By admitting their defeat already, the Congress and its ‘Mahamilawati’ allies have also accepted by now that Modi government is going to be formed after these elections: PM Modi
There is clear difference between UPA and NDA- we want to empower the poorest people while they are only hungry for power and money: PM Modi in Jharkhand
The transformation of Jharkhand has become a talking point in the country due to the good governance facilitated by the state and Centre-level BJP governments: Prime Minister Modi

भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हुए, मैं जमशेदपुर और दूसरे हिस्सों से आए अनेक साथियों का यहां अभिनंदन करता हूं। पांच वर्ष पहले जिस आत्मविश्वास के साथ झारखंड ने एक मजबूत सरकार के लिए समर्थन दिया था। वहीं संकल्प आज भी अधिक ऊर्जा के साथ स्पष्ट नजर आ रहा है। साथियो, जिन बहनों को मुफ्त में गैस का कनेक्शन मिला है, वो हमें आशीर्वाद दे रहीं हैं। जिन बहनों के घर में शौचालय बना है वो बहनें हमें आशीर्वाद दे रहीं हैं। जिन साथियो को अपना पक्का घर मिला है वो हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। जिन परिवारों को बिजली मिली है, वो हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। और इसलिए पूरा देश एक स्वर से पूरी ताकत के साथ पूरा देश आज कह रहा है, पूरा देश आज कह रहा है फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। साथियो, ये बात कांग्रेस और दूसरे महामिलावटियों को भी अब बराबर समझ आ गई है। इसलिए कांग्रेस और उसके साथियो ने पांचवें चरण की वोटिंग होते होते, चार चरण के बाद हाथ खड़े कर दिए थे। और पांचवें चरण के बाद पैर लड़खड़ाने लगे हैं। अब हर कोई महामिलावटी खिचड़ी सरकार बनाने के लिए हाथ पैर मार रहा है। झूठ फैला रहा है, अफवाहें फैला रहा है। भांतिभांति के रोना रो रहे हैं। लेकिन देश मन बना चुका है। साथियो, देश अस्थिरता नहीं चाहता, एक स्थिर और मजबूत सरकार चाहता है। देश एक मजबूर और रिमोर्ट से चलने वाला प्रधानमंत्री नहीं चाहता। बल्कि एक मजबूत औ दमदार प्रधानमंत्री चाहता है। देश भ्रम वाली सरकार नहीं चाहता भरोसे वाली सरकार चाहता है। देश दर्जन भर भ्रष्टाचारियों, वंशवादियों के हाथ में अपना भविष्य सौंपना नहीं चाहता, बल्कि एक साफ-सुथरा स्पष्ट नेतृत्व चाहता है।

