Congress pushed farmers into crisis in Maharashtra: PM Modi in Ahmednagar

Published By : Admin | May 7, 2024 | 22:20 IST
The ‘A team’ of Congress is losing, so the ‘B team’ of Congress is becoming active across the border: PM Modi in Ahmednagar
Congress pushed farmers into crisis in Maharashtra: PM Modi in Ahmednagar

श्रद्धा आणि सबुरीता मंत्र जननी दिला, 

त्या साईबाबांच्या चरणी नतमस्तक होतो। 

पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्यादेवी होल्कर 

यांनाही कोटी- कोटी अभिवादन करतो।

मैं मालीवाड़ा गणपति जी को नमन करता हूं। मैं छत्रपति शिवाजी महाराज, ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। मैं अहिल्यानगर की इस पुण्यभूमि को भी प्रणाम करता हूं। महाराष्ट्र के विकास में सहकारिता आंदोलन को दिशा देने वाले बालासाहेब विखे पाटिल जी का जो योगदान है। मैं आज उसे भी याद कर रहा हूं।

साथियों,

आज तीसरे चरण का मतदान चल रहा है। हर ओर बीजेपी और NDA को भरपूर जनसमर्थन मिल रहा है। तीसरे चरण के मतदान ने ये साफ कर दिया है कि 4 जून को इंडी अघाड़ी की एक्सपायरी डेट तय हो गई है। 4 जून के बाद इंडी वालों की झंडी उठाने वाला भी कोई नहीं मिलेगा। चुनाव के पहले ये जो भानुमती का कुनबा जुड़ा था, ये 4 जून को रेत के टीले की तरह बिखरने वाला है। 

साथियों,

इस बार का चुनाव, संतुष्टिकरण और तुष्टिकरण के बीच हो रहा है। BJP-NDA का पूरा प्रयास अपनी मेहनत से देशवासियों को संतुष्ट करने का है। वहीं इंडी अघाड़ी वाले, अपनी साजिशों से अपने वोट बैंक के तुष्टिकरण में लगे हैं। कांग्रेस ने तो अपना पूरा मेनिफेस्टो ही मुस्लिम लीगी बना दिया है। आप खुद देखिए, भाजपा- NDA के क्या मुद्दे हैं? NDA का मुद्दा है- विकास, NDA का मुद्दा है- गरीब कल्याण, NDA का मुद्दा है- राष्ट्रीय सुरक्षा, NDA का मुद्दा है- देश का स्वाभिमान- देश का सम्मान। आप मुझे बताइये, कांग्रेस क्या इनमें से किसी भी मुद्दे पर बात करने की स्थिति में है क्या? 

साथियों,

गरीब कल्याण पर बात होगी तो कांग्रेस शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर छिपाकर बैठ जाएगी। उसके पास बोलने के लिए कुछ है ही नहीं। कांग्रेस ने 50 साल गरीबी हटाने के झूठे वायदे किए, उसने गरीबों से सबसे बड़ा विश्वासघात किया और मोदी गरीब कल्याण पर क्या बोलेगा? मोदी 4 करोड़ पक्के घर की बात करेगा, मोदी 50 करोड़ गरीबों के जनधन खातों का हिसाब देगा, मोदी 80 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन का हिसाब देगा, जब किसान की बात होगी तो मोदी बताएगा कि पीएम किसान सम्मान निधि के 3 लाख करोड़ रुपए किसानों को मिले हैं। मोदी फसल बीमा योजना से किसानों को डेढ़ लाख करोड़ रुपए का मुआवजा मिलने की बात करेगा, मोदी फसलों की MSP में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का हिसाब देगा और कांग्रेस क्या करेगी? कांग्रेस अपने मुंह पर पट्टी बांध लेगी। 

