Have made Kashi my 'Karya Kshetra' so that we can regain the pride of the region: PM 
Kashi is not just a city but a symbol of humanity: PM Modi 
Opposition spread lies about 24/7 power supply, but during their temple visit, there was a power outage: PM 
We want our weaver brothers & sisters to prosper. We have taken steps that would benefit them immensely: PM 
The Centre allotts funds for welfare of people in the states. But why Uttar Pradesh government is not able to utilize them: PM

भारत माता की जय। भारत माता की जय। मंच पर विराजमान पार्टी के वरिष्ठ नेता श्रीमान श्यामदेव राय चौधरी जी, यहां के मेयर श्रीमान रामगोपाल मोहले जी, शहर के अध्यक्ष श्रीमान प्रदीप अग्रहरी जी, चुनाव के संयोजक श्रीमान अशोक धवन जी, पूर्व शहर अध्यक्ष श्रीमान पी एस जोशी जी, सहसंयोजक श्रीमान दयाशंकर दयालु जी और वाराणसी दक्षिण से भारतीय जनता पार्टी के युवा उम्मीदवार श्रीमान नीलकंठ तिवारी जी और विशाल संख्या में पधारे हुए काशी के मेरे भाइयों और बहनों।

आज तो काशी ने कमाल कर दिया है ...। जब चुनाव घोषित हुआ अनेक स्थान पर जाने का मुझे अवसर मिला और आज जब काशी की इस पवित्र धरती पर मेरे कार्यक्षेत्र में आप सब के बीच आने का सौभाग्य मिला है तब एक बार आप सब हमरी साथे जोर से बोलीं हर हर महादेव। हर हर महादेव। हर हर महादेव।

भारत माता की जय। भारत माता की जय। ऐजा उपस्थित सब लोगन के हमार प्रणाम बा। हम ऐनी हैं तो बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेके फिर से सौभाग्य मिलल ह। अउर एकर अलावा काशी के कोतवाल बाबा भैरव के दर्शन भी पहली बार भैइल हो। अउर ई दुनु सौभाग्य हमके आप लोगन के आशीर्वाद से ही प्राप्त होइल ह। ऐसे काशी के सब गुरुदेवन के हमार प्रणाम बा।