वैसे साथियो, कुछ दिन पहले मैंने एक जगह से नामदार परिवार के एक सदस्य के पुराने कारनामे को याद किया। ये लोग पिछले एक साल से देश के प्रधानमंत्री को अमर्यादित भाषा में अनाप-शनाप भाषा में जो चाहे वो गालियां देते रहे हैं। उनकी पार्टी प्रधानमंत्री के परिवार को भी गालियां देती रही है। मैंने सिर्फ एक सभा में पुराने बोफोर्स के लिए भ्रष्टाचार को याद कराया। बस इतना ही बोला तूफान आ गया तूफान। कुछ लोगों के पेट में इतना जोर से दर्द हुआ कि बस उन्होंने दहाड़े मार मारकर रोना ही बाकी रहा है। भाइयो-बहनो, जहां देश के प्रधानंमत्री पद की गरिमा की आपको चिंता नहीं थी। अनाप-शनाप बोलते थे, और मैंने तो न मुझे उस रास्ते पर जाना है। मैंने तो एक शब्द बोला और आपको बिच्छू काट गया बिच्छू काट गया। ये लोग जितना रोएंगे उतनी ही पुरानी सच्चाई आज की पीढ़ी को पता चलेगी। 20वीं सदी में देश को कैसे एक परिवार ने लूटा बर्बाद किया। ये भी तो 21वीं सदी के नौजवानों को पता रहना चाहिए। रहना चाहिए कि नही चाहिए? रहना चाहिए कि नहीं रहना चाहिए? भाइयो-बहनो, मैं आज इस मंच से और जो पवित्र जिंदगी जीने के आदी है वैसे मेरे जनजाति भाइयो के बीच से इस इलाके से पूरी कांग्रेस पार्टी को चुनौती देता हूं, उनके अध्यक्ष को चुनौती देता हूं। नामदार के परिवार को चुनौती देता हूं। उनके राग दरबारियों को चुनौती देता हूं। उनके चेले- चपाटों को चुनौती देता हूं। आज का चरण तो पूरा हो गया, लेकिन हिम्मत हो तो आगे दो चरण बाकी है। अगर आपको पूर्व प्रधानमंत्री जिन पर बोफोर्स के भ्रष्टाचार के आरोप हैं उनके मान सम्मान के मुद्दे पर मैं चुनौती देता हूं। आइए मैदान में उस मुद्दे पर चुनव लड़िए। देखिए खेल कैसा खेला जाता है। आपमें हिम्मत हो तो कांग्रेस के वो पूर्व प्रधानमंत्री जिनपर गंभीर आरोप लगे थे। अगर आपमें हिम्मत है तो दिल्ली का चुनाव अभी बाकी है, आपके उस पूर्व प्रधानमंत्री के जिसको लेकर के दो दिन से आप आंसू बहा रहे हो उनके मान सम्मान के मुद्दे पर आइए दिल्ली के अंदर चुनाव लडें। आ जाओ मैदान में, आपमें हिम्मत है तो आइए पंजाब में उसी मुद्दे पर चुनाव लड़ते हैं देखते हैं जोर कितना बाजु-ए में है। आइए भोपाल में भोपाल में उनके नाम पर चुनाव लड़ते हैं, उनके मान सम्मान के मुद्दे पर चुनाव लड़ते हैं और भोपाल में हजारों लोग जो गैस लीकेज होने के कारण मर गए थे, और उस समय के प्रधानमंत्री ने जो काम किया था वो खुलकर के आ जाएगा। हजारों परिवार तबाह हो गए थे। आइए दम हो तो भोपाल हो, दिल्ली हो, पंजाब हो। उनके मान सम्मान के मुद्दे पर हो जाए चुनाव। ये मेरी चुनौती है।

अगर आपको इतना दम है तो मैदान में आइए। मुंडी नीचे कर के भागने की कोशिश मत करना। ये लोकतंत्र है आप अपनी बात लेकर आइए, हम हमारी बात लेकर के आएंगे, और मुद्दा उन्हीं का कैसे थे वो प्रधानमंत्री, क्या क्या कर के गए हैं? देश को कहां से कहां पहुंचा दिया। मेरे में ताकत है इस चुनौती को आपके सामने रखने की। अब मैं देखता हूं कि कांग्रेस वाले और उनके महामिलावटी इस चौकीदार की चुनौती को स्वीकार करते हैं कि नहीं करते? बहुत झूठ बोल लिए, बहुत गालियां बोल ली। लोकतंत्र की मर्यादा को हमने पालन किया। भाइयो-बहनो, कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथियों ने जिस तरह देश को जकड़ा हुआ था। उसे तोड़ने में हम काफी हद तक सफल हुए हैं। कैसे देश में एक सार्थक परिवर्तन आया है। उसका उदाहरण ये हमारा झारखंड भी है। पांच वर्ष पहले झारखंड की चर्चा कोयला घोटाले के लिए होती थी। राजनीति अस्थिरता के लिए होती थी। नक्सलवादी हमलों के लिए होती थी। आज झारखंड की चर्चा किन बातों को लेकर हो रही है। गांव-गांव में महिला सशक्ति के लिए जो काम हो रहे हैं उसकी चर्चा हो रही है। सखी मंडलों के रुप में सशक्त होती हमारी बहनों के सामार्थ्य के लिए चर्चा होती है। मुद्रा योजना के माध्यम से गांव गांव शुरू हो रहे स्वरोजगार को लेकर के चर्चा होती है। अरे रानी मिस्त्री, रानी मिस्त्री के रुप में भारत के ग्रामीण जीवन को नई दिशा देने के लिए आज देश में झारखंड की चर्चा होती है। इतना ही नहीं खेत में खेत में खेलते-खेलते झारखंड की बेटियों ने विश्व में नाम रौशन कर दिया। अगर क्रिकेट की बात हो तो झारखंड का बेटा सबसे ऊपर होता है। आज चर्चा इसकी होती है। और सबसे बड़ी बात एक स्थिर सरकार के लिए आज झारखंड की चर्चा हो रही है। भाइयो-बहनो, मैं ये दावा नहीं करता कि पांच वर्षों में मैंने कांग्रेस के 70 साल के सारे अन्याय को खत्म कर दिया है। ऐसा मैं नहीं कहता। क्योंकि 70 साल में उन्होंने इतने पाप किए हैं, इतने अन्याय किए हैं। मैं दिन रात लगा रहा हूं फिर भी मैं दावा नहीं करता, लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि उस अन्याय को बहुत मात्रा में कम करने में मैं जरूर सफल हुआ हूं। यहां की कोयला खदानों की कैसे बंदरबाट चलती थी। ये आप सभी ने अनुभव किया है। भारत के इतिहास का सबसे बड़ा कोयला घोटाला कांग्रेस ने देश को दिया है। एक ऐसा मुख्यमंत्री कांग्रेस और उसके महामिलावटियों ने इस झारखंड के माथे पर थोपा था। जिसका एक मात्र लक्ष्य घोटाले करना था। आज कोयला खदानों की बंदरबाट बंद हुई है। बीते पांच वर्ष में घोटाले का एक भी दाग इस चौकीदार की सरकार पर नहीं लगा है। साथियो, कांग्रेस और उसके साथ मिलकर के जिन्होंने हमारे देश में कालेधन और भ्रष्टाचार को सामाजिक जीवन का हिस्सा बनाने की साजिश भी की। जिस नेता को करोड़ों के कोयला के घोटाले के आरोप में अदालत ने सजा दी। उसी नेता के परिवार को अपनी पार्टी में मिला लिया। टिकट भी दे दिया। और इनको कोई शर्म ही नहीं है। क्या ऐसे लोग भ्रष्टाचार से लड़ सकते हैं क्या? ऐसे लोग भ्रष्टाचार से लड़ सकते हैं क्या? जो भ्रष्टाचारियों के आगे झुक जाते हैं वो भ्रष्टाचार को खत्म कर सकते हैं क्या? उसी तरह पड़ोस में बिहार में चारा घोटाले में सुप्रीम कोर्ट तक ने जमानत तक नहीं दी। जेल में पड़े हैं, सजा हो चुकी है। कांग्रेस उनको गले लगाकर के घूम रही है।

