"केंद्र सरकार लक्षद्वीपच्या विकासासाठी कटिबद्ध"

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी लक्षद्वीपमधील अगत्ती विमानतळावर आगमन झाल्यानंतर लगेचच एका सार्वजनिक कार्यक्रमाला संबोधित केले. पंतप्रधान रात्री लक्षद्वीपमध्ये मुक्काम करणार आहेत.

यावेळी पंतप्रधानांनी लक्षद्वीपमधील अफाट संधी नमूद केल्या आणि स्वातंत्र्यानंतर लक्षद्वीपकडे झालेल्या दुर्लक्षाकडे लक्ष वेधले. नौवहन ही या भागाची जीवनवाहिनी असतानाही बंदरविषयक पायाभूत सुविधा कमकुवत असल्याचा उल्लेख त्यांनी केला. हे शिक्षण, आरोग्य आणि अगदी पेट्रोल आणि डिझेलला देखील लागू होते, असे ते म्हणाले. आता सरकारने विकासाचे काम चोखपणे हाती घेतले असून "ही सर्व आव्हाने आमचे सरकार दूर करत आहे," असा भरवसा त्यांनी दिला.

 

गेल्या 10 वर्षात अगत्तीमध्ये अनेक विकास प्रकल्प पूर्ण झाल्याची माहिती पंतप्रधान मोदींनी दिली आणि विशेषतः मच्छिमारांसाठी आधुनिक सुविधा निर्माण केल्याचा उल्लेख केला. आता अगत्ती येथे विमानतळ तसेच बर्फाचा प्रकल्प असल्याची वस्तुस्थिती त्यांनी मांडली. यामुळे सागरी खाद्य उत्पादन निर्यात आणि सागरी खाद्य उत्पादन प्रक्रियेशी संबंधित क्षेत्रासाठी नवीन संधी निर्माण होत असल्याचे पंतप्रधान म्हणाले. लक्षद्वीपमधून टूना (कुपा) मासळीच्या निर्यातीला सुरुवात झाल्याने लक्षद्वीपच्या मच्छिमारांचे उत्पन्न वाढण्याचा मार्गही मोकळा झाल्याचे त्यांनी नमूद केले.

आजच्या विकास प्रकल्पांचा संदर्भ देत पंतप्रधानांनी लक्षद्वीपच्या विद्युत आणि इतर उर्जेच्या गरजा पूर्ण करण्यासाठी सौर प्रकल्प आणि विमान इंधन डेपोच्या उद्घाटनाचा उल्लेख केला. पंतप्रधानांनी अगत्ती बेटावरील सर्व घरांना नळाद्वारे पाणीपुरवठ्याच्या परिपूर्तीबाबत माहिती दिली आणि गरिबांसाठी घरे, शौचालये, वीज आणि स्वयंपाकाचा गॅस सुनिश्चित करण्यासाठी सरकारच्या प्रयत्नांचा पुनरुच्चार केला. लक्षद्वीपच्या जनतेकरिता अधिक विकास प्रकल्पांसाठी कावरत्ती येथे उद्याच्या नियोजित कार्यक्रमाचा उल्लेख करून आपल्या भाषणाचा समारोप करताना मोदी म्हणाले की “केंद्र सरकार अगत्तीसह संपूर्ण लक्षद्वीपच्या विकासासाठी पूर्ण वचनबद्धतेने काम करत आहे.”

 

पार्श्वभूमी

लक्षद्वीपच्या दौऱ्यात, पंतप्रधान 1150 कोटी रुपयांपेक्षा जास्त किमतीच्या विकास प्रकल्पांचे उद्घाटन, लोकार्पण आणि पायाभरणी करणार आहेत.

