In Government, the welfare of the people and the happiness of citizens is supreme: PM
Every citizen must have a feeling that this country is mine & I have to work for the country: PM Modi
Gandhi ji made every person feel he or she is working for the nation: PM Modi
Mahatma Gandhi turned the freedom struggle into a mass movement, we need to make India's development a mass movement: PM

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी आज " चॅम्पियन ऑफ चेंज' - जी २ बी भागीदारीद्वारे भारताचे परिवर्तन" या नीती आयोगाने आयोजित केलेल्या कार्यक्रमात तरुण मुख्य कार्यकारी अधिकाऱ्यांना मार्गदर्शन केले. हा कर्यक्रम प्रवासी भारतीय केंद्र येथे संपन्न झाला.

या मालिकेतील पंतप्रधानांचे हे दुसरे व्यख्यान आहे. गेल्या आठवड्यात पंतप्रधानांनी तरुण उद्योजकांना संबोधित केले होते.

सहा तरुण समूहाच्या सीईओनी , मेक इन इंडिया , शेतकऱ्यांच्या उत्पन्नात दुप्पट वाढ, जागतिक दर्जाच्या पायाभूत सुविधा , उद्याची शहरे, परिवर्तनात्मक वित्तीय क्षेत्र आणि वर्ष २०२२ मधिल नवीन भारत या संकल्पनांवरील प्रात्यक्षिके पंतप्रधानांना दाखविली.

पंतप्रधानांनी या प्रात्यक्षिकांचे कौतुक करून त्यांनी सीईओजने भारताच्या भरीव प्रगतीसाठी दिलेल्या मूल्यवान वेळ आणि संकल्पनेसाठी आभार मानले. ते पुढे म्हणाले की, सरकारच्या निर्णय समितीने हे प्रात्यक्षिक लक्षपूर्वक ऐकले असून याचा त्यांना चालू समस्यांच्या निराकारणात ३६० डिग्री पातळीवर कार्य करतांना धोरण निर्मिती मध्ये उपयोग होईल.

पंतप्रधान म्हणाले की, लोकांचा सहभाग हा महत्वाचा प्रशासनातील घटक असून सरकारसह सीईओजची भागीदारी भारताच्या आणि पर्यायाने लोकांच्या कल्याणासाठी उपयोगात आणण्याचे उद्दिष्ट आहे.

भारताच्या स्वातंत्र्य लढ्याची आठवण करताना पंतप्रधानांनी सांगितले की, महात्मा गांधींनी सर्व भारतीयांना आणि सैनिकांना त्यांच्या दैनंदिन कामांसह स्वातंत्र्यासाठी तयार केले. तथापि त्यांनी हि चळवळ व्यापक केली. पंतप्रधानांनी भारताच्या विकासासाठी सुद्धा आज हि चळवळ व्यापक होण्याच्या आवश्यकतेवर भर दिला . ते पुढे म्हणालेत की , वर्ष २०२२ पर्यंत आपण भारताच्या साचेबद्ध विकासासाठी आपले किती योगदान असावे या बाबत उद्दिष्ट ठरविले पाहिजे.

मोदी यांनी सीईओजना तुम्ही या कार्यात माझे भागीदार असून भारताला विकासाच्या दृष्टीने पुढे नेण्यात एकत्र काम करण्याच्या आवश्यकतेवर जोर दिला. कृषिक्षेत्रातील मूल्याधिष्ठितचे उदाहरण देताना पंतप्रधान म्हणाले की दुप्पट उत्पन्न मिळवण्यासाठी दीर्घकालीन दृष्टीकोनाची आवश्यकता आहे. अन्न प्रक्रियेवर जोर देतांना त्यांनी सांगितले कि कृषी क्षेत्रात अपुऱ्या पायाभूत सेवांमुळे कृषीमालाची नासाडी होऊन मोठ्या प्रमाणावर तोटा सहन करावा लागतो.

