तुम्हा सर्वांच्या चेहेऱ्यावर सुटकेचा निःश्वास मला दिसतो आहेः पंतप्रधान मोदी बेकायदा वसाहतीतील रहिवाशांना मालकीहक्क देण्यासंदर्भात
आम्ही 40 लाख लोकांना जमिनीचे मालकीहक्क मिळवून दिले आणि संसदेच्या दोन्ही सभाग-हांनी दिल्लीतील भूमीहीन लोकांना जमीन देण्यास मान्यता दिलीः पंतप्रधान मोदी
पिण्यासाठी स्वच्छ पाणी हे दिल्लीसाठी अद्याप स्वप्नच असून दिल्लीतील लोकांना शुद्ध पाणीपुरवठा करण्यासाठी आपचे सरकार काहीही करत नाहीः पंतप्रधान मोदी
आम्ही लाखो घरे बांधली, पण आम्ही कुणालाही त्यांचा धर्म कधीच विचारला नाहीः पंतप्रधान मोदी रामलीला मैदानावर
काही राजकीय पक्ष सर्व तऱ्हेच्या अफवा पसरवित असून, नागरिकत्व कायद्याबाबत लोकांची दिशाभूल करून त्यांच्या भावना भडकवत आहेतः पंतप्रधान मोदी
सुरक्षा कर्मचाऱ्यांवर हल्ले करून तुम्हाला काय मिळणार आहेः हिंसक आंदोलकांवर पंतप्रधान मोदींची कठोर टीका
सीएए आणि एनआरसीचा भारतीय मुस्लिमांशी काहीही संबंध नाही. देशात डिटेन्शन सेंटर्स नाहीतः पंतप्रधान मोदी
सीएए नागरिकत्व देण्यासाठी आहे, हिरावून घेण्यासाठी नव्हेः पंतप्रधान मोदींची रामलीला मैदानावरील सभेत स्पष्टोक्ती
आश्वासन देऊनही काँग्रेस मतांच्या राजकारणामुळे जे करू शकली नाही ते आम्ही करत आहोत, असे पंतप्रधान मोदी सीएए संदर्भात म्हणाले.

भारत माता की जयभारत माता की जयभारत माता की जय। मैं एक नारा बोलूंगा आप लोगों को मेरे साथ दोहराना हैमैं कहूंगा विविधता में एकता आप कहेंगे भारत की विशेषता। विविधता में एकता भारत की विशेषताविविधता में एकताभारत की विशेषताविविधता में एकताभारत की विशेषताविविधता में एकताभारत की विशेषताभारत माता की जय।

मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी डॉक्टर हर्षवर्धन जीप्रकाश जावड़ेकर जीहरदीप पुरी जीसंसद में मेरे साथी श्रीमान मनोज तिवारी जीविजय गोयल जीबहन मीनाक्षी लेखी जीश्रीमान रमेश बिधूड़ी जीप्रवेश वर्मा जीहंसराज हंस जीश्रीमान गौतम गंभीर जीमंत्रिपरिषद के मेरे साथी देश के गृह राज्यमंत्री श्रीमान नित्यानंद राय जीमंच पर विराजमान हम सबके वरिष्ठ नेता श्रीमान विजय कुमार मल्होत्रा जीसभी वरिष्ठ साथी और विशाल संख्या में पधारे हुए दिल्ली के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। ये रामलीला मैदान अनेक ऐतिहासिक अवसरों का साक्षी रहा है इसी मैदान पर आज आप इतनी भारी संख्या में दिल्ली के कोने-कोने से हम सभी को आशीर्वाद देने के लिए आए हैं इसके लिए आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

भाइयो-बहनोजीवन से जब अनिश्चितता निकल जाती हैएक बड़ी चिंता हट जाती है तो उसका प्रभाव क्या होता है ये मैं आज आप सभी के चेहरे पर देख रहा हूंआपके उत्साह में देख रहा हूंआपकी गर्मजोशी का अनुभव कर रहा हूं। मुझे संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख लोगों से ज्यादा के जीवन में नया सवेरा लाने का एक उत्तम अवसर मुझे और भारतीय जनता पार्टी को मिला है। प्रधानमंत्री उदय योजना के माध्यम से आपको अपने घरअपनी जमीनअपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी उस पर संपूर्ण अधिकार मिला और इसके लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई। जिन लोगों ने दिल्ली को इस अधिकार से दूर रखा थाजिन्होंने तरह-तरह के रोड़े अटकाए वो आज देख सकते हैं कि अपने घर पर अधिकार मिलने की खुशी क्या होती है वो आज रामलीला मैदान में दिखाई दे रही है। साथियोआजादी के इतने दशकों बाद तक दिल्ली की एक बड़ी आबादी को अपने घरों को लेकर डरचिंताअनिश्चितताछल-कपट और झूठे चुनावी वादों से गुजरना पड़ा है। गैरकानूनीइललीगलअनआथराइज्डजेजे क्लस्टरसीलिंगबुल्डोजर और एक कटॉफ डेटइन्हीं शब्दों के इर्द-गिर्द दिल्ली की एक बड़ी आबादी का जीवन सिमट गया था। चुनाव आते थे तो तारीखें आगे बढ़ाई जाती थींबुल्डोजर का पहिया कुछ समय तक रुक जाता था लेकिन समस्या वहीं की वहीं रहती थी। आपको इस चिंता से मुक्त करने कीइस समस्या के स्थाई समाधान करने की ईमानदारीनीयत इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई। हालात तो ये थे कि ये लोग कॉलोनियों से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारियां जुटाने के लिएबाउंड्री तय करने के लिए 2021 लग जाएगा2021 का समय बढ़ा दो ये मांग कर रहे थे। जब गरीब के लिए काम करना होता हैमध्यम वर्ग के लिए काम करना होता है तो इनके काम की रफ्तार क्या होती है ये इनकी इन बातों से पता चलता है जब बेशर्म होकर कहते हैं कि 2021 तक कुछ नहीं कर पाएंगे। इन लोगों की इस रफ्तार को देखते हुए ही हमने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा ना मैं चलने दूंगा। और इसलिए हमने इस साल मार्च में ये काम खुद अपने हाथों में लिया और अक्टूबर मेंनवंबरदिसंबर में प्रक्रियाएं पूरी कीं और अभी जो लोकसभा का सत्र हुआ। लोकसभा और राज्यसभादोनों सदनों में दिल्ली की कॉलोनियों से जुड़ा बिल पास कराया जा चुका है।

साथियोइतने कम समय में टेक्नोलॉजी की मदद से दिल्ली की 1700 से ज्यादा कॉलेनियों की बाउंड़्री को चिन्हित करने का काम पूरा किया जा चुका है। इतना ही नहीं 1200 से ज्यादा कॉलोनियों के नक्शे भी पोर्टल पर डाले जा चुके हैं। कॉलोनियों के नियमितिकरण का ये फैसला घर और जमीन के अधिकार से जुड़ा तो है हीये दिल्ली के बिजनेसयहां के कारोबार को भी गति देने वाला है। साथियोसमस्याओं को लटकाकर रखना ये हमारी प्रवृत्ति नहीं है ये हमारे संस्कार नहीं हैं और ना ही राजनीति का हमारा ये रास्ता है। आप सोचिए जिन लोगों पर आप लोगों ने अपने घर नियमित कराने का भरोसा किया था वो खुद क्या कर रहे थे। ये दिल्लीवासियों का जानना बहुत जरूरी हैजब आप अपने लिए कुछ मांग रहे थे और जिनसे मांग रहे थे वो क्या कर रहे थेये भी आपको जानना चाहिए। इन लोगों ने दिल्ली के सबसे आलीशान और सबसे महंगे इलाकों में 2000 से ज्यादा बंगले अवैध तरीके से अपने कारोबारियों को दे रखे थे। इन बंगलों के बदले किसको क्या मिलाकैसे हुआक्यों हुआ उस कहानी में मैं जाना नहीं चाहता हूं। पहले जो सरकार चला रहे थे उन सरकार वालों ने इन बंगलों में रहने वालों को तो पूरी छूट दी लेकिन आपके घरों को नियमित करने के लिए कुछ किया भी नहीं और जब मैं कर रहा था तो रोड़े अटकाने का कोई मौका भी नहीं छोड़ा लेकिन इन्हें पता नहीं थाउन्हें मालूम नहीं था ये मोदी है। उसने एक तरफ इन वीआईपी लोगों से दिल्ली के 2 हजार से ज्यादा सरकारी बंगले तो खाली कराए हीसाथ-साथ दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को उनके हक का घर भी दे दिया है। उनके वीआईपी उनको मुबारकमेरे वीआईपी तो आप ही लोग हैंदेश का सामान्य मानवी है।