भाइयों-बहनों।

मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का और काशी बीजेपी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे आप सबके दर्शन का अवसर दिया। पार्टी की इच्छा थी कि मैं बनारस लोकसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करूं। मैंने पार्टी को विनती की, काशी मेरा लोकसभा का क्षेत्र है, मैं आऊं या न आऊं आप तो चुनाव जीतने ही वाले हो। लेकिन यहां के सांसद के नाते, यहां के जनप्रतिनिधि के नाते जनता-जनार्दन के दर्शन करने का मुझे सौभग्य मिलना चाहिए। मेरे मन में एक और कसक भी बड़े दिनों से पड़ी हुई थी। जब मैं लोकसभा का चुनाव लड़ा, नामांकन भरने के लिए आया, मैं यहां के लिए नया था, मेरे लिए बहुत आवश्यक था कि पूरे क्षेत्र में कम से कम एकबार भ्रमण करूं। लेकिन पूरे देश का जिम्मा इतना बड़ा था कि वो संभव नहीं था तो तय किया था कि जिस दिन मैं नामांकन भरने जाऊंगा, उसी दिन वहीं पर एक रैली करूंगा और बाद में मतदान के एक-दो दिन पहले आकर के एक-आध दो स्थान पर जाऊंगा, लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ेगा कि शायद हिंदुस्तान में मैं पहला व्यक्ति ऐसा था, जो चुनाव लड़ रहा था, यहीं से चुनाव लड़ रहा था लेकिन उस समय के इलेक्शन कमीशन ने, यहां के इलेक्शन कमीशन के जो अधिकारी थे उन्होंने मुझे सभा नहीं करने दी थी। नामांकन के बाद जो रैली करनी थी, पहले परमिशन दी थी, तैयारियां हो चुकी थी, लेकिन पता नहीं उन पर क्या दबाव आया, उन्होंने मेरी रैली कैंसल कर दी। अब मैं नियमों का पालन करने वाला इंसान रहा हूं मैं हाथ जोड़कर के चला गया। जब मतदान के दिन थे एक-दो दिन पहले समय मांगा तब भी इलेक्शन कमीशन ने काशी में मुझे जनसंपर्क करने से मना कर दिया, सभा करने से मना कर दिया। तब से मेरे मन में एक कसक थी कि काशी ने मुझपे इतना बड़ा उपकार किया। मैं जनसंपर्क नहीं कर पाया अपनी बात कभी नहीं बता पाया उसके बावजूद भी काशी के लोगों ने मुझपे इतने प्यार बरसाए, इतने आशीर्वाद दिए और भारी बहुमत से मुझे विजय बनाया। और तब से मैं चाहता था कि मैं समय निकाल करके काशी की जनता के दर्शन का अवसर लूंगा और लोकतंत्र का ये पर्व, चुनाव इससे कोई बड़ा मौका नहीं होता है। तो मैंने पार्टी से आग्रह किया कि मैं जरा ज्यादा समय काशी में लगाना चाहता हूं, हर किसी के दर्शन करना चाहता हूं और आज जब भोले बाबा के पास जा रहा था, जब काल भैरव के चरणों में जा रहा था, तो खुली जीप में निकला और जिस प्रकार से आपके दर्शन का सौभाग्य मिला। मैं काशीवासियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। आज तो मैं वापस जाऊंगा, लेकिन कल शाम फिर से आऊंगा और कम से कम एक रात तो रुकना चाहिए। ...तो कल मैं रूकने वाला भी हूं। नरेंद्र मोदी भले ही प्रधानमंत्री हो, भले सांसद हो लेकिन वो भारतीय जनता पार्टी का एक छोटा कार्यकर्ता भी है। जब हजारों कार्यकर्ता, हर उमर के कार्यकर्ता, पुरुष कार्यकर्ता, महिला कार्यकर्ता, दिनरात मेहनत करते हों, तो मुझे भी कंधे से कंधा मिला करके कुछ घंटे उनके साथ काम करना चाहिए। एक कार्यकर्ता के नाते मेरी आदत भी तो बनी रहनी चाहिए न, मेरी आदत भी तो बिगड़नी नहीं चाहिए। और इसलिए मैं काशी में अपने भीतर के कार्यकर्ता को जिंदा रखने का हमेशा अवसर खोजता रहता हूं और वो अवसर आपने मुझे दिया। मैं आपका बहुत आभारी हूं।

भाइयों-बहनों।

काशी मेरे लिए सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र नहीं है, मुझे काशी के लोगों ने भी चुना था, वडोदरा के लोगों ने भी चुना था। मैं काशी छोड़ करके वडोदरा का एमपी बन सकता था, लेकिन मैं ने काशी को अपना कार्यक्षेत्र इसलिए बनाया है कि दुनिया का, मानव इतिहास का ये सबसे पुराना नगर उसकी शानो-शौकत कैसे वापस आए। उसकी आन-बान-शान फिर से एकबार कैसे चतुर दिशा में चमकने लगे और उस काम में काशीवासी तो बहुत कुछ कर रहे हैं, अगर मैं भी एक गिलहरी की तरह कुछ कर पाऊं तो मेरा जीवन धन्य हो जाएगा, इस भाव से मैं आया हूं। आपका प्यार, आपका स्नेह, आपका आशीर्वाद मुझे यहां बार-बार खींच करके ले आता है। और ऐसी नगरी मैं, ...एक बार अमेरिका में बोस्टन शहर में गया था, तो वहां के एक यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम करके मैं निकला तो वहां जो मेरे यजमान थे उन्होंने मुझे एक गली दिखाई, बोस्टन में और उन्होंने कहा कि इसे बोस्टन की काशी कहते हैं। अमेरिका के बोस्टन शहर में एक गली वहां के लोग उसे काशी के नाते जानते हैं और बोले यहां पर गुरु शब्द कॉमन है, प्रोफेसर के लिए टीचर के लिए गुरु शब्द कॉमन है और वो काशी के साथ हमें जोड़ता है। ये जब सुनते हैं तो कितना गर्व होता है भाइयों-बहनों। कितना गर्व होता है। ये शहर सिर्फ लोग रहते है, नगर है, रास्ते हैं, इतना नहीं है। काशी अपने आप में मानव जाति के लिए एक संदेश है, मानवता का प्रतीक है और वो काशी हमें सबने मिलकर के एक उत्तम काशी बनाने की ओर कोशिश करनी है। जबसे एक सांसद के नाते आपने मुझे काम दिया है आपने देखा होगा हर बार कोई न कोई नया प्रकल्प लगाए रखता हूं मैं। अनेक प्रकार से काम कर रहा हूं क्योंकि आपने मुझे सेवा करने का मौका दिया है और मैं सेवा करके धन्यता का अनुभव करता हूं।

