पंतप्रधान नरेंद्र मोदी नवी दिल्ली येथे मुख्य सचिवांच्या परिषदेला उपस्थित राहिले. महत्त्वाच्या धोरणाशी संबंधित विषयांवर विचारांची देवाणघेवाण करण्यासाठी तसेच भारताला नव्या शिखरावर नेण्यासाठी संघभावना बळकट करण्याकरिता  हा एक अद्भुत मंच आहे, असे पंतप्रधान म्हणाले.

एका ट्विटमध्ये पंतप्रधान म्हणाले;

“मुख्य सचिवांच्या परिषदेला उपस्थित राहत आहे. महत्त्वाच्या धोरणाशी संबंधित विषयांवर मतांची देवाणघेवाण करण्यासाठी तसेच भारताला नव्या शिखरावर नेण्यासाठी आवश्यक संघभावना बळकट करण्यासाठी हा एक अद्भुत मंच आहे."

  • Mohanlal Verma January 12, 2023

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  • Ambikesh Pandey January 09, 2023

    👌
  • S Babu January 09, 2023

    🙏
  • सुनील सक्सेना January 07, 2023

    जय हो हमारे माननीय मोदी जी 🙏🙏
  • विवेक रंजन January 07, 2023

    मोदी है तो मुमकिन है
  • Arun Gupta, Beohari (484774) January 07, 2023

    नमो नमो 🙏
  • Jayakumar G January 07, 2023

    The Five Prayags ▪️Devaprayag, the place of confluence of Bhagirathi river and Alaknanda river. ▪️Rudraprayag, the place of confluence of Mandakini river and Alaknanda river. ▪️Nandaprayag, the place of confluence of Nandakini river and Alaknanda river.
  • Jantu Chakraborty January 07, 2023