 

एका परिवर्तन घडवून आणणाऱ्या कार्याने, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी  कोची-लक्षद्वीप द्वीपसमूह ‘सबमरीन ऑप्टिकल फायबर कनेक्शन’(KLI - SOFC) प्रकल्प सुरू करून लक्षद्वीप बेटावरील अतिशय कमी, मंद असणाऱ्या   इंटरनेटच्या  गतीचे जे आव्हान आहे,  त्यावर  मात करण्याचा संकल्प केला होता आणि ऑगस्ट 2020 मध्ये लाल किल्ल्यावरून  स्वातंत्र्यदिनाच्या भाषणात त्यासंदर्भात  घोषणा केली होती. हा प्रकल्प आता पूर्ण झाला असून,  त्याचे उद्घाटन पंतप्रधानांच्या हस्ते होणार आहे. यामुळे इंटरनेट स्पीड 100 पटींनी वाढेल (1.7 जीबीपीएस ते 200  जीबीपीएस). स्वातंत्र्यानंतर प्रथमच लक्षद्वीप सबमरीन ऑप्टिक फायबर केबलद्वारे जोडले जाणार आहे. समर्पित पाणबुडी ओएफसी  लक्षद्वीप बेटांमधील दळणवळण पायाभूत सुविधांमध्ये बदल घडवून आणेल, जलद आणि अधिक विश्वासार्ह इंटरनेट सेवा, टेलिमेडिसिन, ई-गव्हर्नन्स, शैक्षणिक उपक्रम, डिजिटल बँकिंग, डिजिटल चलन वापर, डिजिटल साक्षरता इत्यादी विविध सेवा सक्षम करेल.

पंतप्रधान कदमत येथे ‘लो टेम्परेचर थर्मल डिसॅलिनेशन (एलटीटीडी) प्रकल्प  राष्ट्राला समर्पित करतील. या प्रकल्पामध्ये  दररोज 1.5 लाख लिटर  शुद्ध पिण्याच्या पाण्याची निर्मिती करण्‍यात येणार आहे.  पंतप्रधान अगत्ती आणि मिनिकॉय बेटांवरील  सर्व घरांसाठी तयार केलेली  नळाव्दारे पेयजल योजना (एफएचटीसी ) राष्ट्राला समर्पित करतील. लक्षद्वीप बेटांवर पिण्यायोग्य पाण्याची उपलब्धता हे नेहमीच आव्हान होते,  कारण प्रवाळयुक्त  बेट  असल्याने भूजलाची उपलब्धता अत्यंत मर्यादित आहे. या पेयजल प्रकल्पांमुळे बेटांची पर्यटन क्षमता बळकट होण्यास मदत होईल, आणि त्यामुळे  स्थानिक नागरिकांसाठी  रोजगाराच्या संधी वाढतील.

याशिवाय इतरही प्रकल्प राष्ट्राला समर्पित करण्‍यात येणार आहेत. त्यामध्‍ये  कावरत्ती येथील सौर ऊर्जा प्रकल्पाचा समावेश आहे. हा लक्षद्वीपमधला  पहिला बॅटरीवर चालणारा सौर ऊर्जा प्रकल्प आहे. या सौर प्रकल्पामुळे डिझेल-आधारित वीज निर्मिती प्रकल्पावरील अवलंबित्व कमी होणार आहे. तसेच  कावरत्ती  येथील इंडिया रिझर्व्ह बटालियन (IRBn) कॉम्प्लेक्समध्ये नवीन प्रशासकीय ब्लॉक आणि 80 पुरुष बॅरेकवरील अवलंबित्व कमी करण्यात मदत होणार आहे.

 

पंतप्रधान काल्पेनी येथील प्राथमिक आरोग्य सेवा सुविधेच्या नूतनीकरण प्रकल्पाची पायाभरणी करणार आहेत. आणि आंद्रोट, चेतलात, कदमत, अगत्ती आणि मिनिकॉय या पाच बेटांवर पाच आदर्श अंगणवाडी केंद्रे  (नंद घर) बांधण्यासाठी पायाभरणी करणार आहेत.

 

 

 

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It is a celebration of India's incredible sporting talent and showcases the spirit of athletes from across the country: PM
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We are creating more and more opportunities for our athletes so they can enhance their potential to the fullest: PM
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The National Games is more than just a sporting event, It is a great platform to showcase the spirit of 'Ek Bharat, Shreshtha Bharat,’ It is a celebration of India's rich diversity and unity: PM

भारत माता की जय!

देवभूमि उत्तराखंड के गवर्नर गुरमीत सिंह जी, युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अजय टम्टा जी, रक्षा खडसे जी, उत्तराखंड असेंबली की स्पीकर रितु खंडूरी जी, स्पोर्ट्स मिनिस्टर रेखा आर्य जी, कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रेसिडेंट क्रिस जेनकिंस जी, IOA की प्रेसिडेंट पी.टी. ऊषा जी, सांसद महेंद्र भट्ट जी, राष्ट्रीय खेलों में शामिल होने आए देशभर के सभी खिलाड़ी, अन्य महानुभाव!