भाइयो-बहनो, इन महामिलावटी दलों में हर तरह का भ्रष्टाचार, दुराचार सबकुछ माफ होता है। एक दूसरे का हर गुनाह माफ होता है। 50-60 साल से जो दरबारी इन्होंने पाले पोसे हैं। जो इको सिस्टम इन्होंने तैयार किया है, वो इनके हर घोटालेबाज का दाग धुलने का कम कर रहे हैं बताइए। भले ही भ्रष्टाचार के मामले में अदालत से सजा मिली हो। भले ही गंभीर अपराध में सजा हुई हो। इनके दरबारी मिलकर इन लोगों के दाग साफ करने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। साथियो, मैं देश के मीडिया को भी जरूर कहूंगा कि कालेधन, भ्रष्टाचार और तमाम अपराधों में सजा पाए ऐसे लोगों के दाग साफ करने वालों की जरा पहचान करें देश की जनता के सामने लाएं। और कभी ये भी हिम्मत कर के बताएं कि जब ये कांग्रेस के नामदार को मिले तो जरा ये भ्रष्टाचारियों के साथ क्यों बैठे हैं। जो जेलों में हैं, सजा तय हो चुकी है, उनके साथ क्यों बैठे हैं? जो बेल पर है उनको गले लगाकर क्यों घूम रहे हैं? मीडिया वालों के पास ये तो समय है कि बीजेपी का हर छोटा मोटा नेता मिल जाए उसको डंडा लेकर के पूछते हैं। अच्छा भाई भोपाल में प्रज्ञा ठाकुर को क्यों लड़ा रहे हो? प्रज्ञा ठाकुर को क्यों लड़ा रहे हो? आप जरा मधुकोड़ा परिवार, लालू यादव परिवार उनके बारे में तो सवाल उठाइए, इनको तो सजा हो चुकी है। लेकिन पता नहीं वो कौन सा जादू है कि वहां कुछ लोगों की बोलती बंद हो जाती है। जो घोटाले का पैसा था करोड़ों अरबों की काली कमाई थी, आज उसका लाभ कौन उठा रहा है? ये पूछने की जरा हिम्मत दिखाइए? साथियो, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार और कांग्रेस की मिलावटी सरकारों में अंतर बहुत स्पष्ट है। हम गरीब को शक्ति देना चाहते हैं और कांग्रेस और उसके साथी राजनीति के लिए शक्ति को छीनने का पाप करते हैं। इन लोगों का एक ही तरीका है, विश्वासघात, विश्वासघात, विश्वासघात। यहीं उनकी रीत-रस्म है। विधानसभा चुनाव के दौरान इन लोगों ने कर्जमाफी का खेल खेला था और अब सुना है कि फर्जी फॉर्म भरवा रहे हैं। गरीबों को नकली चेक दे रहे हैं। जनजातीय परिवारों को भाजपा के खिलाफ भड़का रहे हैं। आपको इनके झूठ से सावधान रहना है।