    नमो नमो 🙏🙏
  • CHANDRA KUMAR January 07, 2023

    Double Spirals Cone Economy (द्वि चक्रीय शंकु अर्थव्यवस्था) वर्तमान समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को नई आकृति प्रदान करने की जरूरत है। अभी भारतीय अर्थव्यवस्था वृत्ताकार हो गया है, भारतीय किसान और मजदूर प्राथमिक वस्तु का उत्पादन करता है, जिसका कीमत बहुत कम मिलता है। फिर उसे विश्व से महंगी वस्तु खरीदना पड़ता है, जिसका कीमत अधिक होता है। इस चक्रीय अर्थव्यवस्था में प्राथमिक सस्ता उत्पाद विदेश जाता है और महंगा तृतीयक उत्पाद विदेश से भारत आता है। यह व्यापार घाटा को जन्म देता है। विदेशी मुद्रा को कमी पैदा करता है। अब थोड़ा अर्थव्यवस्था को आकृति बदलकर देखिए, क्योंकि अर्थव्यवस्था का आकृति बदलना आसान है। लेकिन भारत सरकार अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ाने के प्रयास में लगा है, वह भी विदेशी निवेश से, यह दूरदर्शिता नहीं है। भारतीय अर्थव्यवस्था में दो तरह की मुद्रा का प्रचलन शुरू करना चाहिए, 80% मुद्रा डिजिटल करेंसी के रूप में और 20% मुद्रा वास्तविक मुद्रा के रूप में। 1. इसके लिए, भारत सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन के रूप में 80% वेतन डिजिटल करेंसी में और 20% वेतन भारतीय रुपए में दिया जाए। 2. अनुदान तथा ऋण भी 80% डिजिटल करेंसी के रूप में और 20% भारतीय रुपए के रूप में दिया जाए। 3. इसका फायदा यह होगा कि भारतीय मुद्रा दो भागों में बंट जायेगा। 80% डिजिटल करेंसी से केवल भारत में निर्मित स्वदेशी सामान ही खरीदा और बेचा जा सकेगा। 4. इससे स्वदेशी वस्तुओं का उपभोग बढ़ेगा, व्यापार घाटा कम होगा। 5. महंगे विदेशी सामान को डिजिटल करेंसी से नहीं खरीदा जा सकेगा। 6. वर्तमान समय में सरकारी कर्मचारी अपने धन का 70 से 80% का उपयोग केवल विदेशी ब्रांडेड सामान खरीदने में खर्च होता है। इससे घरेलू अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और सरकार का अधिकतम धन विदेशी अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करता है। इसीलिए भारत सरकार को चाहिए की जो वेतन सरकारी कर्मचारियों को दिया जा रहा है उसका उपयोग घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने में किया जाना चाहिए। 7. भारत के उद्योगपति और अत्यधिक संपन्न व्यक्ति अपने धन का उपयोग स्वदेशी वस्तुओं को खरीदने में करे। व्यर्थ का सम्मान पाने के लिए विदेशी ब्रांड पर पैसा खर्च न करे। इसके लिए भी, यह अनिवार्य कर दिया जाए कि यदि किसी व्यक्ति को 20% से अधिक का लाभ प्राप्त होता है तो उसके लाभ का धन दो भागों में बदल दिया जायेगा, 80% भाग डिजिटल करेंसी में और 20% भाग वास्तविक रुपए में। 8. वर्तमान समय में जब वैश्विक मंदी दस्तक देने वाला है, ऐसी समय में भारतीयों को ब्रांडेड वस्तुओं को तरफ आकर्षित होने के बजाय, घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए, स्वदेशी वस्तुओं का खरीद करना चाहिए। इससे रोजगार सृजन होगा। अब थोड़ा समझते हैं, द्वि चक्रीय शंकु अर्थव्यवस्था को। 1. इसमें दो शंकु है, एक शंकु विदेशी अर्थव्यवस्था को दर्शाता है, और दूसरा शंकु घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। 2. दोनों शंकु के मध्य में भारत सरकार है, जिसे दोनों अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना चाहिए। यदि आप नाव को नियंत्रित नहीं करेंगे, तब वह नाव दिशाहीन होकर समुद्र में खो जायेगा, इसका फायदा समुद्री डाकू उठायेगा। 3. भारत सरकार को चाहिए की वह दोनों शंकु को इस तरह संतुलित करे की , धन का प्रवाह विदेश अर्थव्यवस्था की तरफ नकारात्मक और घरेलू अर्थव्यवस्था की तरफ सकारात्मक हो। 4. इसके लिए, भारत सरकार को चाहिए की वह अपना बजट का 80% हिस्सा डिजिटल करेंसी के रूप में घरेलू अर्थव्यवस्था को दे, जबकि 20% छपाई के रुपए के रूप में विदेशी अर्थव्यवस्था हेतु उपलब्ध कराए। 5. घरेलू अर्थव्यवस्था को विदेशी अर्थव्यवस्था से अलग किया जाए। विदेशी वस्तुओं की बिक्री हेतु भारत में अलग स्टोर बनाने के लिए बाध्य किया जाए। विदेशी वस्तुओं को खरीदने के लिए अलग मुद्रा (छपाई के रुपए) का इस्तेमाल को ही स्वीकृति दिया जाए। 6. जब दूसरा देश दबाव डाले की हमें भारत में व्यापार करने में बढ़ा उत्पन्न किया जा रहा है, तब उन्हें स्पष्ट कहा जाना चाहिए की हम अपने देश में रोजगार सृजन करने , भुखमरी को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। 7. दूसरे देशों के राष्ट्रध्यक्ष को धोखा देने के लिए, उन्हें कहा जाए की अभिभ्रात में लोकसभा चुनाव है। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही भारतीय अर्थव्यवस्था आप सभी के लिए खोल देंगे, ताकि विदेशियों को भारत में व्यापार करना सुगम हो जाए। 8. अभी भारतीय श्रमिक और मजदूर स्पाइरल शंकु के सबसे नीचे है और एक बार हाथ से पैसा बाजार में खर्च हो गया तो अगले कई दिनों बाद अथवा अगले वर्ष ही पैसा हाथ में आता है। क्योंकि कृषि उत्पाद वर्ष में 2 बार हो बेचने का मौका मिलता है किसानों को। 9. spiral cone में पैसा जितनी तेजी से निम्न वर्ग से उच्च वर्ग को तरफ बढ़ता है, उतनी ही तेजी से निम्न वर्ग का गरीबी बढ़ता है, परिणाम स्वरूप स्वदेशी अर्थव्यवस्था का शंकु का शीर्ष छोटा होता जाता है और निम्न वर्ग का व्यास बढ़ता जाता है। 10. भारत सरकार को अब अनुदान देने के बजाय, निवेश कार्य में धन लगाना चाहिए। ताकि घरेलू अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो। 11. अभी भारत सरकार का पैसे जैसे ही भारतीय श्रमिक, भारतीय नौकरशाह को मिलता है। वैसे ही विदेशी कंपनियां, ब्रांडेड सामान का चमक दिखाकर( विज्ञापन द्वारा भ्रमित कर), उस धन को भारतीय घरेलू अर्थव्यवस्था से चूस लेता है और विदेश भेज देता है। 12. ऐसा होने से रोकने के लिए, भारतीयों को दो प्रकार से धन मुहैया कराया जाए। ताकि विदेशी ब्रांडेड सामान खरीद ही न पाए। जो भारतीय फिर भी अपने धन का बड़ा हिस्सा विदेशी सामान खरीदने का प्रयास करे उन्हें अलग अलग तरीके से हतोत्साहित करने का उपाय खोजा जाए। 13. भारत में किसी भी वस्तु के उत्पादन लागत का 30% से अधिक लाभ अर्जित करना, अपराध घोषित किया जाए। इससे भारतीय निम्न वर्ग कम धन में अधिक आवश्यक सामग्री खरीद सकेगा। 14. विदेश में कच्चा कृषि उत्पाद की जगह पैकेट बंद तृतियक उत्कृष्ट उत्पाद भेजा जाए। डोमिनोज पिज्जा की जगह देल्ही पिज्जा को ब्रांड बनाया जाए। 15. कच्चा धात्विक खनिज विदेश भेजने के बजाय, घरेलू उद्योग से उत्कृष्ट धात्वीक सामग्री बनाकर निर्यात किया जाए। 16. उद्योग में अकुशल मजदूर को बुलाकर ट्रेनिंग देकर कुशल श्रमिक बनाया जाए। 17. विदेशी अर्थव्यवस्था वाले से शंकु से धन चूसकर, घरेलू अर्थव्यवस्था वाले शंकु की तरफ प्रवाहित किया जाए। यह कार्य दोनों शंकु के मध्य बैठे भारत सरकार को करना ही होगा। 18. यदि भारत सरकार चीन को सरकार की तरह सक्रियता दिखाए तो भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वर्णिम दौर शुरू हो सकता है। 19. अभी तो भारतीय अर्थव्यवस्था से धन तेजी से विदेश को ओर जा रहा है, और निवेश एक तरह का हवा है जो मोटर से पानी निकालने के लिए भेजा जाता है। 20. बीजेपी को वोट भारतीय बेरोजगारों, श्रमिकों और किसानों से ही मांगना है तो एक वर्ष इन्हें ही क्यों न तृप्त किया जाए। फिर चुनाव जीतकर आएंगे, तब उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के लिए चार वर्ष तक जी भरकर काम कीजिएगा।
  • T.BABU District Vicepresident Ranipet Tamil nadu January 07, 2023