पंतप्रधान म्हणालेत की, केंद्र सरकारने मुलभुत परिवर्तनासाठी अनेक निर्णय घेतले असून त्यांनी यूरिया उपलब्धता आणि उत्पादनासंदर्भात तसेच गॅस किंमत वाढ , अतिरिक्त उत्पदनावर मानधन इत्यादी निर्णयांची यादी अधिकाऱ्यांना दिली. यामुळे यूरियाचे अतिरिक्त उत्पदन २० लाख झाले ते पुढे म्हणाले कि नीम आवरण असलेल्या युरियाच्या उत्पादनाचा मोठ्या प्रमाणावरील दिशाबद्ल संपुष्टात आला.

त्यांनी कॅशलेस सोसायटीवर सरकारचा भर असल्याचे सांगितले व त्यांनी सीईओजला सरकारसह भागीदारीत या विषयावर समाज बांधणीसाठी सहयोगाबाबत विचारणा केली.

खादीला उत्सवांमधून भेट वस्तू द्वारे प्रोत्साहन देता येऊ शकेल ज्यामुळे गरीब लोकांना त्याचा फायदा होईल तसेच त्यांनी या साठी समाजात पोषक वातावरण निर्माण करायला हवे असे सांगितले

पीएम यांनी यावेळी सरकारच्या ई - मार्केटिंग बद्दल माहिती देतांना सांगितले कि या द्वारे छोटे उत्पादक सरकारला पुरवठा कसा यशस्वीपणे करतात हे कळले . त्यांनी १००० कोटी रुपयांची उलाढाल जीईएम द्वारे करण्यात आल्याचे आणि २८००० पुरवठादारांनी या मध्ये योगदान दिल्याचे सांगितले.

पंतप्रधान म्हणालेत कि लोकांना त्यांच्या देशाचा अभिमान असायला हवा .

भारतामध्ये प्रत्येकाने पर्यटनाला वैयक्तिकरित्या प्रोत्साहन देणे गरजेचे आहे. टाकाऊकडून टिकाऊकडे { "waste to wealth"] या संकल्पनेचे उदाहरण देत त्यांनी सांगितले कि यामुळे स्वच्छ भारत आणि स्वच्छ पर्यावरणाचे उद्दिष्ट गाठण्याला प्रोत्साहन मिळेल. लोकांच्या छोट्या समस्या सोडविणे हे उद्योजक आणि व्यापाराचे उद्दिष्ट असायला हवे.

यावेळी अनेक केंद्रीय मंत्री आणि सरकारचे वरिष्ठ मंत्री उपस्थित होते.

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Text of PM’s address on the occasion of Veer Bal Diwas
December 26, 2024
PM launches ‘Suposhit Gram Panchayat Abhiyan’
On Veer Baal Diwas, we recall the valour and sacrifices of the Sahibzades, We also pay tribute to Mata Gujri Ji and Sri Guru Gobind Singh Ji: PM
Sahibzada Zorawar Singh and Sahibzada Fateh Singh were young in age, but their courage was indomitable: PM
No matter how difficult the times are, nothing is bigger than the country and its interests: PM
The magnitude of our democracy is based on the teachings of the Gurus, the sacrifices of the Sahibzadas and the basic mantra of the unity of the country: PM
From history to present times, youth energy has always played a big role in India's progress: PM
Now, only the best should be our standard: PM

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरी सहयोगी अन्नपूर्णा देवी जी, सावित्री ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, अन्य महानुभाव, देश के कोने-कोने से यहां आए सभी अतिथि, और सभी प्यारे बच्चों,

आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है! आज देश के 17 बच्चों को वीरता, इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है। इन सबने ये दिखाया है कि भारत के बच्चे, भारत के युवा क्या कुछ करने की क्षमता रखते हैं। मैं इस अवसर पर हमारे गुरुओं के चरणों में, वीर साहबजादों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। मैं अवार्ड जीतने वाले सभी बच्चों को बधाई भी देता हूँ, उनके परिवारजनों को भी बधाई देता हूं और उन्हें देश की तरफ से शुभकामनाएं भी देता हूं।

