Explore More
78 व्या स्वातंत्र्य दिनी, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी लाल किल्याच्या तटावरून केलेले संबोधन

लोकप्रिय भाषण

78 व्या स्वातंत्र्य दिनी, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी लाल किल्याच्या तटावरून केलेले संबोधन
Mutual fund industry on a high, asset surges Rs 17 trillion in 2024

Media Coverage

Mutual fund industry on a high, asset surges Rs 17 trillion in 2024
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Ken-Betwa Link Project will open new doors of prosperity in Bundelkhand region: PM in Khajuraho, MP
December 25, 2024
PM inaugurates Omkareshwar floating solar project
PM lays foundation stone of 1153 Atal Gram Sushasan buildings
PM releases a commemorative stamp and coin marking the 100th birth anniversary of former Prime Minister Shri Atal Bihari Vajpayee
Today is a very inspiring day for all of us, today is the birth anniversary of respected Atal ji: PM
Ken-Betwa Link Project will open new doors of prosperity and happiness in Bundelkhand region: PM
The past decade will be remembered in the history of India as an unprecedented decade of water security and water conservation: PM
The Central Government is also constantly trying to increase facilities for all tourists from the country and abroad: PM

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

वीरों की धरती ई बुंदेलखंड पै रैवे वारे सबई जनन खों हमाई तरफ़ से हाथ जोर कें राम राम पौचे। मध्यप्रदेश के गर्वनर श्रीमान मंगू भाई पटेल, यहां के कर्मठ मुख्यमंत्री भाई मोहन यादव जी, केंद्रीय मंत्री भाई शिवराज सिंह जी, वीरेंद्र कुमार जी, सीआर पाटिल जी, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा जी, राजेंद्र शुक्ला जी, अन्य मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, अन्य सभी महानुभाव, पूज्य संत गण और मध्यप्रदेश के मेरे प्यारे भाईयों और बहनों।

आज पूरे विश्व में क्रिसमस की धूम है। मैं देश और दुनिया भर में उपस्थित इसाई समुदाय को क्रिसमस की ढेर सारी बधाई देता हूं। मोहन यादव जी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार का एक साल पूरा हुआ है। मध्यप्रदेश के लोगों को, भाजपा के कार्यकर्ताओं को मैं बहुत बहुत बधाई देता हूं। इस एक वर्ष में एमपी में विकास को एक नई गति मिली है। आज भी यहां हजारों करोड़ रुपयों की विकास परियोजनाओं की शुरूआत हुई है। आज ऐतिहासिक केन बेतवा लिंक परियोजना का दौधन बांध का शिलान्यास भी हुआ है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट, उसका भी लोकार्पण हुआ है और ये मध्यप्रदेश का पहला floating plant है। मैं इन परियोजनाओं के लिए एमपी के लोगों को ढेर सारी बधाई देता हूं।

साथियों,

आज हम सभी के लिए बहुत ही प्रेरणदायी दिन है। आज श्रद्धेय अटल जी की जन्म जयंती है। आज भारत रत्न अटल जी के जन्म के 100 साल हो रहे हैं। अटल जी की जयंती का ये पर्व सुशासन की सु सेवा की हमारी प्रेरणा का भी पर्व है। थोड़ी देर पहले जब मैं अटल जी की स्मृति में डाक टिक्ट और स्मारक सिक्का जारी कर रहा था, तो अनेक पुरानी बाते मन में चल रही थी। वर्षों वर्षों तक उन्होंने मुझ जैसे अनेक कार्यकर्ताओं को सिखाया है, संस्कारित किया है। देश के विकास में अटल जी का योगदान हमेशा हमारे स्मृति पटल पर अमिट रहेगा। मध्यप्रदेश में 1100 से अधिक अटल ग्राम सेवा सदन के निर्माण का काम आज से शुरू हो रहा है, इसके लिए पहली किस्त भी जारी की गई है। अटल ग्राम सेवा सदन गांवों के विकास को नई गति देंगे।