भाइयों-बहनों।

ये शहर, मां गंगा है, भोले बाबा हैं, अनेक तीर्थ क्षेत्र हैं, ऐतिहासिक महापुरुषों की गाथाएं जुड़ी हैं, सांस्कृतिक महापुरुषों की गाथाएं जुड़ी हैं, बुद्ध से लेकर अबतक अनेक जीवनों से ये धरती जुड़ी हुई है, लेकिन इसके साथ-साथ हमारे लिए काशी की ये जो आत्मा है, उस आत्मा को तो बनाए रखना है, लेकिन काशी का कायाकल्प भी करना है। भाइयों-बहनों। बनारस शहर, वो ऐसा शहर जिसमें विरासत भी हो, वाई-फाई भी हो, वहां सांस्कृतिक चेतना भी हो, वहां सफाई भी हो, ऐसा हो मेरा बनारस, आध्यात्मिक पहचान भी हो तो आधुनिक अनुभूति भी हो। गंगा मां जैसे बहती रहती है, वैसे मेरा बनारस भी, उसमें कभी ठहराव न हो। युगों को अपने आप में समेटी हुई मेरी ये काशी आने वाले युगों के लिए एक नई मिशाल बनके विकसित होती रहे इन सपनों को लेकर के काम करना है।

और इसलिए मेरे भाइयों-बहनों।

काशी के विकास के लिए जब मैं आया, कई वर्षों से जब अटलजी की सरकार थी तबसे रिंग रोड की चर्चा चल रही थी। लटका पड़ा हुआ था कि नहीं पड़ा हुआ था ...। अटका पड़ा था कि नहीं पड़ा था ...। रिंग रोड का काम चालू हो गया कि नहीं हो गया ...। आप मुझे बताइए जिस दिन ये रिंग रोड पूरा हो जाएगा तब काशी के जीवन में कितनी सुविधा होगी, ट्रैफिक में कितनी समस्याओं का समाधान होगा। होगा कि नहीं होगा ...। भाइयों-बहनों। एयरपोर्ट पर दुनियाभर के टूरिस्ट आते हैं और काशी आने तक के रास्ते का हाल क्या था ...। आज फोर लेन का काम तेजी से चल रहा है कि नहीं चल रहा है ...। शानो-शौकत बदल रही है कि नहीं बदल रही है ...। आपको दिखता है ...। दिखता है ...। अखिलेश जी को नहीं दिखता है ...। ये हमारे शहर का अंधरा पुल, कितने सालों से अंधरा पुल की बातें होती थीं ...। काम हो रहा था क्या ...। हमने करके दिखाया कि नहीं दिखाया ...।