देवभूमि आज युवा ऊर्जा से और दिव्य हो उठी है। बाबा केदार, बद्रीनाथ जी, मां गंगा के शुभाशीष के साथ, आज नेशनल गेम्स शुरु हो रहे हैं। ये वर्ष उत्तराखंड के निर्माण का 25वां वर्ष है। इस युवा राज्य में, देश के कोने-कोने से आए हजारों युवा अपना सामर्थ्य दिखाने वाले हैं। एक भारत-श्रेष्ठ भारत की बड़ी सुंदर तस्वीर यहां दिख रही है। नेशनल गेम्स में इस बार भी कई देसी पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है। इस बार के नेशनल गेम्स, एक प्रकार से ग्रीन गेम्स भी हैं। इसमें environment friendly चीजों का काफी इस्तेमाल हो रहा है। नेशनल गेम्स में मिलने वाले सभी मेडल और ट्रॉफियां भी ई-वेस्ट से बनी हैं। मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के नाम पर यहां एक पौधा भी लगाया जाएगा। ये बहुत ही अच्छी पहल है। मैं सभी खिलाड़ियों को, बेहतरीन प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मैं धामी जी और उनकी पूरी टीम को, उत्तराखंड के हर नागरिक को इस शानदार आयोजन के लिए बधाई देता हूं।

साथियों,

हम अक्सर सुनते हैं, सोना तप कर खरा होता है। हम खिलाड़ियों के लिए भी ज्यादा से ज्यादा मौके बना रहे हैं, ताकि वे अपने सामर्थ्य को और निखार सकें। आज साल भर में कई टूर्नामेंट्स आयोजित किए जा रहे हैं। खेलो इंडिया सीरीज में कई सारे नए टूर्नामेंट्स जोड़े गए हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स की वजह से यंग प्लेयर्स को आगे बढ़ने का मौका मिला है यूनिवर्सिटी गेम्स, यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को नए अवसर दे रहे हैं। खेलो इंडिया पैरा गेम्स से पैरा एथलीट्स की परफॉर्मेंस नए-नए अचीवमेंट कर रही है। अभी कुछ दिन पहले ही लद्दाख में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का पांचवां एडिशन शुरू हो चुका है। पिछले साल ही हमने बीच गेम्स का आयोजन किया था।

और साथियों,

ऐसा नहीं है कि ये सारे काम सिर्फ सरकार ही करा रही है। आज भाजपा के सैकड़ों सांसद नए टैलेंट को आगे लाने के लिए अपने क्षेत्रों में सांसद खेल कूद स्पर्धा करा रहे हैं। मैं भी काशी का सांसद हूं, अगर मैं सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्र की बात करूं, तो सांसद खेल प्रतियोगिता में हर साल काशी संसदीय क्षेत्र में करीब ढाई लाख युवाओं को खेलने का, खिलने का मौका मिल रहा है। यानि देश में खेलों का एक खूबसूरत गुलदस्ता तैयार हो गया है, जिसमें हर सीजन में फूल खिलते हैं, लगातार टूर्नामेंट होते हैं।

साथियों,

हम स्पोर्ट्स को भारत के सर्वांगीण विकास का एक प्रमुख माध्यम मानते हैं। जब कोई देश स्पोर्ट्स में आगे बढता है, तो देश की साख भी बढ़ती है, देश का प्रोफाइल भी बढ़ता है। इसलिए, आज स्पोर्ट्स को भारत के विकास से जोड़ा जा रहा है। हम इसे भारत के युवाओं के आत्मविश्वास से जोड़ रहे हैं। आज भारत, दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनने की ओर अग्रसर है, इसमें स्पोर्ट्स इकोनॉमी का बड़ा हिस्सा हो, ये हमारा प्रयास है। आप जानते हैं, किसी स्पोर्ट्स में सिर्फ एक खिलाड़ी ही नहीं खेलता, उसके पीछे एक पूरा इकोसिस्टम होता है। कोच होते हैं, ट्रेनर होते हैं, न्यूट्रिशन और फिटनेस पर ध्यान देने वाले लोग होते हैं, डॉक्टर होते हैं, इक्विपमेंट्स होते हैं। यानि इसमें सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग, दोनों के लिए स्कोप होता है। ये जो अलग-अलग स्पोर्ट्स का सामान पूरी दुनिया के खिलाड़ी यूज़ करते हैं, भारत उनका क्वालिटी मैन्युफेक्चरर बन रहा है। यहां से मेरठ ज्यादा दूर नहीं है। वहां स्पोर्ट्स का सामान बनाने वाली, 35 हज़ार से ज्यादा छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं। इनमें तीन लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं। ये इकोसिस्टम देश के कोने-कोने में बने, आज देश इसके लिए काम कर रहा है।

