पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी आज ‘ब्रिजीटल नेशन’ या पुस्तकाचे आज अनावरण करुन त्याची एक प्रत रतन टाटा यांना नवी दिल्ली येथे 7 लोककल्याण मार्ग येथे आयोजित केलेल्या एका कार्यक्रमात भेट दिली. हे पुस्तक एस. चंद्रशेखरन् आणि रुपा पुरुषोत्तम यांनी लिहिले आहे.
तंत्रज्ञान: ‘सबका साथ, सबका विकास’ उदिृष्ट साध्य करण्यास जोडणीचे काम करणार
यावेळी बोलताना पंतप्रधान म्हणाले की, लेखकांनी आधुनिक युगात सकारात्मक आणि आशावादी दृष्टीकोन ठेवून तंत्रज्ञानाचे महत्व लोकांना या पुस्तकाद्वारे समजवून सांगितले आहे. ते पुढे म्हणाले की, हे पुस्तक अशावेळी प्रकाशित झाले जेव्हा दशलक्ष भारतीयांच्या जीवनात तंत्रज्ञानामुळे सकारात्मक परिवर्तन दिसून आले. त्यांनी तंत्रज्ञान समजून घेणे ही काळाची गरज असून हे तंत्रज्ञान उपयोगकर्ते आणि शासक यांच्यातल्या दुवा ठरेल यावर जोर दिला. तंत्रज्ञानामुळे आकांक्षा आणि उद्दिष्टपूर्ती, मागणी आणि वितरण, सरकार आणि प्रशासक यांच्यातली जोडणी साध्य होत असून यामुळे ‘सबका साथ, सबका विकास’ सुकर होईल.
सरकारचा तंत्रज्ञानाद्वारे गेल्या पाच वर्षाचा प्रवास:
सुधारणा, परिवर्तन आणि कामगिरी याद्वारे सरकारी योजना राबवताना तंत्रज्ञान हा महत्वाचा घटक असल्याचे पंतप्रधानांनी उद्घृत केले. त्यांनी उज्ज्वला योजनेमध्ये टाटा इन्टलिजन्स, डिजिटल मॅपिंगद्वारे दशलक्ष महिलांच्या जीवनात परिवर्तन घडवून आणले. तसेच ‘जन धन’ योजना आणि ‘आयुष्मान भारत’ या योजना राबवताना तंत्रज्ञानाचा उपयोग लोकांना प्रोत्साहन देण्यासाठी कसा झाला याबाबतही त्यांनी माहिती सांगितली.
तंत्रज्ञानाला संधींमध्ये बदल करण्याची गरज असल्याचे पंतप्रधानांनी सांगितले. ते म्हणाले की, इंडियन पोस्ट पेमेंट बँकेची निर्मिती हे एक उदाहरण आहे तसेच तंत्रज्ञानामुळे संपूर्ण टपाल विभागाला येणाऱ्या व्यत्ययाचे रुपांतर तंत्रज्ञान सुविधा बँकिग योजनेमध्ये केल्याने टपाल बँकद्वारे लाखो लोकांना फायदा झाला असून ‘पोस्टमनचे रुपांतर बँक बाबू’ मध्ये झाले आहे.
इतनी बड़ी जिम्मेदारी के बावजूद, Smile और Stress Free, ये कैसे रहते हैं, मुझे लगता है, आने वाले समय में इस पर भी एक किताब चंद्रशेखरन जी को लिखनी चाहिए।: PM
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Smile और Stress free Mind से क्या होता है, उसका परिणाम Bridgital Nation के रूप में हमारे सामने है-Positivity, Creativity और Constructive Mindset से देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच निकल सकती है, उसका ये परिणाम है।: PM
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यही Positivity, यही Optimism, अपने Talent और Resources पर यही विश्वास नए भारत की सोच है।: PM
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मुझे विश्वास है कि ये किताब Aspirational India को तो Inspire करेगी ही, समाज के कुछ Professional Pessimists को भी नई अप्रोच और नए Outlook के लिए प्रोत्साहित करेगी।: PM
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मैं चंद्रशेखरन जी और रूपा जी को इस विजनरी डॉक्युमेंट के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।: PM
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ये किताब ऐसे समय में आई है, जब Technology को Demonize करने की एक बहुत बड़ी कोशिश हो रही है।
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डर का एक माहौल खड़ा करने का प्रयास हो रहा है।: PM
विशेषतौर पर भारत के Context में Technology को हमारे Demographic Dividend के लिए चुनौती के रूप में पेश करने की कोशिश हो रही है।: PM
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विशेषतौर पर भारत के Context में Technology को हमारे Demographic Dividend के लिए चुनौती के रूप में पेश करने की कोशिश हो रही है।: PM
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इस किताब में सरकार के उस विजन को और मजबूत किया है, जिसके मुताबिक Technology जोड़ने का काम करती है, तोड़ने का नहीं।
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Technology एक Bridge है, Divider नहीं।: PM
Technology और Talent, Force Multiplier हैं, Threat नहीं।
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Technology, Aspiration और Achievements के बीच का Bridge है।: PM
इस किताब में बेहतरीन तरीके से बताया गया है कि Artificial Intelligence, Machine learning, Robotics जैसी आधुनिक टेक्नॉलॉजी कैसे Development के Tool के रूप में, Aid के रूप में मदद करने वाली है।: PM