भाइयों-बहनों।

काशी जितना पुराना है लेकिन उसमें रुकावट बनती है जब आसमान में देखते हैं, चारों तरफ तार लटकते हैं, लटकते हैं कि नहीं लटकते हैं ...। और जब मैं चुन करके आया तो प्रबुद्ध नागरिकों के बीच मेरा एक कार्यक्रम था और उस दिन मैंने कहा था कि मैं इस तारों का जो झुंड है उससे काशी को मुक्ति दिलाऊंगा। अंडर ग्राउंड केबल का काम चल रहा है, करीब छह सौ करोड़ रुपया तो लगा चुके हैं, एक सौ चार किलोमीटर केबल का काम हो चुका है, आठ हजार घर ये लटकते हुए तारों से मुक्त हो चुके हैं, अभी तीन सौ किलोमीटर मुझे पूरा करना है, तीन सौ किलोमीटर। एक लाख परिवारों को उसका सीधा लाभ मिलने वाला है। ये जो यहां बिजली की सारी व्यवस्था है चालीस-बयालीस परसेंट टीएनडी लॉस है, ट्रांसमिशन का लॉस है उनका, चालीस-बयालीस परसेंट। इसका मतलब हुआ कि जो ईमानदार लोग हैं इनको सजा हो रही है उन पर टैक्स ज्यादा लगता है इस लॉस के कारण। ईमानदार का गुनाह क्या है भाई ...। आपकी अव्यवस्था की सजा ईमानदार नागरिक भुगते, मध्यम वर्ग का नागरिक भुगते। ये सारा काम हो जाएगा तो ये लाइन लॉस भी एकदम नीचे आ जाएगा और बिजली 24 घंटे मिलेगी ये मैं आपको वादे से कहता हूं। अब मुझे बताइए काशी में बिजली 24 घंटे मिलती है कि नहीं मिलती है ...। मुझे गंगा की सौगंध खाने की जरूरत है क्या ...। देखिए कोई ईश्वर को माने या न माने, लेकिन ईश्वर की ताकत तो होती है। होती है कि नहीं होती है ...। जो रोज झूठ बोलते थे, रोज झूठ बोलते थे। आज जब वो मंदिर जा रहे थे, उसी समय बिजली चली गई। ईश्वर ने सबूत दे दिया कि नहीं दे दिया ...। अब मुझे देने की जरूरत है ...। आपको देने की जरूरत है ...। अरे भोले बाबा ने खुद ने पर्चा दिखा दिया ...।

भाइयों-बहनों।

बनारस की गलियां, ये बनारस की शान-ओ-शौकत है। उसका अपना एक महत्व है, करीब 34 करोड़ रुपये लगाकर के इन गलियों की मरम्मत का काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है भाइयों-बहनों। विकास में, इंफ्रास्ट्रक्चर ये समस्याओं का स्थाई समाधान करता है। हमारा रेलवे स्टेशन, इलाहाबाद से काशी तक की लाइन में वृद्धि करने का प्रयास, काशी से जुड़े तीनों रेलवे स्टेशन का विकास, प्लेटफॉर्म पर अधिक लाइनें लगाने का विस्तार, ये सारे काम आप देख रहे हैं कि नहीं देख रहे हैं ...।

भाइयों-बहनों।

रेलवे में जिस गति से काम हो रहा है और हमारे मनोज सिन्हा जी, काफी ध्यान देते हैं उस पर। पूरे विस्तार से उसका काम करते हैं और उसके कारण ...। भाइयों-बहनों। मैंने जैसा रास्तों का कहा ...। बनारस से आजमगढ़, बनारस से गोरखपुर, बनारस से सुल्तानपुर, बनारस से औरंगाबाद, करीब-करीब साढ़े दस हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। जब काम पूरा होगा तब वो काम कितना शानदार होगा, इसका आप अंदाज लगा सकते हैं। बनारस में बिजली के लिए ये भी जरूरी है कि ट्रांसमिशन के लिए सब स्टेशन होना जरूरी है। सब स्टेशन की ओर हमने काफी ध्यान दिया है और उसका लाभ होगा। मैं काशीवासियों को एक बात के लिए बधाई देना चाहता हूं, पिछली बार जब मैं आया था मैंने कहा था कि हमें एलईडी बल्ब लगाना चाहिए। हर परिवार में दो सौ, पांच सौ, हजार, दो हजार रुपये की बचत होगी। बल्ब की उम्र ज्यादा होगी और उसका प्रकाश मन को भाने वाला होगा। इतने कम समय में बनारस के नागरिकों ने नौ लाख से ज्यादा एलईडी बल्ब लगा दिए। बहुत बड़ा काम किया है। और सरकार, सरकार में फर्क क्या होता है, अब ये एलईडी बल्ब मोदी प्रधानमंत्री बना, उसके बाद आया है क्या ...। ये मोदी ने खोज की है क्या ...। एलईडी बल्ब तो कई वर्षों पहले खोजा गया। पुरानी सरकार को भी पता था एलईडी बल्ब का। ऐसा नहीं था कि अज्ञान था लेकिन तब एलईडी बल्ब की कीमत हुआ करती थी साढ़े तीन सौ, चार सौ रुपया। जब हमारी सरकार बनी तो हमने जरा बल्ब वालों को बुलाया। हमने कहा, बताओ भाई क्या बात है। सच बताओ कितना खर्चा होता है। बोले साहब ज्यादा ऑर्डर मिल जाए तो थोड़ा कम होगा। मैंने कहा सच बताओ जरा, कितना मुनाफा कमाते हो, नहीं-नहीं बोले कोई ज्यादा मार्केट नहीं क्या कमाएंगे अभी तो खर्चा-पानी निकलता है। मैंने कहा अरे ऐसा नहीं है, सच बताओ। आज वो एलईडी बल्ब साढ़े तीन सौ चार सौ रुपया था, पचास से अस्सी रुपये के बीच में आज एलईडी बल्ब मिलता है भाइयों-बहनों। और देश में करीब इक्कीस करोड़ एलईडी बल्ब लग चुके हैं और एलईडी बल्ब लगने मात्र से ग्यारह हजार करोड़ रुपया उपभोक्ताओं का बच रहा है जो बिजली का उपयोग करते हैं, उनकी जेब में वो पैसा बच रहा है भाइयों। अब गरीब के घर में दो सौ-ढाई सौ रुपया बिजली का बिल कम आएगा। तो वो अपने बच्चों को दूध पिलाएगा कि नहीं पिलाएगा ...। वो बच्चों के स्वास्थ्य का लाभ होगा कि नहीं होगा ...। अगर मेरे देश का बच्चा तंदरुस्त होगा तो मेरे हिंदुस्तान का आने वाला कल भी तंदरुस्त होगा कि नहीं होगा ...। भाइयों-बहनों। काम कैसे होता है, टुकड़ों में काम करने से काम नहीं होता है, विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है तो एक व्यापक रूप से एप्रोच लगता है।

भाइयों-बहनों।

आपने देखा होगा गंगा आरती के लिए कितने लोग आते हैं, अब जब से वहां एलईडी की रोशनी लगा दी है। कितना लोगों के मन को भाने लगता है वो दृश्य, कितना अद्भुत दृश्य निर्माण हो गया है, ब्यूटीफिकेशन की दृष्टि से भी, कितना उत्तम काम हो रहा है। काशी एक टूरिस्ट प्लेस भी है, यात्रा का धाम भी है, यहां की हर चीज में एस्थेटिक सेंस होना चाहिए। आने वाले व्यक्ति को नयापन महसूस होना चाहिए। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से वो बाहर की कोई नई अनुभूति करे और ये हमें करके दिखाना है। ई-रिक्शा के द्वारा पॉल्यूशन को कम करने का प्रयास, ई-बोट के द्वारा गंगा जी में पॉल्यूशन रोकने का प्रयास, एक के बाद एक ऐसे काम हुए हैं जिसके कारण काशी की शानो-शौकत जिसे बनाने में आप लगे हैं, मैं भी आपके साथ जुड़ गया हूं।

भाइयों-बहनों।

बनारसी साड़ी कौन नहीं जानता है, लेकिन मेरे बुनकर भाई उनके लिए एक आधुनिक व्यवस्था विकसित करना, मॉर्डनाइज करना, उस पर तेजी से काम चला। सात कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाए, उनके काम को एग्जिविजन करने की जगह मिले। उत्तम प्रकार का, वैश्विक स्तर का यहां म्यूजियम बन चुका, आधा हिस्से का उद्घाटन मैं कर चुका हूं, आधे पर काम चल रहा है, लेकिन वो यहां के जीवन को, यहां के छोटे-छोटे कारीगरों को, किस प्रकार से जीवन में बदलाव करेगा, उस दिशा में आप भली-भांति देख सकते हो भाइयों-बहनों। मेरा कहने का मतलब यही है कि चाहे रेल हो, रोड हो, सड़क हो, बिजली हो, पानी हो, भविष्य की दृष्टि से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, गैस पाइपलाइन का नेटवर्क, सीवेज की व्यवस्थाएं, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, पांच सौ करोड़ रुपया, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए लगाया है। काशी को साफ करके रहना है दोस्तों। सफाई करके रहना है, आठ तारीख को तो आप करने ही वाले हो। पूरा उत्तर प्रदेश करने वाला है जी।

...और इसलिए भाइयों-बहनों।

मुझे काशीवासियों से, बनारस के लोगों से कई सुझाव आते रहते हैं, अपनेपन से आते रहते हैं, विकास के नए से नए विचार आ रहे हैं, यहां के नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हों, टूरिज्म का एक बहुत बड़ा क्षेत्र विकसित हो, उस पर हम बल देकर आगे बढ़ना चाहते हैं। जिसको आधुनिक से आधुनिक व्यवस्थाएं कहें, वो व्यवस्थाओं से बनारस को हमें सजा देना है। ...और बनारस इस पूरे पूर्वी भारत का हेल्थ केयर का एक बहुत बड़ा हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। गोरखपुर, बनारस और इलाहाबाद तीनों पर आरोग्य की दृष्टि से एक पूरी व्यवस्था विकसित कर रहा हूं मैं। ट्रॉमा सेंटर, कैंसर अस्पताल, छह सौ बेड का प्राइवेट अस्पताल, गोरखपुर में एम्स, इलाहाबाद में अस्पताल का आधुनिकीकरण, एक प्रकार से हेल्थ सेक्टर को मूलभूत रूप से, जिसका देश में एक पूरे बदलाव लाने का ...। अभी आपने देखा होगा अखबार में पहली बार देश में चार हजार सीट पीजी स्टूडेंट के लिए हमने नई घोषित कर दी है। एक चार हजार पोस्ट ग्रैजुएट डॉक्टरों की तैयारी के लिए मौका मिलेगा। जितनी बड़ी मात्रा में प्रोफेसर तैयार होंगे मेडिकल क्षेत्र के उतनी बड़ी मात्रा में भारत की आवश्यकता के अनुसार पांच साल में डॉक्टरों की एक चैन चल पड़ेगी उस पर हम काम कर रहे हैं।

