पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या हस्ते आज नवी दिल्लीत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थेचे राष्ट्रार्पण झाले.
धन्वंतरी जयंती आयुर्वेद दिवस म्हणून साजरा होत असल्याबद्दल पंतप्रधानांनी यावेळी अभिनंदन केले. अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थेच्या स्थापनेबाबत त्यांनी आयुष मंत्रालयाचे कौतुक केले.
आपला इतिहास, वारसा, यांचे मोल जोपर्यंत कळत नाही तोपर्यंत राष्ट्र प्रगती करु शकत नाही. जे राष्ट्र आपला वारसा विसरतो ते स्वत:ची ओळख विसरतो, असे पंतप्रधानांनी सांगितले.
भारत जेव्हा स्वतंत्र नव्हता तेव्हा योगा आणि आयुर्वेदासारख्या आपल्या परंपरांना ज्ञानाला कमी लेखण्यात यायचे. यावर असलेला भारतीयांचा विश्वास घटवण्याचे प्रयत्नही करण्यात आले. गेल्या तीन वर्षात मात्र परिस्थिती बरीच बदलली आहे आणि आपल्या सर्वोत्तम वारशाबाबत लोकांना पुन्हा विश्वास वाटू लागला आहे. आपल्या वारशाबाबत लोकांना वाटत असलेला अभिमान ते योगा दिवस किंवा आयुर्वेद दिवसाला उपस्थित राहून व्यक्त करत आहेत, असे पंतप्रधानांनी सांगितले.
आयुर्वेद ही केवळ वैद्यकीय उपचार पध्दती नाही तर त्यात सार्वजनिक आरोग्य आणि पर्यावरणीय आरोग्य यांचाही समावेश आहे.
देशातल्या प्रत्येक जिल्हयात आयुर्वेद रुग्णालय स्थापन करण्यासाठी सरकार काम करत आहे. गेल्या तीन वर्षात 65 हून अधिक आयुष रुग्णालये विकसित करण्यात आली आहेत अशी माहिती पंतप्रधानांनी यावेळी दिली.
वनौषधी आणि औषधी वनस्पती जगभरात उत्पन्नाचा महत्वाचा स्रोत ठरु शकतात आणि यासंदर्भात भारताने आपल्या क्षमता वाढवल्या पाहिजेत, असे त्यांनी सांगितले. आरोग्य व्यवस्थेत 100 टक्के परदेशी थेट गुंतवणूकीला केंद्र सरकारने मान्यता दिली आहे, असे पंतप्रधानांनी सांगितले.
गरीबांना परवडणाऱ्या आरोग्यसुविधा पुरविण्यावर सरकारचा भर आहे. प्रतिबंधात्मक काळजी, सर्वांना उपचार मिळावेत आणि ते परवडावेत यासाठी सुधारणा करण्यावर सरकार भर देत आहे, असे त्यांनी सांगितले. स्वच्छता हे प्रतिबंधात्मक उपायांचे सर्वात सोपे तंत्र आहे. गेल्या तीन वर्षात केंद्र सरकारने पाच कोटी शौचालये बांधली, अशी माहिती पंतप्रधानांनी दिली.
गरीबांना सुलभतेने आरोग्यसुविधा मिळावी यासाठी नवीन एम्स अर्थात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था स्थापन करण्यात येत आहेत, असे त्यांनी सांगितले. परवडणाऱ्या दरात लोकांना औषधे पुरविण्यासाठी जनऔषधी केंद्र स्थापन करण्यात आली असून इतर उपायांबाबतही पंतप्रधानांनी माहिती दिली.
