QuoteI am a sevak, have come here to give account of BJP's achievements before people of Jharkhand, says PM Modi in Dumka
QuoteOpposition built palaces for themselves and their families when in power; they are not worried about people’s troubles: PM Modi in Jharkhand
QuoteCongress, allies have raised storm over citizenship law, they are behind unrest and arson: PM Modi in Dumka

शहीदों की धरती को, राष्ट्रभक्तों को जन्म देने वाली वीर माताओं की धरती को मैं नमन करता हूं। दानी नाथ, बासुकी नाथ और फौजदारी बाबा की भूमि को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

भाइयो और बहनो, बीते कुछ दिनों से मुझे झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में जनसभा करने का अवसर मिला है। मैं जहां भी जा रहा हूं वहां की जनसभा पहले की रैली का रिकॉर्ड तोड़ देती है और यहां भी जहां तक नजर जाती है लोग ही लोग आशीर्वाद देने के लिए आए हैं और अगर आपने मोबाइल फोन पर अपनी फ्लैश लाइट ना की होती तो शायद मुझे समझ ही नहीं आता कि आखिर कहां तक लोग हैं, ना मेरी आंखें वहां तक पहुंच पा रही हैं और ना ही ये कैमरा की आंख पहुंच पाएगी।

दूर-दूर तक लोग और आज तो मौसम भी जरा ज्यादा ठंडा है, सूरज भी नहीं निकला है दोपहर को ही शाम जैसा माहौल हो गया है उसके बाद भी इतनी ऊर्जा के साथ, इतनी उमंग के साथ, उत्साह के साथ हमें आशीर्वाद देने के लिए आपका आना, ये हम सबका सौभाग्य है विशेषतौर पर बहनो और बेटियो का भारी उत्साह में यहां आकर के आशीर्वाद देना ये हमारी और एक नई शक्ति बन गया है। ये जन समर्थन दिखा रहा है कि झारखंड में भाजपा को, कमल के फूल को आप सभी का, विशेषकर मेरे आदिवासी भाइयो-बहनो का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

भाइयो-बहनो, ये आशीर्वाद, ये उत्साह, ये समर्थन आखिर इसका कारण क्या है, इसका कारण है आपके देश के गरीब की, हमारे जंगलों में रहने वाले, वन्य क्षेत्रों में रहने वाले साथियो के लिए हम जिस सेवा भाव से काम कर रहे हैं उसी के कारण ये प्रेम भाव अभिव्यक्त हो रहा है। हम आपके सेवक बन कर के काम करते हैं, मैं आपका सेवक बन कर के काम करता हूं आपके बीच आता हूं और अपने काम का हिसाब भी जनता जनार्दन के चरणों में रखता हूं। आदिवासी इलाकों में मैंने जीवन का एक लंबा अरसा उनके बीच में गुजारा है, एक कार्यकर्ता के रूप में आदिवासियों के बीच रह कर के उनकी सेवा करने का मुझे लंबे समय तक अनुभव रहा है और मेरे जीवन को बनाने में वो अनुभव भी बहुत काम आता है और इसलिए मैं और मेरे साथी आपकी तकलीफों को भलीभांति समझते हैं और उसे दूर करने के लिए दिन रात कोशिश करते हैं।

आपकी सेवा के लिए, देश की सेवा के लिए ये समर्पण ही हमें बाकी जो लोग होते हैं उनसे बहुत अलग पहचान बनाते हैं जबकि जिन लोगों पर आपने कभी भरोसा किया था, जिन्हें झारखंड के आदिवासियों ने इतना मान-सम्मान दिया था लेकिन उन्होंने अपना तो जितना भला कर सकते थे कर लिया, बड़े-बड़े महल बना दिए खुद के लिए, खुद के परिवार के लिए लेकिन वे सत्ता के सिंहासन पर बैठते ही आपको भूल गए थे और तब जाकर के आपको उन्हें सजा देनी पड़ी और अभी भी वो सुधरे नहीं हैं, वो आदत उनकी जाने वाली नहीं है। ऐसे लोगों को आपकी चिंता नहीं है, आपके बच्चों की, आपके परिवार की, आपके भविष्य, आपकी मुसीबतों की, आपकी आवश्यकताओं की इन लोगों को जरा सी भी चिंता नहीं है। वो लोग तो सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार की चिंता करते हैं, अपनी तिजोरी भरते रहे और इसी में लगे रहे।

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साथियो, जेएमएम और कांग्रेस के पास झारखंड के विकास का कोई ना रोडमैप है, ना इरादा है, ना कभी भूतकाल में कुछ किया है, अगर वो जानते हैं तो उनको एक ही बात का पता है, बस जहां भी पता चले भाजपा का विरोध करो, मोदी को गाली दो, जहां भी जाओ दिन-रात सुबह-शाम मोदी को गाली दो, यही कर रहे हैं और भाजपा का विरोध करते-करते इन लोगों को देश का विरोध करने की आदत हो गई है। उनको समझ ही नहीं आ रहा है कि वो भाजपा का विरोध कर रहे हैं कि भारत का कर रहे हैं, सीमारेखा लांघ देते हैं।

साथियो, आपने समाचारों में देखा होगा कि हमारे देश की संसद ने अभी नागरिकता कानून से जुड़ा एक महत्वपूर्ण बदलाव किया और इस बदलाव के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से, जो वहां लघुमति में थे वो अलग धर्म का पालन करते थे, अलग पंथ के अनुयायी थे इसलिए वहां उन पर जुल्म हुए, उनका जीना मुश्किल हो गया, उनकी बहन-बेटियो की इज्जत बचना मुश्किल हो गई, ये तीन देशों से हिन्दू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन, बौद्ध उनको वहां से अपना गांव, घर, परिवार, दोस्त, यार सब कुछ छोड़कर के भारत में भागकर के यहां शरणार्थी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनके जीवन को सुधारने के लिए इन गरीबों के प्रति सेवाभाव से, उनको सम्मान मिले इसलिए भारत के दोनों सदनों ने भारी बहुमत से इन गरीबों के लिए नागरिकता का निर्णय किया।

लेकिन ये कांग्रेस वाले और उनके साथी क्या कर रहे हैं, हो हल्ला मचा रहे हैं, तूफान खड़ा कर रहे हैं और उनकी बात चलती नहीं है तो आगजनी फैला रहे हैं। भाइयो-बहनो, ये जो आग लगा रहे हैं, टीवी पर उनके जो दृश्य आ रहे हैं ये आग लगाने वाले कौन है उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है और देश, कांग्रेस के लोग उनके साथी, हमारे विरोध करने वाले लोग, अगर समझ सकते हो तो समझो आप ये जो कुछ कर रहे हो, आप लोग जो हो रहा है उसको मुख समर्थन दे रहे हो। आज जो ये आगजनी फैलाने के प्रयास हो रहे हैं उसको आप आंखें बंद करके मुंह मोड़ लेते हो, देश उन्हें देख रहा है और देश का विश्वास पक्का हो जा रहा है, इन दृश्यों को देखकर पक्का हो रहा है कि मोदी ने देश की पार्लियामेंट ने, भारत की सरकार ने नागरिकता का कानून बना कर के देश को भी बचा लिया है। हमारा फैसला सही है ये आप के इन कारनामों से पता चलता है और इसलिए जो कोशिशें की जा रही हैं। मैं आसाम के, नार्थईस्ट के भाइयो-बहनो का सर झुका कर के अभिनंदन करता हूं।

उन्होंने हिंसा करने के इरादे वालों को अलग कर दिया, शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात बता रहे हैं। देश का मान-सम्मान बढ़े ऐसा व्यवहार आसाम, नार्थईस्ट कर रहा है, अपना गिला शिकवा भी बता रहा है यही तो लोकतंत्र है। आप हैरान हो जाएंगे, लंदन में भारत का दूतावास है, देश का दूतावास है 130 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व करता है। जब राम जन्मभूमि का निर्णय हुआ, पाकिस्तान वालों ने जा कर के लंदन में भारत की एंबेसी के सामने प्रदर्शन किया। धारा 370 का निर्णय हुआ, पाकिस्तान के लोगों ने लंदन में हाई कमीश्नर के सामने जा कर के प्रदर्शन किया, हिंसक वारदातें भी कीं, आप हैरान हो जाएंगे जो काम लंदन में हमेशा पाकिस्तान करता रहता है, पाकिस्तान के पैसों से कुछ बिकाऊ लोग करते रहते हैं, पाकिस्तान से आकर के जो लंदन में बसे हैं वो लोग करते हैं।

पहली बार जो काम पाकिस्तान हमेशा करता था ये कांग्रेस वालों ने किया, बताओ इससे ज्यादा शर्म की बात क्या हो सकती है। क्या दुनिया के देशों में भारत की ही एंबेसी के सामने कभी कोई भारत का व्यक्ति प्रदर्शन करता है क्या? अगर गिला-शिकवा है तो जाता है मिलता है, अंदर कमरे में बैठता है, चाय पीता है, बात बताता है और एंबेसी जो कागज होते हैं भारत सरकार को पहुंचा देती है। दुनिया में हिंदुस्तान को बदनाम करने का काम हो रहा है और तब जाकर के लगता है कि भारत की संसद ने नागरिकता के कानून में सुधार किया है वो हजारों प्रतिशत सच्चा निर्णय है वो आपके कारनामों से अब सिद्ध होने लगा है। 

साथियो, देश का भला करने की, देश के लोगों का भला करने की इस कांग्रेस और उसके साथियों से अब कोई उम्मीद नहीं बची है, ये सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार के लिए ही सार्वजनिक जीवन में आए हैं और इसलिए जो देश के हित में काम करता है, समाज के हित में काम करता है उसे ये कभी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। भाइयो-बहनो, कल्पना कीजिए और मैं विशेष रूप से आज संथाल के लोगों के बीच में आया हूं, मैं आग्रह से कहना चाहता हूं कल्पना कीजिए अगर बाबा तिलका मांझी सिर्फ अपना ही हित सोचते तो क्या समाज के लिए इतना कुछ कर पाते, अगर सिद्धू कान्हू, चांद-भैरव सिर्फ अपना ही भला करने के लिए सोचते, अपने ही परिवार का भला करने के लिए सोचते तो क्या अंग्रेज हिंदुस्तान से जाते। ये तमाम सेनानी, ये तमाम शहीद परिवार अपने निजी हित से ऊपर उठकर समाज हित में राष्ट्र के हित में खड़े हुए, भाजपा ऐसे ही संस्कारों को धारण करती है उनको सम्मान देती है।

साथियो, यही कारण है कि आदिवासी समाज से निकले ऐसे सेनानियों की गाथाओं को अमर बनाने के लिए भाजपा की सरकार लगातार नई-नई योजनाएं बना रही है। देश भर में आदिवासी सेनानियों से जुड़े स्मारक और संग्रहालय बनाए जा रहे हैं, बड़े संस्थान बनाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, हमारा प्रयास है कि जनजातीय भाषा, संस्कृति और परंपरा को सुरक्षित रखने के लिए उच्च शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। साथियो, संथाली भाषा और साहित्य देश के प्राचीनतम संसाधनों में से एक है, ज्ञान का ऐसा अद्भुत खजाना इस धरती में छुपा हुआ है आप की जुबान पर वो प्रकट होता है और जिस पर रिसर्च करना बहुत जरूरी है। मुझे खुशी हुई इस बार जो राज्यसभा का सत्र हुआ, राज्यसभा के अंदर संथाली भाषा में भाषण हुआ और बाकी लोगों को उसका भाषण तक ट्रांसलेशन उनको अलग से सुना दिया गया। संथाल की इस भाषा को भारत की राज्यसभा में सम्मानित किया गया और इसके लिए मैं हमारे देश के उपराष्ट्रपति श्रीमान वैंकय्या नायडू जी को लाख-लाख अभिनंदन देता हूं इस प्रकार की उनकी सोच के लिए। यही कारण है कि देश भर में अनेक नए ट्रायबल इंस्टिट्यूट खोले जा रहे हैं। इतना ही नहीं दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय स्तर का आदिवासी संस्थान जल्द बने इस पर भी काम किया जा रहा है।

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भाइयो-बहनो, संस्कृति और परंपरा के स्थान, ज्ञान और प्रेरणा के साथ-साथ पर्यटन के लिए, रोजगार के लिए भी अहम होते हैं। यहां तो भगवान शंकर से जुड़े अनेक मंदिर हैं, मलूटी मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थान हैं। ऐसे में यहां आस्था और आध्यात्म से जुड़े टूरिज्म के लिए बहुत संभावनाएं हैं और इसलिए भाजपा इस क्षेत्र में टूरिज्म के अवसरों को बढ़ाने पर भी काम कर रही है। साथियो, पहले सरकारी योजनाएं और कार्यक्रम सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह जाते थे और रुपए मार लिए जाते थे क्योंकि सरकार और जनता के बीच एक बहुत बड़ी खाई थी और उनके इरादों में भर-भर के बेईमानी भरी पड़ी थी। ये खाई राजनीति की थी, अफसरशाही की थी, भ्रष्टाचार की थी, असंवेदनशीलता की थी। आपका ये सेवक इस खाई को पाटने में निरंतर जुटा है और इसमें अभूतपूर्व सफलता भी मिली है।

ये जन भागीदारी का ही परिणाम है जिसके कारण सिर्फ 60 महीने में ही देश भर में 11 करोड़ से अधिक शौचालय बने। यहां झारखंड में भी करीब 36 लाख शौचालय तैयार हो गए। आप याद कीजिए पांच साल पहले लोग चर्चा करते थे कि जिस झारखंड की आधी से ज्यादा आबादी खुले में शौच करने पर मजबूर है, जहां की माताएं, बहनें, बेटियां घोर पीड़ा में हैं, अंधेरे में उनके साथ अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है वहां सफलता कैसे मिलेगी लेकिन झारखंड के आदिवासी साथियों ने, बहनों ने इसको सरकारी अभियान नहीं रहने दिया, इस अभियान को अपना बनाकर आगे बढ़ाया, परिणाम आप देख ही रहे हैं। आज झारखंड के दूर-सुदूर इलाकों में घने जंगलों के बीच बसे गरीब परिवारों को आदिवासी भाई-बहनो को भी आज शौचालय मिला है। सरकार ने सिर्फ प्रोत्साहन दिया बाकी काम तो जनता-जनार्दन ने कर दिया, रानी मिस्त्री बहनों ने कर दिया, यही तो स्वराज है, यही तो सुशासन का आधार है।

भाइयो-बहनो, यहां उज्जवला योजना के तहत बहुत बड़ा काम हुआ है, आज झारखंड के 33 लाख परिवारों को गैस का मुफ्त कनेक्शन मिला है, इसमें भी आदिवासी और दलित बहनो को करीब 12 लाख गैस कनेक्शन मिले हैं जो पहले कोई सोच भी नहीं सकता था वो हमने कर के दिखाया है, भाजपा की सरकार के काम करने का तरीका यही है। मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं। साथियो, 2014 से पहले सिर्फ दिल्ली और रांची से ही शासन चलाने की व्यवस्था थी, गांव में अगर कुंआ या नहर बनाने की जरूरत होती थी तो योजना कहीं और बनती थी। गरीब की घर बनाना है तो उसका नक्शा, उसमें क्या सामान लगना वो भी दिल्ली में तय होता था उसके आधार पर ही पंचायतों को पैसे दिए जाते थे हमने इस व्यवस्था को बदलने का प्रयास किया है। अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो मकान बन रहे हैं जो आवास तैयार हो रहे हैं वो घर का मालिक और घर की मालकिन जो तय करेगी वैसा बनेगा, दिल्ली तय नहीं करता है। यही कारण है कि अब गरीबों के घर अच्छे भी बन रहे हैं और तेजी से भी बन रहे हैं। बीते चार साल में झारखंड में भी 10 लाख गरीबों के घर बने हैं और जिनको अभी घर मिला नहीं है उनको भी मैं कहता हूं, 8 लाख घर अभी बन रहे हैं और 2022 तक एक भी मेरा गरीब आदिवासी, गरीब कोई भी पक्के मकान के बिना नहीं रहेगा ये मैं आप से वादा करने आया हूं।

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भाइयो-बहनो, याद करिए 2014 से पहले यहां जो मुख्यमंत्री थे वो 30-35 हजार घरों के निर्माण का वादा करते थे और उसको ही बहुत बड़ी अपनी उपलब्धि बताते थे। अब कहां 30-35 हजार और कहां 10 लाख हमने इतने समय में 10 लाख करके दिखाए। अब हम इस संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि देश के हर गरीब परिवार के पास अपना पक्का घर हो। साथियो, इसके साथ ही हमने हर घर जल पहुंचाने के लिए भी बहुत बड़ा अभियान शुरू किया है। यहां जो पानी से संबंधित, सिंचाई से संबंधित समस्या है हम उसे भलीभांति समझते हैं और उसे सुलझाने का प्रयास भी कर रहे हैं। जल-जीवन मिशन के तहत जो भी काम होगा उस पर ग्राम समितियों का, जल समितियों का बहुत बड़ा व्यापक रोल होने वाला है। कहां और कैसे पानी जाना है, घरों में कैसे पानी पहुंचे, खेत में कैसे पानी पहुंचे, इसकी योजना से लेकर पानी के स्रोतों के संरक्षण और सप्लाई तक इन समितियों के साथ मिलकर के हम काम करने वाले हैं यानी एक तरह से आपको ही तय करना है, पानी का प्रबंधन कैसे करना है, पैसे सरकार देगी और प्लानिंग आप करेंगे।

साथियो, ये क्षेत्र तो मयूराक्षी, अजय और मोतीहारी जैसी जीवनधारी धाराओं से समृद्ध है लेकिन आपके खेतों और घरों में पानी पहुंचाने के लिए पहले की सरकारों ने गंभीरता से काम नहीं किया है। जेएमएम और कांग्रेस का तो ध्यान ही इस बात पर रहा कि सिंचाई विभाग के बजट में किस नेता, किस पार्टी का अधिक हिस्सा रहेगा। सोचिए, आजादी के अनेक दशकों बाद भी झारखंड में सिर्फ 12-15 प्रतिशत गांवों, कस्बों तक पानी की पाइप लाइन पहुंची थी, इस स्थिति को बदलने का काम भाजपा ने किया। इसी का परिणाम है कि बीते पांच साल में झारखंड में पाइप लाइन कनेक्टिविटी दो गुना से अधिक हो चुकी है। मैं आपको फिर ये भरोसा देता हूं, जल-जीवन मिशन से आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा, यहां की सिंचाई व्यवस्था को हम उत्तम बनाएंगे। 

साथियो, झारखंड के लोगों के लिए, अपने आदिवासी भाई-बहनो के जीवन को आसान बनाने के लिए भाजपा के प्रयास, हमारी नीयत और हमारे सेवाभाव के जीते जागते सुबूत हैं। यही सेवा भाव आपके जल, आपके जंगल और आपके अधिकार को सुरक्षित करने की गारंटी देते हैं। भाजपा की सरकार आपको पूछे बगैर, आपकी अनुमति के बगैर कोई भी कदम नहीं उठा सकती। जनहित, जनभावना और आपकी इच्छा के साथ ही, आपकी इच्छा ही, ये हमारे लिए सर्वोपरि है। हम ऐसी सरकार चलाते हैं जिसका कोई रिमोट कंट्रोल नहीं होता है, हम ऐसी सरकार चलाते हैं जिसका एक ही हाईकमान होता है और वो हाईकमान ये मेरी जनता जनार्दन होती है, मेरे देशवासी होते हैं, मेरे संथाल के मेरे आदिवासी भाई-बहन यही हमारे हाईकमान होते हैं। भाइयो-बहनो, संवेदनशीलता, जन समस्याओं के प्रति सजगता और उनके निराकरण के लिए ईमानदार प्रयास ही भाजपा की सरकार की पहचान रही है। वरना कांग्रेस और जेएमएम की सरकारों ने क्या किया था ये भी आपको याद रखना जरूरी है। जेएमएम लंबे समय से कांग्रेस की सहयोगी रही है, दिल्ली में, बिहार में और फिर झारखंड में भी वो सरकार का हिस्सा रही है। इतने वर्षों में इन्होंने झारखंड की पहचान के साथ पिछड़ा शब्द जोड़ दिया। उन्होंने आप पर खर्च होने वाले पैसों को लूटा और आपको पाई-पाई के लिए मजबूर, मोहताज होना पड़ा।

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भाइयो-बहनो, दुमका सहित झारखंड के बीस जिले ऐसे हैं, जहां कांग्रेस और उसके साथी वर्षों से शासन के बावजूद बुनियादी सुविधाएं तक नहीं पहुंचा पाए। ये भाजपा की सरकार है जिसने झारखंड के अपने इन 20 जिलों को पिछड़े के बजाए आकांक्षी घोषित किया। आकांक्षी यानी जो विकास चाहता है, आकांक्षी यानी जिसका विकास करने का हमने संकल्प लिया है। आपको जानकर हर्ष होगा कि देश के 100 से अधिक ऐसे जिलों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले जो टॉप-3 जिले हैं वो तीन जिले झारखंड के हैं। ये फर्क होता है सोच और संकल्प में, जो जेएमएम और कांग्रेस के पास कतई नहीं है।

भाइयो-बहनो, जेएमएम-कांग्रेस और वामपंथियों के लिए आपका विकास आदिवासी क्षेत्रों का विकास कभी प्राथमिकता नहीं रहा है। यही कारण है कि आजादी के अनेक दशकों तक सड़क से अगर वंचित रहे हैं तो वो आदिवासी क्षेत्र रहे हैं, बिजली की सुविधा से अगर वंचित रहे हैं तो आदिवासी क्षेत्र के लोग रहे हैं, सिंचाई की सुविधा से वंचित रहे हैं तो आदिवासी इलाके के किसान रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जीने के लिए अगर कोई मजबूर रहा है तो आदिवासी क्षेत्र के लोग रहे हैं, पढ़ाई-लिखाई से वंचित रहे हैं तो आदिवासी क्षेत्रों के बच्चे रहे हैं।

भाइयो-बहनो, 21वीं सदी के भारत के लिए, 19 बरस के झारखंड के लिए ये स्थितियां हमें स्वीकार नहीं हैं। यही कारण है कि हर गांव तक बिजली पहुंचाने का काम भाजपा ने किया है। अब हर गांव को सड़क से जोड़ने का काम भी भाजपा कर रही है। इस क्षेत्र को रेलवे से जोड़ने का और दुमका हवाई अड्डे को सुधारने का काम भी भाजपा सरकार कर रही है। झारखंड के हर किसान परिवार को हर वर्ष हजारों रुपए की सीधी मदद बैंक खाते में जमा करने का काम भी भाजपा ही कर रही है। मुझे बताया गया है कि इस क्षेत्र के हजारों किसानों को इसका बहुत लाभ हुआ है, खेती में बहुत मदद मिली है। 

साथियो, झारखंड के आदिवासी बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के लिए ज्यादा दूर तक जाना ना पड़े इसके लिए हर ब्लाक में एकलव्य मॉडल स्कूल बनाने का संकल्प भी भाजपा की ही सरकार ने किया है। झारखंड में आईआईटी और एम्स जैसे उच्च शिक्षा के इंजीनियरिंग और डॉक्टरी के संस्थान खुले ये काम भी भाजपा ने किया है जबकि याद रखिएगा कांग्रेस और जेएमएम की सरकारों ने तो यहां एम्स के लिए भी रोड़े अटकाने का काम किया था।

साथियो, जिस झारखंड को जेएमएम और कांग्रेस ने पिछड़ेपन का प्रतीक बनाया उसी भारत को हम बदलते भारत की नई पहचान से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। बीते पांच वर्षों में देश की सबसे बड़ी और करोड़ों लोगों के जीवन को बदलने वाली शुरुआत इसी झारखंड की धरती से हुई है। आपको याद होगा कि देश में स्वरोजगार की क्रांति लाने वाली मुद्रा योजना की शुरुआत यहीं दुमका से की गई थी। आज करीब दस लाख रुपए के लगभग 20 करोड़ के ऋण बैंकों से छोटे उद्योगों को मिल चुके है।

झारखंड के लाखों युवाओं को, बहनों को इससे रोजगार मिला है, बैंकों से गारंटी का ऋण मिला है, स्वरोजगार को बढ़ावा मिला है इसमें से 55 प्रतिशत से अधिक दलित आदिवासी और पिछड़े उद्यमी हैं। दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम आयुष्मान भारत इसकी योजना की शुरुआत भी ये झारखंड की धरती से की गई। देश के करोड़ों किसान परिवारों को और छोटे दुकानदारों के लिए पेंशन की ऐतिहासिक योजना की भी यहीं से शुरुआत की गई, उसका गौरव भी झारखंड को मिलता है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को तहत अनेक दूर-सुदूर के गांवों तक सड़कें पहुंच रही हैं, पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ सैंकड़ों किसानों को पहुंचा है।

भाइयो और बहनो, जेएमएम और कांग्रेस के शासन में विकास को लेकर जो लापरवाही बरती गई उसने यहां की जनजातीय समुदाय का बहुत नुकसान किया है। भाजपा झारखंड को, यहां के आदिवासी समुदाय को इसी से बाहर निकालने का प्रयास कर रही है। भाजपा हिंसा के रास्ते पर निकले युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे खुशी है कि भाजपा के विकास कार्यों के बाद बहुत से युवा हिंसा का रास्ता छोड़ कर के मुख्य धारा में लौट रहे हैं, अपने परिवारों के बीच वापस आ रहे हैं।

साथियो, झारखंड के विकास का ये रास्ता भी तभी मजबूत हो सकता है जब आप एक बार फिर भाजपा की डबल इंजन की सरकार को मजबूत करेंगे। झारखंड में दलित, आदिवासी, पिछड़े, वंचित, शोषित, किसान, श्रमिक, माताएं, युवाओं के हित में चलने वाली योजनाएं तभी ठीक से आगे बढ़ पाएंगी जब दिल्ली और रांची में एक ही सोच और समझ वाली सरकार हो। झारखंड का तेज विकास तभी संभव हो पाएगा जब वादों वाली नहीं, इरादों वाली भाजपा सरकार हो। आपका हर वोट सिर्फ यहां विधायक नहीं बनाएगा, सिर्फ मुख्यमंत्री तय नहीं करेगा जबकि मेरे लिए भी झारखंड में आसानी से काम करने का रास्ता बनाएगा, मुझे सेवा करने का मौका मिलेगा। मुझे विश्वास है कि आप एक बार फिर कमल के फूल को पूरी शक्ति के साथ खिलाएंगे, कमल के फूल का बटन दबाएंगे, भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाएंगे और हम सबका एक ही मंत्र रहा, वादा रहा। झारखंड पुकारा भाजपा दोबारा, झारखंड पुकारा भाजपा दोबारा, मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

प्रिय देशवासीयांनो

नमस्कार!

आपण सर्वांनी गेल्या काही दिवसांत देशाचं सामर्थ्य आणि त्याचा संयम दोन्ही पाहिलं आहे. मी सर्वप्रथम भारताच्या पराक्रमी सैन्यदलांना, सशस्त्र दलांना, आपल्या गुप्तहेर संस्थांना, आपल्या वैज्ञानिकांना प्रत्येक भारतीयाच्या वतीनं सॅल्यूट करतो. आपल्या शूर सैनिकांनी ऑपरेशन सिंदूरच्या लक्ष्यप्राप्तीसाठी असीम शौर्य गाजवलं.

मी त्यांचं शौर्य, त्यांचं साहस, त्यांचा पराक्रम आज समर्पित करतो आहे. आपल्या देशाच्या प्रत्येक मातेला, देशाच्या प्रत्येक भगिनीला आणि देशाच्या प्रत्येक कन्येला हा पराक्रम समर्पित करतो आहे.

मित्रहो,

२२ एप्रिलला पहेलगाममध्ये दहशतवाद्यांनी ज्या क्रौर्याचं प्रदर्शन मांडलं, त्यानं देशाला आणि जगालाही हादरवून टाकलं होतं. सुट्टीचा आनंद घेणाऱ्या निर्दोष निरपराध नागरिकांना धर्म विचारून...त्यांचा कुटुंबासमोर, त्यांच्या मुलांसमोर निर्घृणपणे मारून टाकणं. हा दहशतीचा अतिशय बीभत्स चेहरा होता, क्रौर्य होतं. देशातला एकोपा आणि सुसंवाद भंग करण्याचाही हा किळसवाणा प्रयत्न होता. मला व्यक्तिशः याचा फार त्रास झाला. या दहशतवादी हल्ल्यानंतर सारा देश, प्रत्येक नागरिक, प्रत्येक समाज, प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक राजकीय पक्ष‌ एकमुखाने दहशतवादाविरोधात कठोर कारवाईसाठी उभा राहिला. आम्ही दहशतवाद्यांना धूळ चारण्यासाठी भारताच्या सैन्यदलांना पूर्ण मुभा दिली. आणि आज प्रत्येक दहशतवाद्याला, प्रत्येक दहशतवादी संघटनेला हे पुरेपूर समजलंय की आमच्या बहिणींच्या आणि मुलींच्या कपाळावरचं कुंकू- सिंदूर पुसण्याचा परिणाम काय होतो.

मित्रहो,

ऑपरेशन सिंदूर हे फक्त नाव नाही. देशातल्या कोट्यवधी लोकांच्या भावनांचं हे प्रतिबिंब आहे. ऑपरेशन सिंदूर ही न्यायाची अखंड प्रतिज्ञा आहे. ६ मे च्या रात्री उशिरा ७ मे च्या सकाळी साऱ्या जगानं ही प्रतिज्ञा प्रत्यक्षात येताना पाहिली आहे. भारताच्या सैन्यदलांनी पाकिस्तानात दहशतवादाच्या तळांवर त्यांच्या प्रशिक्षण केंद्रांवर अचूक प्रहार केला. दहशतवाद्यांना स्वप्नातही वाटलं नसेल, की भारत इतका मोठा निर्णय घेऊ शकेल. पण जेव्हा देशाची एकजूट होते. 'राष्ट्र प्रथम' या भावनेने देश भारून जातो. राष्ट्र सर्वोपरि असतं...तेव्हा पोलादी निर्णय घेतले जातात. अपेक्षित परिणाम घडवून दाखवले जातात. जेव्हा पाकिस्तानात दहशतीच्या अड्ड्यांवर भारताच्या क्षेपणास्त्रांनी हल्ला केला. भारताच्या ड्रोन्सनी हल्ला केला...तेव्हा दहशतवादी संघटनांच्या केवळ इमारतीच नाही, तर त्यांचं धैर्यही डळमळीत झालं. बहावलपूर आणि मुरीदके यासारखे दहशतवाद्यांचे तळ, एक प्रकारे जागतिक दहशतवादाची विद्यापीठं बनली होती. जगात कुठेही जे मोठे दहशतवादी हल्ले झाले आहेत...मग तो नाइन इलेव्हन असो. कींवा लंडन ट्यूब बॉंबिंग्स असोत किंवा भारतात अनेक दशकांत जे मोठमोठे दहशतवादी हल्ले झाले. त्यांचे धागेदोरे दहशतीच्या या तळांशी कुठे ना कुठे जोडलेले दिसत आले आहेत. दहशतवाद्यांनी आपल्या बहिणींच्या कपाळीचं कुंकू पुसलं म्हणून भारताने दहशतीची ही मुख्यालयं पुसून टाकली. भारताच्या या हल्ल्यांमध्ये शंभराहून अधिक क्रूरकर्मा दहशतवाद्यांना यमसदनी धाडण्यात आलं. दहशतवाद्यांचे कित्येक म्होरके आश्रयदाते गेल्या अडीच तीन दशकांपासून पाकिस्तानात राजरोस फिरत होते, जे भारताविरुद्ध कारस्थानं करत होते त्यांना भारतानं एका झटक्यात संपवलं आहे.

मित्रहो,

भारताच्या या कारवाईमुळे पाकिस्तान घोर निराशेच्या खाईत ढकलला गेला होता. कमालीचा हताश झाला होता. बिथरला होता आणि याच बिथरलेपणाच्या भावनेतून त्यानं आणखी एक दुःसाहस केलं. दहशतवादाविरोधात भारताच्या कारवाईला साथ देण्याऐवजी पाकिस्ताननं भारतावरच हल्ला करायला सुरुवात केली. पाकिस्ताननं आपल्या शाळा-महाविद्यालयांना गुरुद्वारांना मंदिरांना सामान्य नागरिकांच्या घरांना लक्ष्य केलं. पाकिस्ताननं आपल्या सैनिकी तळांना लक्ष्य केलं. पण यातही पाकिस्तानचा बुरखा गळून पडला. जगानं हे पाहिलं की पाकिस्तानचे ड्रोन्स आणि क्षेपणास्त्रं भारतासमोर काड्या काटक्यांसारखी कशी उधळली गेली. भारताचा सशक्त हवाई संरक्षण प्रणालीनं त्यांना आकाशातच नष्ट करून टाकलं. पाकिस्ताननं सीमेवर वार करण्याची तयारी केली होती. पण भारताने पाकिस्तानच्या छातीवरच प्रहार केला. भारताचे ड्रोन्स भारताच्या क्षेपणास्त्रांनी अतिशय अचूक हल्ला केला. पाकिस्तानी वायुदलाच्या त्याच हवाई तळांची हानी केली, ज्यांच्याबद्दल पाकिस्तानला फारच घमेंड होती. भारताने पहिल्या तीन दिवसांतच पाकिस्तानला इतकं उध्वस्त केलं ज्याचा त्याला अंदाजही नव्हता. म्हणूनच तर भारताच्या आक्रमक कारवाईनंतर पाकिस्ताननं सुटकेचे मार्ग शोधायला सुरुवात केली. पाकिस्तान जगाकडे तणाव कमी करण्यासाठी विनंतीची याचना करत होता आणि जबरदस्त मार खाल्ल्यानंतर, १० मे रोजी दुपारी, पाकिस्तानी सैन्यानं आपल्या डीजीएमओ शी संपर्क साधला. तोपर्यंत आपण दहशतवादाला पोसणाऱ्या पायाभूत सुविधा मोठ्या प्रमाणात नष्ट केल्या होत्या. दहशतवाद्यांना यमसदनी धाडण्यात आलं होतं, पाकिस्तानने अगदी हृदयाशी बाळगलेल्या दहशतवादी तळांना आपण उध्वस्त केलं होतं. म्हणूनच जेव्हा पाकिस्तानकडून विनंतीची याचना करण्यात आली. जेव्हा पाकिस्तानकडून हे सांगण्यात आलं की त्यांच्याकडून यापुढे दहशतवादी कारवाया आणि लष्करी दुःसाहस होणार नाही. तेव्हा भारतानही त्यावर विचार केला. आणि मी पुन्हा सांगतो. आपण पाकिस्तानमधील दहशतवादी आणि लष्करी तळांविरुद्धची आपली प्रत्युत्तरात्मक कारवाई सध्या फक्त स्थगित केली आहे. येत्या काळात आम्ही पाकिस्तानचे प्रत्येक पाऊल या निकषावर पारखू...की तो नेमका कोणता दृष्टिकोन स्वीकारतो?

मित्रांनो,

भारताची तिन्ही सैन्यदलं आपलं हवाई दल आपलं भूदल आणि आपलं नौदल आपलं सीमा सुरक्षा दल – बीएसएफ, भारताची निमलष्करी दलं सातत्यानं सतर्क आहेत. सर्जिकल स्ट्राईक आणि एअर स्ट्राईक नंतर आता ऑपरेशन सिंदूर हे दहशतवादाविरुद्ध भारताचं धोरण आहे. ऑपरेशन सिंदूरनं दहशतवादाविरुद्धच्या लढाईत एक नवीन रेषा आखली आहे. एक नवीन मानक, एक नवीन उदाहरण, घालून दिलं आहे. पहिले- जर भारतावर दहशतवादी हल्ला झाला तर त्याला सडेतोड उत्तर दिले जाईल. आपण आपल्या पद्धतीनं, आपल्या स्वतःच्या अटींनिशी प्रतिसाद देऊ. दहशतवादाची मुळे जिथे जिथे उगम पावत असतील तिथे तिथे जाऊन आम्ही कठोर कारवाई करू. दुसरे - भारत कोणत्याही आण्विक ब्लॅकमेलला भीतीच्या बागुलबुवाला भीक घालणार नाही. आण्विक ब्लॅकमेलच्या आडून फोफावणाऱ्या दहशतवादी अड्ड्यांवर भारत अचूक आणि निर्णायक हल्ला करेल. तिसरे म्हणजे, दहशतवादाला आश्रय देणारं सरकार आणि दहशतवादाचे सूत्रधार, यांना आपण वेगवेगळे घटक समजणार नाही. ऑपरेशन सिंदूर दरम्यान जगानं पुन्हा एकदा पाकिस्तानचं घृणास्पद सत्य अनुभवलं. जेव्हा मारल्या गेलेल्या दहशतवाद्यांना अंतिम निरोप देण्यासाठी पाकिस्तानी सैन्याच्या वरिष्ठ अधिकाऱ्यांची उडाउडी पडली. एखादा देश पुरस्कृत करत असलेल्या दहशतवादाचा…हा जिवंत पुरावा आहे. आपण भारत आणि आपल्या नागरिकांना कुठल्याही प्रकारच्या धोक्यापासून वाचवण्यासाठी सातत्यानं निर्णायक पावलं उचलत राहू.

मित्रानो,

रणागणांत प्रत्येकवेळी आपण पाकिस्तानवर मात केली आहे आणि यावेळी ऑपरेशन सिंदूरनं नवा आयाम स्थापित केला आहे. आपण वाळवंट आणि पर्वतीय भागातही आपल्या क्षमतेचं शानदार प्रदर्शन केलं आणि सोबतच नव्या पिढीच्या आधुनिक युध्दनीतीतही आपलं श्रेष्‍ठत्व सिध्द केलं. या ऑपरेशन दरम्यान, आपली मेड इन इंडिया शस्त्र प्रमाणांच्या कसोटीवर खरी उतरली. आज जग पाहत आहे, एकविसाव्या शतकाच्या युध्दनीतीत मेड इन इंडिया संरक्षण उत्पादनांची वेळ आली आहे.

मित्रानों,

प्रत्येक प्रकारच्या दहशतवादा विरोधात आपल्या सगळयाची एकजूट आपली सर्वात मोठी शक्ती आहे. निश्चितच हे युग युध्दाचं नाही, परंतु हे युग दहशतवादाचंही नाही. दहशतवादाविरोधात शून्य सहिष्णूता ही एका चांगल्या जगाची हमी आहे.

मित्रानों,

पाकिस्तानी सैन्य पाकिस्तानचं सरकार ज्याप्रकारे दहशतवादाला खतपाणी घालत आहे. तो एकदिवस पाकिस्तानलाच संपवून टाकेल. पाकिस्तानला यातून वाचायचं असेल तर, त्याला आपल्या दहशतवादी पायाभूत सुविधा नष्ट कराव्या लागतील. याशिवाय, शांततेचा दुसरा मार्ग नाही. भारताचं मत एकदम स्पष्ट आहे. दहशतवाद आणि संवाद एकत्र होऊ शकत नाहीत. दहशतवाद आणि व्यापार एकत्र चालू शकत नाहीत आणि पाणी आणि रक्त हे देखील एकत्र वाहू शकत नाही. मला आज जागतिक समुदायाला सांगायचं आहे. आमचं जाहीर धोरण राहिलं आहे, पाकिस्तानशी चर्चा होईल तर दहशतवादावर होईल. पाकिस्तानशी चर्चा होईल तर पाकव्याप्त काश्मीरवर होईल.

प्रिय देशवासीयांनो, आज बुध्दपौर्णिमा आहे. भगवान बुध्दांनी आपल्याला शांततेचा मार्ग दाखवला आहे. शांततेचा मार्गही शक्तीमार्गेच जातो. मानवता, शांतता आणि समृध्दीकडे अग्रेसर व्हावं. प्रत्येक भारतीयाला शांततेनं जगता यावं, विकसित भारताचं स्वप्न पूर्ण करता यावं, यासाठी भारताचं शक्तीशाली होणं गरजेचं आहे आणि आवश्यकता असेल तेव्हा, या शक्तीचा वापरही गरजेचा आहे आणि गेल्या काही दिवसात भारतानं हेच केलं आहे. मी पुन्हा एकदा भारताचं सैन्य आणि सशस्त्रदलांना सलाम करतो. आपण भारतीयांच्या उमेद आणि एकजूटीला वंदन करतो.

धन्यवाद.

भारतमाता की जय.