QuoteThe Mahamilwati parties are rattled seeing the support for the BJP in UP: PM Modi
QuoteThe people of Uttar Pradesh do not stand with divisive parties who engage in appeasement and votebank politics: PM Modi in UP
QuoteWe follow a ‘no-tolerance’ policy against terrorists unlike the Congress and its allies who were famous for their soft approach on terrorism and its sympathisers: Prime Minister Modi

भारत माता की… जय

भारत माता की… जय

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवार और विशाल संख्या में हम सब को आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो। जहां-जहां मेरी नजर पहुंच रही है लोग ही लोग नजर आ रहे हैं, क्या कमाल कर दिया आप लोगों ने, आपका ये प्यार, आपका ये उत्साह, आपका ये समर्थन अच्छे-अच्छों की नींद खराब कर रहा है। राम गंगा के पावन जल से जीवन पाने वाली इस पवित्र धरती को मेरा सादर नमन।

बाबा अलखनाथ और त्रिवटीनाथ का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे मेरी यही कामना है। यहां आंवला के साथ-साथ बरेली और पीलीभीत से भी साथी आएंगे। आप सभी का मैं आभार व्यक्त करने और इस चुनाव में मैं आशीर्वाद लेने के लिए आया हूं। दो चरणों के मतदान के बाद अब इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में आपका ये अपार समर्थन कुछ लोगों को पराजय पहले से ही स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रहा है, अब सो नहीं पाते होंगे। इन लोगों को अपनी गलती का पछतावा होने लगा है। वे अब सोच रहे हैं इससे तो अच्छा था की अकेले-अकेले लड़ लेते, कम से कम कुछ कहने के लिए तो बात बच जाती। कहां 50-50 का खेल खेलने चले थे और कहां असली मैच शुरू होने से पहले ही जनता ने पवेलियन वापस भेज दिया है। एक को पहली बॉल में निकाल दिया, दूसरे को पहले और दूसरे बॉल में पूरा कर दिया। दो चरण के मतदान के बाद, आपने देखा होगा टीवी में इनकी शक्ल-सूरत, ऐसा चेहरा लटक गया है, ऐसे बौखलाए हैं। पहले जो गालियां मुझे नहीं देते थे, अब नई-नई दे रहे हैं। इलेक्शन कमिशन पर गुस्सा कर रहे हैं, सरकार पर गुस्सा कर रहे हैं और हिंदुस्तान के हर कोने में जो भी महामिलावटी हैं, सब ने चिल्लाना शुरू कर दिया है। कुछ लोगों ने तो अभी से ईवीएम मशीन को गाली देना भी शुरू कर दिया है। ये जब शुरू हो जाए तो समझ लो मामला गड़बड़ है, उन्होंने ये मान लिया है की जनता उनके साथ नहीं है। आपने देखा होगा, घर में बच्चा भी जब एग्जाम देने जाता है और अच्छा कुछ नहीं करके आता है तो रास्ते में सोचता है की मम्मी-पापा को आज क्या समझाऊं और वो आकर के समझाता है की आज बेंच हिलती थी, टेबल सही नहीं था, पेन बीच-बीच में खराब हो जा रही थी, बगल में एक लड़का था बहुत गड़बड़ कर रहा था इसलिए लिखने में मजा नहीं आई। वो वातावरण बना देता है ताकी जब रिजल्ट आए, गड़बड़ हो जाए तो मां-बाप ज्यादा गुस्सा ना करें। इस चुनाव में भी दो चरण के बाद, हमारे सारे विरोधी कारण ढूंढने में लगे हैं अभी से की पराजय के कारण तैयार करो। ये ऐसा मोदी रोलर आया है की सब साफ हो रहा है। आपके यहां भी यही माहौल है ना, चारों तरफ यही माहौल है ना?

भाइयो-बहनो, 2014 में आपने दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली एक मजबूत सरकार के लिए भरपूर समर्थन दिया था। आपने इस प्रधान सेवक के इरादों पर भरोसा किया और परिणाम आपके सामने है। आपके आशीर्वाद से आज देश की प्रगति की गति बहुत तेज हो गई है। साथियो, प्रगति की गति को सिर्फ एक मोदी ने नहीं बदला है, इसे बदला है आप सभी ने, देश के 130 करोड़ लोगों ने, इसे बदला है हमारे युवा साथियों ने। आप सभी ने उस सोच को बदल दिया है, जब कहा जाता था भारत में कुछ भी नहीं बदल सकता, भारत का कुछ नहीं हो सकता। 2014 से पहले अगर कोई कहता की पांच साल में भारत में लगभग हर घर में शौचालय पहुंच जाएगा तो कोई विश्वास नहीं करता, आज पहुंच गया। 2014 से पहले कोई ये भी नहीं सोच सकता था की कोई प्रधानमंत्री झाड़ू पकड़ सकता है। 2014 में अगर कोई कहता की गरीब से गरीब को गैस मिलनी, गैस का चूल्हा मिलना इतनी आसान हो जाएगी तो भी कोई विश्वास नहीं करता। 2014 से पहले अगर कोई कहता की गरीब का इतनी आसानी से बैंक खाता खुलने लगेगा, उसमें हजारों करोड़ रुपए जमा हो जाएंगे तो ये भी कोई विश्वास नहीं करता। 2014 से पहले किसी ने ये भी नहीं सोचा था की गांव के गरीब के हाथ में भी स्मार्टफोन होगा, इंटरनेट उसके लिए बहुत सामान्य बात हो जाएगी। भाइयो-बहनो, ये तभी संभव हो पाया है जब आपने एक मजबूत, पूर्ण बहुमत वाली और निर्णायक सरकार के लिए, सब के लिए सोचने वाली सरकार को पूर्ण बहुमत देकर के बैठाया। तब आपने, पूरे देश ने वोट बैंक की राजनीति करने वालों की पुरानी धारणाओं पर मान्यताओं को पूरी तरह तोड़ दिया था। 2014 का चुनाव हो या उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव हो। जाति, पंथ, क्षेत्रवाद सारी सीमाएं टूट गई थीं, यही सार्थक परिवर्तन नए भारत की ताकत बना है।

साथियो, आंवला, बरेली और आस-पास का ये क्षेत्र तो नाथ, संतों की कर्मस्थली रहा है। नाथ-संतों का तो जात-पात के विरुद्ध एक स्पष्ट आग्रह था। समाज के सभी लोगों को बराबरी का हक मिले, सब को सम्मान मिले, समाज मजबूत हो ये रास्ता नाथ-संतों ने दिखाया। यही काम भाजपा की सरकार ने किया है, आपके इस चौकीदार ने किया है। सबका साथ-सबका विकास हमारा आग्रह भी है और आचरण भी है। हमारी जितनी भी योजनाएं हैं उन्होंने हर वर्ग को आगे बढ़ाया है, पूरे समाज को मजबूत किया है। ये मजबूत समाज ही आज मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर रहा है। भाइयो-बहनो, आज की दुनिया दमदार सरकार को ही मानती है जो रोते रहते हैं उनकी सुनवाई दुनिया भी नहीं करती है। देश दमदार तभी होता है जब देश एकजुट होता है, देश की सेना मजबूत होती है, उसे अपने फैसले लेने की खुली छूट मिलती है। भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए, मेरी बात पर आपको भरोसा है? आप मुझे बताइए, आज हमारी सेना मजबूत है, पूरा विश्वास है? आज हमारा दम दुनिया मान रही है? साथियो, बरेली तो सेना और सैनिकों की धरती है, शहीदों के निशान यहां हैं, शौर्य की गाथाएं यहां हैं। हम रक्षकों को सम्मान देने वाले लोग हैं, जो राष्ट्र रक्षा में काम आते हैं उनके प्रति हम नतमस्तक रहने वाले लोग हैं लेकिन राजनीति के लिए कांग्रेस के नेता और सपा-बसपा के लोग क्या-क्या बातें करते हैं। आप सभी देख रहे हैं की सिर्फ भाजपा और एनडीए ही जो राष्ट्रीय स्वाभिमान के मुद्दे पर, भारत की सुरक्षा के मुद्दे पर आपके बीच आपके आशीर्वाद लेने आए हैं।

साथियो, हम कह रहे हैं की आतंकवाद और नक्सलवाद को मिटाना जरूरी है लेकिन कांग्रेस कहती है की जम्मू-कश्मीर से सेना को हटाना चाहिए, हम कह रहे हैं की हमारे सैनिकों को खुली छूट मिलनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस कहती है की देश के वीर-जवानों को लाचार कर देना चाहिए, हिंसा वाले क्षेत्रों में काम करने के लिए उनको जो विशेष अधिकार मिला है जो ये कानूनी रक्षा कवच मिला है, कांग्रेस वाले उसको भी हटाने का फैसला करना चाहते हैं। साथियो, ये अगर हो गया तो जो पत्थरबाज हैं, जो आतंकियों को समर्थन करते हैं वो झूठे केस के दायरे में हमारे सैनिक आतंक से भिड़ने के बजाए कोर्ट में ही केस लड़ने में वो लगे रहेंगे। हमारा सैनिक कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाए, ये आपको मंजूर है? जम्मू-कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री हो ये कांग्रेस और उसके साथी मांग कर रहे हैं और जो साथी मांग कर रहे हैं और जो साथी मांग कर रहे हैं, कांग्रेस इनके साथ खड़ी है। आप मुझे बताइए, क्या देश में, जम्मू-कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री होना चाहिए? ये मांग आपको मंजूर है? इसको समर्थन करने वालों का आप विरोध करेंगे, हर जगह पर इनको घर भेजेंगे?  हर पोलिंग बूथ में उनको परास्त करेंगे? साथियो, वो तो राष्ट्रद्रोह का कानून भी हटाना चाहते हैं। अगर ऐसा हो गया तो भारत मां को गाली देने वालों को खुली छूट मिलेगी। देश के टुकड़े-टुकड़े करने का जो गैंग मंसूबा रखती हैं, उनको खुली छूट मिल जाएगी। क्या आपको, देशद्रोहियों को बचाने के इरादे मंजूर हैं क्या?  देशद्रोहियों को सजा होनी चाहिए की नहीं होना चाहिए? देश उनको माफ कर सकता है क्या?  आपको ये मंजूर नहीं है तो फिर कांग्रेस भी कभी किसी को मंजूर नहीं हो सकती है। उनके महामिलावटी साथी भी मंजूर नहीं हो सकते हैं, आपको ये मंजूर नहीं हैं तो सपा-बसपा की महामिलावट भी मंजूर नहीं हो सकती।

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साथियो, कांग्रेस हो या सपा-बसपा इन लोगों के पास देश के लिए कोई विजन नहीं है। इनका एक ही एजेंडा है, आप कहीं पर भी जाइए, केरल में भी जाइए तो भी एक ही बात, तमिलनाडू में जाएं तो भी एक ही बात, आन्ध्रा में जाएं तो भी एक ही बात, बंगाल भी जाए तो भी एक ही बात, उत्तर प्रदेश में आएं तो भी एक ही बात, इन लोगों को देश के लिए क्या करना है, गरीबों को क्या करना है। आतंकवाद के लिए क्या करना है कोई बात नहीं, एक ही बात- मोदी हटाओ, मोदी हटाओ। आप मुझे बताइए, क्या ये मोदी को हटा सकते हैं? आपके रहते हुए कोई मोदी को हटा सकता है? अरे आप जैसे करोड़ों देशवासियों के मोदी पर आशीर्वाद हो तो फिर इनकी नारेबाजी कुछ नहीं कर सकती। ये मोदी को इसलिए गालियां दे रहे हैं क्योंकि मोदी ने इनकी तुष्टीकरण की राजनीति, उनकी वोटबैंक पॉलिटिक्स के आगे घुटने टेकने से इनकार कर दिया है। मोदी ऐसे लोगों के सामने झुकने को तैयार नहीं है। मोदी देश में आतंक फैलाने वालों, देश को कमजोर करने वाली ताकतों के सामने दीवार बन कर के खड़ा है।

साथियो, आपको ये याद रखना होगा की कांग्रेस और उसके महामिलावटियों की जब दिल्ली में सरकार थी तो आतंकवाद पर कैसे-कैसे खेल करती थी। पाकिस्तान के आतंकवादी धमाके करते थे, आतंकी हमला करते थे लेकिन कांग्रेस, उसके साथी उन पर कार्रवाई करने के बजाए हिंदूओं पर आतंकी होने का ठप्पा लगाने में जुट जाते थे। हजारों वर्ष की हमारी परंपरा, हमारी महान संस्कृति, दुनिया ने कभी हमारी महान संस्कृति पर उंगली नहीं उठाई। इन लोगों ने अपने वोटबैंक के लिए बदनाम करने का घिनौना पाप किया है। साथियो, दुनिया में आतंकवाद को कोई भी किसी पंथ, मत और संप्रदाय से नहीं जोड़ता लेकिन कांग्रेस और उनके साथी, उसके रागदरबारी, हिंदुस्तान में हजारों साल की इस महान परंपरा को हिंदू आतंकवाद के नाम पर इन लोगों ने टार्चर और शोषण का ऐसा जाल की भारत के विरोधियों को हमारी संत परंपरा पर सवाल उठाने का मौका मिल गया।

भाइयो-बहनो, ये वंशवादी और अवसरवादी लोग सिर्फ अपने ही हित की सोचते हैं, अपने बारे में ही सोचते हैं। इनको देश से कोई मतलब नहीं है। आज अगर इनके अस्तित्व पर संकट है तो ये मोदी के कारण नहीं है, इनके अपने कारनामों के कारण है। और ये भी देखिए अब ये मेरे पिछड़ेपन का सर्टिफिकेट भी बांटने लगे हैं, वो मेरे पिछड़ेपन का भी मजाक उड़ा रहे हैं। साथियो, हर चुनाव में इन लोगों का जब पराजय सामने दिखने लगता है तो ये खेल शुरू हो जाता है। दो चरण में इनके हाल इतने खराब हो गए की चांव-चांव-चांव करना शुरू कर दिया। मेरी जाति, इस पर आ जाते हैं। कोई नीच बोलता है, कोई कुछ गाली देता है। अब मुझे इन गालियों की अपमान सहने की, और वैसे भी हम गरीबों को पिछड़ों को ये सदियों से नामदारों की गालियां खाने की आदत हो गई है, मुझे भी हो गई है। लेकिन मैं इनसे पूछना चाहता हूं, आपने अपने परिवार का पिछड़ापन दूर करने के अलावा और कुछ किया है क्या?  आपने कितने गरीबों को, कितने शोषितों, वंचितों, पिछड़ों को आगे बढ़ाया। अगर गिनें तो पार्टी में एक से सौ नंबर तक आप और आपका परिवार ही होता है।

साथियो, मुझे देख कर के हैरानी होती है की आज-कल ये विपक्षी लोग सड़क, बिजली, पानी, महंगाई ऐसे बुनियादी मुद्दे छोड़ कर असली-नकली पर बहस कर रहे हैं। सच्चाई यही है की इन लोगों को गरीबों की, दलितों की, पिछड़ों की, शोषितों की, मध्यम वर्ग की, किसी की समस्या से कुछ लेना-देना नहीं है। इनके लिए सबसे बड़ा लक्ष्य है, कुर्सी कब्जा करना। कुर्सी के लिए ये समाज को बांट सकते हैं, देश को बांट सकते हैं, इनको पहचानिए, इनसे सतर्क रहिए। इन लोगों की प्राथमिकता कभी आपका कल्याण, आपका विकास नहीं रही है। इनकी सरकारों की पहचान भी उद्योगों से नहीं बल्कि घोटालों से बनी थी। वो दिन याद करिए, चीनी मील घोटाला, खनन घोटाला, महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों का घोटाला, रिवरफ्रंट घोटाला, एम्ब्यूलेंस का घोटाला, NRHM घोटाला, आप गिनते जाइए लिस्ट खत्म ही नहीं होगी। भाइयो-बहनो, भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाने, इन लोगों की इस नीति के कारण यूपी में रंगदारी का नाम, गरीब मध्यम वर्ग के लोग डरे रहते थे की ना जाने कब उनकी जमीन पर कब्जा हो जाए। समाजवादी राज में इन लोगों ने दुकानों पर कब्जा किया, स्कूलों पर कब्जा किया, अस्पतालों पर कब्जा किया और मुझे बताया गया है की बरेली की मस्जिदों तक को नहीं छोड़ा गया था। अब योगी जी की सरकार आने के बाद स्थिति में बहुत तेजी से सुधार हुआ है।

साथियो, अब कानून का राज कायम होता है तब कारोबार के रास्ते खुलते हैं, रोजगार के रास्ते खुलते हैं। जब सड़कें, रेल, पुल, एयरपोर्ट ऐसे साधन बनते हैं तब उद्योग लगते हैं। यही काम बीते पांच वर्ष में पूरे देश में हमने किया है और यहां योगी जी की सरकार बीते दो वर्षों से कर रही है। राम गंगा नदी पर डैम, बरेली-कासगंज रेलवे लाइन का चौड़ीकरण, यहां पर बन रही सड़कें, लाल फाटक का ओवरब्रिज इसी सोच का विस्तार है। बरेली से सीधी फ्लाइट, दिल्ली और लखनऊ से शुरू हो इसके लिए भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। भाइयो-बहनो, ये पहली सरकार है, जिसने हर उस व्यक्ति का सोचा है जिसको कांग्रेस और उसके साथियों के राज में भुला दिया गया था। किसानों के खाते में आज सीधे पैसे जमा हो रहे हैं, जो मजदूर हैं उनके लिए 60 वर्ष के बाद 3 हजार की नियमित पेंशन का इंतजाम किया गया है। सुरक्षा, समृद्धि और सम्मान की इस यात्रा को हमें मजबूत करना है। आप सभी को पूरी शक्ति से कमल के फूल के सामने बटन दबाना है। और भाइयो-बहनो, आप जब कमल पर बटन दबाओगे तो आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा।

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मेरे साथ दोनों हाथ ऊपर उठाकर, आप सब एक संकल्प लीजिए। मैं जब कुछ बोलूंगा, उसके बाद आपको बोलना है… घर-घर में है चौकीदार।

भ्रष्टाचारियों होशियार… घर-घर में है चौकीदार, भगोड़ों पर कानून की मार… घर-घर में है चौकीदार, बंद हुआ काला कारोबार… घर-घर में है चौकीदार, देशद्रोहियों पर कड़ा प्रहार… घर-घर में है चौकीदार, आतंक पर हो आखिरी वार… घर-घर में है चौकीदार, दुश्मन हो जा खबरदार… घर-घर में है चौकीदार, घुसपैठिए भागे सीमा पार… घर-घर में है चौकीदार, टूटेगी जात-पात की दीवार… घर-घर में है चौकीदार, वंशवाद की होगी हार… घर-घर में है चौकीदार, दागदार पर भारी कामदार… घर-घर में है चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान… चौकीदार। मेरे साथ बोलिए।

भारत माता की…जय, भारत माता की…जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM Modi’s remarks at the BRICS session: Environment, COP-30, and Global Health
July 07, 2025

Your Highness,
Excellencies,

I am glad that under the chairmanship of Brazil, BRICS has given high priority to important issues like environment and health security. These subjects are not only interconnected but are also extremely important for the bright future of humanity.