भाइयों-बहनों,

आज के दिन कांग्रेस और इंडी-अलायंस ने अपनी बहुत खतरनाक, मैं दोबारा कहता हूं बहुत खतरनाक साजिश का खुद ही मुहर लगा दी है। इतने दिनों से मैं बार-बार देश से कह रहा था कि कांग्रेस और उसके साथी बहुत खतरनाक खेल खेलने में जुटे हैं। आज इंडी गठबंधन के एक बहुत बड़े चेहरे ने इस खतरनाक साज़िश से नकाब उठा लिया है। ये इंडी अलायंस के सबसे बड़े पार्टनर बिहार में अभी-अभी जेल से बाहर आए हैं, अदालत ने जिनको सजा दी है, आप जानते हैं ना जानते हैं ना, कौन? हां कौन? कौन? जी वो ही, चारा घोटाले में जिन्हें अदालत ने दोषी करार दिया, उन्होंने आज मीडिया के सामने साफ-साफ कहा है कि इंडी गठबंधन की सरकार आई तो देश में मुसलमानों को आरक्षण देंगे और सिर्फ आरक्षण देंगे इतना ही नहीं बल्कि पूरा का पूरा आरक्षण देंगे और पूरा का पूरा का मतलब है अभी पूरा आरक्षण किसके पास है? अभी पूरा आरक्षण SC के पास है, ST के पास है, OBC के पास है, सामान्य वर्ग के गरीबों के पास है। अब ये इंडी अलायंस का कहना है कि ये पूरा के पूरा आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे देंगे यानी SC/ST/OBC और गरीबों से छीनकर, ये अपने वोट बैंक को पक्का करना चाहते हैं। जिस काम को करने से बाबा साहेब अंबेडकर ने रोका था, पूरी संविधान सभा ने रोका था वो पाप ये कांग्रेस और अघाड़ी वाले करना चाहते हैं। संविधान, धर्म के आधार पर आरक्षण की मनाही करता है। अब ये इंडी अलायंस वाले संविधान बदलना चाहते हैं ताकि अपने खास वोट बैंक को ये खुश कर सकें। गरीब, SC/ST/OBC, माताएं-बहनें, युवा, इनको पूरी तरह से नकार चुका है। इसलिए, अब किसी भी हद तक जाने में जुटे हैं। मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं (आपसे हिंदी में पूछूंगा समझ लेंगे ना) मैं आपसे पूछना चाहता हूं क्या आप ऐसा होने देंगे? क्या आप ऐसा होने देंगे? पूरी ताकत से दूर से भी आवाज आनी चाहिए, क्या आप ऐसा होने देंगे? 

साथियों,

इंडी अघाड़ी का कोई हथकंडा जनता के सामने नहीं चल रहा है। ये हताशा सीमा पार भी दिखाई दे रही है। यहां वाली A टीम हार रही है, इसलिए कांग्रेस की सीमा पार वाली B टीम एक्टिव हो गई है। सीमा पार से कांग्रेस का हौसला बढ़ाने के लिए ट्वीट किए जा रहे हैं। बदले में कांग्रेस पाकिस्तान को आतंकी हमलों में क्लीन चिट दे रही है। 

भाइयों और बहनों,

मैं आज आपसे पूछता हूं, पूरे देश से पूछता हूं महाराष्ट्र की धरती पर मुंबई में 26/11 का जो आतंकी हमला वो पाकिस्तान ने करवाया था या नहीं करवाया था? किसने करवाया था? किसने करवाया था? हमारे जवानों को किसने शहीद किया था? किसने शहीद किया था? हमारे निर्दोष लोगों की हत्याएं किसने की थीं? अब मजा देखिए, आपको ये सच मालूम है, पूरी दुनिया को ये सच मालूम है। हमारे देश की अदालतें भी फैसला दे चुकी हैं और तो और, पाकिस्तान खुद भी स्वीकार कर चुका है आतंकियों की फोन रिकॉर्डिंग मौजूद है लेकिन, कांग्रेस पार्टी आतंकियों को बेकसूर होने का सर्टिफिकेट जारी कर रही है।

साथियों,

26/11 के मुंबई आतंकी हमले को लेकर महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेता का बयान तो बहुत खतरनाक है। ये कांग्रेसी मिलकर अब आतंकी कसाब का पक्ष ले रहे हैं। कांग्रेस के समय विदेश राज्य मंत्री रहे और परिवार के करीबी ने भी कसाब को निर्दोष बता दिया है। ये मुंबई हमले में मारे गए सभी निर्दोष नागरिकों का अपमान है। ये मुंबई हमले में सभी आतंकियों को मार गिराने वाले सभी सुरक्षाबलों का अपमान है। ये शहीद तुकाराम ओंबले जैसे उन शहीदों का अपमान है। देश को किस तरफ ले जाना चाहती है कांग्रेस? तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस हर रोज और ज्यादा नीचे गिरती चली जा रही है। क्या ऐसी कांग्रेस, ऐसे इंडी अघाड़ी को महाराष्ट्र में एक भी, एक भी सीट मिलनी चाहिए क्या? जरा पूरी ताकत से बताएंगे, एक भी सीट मिलनी चाहिए क्या? 

