PM Modi's Interview to Rajasthan Patrika

Published By : Admin | April 17, 2024 | 09:35 IST

सवाल- प्रधानमंत्री महोदय, ‘अबकी बार 400 पार’ नारे को लेकर आप और भाजपा पूरी तरह आश्वस्त हैं। इस भरोसे के पीछे क्या वजह है? अपने सहयोगी दलों के साथ यह लक्ष्य रखना आत्मविश्वास कहेंगे या अति आत्मविश्वास?

जवाब- देखिए, आपको समझना होगा कि ये ‘400 पार’ की बात आई कहां से। हमने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया, वहां भारत का पूर्ण रूप से संविधान लागू किया। दशकों तक देश के सामने आर्टिकल 370 की ऐसी तस्वीर पेश की जाती रही, जिससे लोगों को लगता था कि ये मुद्दा कभी सुलझ ही नहीं सकता। जब हमने इसे खत्म कर एक देश, एक विधान का अपना संकल्प पूरा किया तो इसके आशीर्वाद स्वरूप जनता-जनार्दन भाजपा को 370 सीटें जिताने की बात करने लगी। तो पहले, एक भावनात्मक जुड़ाव के रूप में भाजपा के लिए 370 सीटों की बात हुई और फिर एनडीए को 400 सीटें मिलने की चर्चा होने लगी। अबकी बार 400 पार के माध्यम से करोड़ों भारतीय भाजपा को लेकर अपना विश्वास प्रकट कर रहे हैं। राजस्थान में भी मैं जहां भी जा रहा हूं हमें पिछली बार से ज्यादा जनसमर्थन देखने को मिल रहा है।

आज दुनियाभर की सरकारों पर लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं का दबाव है और लोगों में वहां की सरकार को लेकर असंतोष है। लेकिन भारत में अलग माहौल है। यहां हमारे 10 वर्षों के कार्यकाल को देखने के बाद लोग खुद बाहर निकलकर ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ के तो नारे लगा ही रहे हैं, साथ ही अबकी बार 400 पार का नारा भी बुलंद कर रहे हैं। इसके पीछे वजह बिल्कुल साफ है। देश की जनता बीजेपी के विजन के साथ जाना चाहती है, देश की जनता विकसित भारत के संकल्प को पूरा होते देखना चाहती है, 2047 के लक्ष्य का विश्वास जनता को बीजेपी में ही दिख रहा है।

एनडीए को भारी बहुमत से जिताने के अलावा जनता का एक और लक्ष्य है, भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने का और देश के पिछड़ेपन की ओर धकेलने वालों को सबक सिखाने का। इसलिए वो विपक्ष और ‘इंडी अलायंस’ को बीजेपी के 400 पार से जवाब देना चाहती है। लोगों के विश्वास की एक और बड़ी वजह भाजपा का संकल्प पत्र है। इसमें हमने अपने 10 साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखा है और नए भारत का विजन भी देश को बताया है। हमारा संकल्प पत्र देश के 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। देश को भरोसा है कि भारत को विकसित बनाने का संकल्प भाजपा ही पूरा कर सकती है। हमारे सहयोगी दल भी विकसित भारत के विजन को पूरा करने के लिए हमारे साथ जुड़े हैं। जनता जनार्दन ने हम पर हमेशा अपना आशीर्वाद बरसाया है। मुझे विश्वास है कि 400 पार का आंकड़ा भी हम निश्चित रूप से हासिल कर लेंगे।

सवाल : चुनावी बॉन्ड को लेकर विपक्ष ने देशभर में हल्ला मचाया। चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था कितनी सही है?

जवाब: चुनावी बॉन्ड व्यवस्था देश के हित में लाई गई थी। लेकिन विपक्ष ने झूठ फैलाकर देश को गुमराह किया। बॉन्ड व्यवस्था समाप्त होने से देश के चुनावों में काले धन का प्रभाव बढ़ेगा। हम यदि ईमानदारी से विचार करेंगे तो इसके बिना चुनावों को काले धन की ओर धकेल दिया गया है। बाद में हर किसी को पछतावा होगा। चुनावी बॉन्ड व्यवस्था सफलता के रूप में देखा जाना चाहिए क्योंकि इससे यह पता चलता है कि राजनीतिक दलों को किसने योगदान दिया है। हमारे मन में पवित्र विचार थे, इसलिए एक व्यवस्था बनाई थी, ताकि चुनावों में काले धन के उपयोग को रोका जा सके। लेकिन विपक्ष ने हमेशा आरोप लगाकर भागने का ही काम किया है।

सवाल : रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आमंत्रण कांग्रेस ने ठुकरा दिया। इसके पीछे उनकी क्या सोच रही होगी?

जवाब: राम मंदिर निर्माण का देश के विभाजन के समय ही हो सकता था। लेकिन कांग्रेस ने वोट पॉलिटिक्स के तहत इस मसले को पकड़ कर हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। अदालत का फैसला न आ जाए, इसलिए उसमें अडंग़े लगाए गए। जब रामलला का मंदिर बन गया तो वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस समेत अनेक विपक्षी दलों ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आमंत्रण तक को ठुकरा दिया। कांग्रेस व विपक्ष के लोगों को गर्व होना चाहिए था कि मंदिर के लिए संघर्ष करने वालों ने उनके सभी पापों को भुलाकर आमंत्रित किया था, लेकिन वोट बैंक ने उसे असहाय बना दिया और उसने आमंत्रण ठुकरा दिया।

सवाल : आपकी महत्त्वाकांक्षी योजना वन-नेशन, वन इलेक्शन रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है, इसमें क्या बाधाएं हैं और वह कब तक दूर होने की आशा है?

जवाब: एक राष्ट्र, एक चुनाव की आवश्यकता पूरा देश महसूस कर रहा है। समिति को सकारात्मक सुझाव मिले हैं। इसको लेकर देश के कई लोग साथ आए हैं। यदि यह व्यवस्था लागू होती है तो देश को बहुआयामी फायदा होगा। हमारे पास अच्छी योजनाएं हैं। मेरे निर्णय किसी को डराने व दबाने के लिए नहीं है।

सवाल- आप अपने 10 साल के कार्यकाल में पांच सबसे बड़ी उपलब्धियां कौन सी मानते हैं? पिछले पांच साल में आपकी सरकार के समक्ष पांच बड़ी चुनौतियां कौन-कौन सी आई। उनसे कैसे निपटा गया ?

जवाब- ये मैं आप पर छोड़ता हूं कि कौन सी उपलब्धि बड़ी है और कौन सी छोटी। भाजपा सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चलती है। हमारी उपलब्धियां कुछ वर्गों या कुछ सेक्टर तक सीमित नहीं हैं। मुझे इस बात का बहुत संतोष है कि हम गरीब के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला पाए। 25 करोड़ गरीबों को हम गरीबी के कुचक्र से बाहर ला पाए। हम करोड़ों ऐसे परिवारों को छत दे पाए, जिनके लिए अपना घर एक सपना था। शौचालय, बिजली, पानी, गैस कनेक्शन जैसी सुविधाएं देकर हमने करोड़ों परिवारों को सशक्त बनाया। जिस सामाजिक न्याय के नारे को लोग वर्षों से सुनते आ रहे थे, हमने उसे पहली बार हकीकत में बदला। राजस्थान के लोग साक्षी हैं कि कैसे हमारी योजनाओं ने गरीब के सम्मान की रक्षा की, उन्हें आगे बढ़ने का हौसला दिया।

कौशल विकास, पीएम विश्वकर्मा, स्वनिधि जैसी योजनाओं से उन्हें आगे बढ़ने के नए अवसर मिले हैं। लखपति दीदी, ड्रोन दीदी जैसी योजनाओं ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है। पीएम आवास योजना के तहत मिले ज्यादातर मकान घर की महिला सदस्य के नाम पर हैं, इससे परिवार में उनका सम्मान बढ़ा है।

जहां तक चुनौतियों की बात है तो मैं चुनौतियां गिनने में विश्वास नहीं रखता हूं बल्कि चुनौतियों का समाधान निकालने में विश्वास रखता हूं। जब कोरोना का संकट आया तो दुनिया में क्या माहौल था, आपको पता है। लोगों को लग रहा था कि भारत का क्या होगा। 130 करोड़ की आबादी का देश इस सदी की सबसे बड़ी महामारी से कैसे निपटेगा। तमाम तरह की आशंकाएं थीं। लेकिन, भारत ने हर तरह की आशंका को गलत साबित किया। हमने कम समय में वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की। दुनिया का सबसे बड़ा और मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया गया। साथ ही दुनिया के करीब 150 देशों की मदद की। कोविड काल में हमने संकल्प लिया कि कोई गरीब भूखा नहीं सोएगा।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आज भी 80 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। इस योजना के लाभ राजस्थान के मेरे भाई-बहनों को भी मिल रहा है। कोविड की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा था। कई देश अभी भी इससे उबर नहीं पाए हैं, लेकिन भारत आज सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। आज हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और मेरी सरकार की तीसरी पारी में हम टॉप-3 में शामिल होंगे।

सवाल- आपने बार-बार कहा है कि अब तक जो हुआ वो तो ट्रेलर था, असली पिक्चर तो अभी बाकी है। आपके तीसरी टर्म में देश आपसे किन बड़े फैसलों की उम्मीद कर सकता है?

जवाब – 10 वर्ष पहले जब इस देश के लोगों ने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मेरे सामने कई कठिन चुनौतियां थीं। मुझे पिछली सरकार के बनाए गड्ढे भी भरने थे और देश के विकास को गति भी देनी थी। तब हमारी गिनती ‘फ्रेजाइल फाइव’ में होती थी। हमारी अर्थव्यवस्था 11वें नंबर पर थी, और उस समय की सरकार देश को ये भरोसा दे रही थी कि हम 30 साल बाद टॉप-3 में शामिल होंगे। आज भारत की पहचान दुनिया में ‘ब्राइट स्पॉट’ के तौर पर की जाती है। ये अंतर इसलिए आया है, क्योंकि हमारी सरकार ने रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म करके दिखाया है।

2014 से पहले देश के गांवों में स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था, आज हम 100 प्रतिशत के लक्ष्य पर पहुंच रहे हैं। हमारी सरकार से पहले एलपीजी कनेक्शन सिर्फ 50-55 प्रतिशत घरों में था, आज करीब 100 प्रतिशत घरों में गैस कनेक्शन है। आजादी के बाद सात दशकों में देश के सिर्फ 17 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक नल से जल की सुविधा थी। जल जीवन मिशन की वजह से आज करीब 70 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक पानी पहुंच रहा है। आप कल्पना कर सकते हैं कि इस अभियान का राजस्थान को कितना बड़ा फायदा हुआ है। 18 हजार गांव ऐसे रह गए थे, जहां बिजली नहीं पहुंची थी, हमने उन गांवों तक भी बिजली पहुंचाई।

एक तरफ हमने समाज के कमजोर, वंचित वर्ग को सशक्त बनाने के लिए संसाधन जुटाए, तो दूसरी तरफ विकसित भारत की उड़ान के लिए मजबूत आधार तैयार किया। हमने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर फोकस किया। रोड, रेल, एयरपोर्ट सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार किया। वंदे भारत एक्सप्रेस, नमो भारत एक्सप्रेस का नेटवर्क बढ़ाया।

हमने युवाओं को बेहतर अवसर देने के लिए एजुकेशन सेक्टर का विस्तार किया। बीते 10 साल में हर दिन भारत में दो नए कॉलेज बने हैं और हर हफ्ते एक यूनिवर्सिटी बनी है। देश में रिकॉर्ड संख्या में नए आइआइटी, आइआइएम और मेडिकल कॉलेज खुले हैं। 2014 तक देश में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन उनकी संख्या 700 तक पहुंच गई है।

2014 में पूरे देश में सिर्फ 50 हजार एमबीबीएस सीटें थीं। अब देश में एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर एक लाख से ज्यादा हो गई है। 10 साल पहले तक कुछ सौ ही स्टार्ट अप्स होते थे और आज करीब सवा लाख रजिस्टर्ड स्टार्ट अप्स हैं।10 साल पहले मोबाइल डेटा 250 रुपए प्रति जीबी होता था। लेकिन अब भारत में मोबाइल डेटा 10 रुपए प्रति जीबी के आसपास है।2014 में दो लाख रुपए की सालाना इनकम पर टैक्स देना होता था। आज सात लाख रुपए की सालाना इनकम पाने वाले को भी टैक्स नहीं देना होता। आर्टिकल 370 का हटना, तीन तलाक की व्यवस्था को खत्म करना, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, बैंकों का विलय, ये कुछ ऐसे फैसले हैं, जिन्होंने देश के लोगों को नए विश्वास से भर दिया है।

इसलिए मैं कहता हूं कि ये अभी शुरुआत है, हमें और आगे जाना है। अगर आप भाजपा का संकल्प-पत्र देखेंगे तो पाएंगे कि हर क्षेत्र में कितने व्यापक लक्ष्य लेकर भाजपा चल रही है।भाजपा सरकार देश को विकसित बनाने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी। अब देश में हमारे तीसरे टर्म में लिए जाने वाले फैसलों की चर्चा हो रही है। मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि आप अभी से इंतजार कर रहे हैं। अभी मैं इतना कह सकता हूं कि जो बेंचमार्क हमने बनाया है, उसे हम बहुत ऊपर ले जाएंगे। देश और देशवासियों के लिए जो सपने हमने देखे हैं, वो बहुत बड़े हैं, आने वाले पांच साल में हम उन्हें साकार होता हुआ देखेंगे।

सवाल- पिछले दिनों पुष्कर की एक सभा में आपने कहा कि तीसरी बार सरकार बनने पर पहले 100 दिन में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का बड़ा फैसला होगा। तो क्या पिछले 10 सालों में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने में कुछ कमी रह गई?

जवाब- आप याद कीजिए, पिछली बार मैं लोकसभा चुनाव के भाषणों में एक बात जरूर कहता था कि जो लोग भ्रष्ट हैं, उनको मैं जेल के दरवाजे तक ले आया हूं। आपका एक वोट इन लोगों को जेल के अंदर ले जाएगा। जो मैंने कहा वो करके दिखाया। आज बहुत सारे भ्रष्टाचारी जेल में हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ ये लड़ाई हमारी सरकार के पहले दिन से चल रही है। अब जब एजेंसियां भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई कर रही हैं तो विपक्ष एकजुट होकर भ्रष्टाचारियों के समर्थन में उतर आया है। मैं कहता हूं भ्रष्टाचार हटाओ, वो कह रहे हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। मेरा मानना है कि भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार होते रहना चाहिए। भ्रष्टाचार के विरुद्ध हमारी कार्रवाई को सिर्फ कुछ घटनाओं तक सीमित करके देखना सही नहीं होगा।

आपको वो समय याद होगा, जब एक छात्र या छात्रा को अपना डॉक्यूमेंट प्रमाणित कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते थे। कई छात्रों को वहीं भ्रष्टाचार का पहला अनुभव होता था। हमने ये व्यवस्था खत्म कर सेल्फ अटेस्टेड की व्यवस्था बनाई।

भ्रष्टाचार रोकने के लिए ही हमने केंद्रीय भर्तियों की ग्रुप-सी, ग्रुप-डी भर्तियों से इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म की। देश में क्लीयरेंस के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया। हमने सरकारी सेवाओं को ज्यादा से ज्यादा फेसलेस बनाने का प्रयास किया। डिजिटल इंडिया अभियान से इसमें मदद मिली। आज सरकार की ज्यादातर खरीद, जीइएम पोर्टल के माध्यम से होती हैं। आज सरकार के टेंडर ऑनलाइन होते हैं।

देश ने वो दौर भी देखा है, जब सरकार के मुखिया ही ये कहकर लाचारी दिखाते थे कि उनके भेजे हुए एक रुपए में से लाभार्थी तक सिर्फ 15 पैसा पहुंचता है। हमने गरीबों का पैसा बिचौलियों की जेब में जाने से बचाने के लिए डीबीटी की व्यवस्था बनाई। 2014 से पहले 10 करोड़ फर्जी लाभार्थी थे, जो सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे थे। हमने उनका नाम सिस्टम से बाहर किया। इससे पौने 3 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं।

जांच एजेंसियों ने पिछले 10 वर्षों में बड़ी संख्या में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की हैं। भ्रष्टाचार खत्म करने की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। हम पेपरलीक माफिया को समाप्त करने के लिए भी काम कर रहे हैं। भाजपा के संकल्प पत्र पर 4 जून के बाद तेजी से काम शुरू हो जाएगा। सरकार 100 दिन के एक्शन प्लान पर काम कर रही है। हमने टेक्नॉलॉजी के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनों का सख्ती से पालन करने का वादा किया है।

सवाल- भाजपा परिवारवाद के खिलाफ आवाज उठाती है, लेकिन पार्टी ने कई नेताओं के परिजनों को टिकट दिए। नेताओं के परिजनों को टिकट देने के पीछे क्या मजबूरी रही?

जवाब- पार्टी में परिवार जुड़ें इससे इनकार नहीं, लेकिन परिवार ही पार्टी बन जाए ऐसा ठीक नहीं है। इसको मैं पहले भी कह चुका हूं और आपके माध्यम से एक बार फिर जनता के लिए दोहराता हूं कि परिवारवाद को लेकर मेरा जो विरोध है वो इस बात को लेकर है कि पूरी की पूरी पार्टी ही परिवार से ही चलती है। उसका नेता हमेशा परिवार का ही सदस्य होता है, इस बात का विरोध है।

परिवार चलित पार्टी में कोई किसी भी पद पर पहुंच जाए, वो परिवार के नीचे ही रहता है। वहां बने रहने के लिए चापलूसी करना जरूरी होता है। उनकी पार्टी के हर व्यक्ति को पता होता है कि परिवार की कृपा से ही वो आगे बढ़ पाएंगे, इसलिए वहां प्रतिभा का कोई महत्त्व नहीं रह जाता। ऐसी पार्टियां युवाओं के लिए बहुत नुकसानदायक हैं, क्योंकि वहां प्रतिभाएं कुचल दी जाती हैं।

ये जो परिवार-चलित पार्टियां हैं, इनमें आंतरिक लोकतंत्र नहीं होता। उस पार्टी का मुखिया हमेशा परिवार का ही सदस्य होता है। दिखावे के लिए वो पद पर किसी और को बिठा देते हैं, लेकिन पार्टी में ये सबको पता होता है कि किससे निर्देश लेने हैं और किसको रिपोर्ट करनी है। जिन दलों में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है, वो देश के लोकतंत्र का सम्मान करेंगे, इसकी अपेक्षा करना ही हास्यास्पद है। किसी नेता का बेटा-बेटी पॉलिटिक्स में ना आए, ऐसा विरोध हम नहीं करते। लेकिन जो आएं वो लोकतांत्रिक तरीके से आएं और देशहित के लिए काम करें।

सवाल- पिछले दिनों आपने कहा था कि दस वर्षों में भारत के विकास की मजबूत इमारत की नींव डल चुकी है। अब इस पर भव्य इमारत बनाने का कार्य शुरू होगा। कैसी होगी यह इमारत? आपके विजन के अनुसार 2047 का नया भारत कैसा होगा। पार्टी के घोषणा पत्र में क्या इस पर कोई खाका पेश किया जाएगा?

जवाब- भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में विकसित भारत का जो विजन देश के सामने रखा है, उसे पूरा करने के लिए ही सरकार देश के गरीब, किसान, महिला और युवा पर फोकस कर रही है। हमने डिग्निटी ऑफ लाइफ और क्वालिटी ऑफ लाइफ को महत्व दिया है। हमने वंचितों के सशक्तिकरण को अपनी प्राथमिकता बनाई है। 2014 से पहले ये वर्ग जिस तरह का जीवन जी रहा था, उसमें उसका पूरा सामर्थ्य जरूरत की चीजें जुटाने में ही खर्च हो जाता था।

आज जब उसे मुफ्त राशन की गारंटी मिली है तो वो अपने बच्चों की शिक्षा पर फोकस कर पा रहा है। उसे अपना घर मिला है, इसलिए वो अपने कौशल विकास पर ध्यान दे पा रहा है। उसे 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज का भरोसा मिला है, इसलिए उसने आर्थिक मजबूती को अपना लक्ष्य बनाया है। इस नींव को तैयार किए बिना हम विकसित भारत की इमारत खड़ी करने की कल्पना भी नहीं कर सकते थे।

भाजपा ने संकल्प लिया है कि अब 70 वर्ष की आयु से ऊपर के हर बुजुर्ग को आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा।पाइप से सस्ती रसोई गैस घर-घर पहुंचाने के लिए तेज़ी से काम आगे बढ़ेगा। पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना में पहले ही एक करोड़ लोग रजिस्टर करा चुके हैं। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में मुद्रा योजना के तहत लोन की सीमा 20 लाख रुपए करने का इरादा किया है। भाजपा का वादा है कि देश में नए-नए सैटलाइट टाउन्स बनाए जाएंगे, जो देश के विकास का ग्रोथ सेंटर बनेंगे, और रोजगार के नए अवसर बनाएंगे।

भाजपा, देश के कोने-कोने में वंदे भारत ट्रेनों का भी विस्तार करेगी। अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन के बाद आने वाले समय में उत्तर भारत, पूर्वी भारत और दक्षिण भारत में तीन अलग-अलग बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी है। भाजपा ने संकल्प लिया है कि भारत के टूरिस्ट डेस्टिनेशंस को, भारत की हेरिटेज को ग्लोबल टूरिस्ट मैप पर लेकर जाएगी। राजस्थान तो पहले से ही देश का इतना बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। भाजपा के नए अभियान का लाभ भी राजस्थान को होगा, यहां के लोगों को होगा।भाजपा का संकल्प, भारत को दुनिया के हर उभरते हुए सेक्टर्स का ग्लोबल हब बनाने का है।हमारी तैयारी 2047 की है और इसके लिए हम सातों दिन चौबीस घंटे देश के विकास में जुटे हैं।

सवाल – देश में बेरोजगारी और महंगाई भी बड़े मुद्दे हैं। क्या आपको लगता है कि भाजपा ने 10 साल में इन मुद्दों पर जो वादे किए थे, वो पूरे हुए? तीसरे कार्यकाल में क्या इसके लिए कोई योजना है?

जवाब- आपने देखा होगा कि कोविड के बाद से पूरी दुनिया महंगाई से जूझ रही है और दुनिया के बहुत से देशों में महंगाई दर दहाई अंकों तक पहुंच गयी है। दुनिया के जिन देशों में महंगाई दर सबसे कम है, उनमें से एक भारत है। आप हमारे दस साल के कार्यकाल को भी देखिए। इतनी बड़ी आपदा के बाद भी हमारे 10 साल का महंगाई का रेकॉर्ड पिछली सरकार से बहुत बेहतर है। हमारा प्रयास यही है हमारे देश में गरीबों और मध्यमवर्ग के लिए महंगाई हमेशा सीमा में रहे।

मैं दो उदाहरण देता हूं, 10 साल पहले हमारे देश में गरीब और मध्यम वर्ग की कमाई का बड़ा हिस्सा दवा और इलाज पर खर्च हो जाता था। आज जनऔषधि केंद्र की वजह से ये खर्च 80 प्रतिशत तक कम हो गया है। आज देश में हर गरीब परिवार को हर साल 5 लाख रुपए तक इलाज मुफ्त मिलता है, वो भी अच्छे से अच्छे अस्पताल में। सर्जरी का खर्च आधा से ज्यादा कम हो गया है। दूसरा उदाहरण हमारे किसान भाई-बहनों से जुड़ा है। यूरिया और खाद की बोरी हमने किसानों को 300 रुपए से कम में ही उपलब्ध कराई है। जबकि यही बोरी विदेश में 3000 रुपए से ज्यादा में मिल रही है।

हमारी सरकार ने रोज़गार सृजन के लिए कई कदम उठाए हैं। 46 करोड़ मुद्रा लोन दिए गए जिसके द्वारा देश में 8 करोड़ नए उद्यमी तैयार हुए हैं। स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति लाभार्थियों और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद की गयी। 10 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी है, जिन्हें बैंकों द्वारा साढ़े 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की सहायता दी गयी। आज देश में एक करोड़ से ज़्यादा लखपति दीदी बनी हैं और सरकार आने वाले वर्षों में तीन करोड़ से ज़्यादा लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखती है।

निजी कंपनियों की बढ़ती संख्या और इन्फ्रास्ट्रक्चर के कामों के लिए 10 लाख करोड़ रुपए तक का बजट तय किया गया है, इससे लाखों नए रोजगार तैयार हो रहे हैं। ईपीएफओ का डेटा बताता है की जहां 2014 में इसके तहत 11.78 करोड़ लोग कवर होते थे वही संख्या अब 31.53 करोड़ है, यानि 2014 की तुलना मे 167 प्रतिशत की वृद्धि। आज जब हमारा लेबर फोर्स बढ़ रहा है तब भी बेरोज़गारी की दर लगातार घट रही है। कोविड के संकट के बाद भी बेरोजगारी की दर घटी है, जो 2022-23 में 3.2% रही है। इसी तरह स्टार्टअप से लाखों रोजगारों का सृजन हुआ है। हमने इस पर बहुत मेहनत की है और आगे भी बहुत कुछ करना है। इसी साल मैंने लालकिले से कहा था देश अभी एक हजार साल की गुलामी और आगामी एक हजार साल के भव्य भारत के बीच में एक अहम पड़ाव पर खड़ा है। ये निर्णायक समय है। विकसित भारत के लिए निर्णायक कदम बढ़ाने का यही समय है, सही समय है।

सवाल- तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में पिछली बार भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया था। इस बार दक्षिणी राज्यों से कितनी उम्मीद है और क्यों? पश्चिम बंगाल व कर्नाटक भी चुनौती वाले प्रदेश हैं। यहां मजबूती नहीं मिली तो चार सौ पार के लक्ष्य असर नहीं पड़ेगा!

जवाब- पिछले 10 वर्षों में हमने विकास के लिए जो कदम उठाए हैं, उसका हर राज्य में हर वर्ग पर पड़ा है। लोगों ने केंद्र सरकार का भी काम देखा है, और अपनी राज्य सरकार का काम भी देख रहे हैं। यही वजह है कि मैं जहां भी जा रहा हूं, भाजपा को लेकर लोगों का भारी जनसमर्थन दिख रहा है। इस बार दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन सबको आश्चर्यचकित कर देगा। लोग वहां की सरकारों के भ्रष्टाचार और कुशासन से त्रस्त आ चुके हैं, और अब वो भाजपा और एनडीए को आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं।

दक्षिण भारत के लोग देख रहे हैं कि पहली बार केंद्र में एक ऐसी सरकार आई है, जो उनकी परंपरा, संस्कृति और विरासत को आगे बढ़ाने में जुटी है। संयुक्त राष्ट्र में तमिल भाषा का प्रयोग, देश की संसद में सेंगोल की स्थापना, काशी तमिल संगमम के आयोजन के बाद देश के हर व्यक्ति ने तमिल संस्कृति से खुद को कनेक्ट किया है। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में तमिल गौरव बढ़ाने का संकल्प लिया है। भाजपा ने योग, आयुर्वेद, भारतीय भाषाओं, शास्त्रीय संगीत की ट्रेनिंग देने के लिए दुनियाभर में तिरुवल्लूर सांस्कृतिक केंद्र खोलने का एलान किया है।

कर्नाटक में लोगों ने कुछ महीनों में ही कांग्रेस सरकार की असलियत देख ली है। उन्हें फिर से कुशासन का सामना करना पड़ रहा है इसलिए वो भाजपा को बड़ी जीत दिलाने के लिए तैयार हैं। पश्चिम बंगाल में हमें जो समर्थन मिल रहा है वो 2019 से भी ज्यादा है और हमारे आंकड़े भी 2019 से कहीं ज्यादा होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां भी भ्रष्टाचार बेलगाम चल रहा है, कानून-व्यवस्था की हालत खराब है। महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। संदेशखाली की घटना को लेकर लोगों में बहुत गुस्सा है और जनता ने उन्हें सबक सिखाने का मन बना लिया है।

सवाल- अपने भाषणों में आप चार जाति – गरीब, महिला, युवा और किसान की बात करते हैं पर दूसरे दलों की तरह आपकी पार्टी भी टिकट देते समय जातियों का ध्यान रखती है। क्या कभी जातिवादी राजनीति खत्म हो पाएगी?

जवाब- हमारी पार्टी गरीब, किसान, युवा और महिलाओं को हर संभव प्राथमिकता दे रही है। आप अगर टिकट की बात करें तो, इन चार जातियों को सबसे ज्यादा सीट हमारी पार्टी ने ही दिया है। सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व हमारी पार्टी ही दे रही है। सिर्फ सीटों की बात नहीं है, ये इन चार जातियों का विकास हमारी सरकार के विजन का अहम हिस्सा है। हमारी अधिकतर योजनाओं का लाभ गरीब, किसान, महिला और युवाओं को ही मिल रहा है। हमारी सरकार में इन्हें सम्मान मिला है और हम इन्हें सशक्त बनाने की दिशा में बड़े कदम उठा रहे हैं। आज एक किसान का बेटा उपराष्ट्रपति है, आज एक आदिवासी परिवार की बेटी राष्ट्रपति हैं।

इस सवाल के पीछे आपके पुराने अनुभव हैं। 2014 से पहले वर्ग विशेष के लिए योजनाएं बनती थीं। हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर चलती है। हमारी योजनाओं का लाभ देने में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता। अगर आवास दिया गया तो सभी गरीबों को दिया गया। जब माताओं-बहनों के लिए शौचालय बनाने का अभियान शुरू हुआ तो जाति, समुदाय, क्षेत्र का भेदभाव नहीं किया गया। हमारी कई योजनाएं सैचुरेशन की स्थिति में पहुंच गई हैं। ये तभी संभव हुआ है, जब हमने हर वर्ग तक उसका लाभ पहुंचाया है। मुद्रा लोन सिर्फ योग्यता देखकर दी गई, उसमें किसी एक जाति को अहमियत नहीं दी गई। हमारे उम्मीदवार जमीन पर रहकर, जनता से जुड़कर काम करने वाले लोग हैं। वो भाजपा के विजन को आगे बढ़ाने में जुटे रहेंगे।

सवाल- लंबे समय बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस में नेतृत्व गांधी परिवार से बाहर है। आपका नामदार व कामदार का नारा पहले खूब चला था। कांग्रेस क्या सचमुच गांधी परिवार की छाया से मुक्त हो गई है?

जवाब- आपके सवाल का जवाब आप भी जानते हैं और पूरा देश भी जानता है। जिस परिवार ने 10 साल तक एक प्रधानमंत्री को रिमोट कंट्रोल से चलाया हो, क्या आपको लगता है कि अपनी पार्टी में किसी को स्वतंत्र रूप से कार्य करने देंगे। लोगों ने देखा है, कैसे वहां पानी भी बिना पूछे नहीं पिया जाता है। इनकी असलियत लोगों के सामने है और देश ने नामदार लोगों के अहंकार को पूरी तरह खत्म करने का मन बना लिया है।

सवाल -भाजपा ने तीन हिन्दी भाषी राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में दिग्गजों को किनारे कर नए चेहरों को सीएम बनाया है। इस कदम को क्या माना जाना चाहिए?

जवाब- भाजपा संगठन आधारित पार्टी है। हमारी पार्टी की विचारधारा से जुड़ा हर व्यक्ति कर्तव्य और समर्पण भाव से अपने दायित्व को पूरा करने में जुटा रहता है। हमारे यहां हर योग्य व्यक्ति को अवसर मिलता है। हम क्षमतावान लोगों की तलाश करके उसे पार्टी से जोड़ते हैं, ताकि उसकी प्रतिभा का देशहित में उपयोग हो सके। भाजपा का ये मूल स्वभाव है, जो जनसंघ के दिनों से चला आ रहा है। पहले भी ऐसे मौके आए हैं, जब किसी कार्यकर्ता को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। मुझे जब संगठन से सरकार में भेजा गया, तब तक मैंने कोई चुनाव नहीं लड़ा था। लेकिन संगठन से मिले अनुभव मेरे बहुत काम आए। ये इस बात का प्रमाण है कि हमारी पार्टी में कोई भी पद किसी के लिए आरक्षित नहीं होता।

हमारी पार्टी रिले की तरह दौड़ती है, जहां पर हर रेसर को अपनी भूमिका पता है। और वो समय आने पर बैटन अपने आगे वाले रेसर को बिना किसी संकोच के पकड़ा देता है। भाजपा का संगठन ऐसा है, जहां नए नेतृत्व को तैयार करने और उसे आगे बढ़ाने की एक स्वाभाविक प्रक्रिया चलती रहती है।

सवाल- राजस्थान अपनी विषम भौगोलिक स्थिति के कारण विकास में पिछड़ा रहा है। अब डबल इंजन सरकार से राज्य की जनता को क्या अपेक्षा रखनी चाहिए?

जवाब – राजस्थान ने पिछली सरकार में बहुत दुख और तकलीफ झेली है। राजस्थान बहुत पीछे चला गया। इसका कारण है यहां की पिछली कांग्रेस सरकार का भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था की अनदेखी और इनकी गलत नीतियां। हम तीनों ही फ्रंट पर चुनौतियों को दूर कर रहे हैं।

राजस्थान के पिछड़ेपन के लिए यहां की भौगोलिक स्थिति नहीं, बल्कि वो लोग जिम्मेदार हैं जिनके पास विकास का विजन ही नहीं था। हर राज्य की कुछ अपनी समस्याएं होती हैं, साथ ही कुछ विशेषता भी होती है, जिन पर फोकस करके उस राज्य की सबसे बड़ी ताकत बनाई जा सकती है। राजस्थान में बहुत संभावनाएं हैं। मुझे यहां के लोगों के सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है।राजस्थान का नया नेतृत्व यहां विकास की हर संभावना को विस्तार देने में जुटा है।

Source: Rajasthan Patrika

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PM chairs 45th PRAGATI Interaction
December 26, 2024
PM reviews nine key projects worth more than Rs. 1 lakh crore
Delay in projects not only leads to cost escalation but also deprives public of the intended benefits of the project: PM
PM stresses on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of families affected during implementation of projects
PM reviews PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana and directs states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner
PM advises conducting workshops for experience sharing for cities where metro projects are under implementation or in the pipeline to to understand the best practices and key learnings
PM reviews public grievances related to the Banking and Insurance Sector and emphasizes on quality of disposal of the grievances

Prime Minister Shri Narendra Modi earlier today chaired the meeting of the 45th edition of PRAGATI, the ICT-based multi-modal platform for Pro-Active Governance and Timely Implementation, involving Centre and State governments.

In the meeting, eight significant projects were reviewed, which included six Metro Projects of Urban Transport and one project each relating to Road connectivity and Thermal power. The combined cost of these projects, spread across different States/UTs, is more than Rs. 1 lakh crore.

Prime Minister stressed that all government officials, both at the Central and State levels, must recognize that project delays not only escalate costs but also hinder the public from receiving the intended benefits.

During the interaction, Prime Minister also reviewed Public Grievances related to the Banking & Insurance Sector. While Prime Minister noted the reduction in the time taken for disposal, he also emphasized on the quality of disposal of the grievances.

Considering more and more cities are coming up with Metro Projects as one of the preferred public transport systems, Prime Minister advised conducting workshops for experience sharing for cities where projects are under implementation or in the pipeline, to capture the best practices and learnings from experiences.

During the review, Prime Minister stressed on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of Project Affected Families during implementation of projects. He further asked to ensure ease of living for such families by providing quality amenities at the new place.

PM also reviewed PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana. He directed to enhance the capacity of installations of Rooftops in the States/UTs by developing a quality vendor ecosystem. He further directed to reduce the time required in the process, starting from demand generation to operationalization of rooftop solar. He further directed states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner.

Up to the 45th edition of PRAGATI meetings, 363 projects having a total cost of around Rs. 19.12 lakh crore have been reviewed.