Friends,

This year, COP-30 is being held in Brazil, making discussions on the environment in BRICS both relevant and timely. Climate change and environmental safety have always been top priorities for India. For us, it's not just about energy, it's about maintaining a balance between life and nature. While some see it as just numbers, in India, it's part of our daily life and traditions. In our culture, the Earth is respected as a mother. That’s why, when Mother Earth needs us, we always respond. We are transforming our mindset, our behaviour, and our lifestyle.

Guided by the spirit of "People, Planet, and Progress”, India has launched several key initiatives — such as Mission LiFE (Lifestyle for Environment), 'Ek Ped Maa Ke Naam' (A Tree in the Name of Mother), the International Solar Alliance, the Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, the Green Hydrogen Mission, the Global Biofuels Alliance, and the Big Cats Alliance.

During India’s G20 Presidency, we placed strong emphasis on sustainable development and bridging the gap between the Global North and South. With this objective, we achieved consensus among all countries on the Green Development Pact. To encourage environment-friendly actions, we also launched the Green Credits Initiative.

Despite being the world’s fastest-growing major economy, India is the first country to achieve its Paris commitments ahead of schedule. We are also making rapid progress toward our goal of achieving Net Zero by 2070. In the past decade, India has witnessed a remarkable 4000% increase in its installed capacity of solar energy. Through these efforts, we are laying a strong foundation for a sustainable and green future.

Friends,

For India, climate justice is not just a choice, it is a moral obligation. India firmly believes that without technology transfer and affordable financing for countries in need, climate action will remain confined to climate talk. Bridging the gap between climate ambition and climate financing is a special and significant responsibility of developed countries. We take along all nations, especially those facing food, fuel, fertilizer, and financial crises due to various global challenges.

These countries should have the same confidence that developed countries have in shaping their future. Sustainable and inclusive development of humanity cannot be achieved as long as double standards persist. The "Framework Declaration on Climate Finance” being released today is a commendable step in this direction. India fully supports this initiative.

Friends,

The health of the planet and the health of humanity are deeply intertwined. The COVID-19 pandemic taught us that viruses do not require visas, and solutions cannot be chosen based on passports. Shared challenges can only be addressed through collective efforts.

Guided by the mantra of 'One Earth, One Health,' India has expanded cooperation with all countries. Today, India is home to the world’s largest health insurance scheme "Ayushman Bharat”, which has become a lifeline for over 500 million people. An ecosystem for traditional medicine systems such as Ayurveda, Yoga, Unani, and Siddha has been established. Through Digital Health initiatives, we are delivering healthcare services to an increasing number of people across the remotest corners of the country. We would be happy to share India’s successful experiences in all these areas.

I am pleased that BRICS has also placed special emphasis on enhancing cooperation in the area of health. The BRICS Vaccine R&D Centre, launched in 2022, is a significant step in this direction. The Leader’s Statement on "BRICS Partnership for Elimination of Socially Determined Diseases” being issued today shall serve as new inspiration for strengthening our collaboration.

Friends,

I extend my sincere gratitude to all participants for today’s critical and constructive discussions. Under India’s BRICS chairmanship next year, we will continue to work closely on all key issues. Our goal will be to redefine BRICS as Building Resilience and Innovation for Cooperation and Sustainability. Just as we brought inclusivity to our G-20 Presidency and placed the concerns of the Global South at the forefront of the agenda, similarly, during our Presidency of BRICS, we will advance this forum with a people-centric approach and the spirit of ‘Humanity First.’

Once again, I extend my heartfelt congratulations to President Lula on this successful BRICS Summit.

Thank you very much.