साथियों,

हमारे लिए सुशासन दिवस सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम भर नहीं है। गुड गर्वनेंस, सुशासन, भाजपा सरकारों की पहचान है। देश की जनता ने लगातार तीसरी बार केंद्र में भाजपा की सरकार बनाई। मध्य प्रदेश में आप सभी, लगातार भाजपा को चुन रहे हैं, इसके पीछे सुशासन का भरोसा ही सबसे प्रबल है। और मैं तो जो विद्वान लोग हैं, जो लिखा पढ़ी analysis करने में माहिर हैं।, ऐसे देश के गणमान्य लोगों से आग्रह करूंगा कि जब आजादी के 75 साल हो चुके हैं तो एक बार evaluation किया जाए। एक 100-200 विकास के, जनहित के, गुड गर्वनेंस के पेरामीटर निकाले जाएं और फिर जरा हिसाब लगाएं कि कांग्रेस सरकारें जहां होती हैं वहां क्या काम होता है, क्या परिणाम होता है। जहां left वालों ने सरकार चलाई, कम्युनिस्टों ने सरकार चलाई, वहां क्या हुआ। जहां परिवारवादी पार्टियों ने सरकार चलाई, वहां क्या हुआ। जहां मिली जुली सरकारे चलीं वहां क्या हुआ और जहां जहां भाजपा को सरकार चलाने का मौका मिला, वहां क्या हुआ I

मैं दावे से कहता हूं, देश में जब जब भाजपा को जहां जहां भी सेवा करने का अवसर मिला है, हमनें पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ कर जनहित के, जनकल्याण के और विकास के कामों में सफलता पाई है। निश्चित मानदंडों पर मूल्यांकन हो जाए, देश देखेगा कि हम जनसामान्य के प्रति कितने समर्पित हैं। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को साकार करने के लिए हम दिन रात पसीना बहाते हैं। जिन्होंने देश के लिए खून बहाया, उनका रक्त बेकार न जाए हम अपने पसीने से उनके सपनों को सींच रहे हैं। और सुशासन के लिए अच्छी योजनाओं के साथ ही उन्हें अच्छी तरह लागू करना भी जरूरी है। सरकार की योजनाओं का लाभ कितना पहुंचा, ये सुशासन का पैमाना होता है। अतीत में कांग्रेस सरकारें घोषणाएं करने में माहिर हुआ करती थी। घोषणाएं करना, , फीता काटना, दीया जलाना, अखबार मे तस्वीर छपवा देना, उनका काम वहीं पूरा हो जाता था। और उसका फायदा कभी भी लोगों को नहीं मिल पाता था। प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं प्रगति के कार्यक्रम के एनालिसिस में पुराने प्रोजेक्ट देखता हूं। मैं तो हैरान हूं 35-35, 40-40 साल पहले जिसके शिलान्यास हुए, बाद में वहां एक इंच भी काम नहीं हुआ। कांग्रेस की सरकारों की ना तो नीयत थी और ना ही उनमें योजनाओं को लागू करने की गंभीरता थी।

आज हम पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजना का लाभ देख रहे हैं। मध्य प्रदेश के किसानों को किसान सम्मान निधि के 12 हज़ार रुपए मिल रहे हैं। ये भी तभी संभव हुआ, जब जनधन बैंक खाते खुले। यहां एमपी में ही लाडली बहना योजना है। अगर हम बहनों के बैंक खाते ना खुलवाते, उनको आधार और मोबाइल से ना जोड़ते, तो क्या ये योजना लागू हो पाती? सस्ते राशन की योजना तो पहले से भी चलती थी, लेकिन गरीब को राशन के लिए भटकना पड़ता था। अब आज देखिए, गरीब को मुफ्त राशन मिल रहा है, पूरी पारदर्शिता से मिल रहा है। ये तभी हुआ, जब टेक्ऩॉलॉजी लाने के कारण, फर्ज़ीवाड़ा बंद हुआ। जब एक देश, एक राशन कार्ड जैसी देशव्यापी सुविधाएं लोगों को मिलीं।

साथियों,

सुशासन का मतलब ही यही है, कि अपने ही हक के लिए नागरिक को सरकार के सामने हाथ फैलाना ना पड़े, सरकारी दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़ें। और यही तो सैचुरेशन की, शत-प्रतिशत लाभार्थी को, शत-प्रतिशत लाभ से जोड़ने की हमारी नीति है। सुशासन का यही मंत्र, भाजपा सरकारों को दूसरों से अलग करता है। आज पूरा देश इसे देख रहा है, इसलिए बार-बार भाजपा को चुन रहा है।

साथियों,

जहां सुशासन होता है, वहां वर्तमान चुनौतियों के साथ ही, भविष्य की चुनौतियों पर भी काम किया जाता है। लेकिन दुर्भाग्य से, देश में लंबे वक्त तक कांग्रेस की सरकारें रहीं। कांग्रेस, गवर्नमेंट पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझती है लेकिन गवर्नेंस का उससे छत्तीस का नाता रहा है। जहां कांग्रेस, वहां गवर्नेंस हो नहीं सकती। इसका बहुत बड़ा खामियाजा दशकों तक यहां बुंदेलखंड के लोगों ने भी भुगता है। पीढ़ी दर पीढ़ी, यहां के किसानों, यहां की माताओं-बहनों ने बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष किया है। ये हालात क्यों बने? क्योंकि कांग्रेस ने कभी जल संकट के स्थाई समाधान के बारे में सोचा ही नहीं।