साथियोदिल्ली के लोगों का जीवन आसान बनेईज ऑफ लिविंग बढ़ेदिल्ली में कनेक्टिविटी बेहतर हो ये केंद्र सरकार की प्राथमिकता रही है। तमाम राजनीतिक अवरोधों के बीच बीते पांच वर्षों में हमने दिल्ली मेट्रो का अभूतपूर्व विस्तार किया है। साथियो2014 के पहले दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क में औसतन करीब 14 किलोमीटर प्रतिवर्ष का विस्तार हो रहा था और तब दिल्ली में उनकी सरकार थी और भारत सरकार में भी वही लोग थे फिर भी ये हाल था। हमारी सरकार आने के बाद राज्य सरकार का रवैया कैसा है वो बताने की जरूरत नहीं है। सारे विरोधअवरोधरुकावटें सबउसके बावजूद भी हमारी सरकार ने वो स्थिति पैदा की है कि जहां 14 किलोमीटर का काम होता था अब करीब-करीब 25 किलोमीटर प्रतिवर्ष हो गया है यानी दिल्ली में अब सालाना करीब 25 किलोमीटर नया रूट बन रहा है। पिछले पांच साल में दिल्ली में 116 किलोमीटर नई लाइनें शुरू हैं इसके अलावा करीब 70 किलोमीटर नए रूट पर काम हो रहा है। दिल्ली मेट्रो के फेज-4 को लेकर अगर यहां की सरकारयहां की राज्य सरकार राजनीति पर उतारू ना होतीराजनीति के अड़ंगे ना डाले होतेबेवजह मुसीबतें पैदा ना की होतीं तो इसका काम काफी पहले शुरू हो गया होता। इसलिए मैं कहता हूं कि आपके नाम पर राजनीति करने वाले आप की तकलीफों को कभी ना समझे हैं ना समझने का उनका इरादा है। बरसों से ये लोग बसों को लेकर जो बहाने बता रहे हैंजो हालत दिल्ली की बसों की इन लोगों ने कर दी है वो दिल्ली के लोग रोजमर्रा की जिंदगी में अनुभव कर रहे हैं।

भाइयो-बहनोअपने दफ्तर आने-जाने मेंअपने घर आने-जाने में दिल्ली के लोगों को कम से कम परेशानी हो इसका हमने निरंतर प्रयास किया है। दिल्ली के भीतर सड़कों पर ध्यान देने के साथ ही दिल्ली के चारों ओर पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का निर्माण किया गया हैये एक्सप्रेसवे भी बरसों से अटकालटकाभटका पड़ा था। इसे पूरा करने का काम भी हमारी सरकार ने किया है अब इसके बन जाने से रोजाना 30-40 ट्रक अब वो दिल्ली के भीतर नहीं आते हैं वो बाहर ही बाहर निकल जाते हैं जिससे दिल्ली के ट्रैफिक पर भी बोझ कुछ कम हुआ है और प्रदूषण की समस्या पर भी अंतर लाने में उसने मदद की है। साथियोशहर में प्रदूषण कम हो इसके लिए भी हमने निरंतर प्रयास किया हैबीते पांच वर्षों में दिल्ली में सैकड़ों नए सीएनजी स्टेशन लगाए गए हैं। यहां जो उद्योग धंधे चल रहे हैं उनमें से आधों को पीएनजी आधारित बनाया जा चुका है। इसके अलावा हजारों ईंट-भट्ठों को नई तकनीक से जोड़ा गया हैअगर पराली जलाने की बात है तो आस-पास के राज्यों को भी हमने मदद की हैतत्परता से उनका साथ दिया है और कम करने का प्रयास किया है। लेकिन साथियोआज दिल्ली में जो राज्य सरकार है वो यहां की सबसे बड़ी समस्या से आंख मूंद कर बैठी हैये समस्या है पीने के पानी की। इन लोगों की माने तो पूरी दिल्ली में हर जगह बिस्लेरी का ही पानी जैसे मिलता हैसाफ जैसे मिलता हैहर घर में बिल्कुल साफ पानी आता है। मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूंये दिल्ली सरकार के वादे से आप सहमत होउनकी बातों से सहमत होक्या आपको साफ-सुथरा पानी मिलता हैआपको पानी देख कर के चिंता होती है कि नहीं होती हैबीमारी का डर लगता है कि नहीं लगता हैये आपको भी झूठ कह रहे हैंआपको भी झूठा बता रहे हैं। आप बताइए दिल्लीवासीक्या आप झूठे हैंक्या आप बेईमान हैंये कैसे आरोप देश के नागरिकों पर लगा रहे हैं। दिल्ली के लोगों से जो कुछ भी बोला गया है उसकी सच्चाई दिल्ली के लोग हर रोज देख रहे हैं। साथियोसच्चाई ये है कि आज दिल्ली में देश भर में सबसे अधिक वॉटर प्यूरिफायर यानी पानी को शुद्ध करने वाली मशीनें रोजाना बिकती हैंलोगों को ये खर्चा क्यों करना पड़ रहा है भाइयोजो वॉटर प्यूरिफायर नहीं लगा सकता वो 40-50 रुपए की बोतल खरीदता है या फिर उसे मजबूरी में दूषित पानी से काम चलाना पड़ता है। अधिकांश जगहों पर जल से या तो पानी आता ही नहीं है और जो पानी आता भी है उस पर लोगों को विश्वास नहीं है और ये लोग कहते हैं दिल्ली में पानी की गंदगी कोई दिक्कत ही नहीं है।

भाइयो-बहनोये लोग किस तरह अपने स्वार्थ के लिएअपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं ये आपने पिछले हफ्ते भी देखा है। जो बयान दिए गएजिस तरह लोगों को भड़काया गयाउकसाने वाली बातें कही गईझूठे वीडियो उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया पर डालकर के भ्रम फैलाने काआग फैलाने का घृणित कृत्य किया है। साथियोअभी हाल में जो संसद का सत्र समाप्त हुआउसमें दिल्ली की कॉलोनियों से जुड़े बिल को तो हमने पारित कियाआपको अधिकार देने का निर्णय किया। उसके साथ-साथ दूसरा महत्वपूर्ण बिल पास हुआ सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल। भारत की संसद नेलोकसभा और राज्यसभा दोनों ने आपके उज्जवल भविष्य के लिएदलितपीड़ितशोषितों के भविष्य के लिए लोकसभा-राज्यसभा नेसभी सांसदों ने इस बिल को पास करने में मदद की है। आप खड़े होकर देश की संसद का सम्मान कीजिएदेश की पार्लियामेंट का सम्मान कीजिएदेश की लोकसभा-राज्यसभा का सम्मान कीजिएदेश की जनता के चुने हुए हमारे सांसदों का सम्मान कीजिएपूरी ताकत से सम्मान कीजिए दोस्तों। मैं भी आपके साथ जुड़ करके देश के दोनों सर्वोच्च सदनलोकतंत्र के मंदिरवहां बैठे हुए प्रतिनिधिआपके साथ मैं भी उनको प्रणाम करता हूंउनका अभिनंदन करता हूंउनका धन्यवाद करता हूं। लेकिन भाइयोइस बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैंवे लोग भ्रमित कर रहे हैंभावनाओं को भड़का रहे हैं। मैं उनसे जानना चाहता हूंक्या जब हमने दिल्ली की सैकड़ोंइस बात को समझिए भाइयो-बहनो। मैं जरा ये भ्रम फैलाने वालेझूठ बोलने वाले लोगों से जरा पूछना चाहता हूं कि आज जब हमने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध करने का काम किया तो क्या किसी से पूछा था कि आपका धर्म क्या हैआपकी आस्था क्या हैआप किस पार्टी को वोट देते हैंआप किस पार्टी के समर्थक हैं। क्या हमने आपसे कोई सुबूत मांगे थे70 का सुबूत लाओ75 का सुबूत लाओ80 का सुबूत लाओमांगाकेंद्र सरकार के इस फैसले का लाभ हिन्दुओं को भी मिलामुसलमानों को भी मिलासिख भाई-बहनो को मिलाइसाई भाई-बहनो को मिलाजो भी यहां बसते हैं उन सबको मिला। हमने ऐसा क्यों किया,क्योंकि हम देश से लगाव के कारण जीते हैंहम सबका साथसबका विकाससबका विश्वास के मंत्र को समर्पित हैं। भाइयो-बहनोअगर थोड़ी सी भी भगवान ने दी हो तो जरा उपयोग करोएक ही सत्र में दो बिल पारित हुए हैं। एक बिल में मैं दिल्ली के 40 लाख लोगों को अधिकार दे रहा हूं और ये झूठ फैला रहे हैं कि मैं अधिकार छीनने वाला कानून बना रहा हूं। ये झूठ चलने वाली नहीं हैदेश स्वीकार करने वाला नहीं है। भाइयो-बहनोमैं जो ये झूठ बोलने वाले हैं मैं उनको चुनौती देता हूंजाइए मेरे हर काम की पड़ताल करिए। कहीं पर दूर-दूर तक भेदभाव की बू आती है तो देश के सामने ला कर रख दीजिए।