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बीते 5 वर्षों में Technological Interventions से भारत में गवर्नेंस को कैसे Reform और Transform किया है, इसको आप महसूस कर पा रहे हैं।
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ये सब कैसे हो पा रहा है, इसका एक उदाहरण मैं आपको देता हूं।: PM
हमारे देश में एलपीजी गैस कनेक्शन देने की योजना, सब्सिडी देने का काम दशकों से चल रहा है।
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हमने जब उज्जवला योजना को लॉन्च किया तो, कई लोगों को लगा कि शायद ये भी वैसी ही योजना होगी, जैसी बनती आई हैं।: PM
लेकिन इसके लिए हमने सोच को भी बदला, अप्रोच को भी बदला और इसमें टेक्नॉलॉजी को भी Introduce किया।: PM
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कमेटी के बजाय हमने टेक्नॉलॉजी वाली अप्रोच पर भरोसा किया।
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Data Intelligence की मदद से पहले हमने 17 हज़ार मौजूदा LPG डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर्स को लोकेट किया और फिर 10 हज़ार नए सेंटर्स बहुत कम समय में तैयार किए।: PM
हमने देश के हर गांव को डिजिटली मैप किया । इस डेटा को दूसरे data points, जैसे सेल रिपोर्ट, LPG penetration, Population, socio-economic conditions, सबको Analyse किया गया।: PM
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लाखों गांवों से करीब 64 लाख डायवर्स डेटा प्वाइंट्स के analysis के आधार पर तय किया गया कि ये डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर कहां-कहां बनने चाहिए।: PM
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डैशबोर्ड पर एप्लीकेशन और डिस्ट्रीब्यूशन की रियल टाइम मॉनीटरिंग के दौरान पता चला कि बहुत सी महिलाओं की एप्लीकेशन रिजेक्ट हो रही है।
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क्योंकि इनके पास बैंक अकाउंट नहीं था।: PM
इस समस्या से निपटने के लिए जनधन कैंप लगाए गए और ऐसी महिलाओं के बैंक अकाउंट खोले गए।
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परिणाम ये हुआ कि, हमने 3 साल में 8 करोड़ कनेक्शन देने का जो लक्ष्य रखा था, उसको डेडलाइन से काफी पहले ही पूरा कर दिया गया।: PM
अब मैं आपको Access से Behavioral Change लाने में टेक्नॉलॉजी का क्या रोल रहता है, इसका भी उदाहरण देता हूं।
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देश में हेल्थकेयर की स्थिति पर आपकी किताब में रोशनी डाली गई है।: PM
खासतौर पर, इलाज ना कराने का मेंटल ब्लॉक जो हमारे देश में गरीबी के कारण रहा है, पैसे के अभाव के कारण रहा है।
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आयुष्मान भारत योजना इस स्थिति को बदलने की दिशा में बहुत बड़ा रोल निभा रही है।: PM
पहले जो गरीब इस चिंता में इलाज कराने से कतराता था, कि उसका सबकुछ बिक जाएगा, वो अब अस्पताल पहुंचने लगा है।वो गरीब जो पहले प्राइवेट हॉस्पिटल के दरवाज़े पर दस्तक देने से भी हिचकता था, उसको वहां Access मिला है।: PM
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आज स्थिति ये है कि गरीबों में Behavioral Change भी आया है, मेडिकल सेवाओं की डिमांड भी बढ़ी है, गरीबों का इलाज भी हो रहा है और अस्पतालों को सरकार से पैसा भी मिल रहा है।: PM
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इसी टेक्नॉलॉजी से आयुष्मान भारत को हेल्थकेयर के कंप्लीट पैकेज के तौर पर हम विकसित कर रहे हैं।पहले Preventive हेल्थकेयर पर फोकस होता ही नहीं था, प्राइमरी हेल्थकेयर सिर्फ सिर दर्द और पेट दर्द तक सीमित थे और Tertiary Healthcare पूरी तरह से एक अलग ही ट्रैक पर था।: PM
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अब इसके लिए पूरे देश में डेढ़ लाख Health and wellness Centers तैयार किए जा रहे हैं और इनको Tertiary Healthcare के Base के तौर पर विकसित किया जा रहा है।
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बहुत ही कम समय में अब तक 21 हज़ार से ज्यादा ऐसे सेंटर तैयार भी हो चुके हैं।: PM
आप हैरान रह जाएंगे कि इतने कम समय में, इन सेंटर्स पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को Hypertension, सवा करोड़ से ज्यादा डायबिटीज, डेढ़ करोड़ से ज्यादा कैंसर के केस डायग्नोज हो चुके हैं।पहले प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर्स में ये संभव ही नहीं था।: PM