 पांच वर्ष से भाजपा सरकार केंद्र और राज्य में हैं। लेकिन हमने आदिवासी अधिकारों को आंच भी नहीं आने दी है, और मेरे शब्द लिख दीजिए कि जब तक मोदी है, जब तक भारतीय जनता पार्टी है तब तक आदि जाति के जनजातीय समाज के आदिवासियों के किसी भी वर्ग के साथ अन्याय नहीं होने देगा। जल हो, जन हो, जमीन हो कोई उस पर हाथ नहीं लगा पाएगा। ये मैं आपको वादा करता हूं। साथियो, हमारी सरकार आदिवासी कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, और कैसे ये कोयला पहले भी तो निकलता था, निकलता था कि नहीं निकलता था? कोयला पहले भी बिकता था कि नहीं बिकता था? बड़े-बड़े धनपति कोयला लेकर के कमाते थे कि नही कमाते थे? राजनेता मलाई खाते थे कि नहीं खाते थे? लेकिन जो जंगलों में कोयला था, जंगलों में रहने वाले जनजातीय लोगों को आदिवासियों को कुछ मिलता था क्या? कुछ मिलता था क्या? सच बताइए, जोर से बताइए? ये चौकीदार ने क्या किया, कानून बनाया। देखिए जंगल में रहने वालों के लिए हमारे दिल में कितनी संवेदना है। भावना है, इसका ये उदाहरण है। हमने कानून बनाया कि अब जंगलों से जो भी खनिज संपदा निकलेगी। उसमें से कुछ रकम उन इलाके के ही जंगल के रहने वाले जनजातीय समाज के बच्चों की भलाई के लिए खर्च करना कंपलसरी होगा। 70 साल तक उनको आदिवासी नजर नहीं आया। ये हमारी आंखें हैं, ये हमारी संवेदना है। ये हमारे आदिवासी कल्याण का हमारा रास्ता है। इस बार केंद्र सरकार ने आदिवासी समाज के कल्याण के लिए बजट में 30 प्रतिशत अधिक राशि का प्रावधान किया है। हम संकल्प लेकर चल रहे हैं कि साल 2022 तक हर गरीब आदिवासी के पास अपना पक्का घर हो। घर में गैस का कनेक्शन हो।