भाइयो-बहनोमैं एक-एक करके आज बताना चाहता हूं दोस्तों बताऊं ना?  पूरा देश मुझे कई दिनों से कह रहा था बताइएआज देश को भी मैं बता देता हूं। एक-एक योजना को देखिएजब हमने उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दियाक्या हमने किसी का धर्म पूछा थाक्या हमने उससे 707275 के प्रमाण मांगे थेउनकी जाति पूछी थीमैं जानना चाहता हूं कांग्रेस और उसके साथियों सेउसकी तरह देश को बांटने की राजनीति करने वाले उनके साथी दलों से कि आप क्यों देश की जनता से झूठ बोल रहे होक्यों उन्हें भड़का रहे हो। भाइयो-बहनोहमने दिया इतना ही नहीं आगे भी हमारा संकल्प है कि हर गरीब परिवार को उज्जवला योजना का लाभ पहुंचाएंगेकोई बाकी नहीं रहेगा। भाइयो-बहनोपिछले पांच साल में हमारी सरकार ने ढेड़ करोड़ से ज्यादा गरीबों के घर बनाकर दिए हैंहमने किसी से पुछा कि आपका धर्म क्या हैना जाति पूछी ना धर्म पूछाहमने सिर्फ गरीब की गरीबी को देखा। फिर क्यों कुछ लोग झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैंदेश को गुमराह कर रहे हैं और आज जो ये लोग कागज-कागजसर्टिफिकेट-सर्टिफिकेट इसके नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं उन्हें ये याद रखना चाहिए कि हमने गरीबों की भलाई के लिए इन योजनाओं के लाभार्थी चुनते समय कागजों की बंदिशें नहीं लगाईं। वरना पहले तो ये होता था कि सरकार की योजना शुरू होने पर लाभार्थियों को तमाम तरह की तिकड़में लगानी पड़ती थींयहां-वहां चक्कर काटने पड़ते थे हमने ये सब बंद करा दिया। हमने तय किया हर योजना का लाभ हर गरीब को मिलेगाजाति-धर्म कुछ नहीं देखा जाएगा। उज्जवला के लिएआवास योजना के लिएमुफ्त बिजली कनेक्शन के लिए सरकार स्वयं सामने से लोगों की झोपड़ी तक पहुंचने का पूरा प्रयास किया गया। ना हमने किसी का धर्म पूछाना कभी जानने की कोशिश कीन हमने कभी ये पूछा कि आप मंदिर जाते हैंमस्जिद जाते हैं कि गुरुद्वारे जाते हैं कि चर्च जाते हैंहमने कभी नहीं पूछा फिर क्यों इस तरह का झूठा आरोप हम पर लगाया जा रहा है।

साथियों दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ एस्योरेंस स्कीम आज भारत में चल रही हैइस योजना ने देश के 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा सुनिश्चित की है। राजनीतिक स्वार्थ के कारण यहां की सरकार ने आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू नहीं की। लेकिन जिन राज्यों में योजना लागू की गई है वहां लगभग 70 लाख गरीबों का जो पैसों के अभाव में इलाज नहीं करवा रहे थेपीड़ा झेल रहे थेमुसीबतों से गुजारा कर रहे थे आज इस योजना के कारण इन 70 लाख लोगों का इतने कम समय में इलाज मुफ्त में हो गया। इन लाभार्थियों में सभी संप्रदाय के लोग हैंसभी जाति के लोग हैंसभी पूजा-पद्धति के लोग हैं। इस योजना में तो किसी से नहीं पूछा जा रहा कि पहले आप अपना धर्म बताइए फिर आपका इलाज शुरू किया जाएगाफिर ऐसे झूठे आरोप क्योंइस तरह के आरोपों के बहाने भारत को दुनिया भर में बर्बाद करने की साजिश क्यों हो रही है। साथियोइन लोगों ने दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों को अराजकता और डर के माहौल में धकेलने की नापाक कोशिश की हैसाजिश की है। जिस तरह बच्चों के स्कूलों पर हमले हुएयात्री बसों परट्रेनों पर हमले किए गए हैंलोगों की गाड़ियों कोमोटरसाइकिलों कोसाइकल कोछोटी-छोटी दुकानों को जलाया गया है। भारत के ईमानदार टैक्सपेयर्स का पैसाउससे बनी सरकारी संपत्ति उसे आग में खाक कर दिया गया हैउसे नुकसान पहुंचाया गया है। इनकी राजनीति कैसी हैइनके इरादे कैसे हैं ये अब देश भली-भांति समझ चुका है। मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूंमैं जानता हूं पहली बार मैं जीत कर के आयादेश की जनता ने मुझे जिताकर बिठाया तो जो लोग नहीं चाहते थे उनको समझ नहीं आया कि ये कैसे हो गया। दोबारा ना जीत पाऊंदेश की जनता समर्थन ना करें इसके लिए एड़ी-चोटी का जोर लगायाजिसके पास जो साधन था उपयोग कियाझूठ जितने फैलाने थे फैलाए लेकिन देश की जनता ने पहले से ज्यादा आशीर्वाद दे दिए। ये सदमा ये अभी भी सहन नहीं कर पा रहे हैंये पहले तो आ गया ये दोबारा कैसे आ गया और जिस दिन से नतीजे आए हैं उसी दिन से ये देश में तूफान खड़े करने की फिराक में हैं। ये इनके इरादे हैं और कोशिशें पहले भी कीं लेकिन लोग साथ नहीं दे रहे हैं उनका यही हाल होने वाला है और मैं इन लोगों को कहना चाहता हूं। अगर मोदी को देश की जनता ने बिठाया ये आपको अगर पसंद नहीं है मैं समझ सकता हूं तो आप मोदी को गाली दो भाईमोदी को नफरत करोमोदी का जितना विरोध करना है जरूर करोआपको मोदी से नफरत है गुस्सा जितना निकालना है निकालो। अरे मोदी का पुतला लगाकर के आते-जाते जितने जूते मारने हैं मारोमोदी का पुतला जलाना है जलाओ लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओगरीब का ऑटोरिक्शा मत जलाओगरीब की झोपड़ी मत जलाओ। आपको जितना गुस्सा है वो मोदी पर निकालो गरीब ऑटोवालोंगरीब बस वालों को मारपीट कर आपको क्या मिलेगा और भाइयो-बहनोजिन पुलिसवालों पर ये लोग पत्थर बरसा रहे हैं उन्हें जख्मी कर रहे हैं मैं जरा तूफानियों से पूछना चाहता हूंइनके आंदोलनों का नेतृत्व कर रहेपर्दे के पीछे मुंह छिपाकर खेल खेल रहे लोगों से पूछना चाहता हूं कि पुलिस के जवानों को अपनी ड्यूटी करते समय जो हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है उनको मारा जा रहा हैक्या मिलेगा आपको। और ये शरारती तत्व समझ लें जब पहले भी आपकी सरकार थी ये पुलिस वाले भी आप ही के थेसरकारें बदलती हैं पुलिस वाले किसी के दुश्मन नहीं होते। इस देश को पता नहीं है आजादी के बाद 33 हजारये आंकड़ा बताइए लोगों कोआजादी के बाद 33 हजार हमारे पुलिस भाइयो ने शांति और सुरक्षा के लिए शहादत दी है33 हजार आंकड़ा कम नहीं होता है। 33 हजार पुलिस हिंदुस्तान के सामान्य नागरिक की रक्षा करने के लिए शहीद हुए हैं और आप बेरहमी से उनको मार रहे हो। जब कोई संकट आता हैकोई मुश्किल आती है तो पुलिस धर्म पूछती है ना जाति पूछती हैन दिन देखती है ना रात देखती है बारिश देखती है वो आकर आपकी मदद के लिए खड़ी हो जाती है। अभी यहां दिल्ली में ही पिछले दिनों जिस मार्केट में आग लगीमंडी में इतने लोगों की जान गई उस समय पुलिस किसी का धर्म पूछने नहीं गई थी आग के अंदर जा कर के जितना जिंदा लोगों को निकाल सके निकालने का काम किया और आप पुलिस पर हमला कर रहे हो और देश के नेतासौ साल से पुरानी पार्टी के नेता उनको हिंदुस्तान क्या है उपदेश दे रहे हैं लेकिन शांति के लिए दो शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। हिंसा छोड़ने के लिए एक शब्द बोलने को तैयार नहीं हैंइसका मतलब हिंसा को आपकी मूक सहमती है। पुलिस पर हो रहे हमलेनिर्दोषों पर हो रहे हमले उसको आपकी मौन सहमती है ये देश देख रहा है।

भाइयो-बहनोआप कल्पना कीजिएपुलिस का सम्मान होना चाहिए कि नहीं होना चाहिएपुलिस का आदर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिएअगर पुलिस को हम परेशान करेंगे तो हमारी परेशानी बढ़ेगी कि नहीं बढ़ेगी। 33 हजार पुलिस शहीद हुए हैंमैं आप सब से कह रहा हूं कि आइए उन 33 हजार पुलिसवालों को याद करते हुए मेरे साथ नारा बोलिए शहीदों अमर रहोशहीदों अमर रहोशहीदों अमर रहोशहीदों अमर रहो। इन सभी पुलिसवालों की आत्माओं को मैं प्रणाम करता हूं और मैं अनाधिकृत कालोनी के लोगों से आग्रह करूंगा 1700 से ज्यादा कालोनी हैं। यहां हमारी सरकार बनने के बाद शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक भव्य स्मारक बनाया हैइन 1700 कॉलोनियों के लोग एक बार जरूर जा कर के वहां फूल चढ़ाकर के आ जाएं। करेंगे आप लोगशहीदों का सम्मान करेंगेपुलिस का सम्मान करेंगेपुलिस से भाईचारा बढ़ाएंगे। साथियोझूठ बेचने वालेअफवाह फैलाने वाले इन लोगों को पहचानने की जरूरत हैये दो तरह के लोग हैं। ये वो लोग हैं जिनकी राजनीति दशकों तक वोटबैंक पर ही टिकी रही है। दूसरे वो लोग जिनको इस राजनीति का लाभ मिला हैये लोग सोचते थे कि खुद ही सरकार हैं उनको लगता था कि देश उनके इशारे पर चलता हैये सोचते थे कि वो जो इतिहास बताएंगे वही सच मान लिया जाएगावो जो भविष्य बताएंगे उसी को भारत का भाग्य मान लिया जाएगा। वोटबैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वाले आज जब देश की जनता द्वारा नकार दिए गए हैं तो इन्होंने अपना पुराना हथियार निकाल लिया हैबांटोभेदभाव करो और राजनीति का उल्लू सीधा करने की कोशिश करो। 

साथियोसिटिजनशिप एमेंडमेंट कानूनये भारत के किसी नागरिक के लिएचाहे वो हिंदू हो या मुसलमानये कानून उसके लिए है ही नहींये पार्लियामेंट में बोला गया है और पार्लियामेंट में गलत बयानबाजी अलाऊ नहीं होती है। ये कानून जो इस देश के अंदर 130 करोड़ लोग रह रहे हैं उनका इस कानून से कोई वास्ता नहीं है। दूसरी बात एनआरसीइसका भी ऐसा झूठ चलाया जा रहा हैये कांग्रेस के जमाने में बना था तब सोए थे क्याहमने तो बनाया नहींपार्लियामेंट में आया नहीं ना कैबिनेट में आया हैना उसके कोई नियम कायदे बने हैंहौवा खड़ा किया जा रहा है और मैंने पहले ही बताया इसी सत्र में आप लोगों को जमीन और घर का अधिकार दे रहे हैं ना कोई धर्म जाति पूछते हैं तो क्या दूसरा कानून आपको निकाल देने के लिए करेंगे क्या। बच्चे जैसी बातें करते हो। कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने चिल्ला दिया कि वो देखोये कांग्रेस वालों और उसके साथियो ने चीख-चीख कर बोला वो देखो कौवा कान काटकर उड़ गया और कुछ लोग कौवे के पीछे भागने लगे। अरे भाई पहले अपना कान तो देख लीजिए कि कौवा काट गया कि नहीं काट गया। पहले देख तो लीजिए कि एनआरसी के ऊपर कुछ हुआ भी है क्याझूठ चलाए जा रहे हो। मेरी सरकार आने के बाद 2014 से आज तक मैं 130 करोड़ देशवासियों को कहना चाहता हूं कि कहीं पर भी एनआरसी शब्द पर कोई चर्चा नहीं हुई हैकोई बात नहीं हुई है सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा तो वो सिर्फ आसाम के लिए करना पड़ा। क्या बातें कर रहे होझूठ फैलाया जा रहा है। कांग्रेस और उसके साथी शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े-लिखे नक्सलीअर्बन नक्सल ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। मैं हैरान हूं कि इस अफवाह ने अच्छे-अच्छे पढ़े-लिखेवे भी पूछ रहे हैं कि ये डिटेंशन सेंटर क्या होता हैकैसा झूठ। मैं एक मीडिया रिपोर्ट देख रहा थाजिसमें मीडिया के लोगलोगों से पूछ रहे थे कि ये बताइए कि ये डिटेंशन सेंटर कहां बना है आपको पता है क्या तो सामने वाले उनको पूछ रहे थे कि भाई हमने तो सुना है इसलिए कह रहे थे। सुना है तो कह रहे हैकोई जवाब नहींझूठ चलाया जा रहा है। अरे भाई कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र करिएएक बार पढ़ तो लीजिए। ये संविधान संशोधन और एनआरसीये सब है क्या आप तो पढ़े-लिखे लोग हो। मैं देश के नवजवानों से आग्रह करता हूं जरा पढ़िए इसको। अब भी जो भ्रम में है मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गईं डिटेंशन सेंटर की अफवाहें सरासर झूठ हैबदइरादे वाली हैदेश को बर्बाद करने के नापाक इरादों से भरी पड़ी हैये झूठ हैझूठ है। जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैंजिनके पुरखे मां भारती की संतान हैभाइयो-बहनोउन पर नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का कोई लेना-देना नहीं है। कोई देश के मुसलमानों को ना डिटेंशन सेंटर में भेजा जा रहा हैना हिंदुस्तान में कोई डिटेंशन सेंटर है। भाइयो-बहनोये झूठ है ये बद इरादे वाला खेल है ये नापाक खेल है।