साथियों,

मोदी ने पिछले 10 वर्षों में सुरक्षा और विकास, दोनों की गारंटी दी है, जो समस्याएं कांग्रेस विरासत में छोड़कर गई थी, हमने उनके समाधान दिए हैं। महाराष्ट्र में कांग्रेस ने किसानों को संकट में धकेला। सूखे का संकट गहराता गया कांग्रेस अपनी लूट में व्यस्त रही, हमने वर्षों से लटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करके किसानों की चिंता की। यहां निलवंडे डैम का काम 1970 में शुरू हुआ था और उस समय डैम की लागत 8 करोड़ थी आज वो बढ़कर के 5 हजार करोड़ रुपए पहुंच गई है। ये पाप इन्होंने किया है और ये पैसा आपका है। डैम के नाम पर कांग्रेस नेताओं की जेबें भरती रहीं। लेकिन, किसानों के खेत सूखे रह गए। 2017 में देवेंद्र फडणवीस जी ने इसे गति दी। लेफ्ट कैनाल का काम पूरा हो गया है। जल्द ही ये योजना भी पूरी कर ली जाएगी। इससे अहिल्यानगर और नासिक में सैकड़ों गांवों को पानी मिलेगा, हजारों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। 

साथियों,

बीजेपी-एनडीए के लिए किसान कल्याण सर्वोपरि है। ये हमारी टॉप प्रायोरिटी है, हमारी सरकार में गन्ना किसानों को पहले से ज्यादा पैसे मिले हैं। आयकर के, इनकम टैक्स वालों के 10 हजार करोड़ रुपए माफ करने से लाखों किसान परिवारों को लाभ हुआ है। महाराष्ट्र के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा सीधे खाते में भेजे हैं। 

साथियों,

विकसित भारत के लिए नारीशक्ति का सशक्त होना, उतना ही जरूरी है। आज महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के जरिए नए अवसर मिल रहे हैं। मोदी का संकल्प है हम 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाएंगे। हमारी बहनें अब ड्रोन पायलट बनेगी, खेती-किसानी में सबसे आगे रहकर काम करेगी।

साथियों,

आज तेज गति से हो रहे विकास से महाराष्ट्र की तस्वीर बदल रही है। इस क्षेत्र में, अहिल्यानगर-सोलापुर हाईवे का निर्माण हो रहा है। आउटर रिंग रोड का काम हो, नए-नए एक्सप्रेसवे हो, इकोनॉमिक कॉरिडोर हो, रेलवे और एयरपोर्ट का विकास हो सभी पर हमारा फोकस है। मुंबई-शिरडी वंदे भारत ट्रेन के द्वारा साईं भक्तों को सुविधा मिली है। इससे इस क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। 

साथियों,

13 मई को आपका वोट देश और महाराष्ट्र का भविष्य तय करेगा। मेरा अनुरोध है, अहमदनगर से भाजपा प्रत्याशी डॉ. सुजय राधाकृष्ण विखे पाटिल जी और शिरडी से एनडीए प्रत्याशी, शिवसेना के सदाशिव लोखंडे जी को भारी मतों से विजयी बनाएं। इनको मिलने वाला वोट केंद्र में मोदी को मजबूत करेगा और जब आप इनको वोट डालेंगे ना तो वो सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा और इसलिए आप ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ेंगे, पोलिंग बूथ जीतेंगे, देखिए अगर आपने पोलिंग बूथ जीत लिया ना तो मैं आसानी से लोकसभा सारी जीत लूंगा और इसलिए आप मुझे बूथ जिताकर दिखा दीजिए और मुझे पक्का विश्वास है इतनी बड़ी विशाल रैली, सारे बूथ जीतने की ताकत है आपमें, जीतेंगे ना..पक्का। बोलिए भारत माता की.. भारत माता की.. भारत माता की। 

बहुत-बहुत धन्यवाद। 

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!