साथियों,

कुछ समय पहले मुझे दिल्ली में अपने आवास पर ओलंपिक्स टीम से मिलने का अवसर मिला। बातचीत के दौरान एक साथी ने, पीएम की नई परिभाषा बताई थी। उन्होंने कहा कि देश के खिलाड़ी मुझे पीएम यानि प्राइम मिनिस्टर नहीं, बल्कि परम मित्र मानते हैं। आपका ये विश्वास ही मुझे ऊर्जा देता है। मेरा आप सभी के टैलेंट पर, आपके सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है, हमारी पूरी कोशिश है, आपका सामर्थ्य बढ़े, आपके खेल में और निखार आए। बीते 10 सालों में देखिए, आपके टैलेंट को सपोर्ट करने पर हमने निरंतर फोकस किया है। 10 साल पहले स्पोर्ट्स का जो बजट था, वो आज तीन गुना से ज्यादा हो चुका है। TOPS स्कीम के तहत ही देश के दर्जनों खिलाड़ियों पर सैकड़ों करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत देशभर में आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। आज स्कूल में भी स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम किया गया है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी मणिपुर में बन रही है।

साथियों,

सरकार के इन प्रयासों का नतीजा हम ग्राउंड पर देख रहे हैं, मेडल टैली में दिखाई दे रहे हैं। आज हर इंटरनेशनल इवेंट में भारतीय खिलाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं। ओलंपिक्स और पैरालंपिक्स में, हमारे खिलाड़ियों ने कितना अच्छा प्रदर्शन किया है। उत्तराखंड से भी कितने ही खिलाड़ियों ने मेडल जीते हैं। मुझे खुशी है कि बहुत से मेडल विनर आज आपका हौसला बढ़ाने के लिए यहां इस वेन्यू पर भी आए हैं।

साथियों,

हॉकी में पुराने गौरवशाली दिन वापस लौट रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही हमारी खो-खो टीम ने वर्ल्ड कप जीता है। हमारे गुकेश डी. ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता, तो दुनिया हैरान रह गई। कोनेरू हम्पी, महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन बनीं, ये सफलता दिखाती है कि भारत में कैसे स्पोर्ट्स अब सिर्फ Extra-Curricular Activity नहीं रह गया है। अब हमारे युवा Sports को प्रमुख Career Choice मानकर काम कर रहे हैं।

साथियों,

जैसे हमारे खिलाड़ी हमेशा बड़े लक्ष्य लेकर चलते हैं, वैसे ही, हमारा देश भी बड़े संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। आप सभी जानते हैं कि भारत, 2036 ओलंपिक्स की मेज़बानी के लिए पूरा ज़ोर लगा रहा है। जब भारत में ओलंपिक होगा, तो वो भारत के स्पोर्ट्स को एक नए आसमान पर ले जाएगा। ओलंपिक्स सिर्फ एक खेल का आयोजन भर नहीं होता, दुनिया के जिन देशों में भी ओलंपिक्स होता है, वहां अनेक सेक्टर्स को गति मिलती है। ओलंपिक्स के लिए जो स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है, उससे भी रोजगार बनता है। भविष्य में खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं बनती हैं। जिस शहर में ओलंपिक होता है, वहां नया कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है। इससे कंस्ट्रक्शन से जुड़ी इंडस्ट्री को बल मिलता है, ट्रांसपोर्ट से जुड़ा सेक्टर आगे बढ़ता है। और सबसे बड़ा फायदा तो देश के टूरिज्म को मिलता है। अनेकों नए होटल बनते हैं, दुनिया भर से लोग ओलंपिक्स में हिस्सा लेने और गेम्स देखने आते हैं। इसका पूरे देश को फायदा होता है। जैसे ये नेशनल गेम्स का आयोजन, यहां देवभूमि उत्तराखंड में हो रहा है। यहां जो दर्शक, देश के दूसरे हिस्से से आएंगे, वो उत्तराखंड के दूसरे हिस्सों में भी जाएंगे। यानि स्पोर्ट्स के एक इवेंट से सिर्फ खिलाड़ियों को ही फायदा नहीं होता, बल्कि बहुत से अन्य सेक्टर्स की इकोनॉमी भी इससे ग्रो करती है।