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Technology जब ब्रिज बनती है तो हमें Transparency और Targeted Delivery का भी समाधान मिलता है।
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भारत में बिचौलियों और दलालों का क्या रोल था, इससे आप भली-भांति परिचित रहे हैं।: PM
Governments run the country, Middlemen run the governance, इसको एक रूल मान लिया गया था।: PM
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ये इसलिए होता था क्योंकि People और Process के बीच गैप था।
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Birth से लेकर Death तक, Certification की एक लंबी व्यवस्था थी, जिसमें सामान्य मानवी पिसता रहता था।आज जन्म से लेकर जीवन प्रमाण पत्र तक की सैकड़ों सरकारी सेवाएं ऑनलाइन हैं।: PM
आज Self Certification देश में Norm बन रहा है।अब हम Self Assessment, Self Declaration और Faceless tax assessment जैसे सिस्टम की तरफ बढ़ रहे हैं।: PM
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टेक्नॉलॉजी का Effective Use कैसे Challenges को Opportunities में बदलता है, इसका एक और उदाहरण है, India Post Payment Bank.
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देश का सबसे बड़ा Network, हमारी Post Office सेवा पर मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते प्रसार की वजह से बंद होने का खतरा था, लाखों लोगों के रोजगार पर संकट था।: PM
लेकिन आज टेक्नॉलॉजी के कारण ही पोस्ट ऑफिस, बैंकिंग सर्विस की, Digital Transaction की Home Delivery के सेंटर बन रहे हैं।इसी तरह गांव-गांव में ऑनलाइन सर्विस डिलिवरी देने वाला कॉमन सर्विस सेंटर नेटवर्क 12 लाख से अधिक युवाओं को रोज़गार दे रहा है।: PM
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Entrepreneurship को, MSME को मजबूत करने और उनको Job Creation के अहम सेंटर बनाने के लिए जो भी सुझाव किताब में दिए गए हैं, उससे भी मैं मोटे तौर पर सहमत हूं।: PM
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यहां आने वाले Silos को दूर करने के लिए भी हम टेक्नॉलॉजी का व्यापक इस्तेमाल कर रहे हैं।Public Procurement के लिए Govt. eMarketplace यानि GeM के बारे में आप जानते ही हैं।
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ये सरकार की डिमांड और MSME के Supply Ecosystem के बीच Bridge बना है।: PM
यहां आने वाले Silos को दूर करने के लिए भी हम टेक्नॉलॉजी का व्यापक इस्तेमाल कर रहे हैं।Public Procurement के लिए Govt. eMarketplace यानि GeM के बारे में आप जानते ही हैं।
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ये सरकार की डिमांड और MSME के Supply Ecosystem के बीच Bridge बना है।: PM
इस सिस्टम की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साल इसके माध्यम से करीब 50 हज़ार करोड़ रुपए की खरीदारी का टारगेट है।: PM
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इसी तरह स्टार्ट अप इंडिया, लोकल डिमांड और सप्लाई को, तो मेक इन इंडिया, लोकल सप्लाई और ग्लोबल डिमांड को ब्रिज कर रहा है।
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आपने इस किताब में डिमांड और सप्लाई में समस्याओं पर बहुत बारीकी से समझाया है।: PM
स्टार्ट अप इंडिया भी इन्हीं समस्याओं को डील कर रहा है।भारत के जो Challenges हैं उनको सामने रखते हुए, Ideas को Incubate कर Industry में बदलने का ये एक प्रयास है।यही कारण है कि आज अधिक स्टार्ट अप्स टीयर-2, टीयर-3 शहरों में तैयार हो रहे हैं।: PM
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इन सभी बातों के बीच ये भी सही है कि, सिर्फ टेक्नॉलॉजी समाधान नहीं होती, Human Intention और Right Intention, बहुत ज़रूरी है।यही बात Artificial Intelligence पर भी लागू होती है।: PM
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डिबेट ये नहीं होना चाहिए कि Artificial Intelligence से खतरा क्या है?
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रोबोट इंसान से Smart कबतक होगा?
बल्कि डिबेट ये होना चाहिए कि, Artificial Intelligence और Human Intentions के बीच हम ब्रिज कैसे बनाएं?: PM
अपनी Skills को नई Demand के अनुसार Upgrade कैसे करें?
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Let A.I. be just another Aid, which is a little more sophisticated! PM