    Good morning our Hon' great leader Best Prime Minister of India MrModiji 2024 Again Prime Minister MrModiji is Govt.. JaishriRam, Hara hara Mahadeva. 🕉🕉🔱🔱🌹🌹💐💐🌺🌺☘️☘️🌸🌸🌻🌻🌷🌷🌷🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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PM Modi goes on Lion Safari at Gir National Park
March 03, 2025
QuoteThis morning, on #WorldWildlifeDay, I went on a Safari in Gir, which, as we all know, is home to the majestic Asiatic Lion: PM Modi
QuoteComing to Gir also brings back many memories of the work we collectively did when I was serving as Gujarat CM: PM Modi
QuoteIn the last many years, collective efforts have ensured that the population of Asiatic Lions is rising steadily: PM Modi

The Prime Minister Shri Narendra Modi today went on a safari in Gir, well known as home to the majestic Asiatic Lion.

In separate posts on X, he wrote:

“This morning, on #WorldWildlifeDay, I went on a Safari in Gir, which, as we all know, is home to the majestic Asiatic Lion. Coming to Gir also brings back many memories of the work we collectively did when I was serving as Gujarat CM. In the last many years, collective efforts have ensured that the population of Asiatic Lions is rising steadily. Equally commendable is the role of tribal communities and women from surrounding areas in preserving the habitat of the Asiatic Lion.”

“Here are some more glimpses from Gir. I urge you all to come and visit Gir in the future.”

“Lions and lionesses in Gir! Tried my hand at some photography this morning.”