साथियों,

भारत के लिए नदी जल का महत्व क्या है, इसको समझने वाले पहले लोगों में और आपको भी जब बताऊं तो आश्चर्य होगा, यहां किसी को भी पूछ लीजिए, हिन्दुस्तान में किसी को पूछ लीजिए, देश आजाद होने के बाद सबसे पहले जल शक्ति, पानी का सामर्थ्य, पानी के लिए दूरदर्शी आयोजन, इसके विषय में किसने सोचा था? किसने काम किया था? यहां मेरे पत्रकार बंधू भी जवाब नहीं दे पाएंगे। क्यों, जो सच्चाई है उसको दबा कर रखा गया, उसे छिपा कर के रखा गया और एक ही व्यक्ति को क्रेडिट देने के नशे में सच्चे सेवक को भुला दिया गया। और आज मैं बताता हूं, देश आजाद होने के बाद भारत की जलशक्ति, भारक के जल संसाधन, भारत में पानी के लिए बांधों की रचना, इन सबकी दूरदृष्टि किसी एक महापुरूष को क्रेडिट जाती है, तो उस महापुरूष का नाम है बाबा साहेब आंबेडकर। भारत में जो बड़ी नदी घाटी परियोजनाएं बनीं, इन परियोजनाओं के पीछे डॉक्टर बाबा साहब आंबेडकर का ही विजन था। आज जो केंद्रीय जल आयोग है, इसके पीछे भी डॉक्टर आंबेडकर के ही प्रयास थे। लेकिन कांग्रेस ने कभी जल संरक्षण से जुड़े प्रयासों के लिए, बड़े बांधों के लिए बाबा साहेब को श्रेय नहीं दिया, किसी को पता तक चलने नहीं दिया। कांग्रेस इसके प्रति कभी भी गंभीर नहीं रही। आज सात दशक बाद भी देश के अनेक राज्यों के बीच पानी को लेकर कुछ ना कुछ विवाद है। जब पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, कांग्रेस का ही शासन था, तब ये विवाद आसानी से सुलझ सकते थे। लेकिन कांग्रेस की नीयत खराब थी इसलिए उसने कभी भी ठोस प्रयास नहीं किए।

साथियों,

जब देश में अटल जी की सरकार बनी तो उन्होंने पानी से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए गंभीरता से काम शुरू किया था। लेकिन 2004 के बाद, उनके प्रयासों को भी जैसे ही अटल जी की सरकार गई, वो सारी योजनाए, सारे सपने, ये कांग्रेस वालों ने आते ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब आज हमारी सरकार देशभर में नदियों को जोड़ने के अभियान को गति दे रही है। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट का सपना भी अब साकार होने वाला है। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खुलेंगे। छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, दमोह और सागर सहित मध्यप्रदेश के 10 जिलों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। अभी मैं मंच पर आ रहा था। मुझे यहां अलग अलग जिलों के किसानों से मिलने का मौका मिला, मैं उनकी खुशी देख रहा था। उनके चेहरों पर आनंद देख रहा था। उनको लगता था कि हमारी आने वाली पीढ़ियों का जीवन बन गया है।

साथियों,

उत्तरप्रदेश में जो बुंदेलखंड का हिस्सा है, उसके भी बांदा, महोबा, ललितपुर और झांसी जिलों को फायदा होने वाला है।

साथियों,

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना है, जहां नदियों को जोड़ने के महाअभियान के तहत दो परियोजनाएं शुरू हो गई है। कुछ दिन पहले ही मैं राजस्थान में था, मोहन जी ने उसका विस्तार से वर्णन किया। वहां पार्वती-कालीसिंध-चम्बल और केन-बेतवा लिंक परियोजनाओं के माध्यम से कई नदियों का जुड़ना तय हुआ है। इस समझौते का बड़ा लाभ मध्य प्रदेश को भी होने जा रहा है।

