजिश देश के खिलाफ हमारे दुश्मन करते रहे हैं, इसको हमें पूरी शक्ति से नाकाम करना है। साथियो, अपने स्वार्थ के लिए लोगों को बांटना, उनका फायदा उठाना कांग्रेस और उसके जैसे दलों की पुरानी आदत रही है, इन लोगों ने हरियाणा के साथ भी यही कहा है। कांग्रेस के किसी परिवार को अगर जमीन चाहिए तो हरियाणा, कांग्रेस के किसी परिवार को जमीन का ठेका लेना है तो हरियाणा से, अरे कांग्रेस के किसी दामाद को अगर जमीन चाहिए तो हरियाणा से, कांग्रेस ने तो हरियाणा को, ये हमारे किसानों की जिंदगी को, जिस धरती को पीढ़ी दर पीढ़ी अपने पसीने से सुजलाम-सुखलाम बनाया, उस धरती को ये हरियाणा के शासकों ने, कांग्रेस ने और बाकी दलों ने एक प्रकार से खुद का चारागाह बना दिया था। यहां की जमीन, यहां की कमाई को कांग्रेस ने जमकर के लूटा है। ये सच्चाई जब अब आप जान भी चुके हैं पहचान भी चुके हैं, हरियाणा के विकास के लिए आपकी ये सतर्कता बहुत जरूरी है।  

भाइयो-बहनो, बीते पांच वर्षों में सिरसा और हरियाणा के लिए हर क्षेत्र में प्रशंसनीय काम यहां की सरकार ने किए हैं, बिना किसी भेदभाव के, बिना किसी द्वेष के सबके लिए, सबके साथ से यहां विकास हुआ है। यहां से तो अधिकतर प्रतिनिधि विरोधी दलों के थे फिर भी भाजपा सरकार ने विकास के काम में पक्षपात नहीं किया क्योंकि ये ना तो हमारा स्वभाव है और ना ही हमारे संस्कार हैं। अव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत दे सब बन्दे, एक नूर ते सब जग उपज्या कौन भले कौ मंदे। हम गुरु के इस अमर संदेश को मानने वाले लोग हैं और इसलिए हमारे लिए आप सब हमारे हैं, आप सब हमारे परिवार के सदस्य हैं, आप ही मेरा परिवार हैं। साथियो, आज यहां के भाजपा कार्यकर्ताओं से भी मैं कहना चाहता हूं, आप बहुत प्रशंसनीय काम कर रहे हैं, कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इसके लिए मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं क्योंकि मैंने इस क्षेत्र में काम किया है पहले हमें कितनी मुसीबतें होती थीं वो मैंने खुद ने झेली है इस धरती पर रह कर के झेली हैं और आज वहां से यहां तक पहुंचाने में आप लोगों ने बड़ी मेहनत की है, बड़ा परिश्रम किया है आप अभिनंदन के अधिकारी हैं। यहां की जनता का भी मैं अभिनंदन करता हूं कि आपने हम पर भरोसा किया है हम पर विश्वास किया है और हमने आपके विश्वास पर खरा उतरने में जरा भी कोताही नहीं की है, जरा भी कमी नहीं रखी है ये मेरे लिए संतोष का विषय है। आपके प्रयासों के कारण ही सिरसा की जनता में भारतीय जनता पार्टी के प्रति विश्वास बढ़ा है, सिरसा ये समझ चुका है कि वो सिर्फ अतीत पर चुनाव लड़ रहे हैं उनको आप जानते हो, बीते दिनों की बातें बताते हैं, आज तो उनके पास बताने के लिए कुछ है ही नहीं और ये भारतीय जनता पार्टी है जो धरातल पर भविष्य की बात लेकर आपके पास आई है। जो लोग इस इलाके को अपना किला मानते थे, क्या हुआ भाई? अंदर-अंदर भिड़ गए। क्या ये सिद्धांतों की लड़ाई है? ये सिद्धांतों की लड़ाई नहीं है, ये कुनबा इसलिए लड़ रहा है ये मलाई बांटने का झगड़ा हो रहा है। आप कल्पना कर सकते हैं ये मलाई कितनी होगी जिसको बांटने के लिए एक ही परिवार के संतान आमने-सामने आ गए हैं। अब उनको छुट्टी दे दो, हमेशा-हमेशा छुट्टी दे दो और उनको कहो कि जितना माल इकट्ठा किया है पहले परिवार में बांटने का पूरा करो बहुत हो गया, अब नया लूटने नहीं देंगे। मेरी बात मानोगे, दोनों हाथ ऊपर करके बटाओ मानोगे? अब हमेशा-हमेशा ये लूटने वालों को भेजो घर। 

भाइयो-बहनो, ये वो लोग हैं जो विरासत का सहारा लेकर चल पड़े हैं, हम विरासत के महत्व को समझते हैं लेकिन हम विकास और जन विकास की पूंजी लेकर के आए हैं। कुछ महीने पहले लोकसभा के चुनाव में भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता ने जो जज्बा दिखाया है, यहां की जनता ने जो विश्वास जताया है और परिणाम है कि आज सिरसा में पूरी शक्ति से कमल खिल रहा है। भाइयो- बहनो, हमें सिर्फ कमल का फूल याद रखना है, हमें सिर्फ हमारा मिशन याद रखना है। मोदी आपके पास सिर्फ और सिर्फ कमल का फूल लेकर आया है, इस कमल के फूल को आशीर्वाद देना है, ये मोदी का नाम किसी के लिए नहीं है ये मोदी का नाम सिर्फ फूल के लिए है। हमारे लिए व्यक्ति से बड़ा दल है और दल से बड़ा देश है, इसी मंत्र पर चलते हुए हमें 21 अक्टूबर को पूरी ताकत लगानी है। 21 अक्टूबर को क्या है, अरे जरा जोर से बताइए ना,  21 अक्टूबर को क्या है? अरे 21 अक्टूबर को सोमवार है और रविवार के बाद जब सोमवार आता है और सोमवार को जब चुनाव होता है तो दो दिन की छुट्टी मिल जाती है, रविवार की छुट्टी और सोमवार की छुट्टी तो फिर मन करता है, अब दो दिन की छुट्टी आई है चलो जरा मामा के घर थोड़ा काम है हो आते हैं, चलो बेटा हॉस्टल में पढ़ता है वहां हो आते हैं, चलो खेत के लिए औजार खरीदना है तो रोहतक हो आते हैं, चंडीगढ़ हो आते हैं। मन करता है ये चुनाव के लिए जो छुट्टी मिली है वो घर के काम के लिए लगा दें, भाइयो-बहनो, ऐसा नहीं करना है। आप तय करिए, मुझे वादा कीजिए 21 अक्टूबर को छुट्टी है फिर भी छुट्टी नहीं मनाएंगे, लोकतंत्र का पर्व मनाएंगे, चुनाव में जी-जान से जुटेंगे, घर-घर जाएंगे, मतदाताओं को ले जाएंगे, मतदान करवाएंगे और पहले से भी ज्यादा बहुमत से भाजपा का कमल खिलाएंगे। लोकसभा से भी रिकॉर्ड मतदान करना है हमें, करेंगे? दोनों हाथ ऊपर करके बताएं करेंगे, घर-घर जाएंगे, मतदान ज्यादा से ज्यादा करवाएंगे, कमल के फूल पर बटन दबाएंगे? आपका ये विश्वास, आपका ये उत्साह। भाइयो-बहनो, आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है इसके बाद मैं रेवाड़ी जाऊंगा। प्रधानमंत्री पद के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जब मुझे उम्मीदवार घोषित किया तो पहला सर मैंने रेवाड़ी की धरती पर नमन किया था और आज मैं हरियाणा के चुनाव का आखिरी प्रचारसभा भी रेवाड़ी करने जा रहा हूं। इधर सिरसा, उधर रेवाड़ी पूरा हरियाणा बीच में, आपका प्यार, उमंग उत्साह सब कुछ हमारे साथ है। मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। 

आपने इतनी बड़ी तादाद में आकर आशीर्वाद दिए, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।   

 

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PM Modi meets the Amir of Kuwait
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi met today with the Amir of Kuwait, His Highness Sheikh Meshal Al-Ahmad Al-Jaber Al-Sabah. This was the first meeting between the two leaders. On arrival at the Bayan Palace, he was given a ceremonial welcome and received by His Highness Ahmad Al-Abdullah Al-Ahmad Al-Sabah, Prime Minister of the State of Kuwait.

The leaders recalled the strong historical and friendly ties between the two countries and re-affirmed their full commitment to further expanding and deepening bilateral cooperation. In this context, they agreed to elevate the bilateral relationship to a ‘Strategic Partnership’.

Prime Minister thanked His Highness the Amir for ensuring the well-being of over one million strong Indian community in Kuwait. His Highness the Amir expressed appreciation for the contribution of the large and vibrant Indian community in Kuwait’s development.

Prime Minister appreciated the new initiatives being undertaken by Kuwait to fulfill its Vision 2035 and congratulated His Highness the Amir for successful holding of the GCC Summit earlier this month. Prime Minister also expressed his gratitude for inviting him yesterday as a ‘Guest of Honour’ at the opening ceremony of the Arabian Gulf Cup. His Highness the Amir reciprocated Prime Minister’s sentiments and expressed appreciation for India's role as a valued partner in Kuwait and the Gulf region. His Highness the Amir looked forward to greater role and contribution of India towards realisation of Kuwait Vision 2035.

 Prime Minister invited His Highness the Amir to visit India.