घर में बिजली का कनेक्शन हो। घर शौचालय वाला भी हो, और स्वास्थ्य की शिक्षा की बेहतर सुविधा हो। गांवों में आदिवासी अंचलों में आधुनिक चिकित्सा केंद्र खोलने का काम भी तेजी से चल रहा है। साथियो, हमारी सरकार जन धन और वन धन योजना से आदिवासी बहन भाई को सशक्त करने का काम कर रही है। हमारी सरकार ने एमएसपी के लिए वन उपजों की संख्या भी बढ़ाई है। पांच वर्ष पहले जहां सिर्फ दस फसलों पर एमएसपी मिलता था वो संख्या बढ़कर करीब करीब 50 हो चुकी है। साथियो, जनजातीय क्षेत्र में एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं। हमारे जनजातीय वीर वीरांगनाओं के शौर्य गाथाएं नई पीढ़ी को प्रेरित करें इसके लिए देश भर स्मारक स्थलों का निर्माण भी हो रहा है। साथियो, विकास के इन कार्यों के सामने सबसे बड़ा खतरा होता है सुरक्षा। चाहे वो आतंकवाद हो या फिर नक्सलवाद। लेकिन जब भी कांग्रेस सरकार में आती है तो ये दोनों सिर उठाते हैं। बीते पांच वर्ष में हमने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पक्की सड़कें, बिजली, मोबाइल नेटवर्क और पानी पहुंचाने पर बल दिया है। साथियो, हमारी सरकार नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। लेकिन अगर गलती से भी कांग्रेस के सहयोग से स्वार्थी सरकार बनी तो किए कराए पर पानी फिर जाएगा। साथियो, कांग्रेस ने तो अपने घोषणा पत्र में और कितनी बेशर्मी है। देश के प्रति कैसे इनका नकारात्मक भाव पड़ा है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वो घोषणा पत्र नहीं ढकोसला पत्र है। अपने ढकोसला पत्र में उन्होंने एलान किया है कि नक्सलियों को जो मदद करते हैं, जो नक्सलियों के साथ होते हैं। अब उनको सम्मान दिया जाएगा। उनका जय-जयकार किया जाएगा। उनको कोई परेशानी नहीं होगी। भाइयो-बहनो, ये रास्ता आपको मंजूर है? क्या कभी आप ऐसी चीज को मंजूर कर सकते हैं? अरे कांग्रेस के नामदार जो टुकड़े टुकड़े गैंग के साथ खड़े रहते हैं वो अब कह रहे हैं कि देश में से देशद्रोह का कानून ही हटा देंगे। आप मुझे बताइए जम्मू-कश्मीर में सेना के जवानों पर जो पत्थरबाजी करते हैं ये देशद्रोह है कि नहीं है? जो हिंदुस्तान के तिरंगा जलाते हैं, वो देशद्रोह है कि नहीं है? हमारी सेना का अपमान करते हैं वो देशद्रोह है कि नहीं है? देश के खिलाफ षड्यंत्र करते हैं देशद्रोह हैं कि नहीं हैं? क्या ये देशद्रोह का कानून हटना चाहिए क्या? हटना चाहिए क्या? कोई देश दुनिया में ऐसा करेगा क्या? लेकिन ये कांग्रेस वाले खुलेआम लिखा है कि देशद्रोह का कानून हटा देंगे।

भाइयो-बहनो, नक्सलियों और आतंकियों के समर्थकों को खुली छूट देने का ये प्लान बना रहे हैं। यहां सामान्य, ईमानदार नागरिक का जीना मुश्किल कर देंगे ये लोग। भाइयो-बहन, कांग्रेस की यहीं नीति है जिसने देश में आतंकवाद की जड़ों को मजबूत होने दिया है। आज जब ये चौकीदार पाकिस्तान के आतंकियों पर प्रहार कर रहा है। पाकिस्तान को दुनिया में बेनकाब कर रहा है। तब इनको बिच्छू काट जाता है। कहते हैं मोदी आतंकियों की सफाई मसूद अजहर पर कार्रवाई और सपूतों की रिहाई इन सबका क्रेडिट क्यों ले रहा है? याद करिए साथियो, ये वहीं कांग्रेस है जो आज भी चुनाव में देश की आजादी के लिए क्रेडिट लेती घूम रही है। अरे, अगर देश को कांग्रेस ने आजाद कराया है, तो भगवान बिरसा मुंडा, रानी लक्ष्मी बाई, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे असंख्य बलिदानियों ने क्या किसी और देश के लिए लड़ाई लड़ी थी? क्या किसी और देश के लिए फांसी के तख्त पर जवान चढ़े थे। साथियो, इन महामिलावटियों के सोच पर आपको प्रहार करना है, इसके लिए आपका हर वोट कमल के निशान पर पड़ना चाहिए। आपका एक एक वोट मोदी के खाते में जाएगा। भाइयो-बहनो, इतनी बड़ी तादाद में, इतने उत्साह के साथ आप हमें आशीर्वाद देने आए। मैं आपका बहुत बहुत आभारी हूं। मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंदकर के पूरी ताकत से बोलिए।

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय
बहुत बहुत धन्यवाद

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Prime Minister urges the Indian Diaspora to participate in Bharat Ko Janiye Quiz
November 23, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today urged the Indian Diaspora and friends from other countries to participate in Bharat Ko Janiye (Know India) Quiz. He remarked that the quiz deepens the connect between India and its diaspora worldwide and was also a wonderful way to rediscover our rich heritage and vibrant culture.

He posted a message on X:

“Strengthening the bond with our diaspora!

Urge Indian community abroad and friends from other countries  to take part in the #BharatKoJaniye Quiz!

bkjquiz.com

This quiz deepens the connect between India and its diaspora worldwide. It’s also a wonderful way to rediscover our rich heritage and vibrant culture.

The winners will get an opportunity to experience the wonders of #IncredibleIndia.”