भाइयो-बहनोमैं तो हैरान हूं कि ये लोग झूठ बोलने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। कुछ लोग सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्ट को गरीबों के ही खिलाफ बताते हैंकोशिश कर रहे हैं। कह रहे हैं कि जो लोग आएंगे वो यहां के गरीबों का हक छीन लेंगे। अरे झूठ बोलने से पहले इन कम से कम गरीबों पर तो दया करो भाई। एक ही पार्लियामेंट के सत्र में मोदी गरीबों को घर देने का कानून लाता हैअनाधिकृत कालोनी को अधिकृत करने का काम करता है क्या उसी सत्र में गरीबों से छीनने की बात करेगाक्या झूठ फैला के रखा है। भाइयो-बहनोये जो एक्ट लाया गया है ये उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा। जो लोग इस तरह का झूठ बोल रहे हैं उन्हें पाकिस्तानअफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक कारणों से जो परेशानी हुईप्रताड़ना जो हुई उन्हीं लोगों को सुरक्षा देने के लिए ये कानून है। भाइयो-बहनोये वो लोग हैं और ये कौन लोग हैं मैं हैरान हूं कुछ दलित नेता भी बिना समझे इसमें घुस गए हैं। जब मेरी बात सुनेंगे तो समझेंगे। उनको मालूम होना चाहिए कि पाकिस्तान से जो अधिकतर हमारे शरणार्थी आए हैं वो मेरे दलित भाई-बहन हैंदलित परिवार के हैं। भाइयो-बहनोये वो दलित परिवार है जिनको पाकिस्तान में बंधवा मजदूर बनाकर रखा गया था। आज भी पाकिस्तान में उनके साथ स्थिति ये है कि अगर दलित परिवार का कोई व्यक्ति चाय पीता है तो उसको चाय के साथ-साथ उस चाय के बर्तन का पैसा भी देना पड़ता है और बर्तन साथ ले जाना होता है। आज भी पाकिस्तान में ये हाल हैवहां पर बेटियों के साथ जो अत्याचार होता हैकिस तरह जबरन शादी करके उन्हें धर्म परिवर्तन पर मजबूर किया जाता है। ये भी दुनिया भर के अखबारों में छप चुका हैलगातार मीडिया में आता है। ये सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि उनकी श्रद्धा अलग हैआस्था अलग हैपूजा पद्धति अलग है। पाकिस्तानअफगानिस्तानबांग्लादेश में हुए ऐसे ही शोषण के कारण वो भारत आए और बरसों से हमारे बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे हैं।

भाइयो-बहनोये एक ऐसी चर्चा हैपार्लियामेंट में चर्चा हुई अगर हिंदुस्तान के राजनीतिक नेताओं को अपनी स्वार्थी राजनीति से दूर का दिखताये ऐसा मौका था हम दुनिया में पाकिस्तान कैसे मानवाधिकार विरोधी हैपाकिस्तान कैसे माइनारिटी पर जुल्म करता हैपाकिस्तान में माइनारिटी की क्या दुर्दशा है ये चित्र पूरी दुनिया में ले जाने का उत्तम अवसर था लेकिन इन्होंने उल्टा कर दिया क्योंकि उनको देश नहीं उनकोउनका दल दिखता है। इसके कारण देश की भलाई के लिए दुनिया में पाकिस्तान की करतूतों को खुला करने का मौका भी इन लोगों ने गंवा दिया। मैंने पहले जो कहा उस प्रकार से मैं दलित राजनीति करने वालों का दावा करने वालों का दावा जो करते हैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आप इतने वर्षों चुप क्यों थेआपको इन दलितों की तकलीफ क्यों नहीं दिखाई दी। आज जब इन दलितों के जीवन की सबसे बड़ी चिंता दूर करने का काम अगर मोदी सरकार कर रही है तो आप के पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं। साथियोयहां दिल्ली में ही मजनू का टीला में दो हफ्ते पहले ही ऐसे ही एक शरणार्थी के कैंप में एक बिटिया का जन्म हुआ और उस बेटी के मां-पिता ने उस बिटिया का नाम नागरिकता रख लिया। मैं जरा ये हुड़दंग मचाने वालों से और उनके पीछे रिमोट कंट्रोल से राजनीति करने वालों से कहना चाहता हूं अगर इस नागरिकता नाम की बेटी का जीवन आसान होता हैअगर उसके मां-बाप की जिंदगी आसान होती हैअगर भारत के किसी भी नागरिक की समस्याओं का समाधान होता है तो आपको तकलीफ क्यों होती है। देश में दशकों से रह रहे लाखों गरीबोंसताए हुए शोषित दलित परिवार जिनको उत्पीड़न के कारण भारत आने को मजबूर होना पड़ा हैमुसीबत के मारे आए हैंअपना धर्मअपना सम्मानअपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिए आए हैं। मैं जरा इन लोगों से पूछना चाहता हूंआपको उनसे दुश्मनी क्या है।

साथियोजब धार्मिक अत्याचार की वजह से कोई भारत की शरण में आता है तो यहां आकर अपनी आपबीती सुनाता हैअपनी परेशानी बताता है। जरा बुद्धिजीवियों आप मेरी बात जरा गौर से सुनिएआपको भेद समझ आ जाएगा। कोई भी शरणार्थी मुसीबत के मारे सीमा पार करके किसी भी तरह अगर हिंदुस्तान में पहुंच जाता है तो वो किसी ना किसी सरकारी दफ्तर में जा पहुंचने की कोशिश करता है। छोटा सा भी सरकारी मुलाजिम मिल जाए तो उसके पास जाता हैनजदीक में पुलिस थाना है तो वहां जाता है और हाथ जोड़ कर के खुद कहता है कि मैं पाकिस्तान से आया हूंमुझे आना पड़ा हैमेरी जिंदगी बचाने के लिए आया हूंआप मेरी मदद कीजिए वो छिपाता नहीं है। आज भी ये लोग खुले आम इंटरव्यू दे रहे हैं कि हम पाकिस्तान सेबांग्लादेश सेअफगानिस्तान से आए हैंआना पड़ा है लेकिन जो घुसपैठिया है ना वो इंटरव्यू देता है ना वो प्रेस से बात करता है ना पुलिस को बताता है कि मेरी मदद करो। वो आकर के छिप जाता है और कहीं ना कहीं अपना जीवन स्थिर करने के लिए जुगाड़ लगा देता है और जो एजेंट होते हैं उनको मजदूरी का कुछ हिस्सा देता रहता है। भाइयो-बहनोबड़ा सीधा-सादा फर्क हैघुसपैठिया कभी अपने आप की पहचान होने नहीं देता और शरणार्थी कभी अपनी पहचान छिपाता नहीं है। भाइयो-बहनोऐसे बहुत से घुसपैठियों नेआज बाहर निकल कर इस प्रकार की बातें कर रहे हैं सच क्यों नहीं बताते हैं।  भाइयो-बहनोउन्हें डर लग रहा है कि अब उनकी सच्चाई सामने आ जाएगी। साथियोरिफ्यूजी का जीवन क्या होता है बिना किसी कसूर के अपने घरों से निकाल देने का दर्द क्या होता है ये दिल्ली से बेहतर कौन समझ सकता है। यहां का कोई कोना ऐसा नहीं हैजहां बंटवारे के बाद किसी रिफ्यूजी का बंटवारे से अल्पसंख्यक बने भारतीय का आंसू ना गिरा हो। सड़क पर हो रहा ये बवाल उनके आंसुओं का अपमान है कि नहीं हैउनके दर्द पर तेजाब छिड़कने वाला पाप है कि नहीं है। साथियोमैं फिर से स्पष्ट करना चाहता हूं सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्टनागरिकता संशोधन कानून किसी की भी नागरिकता छीनने के लिए नहींये नागरिकता देने के लिए है। हमारे तीन पड़ोसी देशों के वो अल्पसंख्यकजो अत्याचार की वजह से भागकर भारत आने के लिए मजबूर हुए हैं उन्हें इस एक्ट में कुछ मदद की गई हैरियायत दी गई हैकुछ ढील दी गई है और ये रियायत भी मोदी की सोच है ऐसा मानने की जरूरत नहीं हैये रातों-रात मोदी को विचार आ गया तो मोदी ने कर दिया ऐसा नहीं है ये रियायत महात्मा गांधी की भावना के ही अनुरूप है। महात्मा गांधी ने कहा थाकम से कम ये लोग जो महात्मा गांधी को लेकर के देश पर बातें करते रहे और आज भी गांधी सरनेम का फायदा उठाने की बातें करते हैं जरा वो कान खोल कर सुन लो। गांधी जी ने कहा थामोदी को मानो या ना मानो अरे गांधी को तो मानो। महात्मा गांधी जी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए तो उनका स्वागत हैये मैं नहीं कह रहा हूं पूज्य महात्मा गांधी कह रहे हैं।

भाइयो-बहनोये छूट ये रियायत तब की भारत की सरकार के मुताबिक है जो बंटवारे के कारण उस समय अल्पसंख्यक बने करोड़ों भारतीयों के साथ आज से जो 70 साल पहले जो वादा किया गया था उस वादे को हम निभा रहे हैं। भाइयो-बहनोआज जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए सरकार इसी दशकों पुराने वादे को पूरा कर रही है तो फिर उसका विरोध क्यों किया जा रहा है। ये वादे तो आपने किए थेआपको वादा करने में आपकी राजनीति आड़े आने लगीआप लोग नहीं कर पाए हमने वादा निभाया है। अब ये कह रहे हैं कि पाकिस्तान के सभी नागरिक को रियायत दो। ये राजनीतिक दल अब अवैध घुसपैठ करने वालों और अपनी आस्था की वजह से सताए हुए शरणार्थियों में कोई भेद ही नहीं करते। मैंने कहा बड़ा भेद साफ हैएक खुलकर के कहता है कि मैं पाकिस्तान से आया हूं और दूसरा छिपकर के बताता ही नहींवो कहता है मैं यहीं का हूं। ऐसे दुनिया के किसी देश में होता है क्या। साथियोआज रंग बदलने वाले इन दलों को इनके ही नेताओं और फैसलों की बात भी याद दिलाना चाहता हूं। जो लोग भ्रमित हैं उनको अगर मेरी बात नहीं माननी है तो ना मानो लेकिन अब मैं जिनके नाम बता रहा हूंकम से कम उन पर तो भरोसा करो। भाइयो-बहनोहमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जीदस साल इस देश में उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर राज कियाउन्होंने संसद में कहा था खड़े होकर के कहा थाउसकी वीडियो क्लिपिंग मौजूद है। उन्होंने कहा था कि हमें बांग्लादेश से आए उन लोगों को नागरिकता देनी चाहिए जिनका अपनी आस्था की वजह से वहां उत्पीड़न हो रहा हो वो वहां से भागकर भारत आ रहे हैं। बताइए भाईये मनमोहन सिंह जी ने कहा अगर वो मोदी करता है तो मोदी गुनहगार बन जाता है क्यामोदी किसी का दुश्मन बन जाता है क्यामोदी किसी का बुरा करने की सोच रहा है क्या। इतना ही नहीं एक दौर था जब असम के पूर्व मुख्यमंत्रीकांग्रेस के दिग्गज नेता तरुण गोगोई 15 साल मुख्यमंत्री रहे वो भी चिट्ठियां लिखा करते थेअसम कांग्रेस प्रस्ताव पास करती थी कि जिन लोगों पर बांग्लादेश में अत्याचार हो रहा है जो वहां से यहां आ रहे हैं उनकी मदद की जाएये कांग्रेस के मुख्यमंत्री की बातें हैंये कांग्रेस पार्टी के प्रस्तावों की बातें हैं। एक समय था जब राजस्थान के मुख्यमंत्री हुआ करते थे अशोक गहलोतअभी फिर से भी वो मुख्यमंत्री हैं। वो पहले जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने भी शरणार्थियों के लिए हमदर्दी की बातें कही थीं। वो तो सरकार से मांग करते थे ये मैं गहलोतकांग्रेस के यहां पर बड़े प्रिय नेता हैं यहां एक परिवार के और पहले भी मुख्यमंत्री रहे हैं और पहले जब मुख्यमंत्री थे तब वो मांग करते थे कि जो हिंदू या सिख पाकिस्तान से भागकर यहां आए हैं उनकी स्थिति सुधारी जाए। लेकिन ये रातोंरात बदल गए वोट बैंक का खतरा लगने लगावो सारी हमदर्दीमैं हैरान हूं आज उनके पेट का दर्द बन गई है जो कल तक हमदर्दी थी वो खुद के लिए दर्द क्यों बन गई।

साथियोआज दीदीममता दीदीअब देखो भाई खेल ममता दीदी सीधी। दीदी सीधी कोलकाता से यूएनओ पहुंच गईसंयुक्त राष्ट्र संध पहुंच गई लेकिन कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में खड़े होकर गुहार लगा रही थी कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाए। वहां से आए पीड़ित शरणार्थियों की मदद की जाएसंसद के अंदर स्पीकर के सामने कागज फेंकती थीबांग्लादेशियों के खिलाफ। ममता दीदी अब आपको क्या हो गयाआप क्यों बदल गईआप क्यों अफवाह फैला रही होअरे चुनाव आते हैं जाते हैंसत्ता मिलती है चली जाती है इतनी डरी क्यों हो रे। बंगाल की जनता पर भरोसा करोबंगाल की जनता से आपका भरोसा क्यों उठ गया हैबंगाल के नागरिकों को आपने दुश्मन क्यों मान लिया है। आपको याद होगा कुछ साल पहलेकोलकाता के बाहर रेगुलर आर्मी का काम होता है देश के अलग-अलग भागों मेंउनकी एक ड्रिल होती है। वो ट्रैफिक की क्या स्थिति है और कभी परिस्थिति पैदा हुई और आर्मी को मूव करना पड़े तो ये सारा रेगुलर उनका ड्रिल होता है। वो एक बार बंगाल में कर रहे थे दीदी ने तूफान खड़ा कर दिया कि मोदी की सेना बंगाल में आ गई हैक्या हो गया है रे। भाइयो-बहनोआज वो नागरिकता कानून पे सवाल उठा रही हैं खैर आपकी दिक्कत समझ में आती हैयहां पर बैठे हुए लोग भी समझते हैं। आप किसका विरोध और किसका समर्थन कर रही हो ये पूरा हिंदुस्तान भलीभांति देख रहा है। साथियोआज जिस वामपंथ को भारत की जनता नकार चुकी है जो अब दुनिया में से सिकुड़ते-सिकुड़ते कुछ कोने में रह गए हैं जो अब समाप्ति पर है उसी के दिग्गजये भी जरा देख लीजिएये काम्यूनिस्ट पार्टी के दिग्गजउनके नेता प्रकाश कारत जी ने कहा था कि धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश से आने वाले लोगों को मदद की बात उन्होंने भी की थी। आज जब इन्हीं लोगों के राजनीतिक दल धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने से मना कर रहे हैं तो इनका असली चेहरा भी देश के लोगों के सामने आ रहा है। उस समय की हमदर्दी सिर्फ और सिर्फ बहाना थावोटबैंक की राजनीति थी देश की जनता के साथ बोला गया सफेद झूठ थापक्का झूठ था। सच्चाई यही है कि ये लोग सिर्फ वोटबैंक की राजनीति कर सकते हैं। अपने इसी वोटबैंक के लिए ये राजनीतिक दल लगातार लोगों को भड़का रहे हैं अफवाहें फैला रहे हैंनई-नई अफवाहें गढ़ रहे हैं। एक टीवी वाले को तो उसके एक महाशय ने हिसाब लगा दिया कि एनआरसी में कितना खर्चा होगाकितना खर्चा कहां जाएगाअरे जो है ही नहीं तो ये दिमाग काहे खपा रहे हो रेक्यों लोगों को अफवाह फैला कर मूर्ख बना रहे हो। यहां दिल्ली के लोग तो देख चुके हैं कि कैसे बस जलाने के मामले में एक नेता ने अफवाह फैलाने का काम कियादिल्ली पुलिस तक को कठघरे में खड़ा कर दिया। भाइयो-बहनोये ऐसे लोग हैं जिनकोये भी जरा समझ लो देश का पढ़ा लिखा नवजवान जब मेरी इन बातों को सुनेगा और जो मैं ये बातें करता हूं उनकी जांच पड़ताल करेगा तो आज जो अफवाहें फैलाई हैंजो भ्रम फैलाया गया है उसके खिलाफ देश का नवजवान भी खड़ा हो जाएगा। 

भाइयो-बहनोये लोगमैं जरा उनको पूछना चाहता हूं ये ऐसे लोग हैं जिनको जम्मू कश्मीर की विधानसभा में महिला और पुरुष के आधार पर बने स्थाई निवासी कानून से कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन यहां धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता का रास्ता आसान हो इससे इनके पेट में दर्द हो रहा है। आज जो पार्टियां यहां शोर मचा रही हैं वो 2004 में कहां थीं जब वहां की सरकार ने कहा कि राज्य से बाहर के निवासी से शादी करने पर जम्मू कश्मीर की बेटियों की वहां की नागरिकता खत्म हो जाएगीतब तुम कहां थे। क्या वो भेदभाव भारत के संविधान की स्पिरिट के अनुरूप था। साथियोये लोग आज किस स्थिति में हैं किस तरह बौखलाए हुए हैं जब उनके बयान देखता हूं तो और समझ में आ जाता है कि कितनी राजनीति गंदी करके रखी है। कुछ लोग कह रहे हैं कि हम अपने राज्य में सिटिजनशिप एमेंडमेंट बिल नहीं लागू करेंगेअरे आप मुख्यमंत्री होआप चुने हुए लोग होभारत के संविधान को सामने रख कर शपथ लिया हैअरे तिरंगे झंडे के नीचे खड़े रहते होपंजाब सिंध गुजरात मराठा राष्ट्रगान करते हो और ऐसे बयान देते हो। पहले कम से कम अपने राज्य के कानून के जो जानकार हैं उनसे जरा बात तो कर लोबंद कमरे में कर लो ताकि ऐसी बेइज्जती ना हो आपकीजरा अपने एडवोकेट जनरल से पूछो कि ऐसा किया जा सकता है क्याक्यों ऐसा करते हो भाई। साथियोनागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के हाथ मेंलोकशाही देश मेंअहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के देश में विरोध के नाम पर जब ऐसे लोगों के हाथ में ईंट पत्थर और लाठियां देखता हूं तो मुझे भी और 130 करोड़ देशवासियों को भी तकलीफ होती हैहोती है कि नहीं होती हैकोई हिंसा से सहमत है क्याआगजनी से सहमत है क्या?  निर्दोषों की पिटाई से सहमत है क्यालेकिन भाइयो-बहनोमेरी सोच अलग हैउनके हाथ में जब हिंसा के साधन देखता हूंहिंसा का व्यवहार देखता हूं तो तकलीफ होती है लेकिन जब उन्हीं में से कुछ लोगों के हाथ में तिरंगा देखता हूं तो कुछ सुकून भी होता है। मुझे पूरा विश्वास है कि एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है तो वो फिर हिंसा काबांटने काराजनीति का वो सामर्थ्य कभी नहीं कर सकता है। मुझे पूरी विश्वास है कि हाथ में थमा ये तिरंगा इन लोगों को हिंसा फैलाने वालों के खिलाफहथियार उठाने वालों के खिलाफआतंकवादी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिए भी प्रेरित करेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा ये तिरंगा इन लोगों को और ये मेरी बात न तक पहुंचनी चाहिए। हाथ में तिरंगा लेकर जो खड़े हैं वो अब पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भी आवाज उठाने की पहले करेंगेप्रेरित करेंगेकरना चाहिए कि नहीं करना चाहिएआतंकवाद के खिलाफ उन्हें बोलना चाहिए कि नहीं बोलना चाहिएपाकिस्तान की करतूतों के खिलाफ बोलना चाहिए कि नहींयही है कसौटीतिरंगा उठाना हमारा अधिकार है लेकिन हाथों में आया तिरंगा जिम्मेदारियां भी लेकर आता है।

साथियोकांग्रेस और उसके साथी इस बात से भी तिलमिलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और खासकर मुस्लिम बाहुल्य देशों में इतना समर्थन मिलता हैक्यों वो देश मोदी को इतना पसंद करते हैं। साथियो2014 में सरकार बनने के बाद मैंने खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को शपथ सबा में न्योता दिया थाहमने नए रिश्ते से दोस्ती का हाथ बढ़ाया थामैं खुद लाहौर चला गया था लेकिन बदले में हमें धोखा मिला लेकिन आज जो इस्लामिक वर्ल्ड है। हमारे जो गल्फ के देश हैं उनके साथ भारत के संबंध मौजूदा दौर में भारत के इतिहास में सबसे बेहतरीन आज हमारे संबंध हैं और उसकी कतई वजहें हैं। इसके उदाहरण आज कई क्षेत्रों में देखने को मिल रहे हैं। पहला ये कि आज भारत तमाम देशों के साथ अपने संबंध मजबूत करने के लिए निरंतर काम कर रहा है। फिलिस्तीन होईरान होसाऊदी अरब होयूएई हो या फिर जॉर्डन तमाम देशों के साथ भारत के रिश्ते आज एक नई ऊंचाई को छू रहे हैं। दूसरा अफगानिस्तान हो या फिलिस्तीनमालदीव हो या बेहरीन इन सब देशों ने भारत को अपना सर्वोच्च सम्मान दिया हैभारत  की संस्कृति के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाड़ करने की कोशिश की है। इसी का परिणाम है कि सऊदी अरब ने भारत से जाने वाले हज यात्रियों को कोटा में अप्रत्याशित रूप से बढ़ावा दिया। मैंने मांग की थी भारत में मुसलमान समाज में मध्यम वर्ग बढ़ रहा है वे हज यात्रा करना चाहते हैं और मैंने कहा दो लाख का कोटा कर दीजिए उन्होंने कर दिया भाइयो-बहनो। पिछले पांच वर्षों में मुस्लिम देशों ने जिस प्रकार और जिस संख्या में भारतीय कैदियों को छोड़ा है वो अभूतपूर्व है। सऊदी अरब होकुवैत होकतर हो या बेहरीन इन सब देशों ने भारत के जितने कैदियों को छोड़ा है उतने पहले कभी नहीं छोड़े गए। आखिर ऐसा क्यों हो रहा हैं इसकी वजह है भारतीय संस्कृति और सभ्यता के प्रति उनका सम्मान। आपने देखा होगा कि मैं खुद जब उन देशों में जाता हूं तो उनके राष्ट्रप्रमुखों की सहमती के साथ वहा बसे भारतीयों के पास  भी जाता हूं। वो भी बताते हैं कि इन वर्षों में उनके देशों में भारत का मान कितना ज्यादा बढ़ा है। साथियोबांग्लादेश के साथ हमारे संबंधों में जितनी प्रगाड़ता आज आई है वो वर्षों बाद हुई है बांग्लादेश के साथ मिलकर भारत बंटवारे के समय से चली आ रही समस्याओं को सुलझा रहा है। जमीन को लेकर विवाद होकनेक्टिविटी होरेलवे का काम होनए जलमार्ग होब्राडबैंड का विस्तार हो बांग्लादेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आज हम चल रहे हैं। ये सारी बातें कांग्रेस और उसके साथियों को पच नहीं रही है,  वो यही सोचते हैं कि मोदी को मुस्लिम देशों का समर्थन मिलेगा और जो मिल रहा है अगर यही चलता रहा तो भारत में उनके जो कारनामे हैंउनकी जो बातें हैंउनकी जो अफवाहें हैंउनके जो झूठ हैंमुस्लिमों को डराने के उनके जो कारनामे हैं। उनको लग रहा है कि दुनिया का मुसलमान अगर मोदी को इतना प्यार करेगा तो भारत के मुसलमानों को डराने का काम कैसे करेंगे ये इनकी चिंता है और इसलिए समय-समय पर ये दल नई-नई साजिशें लेकर आते हैं। इस समय भी इनकी साजिशों का नया दौर शुरू हुआ है ऊपर से लोकसभा चुनाव के नतीजों ने तीन तलाक पर मुस्लिम बहन-बेटियों और उनके पिता-भाइयो के समर्थन ने इनकी टेंशन और बढ़ा दी है। इसलिए मैं कहूंगा टेप रिकार्ड की मत सुनोउनके टेप रिकार्ड की मत सुनोहमारे ट्रैक रिकॉर्ड को देखो।