हम स्वच्छता के अभियान को भी हेल्थ की दृष्टि से महत्व दे रहे हैं, उसपर काम कर रहे हैं। अस्पताल बनाना, ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर मिले, उसके लिए मेडिकल कॉलेजों को बल देना और मरीज को सस्ती दवाई मिले, अमृत योजना के तहत करीब सत्तर प्रतिशत दवाइयों में रियायत सरकार की तरफ से मिलती है। प्रधानमंत्री जन औषधी परियोजना के तहत, मैंने एक दिन अभी सोशल मीडिया में देखा एक व्यक्ति ने पुराने अपने सारे बिल रखे थे और ये नई सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री जन औषधी बनाया उसके बिल रखे थे, सारा सोशल मीडिया में रखा है और उसने लिखा है कि पहले मेरे दवाई का खर्चा मेरे मां-बाप के लिए करीब छह हजार सात सौ रुपया होता था और आपकी ये जो प्रधानमंत्री जन औषधी योजना बनी है, वही दवाइयां मेरे मां-बाप को मिल रही है और मुझे खर्चा सिर्फ सात सौ रुपया आता है। अभी आपने देखा होगा, कैंसर, हार्ट अटैक, डायबिटिज ये प्रमुख बीमारियां, आठ सौ दवाइयों के दाम सरकार ने कम करवा दिए। जो दवाई तीस हजार रुपये में बिकती थी, तीन हजार में देने के लिए मजबूर कर दिया। जो दवाई अस्सी रुपये में बिकती थी वो बारह रुपये में बेचना शुरू कर दिया। हार्ट अटैक आता है, स्टेंट लगवाना पड़ता है, डॉक्टर कहता है नली में खून जाने का रास्ता बंद हो गया है, उसको खोलना पड़ेगा, अंदर कुछ डालना पड़ेगा, इधर की तरफ उसको लोग छल्ला बोलते हैं, छल्ला। हृदय में बोले छल्ला लगाना पड़ेगा। हमारे देश में पैतालिस हजार रुपया लेते थे और बाहर का लाओ तो सवा लाख, डेढ़ लाख। मैंने बनाने वालों को बुलाया, मैंने कहा इधर आओ ...। इतने रुपये काहे ...।

भाइयों-बहनों।

मैंने उनसे चर्चा की। अभी पंद्रह दिन पहले आपने देखा होगा, हृदय रोग की बीमारी के लिए जो पैतालिस हजार रुपये लगता था, वो छल्ला अब सात हजार रुपये में बेचने के लिए मजबूर कर दिया उनको। जो सवा लाख-डेढ़ लाख में बिकता था वो पच्चीस-सत्ताइस हजार में मिल जाएगा, मध्यम वर्ग का आदमी, उसकी जो रिक्वायरमेंट है वो पूरी हो जाएगी भाइयों। अगर हम सामान्य मानवी के जीवन में अगर बदलाव लाना चाहते हैं, क्वालिटी ऑफ लाइफ में चेंज लाना चाहते हैं, हमने एक-एक चीज को करना होगा। मैं हैरान हूं उत्तर प्रदेश में किस प्रकार से सरकार चला रहे हैं, भारत सरकार पैसे देती है लेकिन इनमें वो उतनी क्षमता भी नहीं है कि उन पैसों का सच्चे अर्थ में उपयोग करके सरकार को हिसाब दें, हिसाब भी नहीं दे पाते। अब भारत सरकार में हमारा आग्रह है कि भई जितना ले गए हो हिसाब दो, नया ले जाओ। वो हिसाब देते नहीं हैं। हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। पाई-पाई का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। नहीं देते हैं ...। आप हैरान होंगे ओपन डिफेक्शन फ्री, शौचालय बनाने का बड़ा अभियान, खुले में लोग शौच न जाएं। इस देश के पांच सौ शहरों ने अपने आपको ओपन डिफेक्शन फ्री घोषित कर दिया है। उत्तर प्रदेश ऐसा है श्रीमान अखिलेश जी, एक भी शहर पांच सौ में उत्तर प्रदेश का नहीं है। शर्म आती है हमें, क्यों, सरकार पैसे दे रही है, भारत सरकार पैसे दे रही है लेकिन वे सरकारी मशीनरी में जो जान भरनी चाहिए, काम लेना चाहिए, योजना बनानी चाहिए। नहीं, मेरे-तेरे, मेरे-तेरे करते रहो, बस चलते रहे। चुनाव जीत जाएं और क्या है ...। सारी बर्बादी का कारण ये चुनाव की शोशेबाजी है। अरे जनता-जनार्दन की सेवा करो, अपने-आप चुनाव के नतीजे आते रहते हैं, इसकी काहे को इतनी चिंता करके चलते हो। लेकिन नहीं दिन रात वही हिसाब लगाते रहना और उसका परिणाम ये है कि जनता की भलाई का काम होता नहीं है। गंगा की सफाई, हमारी एक मीटिंग हुई। उसमें तय हुआ कि आप प्रदूषण फैलाने वाले पर्यावरण को नुकसान करने वाले जितनी इंडस्ट्री है, जो अपना कूड़ा-कचरा गंगा जी में डालते हैं। उनको जरा नोटिस तो दो, पूछो तो सही, प्लान बनाने को कहो। भारत सरकार पैसे देगी, ये चुनाव के हिसाब-किताब में किसी को नोटिस देकर ठीक करने को तैयार ही नहीं हैं।

भाइयों-बहनों।

जिन-जिन राज्यों में सरकारें हैं, गंगा के तट पर जो सरकारें हैं, उन सरकारों ने जिम्मेदारी लेनी होगी। भारत सरकार धन मुहैया कराएगी, भारत सरकार योजना बनाएगी लेकिन लागू करने के लिए आप लोगों को हाथ बंटाना पड़ेगा। लेकिन मैं हैरान हूं ये उनकी प्राथमिकता में नहीं है, उनके लिए इसका महत्व नहीं है, अगर ये मानसिकता रही तो उत्तर प्रदेश को लगातार हम पीछे छोड़ते चले जाएंगे। यहां के नौजवानों के रोजगार के लिए कितना बड़ा संकट पैदा होगा।

भाइयों-बहनों।

हिंदुस्तान का इतना बड़ा राज्य उसको हम तबाह नहीं होने दे सकते और यहां के सांसद के नाते और मैं भारतीय जनता पार्टी को अभिनंदन करता हूं। उत्तर प्रदेश इकाई को अभिनंदन करता हूं। उन्होंने जिस प्रकार से मेनिफेस्टो बनाया है, संकल्प पत्र घोषित किया है। समाज के हर तबके के लिए विकास का निश्चित लक्ष्य है, योजना है, रोडमैप है और हर किसी के जीवन में बदलाव लाने की व्यवस्था है, और मुझे विश्वास है कि आने वाले पांच साल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश के जीवन में एक नया बदलाव लाएगी। और उत्तर प्रदेश में, उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो काशी के लिए मेरे जितने सपने हैं, कोई रूकावट नहीं आएगी, मेरा पूरा विश्वास है।

भाइयों-बहनों।

हमें काशी की जो विशेषताएं हैं, उसे बनाते हुए आगे चलना है, बनाए रखते हुए आगे चलना है। मैं आज फिर एक बार काशीवासियों को बड़ा आभार व्यक्त करता हूं। कल दोबारा आने वाला हूं। कल भी लोगों के दर्शन करूंगा। कल भी एक जनसभा को संबोधित करूंगा। कल रात को रुकूंगा भी, अपनों के बीच, कार्यकर्ताओं के बीच, जो दिन रात इतनी मेहनत करते हैं। मैं भी कुछ समय आपके बीच कुछ समय रहकर के काम करूं। मेरी इस भावना को बनारस बीजेपी ने स्वीकार किया। मुझे मौका दिया। मैं आभारी हूं, आप लोगों से मेरा आग्रह है, विजय निश्चित है, विजय निश्चित है, सरकार बनने वाली है लेकिन चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व होता है। उत्सव होता है, हम सबका दायित्व है, अधिकतम लोग मतदान करें, ज्यादा से ज्यादा मतदान हो, ये लोकतंत्र में हर किसी की जिम्मेवारी है। इस बात को हम आगे बढ़ाएं, लोकतंत्र को ताकतवर बनाएं, लोकतंत्र ताकतवर होगा तो बनने वाली सरकारें भी ताकत के साथ काम करने में जुट जाएगी। इसी एक अपेक्षा के साथ मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।