साथियों,

21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है- जल सुरक्षा। 21वीं सदी में वही देश आगे बढ़ पाएगा, वही क्षेत्र आगे बढ़ पाएगा, जिसके पास पर्याप्त जल होगा और उचित जल प्रबंधन होगा। पानी होगा तभी खेत-खलिहान खुशहाल होंगे, पानी होगा तभी उद्योग-धंधे फलेंगे फूलेंगे, और मैं तो उस गुजरात से आता हूं, जहां के ज्यादातर हिस्सों में साल में ज्यादातर समय सूखा ही पड़ता था। लेकिन मध्य प्रदेश से निकली मां नर्मदा के आशीर्वाद ने, गुजरात का भाग्य बदल दिया। एमपी के भी सूखा प्रभावित इलाकों को पानी के संकट से मुक्त करना, मैं अपना दायित्व सझता हूं। इसलिए मैंने बुंदेलखंड की बहनों से, यहां के किसानों से वादा किया था कि आपकी मुश्किलें कम करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करुंगा। इसी सोच के तहत, बुंदेलखंड में पानी से जुड़ी करीब 45 हज़ार करोड़ रुपए की योजना हमने बनाई थी। हमने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकारों को निरंतर प्रोत्साहित किया। और आज केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के तहत दौधन बांध का भी शिलान्यास हो गया है। इस बांध से सैकड़ों किलोमीटर लंबी नहर निकलेगी। बांध का पानी करीब 11 लाख हेक्टेयर भूमि तक पहुंचेगा।

साथियों,

बीता दशक, भारत के इतिहास में जल-सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा। पहले की सरकारों के दौरान पानी से जुड़ी ज़िम्मेदारियां, अलग-अलग विभागों के बीच बंटी हुई थीं। हमने इसके लिए जलशक्ति मंत्रालय बनाया। पहली बार, हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरु किया गया। आज़ादी के बाद के 7 दशक में, सिर्फ 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास ही नल से जल नल कनेक्शन था। बीते 5 वर्षों में 12 करोड़ नए परिवारों तक हमने नल से जल पहुंचाया है। इस योजना पर अभी तक साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया जा चुका है। जल जीवन मिशन का एक और पक्ष है जिसकी उतनी चर्चा नहीं होती। वो है, पानी की गुणवत्ता की जांच। पीने के पानी को टेस्ट करने के लिए देशभर में 2100 वॉटर क्वालिटी लैब बनाई गई हैं। पानी को टेस्ट करने के लिए गांवों में 25 लाख महिलाओं को ट्रेन किया गया है। इससे देश के हज़ारों गांव ज़हरीला पानी पीने की मजबूरी से मुक्त हो चुके हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, बच्चों को, लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए ये कितना बड़ा काम हुआ है।

साथियों,

2014 से पहले देश में ऐसी 100 के करीब बड़ी सिंचाई परियोजनाएं थीं, जो कई दशकों से अधूरी पड़ी हुई थीं। हम हजारों करोड़ रुपए खर्च करके इन पुरानी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करवा रहे हैं। हम सिंचाई के आधुनिक तौर-तरीकों का भी उपयोग बढ़ा रहे हैं। पिछले 10 साल में करीब-करीब एक करोड़ हेक्टेयर भूमि को माइक्रो इरिगेशन की सुविधा से जोड़ा गया है। मध्य प्रदेश में भी पिछले 10 साल में करीब 5 लाख हेक्टेयर भूमि माइक्रो इरिगेशन से जुड़ी है। बूंद-बूंद पानी का सदुपयोग हो इसे लेकर लगातार काम हो रहा है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर, हर जिले में 75 अम़ृत सरोवर बनाने का अभियान भी चलाया गया। इसके तहत देशभर में 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए गए। हमने देशभर में जल शक्ति अभियान: कैच द रेन भी शुरु किया है। आज देशभर में 3 लाख से अधिक री-चार्ज वेल बन रहे हैं। और बड़ी बात ये कि इन अभियानों का नेतृत्व जनता जनार्दन खुद कर रही है, शहर हो या गांव, हर क्षेत्र के लोग इनमें बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। मध्य प्रदेश सहित देश के जिन राज्यों में भूजल स्तर सबसे कम था, वहां अटल भूजल योजना चलाई जा रही है।

साथियों,

हमारा मध्य प्रदेश, टूरिज्म के मामले में हमेशा से अव्वल रहा है। और मैं खजुराहो आया हूं और पर्यटन की चर्चा ना करुं ऐसा भला हो सकता है क्या? पर्यटन एक ऐसा सेक्टर है, जो युवाओं को रोजगार भी देता है और देश की अर्थव्यवस्था को भी ताकत देता है। अब जब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने जा रहा है, तो दुनिया में भारत को लेकर जिज्ञासा बढ़ी है। आज दुनिया भारत को जानना चाहती है, समझना चाहती है। इसका बहुत अधिक फायदा मध्य प्रदेश को होने वाला है। हाल में एक अमेरिकी अखबार में एक रिपोर्ट छपी है। हो सकता है मध्य प्रदेश के अखबारों में भी आपको नजर आई हो। अमेरिका के इस अखबार में छपी खबर में लिखा गया है कि मध्य प्रदेश को दुनिया के दस सबसे आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक बताया गया है। दुनिया के टॉप 10 में एक मेरा मध्य प्रदेश। मुझे बताइये हर मध्य प्रदेश वासी को खुशी होगी कि नहीं होगी? आपका गौरव बढ़ेगा कि नहीं बढ़ेगा? आपका सम्मान बढ़ेगा कि नहीं बढ़ेगा? आपके यहां टूरिज्म बढ़ेगा कि नहीं बढ़ेगा? गरीब से गरीब को रोजगार मिलेगा कि नहीं मिलेगा?

साथियों,

केंद्र सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है कि देश और विदेश के सभी पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ें, यहां आना-जाना आसान हो। विदेशी पर्यटकों के लिए हमने ई-वीज़ा जैसी योजनाएं बनाई हैं। भारत में जो हैरिटेज और वाइडलाइफ टूरिज्म है, उसको विस्तार दिया जा रहा है। यहां मध्य प्रदेश में तो इसके लिए अभूतपूर्व संभावनाएं हैं। खजुराहो के इस क्षेत्र में ही देखिए, यहां इतिहास की, आस्था की, अमूल्य धरोहरें हैं। कंदरिया महादेव, लक्ष्मण मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर अनेक आस्था स्थल हैं। भारत के पर्यटन का प्रचार करने के लिए हमने देशभर में जी-20 की बैठकें रखी थीं। एक बैठक यहां खजुराहो में भी हुई थी। इसके लिए, खजुराहो में एक अत्याधुनिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र भी बनाया गया।

साथियों,

केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत, मध्य प्रदेश को सैकड़ों करोड़ रुपए दिए गए हैं। ताकि यहां इको टूरिज्म सुविधाओं का, पर्यटकों के लिए नई सुविधाओं का निर्माण हो सके। आज साँची और अन्य बौद्ध स्थलों को बौद्ध सर्किट से जोड़ा जा रहा है। गांधीसागर, ओंकारेश्वर डेम, इंदिरा सागर डेम, भेड़ा घाट, बाणसागर डेम, ये इको सर्किट का हिस्सा हैं। खजुराहो, ग्वालियर, ओरछा, चंदेरी, मांडू, ऐेसे स्थलों को हेरिटेज सर्किट के रूप में कनेक्ट किया जा रहा है। पन्ना नेशनल पार्क को भी वाइल्डलाइफ सर्किट से जोड़ा गया है। बीते वर्ष तो पन्ना टाइगर रिजर्व में ही करीब ढाई लाख पर्यटक आए हैं। मुझे खुशी है कि यहां जो लिंक नहर बनाई जाएगी, उसमें पन्ना टाइगर रिजर्व के जीवों का भी ध्यान रखा गया है।

साथियों,

पर्यटन बढ़ाने के ये सारे प्रयास, स्थानीय अर्थव्यस्था को बड़ी ताकत देते हैं। जो पर्यटक आते हैं, वे भी यहां का सामान खरीदते हैं। यहां ऑटो, टैक्सी से लेकर होटल, ढाबे, होम स्टे, गेस्ट हाउस, सभी को फायदा पहुंचाता हैं। इससे किसान को भी बहुत फायदा होता है, क्योंकि दूध-दही से लेकर फल-सब्जी तक हर चीज के उन्हें अच्छे दाम मिलते हैं।

साथियों,

बीते दो दशकों में मध्य प्रदेश ने अनेक पैमानों में शानदार काम किया है। आने वाले दशकों में मध्य प्रदेश, देश की टॉप इक़ॉनॉमीज में से एक होगा। इसमें बुंदेलखंड की बहुत बड़ी भूमिका होगी। विकसित भारत के लिए विकसित मध्य प्रदेश बनाने में बुंदेलखंड का रोल अहम होगा। मैं आप सभी को भरोसा देता हूं डबल इंजन की सरकार इसके लिए ईमानदारी से प्रयास करती रहेगी। एक बार फिर, आप सभी को, ढेर सारी शुभकामनाएं। ये आज का कार्यक्रम है ना, इतना बड़ा कार्यक्रम, इस कार्यक्रम का मतलब मैं समझता हूं। इतन बड़ी संख्या में माताओं बहनों का आने का मतलब समझता हूं। क्योंकि ये पानी से जुड़ा काम है और हर जीवन से जुड़ा हुआ होता है पानी और ये आशीर्वाद देने के लिए लोग आए हैं ना, उसका मूल कारण पानी है, पानी के लिए काम कर रहे हैं और आपके आशीर्वाद से हम इन कामों को निरंतर करते रहेंगे, मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!