साथियोआप आश्वस्त रहिए मैं सभी देश वासियों को कहना चाहता हूंआप आश्वस्त रहिए इन लोगों की साजिशों के बावजूद आपका ये सेवक देश के लिएदेश की एकता के लिएशांति और सद्भावना के लिए मुझसे जो भी बन पड़ेगामैं कभी पीछे नहीं हटूंगा। कोई देशवासी ना देश को झुकने देना चाहता है ना देश को बंटने देना चाहता है। भाइयो-बहनोये लोग तो मेरे साथ आज से नहीं 20 साल से इसी तरह मेरे पीछे पड़े हुए हैंउनकी यही पैटर्न हैमौत का सौदागर से लेकर अब तक देख लीजिए उन्होंने यही खेल खेले हैं। इनकी रग-रग से मैं वाकिफ हूं और तभी तो आप लोगों ने मुझे इतना प्यार दिया है और यहां पर मुझे बिठाया है। भाइयो-बहनोमुझे रास्ते से हटा देने के लिए हर तरह की कोशिश चल रही है। ये मेरा सौभाग्य है कि जितनी नफरत ये लोग मुझसे करते हैं देश की जनता का प्यार और स्नेह उससे भी ज्यादा बनकर मुझ पर बरसता है। जो लोग गिद्ध की तरह भी नोचेंगे तो भी ये मोदी देश के लिए जियेगादेश के लिए जूझता रहेगामैं देश के लिए काम करता रहूंगा। देश की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी होगादेश के हित के लिए जो भी जरूरी होगा वो करना हम सबका दायित्व है वो आपका भी दायित्व है वो मोदी का भी दायित्व है। भाइयो-बहनोआपका ये आशीर्वाद इनकी हर साजिश को बेनकाब करेगाइनकी हर साजिश को नाकाम करेगा और दिल्ली के मेरे साथियो मुझ पर आपके इस स्नेह को देखते हुए मैं आज खासकर के अनऑथराइज कॉलोनी के लोगों से कुछ मांगना चाहती हूंमांगू क्याकुछ मांगूंगा तो बुरा तो नहीं मानोगे ना लेकिन मांगूंगा कुछ दोगे नहीं तो क्या होगा भरोसा करता हूं आप पर। 

साथियोमेरा आपसे आग्रह है कि आप दिल्ली के जिस भी इलाके में रहते हैं वहां अलगे एक हफ्ते तक जबरदस्त सफाई का अभियान शुरू किया जाए और 1 जनवरी नए साल का स्वागत और ज्यादा साफ सुथरी दिल्ली के साथ किया जाएकरोगेसामूहिक रूप से करना होगाकॉलोनी के सब लोगों को मिलकर करना होगा। उसी तरह सिंगल यूज प्लास्टिक से भी मुक्ति दिलाने के लिए आप अपने क्षेत्र में काम करेंगेकरेंगेअपनी कॉलोनियों को आपको स्वच्छ बनाना है बुरी आदतें होंनशीले पदार्थ हो उसके भी अपनी कॉलोनियों से पूरी तरह मुक्त करना है हमारे बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए। आप सभी लोगों के सहयोग से दिल्ली और भी निखरेदिल्ली और भी सुंदर बने यही मेरी कामना है। मैं एक बार फिर दिल्ली के लाखों साथियों को अपने घरअपनी जमीन के अधिकार के लिए बहुत-बहुत बदाई देता हूं और मैं दिल्ली में भी और देश में भी सभी आंदोलनकारियों से अहिंसा का रास्ता अपनाने के लिए आग्रह करता हूं। हिंसा से किसी का भला नहीं होगाहमें हिंसा से दूर रहना ही होगा। ये देश हमारा हैयहां के लोग हमारे हैं। उनके उज्जवल भविष्य के साथ हमारा भविष्य भी जुड़ा हुआ है। भाइयो-बहनोइसी भावना के साथ फिर एक बार आप सबको बधाई देते हुए मैं मेरी बात को समाप्त करता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की जयभारत माता की जयभारत माता की जयभारत माता की जय। 

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PM Modi interacts with Rashtriya Bal Puraskar awardees
December 26, 2024

The Prime Minister, Shri Narendra Modi interacted with the 17 awardees of Rashtriya Bal Puraskar in New Delhi today. The awards are conferred in the fields of bravery, innovation, science and technology, sports and arts.

During the candid interaction, the PM heard the life stories of the children and encouraged them to strive harder in their lives. Interacting with a girl child who had authored books and discussing the response she received for her books, the girl replied that others have started writing their own books. Shri Modi lauded her for inspiring other children.

The Prime Minister then interacted with another awardee who was well versed in singing in multiple languages. Upon enquiring about the boy’s training by Shri Modi, he replied that he had no formal training and he could sing in four languages - Hindi, English, Urdu and Kashmiri. The boy further added that he had his own YouTube channel as well as performed at events. Shri Modi praised the boy for his talent.

Shri Modi interacted with a young chess player and asked him who taught him to play Chess. The young boy replied that he learnt from his father and by watching YouTube videos.

The Prime Minister listened to the achievement of another child who had cycled from Kargil War Memorial, Ladakh to National War Memorial in New Delhi, a distance of 1251 kilometers in 13 days, to celebrate the 25th anniversary of Kargil Vijay Divas. The boy also told that he had previously cycled from INA Memorial, Moirang, Manipur to National War Memorial, New Delhi, a distance of 2612 kilometers in 32 days, to celebrate Azadi Ka Amrit Mahotsav and 125th birth anniversary of Netaji Subash Chandra Bose, two years ago. The boy further informed the PM that he had cycled a maximum of 129.5 kilometers in a day.

Shri Modi interacted with a young girl who told that she had two international records of completing 80 spins of semi-classical dance form in one minute and reciting 13 Sanskrit Shokas in one minute, both of which she had learnt watching YouTube videos.

Interacting with a National level gold medal winner in Judo, the Prime Minister wished the best to the girl child who aspires to win a gold medal in the Olympics.

Shri Modi interacted with a girl who had made a self stabilizing spoon for the patients with Parkinson’s disease and also developed a brain age prediction model. The girl informed the PM that she had worked for two years and intends to further research on the topic.

Listening to a girl artiste who has performed around 100 performances of Harikatha recitation with a blend of Carnatic Music and Sanskrit Shlokas, the Prime Minister lauded her.

Talking to a young mountaineer who had scaled 5 tall peaks in 5 different countries in the last 2 years, the Prime Minister asked the girl about her experience as an Indian when she visited other countries. The girl replied that she received a lot of love and warmth from the people. She further informed the Prime Minister that her motive behind mountaineering was to promote girl child empowerment and physical fitness.

Shri Modi listened to the achievements of an artistic roller skating girl child who won an international gold medal at a roller skating event held in New Zealand this year and also 6 national medals. He also heard about the achievement of a para-athlete girl child who had won a gold medal at a competition in Thailand this month. He further heard about the experience of another girl athlete who had won gold medals at weightlifting championships in various categories along with creating a world record.

The Prime Minister lauded another awardee for having shown bravery in saving many lives in an apartment building which had caught fire. He also lauded a young boy who had saved others from drowning during swimming.

Shri Modi congratulated all the youngsters and also wished them the very best for their future endeavours.