साथियों,

आज दुनिया कह रही है, 21वीं सदी भारत की सदी है। और यहां बाबा केदार के दर्शन के बाद मेरे मुंह से, मेरे दिल से अचानक ही निकला था- ये उत्तराखंड का दशक है। मुझे खुशी है कि उत्तराखंड तेज़ी से प्रगति कर रहा है। कल ही उत्तराखंड देश का ऐसा राज्य बना है, जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड, समान नागरिक संहिता लागू की, मैं कभी-कभी इसे सेक्‍युलर सिविल कोड भी कहता हूं। समान नागरिक संहिता, हमारी बेटियाँ, माताओं-बहनों के गरिमापूर्ण जीवन का आधार बनेगी। यूनिफॉर्म सिविल कोड से लोकतंत्र की स्पिरिट को मजबूती मिलेगी, संविधान की भावना मजबूत होगी। और मैं आज यहां स्पोर्ट्स के इस इवेंट में हूं, तो इसे मैं आपसे जोड़कर भी देखता हूं। स्पोर्ट्स-मैन-शिप हमें भेदभाव की हर भावना से दूर करती है, हर जीत, हर मेडल के पीछे का मंत्र होता है- सबका प्रयास। स्पोर्ट्स से हमें टीम भावना के साथ खेलने की प्रेरणा मिलती है। यही भावना यूनिफॉर्म सिविल कोड की भी है। किसी से भेदभाव नहीं, हर कोई बराबर। मैं उत्तराखंड की भाजपा सरकार को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई देता हूं।

साथियों,

उत्तराखंड में पहली बार, इतने बड़े पैमाने पर इस तरह के नेशनल इवेंट का आयोजन हो रहा है। ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। इससे यहां रोजगार के भी ज्यादा अवसर बनेंगे, यहां के युवाओं को यहीं पर काम मिलेगा। उत्तराखंड को अपने विकास के लिए और भी नए रास्ते बनाने ही होंगे। अब जैसे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था सिर्फ चार धाम यात्राओं पर निर्भर नहीं रह सकती। सरकार आज सुविधाएं बढ़ाकर इन यात्राओं का आकर्षण लगातार बढ़ा रही है। हर सीजन में श्रद्धालुओं की संख्या भी नए रिकॉर्ड बना रही है। लेकिन इतना काफी नहीं है। उत्तराखंड में शीतकालीन आध्यात्मिक यात्राओं को भी प्रोत्साहित करना जरूरी है। मुझे खुशी है कि इस दिशा में भी उत्तराखंड में कुछ नए कदम उठाए गए हैं।

साथियों,

उत्तराखंड एक प्रकार से मेरा दूसरा घर है। मेरी भी इच्छा है कि मैं शीतकालीन यात्राओं का हिस्सा बनूं। मैं देशभर के युवाओं से भी कहूंगा कि सर्दियों में जरूर उत्तराखंड आएं। तब यहां श्रद्धालुओं की संख्या भी उतनी नहीं होती। आपके लिए एडवेंचर से जुड़ी एक्टिविटीज़ की बहुत संभावना यहां पर है। आप सभी एथलीट्स भी नेशनल गेम्स के बाद इनके बारे में जरूर पता करिएगा और हो सके तो देवभूमि के आतिथ्य का और ज्यादा दिनों तक आनंद उठाइएगा।

साथियों,

आप सभी अपने-अपने राज्यों को रिप्रज़ेंट करते हैं। आने वाले दिनों में आप यहां कड़ी स्पर्धा करेंगे। अनेक नेशनल रिकॉर्ड टूटेंगे, नए रिकॉर्ड बनेंगे। आप पूरे सामर्थ्य के अनुसार अपना शत-प्रतिशत देंगे, लेकिन मेरा आपसे कुछ आग्रह भी हैं। ये नेशनल गेम्स सिर्फ खेल की ही स्पर्धा नहीं है, ये एक भारत श्रेष्ठ भारत का भी एक मजबूत मंच है। ये भारत की विविधता को सेलिब्रेट करने का आयोजन है। आप कोशिश करें, आपके मेडल में, भारत की एकता और श्रेष्ठता की चमक भी नजर आए। आप यहां से देश के अलग-अलग राज्यों की भाषा, खान-पान, गीत-संगीत की बेहतर जानकारी लेकर जाएं। मेरा एक आग्रह स्वच्छता को लेकर भी है। देवभूमि के निवासियों के प्रयासों से उत्तराखंड प्लास्टिक मुक्त बनने की दिशा में काफी मेहनत कर रहा है, आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड का संकल्प, आपके सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता। इस अभियान को सफल बनाने में जरूर अपना योगदान दें।

साथियों,

आप सभी फिटनेस का महत्व समझते हैं। इसलिए मैं आज एक ऐसी चुनौती की बात भी करना चाहता हूं, जो बहुत जरूरी है। आंकड़े कहते हैं कि हमारे देश में Obesity की, मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। देश का हर एज ग्रुप, और य़ुवा भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। और ये चिंता की बात इसलिए भी है, क्योंकि Obesity, मोटापे की वजह से Diabetes, Heart disease जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ रहा है। मुझे संतोष है कि आज देश Fit India Movement के माध्यम से फिटनेस और Healthy Lifestyle के लिए जागरूक हो रहा है। ये नेशनल गेम्स भी, हमें ये सिखाते हैं कि Physical Activity, Discipline और Balanced Life कितनी जरूरी है। आज मैं देशवासियों से कहूंगा, दो चीजों पर जरूर फोकस करें। ये दो चीजें, Exercise और Diet से जुड़ी हैं। हर दिन, थोड़ा सा समय निकालकर एक्सरसाइज जरूर करिए। टहलने से लेकर वर्क-आउट करने तक, जो भी संभव हो अवश्य कीजिए। दूसरा ये कि अपनी Diet पर फोकस कीजिए। Balanced Intake पर आपका फोकस हो और खाना न्यूट्रिशियस हो, पौष्टिक हो।

एक और चीज हो सकती है। अपने खाने में अन-हेल्दी फैट, तेल को थोड़ा कम करें। अब जैसे हमारे सामान्य घरों में, महीने की शुरुआत में राशन आता है। अब तक अगर आप हर महीने दो लीटर खाने का तेल घर लाते थे, तो इसमें कम से कम 10 प्रतिशत की कटौती करिए। हम हर दिन जितना तेल यूज करते हैं, उसको 10 परसेंट कम करें। ये Obesity से बचने के कुछ रास्ते हमें खोजने पड़ेंगे। ऐसे छोटे-छोटे कदम उठाने से आपकी हेल्थ में बहुत बड़ा चेंज आ सकता है। और यही तो हमारे बड़े-बुजुर्ग करते थे। वो ताजी चीजें, नैचुरल चीजें, Balanced Meals खाते थे। एक स्वस्थ तन ही, स्वस्थ मन और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। मैं राज्य सरकारों, स्कूलों, ऑफिसों और Community Leaders से भी कहूंगा कि वो इसे लेकर जागरूकता फैलाएं, आप सभी को तो बहुत सारा प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस है। मैं चाहता हूं कि आप सही Nutrition की जानकारी निरंतर लोगों तक पहुंचाएं। आइए, हम सब मिलकर एक ‘फिट इंडिया’ बनाएं, इसी आह्वान के साथ।

साथियों,

वैसे मेरा दायित्व होता है नेशनल गेम्स की शुरुआत करवाने का, लेकिन मैं आज आप सबको जोड़कर करना चाहता हूं। तो इस गेम्‍स के शुभारंभ के लिए आप अपने मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू कीजिए, आप सब। आप सब अपने मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू कीजिए। सबके-सबके मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू हों, आप सबके मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू हों। आप सबके साथ मिलकर मैं 38वें नेशनल गेम्स की शुरुआत की घोषणा करता हूं। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद !