QuoteIndia and Mauritius are diverse and vibrant democracies, committed to working for the prosperity of our people, as well as for peace in our region and the world: PM
QuoteThe Indian Ocean is a bridge between India and Mauritius: PM Modi

मॉरीशसचे पंतप्रधान प्रविन्द जगन्नाथ जी, मॉरीशसचे वरिष्ठ मंत्री आणि मान्यवर व्यक्ती, विशिष्ट अतिथिगण,मित्रांनो , नमस्कार ! बॉन्जोर! शुभ दुपार

मी मॉरीशसमधल्या आमच्या सर्व मित्रांना खूप खूप शुभेच्छा देतो.

आपल्या देशांसाठी हा संवाद एक खास संधी आहे. आपला सामायिक इतिहास , वारसा आणि सहकार्य यातील हा एक  नवा अध्याय आहे. खूप काळ लोटलेला नाही, मॉरिशसने इंडियन ओशन आयलॅण्ड गेम्सचे यजमानपद भूषवले होते आणि यात गौरव प्राप्त केला होता.

दोन्ही देश 'दुर्गा पूजा ' चा उत्सव साजरा करत आहेत आणि लवकरच दिवाळी साजरी करणार आहोत. अशा वेळी या घडामोडी मेट्रो प्रकल्पाच्या पहिल्या टप्प्याचे उदघाटन अधिक खास बनवत आहे

मेट्रो, स्वच्छ आणि कुशल परिवहन सुविधा आहे आणि यामुळे वेळेची बचत होईल. हा प्रकल्प आर्थिक घडामोडी आणि पर्यटनात देखील योगदान देईल . आधुनिक ईएनटी रुग्णालय हा दुसरा प्रकल्प आहे ज्याचे आज उदघाटन झाले. हे अद्ययावत हॉस्पिटल दर्जेदार आरोग्यसेवा पुरवण्यात योगदान देईल. रुग्णालयाची इमारत ऊर्जा कार्यक्षम युक्त आहे आणि कागदविरहित सेवा पुरवेल.

हे दोन्ही प्रकल्प मॉरीशसच्या लोकांना सुविधा पुरवतील. मॉरिशसच्या विकासाप्रति भारताच्या मजबूत कटिबध्दतेचे हे प्रकल्प प्रतीक आहेत.

या प्रकल्पांसाठी हजारो कामगारांनी दिवस-रात्र आणि उन्हा -तान्हात कठोर मेहनत केली आहे.

भूतकाळाच्या एकदम विरुद्ध आज आम्ही आपल्या लोकांच्या उत्तम भविष्यासाठी काम करत आहोत.

मी पंतप्रधान प्रविंद यांच्या दूरदर्शी नेतृत्वाची प्रशंसा करतो. त्यांनी मॉरिशस साठी आधुनिक पायाभूत सुविधा आणि सेवाची कल्पना केली आहे.मी त्यांचे आणि मॉरिशसच्या सरकारचे त्यांच्या सक्रिय सहभागासाठी आभार मानतो. त्यांच्यामुळे हे प्रकल्प वेळेत पूर्ण झाले.   

   आपल्याला या गोष्टीचा अभिमान आहे कि भारताने जनहिताच्या या आणि अन्य प्रकल्पांमध्ये मॉरिशसबरोबर भागीदारी केली आहे. गेल्या वर्षी एका संयुक्त प्रकल्पाअंतर्गत मुलांना ई-टैबलेट वितरित करण्यात आले होते.

सर्वोच्च न्यायालयाची नवी इमारत आणि एक हजार घरांच्या निर्मितीचे काम वेगाने सुरु आहे.

मला ही एक गोष्ट जाहीर करताना आनंद होत आहे की प्रधानमंत्री श्री जगन्नाथ यांच्या सूचनेनुसार भारत एक किडणी यूनिट, मेडि -क्लीनिक्स आणि क्षेत्रीय आरोग्य केंद्राच्या बांधकामात सहकार्य करेल. 

|

मित्रांनो,

भारत आणि मॉरीशस दोघेही वैविध्यपूर्ण आणि जीवंत लोकशाहीचे उदाहरण आहेत, जे आपल्या लोकांच्या समृद्धीसाठी आणि आपले क्षेत्र आणि जगात शांतता नांदावी यासाठी कटिबद्ध आहे.

परस्परांप्रति आदर विविध मार्गानी व्यक्त होत आहे.

यावर्षी, पंतप्रधान जगन्नाथ आतापर्यंतच्या सर्वात मोठ्या प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रमात प्रमुख पाहुणे म्हणून उपस्थित होते , तसेच माझ्या सरकारच्या दुसऱ्या कार्यकाळाच्या उदघाटन समारंभाला देखील उपस्थित होते.

मॉरिशसच्या स्वातंत्र्यदिनाच्या 50 व्या वर्धापन दिनानिमित्त आयोजित समारंभाला आपल्या  राष्ट्रपतींना प्रमुख पाहुणे म्हणून आमंत्रित केले होते. महात्मा गांधींच्या

150 व्या जयंतीदिनी मॉरिशसने त्यांच्या स्मृतींना अभिवादन केले आणि त्यांच्याबरोबरच्या  विशेष नात्याचे स्मरण केले.

 

मित्रांनो,

हिंद महासागर हा भारत आणि मॉरिशस यांच्यातील एक सेतू आहे. सागरी अर्थव्यवस्था आपल्या लोकांसाठी खूप महत्वपूर्ण आहे.

सागरी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा आणि आपत्ती जोखिम कमी करण्याच्या सर्व बाबींमध्ये सागर (क्षेत्रात सर्वांसाठी सुरक्षा आणि विकास) चे विजन आपल्याला एकत्रितपणे काम करण्यासाठी मार्गदर्शन करत राहील.

आपत्ती प्रतिबंधक पायाभूत संरचना आघाडीत संस्थापक सदस्य म्हणून सहभागी झाल्याबद्दल  मी मॉरिशस सरकारचे आभार मानतो.

 

महामहिम,

 महिन्याभरात अप्रवासी घाट या जागतिक वारसा स्थळावर अप्रवासी दिन साजरा केला जाणार आहे. आपल्या शूर पूर्वजांचा यशस्वी संघर्ष  या आयोजनात अधोरेखित केला जाईल.

या संघर्षामुळे मॉरीशसला या शतकात मोठे यश मिळाले आहे.

मॉरीशसच्या लोकांच्या अद्वितीय भावनांना आम्ही सलाम करतो.

भारत आणि  मॉरीशसची मैत्री अमर राहो.

धन्यवाद, खूप-खूप धन्यवाद.

Explore More
प्रत्येक भारतीयाचं रक्त तापलं आहेः पंतप्रधान मोदी मन की बातमध्ये

लोकप्रिय भाषण

प्रत्येक भारतीयाचं रक्त तापलं आहेः पंतप्रधान मोदी मन की बातमध्ये
PM Modi holds 'productive' exchanges with G7 leaders on key global issues

Media Coverage

PM Modi holds 'productive' exchanges with G7 leaders on key global issues
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Ensuring energy security for our citizens is not just a priority, but also a responsibility: PM Modi at G7 Summit Session
June 18, 2025

प्रधानमंत्री कार्नी,
Your Excellencies,
नमस्कार!

G-7 समिट में निमंत्रण के लिए, और हमारे शानदार स्वागत के लिए मैं प्रधानमंत्री कार्नी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। G-7 समूह के पचास वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर मैं सभी मित्रों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

Friends,

भावी पीढ़ियों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। हम इसे केवल अपनी प्राथमिकता ही नहीं, बल्कि अपने देशवासियों के प्रति जिम्मेदारी भी मानते हैं। अवेले-बिलिटी, ऐक्से-सेबीलीटी, अफोर्डि-बिलिटी और एक्सेप्टे-बिलिटी के मूल सिद्धांतों पर आगे बढ़ते हुए भारत ने समावेशी विकास का रास्ता तय किया है।

आज भारत के लगभग सभी घर बिजली से connected हैं। भारत की गिनती सबसे कम per unit electricity cost वाले देशों में है। विश्व की fastest growing major economy होते हुए भी, भारत Paris Commitments को समय से पहले पूरा करने वाला देश है। हम 2070 तक Net Zero के लक्ष्य की ओर भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इस समय हमारी total installed capacity का लगभग पचास प्रतिशत share, renewable energy का है।

हम 2030 तक 500 गीगावाट renewable एनर्जी के लक्ष्य की ओर दृढ़ता से अग्रसर हैं। Clean Energy के लिए हम Green Hydrogen, Nuclear Energy, Ethanol Blending पर जोर दे रहे हैं। हम विश्व के सभी देशों को green और sustainable future की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

इसके लिए हमने International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, मिशन LiFE, Global Biofuels Alliance, One Sun One World One Grid जैसी वैश्विक पहलों की शुरुआत की है।

Friends,

Energy Transition में आगे बढ़ते हुए सभी देशों का साथ चलना आवश्यक है। "मैं नहीं, हम” की भावना से आगे बढ़ना होगा। दुर्भाग्यवश, Uncertainty और conflicts का सबसे अधिक असर ग्लोबल साउथ के देशों को झेलना पड़ता है। तनाव चाहे विश्व के किसी भी कोने में हो, इन देशों पर food, fuel, fertiliser और financial crisis का कहर सबसे पहले टूटता है।

Masses, material, manufacturing और mobility भी प्रभावित होते हैं। भारत ने ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं और चिंताओं को World stage तक पहुंचाना अपना दायित्व समझा है। हमारा मानना है कि किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंड के रहते मानवता का सतत और समावेशी विकास संभव नहीं है।

Friends,

एक और गंभीर विषय की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ- वह है आतंकवाद। आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। हाल ही में भारत को एक क्रूर और कायरतापूर्ण आतंकी हमले का सामना करना पड़ा।

22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला केवल पहलगाम पर ही नहीं, बल्कि हर भारतीय की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर भी सीधा आघात था। यह पूरी मानवता पर आघात था। आप सभी मित्रों ने जिन कड़े शब्दों में इसकी निंदा की, संवेदनाएं प्रकट की, उसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी देशों का विरोधी है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता अनिवार्य है। भारत के पड़ोस में तो आतंकवाद का ब्रीडिंग ग्राउन्ड है! वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए, हमारी सोच और नीति स्पष्ट होनी चाहिए- यदि कोई भी देश आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।

लेकिन दुर्भाग्यवश, वास्तविकता इसके उलट है। एक तरफ तो हम अपनी पसंद-नापसंद के आधार पर, भांति-भांति के sanctions लगाने में देर नहीं करते। दूसरी ओर, जो देश खुले आम आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हे पुरस्कृत करते हैं । इस कमरे में जो बैठे हैं, उनसे मेरे कुछ गंभीर सवाल हैं।

क्या हम आतंकवाद को लेकर गंभीर हैं भी या नहीं? क्या हमें आतंकवाद का मतलब सिर्फ तब समझ आएगा जब वो हमारे घर के दरवाजे पर दस्तक देगा? क्या आतंकवाद फैलाने वाले को और आतंकवाद से पीड़ित को एक ही तराजू में रख कर देखा जायेगा? क्या हमारे ग्लोबल institutions एक मज़ाक बन कर रह जायेंगे?

यदि हमने आज मानवता के विरुद्ध खड़े इस आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कदम नहीं उठाए, तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा। निजी हितों के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, पूरी मानवता के साथ विश्वासघात है।

Friends,

भारत ने सदैव अपने हितों से ऊपर उठकर मानवता के हित में काम किया है। हम आगे भी सभी विषयों पर G7 के साथ अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

Friends,

Technology, AI और Energy के विषय में मैं कुछ बिन्दु रखना चाहूँगा। नि:संदेह, AI हर क्षेत्र में efficiency और innovation बढ़ाने का बहुत ही प्रभावी माध्यम बन रहा है। लेकिन, AI खुद, एक बहुत ही energy intensive टेक्नोलॉजी है। AI डेटा centres के कारण energy की खपत; और आज की टेक्नोलॉजी driven सोसायटी की energy की जरूरतों को टिकाऊ तरीके से पूरा करने का अगर कोई उपाय है, तो वह renewable energy है।

अफोर्डेबल, रेलाइबल और सस्टेनेबल ऊर्जा सुनिश्चित करना भारत की प्राथमिकता है। इसके लिए हम Solar Energy और Small Modular Reactors पर जोर दे रहे हैं। Renewable energy production और energy demand centres को जोड़ने के लिए हम smart grids, energy storage और green energy corridors बना रहे हैं।

Friends,

भारत में हमारे सभी प्रयास human centric approach पर आधारित रहे हैं। हम मानते हैं कि किसी भी टेक्नोलॉजी का वास्तविक मूल्य तभी है जब उसका लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुँचे। ग्लोबल साउथ में भी कोई अछूता न रहे। उदाहरण के तौर पर, अगर हम AI powered weather prediction app बनाते हैं, तो उसका लाभ मेरे देश के छोटे से गाँव में रहने वाले किसान या मछुआरे को मिलता है।

भारत में AI-based language app "भाषिणी” बनाया गया है ताकि एक गावं का व्यक्ति भी विश्व की भाषाओं से जुड़कर, वैश्विक संवाद का हिस्सा बन सके। हमने टेक्नोलॉजी को democratise किया है और Digital Public Infrastructure से अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सामान्य लोगों को empower किया हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हमें human centric approach रखनी चाहिए। हर कोई AI के सामर्थ्य और उसकी उपयोगिता को स्वीकार करता है। लेकिन AI की शक्ति और क्षमता हमारी चुनौती नहीं है। बल्कि चुनौती यह है कि AI टूल्स, मानवीय गरिमा और सामथर्य को बढ़ाएं।

Friends,

समृद्ध डेटा ही एक समावेशी, सक्षम और responsible AI की गारंटी है । भारत की विविधता, बहुरंगी रहन-सहन, भाषाएं और भौगोलिक विशालता, समृद्ध डेटा का सबसे उत्तम और शक्तिशाली स्रोत है। ऐसे में, भारत की विविधता की कसौटी से निकले AI मॉडल पूरे विश्व के लिए उपयोगी साबित होंगे।

भारत में हमने एक मजबूत डेटा Empowerment और Protection आर्किटेक्चर बनाने पर बल दिया है। साथ ही भारत के पास एक विशाल talent pool है, जो अपने scale, skill, diversity और democratic values से AI में वैश्विक प्रयासों को सशक्त कर सकता है।

Friends,

AI के विषय पर मैं कुछ सुझाव आपके सामने रखना चाहूँगा। पहला, अंतराष्ट्रीय स्तर पर गवर्नेंस पर काम करना होगा जो AI से जुड़ी चिंताओं को दूर करते हुए innovation को भी बढ़ावा दे। तभी हम इसे force for global good बना पाएंगे। दूसरा, AI के युग में critical minerals और टेक्नोलॉजी में करीबी सहयोग बहुत आवश्यक है।

हमें इनकी supply chains को सुरक्षित और resilient बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें यह भी देखना होगा कि कोई भी देश इनका उपयोग केवल अपने स्वार्थ के लिए या हथियार के रूप में न करे। तीसरा, deep fake बहुत बड़ी चिंता का कारण है । यह समाज में अराजकता फैला सकता है। इसलिए, AI generated content पर water-marking या स्पष्ट घोषणा की जानी चाहिए।

Friends,

पिछली सदी में हमने ऊर्जा के लिए competition देखा। इस सदी में हमें टेक्नॉलजी के लिए cooperation करना होगा। "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास” – इसी मूलमंत्र पर आगे बढ़ना होगा। यानी People, Planet और Progress - यह भारत का आह्वान है। इसी भावना के साथ मैं आप सभी को अगले वर्ष भारत में होने जा रही AI Impact Summit के लिए सादर आमंत्रित करता हूँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।