मैं धन्वंतरि जंयती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने और इस संस्थान की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय को भी साधुवाद देता हूं: PM @narendramodi
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कोई भी देश विकास की कितनी ही चेष्टा करे, कितना ही प्रयत्न करे, लेकिन वो तब तक आगे नहीं बढ़ सकता, जब तक वो अपने इतिहास, अपनी विरासत पर गर्व करना नहीं जानता। अपनी विरासत को छोड़कर आगे बढ़ने वाले देशों की पहचान खत्म होनी तय होती है: PM @narendramodi
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गुलामी के कालखंड में हमारी ऋषि परंपरा, हमारे आचार्य, किसान, हमारे वैज्ञानिक ज्ञान, हमारे योग, हमारे आयुर्वेद, इन सभी की शक्ति का उपहास उड़ाया गया, उसे कमजोर करने की कोशिश हुई और यहां तक की उन शक्तियों पर हमारे ही लोगों के बीच आस्था कम करने का प्रयास भी हुआ: PM @narendramodi
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आज मुझे गर्व है कि पिछले तीन वर्षों में इस स्थिति को काफी हद तक बदल दिया गया है। जो हमारी विरासत है, जो श्रेष्ठ है, उसकी प्रतिष्ठा जन-जन के मन में स्थापित हो रही है: PM @narendramodi
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आज जब हम सभी आयुर्वेद दिवस पर एकत्रित हुए हैं, या जब 21 जून को लाखों की संख्या में बाहर निकलकर योग दिवस मनाते हैं, तो अपनी विरासत के इसी गर्व से भरे होते हैं। जब अलग-अलग देशों में उस दिन लाखों लोग योग करते हैं, तो लगता है कि लाखों लोगों को जोड़ने वाला ये योग भारत ने दिया है: PM
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आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा पद्धति नहीं है। इसके दायरे में सामाजिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण स्वास्थ्य जैसे अनेक विषय भी आते हैं। इसी आवश्यकता को समझते हुए ये सरकार आयुर्वेद, योग और अन्य आयुष पद्धतियों के Public Healthcare system में integration पर जोर दे रही है: PM
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आयुर्वेद के विस्तार के लिए ये बहुत आवश्यक है कि देश के हर जिले में इससे जुड़ा एक अच्छा, सारी सुविधाओं से युक्त अस्पताल जरूर हो। इस दिशा में आयुष मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है और तीन वर्षों में ही 65 से ज्यादा आयुष अस्पताल विकसित किए जा चुके हैं: PM
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हर्बल दवाइयों का आज विश्व में एक बड़ा मार्केट तैयार हो रहा है। भारत को इसमें भी अपनी पूर्ण क्षमताओं का इस्तेमाल करना होगा। हर्बल और मेडिसिनल प्लांट्स कमाई का बहुत बड़ा माध्यम बन रहे हैं: PM @narendramodi
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सरकार ने Health Care System में सौ प्रतिशत Foreign Direct Investment- FDI को स्वीकृति दी है। Health Care में FDI का फायदा आयुर्वेद और योग को कैसे मिले, इस बारे में भी प्रयास किए जाने चाहिए: PM @narendramodi
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सभी तरह के हेल्थ सिस्टम को आगे बढ़ाने के पीछे सरकार का ध्येय है कि गरीबों को सस्ते से सस्ता इलाज उपलब्ध हो।
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इस वजह से हेल्थ सेक्टर में हमारा जोर दो प्रमुख चीजों पर लगातार रहा है - पहला Preventive Health Care और दूसरा ये कि हेल्थ सेक्टर में affordability और access बढ़े: PM
Preventive Health Care एक और सस्ता और स्वस्थ तरीका है- स्वच्छता। स्वच्छता को इस सरकार ने जनआंदोलन की तरह घर-घर तक पहुंचाया है। सरकार ने तीन वर्षों में 5 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण करवाया है: PM
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अभी आपने कुछ दिनों पहले आई Unicef की रिपोर्ट भी पढ़ी होगी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जो परिवार गांव में एक शौचालय बनवाता है, उसके प्रतिवर्ष 50 हजार रुपए तक बचते हैं। वरना यही पैसे उसके बीमारियों के इलाज में खर्च हो जाते हैं: PM @narendramodi
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Preventive HealthCare को बढ़ावा देने के साथ ही सरकार स्वास्थ्य सेवा में affordability और access बढ़ाने के लिए शुरू से ही holistic approach लेकर चल रही है। मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए पीजी मेडिकल सीट में वृद्धि की गई है: PM
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बेहतर इलाज और स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए में नए एम्स भी खोले जा रहे हैं। स्टेंट के दामों में भी भारी कटौती, Knee Implants की कीमतों को नियंत्रित करने जैसे फैसले भी लिए गए हैं। जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से भी गरीबों को सस्ती दवाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं: PM @narendramodi
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