साथियों,

आज आप सभी से बात करते हुए मैं उन परिस्थितियों को भी याद करूंगा, जब वीर साहिबजादों ने अपना बलिदान दिया था। ये आज की युवा पीढ़ी के लिए भी जानना उतना ही जरूरी है। और इसलिए उन घटनाओं को बार-बार याद किया जाना ये भी जरूरी है। सवा तीन सौ साल पहले के वो हालात 26 दिसंबर का वो दिन जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, आयु कम थी लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा, जब वजीर खान ने उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता याद दिलाई। ये वीरता हमारी आस्था का आत्मबल था। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से वो कभी विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन, हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं। कितना भी विपरीत समय क्यों ना हो, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। इसलिए देश के लिए किया गया हर काम वीरता है, देश के लिए जीने वाला हर बच्चा, हर युवा, वीर बालक है।

साथियों,

वीर बाल दिवस का ये वर्ष और भी खास है। ये वर्ष भारतीय गणतंत्र की स्थापना का, हमारे संविधान का 75वां वर्ष है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक, वीर साहबजादों से राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए काम करने की प्रेरणा ले रहा है। आज भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहबजादों की वीरता है, उनका बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है। संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। और ये नीति, ये प्रेरणा हमारे गुरुओं के सरबत दा भला के उस मंत्र को भी सिखाती हैं, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है। गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता न करने की सीख देता है। और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। एक तरह से हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है।

साथियों,

इतिहास ने और इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर के 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है। आप जैसे युवाओं की शक्ति के कारण ही आज पूरा विश्व भारत को आशा और अपेक्षाओं के साथ देख रहा है। आज भारत में startups से science तक, sports से entrepreneurship तक, युवा शक्ति नई क्रांति कर रही है। और इसलिए हमारी पॉलिसी में भी, युवाओं को शक्ति देना सरकार का सबसे बड़ा फोकस है। स्टार्टअप का इकोसिस्टम हो, स्पेस इकॉनमी का भविष्य हो, स्पोर्ट्स और फिटनेस सेक्टर हो, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री हो, स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप की योजना हो, सारी नीतियां यूथ सेंट्रिक हैं, युवा केंद्रिय हैं, नौजवानों के हित से जुड़ी हुई हैं। आज देश के विकास से जुड़े हर सेक्टर में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। उनकी प्रतिभा को, उनके आत्मबल को सरकार का साथ मिल रहा है।

मेरे युवा दोस्तों,

आज तेजी से बदलते विश्व में आवश्यकताएँ भी नई हैं, अपेक्षाएँ भी नई हैं, और भविष्य की दिशाएँ भी नई हैं। ये युग अब मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग की दिशा में बढ़ चुका है। सामान्य सॉफ्टवेयर की जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। हम हर फ़ील्ड नए changes और challenges को महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमारे युवाओं को futuristic बनाना होगा। आप देख रहे हैं, देश ने इसकी तैयारी कितनी पहले से शुरू कर दी है। हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, national education policy लाये। हमने शिक्षा को आधुनिक कलेवर में ढाला, उसे खुला आसमान बनाया। हमारे युवा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों को इनोवेटिव बनाने के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब शुरू की गई हैं। हमारे युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में व्यावहारिक अवसर मिले, युवाओं में समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की भावना बढ़े, इसके लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान शुरू किया गया है।

भाइयों बहनों,

आज देश की एक और बड़ी प्राथमिकता है- फिट रहना! देश का युवा स्वस्थ होगा, तभी देश सक्षम बनेगा। इसीलिए, हम फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे मूवमेंट चला रहे हैं। इन सभी से देश की युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। एक स्वस्थ युवा पीढ़ी ही, स्वस्थ भारत का निर्माण करेगी। इसी सोच के साथ आज सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। ये अभियान पूरी तरह से जनभागीदारी से आगे बढ़ेगा। कुपोषण मुक्त भारत के लिए ग्राम पंचायतों के बीच एक healthy competition, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो, सुपोषित ग्राम पंचायत, विकसित भारत का आधार बने, ये हमारा लक्ष्य है।

साथियों,

वीर बाल दिवस, हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है- अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए, मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा, कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें। अगर हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारी सड़कें, हमारा रेल नेटवर्क, हमारा एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारे सेमीकंडक्टर, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारे ऑटो व्हीकल दुनिया में बेस्ट हों। अगर हम टूरिज्म में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारे टूरिज्म डेस्टिनेशन, हमारी ट्रैवल अमेनिटी, हमारी Hospitality दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम स्पेस सेक्टर में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारी सैटलाइट्स, हमारी नैविगेशन टेक्नॉलजी, हमारी Astronomy Research दुनिया में बेस्ट हो। इतने बड़े लक्ष्य तय करने के लिए जो मनोबल चाहिए होता है, उसकी प्रेरणा भी हमें वीर साहिबजादों से ही मिलती है। अब बड़े लक्ष्य ही हमारे संकल्प हैं। देश को आपकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। मैं जानता हूँ, भारत का जो युवा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कमान संभाल सकता है, भारत का जो युवा अपने इनोवेशन्स से आधुनिक विश्व को दिशा दे सकता है, जो युवा दुनिया के हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है, वो युवा, जब उसे आज नए अवसर मिल रहे हैं, तो वो अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता! इसलिए, विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है। आत्मनिर्भर भारत की सफलता सुनिश्चित है।

साथियों,

समय, हर देश के युवा को, अपने देश का भाग्य बदलने का मौका देता है। एक ऐसा कालखंड जब देश के युवा अपने साहस से, अपने सामर्थ्य से देश का कायाकल्प कर सकते हैं। देश ने आजादी की लड़ाई के समय ये देखा है। भारत के युवाओं ने तब विदेशी सत्ता का घमंड तोड़ दिया था। जो लक्ष्य तब के युवाओं ने तय किया, वो उसे प्राप्त करके ही रहे। अब आज के युवाओं के सामने भी विकसित भारत का लक्ष्य है। इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों के तेज विकास की नींव रखनी है। इसलिए भारत के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस समय का लाभ उठाना है, हर सेक्टर में खुद भी आगे बढ़ना है, देश को भी आगे बढ़ाना है। मैंने इसी साल लालकिले की प्राचीर से कहा है, मैं देश में एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिसके परिवार का कोई भी सक्रिय राजनीति में ना रहा हो। अगले 25 साल के लिए ये शुरुआत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं से कहूंगा, कि वो इस अभियान का हिस्सा बनें ताकि देश की राजनीति में एक नवीन पीढ़ी का उदय हो। इसी सोच के साथ अगले साल की शुरुआत में, माने 2025 में, स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर, 'विकसित भारत यंग लीडर्स डॉयलॉग’ का आयोजन भी हो रहा है। पूरे देश, गाँव-गाँव से, शहर और कस्बों से लाखों युवा इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसमें विकसित भारत के विज़न पर चर्चा होगी, उसके रोडमैप पर बात होगी।

साथियों,

अमृतकाल के 25 वर्षों के संकल्पों को पूरा करने के लिए ये दशक, अगले 5 वर्ष बहुत अहम होने वाले हैं। इसमें हमें देश की सम्पूर्ण युवा शक्ति का प्रयोग करना है। मुझे विश्वास है, आप सब दोस्तों का साथ, आपका सहयोग और आपकी ऊर्जा भारत को असीम ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसी संकल्प के साथ, मैं एक बार फिर हमारे गुरुओं को, वीर साहबजादों को, माता गुजरी को श्रद्धापूर्वक सिर झुकाकर के प्रणाम करता हूँ।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !